जमाती सामने आए नही आए तो गंभीर धाराओं में मुकदमा होगा दर्ज

उत्तराखंड में कई जमाती मेडिकल जांच कराने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। इस पर रविवार को मुख्यमंत्री के निर्देश मिलते ही पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने चेतावनी जारी की कि छिपे हुए जमातियों के पास सोमवार (आज) को पुलिस के सामने आने का आखिरी मौका है। यदि उसके बाद कोई पकड़ा जाता है तो उस पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उनके संक्रमण से किसी की जान जाती है तो फिर संबंधित पर हत्या का केस दर्ज होगा। उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 26 कोरोना पॉजिटिव में 19 जमाती हैं। इनमें आठ देहरादून जिले से हैं। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी के बाद उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने रविवार को जमातियों को कड़ी चेतावनी जारी की है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज और जमात में गए 675 लोगों को क्वारंटीन किया जा चुका है। पुलिस के अनुरोध के बावजूद जमाती खुद को छिपा रहे हैं, जो चिंताजनक है। सरकार और पुलिस हर नागरिक की सुरक्षा के लिए गंभीर है। जमाती सामने आए तो पूरे समाज के लिए बेहतर होगा।
कोरोना वायरस से काफी लोग ठीक हो रहे हैं। इसलिए डरने की कोई बात नहीं हैं। जरूरी होगा तो उनका मेडिकल कराया जाएगा। जमातियों के सामने आने का सोमवार को आखिरी दिन है। सामने आने वालों का पुलिस पूरा साथ देगी। इसके बाद आने वाले जमातियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना होगी वसूलीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने में प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करने वालों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कङी कार्रवाई की जाएगी। क्वारेंटाईन किए गए लोग अगर छुपते हैं या कोई उन्हें छुपाते हैं तो छुपने वाले व छुपाने वाले दोनों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्हें सख्त हिदायत दी जाती है कि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना वसूली की जाएगी।

कुछ छिटपुट जगहों पर लोग अफवाहो के बहकावे में भी आए हैं। प्रदेशवासियों से अनुरोध है अफवाहो में न आएं और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर गाइडलाइन जारी करता है जिसे मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग कोरोना वायरस से लङाई में जुटे हैं। कुछ लोगों को इनकी तपस्या को बेकार करने नहीं दिया जाएगा।

कोरोना वायरस से निपटने को 85 करोड़ का बजट जारी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं।
वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम को भी कर्मचारियों के वेतन व अन्य व्ययों की प्रतिपूर्ति आदि के लिए 20 करोङ रूपए दिये गए हैं।

संकट के समय मदद मांगने गई पुलिस को आश्रम ने लौटाया बैरंग

मंगलवार को चैकी इंचार्ज कैलाश गेट विकेन्द्र कुमार पुलिसकर्मियों के साथ शीशमझाड़ी स्थित स्वामी स्वतंत्रतानंद आश्रम शिव शक्ति ट्रस्ट पहुंचे। यहां तीन घंटे तक पुलिसकर्मी आश्रम के कर्मचारियों को आवाज लगाते रहे। मगर, कोई नहीं पहुंचा। तीन घंटे बाद आश्रम के मैनेजर सतीश शर्मा बाहर आए। चैकी इंचार्ज ने पूछा कि क्या आप लॉकडाउन के चलते पीएसी के जवानों को अपने हॉल में ठहरा सकते हैं। इस पर मैनेजर ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस के ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। चैकी इंचार्ज ने बताया कि आश्रम धर्माथ कार्यों के लिए खोला गया है, यहां प्रतिवर्ष विदेशी नागरिक ठहरते हैं। संकट के समय में आश्रम के इस व्यवहार से नाराज उन्होंने कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी को इसकी सूचना दी है।

