आखिरकार सूखा पीड़ित किसानों को पीना पड़ा मूत्र

नई दिल्ली।
दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर एक महीने से अधिक समय से कर्ज माफी और सूखा राहत पैकेज की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों को आखिरकार मूत्र पीने पर मजबूर होना ही पड़ा। इन किसानों ने आज सुबह से बोतल में मूत्र एकत्रित कर रखा था और धमकी दी थी कि यदि मोदी सरकार उनकी गुहार नहीं सुनती है तो वे शनिवार को मूत्र पीने और रविवार को मल खाने को मजबूर हो जाएंगे।
बता दें कि पिछले एक महीने के दौरान किसानों ने सरकार का ध्‍यान अपनी बदहाली की ओर खींचने के लिए नित नए सांकेतिक तरीकों को अपनाया है। इस क्रम में उन्‍होंने गले में खोपड़ी की माला पहना, सड़क पर सांभर-चावल खाए, सांपों को जीभ पर रखा, चूहे खाए यहां तक कि निर्वस्‍त्र होकर प्रदर्शन किया और अब बोतलों में मूत्र जमा कर रखा है। आखिरकार आज इन किसानों ने मूत्र पी लिया।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा था ,’हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसलिए हमारे पास अपना मूत्र पीने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’ इससे पहले जंतर-मंतर पर इन किसानों के समर्थन में कई नेता और दक्षिण भारतीय अभिनेता पहुंचे हैं। राहुल गांधी के अलावा मणिशंकर अय्यर और डीएमके सांसद कनिमोझी किसानों से मिल चुकी हैं। भारतीय किसान यूनियन ने भी समर्थन की घोषणा की है।