यूपी नंबर की बस में भरे क्षमता से ज्यादा यात्री, पुलिस ने बस स्वामी व चालक पर दर्ज किया मुकदमा

थानाध्यक्ष रायवाला हेमंत खंडूरी ने बताया कि सप्त ऋषि बैरियर पर चेकिंग अभियान के दौरान बस संख्या यूपी15-ईटी-2139 को रोककर चेकिंग की गई तो बस के अंदर क्षमता से अधिक यात्री मिले। साथ ही ज्यादातर यात्रियों ने मास्क भी नहीं पहना था।

पुलिस ने चालक से पूछताछ की तो मालूम हुआ कि बस चालक इन यात्रियों को देहरादून से बिहार राज्य के जनपद अरहरिया छोड़ने के लिए जा रहा था। मौके पर सक्षम अधिकारी से जानकारी जुटाई गई तो 28 व्यक्तियों को ले जाने की अनुमति मिली, जबकि बस में 89 सवारी मिली। पुलिस ने वाहन का रजिस्ट्रेशन जांचा तो वह 42 सीटर मिला।

थानाध्यक्ष हेमंत खंडूरी ने वाहन चालक समीर पुत्र भूरे निवासी ग्राम बांद्रा थाना किठौर जिला मेरठ उत्तर प्रदेश और वाहन स्वामी शबनूर चौधरी पुत्र मोहम्मद असलम निवासी शास्त्री नगर मेरठ उत्तर प्रदेश के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बस को भी सीज किया है।

नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में मकान मालिक गिरफ्तार

रायवाला थाना क्षेत्र में एक मकान मालिक पर किराए में रह रही नाबालिग किशोरी के साथ छेड़छाड़ व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है। पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी मकान मालिक पर मारपीट सहित पोक्सो अधिनियम में मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया है।

बीते रोज एक व्यक्ति ने रायवाला थाने में आकर तहरीर दी। उन्होंनें बताया कि जगदीश रयाल उनका मकान मघलिक है। तहरीरकर्ता ने बताया कि मकान मालिक की ओर से उनकी 11 वर्षीय पुत्री के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी पर संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है। थानाध्यक्ष ने आरोपी की पहचान जगदीश रयाल पुत्र गोविंद रयाल निवासी हरिपुरकलां थाना रायवाला के रूप में कराई।

जानलेवा हमले मामले में निगम ने की विभागीय कार्रवाई, सुपरवाइजर को किया निलंबित

नगर निगम ने सुपरवाइजर विनेश कुमार पर ड्यूटी के दौरान जानलेवा हमले के मामले में विभागीय कार्रवाई की है। कोतवाली पुलिस की रिपोर्ट को आधार बनाकर निगम ने आरोपी सुपरवाइजर महेन्द्र को निलंबित किया हैए जबकि कूड़ा वाहन चालक को नौकरी से हटा दिया है।

नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि बीते शनिवार को बापूग्राम में सुपरवाइजर विनेश कुमार के साथ हुई मारपीट के मामले में आरोपियों पर विभागीय कदम उठाया गया है। बताया कि यदि कोई कर्मचारी 48 घंटे तक हिरासत अथवा लॉकअप में बंद रहता हैए तो ऐसे कर्मचारी पर आवश्यक कदम उठाया जाता है। इसी संबंध में कोतवाली ऋषिकेश से रिपोर्ट मांगी गई थी। यह रिपोर्ट बुधवार को निगम की मिल गई है। इसमें बताया ‌गया है कि दोनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

रिपोर्ट को आधार बनाते हुए निगम ने सुपरवाइजर महेन्द्र सिंह पुत्र खेमचंद‌ निवासी वाल्मीकी नगर ऋषिकेश को निलंबित किया गया है। यह निगम के नियमित कर्मचारी है। इसके अलावा आरोपी महेन्द्र के पुत्र सचिन को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। सचिन निगम में आउटसोर्स कर्मचारी था और वह कूड़ा वाहन चलाता था।

क्या है मामला
ऋषिकेश। 27 जून की शाम को बापूग्राम गली नंबर 12 में शाम करीब पौने चार बजे नगर निगम के सुपरवाइजर विनेश कुमार पर जानलेवा हमला हुआ था। पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने सुपरवाइजर महेन्द्र सिंहए सचिनए विशाल उर्फ काका और सावन के खिलाफ हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही महेन्द्र और सचिन को गिरफ्तार भी कर लिया थाए जबकि वारदात के दो अन्य आरोपी विशाल और सावन अभी भी फरार चल रहे हैं।

