राफ्टिंग का काम कर घर लौट रहे युवक की डंपर से कुचलकर मौत

ऋषिकेश स्थित हीरालाल मार्ग पर नो एंट्री जोन में गुजर रहे एक डंपर ने बाइक सवार युवक को अपनी चपेट में ले लिया। इससे युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचित कर शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया है।

बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे हीरालाल मार्ग पर राफ्टिंग का काम करके गली नंबर 04 सुमन विहार बापू ग्राम निवासी दिनेश सिंह बिष्ट पुत्र रंजीत सिंह बिष्ट बाइक से अपने घर लौट रहा था। इस दौरान एक बेकाबू डंपर ने दिनेश सिंह को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा देख स्थानीय लोग घटनास्थल की ओर दौड़े और डंपर चालक को पकड़ लिया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के सामने लोगों ने नो एंट्री में डंपर घुसने पर भी विरोध जताया। पुलिस ने किसी तरह लोगों को शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया।

कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि डंपर और चालक हुकुम चंद्र पुत्र दुमनो राम निवासी धगरास थाना सुंदरनगर जिला मंडी हिमाचल प्रदेश को हिरासत में ले लिया गया है। हुकुम चंद्र देहरादून रोड ऋषिकेश स्थित गैरोला कॉम्पलेक्स के एसएन डोभाल के यहां काम करता है।

जमीन के नाम पर की 22 लाख की ठगी

ऋषिकेश के तपोवन में जमीन दिलाने के नाम पर 22 लाख रूपए की ठगी का मामला सामने आया है। यहां जमीन के नाम पर देहरादून निवासी एक युवक पर दिल्ली के व्यापारी से 22 लाख रुपए ठगने का आरोप लगा है। जमीन पर कब्जा नहीं मिलने के बाद व्यापारी को अपने साथ धोखाधड़ी का अहसास हुआ। इसकी शिकायत टिहरी जिले के कप्तान डॉ. वाईएस रावत को पत्र भेजकर की गई है। व्यापारी ने रकम वापस दिलाने के साथ जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। वहीं, कप्तान डॉ. वाईएस रावत ने मामले की जांच मुनिकीरेती थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी को सौंप दी है।

टिहरी कप्तान को भेजे पत्र में दिल्ली निवासी व्यापारी राजकुमार आनंद ने बताया कि कुछ समय पूर्व उनकी पहचान देहरादून निवासी एक युवक से हुई थी। उक्त युवक ने उन्हें तपोवन में व्यापार के लिए एक जमीन सस्ते में दिलाने का ऑफर दिया। उन्होंने बताया कि जमीन देखने के बाद उन्होंने बयाने के तौर पर किश्तों में 22 लाख रुपये भी युवक को दे दिए। कब्जा दिलाने और रजिस्ट्री कराने के समय युवक आनाकानी करने लगा। लंबे समय तक कब्जा नहीं मिलने पर उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ।

उन्होंने दी गई रकम वापस मांगी तो वह उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी। इस संबंध में राजकुमार आनंद ने टिहरी कप्तान डॉ. वाईएस रावत से आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। मुनिकीरेती थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने बताया कि मामले की जांच टिहरी कप्तान की ओर से उन्हें मिल गई है। इसमें जांच शुरू कर दी गई है।

उत्तराखंड समेत आठ से अधिक राज्यों में ठगी का आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार

ऑनलाइन साइट ओएलएक्स पर सैन्यकर्मी बन कर अब तक कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने वाले अलवर (राजस्थान) के साइबर ठग को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। शातिर ठग ने अभी तक उत्तराखंड सहित आठ से अधिक राज्यों के दर्जनों लोगों को शिकार बना चुका है। उसके बैंक अकाउंट से बीते चार महीने के दौरान तीस लाख रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है। आरोपित को अलवर से लेकर दून पहुंची एसटीएफ ने उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

