छठ् पूजा कार्यक्रम का शुभारंभ, 100 दीपों को किया प्रज्जवलन

सार्वजनिक छठ पूजा समिति की ओर से छठ पूजा की पूर्व संध्या पर 1100 दीपों का गंगा में दान किया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
शनिवार को छठ पूजा की पूर्व संध्या पर त्रिवेणी घाट पर 1100 दीपों का दान किया। मंत्री डॉ अग्रवाल ने छठ पूजा की बधाई दी। साथ ही छठ पूजन आरती में प्रतिभाग कर देश प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान गंगा आरती पर भी शामिल हुए।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जब कोई पर्व सूर्य उदय के साथ-साथ जीवन के उदय का प्रतीक हो जाय तो वह हमारे जीवन में महोत्सव बन जाता है। उन्होंने कहा की अस्त और उदय होते सूर्य की आराधना यानि छठ पूजा व्रत की परम्परा भारत में विहार पूर्वांचल से प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण हिंदुस्तान और विश्व में विस्तारित हो चुकी है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है। कहा कि देश विविधताओं से भरा हुआ है और हमें उन विविधताओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने छठ व्रतियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की मंगल कामना की।
इस अवसर पर शशिप्रभा अग्रवाल, समिति अध्यक्ष राम कृपाल गौतम, लल्लन राजभर, शम्भू पासवान, सीओ डीसी ढौंडियाल, प्रदीप दुबे, कविता शाह, पार्षद शिव कुमार गौतम, बृजेश शर्मा, जयंत शर्मा आदि उपस्थित रहे।

बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण की झांकियों ने मोहा मन, मधुबन आश्रम से निकली झांकी

शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम द्वारा नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, श्री कृष्णाचार्य जी महाराज, महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना की।

मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री डॉ अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया। मंत्री डॉ अग्रवाल जी ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। साथ ही रस्सी के सहारे रथ को खींचा।

मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला मुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।

यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।

श्री बदरीनाथ सहित चारों धामों के बंद होने की तिथि की हुई घोषणा

उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शनिवार शाम 3 बजकर 35 मिनट के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर को 12 बजकर 1 मिनट पर अनकूट के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
भैया दूज के अवसर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धामी के कपाट बंद किए दिए जाएंगे। भैया दूज के पावन पर्व पर आने वाली 27 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छह माह तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
बुधवार को यमुना मंदिर में यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल एवं पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल की उपस्थिति ने यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों द्वारा दशहरे के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया।
भैया दूज के पावन पर्व पर 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर सर्व सिद्धि योग, अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए छह माह तक बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। जिसके बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम में पुनः मां यमुना के कपाट विधिवत दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकालने के इस दौरान यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, लखन उनियाल, अमित उनियाल, सच्चिदानंद उनियाल, रामस्वरूप उनियाल सहित तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

तीर्थ यात्रियों का टूटा रिकॉर्ड
बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का रिकॉर्ड टूटा है। इस साल 2022 में अब तक 38 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री दर्शन करने को धामों में पहुंचे हैं। 8 मई से खुले बदरीनाथ धाम में 3 अक्टूबर तक 1443174 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। जबकि, 6 मई से खुले केदारनाथ धाम में 3अक्टूबर तक 1323949 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 3 मई से खुले यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम में क्रमश 456885 और 580170 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किया है।

नवरात्रों में मां की पूजा का है विशेष महत्व-अग्रवाल

हिमालय देवी मंदिर समिति की ओर से मां कालरात्रि का पूजन धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुए मां कालरात्रि की विशेष आरती में प्रतिभाग किया।
छिद्दरवाला में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने माँ कालरात्रि के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को माता का रूप माना जाता है। माँ कालरात्रि ने महिषासुर जैसे दैत्य का संहार कर भक्तों का दुख दूर किया था। उसी प्रकार आज भी माँ अपने भक्तों के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने कहा कि माँ का सच्चे मन से स्मरण करने पर सारे दुःखों का निवारण होता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि मां कालरात्रि भयानक ​दिखती हैं लेकिन वे शुभ फल देने वाली हैं। मां कालरात्रि से काल भी भयभीत होता है। कहा कि देवी अपने भक्तों को भय ये मुक्ति और अकाल मृत्यु से भी रक्षा करती है। शत्रुओं के दमन के लिए भी इस देवी की पूजा की जाती है। डॉ अग्रवाल ने इस सुंदर आयोजन के लिए हिमालय देवी मंदिर समिति को बधाई दी।
इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष डोईवाला सुमित्रा मनवाल, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, हरभजन सिंह सौंधी, प्रधान सोबन सिंह कैंतुरा, पूर्व प्रधान हरीश कक्कड़, प्रधान प्रतिनिधि बलविंदर सिंह लाला, अध्यक्ष गोरखा सुधार सभा कृष्ण कुमार थापा, अध्यक्ष माता हिमालय देवी मंदिर दिल बहादुर खत्री, शम्भू गुरुंग, बुद्ध बहादुर, दिगंबर थापा, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, अम्बर गुरुंग, आनंद भंडारी, रोबिन राणा, सन्तोषी शर्मा, संजना भंडारी, ममता भंडारी, संगीता गुरुंग, राज कुमार भंडारी, आरती थापा, स्नेह लता भंडारी, गीता भंडारी, अनिल भंडारी, गणेश शर्मा, रमन रांगड़, हरीश पैन्यूली आदि उपस्थित रहे।