रशियन नागरिकों ने बढ़ाई मुश्किल, एबेंसी से अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने किया रवाना
रशियन एबेंसी से बिना अनुमति मिले मंगलवार को 52 नागरिक बस संख्या यूपी17एटी-2444 में सवार होकर दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे। तभी पुलिस को सूचना मिली और कैलाश गेट पर बस को रोका गया। मौके पर एडिशनल एसपी उत्तम सिंह नेगी भी पहुंचे। उन्होंने बस चालक से अनुमति मांगी। मगर, वह रशियन एंबेसी का कोई अनुमति पत्र नहीं दिखा पाया। चालक ने स्थानीय प्रशासन के अनुमति वाला पत्र दिखाया। इसे पुलिस ने नहीं माना। एडिशनल एसपी ने सभी विदेशी नागरिकों को एक स्थानीय होटल में ठहराया। वहीं, दो घंटे के बाद रशियन एबेंसी से अनुमति मिलने के बाद इन्हें रवाना किया गया।

लॉकडाउन को गंभीर नही दिख रहे लोग, पुलिस कर रही कार्रवाई

कोतवाली पुलिस ने कोरोना वायरस संक्रमण के तहत जारी लॉकडाउन और उत्तराखंड शासन के आदेशों का उल्लंघन करने पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
कोतवाल रितेश शाह ने अपील की है कि नगरवासी लॉकडाउन का उल्लंघन न करें। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई करने को पुलिस बाध्य होगी। कोतवाल ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले तीन लोगों की पहचान 21 वर्षीय विशाल शर्मा पुत्र बालकिशन शर्मा निवासी बापू ग्राम गली ऋषिकेश, 23 वर्षीय दुर्गेश कुमार पुत्र बृजेश कुमार निवासी बाबा सदानंद मार्ग निकट मॉडर्न स्कूल ऋषिकेश और 22 वर्षीय रमन कुमार पुत्र स्व. राजवीर सिंह निवासी न्यू जाटव बस्ती ऋषिकेश के रूप में कराई है।

हरिद्वार से चली कार ने तीन चेक पोस्ट को झूठ बोलकर किया पार
मंगलवार को एक कार संख्या यूके11ए-4283 हरिद्वार से पौड़ी के लिए चली। कार में तीन लोग सवार थे। इस कार ने हरिद्वार जिले की सीमा को लांघकर, देहरादून जिले के थाना रायवाला, इसके बाद ऋषिकेश बैरियर को पार करके मुनिकीरेती पुलिस की सीमा में प्रवेश किया। इन तीनों जिले के बैरियर पर कार सवार युवकों को पुलिस ने नहीं पकड़ा। इसके बाद कार सवार युवक तपोवन बैरियर पहुंचे। यहां चैकी इंचार्ज विनोद कुमार ने कार चालक से पूछताछ की तो उसने अनुमति होना बताया। इस पर चैकी इंचार्ज ने अनुमति पत्र देखा तो वह फर्जी पाया गया। चैकी इंचार्ज ने मौके पर ही फटकार लगाई और कार को वापस भेज दिया।

कोरोना वायरसः आदेशों का उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज

कोतवाली क्षेत्रांतर्गत एक व्यक्ति को कोरोना वायरस को लेकर मजाक बनाना भारी पड़ गया। पुलिस ने व्यक्ति पर उत्तराखंड शासन के आदेशों का उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज किया है।
कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि सोमवार को चैकी प्रभारी श्यामपुर ने क्षेत्र में गश्त के दौरान एक व्यक्ति को कोरोना वायरस पर हंसी मजाक करने और आम जनता को घर से बाहर निकालने को उकसाने पर एक व्यक्ति को दोषी पाया है। पुलिस ने उत्तराखंड शासन के आदेशों की अवहेलना पर मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाल रितेश शाह ने व्यक्ति की पहचान मनीष कुमार पुत्र राम आसरे वर्मा निवासी गली नंबर 20 अमित ग्राम गुमानीवाला ऋषिकेश के रूप में कराई है।

