अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ पर कैलाश खेर ने दी संगीतमय प्रस्तुति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताया है। उन्होंने कहा कि योग में मन और चित की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है, योग के द्वारा हमारे ऋषियों ने इसकी राह प्रशस्त की है।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार को ऋषिकेश स्थित गंगा रिसोर्ट में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद एवं गढवाल मण्डल विकास निगम के संयुकत तत्वाधान में 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को योग की राजधानी बताते हुए कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोडने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुनिया में योग को विशेष पहचान दिलाने का कार्य किया है। जिससे आज भारत गौरवान्वित है। इसने दुनिया में भारत की पहचान बनाने का कार्य किया है। योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः….. अर्थात सब सुखी हो, सब निरोगी रहें हमारा धेय वाक्य रहा है। देश व दुनिया को इस लक्ष्य तक पहुंचाने की ताकत योग में है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बीटल आश्रम (चैरासी कुटिया) का भी भ्रमण किया तथा वहां पर योग की शिक्षाओं एवं क्रियाओं की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने करो योग रहो निरोग का सन्देश देते हुए लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष योग महोत्सव के लिए अधिक रजिस्ट्रेशन होने पर प्रसन्नता जाहिर की।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन विभाग योग एवं अध्यात्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2019 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योग महोत्सव के लिए लगभग 1200 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। देश-विदेश के 44 योगाचार्य इस योग महोत्सव में आमंत्रित हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव दुनिया में योगा के प्रचार प्रसार में दुनिया के अन्दर ऋषिकेश को योगा की राजधानी बनने के साथ ही योगा के प्रचार प्रसार में अह्म भूमिका निभा रहा है। हम यह चाहते है कि योगा के क्षेत्र में भारत में जो विधाये एवं ज्ञान प्राप्त है वह पूरी दुनिया को मिले। उन्होंने कहा कि योग का अपने आप में बहुत महत्व है। आदि काल से योग ने हम सब को अपनी संस्कृति से जोड़ के रखा हुआ है। आज योग का महत्व पूरी दुनिया ने माना है। योग के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू बने इसके लिये हम प्रयासरत है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढावा देने के लिये राज्य सरकार होम स्टे योजना का विकास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सन् 2020 तक 5000 होम स्टे का लक्ष्य रखा है। आज हम द्रोणागीरी एवं चोपता जैसे मनमोहक स्थलों का नाम सुनते हैं तो वहां जाना चाहते है परन्तु रहने की सुविधा जैसी परेशानियों के मद्देनजर हमें सोचना पड़ता है। होम स्टे जैसी योजना इन स्थलों को दुनिया के नजर में लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। अभी तक हम 875 होम स्टे रजिस्टर्ड कर चुके हैं। और हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड के जो सुदूर क्षेत्र, रिमोर्ट एरिया है जो पर्यटन के क्षेत्र से काफी मनमोहक है रहने की असुविधा न हो इस वजह से होम स्टे जैसी योजना का विकास किया जा रहा है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने देश विदेश से आये योग उपासकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऋषिकेश में पिछले तीन दशक से यह आयोजन हो रहा है जो हमारी पहचान बन गया है। हमारा उद्देश्य शास्वत एवं प्रमाणिक योग को जन-जन तक पहुंचाना है। इस महोत्सव के माध्यम से योेग की साधना एवं इस क्षेत्र में सहयोग देने वाले लोगों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर योग गुरू सिद्धार्थ कृष्णा द्वारा योग सूत्र का पाठ किया गया। गायक कैलाश खैर द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गयी।
इस अवसर पर अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल विकास निगम महावीर रांगड़, नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाई, अध्यक्ष नगर पालिका मुनि की रेति रौशन रतूड़ी, ज्योति नीरज खैरवाल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल योगन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

