मुख्यमंत्री के प्रयास हुए सफल, राज्य के अनुरोध को 15वें वित्त आयोग ने स्वीकारा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की 15 वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य के हक में की गई पैरवी आयोग की सिफारिशों में देखने को मिल रही हैं। 15वें वित्त आयोग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को राजस्व घाटा अनुदान दिये जाने की संस्तुति की गई है, जिसके फलस्वरूप राज्य को प्रतिवर्ष लगभग न्यूनतम रू 2000 करोड़ का लाभ होगा। आयोग की सिफारिशों में केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1.052 से बढ़ाकर 1.104 कर दिया गया है, जिससे राज्य को प्रतिवर्ष लगभग रू. 300 से 400 करोड़ का लाभ होगा। डिवोलेशन फार्मूला में वनों का अंश 7.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसे राज्य के अंश में वृद्धि हुई है। राज्य आपदा राहत निधि के अंश में 787 करोड़ रूपए वृद्धि पर सहमति दी गई है। शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं के अनुदान में भी 148 करोड़ रूपए की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के पक्ष को स्वीकारने के लिए 15 वें वित्त आयोग का जताया आभार
15 वें वित आयोग की सिफारिशों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, 15वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य के पक्ष को तार्किक ढंग से बहुत ही स्पष्ट एवं सक्षम तरीके से प्रस्तुत किया गया। उसी का परिणाम है कि विभिन्न बिंदुओं पर आयोग ने अपनी सहमति देते हुए राज्य के पक्ष में संस्तुतियां की हैं। उत्तराखण्ड के दृष्टिकोण को समझने और तद्नुसार संस्तुतियां देने के लिए 15 वें वित आयोग का आभार व्यक्त करते हैं। इससे उत्तराखण्ड विकास के पथ पर और तेजी से आगे बढ़ेगा।
उत्तराखण्ड द्वारा दी जा रही पर्यावरणीय सेवाओं को किया स्वीकार
15 वें वित्त आयोग को संदर्भित विषयों एवं राज्य की विभिन्न समस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मैमोरेण्डम प्रस्तुत किया गया था। उत्तराखण्ड द्वारा मैमोरेण्डम में विभिन्न बिन्दुओं को स्पष्ट एवं विश्वसनीय तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसे आयोग द्वारा स्वीकार किया गया। उत्तराखण्ड राज्य के परिदृश्य में आयोग द्वारा स्वीकार किया गया है कि राज्य द्वारा पूरे देश को बहुमूल्य ईको-सिस्टम सेवायें प्रदान की जा रही हैं। इसके लिये 15 वें वित्त आयोग से डिवोलेशन फार्मूला में वनों का अंश बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया था, जिसे ग्रीन बोनस भी कह सकते हैं। 15वें वित्त आयोग द्वारा डिवोलेशन फार्मूला में वनों का अंश 7.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे राज्य के अंश में वृद्धि हुई है।
उत्तराखण्ड को मिलेगा राजस्व घाटा अनुदान
मुख्यमंत्री ने सांवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप 15 वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य के हक की पुरजोर पैरवी करते हुये कहा था कि 14वें वित्त आयोग द्वारा राजस्व घाटा अनुदान को समाप्त कर दिया था, जिसके कारण राज्य को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा। 15वें वित्त आयोग ने इस बात को स्वीकार करते हुए उत्तराखण्ड राज्य को राजस्व घाटा अनुदान दिये जाने की संस्तुति की है, जिसके फलस्वरूप राज्य को प्रतिवर्ष लगभग न्यूनतम रू 2000 करोड़ का लाभ होगा।
आपदा राहत निधि में बढ़ोतरी
आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत राज्य को राज्य ‘‘आपदा राहत निधि’’ के अंश के रूप में गतवर्ष लगभग रू. 254 करोड़ की धनराशि प्राप्त होती थी। उत्तराखण्ड राज्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से निटने के लिये आवश्यक सहायता दिये जाने का विषय आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। राज्य से सहमत होते हुये 15वें वित्त आयोग द्वारा राज्य आपदा राहत निधि के अंश में वृद्धि करते हुये, इसे प्रतिवर्ष लगभग रू 1041 करोड़ कर दिया गया है।
शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं के अनुदान में वृद्धि
14वें वित्त आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में मूल अनुदान के अन्तर्गत शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं हेतु कुल रू 704.10 करोड़ की धनराशि संस्तुति की गई थी। 15वें वित्त आयोग द्वारा शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं हेतु अनुदान में वृद्धि करते हुये वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु कुल रू 852.00 करोड़ की धनराशि संस्तुत की गई है, जिसमें लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