पुलिस लाइन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव कार्यक्रम मनाया

पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने बतौर मुख्य अतिथि एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा भगवान कृष्ण और राधा पर आधारित गीतों को प्रस्तुत किया गया जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। इस मौके पर छोटे बच्चों ने कृष्ण और राधा पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किए।
इस दौरान राज्यपाल ने जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हमारे लिए सदैव एक उत्साह, आनंद, प्रेरणा और उमंग लेकर आता है। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन चरित्र, व्यक्तित्व और उनके उपदेश हमें अलौकिक मार्ग दिखाते हैं। उन्होंने कहा की पुलिस प्रशासन का यह एकमात्र त्यौहार होता है जिसे काफी बेहतर तरीके से मनाया जा रहा है। पुलिस प्रशासन 24 घंटे जनता की सेवा में तत्पर रहती है और आज उनके के लिए यह त्योहार महत्वपूर्ण होता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का प्रत्येक अवतार मनुष्य को जीवन जीने कि नई सीख देता है। भगवान श्री कृष्ण की प्रेरणा मनुष्य को सफल एवं समृद्ध बनाती है। उन्होंने कहा जब-जब धर्म की हानि हुई भगवान श्री कृष्ण ने विभिन्न अवतारों में धर्म एवं संसार की रक्षा की है।
कार्यक्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक सविता कपूर, विधायक खजान दास, गीता धामी, डीजीपी अशोक कुमार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बग्वाल मेले में पहुंचे सीएम, हजारों श्रद्धालुओं के साथ देखी पौराणिक परंपरा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। इस अवसर पर उन्होंने देवीधुरा में पुलिस चौकी के निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा की संस्कृति और संस्कार के इस उत्तराखंड प्रदेश के चम्पावत, देवीधुरा में स्थित मां वाराही धाम को शीश झुकाकर कोटिश प्रणाम करता हूं। इस क्षेत्र में अवस्थित भीम शिला, आदि शक्ति गुफा, एवं समस्त देवी-देवताओं के आशीर्वाद से 2021 को बग्वाल मेले को राजकीय मेला घोषित किया गया था। कोरोना काल में दो साल से प्रतीकात्मक बग्वाल आयोजित की जा रही थी। उन्होंने कहा कि रक्षा बन्धन के शुभ अवसर पर बग्वाल युक्त इस मेले से देवीधुरा चम्पावत की प्रसिद्धि, ख्याति पूरे देश भर में ही नहीं अपितु विदेशों में भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा की जोशीमठ के सितूण में स्थित माता सीता के 4 दशक एवं 2 वर्ष बाद हो रहे महायज्ञ में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, जहां माता सीता जी को प्रसन्न किये जाने हेतु उनकी विराजमान पाषाण शिला की अर्चना की जाती है, तो वहीं माँ वाराही देवी को प्रसन्न किये जाने हेतु पाषाण युद्ध अर्थात बग्वाल खेला जाता है। उन्होंने कहा देवीधुरा के बग्वाल पूजन से क्षेत्र में खुशहाली आए, फसलों की अच्छी पैदावार हो, क्षेत्र वासी रोग मुक्त हों, निवासियों को अन्न-धन की प्राप्ति हो, ऐसी मेरी प्रार्थना है। उन्होंने कहा कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के अन्तर्गत ही माँ वाराही धाम देवीधूरा को भी जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदारनाथ मंदिर का भव्य एवं दिव्य निर्माण कार्य हुआ है, साथ ही बद्रीनाथ धाम का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जाएगा। चार धाम यात्रा में इस साल रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। उन्होंने कहा ऑल वेदर रोड के निर्माण कार्य से पर्यटक एवं श्रद्धालुओं का सफर सुगम एवं सुरक्षित हुआ है। संपूर्ण देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड राज्य के 25 वें राज्य स्थापना दिवस पर देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य बने।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, अध्यक्ष वन विकास निगम उत्तराखंड कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, भीमताल राम सिंह कैड़ा, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, पूर्व दर्जा मंत्री हयात सिंह मेहरा, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत, मंदिर समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया, खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट, गंगा सिंह चम्याल, बद्री सिंह बिष्ट, वीरेंद्र सिंह लमगड़िया एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

श्री शिव महापुराण कथा सुनने में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब

