चिंतन शिविर सभागार में अचानक पहुंच सीएम ने सुना अधिकारियों का विचार विमर्श

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में देर सायं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक सरदार पटेल भवन सभागार में पहुँचे और अन्य अधिकारियों के मध्य बैठकर एक श्रोता के रूप में विचारों को सुनने लगे।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेहद गंभीरता के साथ प्रस्तुतिकरण को देखने के साथ ही अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना।

उत्तराखंड के विकास में प्रवासियों की अहम भूमिकाः अभिनव कुमार

विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से गोवा में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रवासी उत्तराखंडवासियों ने भेंट की। उन्होंने कहा कि सभी प्रवासियों का उत्तराखंड के विकास में अहम भूमिका है।

अभिनव कुमार ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखंड को 2025 तक देश का आदर्श राज्य बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड / 25 के तहत हर वर्ग से भागीदारी का आहवान किया है। इसी उद्देश्य को प्रवासी संगठन भी आये। राज्य सरकार द्वारा प्रवासियों को हर सम्भव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गोवा में उत्तराखंड की सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जाएगी।

इस अवसर पर गढ़वाली कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष के.एल. कोटनाला ने गोवा आने पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार का स्वागत करते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी उत्तराखंड सरकार के किसी प्रतिनिधि द्वारा गोवा में निवास कर रहे प्रवासियों से संवाद किया है। कोटनाला ने कहा कि हम लोग यहां पर उत्तराखंड महोत्सव कार्यक्रम करना चाहते है, जिसमे राज्य सरकार से पूरा सहयोग चाहिए। इस अवसर पर भेंट करने वालो में पूर्व अध्यक्ष आर.डी. पालीवाल, सचिव यशपाल सिंह नेगी, द्वारिका प्रसाद आदि शामिल थे।

हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म में उत्तराखंड से आगे, हमें सुधार की आवश्यकता

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड/25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र में पर्यटन, नागरिक उड्डयन एवं पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट विषयों पर प्रस्तुतिकरण हुआ।

पर्यटन सचिव सचिन क़ुर्बे ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में पर्यटन सालाना 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। हालांकि हमारे यहां अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन हेतु आ रहा है जबकि हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में हमसे आगे है। इसमें सुधार की जरूरत है।

यात्रा मार्गों पर शौचालय निर्माण के कार्य में तेजी लाई जा रही है। 52 नए शौचालय स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में बर्ड वाचिंग के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं। आसन बैराज इस लिहाज से उभरता हुआ डेस्टिनेशन है। औली के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। आईडीपीएल ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर निर्माण के लिए भूमि पर कब्जा लेने का कार्य शुरू किया जा रहा है। चारधाम में विंटर टूरिज्म को विकसित करने के लिए नए स्पॉट विकसित किये जा रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों। चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ाने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। रोपवे के लिहाज से सुरकंडा में यह प्रारंभ हो चुका है जिसके चलते यहां श्रद्धालु 32 प्रतिशत तक बढे हैं। देहरादून मसूरी-रोपवे, यमुनोत्री रोपवे पर आगे बढ़ा जा रहा है। केदारनाथ और हेमकुंड में रोपवे की आधारशिला रखी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि राज्य में होमस्टे के क्षेत्र में होमस्टे नीति गेम चेंजर का काम कर रही है। इसके सुखद नतीजे मिले हैं। पर्यटन क्षेत्रों की ब्रांडिंग के लिए असाइनमेंट आधारित एजेंसी को इंगेज किया जा रहा है। एंगलिंग राज्य में नए क्षेत्र के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र में चंपावत में काफी संभावना है।

अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने बताया कि सिविल एविएशन का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन गिने चुने राज्यों में शुमार है जहां लोग हेली का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे चारधाम यात्रा अहम वजह है। उन्होंने कहा कि हमें ट्रैवल अनुभव के क्षेत्र में सुधार करने की जरूरत है।

वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा
सत्र के दौरान पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट पर बोलते हुए वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हमें अपने वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा। अभी 50 प्रतिशत वैट और हेज से प्राप्तियां आती हैं जबकि 10 प्रतिशत स्टाम्प से आता है। बाकी 40 प्रतिशत विभागों से प्राप्त होता है। अन्य विभागों को इनका इनकम जेनरेशन की दिशा में ठोस काम करने की जरूरत है। खनन, आबकारी और वन विभाग को इस लिहाज से उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।
ग्रुप डिस्कशन सत्र का हुआ आयोजन
सत्र के दौरान सभी अधिकारियों को चार टीमों में बांटकर ग्रुप डिस्कशन एवं राइट अप एक्टिविटी का आयोजन हुआ।

एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता ने की सीएम से मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में 37वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चौंपियनशिप की 05 कि.मी. रेस वाक में अंडर 16 में स्वर्ण पदक विजेता हिमांशु कुमार एवं 10 कि.मी. रेस वाक में रजत पदक विजेता सचिन सिंह बोहरा ने भेंट की।

मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट को आगामी खेलों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगे भी राज्य सरकार द्वारा ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण आदि के लिए हर संभव मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि बागवानी, पर्यटन, वन विषयों पर हुआ मंथन

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के द्वितीय दिन आज कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सत्र के शुरुआती उद्धबोधन में सभी अधिकारियों से कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की प्रत्येक को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में होने वाला ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन की असली चिंतन शिविर है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा।

इसके उपरांत सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी के अलावा एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधार पर भी जोर दिया गया। आर्गेनिक के क्षेत्र को और आगे ले जाने पर जोर देते हुए बताया कि इससे कम से कम 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा। अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेन्सिव जीओ लाने होंगे। इसके अलावा क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सेलेन्स बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।

प्रस्तुतिकरण में जोर दिया गया कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण (पीएम गतिशक्ति) दिया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आयोजित उत्तराखण्ड दिवस में मुख्यमंत्री ने की शिरकत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान मे चल रहे 41वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के तहत उत्तराखण्ड पवेलियन में उत्तराखण्ड दिवस समारोह एवं इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नाट्यशाला थियेटर में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस वर्ष व्यापार मेले की थीम “वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” रखी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में उत्तराखण्ड के साथ प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का बड़ा योगदान है। राज्य के विकास की यह हम सबकी सामूहिक विकास यात्रा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी उत्तराखण्डवासी हमारे राज्य के ब्रांण्ड एम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला जैसे आयोजन विभिन्न राज्यों की प्रगति से परिचित का अवसर प्रदान करते हैं। यह व्यापार मेला उत्तराखण्ड के लोगों की जीवन्त सहभागिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उत्तराखण्ड पवेलियन में “वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के अनुसार उत्तराखण्ड में हो रहे सतत विकास का प्रस्तुतीकरण, राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी के साथ-साथ प्रदेश के हथकरघा एवं हस्तशिल्प, राज्य के कृषि एवं उद्यान क्षेत्र के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है, जिससे राज्य को पहचान मिलेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अच्छी कानून व्यवस्था, स्वच्छ पर्यावरण, रेल, सड़क तथा वायु परिवहन की सुविधाए सस्ती एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा अप्रदूषित जल संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को निवेश के लिए एक सर्वाधिक उपयुक्त डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार सक्रियता के साथ प्रयास किया जा रहा है। विगत वर्षाे में हमारे द्वारा निवेश के अनेक अवसरों के अधिकाधिक उपयोग का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य निवेशकों के लिए न केवल एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में प्रतिस्थापित हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश और देशवासियों में आशा, विश्वास और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उनके नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। देश में नई कार्य संस्कृति की शुरुआत हुई है। समरस, समर्थ एवं शक्तिशाली भारत की पहचान देश व दुनिया में हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य कर ही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहायोग से प्रदेश में रेल लाइन के निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। रोड़ नेटवर्क, चारधाम, ऑलवेदर रोड, भारत माला श्रृंखला की सड़कें एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ने का कार्य कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 नवम्बर, 2021 को बाबा केदार की भूमि से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी का प्रतिफल है कि इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 46 लाख से अधिक रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कांवड यात्रा में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा प्रयास निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि हेमकुण्ड साहिब व केदारनाथ धाम के लिए रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। जो यात्रा तीन से चार दिन में होती थी वह अब कुछ ही घंटों में हो सकेगी, यात्रा अब सुगम, सरल होगी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अनेक प्रकार की प्राकृतिक संपदाओं से युक्त है। प्रदेश का लगभग 70 प्रतिशत भूभाग प्राकृतिक सुंदरता व वनों से घिरा हुआ है जो पर्यटन, उद्यानिकी के लिये अनुकूल है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जो बेस्ट प्रैक्टिसेज हुई हैं उनको अपना कर हम विकास के मॉडल को खड़ा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पूरे देश व दुनिया को शुद्ध जल व पर्यावरण देने का कार्य करता है, प्रदेश के विकास का मॉडल इकोलाजी व इकोनॉमी दोनों को संतुलित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिये हमने नीतियों में संशोधन कर आवश्यक सुझावों को भी जोड़ा है। प्रदेश में फिल्म सिटी, होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने का कार्य किया जा रहा है, इसके लिये लैंड बैंक की व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी अल्मोड़ा में आजीविका महोत्सव आयोजित किया गया था, आजीविका महोत्सव में रूरल बिजनेस इक्यूबेटर (आर0बी0आई0) की संख्या में एक साल के अन्दर 03 गुना वृद्धि हुई है। राज्य के परम्परागत उत्पाद तथा हस्त निर्मित उत्पादों को देश-विदेश में पहचान मिलने से राज्य के लोगों की आजीविका एवं आर्थिकी में वृद्धि होगी तथा रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के प्रवासियों तथा देश व विदेश से आने वाले निवेशकों को हर सम्भव सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य आपके साथ मिलकर एक समृद्ध उत्तराखण्ड का निर्माण करना है। प्रदेश सरकार सदैव आपके सहयोगी की भूमिका में आपके साथ है और हम सब मिलकर ही एक आदर्श उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण की परिकल्पना को पूर्ण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से पर्व व त्योहारों पर अपने पैतृक स्थान में आने तथा उत्कृष्ट उत्तराखण्ड बनाने में अपना योगदान देने की भी अपील की।

इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव संस्कृति हरि चंद्र सेमवाल, स्थानिक आयुक्त उत्तराखण्ड अजय मिश्रा, उद्योग निदेशक सुधीर चन्द्र नौटियाल, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट, पैवेलियन निदेशक के0 सी0 चमोली आदि उपस्थित थे।

हमें नियमित चिंतन शिविरों की है आवश्यकताः मुख्य सचिव

सशक्त उत्तराखंड/25 चिंतन शिविर के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने कहा कि आगामी तीन दिनों तक हम राज्य को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें मंथन केवल तीन दिन नहीं बल्कि समय-समय पर करते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया अब तेजी से बदल रही है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंच वर्षीय योजना बनती थी लेकिन समय के साथ हमें इस मॉडल से बाहर आना पड़ा है। यही वजह है कि पंच वर्षीय कार्यक्रम की जगह नीति आयोग की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें नियमित चिंतन शिविरों की बहुत आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाए नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काम के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसको बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों को आम भाषा एक व्यक्ति क़ानून को मिसयूज न कर पाए इस सोच के चलते 99 लोगों को फायदा न होने देने की सोच गलत है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह एक मुद्दा रोज लें कर फिर उसको सुलझाएं। उन्होंने कहा कि कायर नौकरशाह ही ज्यादा आपत्ति लगाते हैं। किसी चीज पर फैसला न लेना जनता को परेशान करने के समान है।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन, योगा, हाइड्रो पावर, हॉर्टिकल्चर वो तमाम क्षेत्र हैं जिनमें अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग भाग रहे हैं। जिस तरह से सड़कों का जाल बिछ रहा है हम दिल्ली एनसीआर का हिस्सा होंगे। इस लिहाज से हमें अपने देहरादून व अन्य शहरों में सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि चिंतन हमें केवल तीन दिन नहीं बल्कि हर रोज करना है। उन्होंने कहा कि काम करने का एटीट्यूड बहुत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर लाल बहादुर प्रशाशनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर कतीकीथला ने अकादमी में चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि आधी आबादी को ध्यान में रखकर हमें योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल दिया और समाज में होने वाली घटनाओं के अनूरूप नीतियों को बनाने पर बल दिया। नियोजन सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित रहे।