एसआईटी जांच में दोषी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई के पक्ष में मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा निजी स्रोत से शिक्षण कार्य हेतु रखे गए पी.टी.ए. शिक्षकों के मानदेय के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में पी.टी.ए. शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता, निर्धारित आवश्यक अर्हता एवं योग्यता के साथ ही नियमानुसार सम्यक प्रकियाओं के तहत कार्यवाही किये जाने पर विचार किया गया। इस सम्बन्ध में दिसम्बर, 2016 में जारी शासनादेश के अनुसार कार्यवाही किये जाने पर भी सहमति बनी। बैठक में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव वित्त अमित नेगी एवं सचिव विद्यालयी शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि शिक्षा के व्यापक हित में योग्यता पर ध्यान दिया जाय, एस.आई.टी की जांच में गलत तरीके से शिक्षक बनने वालो के विरूद्व अविलम्ब योग्य अधिकारियों की समिति गठित कर सुनवाई की कार्यवाही आरंभ की जाय। उन्होंनें कहा कि इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये समर्पित कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारियों को समिति में रखा जाय। उन्होंने कहा कि समय समय पर स्कूलों का निरीक्षण किया जाए। जिन स्कूलों में कम बच्चे है अथवा जिस कैम्पस में कई स्कूल संचालित हो रहे है उनका आपस में विलय कर छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए यदि परिवहन की सुविधा दी जानी हो तो उसकी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्य शिक्षक ही शिक्षा का भला कर सकते है तभी छात्रों को अच्छी शिक्षा भी उपलब्ध हो सकती है। हमें हर हाल में शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखनी होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित विभिन्न अशासकीय प्राप्त विद्यालयों को अनुदान दिये जाने के सम्बन्ध में स्पष्ठ कार्ययोजना के निर्धारण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जनवरी 2017 में जारी शासनादेश में निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यवाही अमल में लायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय कार्यकलापों के क्रियान्वयन में शासन द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उक्त शासनादेश में इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी स्पष्ट किये गये है। शासनादेश में निर्धारित मानकों में व्यवस्था है कि जूनियर हाईस्कूल स्तर पर प्रति छात्र एक हजार रूपये अथवा अधिकतम एक लाख, हाईस्कूल स्तर पर एक हजार पांच सौ प्रति छात्र अथवा अधिकतम दो लाख एवं इण्टर स्तर पर प्रति छात्र दो हजार रूपये अथवा अधिकतम तीन लाख प्रतिह वर्ष जो कम हो की धनराशि विद्यालयों को टोकन राशि उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों की शिक्षा के व्यापक हित में यदि आवश्यकता हो ते इस धनराशि को पुननिर्धारण पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों मं अध्यपाक की व्यवस्थाओं एवं फीस निर्धारण आदि की भी कार्ययोजना निर्धारित की जानी चाहिए। हमारा उद्देश्य छात्रों को शिक्षा का बेहतर अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना है।

देहरादूनवासियों को सौगात, मुख्यमंत्री ने किया खुले जिम का शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क में नगर निगम देहरादून द्वारा निर्मित ओपन जिम को लोकार्पित किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के सभी वार्डो में इस तरह के ओपन जिम बनाएं जाएं। देहरादून में खुले मैदानों व पार्कों की कमी है। इस तरह के जिम बनने से देशवासियो को काफी सुविधा मिलेगी।

फिट इंडिया फिट दून
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी पार्क में वॉक के लिए आने वाले युवाओं, बच्चों व बुजुर्गो के स्वास्थ्य के लिये ओपन जिम लाभकारी होगा। यहां ट्रेनर भी रहेंगे। दिव्यांगजनों के अनुकूल उपकरण भी लगाए जाएं।

युवाओं को क्रिएटिवीटी और टेलेंट दिखाने का मौका मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की सम्भावना पर भी विचार किया जाए कि क्या सप्ताह में किसी एक दिन चार घंटे के लिये घंटाघर से गांधी पार्क तक जीरो जोन रहे। इस दौरान देशवासी खासतौर पर बच्चे, युवा यहाँ आएं। सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम हों। लोगों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिले। इससे क्रिएटिवीटी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

गांधी पार्क में हो रेन वाटर हार्वेस्टिंग
मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को गांधी पार्क में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। इससे गांधी पार्क में पानी की आवश्यकता की पूर्ति यहीं से हो सकेगी।

सरकार की हर योजना के केन्द्र में आमजन
विधायक राजपुर खजानदास ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नगर निगम देहरादून ने काफी काम शुरू किए हैं। इनमें से अधिकांश उनके विधानसभा क्षेत्र में हैं। राज्य सरकार की हर योजना के केन्द्र में आम जन हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना, सीएम हेल्पलाईन इसका उदाहरण हैं।

