राहगीर को मोबाईल पकड़ा गंगा में लगाई छलांग

हरिद्वार के एक युवक ने रहस्यमय परिस्थितियों में लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। घटना बीती सोमवार रात लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में घटी है। मंगलवार को युवक की खोजबीन को एसडीआरएफ और जल पुलिस टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन लापता का कहीं पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा जा रहा है कि युवक ने गंगा में छलांग लगाने से पहले एक यात्री को मोबाइल दिया, उसके बाद आत्मघाती कदम उठाया।
लक्ष्मणझूला पुलिस के मुताबिक, मुंडलाना, मंगलौर, जिला हरिद्वार निवासी राहुल (26) पुत्र रामपाल बीती रात 11 बजे लक्ष्मणझूला पुल के पास पहुंचा और मार्ग से गुजर रहे एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया। यात्री कुछ समझ पाता कि राहुल ने अचानक लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। यात्री ने इसकी सूचना लक्ष्मणझूला पुलिस को दी। देर रात अचानक युवक द्वारा गंगा में कूदने की घटना से पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक युवक गंगा की तेज लहरों में ओझल हो गया। मंगलवार सुबह जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने युवक की खोजबीन को सर्च अभियान चलाया। मगर उसका कहीं पता नहीं चल सका। लक्ष्मणझूला थानाध्यक्ष राकेंद्र कठैत ने बताया की राहुल सात महीने से लक्ष्मणझूला में योग सेंटर में रह रहा था। युवक द्वारा आत्मघाती कदम का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। पूछताछ में पता चला कि उसका किसी युवती के संग प्रेम प्रंसग चल रहा था। जिस वजह से वह काफी समय से परेशान था। संभवतः इस कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया हो। फिलहाल मामले में पुलिस परिजनों और दोस्तों से पूछताछ कर रही है। कूदने से पहले उसने एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया था। घटनास्थल के पास से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।

गजेन्द्र शेखावत ने किया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ऋषिकेश में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि देशभर में 298 अलग-अलग तरह के कार्य किए जा रहे है, ताकि गंगा का शुद्धिकरण हो सके। इसके तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी तैयार किए जा रहे हैं। 298 निर्माण कार्यों में से 98 पूरे हो चुके है।
ऋषिकेश में निर्माणाधीन दोनों सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी तय समय सीमा में पूरा होने की उम्मीद है। कुंभ से पहले गंगा नदी का जल आचमन योग्य हो जाएगा। वह यहां बृहस्पतिवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे थे। यहां स्वामी चिदानंद सरस्वती के साथ उन्होंने पीलो पानी प्याउ से पानी पीकर उसका शुभारंभ किया किया। पीलो पानी के संस्थापक जतिन अहलावत ने पीलो शुद्ध जल मशीन के बारे में जानकारी दी।
बताया कि इसकी क्षमता 500 लीटर है। यह हर घंटे 300 लीटर आरओ प्यूरीफाइड जल उपलब्ध कराने में सक्षम है। इस दौरान शेखावत परमार्थ गंगा घाट पर आयोजित श्रीराम कथा में भी पहुंचे। यहां कुछ देर कथा सुनने के बाद वह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के लिए निकल पड़े। इस दौरान नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन मिश्रा, ज्वाइंट सेक्रेटरी अशोक कुमार, वित्तीय प्रमुख रोजी अग्रवाल, उत्तराखण्ड राज्य प्रमुख उदयराज, तकनीकी निदेशक प्रवीण कुमार आदि उपस्थित रहे।

30 नवंबर तक हर हाल में पूरा हो प्लांट का काम
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चंद्रेश्वर नगर में 7.5 एमएलडी के निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप कश्यप से परियोजना के निर्माण की अवधि पूछी। इस पर प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि पहले इसका निर्माण 30 अगस्त तक किया जाना था, लेकिन अब इसे 30 दिसंबर तक पूरा किया जा सकेगा।
इस पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने 30 सितंबर तक इसे पूरा करने को कहा, लेकिन प्रोजेक्ट मैनेजर के कई पहलुओं का हवाला देने के बाद उन्होंने प्लांट को हर हाल में 30 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए।