औली में नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ

विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा केन्द्र औली में तीन दिवसीय नेशनल नाॅर्डिक एवं एल्पाईन स्कीइंग और स्नो वोर्डिंग प्रतियोगिता का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मंगलवार को मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने विधिवत शुभारंभ किया। इस प्रतियोगिता में आर्मी, आईटीबीपी, हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली तथा उत्तराखण्ड की टीमें प्रतिभाग कर रही है। आईटीबीपी के व्यू प्वाइंट प्रांगण में आयोजित उद्घाटन समारोह में सभी टीमों ने राष्ट्रीय घ्वज के साथ नेशनल प्रतियोगिता मनाली के विजयी खिलाडी अतुल भट्ट की अगुवाई में मार्च पास कर मुख्य अतिथि को सलामी दी। इस दौरान प्रसिद्व लोक गायक दरवान नैथवाल, पूनम सती एवं उनकी टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने विश्व प्रसिद्व औली में नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता के आयोजन की जमकर सराहना करते हुए औलम्पिक एसोशिएसन आॅफ इंडिया, उत्तराखण्ड औलम्पिक एसोशिएशन, आईटीबीपी और प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि औली के विश्व प्रसिद्ध स्कीईंग ढलानों को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग और औलम्पिक एसोशिएसन आॅफ उत्तराखण्ड के प्रयास निश्चय ही शीतकालीन खेलों को विश्व मानचित्र में इस प्रमुख स्थान दिलाने में समर्थ होंगे।

क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट ने औली को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु आईओए और यूओए के प्रयासों के लिये धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि औली में हर वर्ष स्कीइंग प्रतियोगिताऐ होनी चाहिए। कहा कि औली की प्रसिद्व ढलानों में जहाॅ देश के कोने-कोने से आये खिलाडियों को अच्छा प्रशिक्षण मिलेगा वही स्थानीय खिलाडियों को भी इससे काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में भरपूर सम्भावनाएं है। कहा कि प्रदेश में साहसिक खेल गतिविधियों को बढाने तथा पर्यटन की सम्भावनाओं के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। सीएस ने कहा कि पिछले वर्ष भी औली में फिस रेस के आयोजन के लिए पूरे प्रयास किये गये थे, लेकिन बर्फ न पडने के कारण गेम का आयोजन नही हो सका। उन्होंने कहा कि अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार औली में स्कीइंग प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर स्लोप की सुविधा मौजूद है। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से हर वर्ष औली में कोई न कोई खेल का आयोजन कराया जायेगा, ताकि राज्य और देश की प्रतिभाओें को पूर्ण विकसित होने का मौका मिले।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि औली के 1300 मीटर स्नो स्लोप पर तीन दिवसीय नेशनल नाॅर्डिक एवं एल्पाईन स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता के पहले दिन 1100 मीटर दूरी की सुपर जांइट सलाम स्नो रेस (सुपर जी) प्रतियोगिता संपन्न हुई। जिसमें एसएससीबी आर्मी टीम के देवेन्द्र गुरंग ने 55.66सेंकड में रेस पूरी कर पहला स्थान हासिल किया। जबकि हिमांचल प्रदेश की टीम के प्रतिभागी हीरा लाल ने 56.58 सेकंड में तथा एसएससीबी आर्मी के त्वेसिंह ने 57.03 सेकंण्ड में रेस पूरी करते हुए क्रमश दूसरा और तीसरा स्थान पर रहे। इससे पूर्व आईटीबीपी के जवानों ने औली स्की स्लोप पर अनके स्कीइंग खेल करतब भी दिखाये, जिसका दर्शकों ने जमकर आनंद उठाया। औली मे सुपर जी और क्रासकन्टी महिला और पुरूष वर्ग की स्कीइंग प्रतियोगिता संपन्न हुई।

