अपना काफिला रोक घायल युवक का मंत्री अग्रवाल ने जाना हाल


क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हरिद्वार दौरे से ऋषिकेश लौटते समय अपना काफिला रोककर सड़क पर पड़ी रोड़ी की चपेट में आये युवक का हाल जाना। साथ ही एनएच सचिव पंकज पांडे को दूरभाष पर वार्ता कर गुणवत्ता के लिए निर्देशित किया।

गुरुवार को मंत्री डॉ अग्रवाल हरिद्वार एक कार्यक्रम से लौट रहे थे, तभी श्यामपुर फाटक से कुछ कदम आगे सड़क पर पड़ी रोड़ी की चपेट में आये युवक को देखकर काफिला रुकवाया। डॉ अग्रवाल ने युवक की पहचान हरिद्वार निवासी शिव कुमार के रूप में कराई।

डॉ अग्रवाल को युवक ने बताया कि वह ज्वालापुर से आईडीपीएल की ओर आ रहे थे। रोड़ी की चपेट में आकर चोटिल हो गए। डॉ अग्रवाल ने एनएच के सचिव पंकज पांडेय से दूरभाष पर वार्ता की और सड़क की गुणवत्ता के लिए निर्देशित किया।

मंत्री अग्रवाल ने आईडीपीएल में कटी बिजली कनेक्शन को जोड़ने के दिए निर्देश

आईडीपीएल में निवासरत लोगों के घरों की बिजली काटे जाने का प्रकरण क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के समक्ष पंहुचा। मंत्री डॉ अग्रवाल ने मौके से मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू से दूरभाष पर वार्ता की और निर्देशित करते हुये कहा कि इस दिनों गर्मी और डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है, कहा कि मानवीय आधार पर आईडीपीएल के घरों में बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराएं जाए, जिससे पानी भी उपलब्ध हो सके। बता दें कि आईडीपीएल के संदर्भ में पूर्व में भी डॉ अग्रवाल ने मुख्यमंत्री जी से समाधान निकालने को कहा था।

आज आईडीपीएल के निवासियों ने जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा के नेतृत्व में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों से बिजली के कनेक्शन काटे गए हैं। जिससे बिजली सहित पानी की दिक्कतें भी पैदा हो गयी हैं।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने त्वरित संज्ञान लेकर मौके से ही मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू को दूरभाष पर निर्देश दिए। कहा कि आईडीपीएल में मानवीय आधार पर बिजली कनेक्शन जल्द जोड़ा जाए। जिससे गर्मी और डेंगू जैसी बीमारी से राहत मिले। साथ ही पानी की समस्या भी दूर हो। इसके बाद आईडीपीएल के लोगों ने मंत्री डॉ अग्रवाल को धन्यवाद ज्ञापन भी दिया।

आभार प्रकट करने वालों में जिलाध्यक्ष रवींद्र राणा, मण्डल अध्यक्ष व आईडीपीएल निवासी सुरेंद्र कुमार, वायुराज सिंह, विकास तेवतिया, तनु तेवतिया, गीता मित्तल, निर्मला उनियाल, अजित वशिष्ठ, पुनिता भंडारी, राजेश कोठियाल आदि उपस्थित रहे।

मंत्री अग्रवाल ने खाराश्रोत में घरों में आए मलबे को जल्द हटाने के दिए निर्देश

कैबिनेट व प्रभारी मंत्री टिहरी डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने खाराश्रोत में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी को दूरभाष पर वार्ता कर आवश्यक निर्देश दिए।

खाराश्रोत पहुंचने पर डा. अग्रवाल ने स्थानीय लोगों से वार्ता की। डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपके साथ खड़ी है, सर्वप्रथम लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर भेजने के साथ ही भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके बाद घरों के भीतर आए मलबे को हटाने में स्थानीय प्रशासन और तमाम विभाग जुटे हुए हैं।

डा. अग्रवाल ने मौके से ही जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने के बाद स्थानीय प्रशासन यहां लोगों के घरों में हुए नुकसान का सही आंकलन करें। पीड़ित परिवार कोई भी न छुट पाए, इसका ध्यान रखें। नुकसान की जानकारी आने पर पीड़ितों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

इस मौके पर एसडीएम नरेंद्र नगर देवेंद्र नेगी, अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह, पूर्व पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष इंदिरा आर्य, सभासद प्रतिनिधि रोहित गोडियाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व सभासद मनीष कुकरेती, पूर्व सभासद अनुराग पयाल, लेखपाल निधि, सागर खेलवाल, रजत, विनोद चौहान, शुभम शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा, चेतन कपरूवान आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने किया कोटद्वार के आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्थानीय विधायक कोटद्वार तथा विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के साथ कोटद्वार में आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया।