कैंपटी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण, सरकार पयर्टन को दे रही बढ़ावाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्पटी में खेलकूद एवं सांस्कृतिक मेले में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कैम्पटी में लगने वाले इस मेले के लिए 02 लाख रुपए का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैम्पटी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए इसे नगर पालिका बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेलों की सांस्कृतिक धरोहरों को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उत्तराखण्ड में गौचर एवं जौलजीवी मेला अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मेले हैं। कैम्पटी क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बागवानी एवं जल विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में भी राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी प्रदेशवासियों के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में आयोजित चिंतन शिविर में उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मंथन चल रहा है। अधिकारियों को इसके लिए सुनियोजित योजना बनाने के लिए कहा गया है। अन्य राज्यों में जो अच्छे कार्य हो रहे हैं, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से ऐसे कुछ कार्यों को राज्य में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनाया जाय।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

इस अवसर पर विधायक प्रीतम सिंह पंवार, क्रीडा समारोह के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पंवार, मसूरी के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल, ब्लॉक प्रमुख जौनपुर सीता रावत, क्रीडा समिति के संयोजक राजेश नौटियाल, जिलाधिकारी टिहरी सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

2025 तक श्रेष्ठ राज्य की बात कहने से नहीं बनेगा, करके दिखाना होगाः मुख्यमंत्री

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी मसूरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखंड / 25 चिंतन शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर हम बहुत दिनों से सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों तक हमें चिंतन के साथ चिंता भी करनी है कि प्रदेश का विकास कैसे हो? मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने आप सभी को बहुत विशिष्ट बनाया है। आईएएस हमारे देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा है और आप देश-प्रदेश की नीतियों को तय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें चीजों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए। एक दिन में हमारे अंदर हजारों विचार आते हैं। ऐसे में हर चीज याद नहीं रखी जा सकती। उन्होंने कहा कि आप के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया है कि विभाग अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने की कोशिश करते हैं, इस प्रवृत्ति को हमें त्यागना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरलीकरण का मंत्र दिया है। हमें यहां सोचना होगा कि कितने विभागों ने कार्य का सरलीकरण किया। प्रक्रियाओं सरलीकरण कर के समाधान का रास्ता निकलना है। उन्होंने कहा कि आज पूरी सरकार यहां है। इन तीन दिनों में यहां मन से चिंतन करना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी अधिकारी अच्छा काम करते हैं और फीडबैक भी आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहने की कोशिश करता हूं। अभी कुछ दिनों से आदत बनाई है कि जिलों में भ्रमण के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक लोगों से बात करता हूँ और फीडबैक लेता रहता हूं और इस दौरान सबके बारे में पता चलता रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देखने में आता है कि कई अधिकारी फ़ाइल को ठीक से आगे नहीं बढ़ाते। ये आदर्श स्थिति नहीं है। कई दफा हम अपने स्तर से फैसले नहीं लेते। फ़ाइल नीचे से चलते हुए कई बार मेरे पास तक आ जाती है जिस पर सभी की एक ही टिप्पणी होती है कि उच्च अनुमोदन हेतु प्रेषित। जबकि जरूरत यह है कि हम अपना निर्णय भी उस पर लिखें। उन्होंने कहा कि हमारी जो काम करने की प्रणाली है। इसमें बदलाव की जरूरत है। हमें बेस्ट प्रैक्टिस करने की आदत डालनी होगी और 10 से 5 वाले कल्चर से बाहर आना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और संतुष्टिकरण के मंत्र पर कार्य करना होगा। हमारा फ़ोकस समाधान पर होना चाहिए। एसीआर भरे जाने के समय यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो टास्क दिया गया था वो हुआ या नहीं। हम इस कार्य को इसी वर्ष से प्रारम्भ करेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी यह आम धारणा है कि जो योजना हम बनाते हैं वो योजनाएं देहरादून बेस्ड बन रही हैं। हमें पर्वतीय जिलों को विकास के खाके में शामिल करना ही होगा। राज्य की हकच में जिन ज़िलों योगदान कम है, उनके लिए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए। वर्तमान में भारत सरकार-नीति आयोग आदि सब हमें सहयोग करने को तैयार हैं। हिमाचल और हमारी जलवायु बहुत मिलती जुलती है। लेकिन हमें यह मंथन करना होगा कि कैसे वे बागवानी के क्षेत्र में हमसे बेहतर कर रहे हैं । हमारी स्थिति हिमाचल से बेहतर है। हम बाग़वानी को कैसे बढ़ायें। इस पर कार्यवाही होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में देहरादून और आसपास के इलाके पहले से कहीं ज्यादा कंजस्टेड हो जाएंगे। हमें उसके अनुरूप सुविधाओं को विकसित करना होगा।स्मार्ट सिटी को लेकर शिकायतें आती हैं।इसको ठीक करना है। हम यह नहीं कह सकते यह काम हमारे। समय का नहीं है।अच्छा ख़राब जो भी है अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है।इसको ठीक करना है।
उन्होंने कहा कि हमारा चिंतन व्यवहारिक होना चाहिए। प्रदेश के हित में होना चाहिए। वर्ष 2025 तक केवल श्रेष्ठ राज्य की बात कहकर कुछ नहीं होने वाला बल्कि इसे हमको करकर दिखाना है। हमें 2025 तक एक सशक्त उत्तराखंड बनाना है। हमें विकास की योजनाएं अपने भूगोल के अनुसार बनानी होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कहाँ जाना है?हम कहाँ पर हैं?रुकावटें क्या हैं? अगर हम यह समझ पाए तो समस्या का समाधान आसान हो जाता है। उन्होंने कहा कि घोषणाएँ सुनियोजित होनी चाहिए। यह धारणा बदलनी चाहिए कि सरकार में काम नहीं होते। काम करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। हम नहीं बल्कि हमारा काम बोलना चाहिए। हमें अपने काम को मन-वचन-कर्म से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी का काल खंड उसके द्वारा किए गए कामों के लिए जाना जाएगा।