उन्होंने बताया कि सुपर जे पुरूष वर्ग मे एसएससीबी आर्मी के देवेन्द्र गुरंग पहले, हिमाचल के हीरा लाल दूसरे, एसएससीबी आर्मी त्वेसिंग तीसरे स्थान पर रहे। महिला वर्ग मे संध्या, आंचल और वर्षा ने क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। ये तीनो हिमाचल के खिलाड़ी हैं। क्रासकन्टी 15 किलोमीटर स्कीइंग में पुरूष वर्ग में मन बहादुर गुरंग, रमीज अहमद, टी हुसैन ने क्रमशः पहला दूसरा.और तीसरा स्थान हासिल किया। ये तीनो खिलाड़ी एसएससीबी आर्मी के खिलाड़ी है। वही महिला वर्ग की क्रासकन्टी स्कीइंग में बबीता, भावना खोलिया तथा पार्वती खम्पा ने क्रमशः पहला दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। ये तीनो खिलाड़ी आईटीबीपी टीम से है।
इस दौरान गढवाल मंडल आयुक्त डा. बीवीआरसी पुरूषोत्तम, उत्तराखण्ड ओलंपिक एशोसिएशन के महासचिव डी के सिंह, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह, उत्तराखण्ड ओलंपिक एशोसिएशन के प्रवीण शर्मा, तकनीकि सलाहकार शिव पैनोली, आईटीबीपी स्कीइंग और माउंटनेयरिंग स्थान के प्राचार्य डीआईजी एस चैहान, नगर पालिका जोशीमठ के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण सिंह रावत सहित गणमान्य नागरिक व जनप्रतिनिधि, देश विदेश से आये पर्यटक व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से और विकसित करेंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को टिहरी में तीन दिवसीय टिहरी लेक महोत्सव-2019 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील हमारे लिये अनमोल धरोहर की तरह है, जिसमें देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता है। इस झील में हमे उत्तराखण्ड के बच्चों का भविष्य नजर आता है। प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य एवं संकल्पना को साकार करने के लिये झील महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना है। खर्चीलें टूरिस्ट यहां आयेंगे तो इस क्षेत्र की आर्थिकी को और मजबूती मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जो व्यक्ति टिहरी झील को देखेगा वह बार-बार यहां आयेगा। गत वर्ष 13 राज्यों के प्रतिभागी टिहरी झील महोत्सव में आये थे और इस बार 24 राज्यों के प्रतिनिधि इस महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 13 जिले 13 डेस्टीनेशन की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेगें। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधाये उपलब्ध हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक मुश्त रूपये 88 करोड़ डोबरा-चांठी पुल निर्माण के लिए अवमुक्त किये हैं। ऑलवेदर रोड़ पर भी कार्य चल रहा है। ऑलवेदर रोड़ बनने के बाद ऋषिकेश से नई टिहरी पहुंचने में मात्र डेढ घण्टे का समय लगेगा। टिहरी झील में सी प्लेन उतारने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही टिहरी झील में सी प्लेन उतारा जायेगा। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप सामने आयेगा जो निश्चित रूप से देश व दुनिया को अपने ओर आकर्षित करने में मददगार रहेगा।
गंगा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाये रखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘‘यह कल-कल बहती गंगा की धारा क्या कहती….. ‘‘ पंक्तियों के माध्यम से पवित्रगंगा का स्मरण किया। उन्हांने कहा कि गंगा नदी हमें त्याग व समर्पण सीखाती है निर्मलता का संदेश देती है। हम सभी को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता को बनाये रखने में योगदान देना होगा। उन्होंने टिहरी की जनता से अतिथि सत्कार की भावना विकसित करने की भी अपील की ताकि अधिक से अधिक पर्यटक टिहरी भ्रमण पर आने के लिए प्रेरित हों।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नई टिहरी साहसिक खेल अकादमी का नाम एवरेस्ट विजेता स्व दिनेश सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की घोषणा की।

उन्होंने मां राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह को सिलाई व्यवसाय, जागृति महिला वचन समूह को डेरी व्यवसाय एवं भगवती महिला स्वयं सहायता समूह को अगरबत्ती उद्योग विकसित करने के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर रूपये पांच-पांच लाख के ऋण के चेक वितरित किये।
इस अवसर पर जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षो से अभिनव प्रयास किये जा रहें है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शासन की सोची समझी रणनीति के तहत ही टिहरी लेक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद टिहरी झील क्षेत्र की सूरत बदलना है। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान टिहरी क्षेत्र की ओर आकर्षित करना हैं। जिसके लिए शासन और प्रशासन कार्य कर रहा हैं।
कार्यक्रम को टिहरी सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह एवं क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक विजय सिंह पंवार व शक्तिलाल शाह, गढवाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष महाबीर सिंह रांगड, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, स्वामी चिदानंद मुनी, जिलाधिकारी सोनिका, पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई आदि उपस्थित थे।

