कुमांऊ और नागा रेजीमेंट के इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय

भारतीय सेना के कुमाऊं और नागा रेजीमेंट के इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया है। इस स्वर्णिम अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम सभी को अपने सैनिकों की बहादुरी पर नाज है। हमारे सैनिकों ने हमेशा से ही एकता अखंडता को बनाये रखने के लिये सीमाओं के सजग प्रहरी के रूप में कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जवानों ने देश की सेवा के लिए सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके पिता स्व. प्रताप सिंह रावत भी सैनिक थे। इसी कारण वे भी सेना की गौरवशाली परंपरा से वाकिफ है। देवभूमि के सैनिकों ने अपने त्याग और साहस के बल पर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नव प्रशिक्षित जवान सेना की महान गौरवशाली परम्परा को बनाए रखेंगे।

सोमवार को सोमनाथ मैदान में 155 भारतीय सेना के जवानों की कसम परेड़ आयोजित की गई। जिसमें 67 जवान उत्तराखण्ड के थे, शेष 88 जवान महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व अन्य राज्यों के थे। इस समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले रिक्रूट को विशेष मेडल से सम्मानित किया गया। जिनमें महेश ऐरी, रोहित चिलवाल, प्रदीप मेहरा, विशाल सिंह, अतुल जोशी, रमेश कुमार, पंकज सिंह सम्मिलित थे।

कसम परेड़ में पहुंचे धर्मगुरू गणेश दत्त जोशी व अन्य सहयोगियों ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर नव प्रशिक्षुओं को शपथ दिलायी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कर्नल ऑफ द रजिमेंट ले. जनरल बीएस सेरावत, सेना मैडल और कमांडेट ब्रिगेडियर जीएस राठौर ने भी परेड की सलामी ली।