26 एमएलडी प्लांट के कार्य से संतुष्ट दिखे शेखावत
लक्कडघाट में निर्माणाधीन 26 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य पर केंद्रीय जल शक्ति संतुष्ट दिखे। उन्होंने प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद इसे सुंदर बगीचे रूप देने को भी कहा। कार्यदायी संस्था जीडीसीएल के प्रदीप जैन से तकनीकी जानकारी भी ली। उन्होंने आम का पौधा भी रोपा। इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय मंत्री के सामने ही भिड़े विस अध्यक्ष और दर्जाधारी
ऋषिकेश पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के स्वागत की होड़ में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और दर्जाधारी राज्यमंत्री भगतराम कोठारी आपस में भिड़ गए। मर्यादा को भूल दोनों राजनेताओं के बीच खूब गाली गलौज हुई। यहां तक कि दोनों महानुभावों ने एक दूसरे को देख लेने तक की धमकी तक दे डाली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ऋषिकेश दौरे पर पहुंचे थे। पहले उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे मोटर बोट से नाव घाट पहुंचे।
यहां से वे चंद्रेश्वर नगर स्थित नमामि गंगे योजना के तहत बनाए जा रहे 7.5 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने जा रहे थे। चंद्रेश्वर नगर के मोड़ पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल तथा दर्जाधारी राज्यमंत्री भगतराम कोठारी अपने-अपने समर्थकों के साथ उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
करीब ढाई बजे केंद्रीय मंत्री की फ्लीट पहुंची। वे अपनी कार से उतरे तो विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यमंत्री भगतराम कोठारी के बीच पहले मैं-पहले मैं की होड़ शुरू हो गई। कुछ ही पलों में यह होड़ विवाद में बदल गई और सभी मर्यादाएं तार-तार हो गईं। दोनों के बीच जमकर गाली गलौज हुई। हालांकि, बाद में दोनों महानुभावों को स्थिति का एहसास हुआ और बारी-बारी से केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया। इस बारे में जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वे मुस्कुराकर चुप्पी साध गए और आगे बढ़ गए।

किसने क्या कहा-

ये वाकया पहली बार नहीं हुआ है। पूर्व में भगवान बद्री विशाल की गाडू घड़ा यात्रा के दौरान भी विधानसभा अध्यक्ष ने मेरे साथ अभद्रता की थी। वहां मैं अपनी पत्नी के साथ दर्शन के लिए लाइन में खड़ा था। बृहस्पतिवार को ऐसा ही सलूक मेरे साथ किया गया। मैं ऐसी राजनीति से त्रस्त आ चुका हूं। अपनी बात ऊपर तक पहुंचाऊंगा। विधानसभा अध्यक्ष ने गाड़ी में बैठते-बैठते धमकाया कि मैं बताऊंगा तेरे को।
– भगतराम कोठारी, अध्यक्ष, गन्ना एवं चीनी विकास उद्योग बोर्ड

भगतराम कोठारी काफी बड़े आदमी हैं और सरकार ने उनको काफी अहम जिम्मेदारी सौंपी है। मैं जहां हूं, वहां तक पहुंचने के लिए सालों परिश्रम किया है और यह पार्टी के प्रति अगाध निष्ठा का परिणाम है। ताजा घटनाक्रम पर मैं यही कह सकता हूं कि कुछ नहीं हुआ। मेरी तरफ से यही सलाह है कि पार्टी नेताओं को संगठन की रीति नीति को समझना चाहिए।
– प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक

आधी रात बछड़े को निवाला बना गया गुलदार

ऋषिकेश में गुलदार ने एक ओर घटना को अंजाम दे दिया। मंगलवार की आधी रात शिवाजी नगर क्षेत्र में गुलदार ने एक गाय के बछड़े पर हमला कर उसे मार डाला। बुधवार सुबह क्षतविक्षत बछड़े के शव को देखकर स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। उन्होंने घटना की सूचना वन विभाग को दी। स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक शिवाजी नगर की गली नंबर 28 के पास मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों ने क्षत-विक्षत हालत में एक गाय के बछड़े को पड़ा हुआ देखा। इसकी सूचना पार्षद जयेश राणा सहित वन विभाग को दी गई। जिस स्थान पर गुलदार ने बछड़े पर हमला किया वहां काली कमली का बगीचा पास में ही है। सड़क पर रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं। लोगों गुलदार के आवासीय क्षेत्र में घुसने से डरे हुए हैं। पार्षद जयेश राणा के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारियों ने उनके साथ मिलकर मौका मुआयना किया है। वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त करने का भरोसा दिलाया है।

वहीं, वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश रेंज आरपीएस नेगी का कहना है कि स्थानीय लोग यदि लिखित रूप से पिंजरा लगाने की मांग करेंगे तो इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इस क्षेत्र में स्टर्डिया फैक्ट्री के पीछे झाड़ियां हैं। यहां गुलदार सक्रिय रहता है। पहले भी लोगों से झाड़ियां कटवाने की अपील की थी। मगर, इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया।

