अंतरराज्जीय नकली नोट गिरोह के छह सदस्य पुलिस ने दबोचे

देहरादून पुलिस ने नकली चलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के छह सदस्यों को धर दबोचा है। पकड़े गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से दो हजार, पांच सौ और सौ रुपये के जाली नोट बरामद किए गए हैं। जिनकी कीमत 96 लाख 96 हजार रुपये है। साथ ही पुलिस ने स्कैनर, प्रिंटर, केमिकल के अलावा एक कार भी जब्त की है।

एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि सहसपुर पुलिस को संदिग्ध वाहनों, व्यक्तियों के चेकिंग के आदेश दिए गए थे। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि दिल्ली नंबर की एक कार में एक महिला समेत छह लोग बैठे हैं और उनके पास नकली नोट हैं। वह सहसपुर क्षेत्र में ग्राहक की तलाश में घूम रहे हैं। चेकिंग के दौरान ही दिल्ली नंबर की कार को रोककर जांच की गई तो नकली नोटों की खेप बरामद हो गई। इसमें पांच सौ के 93, सौ के नए 182 व पुराने 313 नोट और दो हजार चूरन लेबल के 48 गड्डी नोट बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत 96 लाख 96 हजार थी।

आरोपितों की पहचान सलमान महमूद पुत्र महमूद खान निवासी शास्त्री नगर, थाना नौचंदी, मेरठ हाल निवासी फ्रीडम फायटर कॉलोनी, साकेत, महरौली, दिल्ली, मनदीप शर्मा पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी मोहल्ला पतवार, नांगल, हरियाणा हाल निवासी वाल्मीकि बस्ती मैदान गढ़ी महरौली, दिल्ली, मदन शर्मा उर्फ फूफा पुत्र भोपाल निवासी कृष्णा नगर, थाना कोतवाली, गंगनहर हरिद्वार उसके बेटे आकाश और राहुल के अलावा महिला की पहचान भावना कुमार पत्नी राम कुमार निवासी कैलाश कॉलोनी, दिल्ली के रूप में हुई है।

आरोपितों में शामिल मदन शर्मा उर्फ फूफा निवासी कृष्णा नगर, गंगनहर, हरिद्वार अपने बेटे आकाश और राहुल के साथ घर पर ही नकली नोट बनाते थे। अन्य तीन आरोपित सलमान, मनदीप और भावना दिल्ली में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग करते हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि कारोबार न चलने से वह काफी परेशान थे। उनके किसी परिचित ने उनकी मुलाकात मदन शर्मा से कराई। जिसके बाद से यह मदन और उनके लड़कों के साथ मिलकर नकली नोट का कारोबार करने लगे।

एसओ सहसपुर नरेश राठौर के मुताबिक, पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह ऐसे ग्राहकों को अपने चंगुल में फंसाते थे जो आसानी से लालच में आ जाएं। वह ग्राहक से असली नोट लेकर उन्हें दोगुने नकली नोट देते थे। सौ और पांच सौ का नोट हूबहू होने के कारण उसे वह ग्राहक के सामने ही किसी दुकान में चलाकर दिखाते थे। जिससे ग्राहक लालच में आ जाता था। आरोपितों ने बताया कि ग्राहकों को विश्वास में लेने के लिए वे अपने पास चूरन लेबल के दो हजार के लाखों नोट रखते थे। इसके साथ ही वह सौ और पांच सौ के नोट भीड़भाड के दौरान दुकानों, पेट्रोल पंपों, शराब की दुकानों में चला देते थे।