गाड़ीघाटी में कुंभीचौड-रतनपुर को जाने वाले एप्रोच मार्ग पर तेजी से कार्य करने को कहा तथा मालन नदी पर हल्दूखाता- किशनपुर -सिगड्डी मार्ग का स्थलीय निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल कनेक्टिविटी को बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर बाधित हुई सड़क कनेक्टिविटी को युद्ध स्तर पर बहाल करने को कहा। विभिन्न स्थानों पर आपदा से प्रभावित हुए लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी को दुरुस्त करें तथा वहां पर आवश्यकता के अनुसार फागिंग -चूना छिड़काव करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने के भी निर्देश दिए।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला प्रयास है कि राज्य में मानसूनी बरसात से जो चीजें अस्त व्यस्त हुई है उनको सामान्य करना है तथा जो लोग आपदा से प्रभावित हुए हैं उनको प्राथमिक रूप से उनकी आवश्यकता के अनुरूप त्वरित सहायता और राहत प्रदान की जाय। तत्पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का त्वरित आकलन करते हुए इसके त्वरित सुधारीकरण के कदम उठाए जाने की बात कही।

इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ निरीक्षण कर रही विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आज स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया गया है और शीघ्रता से सामान्य स्थिति बहाल करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

इस दौरान जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर सुयाल, उप जिला अधिकारी प्रमोद कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।

गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून स्थित आपदा कन्ट्रोल पहुंचकर प्रदेश भर में जारी बारिश की स्थिति के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में हुए हादसे में संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने गौरीकुंड में चल रहे राहत बचाव कार्य में तीव्र गति लाने के निर्देश दिए। साथ ही शासन स्तर से गौरीकुंड क्षेत्र में हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर की जानकारी ली। उन्होंने कहा जिन भी क्षेत्र में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ की समस्या आ रही है, उन सभी स्थानों पर अलर्ट जारी किया जाए, एवं सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों के आसपास बनी इमारत एवं कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गौरीकुंड में हुए हादसे के बाद लगातार राहत बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों को ढूंढने हेतु सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में मृतक एवं लापता लोगों के परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है। एसडीआरएफ जिला प्रशासन सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव अभिनव कुमार सचिव आपदा रंजीत सिन्हा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं की बैठक ली

चमोली जैसे हादसों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए प्रदेश में कार्यरत समस्त कार्यदायी संस्थाओं की एक उच्च स्तरीय बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ली। बैठक में यह तथ्य संज्ञान में आया कि कार्यदायी संस्थाएं इलैक्ट्रिकल वर्क को सिविल वर्क के साथ जोड़ देती हैं। जबकि कार्यदायी संस्थाओं के पास इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए पृथक से इंजीनियर उपलब्ध रहते हैं। एक ही एस्टीमेट बनाने तथा एक साथ कार्य कराने से इलेक्ट्रिकल वर्क के लिए अच्छे से कार्य करने तथा सुरक्षा के मानकों का पालन करने में समझौते की स्थिति आती है। सिविल कॉन्ट्रैक्टर्स ही इलेक्ट्रिकल कार्य को करवाते है। बैठक में इस व्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए समस्त कार्यदायी संस्थाओं से सुझाव लिये गए।
कार्यदायी संस्थाओं से सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने सख्त हिदायत दी कि सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदंड हैं, उन मानदण्डों के अनुसार ही उपकरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए। एसीएस ने कड़े निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट या कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी सुरक्षा मानक निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप बने रहने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के अलावा उस भवन, प्रोजेक्ट या मशीनरी में कार्य पूर्ण होने के बाद लगाये जाने वाले श्रमिकों या कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना तथा सुरक्षा मानकों का समय समय पर परीक्षण करवाया जाना आवश्यक है। बैठक में इसे सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि सिविल और इलैक्ट्रिकल वर्क का एक ही एस्टीमेट बन जाने से इलैक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर्स जो छोटे ठेकेदार है या अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ है, उनके कार्य से वंचित होने की भी समस्या आती है। इस व्यवस्था में परिवर्तन से उनकी दक्षताओं का उपयोग भी इलैक्ट्रिकल कार्यों में किया जा सकेगा। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में कार्यदायी संस्थाओं के लिए सिविल वर्क एवं इलैक्ट्रिकल वर्क के लिए स्पष्ट अलग अलग व्यवस्था, सुरक्षा मानकों के लिए उच्चतम स्तर के मानदण्डों का पालन, मजदूरों व कार्मिकों के प्रशिक्षण एवं सुरक्षा मानकों के परीक्षण से सम्बन्धित नई नीति तैयार करते हुए उसे समस्त कार्यदायी संस्थाओं पर लागू किया जाने का उच्च स्तरीय निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव जगदीश कांडपाल तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