स्प्रिंग कार्निवाल से जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा: मुख्यमंत्री

ऊधमसिंह नगर स्प्रिंग कार्निवाल के तहत रविवार को हरिपुरा बौर जलाशय में एक सादे समारोह में नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिताएं प्रारम्भ हुई। कार्यक्रम के शुरूआत में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुये जवानों व राजोरी में शहीद हुये मेजर चित्रेश बिष्ट की आत्मा की शान्ति हेतु दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा इस समय आतंकी हमले के कारण शोक का माहोल है। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में बाहरी राज्यों से भी छात्र-छात्राएं भी प्रतिभाग कर रहे हैं, उनकी हौशला अफजाई हेतु वे यहां आये है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश है। यहां साहसिक पर्यटन की अपार सम्भावनाये है।प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियों को बढाने के लिये 13 जिलों में 13 नए डेस्टिनेशन का विकास किया जा रहा है। इसी योजना के अन्तर्गत जल क्रीडाओं हेतु हरिपुरा बौर जलाशय को चिन्हित कर पर्यटन हेतु विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। टिहरी को भी वाटर स्पोर्टस के डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किया गया है। प्रदेश में नैनीताल व मंसूरी का पर्यटन के क्षेत्र में पुराना इतिहास है। राज्य में नये पर्यटन स्थलों का विकास हो इस दिशा में पहल की जा रही है। राज्य में सड़क, रेल व हवाई सेवाओं के विकास से प्रदेश के प्रति पर्यटकों का रूझान बढा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद उधमसिंह नगर जलाशयों का जनपद है, यहा वाटर स्पोर्टस की अपार सम्भावनाये है। हमारे पास प्रकृति की दी हुई अपार सम्पदा है, उनका उपयोग होना अब शुरू हुआ है। भविष्य में हरिपुरा बौर जलाशय साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में काफी उपयोगी होगा। उन्होने कहा कि हम सभी को नई सोच के साथ भविष्य की परिकल्पनाओं को साकार करना होगा।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि इस तरह के आयोजनो से इस क्षेत्र में जहां पर्यटकों को आवागमन बढेगा वही इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। उन्होने कहा जिला प्रशासन द्वारा नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिता हेतु कम समय में सभी अवस्थापना सुविधा उपलब्ध करायी है।
जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने बताया जल क्रीडा प्रतियोगिता में रूची लेने वाले छात्र-छात्रओं को पूर्व में प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया। इस नेशनल जल क्रीडा प्रतियोगिता में चंडीगढ, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमांचल प्रदेश, झारखण्ड,इण्डियन आर्मी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गोआ व जनपद उधमसिंह नगर की टीमों द्वारा भाग लिया गया।
इस अवसर पर खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सांसद बलराज पासी, मण्डलायुक्त राजीव रौतेला, भारतीय ओलम्पिक संघ के महासचिव व एशियन खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष राजीव मेहता, उत्तराखण्ड ओलम्पिक संघ के महासचिव डा. डीके सिंह, सिल्वर मेडल विजेता श्वेता सैलिंग, सीडीओ मयूर दीक्षित आदि उपस्थित थें।

देहरादून सिटी टॉप-10 में शामिल

अगर आप उत्तराखंड में रहते हैं और खासतौर पर देहरादून में निवास करते हैं, तो आपके लिए खुशी का पल है। हाल ही में जागरन डॉट कॉम, KMPG और फेसबुक पर एक सर्वे किया गया है। इसमें लोगों से पूछा गया था कि सुरक्षा के लिए लिहाज से देश का सबसे सुरक्षित शहर कौन है? कौन सा ऐसा शहर है, जहां लोग खुद को महफूज महसूस करते हैं ? आपको जानकर खुश होगी कि देहरादून इस लिस्ट में पहले नंबर पर है।
सबसे खास बात ये है कि इस लिस्ट में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू जैसे महानगर टॉप-10 में जगह भी नहीं बना पाए। सुरक्षा के लिहाज से ये ब़ड़े शहर देहरादून के आगे बिल्कुल भी नहीं टिकते। एक वेबसाइट में बताया गया है कि ये सर्वे कुल मिलाकर 14 हजार लोगों पर किया गया है। हालांकि इस लिस्ट में इंदौर पहले नंबर पर है लेकिन वो सिर्फ रहने के लिहाज से पहले नंबर पर है।