लॉकडाउन के उल्लंघन करने पर एक गिरफ्तार
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन चल रहा है। रानीपोखरी के थानाध्यक्ष राकेश शाह ने बताया कि मंजीत पुत्र रोशन चन्देल निवासी ग्राम टीएचडीसी कॉलोनी कोटी टिहरी गढवाल हाल निवासी रानीपोखरी नामक व्यक्ति ने लॉक डाउन तोड़ा है। इस कारण उसे गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति बैकरी में कुछ मजदूरों को एकत्र कर कार्य करवा रहा था। उन्होंने बताया कि बिना अनुमति के वाहन चलाने वाले पांच वाहनों का मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत चालान और दो वाहन सीज किए गए है।

होटल में एक साथ बैठक लाॅकडाउन का किया उल्लंघन, पुलिस ने काटा चालान

मुनिकीरेती पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान होटल में सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने पर 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने होटल संचालक का दस हजार और 10 लोगों का 500-500 रुपये का चालान किया है।
थानाध्यक्ष मुनिकीरेती राम किशोर सकलानी ने बताया कि शनिवार की रात्रि सूचना प्राप्त हुई कि तपोवन क्षेत्र के घुंघतानी होटल में कुछ लोग शोर शराबा और हुडदंगबाजी कर रहे है। थानाध्यक्ष ने मौके पर चैकी इंचार्ज विनोद कुमार शर्मा को भेेजा। चैकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे, तो पाया कि रेस्टोरेंट संचालक कपिल 10 युवकों को खाना परोस रहा है। इस दौरान सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया। मौके पर शोर शराबा करने वाले सभी युवकों को तपोवन चैकी ले जाकर 500-500 रुपये का चालान किया गया। साथ ही होटल संचालक का 83 पुलिस एक्ट में 10 हजार रुपये का चालान किया गया।

कोरोना वायरस से पीड़ित की झूठी वीडियो वायरल करने पर एक गिरफ्तार

कोतवाली ़ऋषिकेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक फर्जी वीडियों को ऋषिकेश के नटराज चौक की बताकर वायरल करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने युवक पर संबंधित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया है।

कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के एक मॉक ड्रिल का था। मगर, इस वीडियों को ऋषिकेश निवासी मनोज कुमार पुत्र स्व. सुरेश चंद शर्मा निवासी मकान नंबर 36 तनीषा टावर नेहरू ग्राम इंदिरा नगर हार्ड वाली गली ऋषिकेश ने यह बताकर वायरल किया कि यह नटराज चौक का है और यह युवक ऋषिकेश का है। इस मामले में युवक पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

वीडियो की सत्यता की कर लें पड़ताल, नहीं तो ग्रुप एडमिन पर होगा मुकदमा
ऋषिकेश की जनता से पुलिस की अपील है कि कृपया किसी भी वीडियो को जानने से पहले उसकी सच्चाई जांच लें। आपके द्वारा सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली वीडियो यदि गलत पाई जाएगी, तो ग्रुप एडमिन व उक्त व्यक्ति के विरुद्ध तत्काल मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी।

अधिक दाम वसूलने पर आढ़ती का थोक लाइसेंस निरस्त किया

कृषि उत्पादन मंडी समिति में तोता राम एंड संस नाम की दुकान पर फुटकर में सब्जी बेची जा रही है। यह जानकारी मिलते ही मंडी समिति के अध्यक्ष विनोद कुकरेती ने आढ़ती का थोक लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
यह जानकारी देते हुए मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती ने बताया कि तोताराम एंड संस के मालिक के पास केवल थोक में फल और सब्जियां बेचने का लाइसेंस है। मगर लगातार सूचना मिल रही थी कि मालिक रिटेल में महंगे दामों पर फल और सब्जी बेच रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल तोताराम एंड संस के मालिक को थोक में बेचने के लिए जारी किया गया लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। बताया यदि और किसी आढ़ती की इस प्रकार की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ भी यही कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कृषि उत्पादन मंडी समिति के अंदर फल और सब्जियों के थोक रेट की लिस्ट भी जारी की है।

