कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त में सीएम रहे मौजूद, पीएम के नाम पर कराई पहली पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अब अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। आज पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की। उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मां यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ एवं 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का देव भूमि आगमन पर स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हर्षाेल्लास के साथ होगी। उन्होंने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, मां यमुनोत्री एवं गंगोत्री की कृपा सभी पर बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर मां गंगा जी का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए देश विदेश से जो भी श्रद्धालु आएंगे उन्हे दर्शन कराए जाएंगे। चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सभी व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12ः15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वार्थ अमृत सिद्ध योग पर 12ः35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीया के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रातः 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मुहूर्त में 12ः41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिलाध्यक्ष बीजेपी सतेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष कॉपरेटिव बैंक विक्रम सिंह सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, श्रद्धालु एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जौनपुर टिहरी में सीएम ने की नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागथात (बिरौड़) जौनपुर टिहरी गढ़वाल पहुंचकर नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूजा अर्चना कर प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नागथात बिरोड़ मुंगाथात (अणदणा) अषाड़ थात को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया जायेगा। नागथात मन्दिर के प्रांगण का सौंदर्यीकरण एवं विस्तारीकरण किया जायेगा। पुरोला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत डरोगी तक मोटरमार्ग के नव निर्माण की घोषणा की गई। कुकड़सारी से भद्रीगाड़ तक मोटरमार्ग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है जब भगवान नागराजा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है और हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो हमको इस पावन मौके पर भगवान नागराजा का साक्षात आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे मेले थोलों का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है और हमारे पूर्वजों की अपनी धरोहर को बचाने में एवं उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उन्ही के प्रयासों से आज हमारे मेले, त्योहार और संस्कृति जीवित है। राज्य सरकार मेलों के संरक्षण, उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने एवं उसके संवर्द्धन हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य के मेले और संस्कृति राज्य तक ही सीमित न रहे इन्हें देश विदेश में पहचान मिले इसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। वैश्विक पटल पर हमारी संस्कृति को एक पहचान मिले इसके लिए भी कार्य कर रहे है। दैवीय स्थानों, पूजा स्थलों, पौराणिक स्थलों को विकसित कर तीर्थाटन और पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे प्रदेश में पर्यटकों एवं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पलायन पर रोक लगेगी। उत्तराखण्ड को देश और दुनिया की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी बनाने के लिए हम निरन्तर प्रयासरत है। केन्द्र एवं राज्य सरकार उत्तराखण्ड के गांवों एवं युवाओं को सशक्त बनाने एवं मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। हमारे युवा आज उद्यमों को अपना कर हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वहीं मातृशक्ति स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अनेक उत्पादों का निर्माण कर रही हैं, इन उत्पादों को बाजार मिले इसके लिए प्रयास कर रहे है। सुदुर गांव तक सभी सुविधाएं पहुंच सके इसके लिए कार्य किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि भगवान नागराजा का यह पौराणिक स्थल नागटिब्बा की तर्ज पर विकसित होकर पर्यटन के मानचित्र पर दर्शित होगा। देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में सभी का सहयोग प्राप्त होगा और उत्तराखण्ड देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में इस बार पिछले साल से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, उसके लिए समुचित कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की धरती से कहा कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा, उस दिशा में आगे बढ़ रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्त्तव्य पर्थ पर उत्तराखण्ड की ‘मानसखण्ड‘ झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो हमारे लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर विधायक धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, राजपुर विधायक खजान दास, पुरोला विधायक दुर्गेश लाल द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
इस मौके पर पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा, डीसीबी अध्यक्ष सुभाष रमोला, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मीरा सकलानी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता रावत, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्र, सीएमओ मनु जैन, एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