जहां तक सुरक्षा की बात करें, तो देहरादून पहले नंबर पर बना हुआ है। देशभर में रहने के लिहाज से देहरादून तीसरे नंबर पर है, जबकि सुरक्षा के लिहाज से पहले नंबर पर है। ये हैं देश के 10 टॉप टेन शहर।
1- इंदौर
2- लखनऊ
3- देहरादून
4- वाराणसी
5- रायपुर
6-रांची
7- मेरठ
8-लुधियाना
9- पटना
10- कानपुर
सुरक्षा के लिहाज से देहरादून देशभर में पहले नंबर पर बना हुआ है। इसलिए अगर आप देहरादून से हैं, तो आपके लिए इससे गर्व का मौका कोई हो नहीं सकता। इससे पहले NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का एक सर्वे आया था, जिसमें कहा गया था कि उत्तराखंड में अपराध सबसे कम हैं और ये राज्य देश का सबसे सुरक्षित राज्य है।

उधम सिंह नगर में कार्निवाल का होगा आयोजन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में ऊधमसिंह नगर कार्निवाल के ‘‘लोगो‘‘ एवं वेबसाईट लाॅच की। 16 से 20 फरवरी 2019 तक आयोजित होने वाले इस कार्निवाल में एडवेंचर, कल्चरल एवं बिजनेस प्रमुख आकर्षण रहेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों में युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी होनी चाहिए। इससे युवा शक्ति को सकारात्मक राह भी मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं के कौशल विकास के प्रति विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दिशा मे कई कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास युवाओं में अधिक से अधिक स्वरोजगार के प्रति जागरूकता लाने का हैं। इस दिशा में विभिन्न जनपदों में आयोजित होने वाले कार्निवाल जैसे आयोजन काफी मददगार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन लोक संस्कृति व लोक कला को भी पहचान दिलाने का कार्य करते हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर नीरज खैरवाल ने कहा कि जनपद में छिपी हुई प्रतिभाओ को आगे बढाने व उन्हें इस दिशा में मंच प्रदान करने के उद्देश्य से उधम सिंह नगर कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है। ऊधमसिंह नगर कार्निवाल में वाॅलीवुड नाईट, कव्वाली, कवि सम्मेलन, सूफी नाईट, फोटोग्राफी, वाॅल पेंटिग, ड्राईग, कूकिंग के साथ-साथ हरिपुरा बौर जलाशय मे वाटर स्पोर्टस सहित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। रूद्रपुर स्टेडियम को कार्निवाल विलेज बनाया गया है।

कूड़ा निस्तारण पर सरकार का विशेष ध्यानः त्रिवेन्द्र

उत्तराखंड सरकार कूड़ा निस्तारण की दिशा में विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए हरिद्वार में कूड़ा निस्तारण को एक बड़ा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में नीदरलैंड के विशेषज्ञ काम कर रहे है। प्रोजेक्ट सफल रहा था तो इससे एविशन फ्यूल, खाद आदि तैयार की जा सकेगी। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत पहले सब्सिडी 30 प्रतिशत मिली थी, जोकि अब बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जा रही है।

उन्होने कहा कि डोइवाला के आसपास करीब 25 से 50 एकड़ भूमि पर फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भूमि तलाशी जाएगी। उत्तराखंड फिल्म जगत के हिसाब से पूरी तरह परिपूर्ण है, यहां की वादियों को कैमरे में कैद किया जाएगा। बड़े पर्दे पर उत्तराखंड की सौंदर्य छवि देखने को मिलेगी। इससे यहां पर्यटन बढ़ेगा।