चमोली में हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच हुई सार्वजनिक, आप भी जानिए…

उत्तराखंड के चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी गई थी। इसके बाद आज जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष को सार्वजनिक किया गया। इस मजिस्ट्रीयल जांच में एसटीपी संचालन में कई खामियां पायी गई हैं।

इसके लिए प्लांट के संचालन के लिए जिम्मेदार फर्म ज्वांइट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर को दोषी मानते हुए इसका अनुबंध निरस्त करते हुए इसे प्रदेश भर में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की गई है। साथ ही अन्य संस्तुतियां भी जांच रिपोर्ट में की गई हैं।

चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी में बीती 19 जुलाई को करंट दौड़ने से 16 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हो गये थे। इस घटना की मजिस्ट्रीयल जांच अपर जिलाधिकारी चमोली को सौंपी गई थी। शुक्रवार को लगभग पौने दो सौ पेज की जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी ने डीएम को सौंपी।

जांच रिपोर्ट का संक्षिप्त विवरण जिला सूचना अधिकारी कार्यालय के माध्यम से आज जारी किया गया। इसमें दुर्घटना का विश्लेषण, संभावित कारण और निष्कर्ष में उल्लेख किया गया है कि एसटीपी की विद्युत व्यवस्था के लिए किये गये अनुबंध, विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुरूप न होना पाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि परिसर में अर्थिंग मानकों के अनुसार नहीं की गई थी, जिससे करंट लोहे से बने स्ट्रक्चर में फैल गया। एसटीपी तक पहुंच वाले मार्ग का संकरा होना भी इस घटना के लिए जिम्मेदार माना गया है। अनुबंध फर्म की ओर से किये गये कार्यों के अनुश्रवण और समीक्षा का अभाव, विद्युत विभाग और जल संस्थान के कार्मिकों के मध्य आपसी सामंजस्य का अभाव भी जांच में पाया गया है।

दुर्घटना के लिए जिम्मेदार प्रतिष्ठान, विभाग और कार्मिक-

मजिस्ट्रीयल जांच में ज्वाइंट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के साथ उत्तराखंड पेयजल निगम/जल संस्थान के मध्य हुए अनुबंध का भी उल्लंघन पाया गया है। विभाग के साथ फर्म की ओर से किये अनुबंध के अनुरूप कार्मिकों की भी तैनाती नहीं की गई थी। दिल्ली निवासी एक्सिस पावर कंट्रोल्स के डायरेक्टर भाष्कर महाजन का ज्वाइंट एडवेंचर फर्म का अधिकृत कार्मिक न होने के बाद भी कार्य करना पाया गया। एसटीपी के रखरखाव और संचालन के लिए फर्म की ओर से जल संस्थान को दिए गये बिलों में भी संदिग्धता पायी गई है।

मजिस्ट्रीयल जांच में दी गई संस्तुति-

चमोली हादसे के जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी चमोली डा. अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी जांच में जो संस्तुति दी है उसके अनुसार नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत ज्वांइट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के अनुबंध को निरस्त करने, फर्मों को उत्तराखंड राज्य, भाष्कर महाजन की फर्म एक्सिस पावर कंट्रोल्स दिल्ली को उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही तीनों फर्मों को को पूरे भारत वर्ष में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की गई है।

