दो या तीन लाख रूपये कम पड़ने पर विकास कार्य न रूकेः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल के राज्य अतिथि गृह में विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास कार्याें के लिये कुशल अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और तालमेल की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को विकास कार्याें को मूर्तरूप देने से पूर्व विधायकों और सांसदो से राय लेने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। धन आंवटन के बाद भी खर्चे की कम गति यह दर्शाती है कि हमारे अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्य नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि अधिकारी नई कार्य संस्कृति अपने अनुभवो का समावेश करते हुये तत्परता के साथ विकास कार्यो को निर्धारित समयसीमा मे पूरा करें, विलम्ब से जहां सम्बन्धित परियोजना की लागत बढ़ती है वहीं जनता में भी सकारात्मक संदेश नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि रामनगर स्थित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्साल का संचालन आधुनिक उपकरणों एवं चिकित्सको के साथ किये जाने के लिए सरकार इस महत्वपूर्ण एवं उपयोगी चिकित्सालय को पीपीपी मोड में देने जा रही है। इससे स्वास्थ सेवाओं मे बेहतर सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बड़े प्रोजेक्टों मे यदि छोटीमोटी कोई धनराशि की आवश्यकता हो तो वह स्थानीय विधायक से सम्पर्क कर विधायक निधि से वांछित सहयोग ले सकते है। उन्होने कहा कि मात्र दो तीन लाख की धनराशि कम पड़ जाने से किसी भी मेगा प्रोजेक्ट यथा सड़क, बिजली, पानी के प्रोजेक्टों को रोकना जनहित में उचित नहीं होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार प्रदेश के किसानों की 2022 तक आय दोगुनी की जानी है, इसके लिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, दुग्ध विकास, सहकारिता विभाग सभी आपसी तालमेल से नई कार्य संस्कृति के अनुरूप किसानों से दोतरफा संवाद करें, उनकी समस्याओ को सुनें और उनकी समस्याओ का समाधान करें। इसके साथ ही रियायती दरो पर जो भी कृषि निवेश सरकार द्वारा दिये जा रहे है उनकी आपूर्ति किसानो तक अवश्य करें।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों का विस्तार करने से कई ग्रामीण इलाके उसमे शामिल हो गये हैं। ग्रामीण इलाको मे बहुत सी नई सडकें बन चुकी है लोगो ंकी मांग है कि इन सड़को पर ग्रामीण लोगों की सुविधा के लिए छोटे वाहनों, टैक्सीयों आदि को भी परमिट दिये जांए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान मे आया है कि भीमताल औद्योगिक आस्थान में बहुत से उद्यमियो ने भूखण्ड आंवटित कराये जिस पर उद्योग न लगाकर उसका उपयोग व्यक्तिगत कार्यो एवं होटल आदि व्यवसायों मे किया जा रहा है। इस बात पर नाराज मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन से कहा कि वह एक सप्ताह मे इसकी जांच कर अपनी रिर्पोट सरकार को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई माह से पूर्ण रूप से पालीथीन की बिक्री एवं प्रयोग को पूर्णतया प्रतिबन्धित कर दिया गया है। लिहाजा समय-समय पर विशेष अभियान संचालित कराकर पालीथीन की धरपकड़ की जाए तथा इसका प्रयोग करने वाले व्यवासायियों को सुसंगत धाराओं मे दंडित भी किया जाए।

इस मौके पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियो से कहा कि सरकार समय से बजट अवमुक्त कर रही है ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि प्राप्त होने वाले बजट का शतप्रतिशत उपयोग करें तथा जो योजनाये पूर्ण हो चुकी है, उनके लोकापर्ण एवं नई योजनाओं के शिलान्यास जिलाधिकारी से कराये।