डीआइजी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि आरोपित की पहचान अजहर मोहम्मद उर्फ अजहर खान पुत्र वसी खान निवासी ग्राम पलानखेड़ा, तहसील व थाना गोविंदगढ़, जिला अलवर, राजस्थान के रूप में हुई। जनवरी में ओएलएक्स पर एक कार बेचने के नाम पर अली अहमद पुत्र सईद अहमद निवासी शंकरपुर हुकूमतपुर पोस्ट रामपुर कला, सहसपुर से 1.72 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। जिस शख्स ने विज्ञापन दिया था, उसने खुद को सैन्यकर्मी बताया था। इस मामले में अली अहमद के पास कई मोबाइल नंबरों से फोन आए थे। इन नंबरों की कॉल डिटेल रिकार्ड निकलवाने पर पता चला कि ये सारे फोन नंबर अलवर में सक्रिय हैं। ठग की सटीक लोकेशन ट्रेस होने पर एक टीम अलवर भेजी गई। सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में उसके असली नाम का का पता चला। उसके पास से तीन मोबाइल फोन और फर्जी आइडी पर लिए गए एक दर्जन से अधिक सिम और कई वाहनों के पंजीकरण नंबर और फर्जी कागजात बरामद हुए हैं। गिरोह के अन्य सदस्य राडार पर

मोहम्मद अजहर मेवाती (मेऊ) जाति का है। उसके गिरोह में आधा दर्जन सदस्य हैं। एसटीएफ ने बताया कि इन सभी के बारे में जानकारी मिल गई है, गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

मोहम्मद अजहर अलवर या राजस्थान के किसी शख्स को फांसने की कोशिश नहीं करता। वह राज्य से बाहर के लोगों को टारगेट करता था। एसटीएफ के अनुसार वह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों के एक दर्जन से अधिक लोगों को शिकार बना चुका है।

देहरादून के अली अहमद ने बीती 16 जनवरी को जब मोहम्मद अजहर को फोन किया था, तब उसने खुद को भारत-पाक बार्डर पर डुमरी में तैनात होना बताया था। साथ ही तब अपना नाम आनंद कुमार पुत्र अनिल कुमार बताया था। दरअसल, गुजरात के जिस पंजीकरण नंबर की गाड़ी को उसने ओएलएक्स पर अपलोड किया था, वह आनंद कुमार के नाम पर ही थी

आईपीएल में चयन के नाम पर की दो खिलाड़ियों से 81 लाख की ठगी

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चयन के नाम पर उत्तरकाशी के पुरोला में 70 लाख रूपए की ठगी के बाद अब ऋषिकेश के रायवाला में 11 लाख रूपए की ठगी का मामला सामने आया हैं। ठगी के रूपए लेने वाला आरोपी एक ही हैं। पुलिस ने मामला गंभीर पाते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

प्रतीतनगर डांडी निवासी राजेंद्र सिंह चौधरी पुत्र सुंदर सिंह चौधरी की ओर से रायवाला थाने में ठगी के मामले में तहरीर दी गई। राजेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि पिछले वर्ष उनका बेटा देहरादून में रहकर क्रिकेट की तैयारी कर रहा था।

इसी दौरान एक जूनियर खिलाड़ी ने उनके बेटे का संपर्क अंकित सिंह रावत पुत्र सोबत सिंह रावत निवासी पुरोला उत्तरकाशी से कराया। आरोपी अंकित रावत ने उसका रणजी ट्राफी में चयन कराने को लेकर सब्जबाग दिखाए और इसके एवज में 11 लाख रुपये की ठगी कर ली। बीते वर्ष अगस्त माह को उसने रुपये लौटाने का वादा किया किंतु तब से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस की ओर से पीड़ित पक्ष की शिकायत पर ठगी के मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एम्स में फर्जी नियुक्ति मामले में दो आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

एम्स ऋषिकेश में फर्जी नियुक्ति मामले में पूर्व में आठ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब मंगलवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने इनसे फर्जी लेटर पैड और नियुक्ति पत्र बरामद किए हैं।