ग्राम सभा खदरी खड़क माफ में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन कथा व्यास वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि श्रावण मास में शिव महा पुराण कथा सुनाने और सुनने का बड़ा महात्म्य है। हरिनाम कथाएं सुनने से जीवन की व्यथाएं समाप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से कोटिशः कन्याओं के विवाह के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
कथा श्रवण करने वालों में गीता देवी, नीलिमा कोठियाल, सुनीता चौहान, कुसुम ढोंडियाल, ज्योति राणा, अनिता राणा, आशा भट्ट, शशि भट्ट, डोली बोरा, अनुराधा कोठियाल, श्यामा देवी, रामेश्वरी देवी, भागा देवी, संतोषी सिलस्वाल, मधु चमोली, मधु पैन्यूली, संतोषी बलूनी, रजनी बलूनी, बीना पाण्डेय, रामेश्वरी बेड़वाल, जमुना चौहान, चन्द्रकला कुकरेती, कुसुम भट्ट, लखमा देवी नौटियाल, दयाश्वरी देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

11 दिवसीय शिवपुराण कथा का शुभारंभ

खदरी खड़कमाफ में 11 दिवसीय शिवपुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा से हुआ। पहले दिन कथा वाचक शिवस्वरूप नौटियाल ने शिवपुराण के महत्व के बारे में बताया।
शुक्रवार को शिवपुराण कथा के शुभारंभ अवसर पर ढोल दमाऊ की थाप पर क्षेत्र में कलश यात्रा निकाली गई। उसके बाद कलश स्थापना कर कथा का शुभारंभ किया गया। कथा संचालक विनोद जुगलान ने बताया कि आठ वर्षों से हर साल होने वाली यह कथा 29 जुलाई से आठ अगस्त तक 3 बजे से 6 बजे तक ग्यारह दिन तक चलेगी। कथा विश्राम के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
कथा के पहले दिन कथा वाचक वैष्णवाचार्य पंडित शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य के पाप धुल जाते हैं। कथा का श्रवण कर इसका अनुशरण करने वाला मोक्ष की प्राप्ति करता है। इस मौके पर विकास थपलियाल, प्रभु दत्त कोठियाल, जय सिंह चौहान, प्रेमलाल कुलियाल, रोहित, मीना कुलियाल, आरती, शशि भट्ट, आशा भट्ट, अनिता रावत, विजय लक्ष्मी, संतोषी सिलस्वाल, राजी भंडारी, रजनी बलूनी, सांवला देवी, जशोदा नेगी, अनिता पंत, मंजू पंत, उर्मिला रावत, सविता बलूनी, कविता नेगी, नीमा रावत, कांता तिवाड़ी, मीरा पुंडीर आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में लिंगानुपात बढ़ाने को लेकर मंत्री आर्या ने निकाली कांवड़ यात्रा

सावन मास की शिवरात्रि को प्रदेश की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने‌‌ उत्तराखंड में लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ हर की पौड़ी से वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश तक संकल्प कांवड यात्रा निकाली। यात्रा का समापन वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक कर किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उनका जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भव्यय स्वागत किया।
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ लिंगानुपात के प्रति जागरूक किए जाने को लेकर समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड में देवभूमि की तरह देवी भूमि के रूप में पहचान दिलाए जाने की पहल भी है। हरकीपैड़ी से इस यात्रा में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड के सचिव हरि चंद्र सेमवाल, डिप्टी डायरेक्टर सतीश कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी देहरादून अखिलेश मिश्रा, डीपीओ निदेशालय विक्रम सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल, सुपरवाइजर गीता शर्मा, सुनीता जोशी, कविता जाखड़ एवं शहर परियोजना तथा डोईवाला परियोजना की आंगनवाड़ी सुपरवाइजर प्रीति भंडारी, आंगनबाडी-अनुराधा, सुलोचना, पिंकी, संगीता गोयल, देहरादून से आगंबाडी इन्दू छेत्री, आशा थापा, सुधा शर्मा प्रमुख रूप से चल रहे थे। जिनका ऋषिकेश पहुंचने पर वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व राज्यमंत्री संदीप गुप्ता आदि ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया।

सीएम ने हरिद्वार में किया शिवभक्तों का स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हरिद्वार में डामकोठी के निकट गंगा घाट पर शिव भक्तों का स्वागत किया। उन्होंने कांवड़ यात्रा में देवभूमि उत्तराखण्ड आये शिव भक्तों के चरण धोकर एवं गंगाजली देकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डामकोठी में वृक्षारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आये शिव भक्तों में भगवान शिव का अंश दिखता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ की सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चले, इसके लिए सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के लिए पहली बार अलग से बजट की व्यवस्था की गई। सभी कांवड़ श्रद्धालु गंगा जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। श्रद्धालुओं को राज्य में कोई भी परेशानी न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। कांवड़ मेले के सुचारू प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं जिला प्रशासन के कार्यों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में इस वर्ष चारधाम एवं कांवड़ में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। अभी तक 27 लाख से अधिक रजिस्टर्ड श्रद्धालु चारधाम दर्शन के लिए आ चुके हैं। आज 28 लाख से अधिक कांवड़ यात्री देवभूमि उत्तराखण्ड में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करने पड़े, इसके लिए उच्च स्तर पर एक वाट्सप ग्रुप भी बनाया गया है, इस ग्रुप के माध्यम से सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है, मुख्यमंत्री स्वयं इस ग्रुप से जुड़े हैं।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी गढ़वाल के. एस. नगन्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, एस.एस.पी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन एवं शिवभक्त मौजूद रहे।