ज्वाइंट एडवेंचर फर्म की ओर से उत्तराखंड पेयजल निगम को दी गई 110.75 बैंक गारंटी को जब्त करने, एसटीपी में घटित 19 जुलाई की घटना के लिए मुख्य जिम्मेदार ज्वाइंट वैंचर के विरुद्ध विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई, संबंधित विभागीय कार्मिकों/अधिकारियों जो ज्वाइंट वेंचर फर्म के साथ शर्तों की अनुपालन करवाने में असफल रहे और नियमित निरीक्षण तथा अनुश्रवण करने में असफल रहे उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की भी संस्तुति जांच रिपोर्ट में दी गई है। साथ प्रदेश भर के सभी एसटीपी और अन्य ऐसे प्लांट जहां पर विद्युत सुरक्षा में चूक होने की संभावना हो का विद्युत सुरक्षा का आडिट कराये जाने की संस्तुति की गई है। ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो के साथ ही अन्य संस्तुति भी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने जाना चमोली घटना के घायलों का हाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश जाकर जनपद चमोली की दुखद घटना में घायल हुए 06 घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित इलाज के संबंध में एम्स के चिकित्सकों से भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने घायलों के इलाज में कोई कमी न रहे, इसकी भी चिकित्सकों से अपेक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना की जानकारी प्राप्त होते ही चमोली के लिए रवाना हो गये थे, किन्तु मौसम की खराबी के कारण उन्हें वापस आना पड़ा। उसके बाद मुख्यमंत्री ने एम्स ऋषिकेश जाकर घायलों का हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जनपद में हुई दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति एवं उनके परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में बिजली के करंट लगने से 16 लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी चमोली को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिम्मेदारी तय करते हुए दोषी और लापरवाह पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। 6 घायलों को हेलीकॉप्टर द्वारा एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है। सरकार और प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली घटना में मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपए की राहत राशि अविलंब प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चमोली घटना के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायलों को एम्स ऋषिकेश हेलीकॉप्टर से लाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भी घटना की पूरी जानकारी दी गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी चमोली ने अपर जिलाधिकारी चमोली को एक सप्ताह के अन्दर घटना की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस घटना की विस्तृत जांच के साथ ही इसमें पाई जाने वाली लापरवाही के जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सभी गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश लाया गया है। मुख्यमंत्री जिला प्रशासन से हर अपडेट की जानकारी ले रहे हैं।

एम्स, ऋषिकेश में भर्ती घायलों में महेश कुमार पुत्र रूपदास, नरेन्द्र लाल पुत्र असीम दास, आनन्द पुत्र गम्मालाल, सुशील कुमार पुत्र सुदामा लाल, संदीप मेहरा पुत्र सुलोचन, पीआरडी रामचन्द्र पुत्र पुष्कर लाल शामिल है।

शिवपुरी में नदी में डूबा युवक, एसडीआरएफ ने चलाया सर्च ऑपरेशन

शिवपुरी में वशिष्ट गूफा के समीप एक लखनऊ का युवक गंगा की तेज धारा में लापता हो गया। सूचना पाकर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सर्च अभियान चलाया।

एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि शिवपुरी, ऋषिकेश में वशिष्ट गुफा के पास एक युवक नदी में डूबने की सूचना पाकर ब्यासी से हेड कांस्टेबल मनीष रौतेला और एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू उपकरणों के साथ्ज्ञ तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।

उन्होनंे गंगा में डूबे युवक की पहचान ईशान, 23 वर्ष, निवासी लखनऊ के रूप में कराई। उन्होंने बताया कि ईशान एक गाइड का कार्य करता है और भंडारी स्विस कॉटेज योग विद्या मंदिर तपोवन से अपने साथ टूरिस्ट को लेकर वशिष्ट गुफा आया था। वशिष्ठ गुफा के पास गंगा नदी में नहाते समय असंतुलित होने से नदी के तेज बहाव की चपेट में आने से लापता हो गया।

उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ टीम द्वारा घटनास्थल पर सभी संभावित स्थानों पर गहन सर्चिंग की जा रही है।

सड़क हादसे के घायलों की स्थिति देख कोतवाल को दिए निर्देश

ऋषिकेश से देहरादून जाते वक्त लच्छीवाला फ्लाईओवर के समीप हुए सड़क हादसे को देख मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने मानवीयता का परिचय देते हुए अपना काफिला रोका। इस दौरान घायलों की मदद के लिए मंत्री डॉ अग्रवाल ने कोतवाली डोईवाला के प्रभारी निरीक्षक को फोन किया और तत्काल मदद के लिए निर्देश दिए।

गुरुवार को करीब 3 वजे ऋषिकेश से मंत्री डॉ अग्रवाल का काफिला देहरादून के लिए रवाना हुआ। करीब 3 बजकर 30 मिनट पर मंत्री जी का काफिला लच्छीवाला फ्लाई ओवर के समीप पहुंचा। यहाँ एक कार अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई।

यह देख मंत्री डॉ अग्रवाल ने मानवीयता दिखाते हुए काफिला रुकवाया। उन्होंने घायलों से उनका हाल जाना और तत्काल एसएचओ डोईवाला को फ़ोन पर मदद के लिए निर्देशित किया।