कोतवाली पुलिस ने जिन दो आरोपियों को एम्स में फर्जी नियुक्ति मामले में गिरफ्तार किया है। उनमें एक नया नाम सामने आया है। पुलिस ने महेश आर्य पुत्र तोताराम आर्य निवासी पंजाब सिंध क्षेत्र धर्मशाला मुखर्जी मार्ग ऋषिकेश देहरादून को पकड़ा है। बड़ी बात यह है कि जब पुलिस ने बीती 27 जनवरी को मामले का खुलासा करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। फरार तीन आरोपियों में महेश आर्य का नाम नहीं था। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि मामले की जांच के दौरान महेश आर्य नामक शख्स का भी नाम सामने आया था। इसी के चलते उसे भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस के अनुसार गिरोह की सरगना पुष्पा शाह निवासी रामपुर रोड भदोहीवाला निकट चूना भट्टा रायपुर देहरादून और उसके साथी प्रशांत शर्मा निवासी विद्या विहार कोतवाली पटेल नगर देहरादून अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। कोतवाल रितेश शाह के अनुसार इन दोनों की तलाश के लिए भी टीम गठित की गई है।

एम्स के फर्जी नियुक्ति मामले के सरगनाओं को पुलिस नहीं पकड़ पा रही

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में लैब असिस्टेंट, लोवर डिवीजन क्लर्क, वैयक्तिक सहायक सहित अन्य कई पदों पर नौकरी के नाम पर हुए फर्जीवाडे भले ही पुलिस आठ लोगों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही हो। मगर, इस गिरोह की जड़ तक पुलिस अभी तक नहीं पहुंच पाई है। गिरोह की मुखिया सहित तीन आरोपी अभी भी खुले में बेखौफ घूम रहे हैं।

ढाई महीने बाद भी पुलिस की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई है। बीते 19 जनवरी को एम्स ऋषिकेश में 14 युवक युवतियां फर्जी नियुक्तिपत्र लेकर नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे थे। उन्होंने एम्स के पीआरओ को नियुक्तिपत्र दिखाकर नौकरी ज्वाइन कराने की बात की। पीआरओ हरीश थपलियाल ने दस्तावेज की पड़ताल की तो नियुक्तिपत्र फर्जी निकले।

पुलिस ने पड़ताल की तो एक काले रंग के बैग में 16 लोगों के फर्जी नियुक्तिपत्र मिले थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो ठीक एक सप्ताह बाद 27 जनवरी को आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दीपक गोवरी, सागर पांडेय, चिराग गर्ग, विक्रम सिंह बिष्ट, अब्दुल कादिर, अजय रावत, अमित भारती, अभिषेक आदि शामिल थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 12 मोबाइल फोन, लेपटॉप, कई छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज, करीब डेढ़ लाख की नकदी, एटीएम कार्ड, एम्स निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर युक्त नियुक्तिपत्र सहित एक वीआईपी नंबर की कार बरामद की थी।

पुलिस के अनुसार गिरोह की पुष्पा शाह निवासी रामपुर रोड भदोहीवाला निकट चूना भट्टा रायपुर देहरादून गिरोह की मुखिया है जबकि उसके साथी प्रशांत शर्मा निवासी विद्या विहार कोतवाली पटेल नगर देहरादून और दीपक तोमर निवासी रेसकोर्स देहरादून पकड़ में नहीं आ पाए हैं। ढाई माह से ऊपर का समय बीत जाने के बावजूद पुलिस मुखिया सहित तीन आरोपियों का सुराग तक नहीं लगा पाई है।

इस मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि लोकसभा चुनाव होने के कारण इस ओर ध्यान नहीं दे पाए। अब चुनाव खत्म हो गए हैं। इसमें विवेचक भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। सरगना सहित तीनों आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यदि तीनों का पता नहीं लगता तो उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा। उनके वारंट निकालकर घर की कुर्की भी की जाएगी।

जिस्मफरोशी के धंधे का पुलिस ने किया भंडाफोड़, रेट जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

मुनिकीरेेती पुलिस ने जिस्म फरोशी करते छह महिलाओं सहित चार पुरुषों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से आपत्तिजनक सामाग्री भी बरामद की है। पुलिस की इस कामयाबी पर सभी प्रशंसा की है।
मुनिकीरेती पुलिस के अनुसार तपोवन स्थित होटल शिवान्ता में होटल संचालक की ओर से जिस्म फरोशी का व्यापार करने की सूचना एक महिला ने पुलिस को दी। मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी उत्तम सिंह जिमिवाल, थानाध्यक्ष आरके सकलानी ने फोर्स के साथ होटल शिवान्ता में सोमवार की देर रात को दबिश दी। जहां छह महिलाएं और तीन पुरुष आपत्तिजनक स्थिति में मिले। पुलिस ने सभी नौ महिला-पुरुष तथा होटल संचालक को देह व्यापार अधिनियम में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपी शाहनूर आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। जिस पर थाना मुजफ्फरनगर में वर्ष 2018 में शस्त्र अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत है। पुलिस अन्य लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है।