नगर निगम के एक सुपरवाइजर ने दूसरे के कार्यक्षेत्र में जाकर की जान से मारने की कोशिश, दो आरोपियों को पुलिस ने किया अरेस्ट

बापूग्राम गली नंबर 12 में नाली सफाई का काम करवा रहे नगर निगम के एक सुपरवाइजर पर निगम के ही दूसरे सुपरवाइजर ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ जाकर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित की पत्नी की तहरीर के आधार पुलिस ने चार आरोपियों में से दो को पकड़ लिया है, जबकि दो अभी फरार हो गए है।

घटनाक्रम के अनुसार, बापूग्राम गली नंबर 12 में शनिवार को शाम करीब पौने चार बजे नगर निगम के सुपरवाइजर विनेश कुमार नाली साफ का कार्य करवा रहे थे। तभी निगम का एक अन्य सुपरवाइजर महेन्द्र अपने दो पुत्रों और एक अन्य युवक के साथ मोटरसाइकिल से पहुंचा। यहां चारों ने लोहे की फावड़ी व पत्थरों से हमला किया और फरार हो गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। आनन फानन में पीड़ित सुपरवाइजर को एम्स अस्पताल ले जाया गया। यहां उनके सिर पर नौ टांके आए है।

देर रात पीड़ित सुपरवाइजर की पत्नी उमा देवी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल रितेश शाह ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महेन्द्र सिंह पुत्र खेमचंद और सचिन पुत्र महेन्द्र दोनों निवासी वाल्मीकी नगर घ्ऋषिकेश के रूप में हुई है, जबकि फरार लोगों की पहचान विशाल उर्फ काका पुत्र महेंद्र सिंह निवासी वाल्मीकि नगर ऋषिकेश और सावन निवासी मेरठ उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि फरार आरोपियों की धरपकड़ को पुलिस टीम रवाना कर दी गई।

यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर बिना पास के एंट्री कराने पर शिक्षक गिरफ्तार

(एनएन सर्विस)
यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर तैनात एक शिक्षक ने बिना पास के प्रदेश में एंट्री करवाने के लिए पैसे मांगे तो लोगों ने मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ा तो मौके पर मौजूद पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया। साथ ही मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कर दी। बताया जा रहा कि शिक्षक के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की सिफारिश भी की है।
कोरोना संक्रमण के चलते अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों के लिए पास अनिवार्य किया गया है। इसके लिए नारसन बॉर्डर पर पुलिस के साथ-साथ शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार रात अन्य प्रदेश से कुछ लोग यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे थे। शिक्षक को इन लोगों ने पास नहीं होने की जानकारी दी। आरोप है कि इस पर शिक्षक ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से पर्ची बनवाने के लिए 300 रुपये लिए। जब यह लोग वहां से निकासी द्वार पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने रोककर पास मांगा। इस पर उन लोगों ने बताया कि पास नहीं होने पर ड्यूटी में तैनात एक कर्मचारी ने उनसे 300 रुपये लेकर पर्ची बनाई है, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। जिस पर लोगों ने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने संबंधित शिक्षक को हिरासत में ले लिया और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी शिकायत की गई। चैकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह कुंवर ने बताया कि एक शिक्षक मौके पर अवैध तरीके से 300 रुपये में पर्ची बना रहा था। हंगामा कर रहे लोगों के पहचान करने पर शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है। चेक पोस्ट प्रभारी जय सिंह ने बताया कि शिकायत से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। वहीं, कुछ दिन पहले नारसन बॉर्डर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर वसूली करते एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। मामले में पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

निर्मल ब्लॉक और वीआईपी कॉलोनी में एमडीडीए ने की कार्रवाई

(एनएन सर्विस)
मसरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने शुक्रवार को निर्मल ब्लॉक में दो बहुमंजिला भवन और वीआईपी कॉलोनी में निर्मित दो भवनों के छह फ्लेटों को सील किया है। अवैध निर्माणों के खिलाफ हुई एमडीडीए की कार्रवाई से बिल्डरों में भगदड़ मची रही।
शुक्रवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर श्याममोहन शर्मा के नेतृत्व में टीम निर्मल ब्लॉक पहुंची। यहां पर दो अवैध निर्माणाधीन भवनों की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने निर्मल ब्लॉक बी प्लॉट गली नंबर एक में नीरज अग्रवाल का पांच मंजिला भवन, त्रिलोकीनाथ यादव का आमबाग ब्लॉक प्लॉट नंबर एक गली नंबर दो पशुलोक में पांच मंजिला भवन को सील किया। इसके बाद टीम वीआईपी कॉलोनी पहुंची। यहां टीम ने किरण सुनेजा पत्नी दीपक सुनेजा का श्री रेजीडेंसी में अवैध रूप से निर्मित तीन फ्लैट्स को सील किया, जबकि शेष छह फ्लैट्स में रिहाइश होने के कारण सील नहीं किये। टीम ने यहां अन्य व्यक्ति संजय कुमार अग्रवाल 29 फ्लैट और एक स्टोर के तीन फ्लैट्स को सील किया है, जबकि शेष 26 फ्लैट्स जो कि वन रूम सेट हैं सील नहीं किए। टीम ने बताया कि रिहायश होने के चलते नोटिस देकर इन्हें खाली करवाया जायेगा फिर सील की कार्रवाई पूरी की जायेगी।
प्राधिकरण की टीम में अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, सहायक अभियंता मनोज जोशी, अवर अभियंता प्रेमपाल सिंह व पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