दून की बनेगी देश में पहचान
मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि देहरादून शहर को बेहतर बनाने के लिये नगर निगम लगातार प्रयासरत है। शहर को सुंदर बनाने के लिए छोटी छोटी बातों पर ध्यान दिया जा रहा है। जल्द ही दून की देश विदेश में पहचान बनेगी। इस बार बरसात से पहले नालों की सफाई की गई। यही कारण था कि घरों में पानी घुसने की शिकायत कम रही। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए मानव श्रंखला बनाकर पूरे देश में संदेश दिया गया। देहरादून में शत प्रतिशत लाईट की व्यवस्था प्राथमिकता में है।

गांधी पार्क में सप्ताह में एक दिन बुजुर्गों के शुगरटेस्ट आदि की होगी व्यवस्था
नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डे ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि गांधी पार्क में सप्ताह में एक दिन बुजुर्गों के शुगर टेस्ट आदि की व्यवस्था की कोशिश की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान का आकंलन करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं से हुए नुकसान आदि के आंकलन, क्षतिपूर्ति, योजनाओं की मरम्मत में हुए वास्तविक व्यय का विवरण 30 सितम्बर तक शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को आपदा मद में 71 करोड़ धनराशि पूर्व में उपलब्ध करायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त भी जिलाधिकारियों को 30 करोड़ और उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिय धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही के लिये सभी सम्बन्धित आधिकारियों के प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से लगभग रू. 300 करोड़ की क्षति होने का अनुमान है। जिलाधिकारियों से इस संबंध में आपदा से हुए नुकसान का पूर्ण विवरण 30 सितम्बर तक प्राप्त होने के बाद इसकी सूचना तद्नुसार केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराई जायेगी।
सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों की जनपदवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिये धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा से क्षतिग्रस्त सडकों, पुलों, पेयजल, बिजली, विद्यालय भवनों की मरम्मत का कार्य त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। उन्होंने चार धाम यात्रा आरम्भ होने की स्थिति का भी जायजा लिया तथा इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं यथा समय पूर्ण करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आपदाग्रस्त योजनाओं की मरम्मत के आंगणनों की स्वीकृति में भी विलम्ब न किया जाये। उन्होंने जिन जनपदों में अपेक्षा से कम वर्षा हुई है वहां उत्पन्न सूखे की स्थिति का भी आंकलन करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सेब की फसल को हुए नुकसान का आंकलन तथा सेब को बाजार तक लाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, इसके लिये यदि अतिरिक्त धनराशि की जरूरत हो तो उसकी भी व्यवस्था की जायेगी। बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 15 जून से 14 सितम्बर 2019 तक आपदा से संबंधित 1124 घटनायें हुई हैं, जिसमें 70 लोगों की मृत्यु, 73 घायल तथा 4 लोग लापता हुए हैं। 235 भवन पूर्ण क्षतिगसत तथा इतने ही आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 बड़े तथा 356 छोटे पशुओं की हानि तथा 21 गोशालाओं को नुकसान हुआ है, जबकि आपदा से 205 पेयजल योजनाओं तथा 29 विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है।

गंगोत्री और हिमालय घाटी का फोटो संग्रहालय विश्व को किया समर्पित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने गंगोत्री धाम में मां गंगा से प्रदेश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की।
इसके बाद मुख्यमत्री और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने तपोवनम् कुटी, गंगोत्री में संयुक्त रूप से स्वामी सुंदरानंद के नवनिर्मित तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एवं तपोवनम् हिरण्यगर्भ मंदिर और ध्यान केन्द्र का उद्घाटन किया। हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में स्वामी सुंदरानंद ने 1948 से अब तक गंगोत्री, हिमालय और उपला टकनौर की संस्कृति और परंपरा को तस्वीरों में कैद किया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 81 करोड़ 19 लाख 68 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया।