इनकी महिला-पुरुषों की हुई गिरफ्तारी
मुनिकीरेती पुलिस ने गिरफ्तार महिला की पहचान 47 वर्षीय साधना पत्नी स्व. अशोक कुमार गुप्ता निवासी रामपुरी थाना मुजफ्फरनगर, 23 वर्षीय आयशा पुत्री आरीफ निवासी हापुड चुंगी मेरठ, 23 वर्षीय शिबा पुत्री शादाब निवासी खालापार मुजफ्फरनगर, 19 वर्षीय साहना पत्नी परवेज निवासी बुन्दुगढ थाना ननौता जिला सहारनपुर, 22 वर्षीय रेश्मा पुत्री मुस्तफ, 37 वर्षीय तोहमिना पत्नी स्व. मो. कलाम दोनों निवासी ग्राम चाकपडा थाना स्यालदा पश्चिम बंगाल के रूप में कराई। जबकि गिरफ्तार पुरुषों की पहचान 21 वर्षीय परवेज पुत्र आकिल निवासी ग्राम बुन्दुगढ थाना ननौता जिला सहारनपुर, 25 वर्षीय जान मोहम्मद उर्फ अमित पुत्र वसीरुद्घीन निवासी ग्राम ढण्ढेरा थाना ककरौली जिला मुजफ्फरनगर, 24 वर्षीय शाहनूर पुत्र गफूर निवासी जामियानगर थाना मुजफ्फरनगर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके अलावा होटल शिवान्ता संचालक 50 वर्षीय अनूप सिंह राणा पुत्र चंदन सिंह राणा निवासी मौहल्ला सिद्घपुरम, हर्रावाला थाना डोइवाला को भी गिरफ्तार किया है।

यह सामान हुआ बरामद
मुनिकीरेती पुलिस ने होटल शिवान्ता में दबिश के दौरान गिरफ्तार महिला-पुरुषों से 13 मोबाइल फोन बरामद किए है। इसके अलावा दो दर्जन सिम, भारी संख्या में आपत्तिजनक समाग्री तथा 10000 रुपए नगद बरामद किए है।

ऋषिकेश में चार माह पूर्व किराए में लिया था फ्लैट
पुुलिस क्षेत्राधिकारी उत्तम सिंह जिमिवाल ने बताया ‌कि गैंग की मुखिया साधना है, उसने पति अशोक की मृत्यु हो जाने के बाद राशिद उर्फ राहुल से ‌शादी कर ली। दोनों मुजफ्फरनगर में वर्ष 2008 से देह व्यापार में संलिप्त थे। दोनों ने चार माह पूर्व ही ऋषिकेश में सीमा डेंटल के एक फ्लैट किराए में लिया था। होटल शिवान्ता के संचालक अनूप राणा की मुलाकात इनसे मुजफ्फरनगर में हुई थी।

जस्ट डॉयल से करते थे ग्राहकों की तलाश
सीओ उत्तम सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान साधना और राशिद ने बताया कि जस्ट डायल ऐप से जरिए यह ग्राहकों की तलाश किया करते थे। साधना ग्राहकों को तवोपन में अन्य होटलों पर कमरा किराए पर लेने को कहती थी। इसके बाद जान मोहम्मद उर्फ अमित ग्राहकों से रकम वसूल कर ‌होटल शिवान्ता में ग्राहकों की पसंद के मुताबिक महिलाओं को भेजता था।

एक घंटा का एक हजार, पूरी रात का सात हजार रुपए होता था चार्ज
थानाध्यक्ष आरके सकलानी ने बताया कि यह महिलाएं पूरी रात होटल में बिताने के पांच से सात हजार रुपए लेती थी। जबकि साधना व राशिद उक्त ग्राहकों से इससे दुगनी कीमत वसूलते थे। इसके अलावा दिन में यह ‌महिलाएं एक घंटे के एक हजार रुपए वसूलती थी।