उन्होने कहा कि अटल आयुष्मान योजना से राज्य में अब तक चार लाख 46 हजार गोल्डन कार्ड लोगों के बनाए जा चुके है। जबकि प्रतिदिन 35 हजार गोल्डन कार्ड विभिन्न क्षेत्रों में बन रहे है। इस योजना के मरीजों के बिल का भुगतान सरकार 15 दिनों के भीतर करेगी। साथ ही सप्ताह भर की निशुल्क दवाइयां भी देने का प्रावधान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी) शुरू किए जाने पर काम चल रहा है।

क्लीन फ्यूल से संचालित वाहनों को किया कर मुक्त

उत्तराखण्ड राज्य में समस्त मोटर वाहनों पर मोटर वाहन कर को अधिक तर्कसंगत बनाने, कर प्रणाली को अधिक सरल करने, राज्य के राजस्व में वृद्धि करने एवं परिवहन व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य में मोटर वाहन कर की दरों को निम्नानुसार संशोधित किया गया है।

1. निजी मोटर यानों पर एक बार देय कर का निर्धारण यान के मूल्य पर आधारित किया गया है। उसमें दुपहिया यान के 03 वर्ग यथा-50 हजार रूपये मूल्य तक के लिए यान के मूल्य का 07 प्रतिशत, 50 हजार से 01 लाख रूपये मूल्य तक के लिए यान के मूल्य का 08 प्रतिशत और 01 लाख रूपये से ऊपर मुल्य के लिए यान के मूल्य का 09 प्रतिशत कर की दर निर्धारित की गई है। इसी प्रकार चार पहिया मोटर यान के 03 वर्ग यथा- 05 लाख रूपये मूल्य तक के लिए 08 प्रतिशत, 05 लाख से 08 लाख रूपये मूल्य तक के लिए 09 प्रतिशत और 10 लाख रूपये से ऊपर मूल्य के लिए यान के मूल्य का 10 प्रतिशत एक बार देय कर की दर निर्धारित की गई है। वायु प्रदूषण नियंत्रण को कम करने की दृष्टि से विद्युत बैटरी अथवा सोलर पावर अथवा सीएनजी से चालित यानों के लिए एक बार देय कर से छूट प्रदान की गई है।

2. वर्तमान में ड्राईवर को छोडकर 06 सीट तक की मोटर टैक्सी एवं 07 से 12 सीट तक की मैक्सी कैब के लिए क्रमशः 430 रूपये व 510 रूपये प्रति सीट प्रति त्रैमास कर की दरें निर्धारित है। सरलीकरण के उद्देश्य से उन दोनों प्रकार के यानों के लिए एक समान 500 रूपये प्रति सीट त्रैमास कर की दर निर्धारित की गई है। माल यान के लिए वर्तमान 230 रूपये प्रति टन त्रैमास कर की दर में मामूली वृद्धि करते हुए उसे 270 रूपये प्रति टन प्रति त्रैमास निर्धारित किया गया है। कृषि प्रयोजन से भिन्न व्यवसायिक प्रयोजन में प्रयुक्त टैªलर के सकल यान भार के प्रत्येक मीट्रिक टन के लिए पहली बार माल यान की भांति 270 रूपये प्रति मीट्रिक टन प्रति त्रैमास कर की दर निर्धारित की गई है।

3. ड्राईवर को छोडकर तीन पहिया मोटर यान, जिसमें तीन व्यक्तियों तक बैठने की क्षमता हो, प्रत्येक सीट के लिए 730 रूपये के स्थान पर 800 रूपये वार्षिक और 03 से अधिक 06 व्यक्तियों तक बैठने की क्षमता वाले तीनपहिया मोटर यानकी प्रत्येक सीट के लिए 845 रूपये के स्थान पर 01 हजार रूपये वार्षिक कर की दर निर्धारित की गई है। दोनों मामलों में 07 हजार रूपये एक बार देय कर की दर निर्धारित की गई है, जो स्वैच्छिक हैै। वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के उद्देश्य से विद्युत बैटरी अथवा सोलर पावर अथवा सीएनजी से चालित यानों से देय कर के 20 प्रतिशत के बराबर छूट प्रदान की गई है।