पंत जी आप अमर रहेंगे, हम सभी के दिलों में! – बंसल।

20 सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
नरेश बंसल ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रकाश पंत केवल एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व के धनी थे उनकी कमी सदैव खलेगी। सदन में सबको साथ लेकर चलने की उनकी कुशलता, वित्तीय मामलों का ज्ञान और विपक्ष के हर तीखें वार का एक मीठी मुस्कान से जवाब देना, ये सब अब उनकी यादों में रहेगा। शांत, सौम्य और सरल स्वभाव के धनी प्रकाश पंत ने अपने लम्बे राजनैतिक जीवन में प्रदेश के गठन और बाद में प्रदेश को एक नई दिशा देने में बड़ी भूमिका निभायी। उनके निधन से प्रदेश एवं हमारे भाजपा संगठन ने एक बहुत बड़ा व्यक्तित्व को खो दिया।
नरेश बंसल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्व0 प्रकाश पंत के सम्मान में प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक तथा गुरूवार 6 जून को प्रदेश में एक दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की है।

अग्नि सुरक्षा उपकरणों के चल रहे सात संस्थानों को विभाग ने थमाया नोटिस

गुजरात के सूरत में कोचिंग संस्थान में आग लगने से 20 छात्रों की मौत हो गई। इस घटना ने देशभर में संचालित कोचिंग संस्थानों केंद्र बिंदु पर ला दिया है। अब ऋषिकेश का अग्निशमन विभाग ने इस पर काम करना शुरू कर दिया। अग्नि शमन अधिकारी अर्जुन सिंह रांगड़ ने मंगलवार को यहां के कुल सात कोचिंग सेंटरों को नोटिस थमाए है।

उन्होंने बताया कि बिना अग्नि सुरक्षा के संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों की सूची बनानी शुरू कर दी है। मंगलवार को विभाग की ओर से रेलवे रोड स्थित असेन्डर्स कोचिंग सेंटर, तिलक मार्ग जौहर कांपलेक्स स्थित गुरुकुल आईएएस, विक्रमशिला, आईटी कंप्यूटर एजुकेशन, अंबेडकर चौक स्थित सदानी इंस्टीट्यूट, देहरादून रोड स्थित कोटा क्लासेस को नोटिस थमाया है। एफएसओ ने इन कोचिंग सेंटर को आग बुझाने के लिए कार्बन डाई आक्साइड से भरे सिलेंडर न रखने, फायर अलार्म न लगाने, प्रवेश मार्ग पर झूलते तारों तथा प्रवेश और निकासी मार्ग अलग-अलग न होने के लिए नोटिस दिया है।

दो जून को लगेगी विशेष प्रयोगशाला
अग्निशमन अधिकारी अर्जुन सिंह रांगड़ ने बताया कि दो जून दिन रविवार को शैल विहार स्थित फायर स्टेशन पर कोचिंग संस्थानों के लिए विशेष प्रयोगशाला आयोजित की गई है। इसमें नगर के सभी कोचिंग संस्थानों को अग्नि सुरक्षा से संबंधित उपकरणों की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान कोचिंग संचालकों को उपकरणों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

घर में लगी आग से लाखों रूपए का सामान स्वाहा

मुनिकीरेती क्षेत्रांतर्गत एक घर के फ्रिज का कंप्रेशर फटने से आग लग गई। इससे घर के कमरे में रखा सारा सामान खाक में तब्दील हो गया। वहीं घर के सदस्यों को हल्की चोटें आईं है।

मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी वार्ड नंबर तीन, गली संख्या 21 में माया देवी वर्मा पत्नी स्व. जगदीश वर्मा अपने तीन बेटों सोनू, सचिन और पवन के साथ दो मंजिले भवन में रहती है। बीते शनिवार की रात्रि करीब नौ बजे उनके दूसरे नंबर के बेटे सचिन का बेटा पलंग से नीचे गिर गया। इस कारण सचिन की पत्नी और अन्य सदस्य निचली मंजिल पर चले गए। इस दौरान सचिन के कमरे में रखे फ्रिज का कंप्रेशर फट गया। इससे आग की लपटें निकलने लगी।