फर्जी पहचान पत्र से लेते थे होटल में कमरा
पुलिस के अनुसार पकड़े गए लोगों में परवेज-साहना और शिबा-शाहनूर आपस में पति पत्नी है। जो सहमति से जिस्म फरोशी कराते थे। साधना व राशिद अन्य सभी महिलाओं को पहचान छुपाने के लिए फर्जी पहचान पत्र उपलब्ध कराते थे। इन फर्जी पहचान पत्र के आधार पर यह महिलाएं होटल में कमरा किराए पर लेती थी।

कौन बनेगा करोड़पति का ठग हैदराबाद से गिरफ्तार

कौन बनेगा करोड़पति का झांसा देकर 25 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।
कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता हेमलता रयाल पत्नी मनोज रयाल निवासी श्यामपुर ऋषिकेश के द्वारा दिनांक 8 दिसम्बर 2015 को एक शिकायती पत्र दिया गया था। उन्होंने बताया था कि कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर 25 लाख की लाटरी निकलने का झांसा देकर मुझसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ’अलग-अलग खातों में लगभग 12 लाख रुपये जमा करवाए गये।
प्रभारी निरीक्षक ने पीड़िता की तहरीर पर पुलिस टीम गठित की थी। जिस पर पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए मोबाइल नंबरों को परीक्षण पर रखा गया तथा जिन खातों में पैसा जमा कराया गया था उन खातों की विस्तृत जानकारी की गई। खाते से लिंक किए गए मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल एवं खातों की जानकारी करने पर पता चला कि शिकायतकर्ता के द्वारा जिस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है, वह हैदराबाद का है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा बैंक से उक्त खाते की पूर्ण डिटेल प्राप्त कर अभियुक्तों के पते हैदराबाद पर जाकर नाम पत्र को सत्यापित कर अभियुक्त को बयान अंकित कराने का नोटिस दिया। लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए अभियुक्त द्वारा कोई बयान नहीं दिया गया। जिस पर पुलिस टीम ने अभियुक्तों के पते पर हैदराबाद जाकर गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।

अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश, सात सदस्य किए गिरफ्तार

रानीपोखरी पुलिस ने बीमा पालिसी के नाम लोगों को अपना शिकार बनाने वाले अंतरराज्यीय ठगों के गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के आठ सदस्यों में से एक पूर्व में ही गिरफ्तार किया हुआ है। जबकि सोमवार सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के मुखिया रिश्ते में मामा भांजा है।

सोमवार को एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि एक महीने पूर्व रानीपोखरी क्षेत्र के रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक अनिल सिंघवाल ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2014 में उनके पास कुछ लोगों के फोन आए थे। फोन करने वालों ने कहा कि उनकी पालिसी मैच्योर हो गई है। ऐसे में अगर वह पालिसी की रकम का भुगतान चाहते हैं तो उसके बताए अकाउंट में कुछ पैसे जमा कराने होंगे। इसके उन्होंने दस लाख रुपये जमा करा दिए, लेकिन पालिसी का भुगतान फिर भी नहीं हुआ। कुछ दिन पहले एक शख्स का फिर से फोन आया, उसने बताया कि उन्हें आखिरी 30 हजार रुपये और देने होंगे। तब उन्हें शक हुआ कि उनके साथ धोखा हो रहा है। एसओ रानीपोखरी पीडी भट्ट की ओर से एसआई दीपक रावत को विवेचक नियुक्त करते हुए जांच शुरू की गई।