दिव्य श्रीराम कथा के दूसरे दिन पहुंचे मंत्री अग्रवाल

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दिव्य श्रीराम कथा के दूसरे दिन शिरकत की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
प्राचीन सोमेश्वर महादेव प्रांगण में हो रही भव्य श्री राम कथा के दूसरे दिवस में संत श्री लक्ष्मी नारायणनंद जी महाराज ने सत्संग की महिमा एवं संतों की महिमा की कथा श्रवण कराया।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अपने कर्तव्य कर्मों को करने के साथ-साथ सत्संग भी आवश्यक है, जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त होती है हम सदैव स्वस्थ रहते हैं। उसी प्रकार मनुष्य को सत्संग भी आवश्यक है क्योंकि सत्संग से आत्म बल बढ़ता है और जिस मनुष्य का आत्मा बल बढ़ जाता है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि सत्संग जीवन में हर प्रकार के दुखों से निवृत होने को तैयार रहता है। रामकथा हमें सरल व विनम्र बनाती है एवं मनुष्य के जीवन में मर्यादा आती है। उन्होंने कहा कि राम हमारे आदर्श हैं इसलिए रामचरित्र को श्रवण करके एक आदर्शवादी इंसान बनने का प्रयास चाहिए। अगर मनुष्य पर कोई भारी दुख भी आ जाए तो उसे उस दुख से हताश नहीं होना चाहिए।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार राजवंश में जन्म लेकर भगवान को 14 वर्ष का वनवास मिला, परंतु वह दुखी नहीं हुए। उन्होंने वन में रह कर के भी इस बात को साबित कर दिया कि मनुष्य चाहे तो उसके लिए वन भी 100 अवध के समान हो सकता है। मनुष्य अपने गुण और कर्मों को निखारे और गुण और कर्म से ही मनुष्य की जगत में ख्याति होती।

इस दौरान महंत रामेश्वर गिरी महाराज, पुनीत गिरी महाराज, संगम गिरी महाराज, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, रमेश अरोड़ा, प्रतीक कालिया, विजय शर्मा आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हुई घोषित

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे। जबकि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन 12 अप्रैल निश्चित हुआ। राजदरबार नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने पंचांग गणना पश्चात विधि विधान से कपाट खुलने की तिथि का विनिश्चय किया तथा महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की।
वहीं, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा अर्थात भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल तेल पिरोने हेतु 12 अप्रैल की तिथि निश्चित हुई। समारोह में टिहरी राजपरिवार सहित श्री बदरी-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। इससे पूर्व श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने तेलकलश राज महल के सुपुर्द किया। इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, राजकुमारी शिरजा शाह, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, स्वामी मुकुंदानंद, नितेश चैहान, मंदिर समिति सदस्य, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, राजपाल जड़धारी, डिमरी धार्मिक पंचायत अध्यक्ष विनोद डिमरी, तथा मंदिर समिति पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, अनिल ध्यानी, भुवन चंद्र उनियाल, राधाकृष्ण थपलियाल, आरसी तिवारी, रमेश नेगी, रवीन्द्र भट्ट, प्रमोद नौटियाल, डा. हरीश गौड़, टीका प्रसाद, नरेंद्र डिमरी राजेंद्र डिमरी हेमचंद्र डिमरी अनुज डिमरी, माधव नौटियाल, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल आदि मौजूद रहे। मंदिर समिति की ओर से बताया गया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि 18 फरवरी को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। अक्षय तृतीया इस वर्ष 22 अप्रैल को है श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है। इस संबंध में श्री गंगोत्री तथा यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने की तिथि और समय की घोषणा की जाएगी।