स्टाॅक में लाखों रुपये की हेराफेरी, एक्सपायरी माल देख भड़की मंत्री

(एनएन सर्विस)
टिहरी जिले में स्थित मुनिकीरेती स्थित पशुपालन विभाग के केंद्रीय औषधि भंडारण गृह में उस समय हड़कंप मच गया, जब राज्य मंत्री रेखा आर्य ने औचक निरीक्षण कर छापेमारी की। छापेमारी के बाद रेखा आर्य ने बताया कि गोदाम में लाखों रुपए की ऐसी दवाइयां रखी गई है जो कि एक्सपायर हो चुकी है। वहीं, कुछ लाखों रुपए के बिल ऐसे भी पाए गए हैं, जो कि आर्डर के बाद दवाइयां आई ही नहीं। जबकि इनका भुगतान फर्म को कर दिया गया है।
राज्यमंत्री ने बताया कि स्टॉक रजिस्टर में 2019 के दौरान दिए गए, आर्डर को 2020 में दर्ज किया गया है। और 2020 के आर्डर 2019 में दर्ज किया गया है। जिसे देखने से पता चला कि इस मामले में भी बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। यह घोटाला विभागीय उच्च अधिकारियों के इशारे पर किया जाना बताया गया है। जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद घोटाले में संलिप्त सभी बड़े से बड़े अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह बड़े स्तर पर की गई वित्तीय अनियमितता है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि दवाई खरीदने मे अधिकारियों ने अपनी कमाई ही देखी है। सरकार का फायदा नहीं देखा है। उनका कहना था की यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण लापरवाही है जिसकी गंभीरतापूर्वक जांच की जाएगी। उनका कहना था कि छापेमारी पशुपालकों की शिकायत पर की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी पशुपालक का दवाई खरीदने मे उत्पीड़न नहीं होने देगी। जिसे उनके विभाग द्वारा गंभीरता पूर्वक लिया गया है। छापेमारी के दौरान निजी सचिव लाल सिंह नागरकोटी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे ।

मंत्री ने दिए एफआइआर के आदेश दिए
राज्य मंत्री रेखा आर्य ने भ्रष्टाचार में लिप्त सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम को एफआइआर के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि दवा भंडारगृह में निरीक्षण करने के दौरान कई तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। साफ पता लगता है कि दवाओं को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है। मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। फिलहाल रजिस्टर और भंडारगृह को सील किया गया है।

शराब के नशे में दो प्रवासियों ने केन्द्र व्यवस्थापक को पीटा

(एनएन सर्विस)
मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के एक संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में प्रवासियों की दबंगई के चलते यहां केंद्र व्यवस्थापक को पीट दिया गया। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में मुकदमा कायम किया है। वहीं, रविवार को आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। यहां से न्यायिक हिरासत में दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार, तपोवन स्थित एक संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में दीवान सिंह रावत सहायक अध्यापक ब्लॉक नरेन्द्र नगर केंद्र व्यवस्थापक के रूप में तैनात है। बीते शनिवार की शाम करीब छह बजे यहां आंध्र प्रदेश से पहुंचे 16 दिन से क्वारंटीन दो युवकों ने शराब के नशे में मारपीट कर दी। मामले को लेकर पीड़ित अध्यापक ने मुनिकीरेती थाने में तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर पाकर दोनों आरोपियों कुलदीप जोशी पुत्र डा. व्योम जोशी निवासी जी ब्लॉक, नई टिहरी और जगमोहन पुत्र राजेन्द्र रमोला निवासी रामोल गांव प्रतापनगर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 186,188,323,332,353,504,506 और 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। रविवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। यहां से न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया गया है।