4. राज्य के पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, पर्वतीय मार्गों पर मैदानी मार्गों की तुलना में संचालन व्यय अधिक होता है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में आम जनता को पर्याप्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की अनिवार्य आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पर्वतीय मार्गों पर संचालित मंजिली गाडियों की कर की दरें मैदानी मार्गों की तुलना में आधी रखते हुए प्रति सीट प्रति माह कर की दर रूपये 50.00 निर्धारित की गई है।

5. आम जनता को अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु नगर बसों के संचालन को बढावा देने के लिए नगर निगम या नगरपालिका की सीमा के भीतर संचालित नगर बसों की 85 रूपयें प्रति सीट प्रति मास की दर को 50 रूपये प्रति सीट प्रति मास रखा गया है। मैदानी मार्गों में संचालित मंजिली गाडियों की वर्तमान दर में लगभग 18 प्रतिशत मामूली की वृद्धि की गई है।

6. राजस्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अस्थाई रूप से पंजीकृत मोटर यानों तथा डीलर के कब्जे में रखी गई वाहनों की दरों में मामूली वृद्धि की गई है।
7. पेट्रोल चलित यानों की तुलना में डीजल चालित यानों पर ग्रीन उपकर की दरें अधिक रखी गई है।
(क) पेट्रोल चालित कार- 1500.00
(ख) डीजल चालित कार- 3000.00
पर्यावरण को प्रदूषित रहित बनाने के उद्देश्य से क्लीन फ्यूल (सौर ऊर्जा बैटरी सीएनजी) से संचालित वाहनों को कर मुक्त कर दिया गया है।

8. मेलों, धार्मिक सभाओं में यात्रियों को लाने ले जाने के लिए अस्थाई परमिट पर चलने वाले वाहनों तथा बारात, पर्यटक यात्रियों या अन्य आरक्षित पार्टियों की सवारियों के लिए विशेष परमिट पर संचालित वाहनों के लिए विशेष कर की वर्तमान 08 रूपये प्रति सीट कर की दर में मामूली वृद्धि करते हुए 10 रूपये प्रति सीट की गई है।

9. अन्य राज्यों से अस्थाई परमिट पर उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले माल यानों एवं ठेका यानों आदि, के लिए कर की दरें तर्कसंगत किया गया है।

10. ऐसे निजी मोटर यान जो परिवहन यान के रूप में चलते हुए पाये जायें, के द्वारा किये जा रहे अनधिकृत संचालन को रोकने के लिए और ऐसी प्रवृति को हतोत्साहित करने के लिए कर की दरें निर्धारित की गई है।

विश्व के टॉप-10 में दून का चिड़ियाघर

देहरादून का चिड़ियाघर न सिर्फ देश, बल्कि विश्वभर में खूब चमक बिखेर रहा है। सोशल साइट फेसबुक के ऑफीशियल पेज पर सक्रिय दुनिया के 181 चिड़ियाघरों की रैंकिंग में उसे टॉप टेन में जगह मिली है, जबकि देश में वह पहले स्थान पर है। नेचर पार्क की तर्ज पर विकसित हो रहे देहरादून जू ने यह अहम उपलब्धि महज 45 दिन के अंतराल में हासिल की है।

यूं तो दुनियाभर में चिड़ियाघरों की संख्या हजारों में है, मगर फेसबुक के ऑफीशियल पेज पर 181 ही सक्रिय हैं। इनमें इसी साल पांच जून को शामिल हुआ देहरादून जू भी है। देहरादून जू के निदेशक पीके पात्रो के अनुसार फेसबुक के लाइक एलीजर सॉफ्टवेयर के जरिये यह रैंकिंग तय की जाती है। इसमें सभी चिड़ियाघर अपनी गतिविधियां इस पेज पर शेयर करते हैं। फिर लाइक, पोस्ट, कमेंट और प्रत्येक जू पर लोगों के ठहराव जैसे बिंदुओं के आधार पर सॉफ्टवेयर के जरिये इनकी रैंकिंग तय की जाती है, जो लाइक एलीजर पर देखी जा सकती है। इस रैंकिंग के ताजा आंकड़ों ने देहरादून जू को भी खिलखिलाने का मौका दे दिया। यह बताता है कि न सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी देहरादून जू को लोग खासा पसंद कर रहे हैं।