निर्भया को आज मिला इंसाफ, फांसी से पहले का पूरा घटनाक्रम पढ़िए

निर्भया के साथ दर्दनाक हादसे को अंजाम देने वाले चार दरिंदों को आज सुबह फांसी पर लटका दिया गया। गुरुवार शाम तक दोषियों को उम्मीद थी कि उनकी फांसी टल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कल देर रात जब दोषियों को पता चला कि उनकी फांसी अब किसी हालत में नहीं टल सकती है, तो अचानक की उनके व्यवहार में बदलाव देखने को मिला। तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषी खबर मिलते ही बेचैन हो उठे। सूत्र बतातें है कि वो लोग अपने सेल के अंदर चीखने चिल्लाने लगे। रात भर दोषियों को नींद भी नहीं आई। फांसी का खौफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।
शुक्रवार तड़के 3ः15 बजे ही चारों दोषियों को उनके सेल से उठाया गया। दैनिक क्रिया के बाद चारों को नहाने के लिए कहा गया। उन चारों के लिए जेल प्रशासन की ओर से चाय मंगाई गई, लेकिन किसी ने भी चाय नहीं पी। इस दौरान विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और रो-रो कर माफी मांगने लगा। इसके बाद उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया गया। उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई। फांसी घर में लाने से पहले चारों को काले कुर्ते-पजामे पहनाए गए। फिर उनके हाथ पीछे की ओर बांध दिए गए। इसके बाद जब उन्हें फांसी घर लाया जाने लगा तो एक दोषी सेल में ही लेट गया और जाने से मना करने लगा।
किसी तरह उसे पकड़ कर फांसी घर तक लाया गया। फांसी कोठी से कुछ दूर पहले ही उनके चेहरे को काले कपड़े से ढंका गया। इसके बाद उनके पैरों को भी बांधा गया ताकि वे ज्यादा छटपटा न पाएं और एक दूसरे से टकराएं नहीं। इसके बाद ठीक साढ़े पांच बजे पवन जल्लाद ने जेल नंबर-3 के सुपरिटेंडेंट के इशारे पर लीवर खींच दिया। इस दौरान जल्लाद की मदद के लिए तीन जेल कर्मचारी भी मौजूद थे। फांसी के करीब आधे घंटे बाद डॉक्टरों ने चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया।

42 के बजाए बस में बैठे थे 148 यात्री, हुई सीज

देहरादून से लखीमपुर जा रही उत्तर प्रदेश नंबर की एक प्राइवेट बस को डग्गामारी करने पर सीज किया गया है। सीज की कार्रवाई परिवहन विभाग व निगम की टीम ने की। बस में 42 सीटर में पास थी, जबकि उसमें 148 यात्री सवार थे।

परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने बताया कि शासन के निर्देशा पर परिवहन निगम व विभाग की ओर से नेपाली फार्म पर संयुक्त अभियान चलाया गया। इस दौरान शाम सात बजे उत्तर प्रदेश नंबर यूपी15डीटी-9920 की एक बस आती दिखाई दी। विभागीय अधिकारियों ने बस को रुकने का इशारा किया तो बस चालक ने बस की स्पीड बढ़ा दी।

इस पर रायवाला पुलिस को सूचना देकर बैरियर लगवाए गए। साथ ही अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस की मदद से बस को रोका गया। बताया कि बस की चेकिंग करने पर उसमें 148 यात्री पाए गए, जबकि बस 42 सीटर है।

बस चालक से कागजात मांगने पर वह उपलब्ध नहीं करा पाया। उन्होंने बताया कि चालक बस का परमिट, लाइसेंस और टैक्स के कागजात भी उपलब्ध नहीं करा पाया। इस बस को सीज कर दिया गया।