धमाका और आग की लपटें देख परिवार सहित आसपास के लोगों में चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों की मदद से परिवारजनों ने आग पर काबू पाया। मगर, तब तक लाखों रुपए का नुकसान हो चुका था। तीसरे नंबर के बेटे पवन वर्मा ने बताया कि आग लगने से बड़े भाई सचिन के कमरे में रखा एलईडी टीवी, एसी, फ्रीज, कूलर, फर्नीचर, आलमारी, कपड़े आदि सामान जल गए। अगले दिन पहुंचे विद्युतकर्मी ने बताया कि आग लगने का कारण फ्रीज का कंप्रेशर फटना रहा।

आंतकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद, आतंकी आदिल अहमल भी मरा

सीआरपीएफ के जवानों की एक बस को आतंकवादियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया। यह घटना जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास गोरीपोरा में बृहस्पतिवार को घटित हुई। इस विस्फोट में 44 जवान मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि 44 ही जवान घायल हो गए। सभी को सेना के बेस अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। इस विस्फोट के पींछे आतंकी अहमद उर्फ वकास का हाथ बताया गया है।

अपरान्ह करीब सवा तीन बजे जब यह काफिला दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोर) के पास पहुंचा तो अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी। आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ जवानों की एक बस के सथ टक्कर मार दी। इसके बाद वहां जोरदार धमाके की आवाज आई और कार धू-धू कर सड़क पर जलने लगी। बस के एक हिस्से में भी आग की लपटें निकलने लगी।

काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए और उनमें सवार जवान जब बाहर निकल रहे थे, तो इस दौरान उन पर गोलियां भी दागी गई। जवानों ने भी जवाबी फायर किया। जवाबी फायर पर आतंकी वहां से भाग निकले। आतंकी हमले का निशाना बनी बस सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की है।

विभागीय अधिकारियों ने दी जानकारी के अनुसार 12 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ा। 11 अन्य जवानों की अस्पताल में शहादत पाई। विस्फोट की सूचना मिलते ही राज्य पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के आलाधिकारी भी अपने दल बल समेत मौके पर पहुंच गए।

10वीं पास था आतंकी आदिल अहमद
कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद उर्फ कमांडो उर्फ वकास दक्षिण कश्मीर के गुंडीबाग, काकपोरा, पुलवामा का रहने वाला था। वह बीते साल अप्रैल माह के दौरान ही आतंकी संगठन में सक्रिय हुआ था। 21 वर्षीय आदिल 10वीं पास था और सुरक्षाबलों ने उसे सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध कर रखा था। उसके ऊपर तीन लाख का इनाम था। बताया जा रहा है कि विस्फोट के दौरान उसकी भी मौत हो गई है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी घटना की कड़ी निंदा की है, उन्होंने शहीद जवानों की आत्मशांति की कामना की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना भी की। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में शहीद परिवारों के साथ सरकार खड़ी है।

रक्षा मंत्री ने सिद्धार्थ के परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने बंगलुरू में फाइटर प्लेन दुर्घटना में शहीद हुए देहरादून के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के पंडितवाड़ी स्थित आवास पर जाकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री और देश की रक्षा मंत्री ने शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने स्व. सिद्धार्थ नेगी के माता -पिता व पत्नी धुविका को ढ़ांढ़स बंधाया। उन्होंने दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

ट्रेन गुजरने से चंद मिनट पहले पटरी तक पहुंचा ट्रक

ट्रेन गुजरने से चंद मिनट पूर्व सामान से लदा एक ट्रक फाटक तोड़ते हुये ट्रैक तक जा पहंुचा। गनीमत रही कि ट्रेन के लोको पायलट से समझदारी दिखाते हुये इंमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल किया। वहीं पुलिस ने मौके पर जाकर ट्रक को वहां से हटाया। यह घटना देहरादून और हरिद्वार रेलवे ट्रैक के मध्य मोतीचूर फाटक पर घटित हुई।

एक तेज गति से आ रहे खनन से लदे ट्रक संख्या (पीबी 13 जेड 9706) ने मोतीचूर फाटक तोड़ दिया और पटरी पर आ गया। इस दौरान हरिद्वार से देहरादून की ओर जा रही लाहौरी एक्सप्रेस ट्रेक पर थी। ट्रक चालक यह लापरवाही ट्रेन में सवार हजारों लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती थी। मौके पर मौजूद फाटक कर्मी ने सतर्कता दिखाई और तत्काल इसकी सूचना लोको पायलट को दी। इस दौरान ट्रेन फाटक के काफी नजदीक आ गई थी।