जांच में पुलिस को अनिल से गाजियाबाद का एक बैंक अकाउंट नंबर मिला। छानबीन में पता चला कि यह अकाउंट किसी कविता नामक महिला का है। इसके बाद टीम गाजियाबाद के लिए रवाना हुई, जहां पता चला कि कविता का पति महेश लाल पुत्र विजय लाल निवासी ग्राम फटगली पोस्ट बमराड़ी जिला बागेश्वर है, जो गाजियाबाद में ही रहता है। खाते का संचालन वही करता है। महेश को बीती एक जनवरी को अल्मोड़ा से गिरफ्तार कर लिया गया। महेश से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो गिरोह की मोडस ऑपरेंडी पता चली और अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी मिली। रविवार को गिरोह के फरार सभी सात सदस्यों को नोएडा के सेक्टर 71 से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरोह के सदस्यों की पहचान सुधीर गुप्ता पुत्र मुन्ना लाल गुप्ता जलालाबाद, शाहजहांपुर, हाल निवासी लक्ष्मीनगर, निर्माण विहार, दिल्ली (मामा), अक्षय कुमार गुप्ता पुत्र सुनील कुमार गुप्ता कासगंज, कन्नौज, हाल निवासी 41 फ्लैट नंबर 403 बिल्डिंग सेंडल बी, शालीमार सिटी, गाजियाबाद (भांजा), दीपक सिंह पुत्र सुभाष सिंह ग्राम खकुड़ा तहसील शिकारपुर, बुलंदशहर, हाल पता ग्राम कुलेसरा, गौतमबुद्धनगर (क्लर्क), धर्मेंद्र कुमार पुत्र मिठन सिंह ग्राम किनोनी पोस्ट रसूलपुर जिला मेरठ, हाल निवासी आर-सी 283 खोड़ा कालोनी, मंत्रिका विहार, गाजियाबाद, मोहित पुत्र गुलाब सिंह ग्राम भाईपुर तहसील अनूपशहर, बुलंदशहर, हाल निवासी आधापुर, सेक्टर 41 नोएडा, आनंद पांडेय पुत्र धु्रव चंद्र पांडेय ग्राम अकबरपुर, गोंडा, हाल निवासी ए 49-1 गली नंबर 5 जगतपुरी एक्सटेंशन, दिल्ली, दीपक कुमार पुत्र विजय सिंह ग्राम इमलोर पोस्ट सीडीएफ थाना जम्मा जिला अलीगढ़, हाल निवासी सेक्टर 41, हंगापुर नोएडा के रूप में हुई।

नाबालिग को बालिग बता रचाया ब्याह, अब जेल में है बंद

नाबालिग को बालिग बताकर उसके आधारकार्ड और जन्मतिथि को बदलकर उससे कोर्ट मैरिज करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने युवती को युवक के चंगुल से भी छुड़ाया है।

बीती 18 दिसंबर को एक व्यक्ति ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। आरोप लगाया था कि दयानंद मार्ग चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश निवासी इंद्रजीत राजभर पुत्र स्वर्गीय हरिप्रसाद राजभर उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिग की बरामदगी के लिए टीम गठित की। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह ने बताया कि पुलिस टीम ने इस मामले में नाबालिग व आरोपित के 23 दोस्तों से भी अलग-अलग पूछताछ की। इसके साथ ही चंद्रेश्वर नगर, चंद्रभागा, मायाकुंड आदि क्षेत्र में प्रतिष्ठानों पर लगे लगे 17 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। 31 दिसंबर की रात्रि पुलिस टीम ने तहसील चौक के पास से गुमशुदा नाबालिग को सकुशल बरामद कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि फेसबुक पर उन दोनों के बीच दोस्ती हुई थी। नाबालिग होने के कारण वकील ने उनकी शादी ना होने की बात कही। जिसके बाद इंद्रजीत राजभर ने 14 बीघा में कैफे चलाने वाले अपने दोस्त विनय उर्फ वंदेमातरम से किशोरी के अंकपत्र व आधार कार्ड में एडिोटग करके उम्र बढ़ा दी। इन कागजों को कोर्ट में दिखाकर दोनों ने शादी कर ली।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह ने बताया कि आरोपित इंद्रजीत राजभर ने अपने जिस दोस्त के माध्यम से नाबालिग के दस्तावेजों में कूटरचना कराई थी, उसके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करने जा रही है। युवक का दोस्त विनय उर्फ वंदेमातरम निवासी 14 बीघा, ढालवाला में एक हार्डवेयर की दुकान पर काम करता था। दुकान मालिक से जानकारी प्राप्त हुई कि वह निजी कार्य से राजस्थान गया है। वापस आने पर तत्काल कोतवाली ऋषिकेश को रिपोर्ट करेगा। उन्होंने बताया कि कूटरचना करने वाले आरोपित के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।