योगाचार्य को धन वसूली और जान से मारने की धमकी मिली

(एनएन सर्विस)
मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में योग शिक्षक को अमेरिका के नंबर से व्हाट्सअप पर जबरन धन वसूली और जान से मारने की धमकी मिली है। योग शिक्षक ने थाना मुनिकीरेती में तहरीर दी है। वहीं पुलिस की साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक, तपोवन स्थित वेदांशा इंटरनेेशनल योग एकेडमी के संचालक संजीव कुमार पांडेय को बीते माह 21 मई को व्हाट्सअप घ्पर विदेशी नंबर से मैसेज आया। उन्होंने मैसेज को पढ़ा तो अमेरिकन लैंग्वेज में उनकी पूरी लोकेशन बताई हुई थी। साथ ही कुछ रूपयों की डिमांड की गई थी। मैसेज में साफ तौर पर यह भी कहा गया था कि यदि मामले में पुलिस की शरण ली तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। मैसेज में उक्त व्यक्ति ने अपना नाम न बताकर किसी से उनके नाम की सुपारी देने की बात कही है। घबराए संचालक संजीव कुमार ने मुनिकीरेेती पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की।
वहीं, थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने कहा कि मामले को लेकर तहरीर प्राप्त हुई है। साइबर सेल से जांच कराने पर मालूम हुआ है कि उक्त नंबर अमेरिका का है। फिलहाल इस मामले में साइबर एक्सपर्ट उक्त नंबर की लोकेशन तलाश रहे है।

पूर्व में भी हो चुकी है धनवसूली
वेदांशा इंटरनेेशनल योग एकेडमी के संचालक संजीव कुमार पांडेय के साथ पूर्व में भी जबरन धन वसूली का मामला हो रखा है। वर्ष 2018 में ऋषिकेश कोतवाली में स्पेशल ब्रांच में तैनात महिला एसआई ने कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पांच लाख रूपये की धनवसूली की थी। उक्त मामले में स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने पर संजीव कुमार उच्चाधिकारियों से मिले थे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उक्त महिला एसआई सहित छह लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। फिलहाल महिला एसआई का कुमांऊ मंडल में स्थानांतरण हो चुका है।

मुकदमा वापस लेने का बन चुका है दबाव
पीड़ित को उक्त मुकदमें को वापस लेने के लिए छह माह बाद 2018 में ही चार लोगों ने घर में घुसकर दबाव बनाया था। साथ ही मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी। उक्त मामले में भी पुलिस ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।

याद है या भूल गए देहरादून की साप्ताहिक बंदी का आदेश इस शनिवार और रविवार को भी है लागू

राज्य सरकार द्वारा देहरादून में कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निगम क्षेत्र के बाजारों को अगले आदेश तक यानि की शनिवार और रविवार के लिए बंद करने का निर्णय लिया था। साप्ताहिक बंदी के तहत कल शनिवार और रविवार को देहरादून नगर निगम क्षेत्र बंद रहेगा। बतातें चले कि 5 जून को जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी हुए थे। देहरादून नगर निगम क्षेत्र के बाजार पिछली बार की तरह इस बार भी बंद रहेंगे। इसके अलावा बंदी के दौरान वाहनों का भी संचालन नहीं होगा। सिर्फ आवश्यक सेवा से जुड़ी दुकानें, मेडिकल स्टोर और वाहन के संचालन की इजाजत दी गई है।इस दौरान पेट्रोल पंप, फल-सब्जी, मेडिकल स्टोर, डेयरी, गैसएजेंसी, टिफिन सर्विस, लाइसेंस धारक मीट की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां और अस्पतालों की ओपीडी खुली रहेंगी। वहीं स्वास्थ्य, चिकित्सा, पेयजल, नगर निगम और विद्युत विभाग के दफ्तर भी खुले रहेंगे।
वहीं, सभी दुकानें, प्रतिष्ठान, शराब के ठेके, बैंक, सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी एवं निजी कार्यालय बंद रहेंगे। आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन और एंबुलेंस को छोड़ परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने 5 जून को यह आदेश जारी किए थे।

डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर नगर निगम क्षेत्र में संख्या ज्यादा है। जिसे देखते हुए दो दिन की साप्ताहिक बंदी का निर्णय लिया गया है। डीएम ने बताया कि इस दौरान आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले चिंता की बात है। लेकिन, प्रशासन अपनी ओर से इसे रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। लोगों से भी अपील है कि वह लॉकडाउन के नियमों का पालन करें। जनसहयोग और जागरूकता के जरिये ही हम इस पर अंकुश लगा सकते हैं।