भक्तदर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जयहरीखाल के भक्तदर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने महान विभूति भक्तदर्शन जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने भक्तदर्शन की पुत्री मीरा चौहान को सम्मानित किया तथा भक्तदर्शन स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि भक्तदर्शन स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एमए तथा एमएससी हेतु दो पृथक पीजी ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। एम.एस.सी. में भौतिक विज्ञान व गणित तथा एमए में संस्कृत, अंग्रेजी व भूगोल के विभिन्न संकाय खोलने हेतु चरणबद्ध तरीके से आकलन कराकर उसी अनुरूप कार्य किया जाएगा। महाविद्यालय स्वरोजगारपरक कौशल विकास पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। विकासखंड नैनीडांडा और जयहरीखाल में मिनी स्टेडियम बनाया जायेगा। उन्होंने महाविद्यालय के छात्रा हॉस्टल की चारदीवारी के निर्माण हेतु जिलाधिकारी को निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकासखंड जयहरीखाल के चिनबो तथा नैनीडांडा के आशोबाखली में वाटरफॉल निर्माण, ज़यहरीखाल ब्लाक के अंतर्गत अमटोला पंपिंग योजना की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। नैनीडांडा के गुड्डूगड़ी में पर्यटन स्थल विकसित किया जायेगा। नैनीडांडा तथा रिखणीखाल विकासखंड के अंतर्गत कुमालडीडांडा, बरेही, पीपली, शिलांग, खदरासी, करतिया, तिमाईसैंण, डमालता, बगेडा, रीखेडा आदि में सिंचाई नेहरों के पुनरऊद्वार का कार्य किया जायेगा। द्वारीखाल में सिंगटाली नामक स्थान पर गंगा नदी पर पुल निर्माण एवं विधानसभा क्षेत्र यम्केश्वर में केंद्रीय विद्यालय निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तदर्शन का भारतीय स्वतंत्रता तथा उत्तराखंड राज्य के हित में महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कहा कि भक्तदर्शन महाविद्यालय ने कुशल मानव संसाधन देने का कार्य किया। इस महाविद्यालय से पढ़े बहुत से लोग आज राजनीति, सेना, पुलिस, प्रशासन आदि क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत की पहचान एक समर्थ और शक्तिशाली भारत के रूप में बनी है। राज्य सरकार भी जीरो पेंडेंसी की नीति पर कार्य रही है। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य किए जा रहे हैं। युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई गई है।

इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, रेनू बिष्ट, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा, दीपक भंडारी, प्रशांत कुमार, नगरपालिका अध्यक्ष दुगड्डा भावना चौहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।