देहरादून में मसूरी मार्ग पर मालसी में वर्ष 1976 में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में वन चेतना केंद्र की स्थापना की गई। बाद में वहां हिरणों की कुछ प्रजातियां रखी गईं और नाम दिया गया मालसी डीयर पार्क। धीरे-धीरे यहां रेसक्यू किए जाने वाले पशु-पक्षी भी रखे जाने लगे और फिर शुरू हुई इसके उच्चीकरण की कवायद। 2012 में इस पार्क को मिनी जू का दर्जा मिला और 2015 में यह देहरादून जू बना।

सालभर में साढ़े छह लाख पर्यटक
नेचर पार्क की तर्ज पर विकसित हो रहे देहरादून जू में 350 पशु-पक्षी मौजूद हैं। इसके साथ ही वहां एक्वेरियम, फन पार्क कैक्टस पार्क सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हैं। देहरादून जू के निदेशक पीके पात्रो के मुताबिक सैलानियों की संख्या हर साल बढ़ रही है। 2014-15 में यहां 2.10 लाख पर्यटक आए, जबकि 2015-16 में 3.20 लाख, 2016-17 में 4.30 लाख और 2017-18 में 6.50 लाख।

जल्द सुनाई देगी टाइगर की दहाड़
देहरादून जू में जल्द ही टाइगर की दहाड़ सुनाई देगी। इसके अलावा भालू, हाइना, घड़ियाल समेत अन्य वन्यजीव भी इसकी शोभा बढ़ाएंगे। जू के निदेशक पात्रो के मुताबिक इन जानवरों को देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से लाया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा गया है।

जल्द मिलेगी ऋषिकेश को पर्यटन हब के रूप में नयी पहचान

ऋषिकेश के आईडीपीएल में पर्यटन विभाग वेलनेस सिटी बनाने जा रही है। जिसके बाद ऋषिकेश की पहचान में और इजाफा होगा। इसे पर्यटन हब के रूप में पहचान मिलेगी। इसके लिये विभाग ने तैयार शुरू कर दी है। आईडीपीएल की 633 एकड़ भूमि का उपयोग इस वेलनेस सिटी बनाने के लिये किया जायेगा। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस प्रोजेक्ट में काम शुरू कर दिया जाये।

डेवलपमेंट सपोर्ट सर्विस टू स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत ऋषिकेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन हब के रूप में देखा जा रहा है। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पर्यटन विभाग ने वेलनेस सिटी की योजना तैयार की है। पर्यटकों को योग, संस्कृति, गंगा, नेचर, रिसोर्ट, हेल्थ सेंटर, बाजार, कॉरपोरेट डेस्टिनेशन जैसी सुविधाएं इस वेलनेस सिटी में मिलेंगी। वेलनेस सिटी आइडीपीएल को आवंटित 633 एकड़ यानि साढ़े तीन हजार बीघा जमीन पर बनेगी।

इसके लिए पर्यटन विभाग ने तकनीकी सलाहकार के रूप में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। इसके लिए स्वीडन, अमेरिका, आयरलैंड, बैंकॉक समेत अंतरराष्ट्रीय मानक पूरा करने वाली नौ कंपनियां आगे आई हैं। इन कंपनियों का चयन इसी माह कर लिया जाएगा। इसके बाद एक साल के भीतर वेलनेस सिटी के निर्माण की कार्रवाई शुरू होगी। वेलनेस सिटी का निर्माण पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर किया जाना है। इससे राज्य सरकार पर बजट का भार नहीं पड़ेगा।

मिलेगा रोजगार
पर्यटन विभाग का मानना है कि इस योजना से जहां राज्य के पर्यटन को पंख लगेंगे, वहीं, हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय उत्पादों से लेकर लोक संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।