लोको पायलट ने ट्रेन की स्पीड कम की और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर कुछ दूरी पर ट्रेन को रोक लिया। रेल कर्मियों की सजगता से बड़ा हादसा होने से बच गया, वरना बड़ी अनहोनी हो सकती थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को वहां से हटवाया। घटना के बाद कुछ देर के लिए हरिद्वार हाईवे पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। वहीं लाहौरी और डीएलएस ट्रेन भी आधा घंटा देरी से चली। रायवाला जीआरपी चौकी इंचार्ज मोहन सिंह ने बताया कि मामला हरिद्वार जीआरपी क्षेत्र का है। ट्रक को हरिद्वार जीआरपी ने अपने अंडर में लिया है

यात्रियों से भरी बस में लगी आग, हादसा टला

राजस्थान की एक प्राइवेट बस मध्यप्रदेश के यात्रियों को लेकर तीर्थनगरी पहुचंी। जिसमें तहसील चौक के निकट आग लगने से हड़कंप मच गया। अगर मौके पर दलकल कर्मी न पहुंचते तो बड़ा हादसा हो सकता था।

सोमवार को मध्यप्रदेश के 55 यात्रियों का एक जत्था राजस्थान के चित्तौडगढ़ से ओम शांति ट्रेवल एजेंसी की बस से अमरनाथ दर्शन के लिए गया था। अमरनाथ दर्शन के बाद यह लोग इसी बस से ऋषिकेश-हरिद्वार के दर्शन के लिए आ गए। रविवार को यात्रियों ने हरिद्वार में विश्राम किया, जबकि सोमवार को जत्थे में शामिल 45 यात्री ट्रेवल एजेंसी की बस से ऋषिकेश घूमने के लिए आ गए।

बाइपास मार्ग पर तहसील तिराहे के समीप अचानक बस के पिछले टायर में आग लग गई। जिससे बस के भीतर भी धुंआ भरने लगा। बस चालक ने तिराहे समीप ही सड़क पर बस खड़ी कर दी। देखते ही देखते बस आग की लपटों से घिर गई और बस के चारों ओर से काला धुंआ उठने लगा। इससे बस में बस में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया।

इसको जहां से रास्ता मिला वह बाहर कूद गया। स्थानीय लोगों ने दमकल केंद्र को इसकी सूचना दी। घटनास्थल से चंद मिनट की दूरी पर स्थित दमकल केंद्र से तत्काल दमकल दस्ता मौके पर पहुंचा और करीब आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। जिससे आग बस के ऊपरी हिस्से में नहीं पहुंची। सरेराह बस में लगी आग को देखने के लिए मौके पर भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई। जिस जगह पर बस में आग लगी वहीं सड़क के दूसरी ओर पेट्रोल पंप भी स्थित है।

चित्तौडगढ़ राजस्थान की ओम शांति ट्रेवल एजेंसी की जिस बस में ऋषिकेश में आग लगी। उसमें तीन रसोई गैस सिलेंडर भी रखे हुए थे। बस के पिछले टायर में सबसे पहले आग लगी थी। जब दमकल की टीम आग बुझाने का प्रयास कर रही थी तो अधिकारियों ने बस के चालक पप्पू सिंह से बस में किसी तरह की ज्वलनशील वस्तु होने की बात भी पूछी, मगर चालक ने इन्कार कर दिया। मगर, जब आग पर काबू पाने के बाद दमकल कर्मियों ने पिछले टायर के ऊपर बनी डिग्गी को खोला तो तीन रसोई गैस सिलेंडर रखे मिले, जिससे बचाव दल के भी होश उड़ गए।

जिस डिग्गी में यह सिलेंडर रखे थे, वहां रसोई का अन्य सामान भी रखा था, जो आग से जल गया। इतना ही नहीं रसोई गैस सिलेंडर भी आग से काले पड़ गए थे। इस पर दमकल कर्मियों ने चालक को फटकार लगाई।

पेट्रोल पंप के अग्निशमन संयंत्र बेकार तहसील तिराहे पर बस में आग लगने के बाद आसपास के लोग सबसे पहले समीप ही स्थित पेट्रोल पंप से अग्निशमन यंत्र लेने पहुंचे। पेट्रोल पंप संचालकों ने स्थानीय लोगों को कुछ छोटे उपकरण थमा दिए। लोगों ने जब इन उपकरणों से आग बुझाने की कोशिश की तो गैस नहीं बल्कि बुरादा बाहर निकला। जब गौर से देखा तो पता चला कि सभी उपकरण की उपयोग तिथि समाप्त हो चुकी है। अनुमान लगाया जा सकता है कि अग्निशमन विभाग संवेदनशील संस्थानों में सुरक्षा को लेकर किस तरह गंभीर है।