श्री भरत जी महाराज को गंगा स्नान कराने के लिए उमड़े श्रद्धालु

ऋषिकेश वसंतोत्सव के तहत बसंत पंचमी के पावन पर्व पर तीर्थनगरी में गाजे-बाजे के साथ श्री भरत भगवान की डोली शोभायात्रा निकाली गई। घंटे गढ़ियालो और पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ निकली धर्म यात्रा का श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर शहरभर में स्वागत किया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने हृषिकेश नारायण भगवान भरत महाराज के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने भरत भगवान को भोग लगाकर सुख समृद्धि की मनौती भी मांगी। माना जाता है कि बसंत पंचमी से ही होली महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है। आज ही के दिन भरत महाराज को रंगों से होली भी खिलाई जाती है और सभी भक्तगण एक-दूसरे पर गुलाल फेंक कर भगवान के साथ होली भी मनाते हैं। पितांबर रंग जिसे हम पीला रंग कहते हैं वह भगवान को बहुत ही प्रिय है। इसलिए लोग गुलाल चढ़ाकर और भगवान को भेली का भोग बसंत पंचमी में लगाया जाता है। उधर बसंत पंचमी के अवसर पर प्राचीन श्री भरत मंदिर परिसर में आयोजित मेले में लोगों ने झूलों और विभिन्न व्यंजनों का भी जमकर लुफ्त उठाया।
बसंत पंचमी पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त में पौराणिक श्री भरत मंदिर में भगवान श्री भरत नारायण की विधिवत पूजा अर्चना शुरू हुई। दोपहर में आरती पूजन के बाद श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज के परम सानिध्य में बैंड बाजे और पहाड़ के पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र की थाप के बीच श्री भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा मायाकुंड स्थित गंगा तट पर श्री भरत नारायण भगवान की प्रतिमा को विशेष पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी द्वारा शालिग्राम भगवान भरत नारायण जी को गंगा में स्नान कराया गया। तत्पश्चात भगवान को नगर भ्रमण कराया गया। धर्म यात्रा विभिन्न मुख्य मार्गो से होते हुए गुजरी। इसके बाद मंदिर में भगवान की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया गया। यात्रा में श्री भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर पब्लिक स्कूल, श्री हेमकुंड गुरुद्वारा स्थित गुरमत संगीत विद्यालय, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, संत समाज, स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
धर्म यात्रा में हुए शामिल बसंत उत्सव के मेला अध्यक्ष मेयर अनीता ममगाई, संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, नरेंद्र जीत बिंद्रा, शर्मा, दीप शर्मा, महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, मेजर गोविन्द सिंह रावत, धीरेन्द्र जोशी, जयेन्द्र रमोला, रामकृपाल गौतम, सुरेन्द्र भट्ट, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, जितेन्द्र बिष्ट, अशोक अग्रवाल, मधुसूदन शर्मा, बचन पोखरियाल, राकेश मियां, राजपाल खरोला, रंजन अंथवाल, प्रवीण रावत, विवेक शर्मा आदि उपस्थित रहे।

विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गंगा तट हुआ गुंजयमान

श्री शत्रुघ्न घाट मुनिकीरेती में आज माँ गंगा की दैनिक आरती से पूर्व भारत एवं इंडोनेशिया सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों देशों के कलाकारों ने आध्यात्म एवं भारतीय संस्कृति से जुडे विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री शत्रुघ्न मंदिर के महन्त एवं गंगा गौ सेवा समिति के अध्यक्ष महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य, इंडोनेशिया बाली शहर में गाँधीपुरी आश्रम के संस्थापक पद्मश्री सम्मान से सम्मानित इन्दिरा उदयाना, गढभूमि लोक संरक्षण समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास, रमाबल्लभ भट्ट, पतंजलि योग संस्थान मुनिकीरेती की संस्थापिका ऊषा माता ने संयुक्तरुप से दीप प्रज्वलन कर किया। उसके बाद श्री दर्शन महाविद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंगलाचरण एवं गणेश वन्दना प्रस्तुत की। उसके पश्चात जर्मनी से मैनफ्रेड एवं क्रिस्टा ने सुन्दर भजन प्रस्तुत किये। पंचाक्षर शिव स्तोत्र पर इंडिया गो टैलेंट की सेमीफाइलिस सुजाता राय ने बहुत सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया। इंडोनेशिया से आये हुए कलाकारों ने चोंडोंग डांस ,चन्द्रावासी डांस एवं योगा आर्ट डांस प्रस्तुत किया। डाँक्टर रीता वत्स ने विष्णु वन्दना एवं शिव वन्दना पर बहुत सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आनंद सैकड़ों की संख्या में स्थानीय एवं भारत वर्ष के विभिन्न प्रांतों से आये हुए लोगों ने लिया।
महन्त मनोज प्रपन्नाचार्य ने बाताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों की संस्कृति को आदान-प्रदान करना एवं प्रचार-प्रसार करना है। उन्होंने कहा ऋषिकेश आध्यात्मिक नगरी है इस प्रकार के कार्यक्रमों से एक अच्छा संदेश जाता है। आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल के संचालन में चल रहे इस कार्यक्रम में बीना जोशी, पुष्पा ध्यानी, घनश्याम नौटियाल, मनमोहन शर्मा, सुनील कपरुवान, दरम्यान सिंह रावत, सुरेन्द्र भंडारी, मधुलिका द्विवेदी, मनन द्विवेदी, मीना मदवाण, आरती चौहान, राजीव तिवारी, विजय विष्ट, अंजू गैरोला, विश्वेश्वरी उनियाल, हरि चरण सिंह, विनोद बडथ्वाल सहित आरती के सभी आचार्यों सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद माँ गंगा की होने वाली दैनिक भव्य आरती सम्पन्न हुई।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं

भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम की कपाट बंदी के साथ ही चारधाम यात्रा का भी विधिवत समापन हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए यात्रा के सफल संचालन हेतु तमाम विभागों का भी आभार प्रकट किया है।
गौरतलब है कि इस बार रिकॉर्ड साढ़े छियालीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारधामों के दर्शन किये। अकेले 17 लाख 60 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर पुण्य कमाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री चारधामों के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार रिकॉर्ड यात्रियों का चारधाम की यात्रा पर आना यह भी परिलक्षित करता है कि राज्य सरकार द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्तमान में श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है जिससे आने वाले यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने हालिया दौरे के दौरान केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड धाम के लिए रोपवे की आधारशिला रखी है जिससे आने वाले दिनों में यह दोनों यात्राएं न केवल सुगम बल्कि सुरक्षित हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में जुटे रहे तमाम विभागों के कार्मिकों का भी आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही कुशलता पूर्वक यात्रा संभव हो सकी है।

सीएम ने आवास पर गौ पूजन और तुलसी पूजन किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी धर्मपत्नी गीता धामी के साथ इगास के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गौ-पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने देवउठनी एकादशी के इस पावन अवसर पर तुलसी पूजन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय को सुख, सौभाग्य व समृद्धि प्रदान करने वाली तथा समस्त मनोकामनाएं को पूर्ण करने वाली माना गया है
मुख्यमंत्री ने इगास की बधाई देते हुए लोक पर्व इगास को उत्साह के साथ मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने विशेषकर प्रदेश की युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि वे अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आएं ।

छठ् पूजा के कार्यक्रम में हुए शामिल सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार सायं को खटीमा पहुंचकर संजय पार्क तथा 22 पुल खिलड़िया में आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि छठ मईया की कृपा सदैव सभी पर बनी रहे। सूर्याेपासना का यह पावन पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है और शुद्धता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने कामना करते हुए कहा कि भगवान भास्कर एवं छठी मइया सबकी मनोकामना पूर्ण करें। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने झंकैया में आयोजित रामलीला में भी प्रतिभाग किया।

कैबिनेट मंत्री ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर देश और प्रदेश की उन्नति, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की

सार्वजनिक छठ पूजन समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले मंत्री डॉ अग्रवाल ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर देश और प्रदेश की उन्नति, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर आस्था पथ पर भी पूर्वांचल समाज के लोगों को मंत्री डॉ अग्रवाल ने बधाई दी। साथ ही गंगा में दूध विसर्जित किया।
रविवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने कहा कि छठ पूजा को सूर्य छठ या डाला छठ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। इसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अराधना से होती है।

डॉ अग्रवाल ने छठ शब्द का महत्व बताया। कहा कि शब्द छठ संक्षेप शब्द षष्ठी से आता है, जिसका अर्थ छः है, इसलिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य भगवान की पूजा कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को भी समाप्त करती है और परिवार की दीर्घायु और समृद्धि सुनिश्चित करती है। यह सख्त अनुशासन, शुद्धता और उच्चतम सम्मान के साथ की जाती है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ व्रत करने वालों के घर में हमेशा सुख-समृद्धि और आरोग्यता बनी रहती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ पर्व के दौरान हवा का नियमित प्राणिक प्रवाह गुस्सा, ईर्ष्या और अन्य नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद करता है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश विविधताओं से भरा हुआ है और हमें उन विविधताओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने छठ व्रतियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की मंगल कामना की।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष राम कृपाल गौतम, प्रवक्ता लल्लन राजभर, कार्यक्रम अध्यक्ष शम्भू पासवान, संयोजक प्रदीप दुबे, उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा, महामंत्री परमेश्वर राजभर, कोषाध्यक्ष वीर बहादुर राजभर, जय प्रकाश नारायण, नागेंद्र सिंह, राजू गुप्ता आदि उपस्थित रहे।