शिलान्यास की गई योजनाओं में कुवां कफनोल राड़ी मोटर मार्ग लागत 168.92, राजगढ़ी से मस्सू मोटर मार्ग लागत 106.03, राष्ट्रीय राजमार्ग से डंडालगांव तक मोटर मार्ग निर्माण लागत 50.00, स्याना चट्टी से कुंसाला मोटर मार्ग में सतह सुधार तथा क्षतिग्रस्त दिवारों व स्कवरों का पुनः निर्माण लागत 85.96, भाटिया प्रथम में पार्किग स्थल का निर्माण लागत 32.76, नाकुरी सिंगोट मोटर मार्ग के किमी 5,6,7 मंे चैड़ीकरण व डामरीकरण कार्य लागत 280.62, हरेथी से जिनेथ होते हुए पटारा स्यालना तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 210.60, ब्रहमखाल से मंडियासारी-मसौन मोटरमार्ग का निर्माण लागत 322.85, ज्ञानसू साल्ड मोटर मार्ग से उपला बस्ती ज्ञानसू तक मोटर मार्ग का निर्माण लागत 273.60, डुण्डा देवीदार से खटटूखाल तक मोटर मार्ग निर्माण 254.03, धनारी से पीपली थाती बैंड से धारकोट मुसड़गांव तक मोटर मार्ग का पुनः निर्माण कार्य व डामरीकरण व 24 मीटर स्पान का स्टील गार्डर सेतु सहित कार्य लागत 354.29, कमद अयारखाल मोटर मार्ग के किमी 1 से 5 तक डामरीकरण का कार्य लागत 411.57, द्वारी रेथल मोटर मार्ग का डामरीकरण का कार्य लागत 209.54, भटवाड़ी में मीनी स्टेडियम रेथल पंहुच मार्ग का डामरीकरण व विस्तार कार्य 330.26 इन्दरा टिपरी के कण्डारा खोल से दिवारी खोल तक मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य 118.33, बादसी गोपाल गोलोकघाम मोटर मार्ग से खाण्ड तक मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 131.11, आराकोट कलीच थुनारा डामटी मोटर मार्ग का निर्माण 221.80, टिकोची पुल से झाकूली दूचाणू कण्डासी धार मोटर मार्ग का निर्माण लागत 440.00, कलीच थुनारा डामटी अवशेष मोटर मार्ग का विस्तार 175.00 स्यानाचट्टी से निसणी मोटर मार्ग लागत 380.16, पुजार गांव से पाली मोटर मार्ग लागत 278.51, स्यालना डांग सरतली मोटर मार्ग स्टेज 2 लागत 158.11, राजकीय आयुर्वेेदिक चिकित्सालय चमियारी भवन निर्माण का कार्य लागत 88.67, नौगांव पुरोला मोटर मार्ग के किमी 2 से थली लागत 623.3 कुल 57 करोड़ 5 लाख 75 हजार शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी जी का संकलन आने वाली पीढ़ी के लिए विश्व धरोहर हैं। स्वामी जी की 72 वर्ष की तपस्या का संग्रह आज विश्व को समर्पित हो गया है। स्वामी जी की तस्वीरें हिमालय को करीब से देखने के लिए पूर्ण सहयोग करेंगी। साथ ही हमारे वैज्ञानिकों और हिमालयन शोधकर्ताओं के लिए यह एक संजीवनी का कार्य करेगा। उन्होंन कहा कि स्वामी सुंदरानंद ने गंगोत्री धाम में एक विश्व धरोहर दी है, जिसका सरक्षंण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वामी सुंदरानंद के स्वास्थ्य का हालचाल भी जाना।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि हमें गंगा की निर्मलता और इसके प्रवाह को सरंक्षित करना है। जिसके लिए गंगा किनारे रहने वाले 45 करोड़ लोगों को भी अपना कर्तव्य समझना चाहिए। सभी देशवासी मिलकर गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को बनाये रखेंगे, तब जाकर गंगा की सेवा पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को अक्षुण बनाएं रखने में साधु समाज का अहम योगदान रहा है। हिमालय की विशालता गंगा की पवित्रता विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक लोग हिमालय व गंगा पर शोध करने आते हैं, इस कला दिर्घा के चित्रों यदि ठीक से देखा व समझा जाए तो निश्चित ही हिमालय के दर्शन एक ही स्थान पर हो सकते है।
इस अवसर पर स्वामी सुंदरानंद ऑटोग्राफी पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह रावत, स्वामी सुन्दरानन्द महाराज, स्वामी राघवाचार्य महाराज, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चैहान, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट सहित देश विदेश से आये श्रद्धालु, साधु संत आदि उपस्थित थे।

अकेले जीवन बिता रहे पुरुष सैनिकों को भी मिलेगी सीसीएल

केन्द्र सरकार ने अपने एक अहम फैसले में अकेले जीवन बिता रहे पुरुष सैनिकों को भी बच्चे की देखभाल के लिए मिलने वाली छुट्टी चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) देने को मंजूरी दे दी है। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महिला अधिकारियों के मामले में सीसीएल प्रावधानों में भी कुछ छूट प्रदान कर दी है। वर्तमान में सीसीएल केवल रक्षा बलों में महिला अधिकारियों को ही प्रदान किया जाता है। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह फैसला कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक आदेश के अनुरूप है।
हाल में डीओपीटी ने प्रावधानों में कुछ संशोधन किए थे, ताकि असैन्य कर्मचारियों को सीसीएल दिया जा सके। इसके तहत महिला कर्मचारियों को दिया जाने वाला सीसीएल सरकारी पुरुष कर्मचारियों को भी दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सीसीएल लेने के लिए पहले 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में 22 साल की आयु सीमा को भी हटा दिया गया है। साथ ही एक बार में सीसीएल लेने की न्यूनतम अवधि को 15 दिन के बजाय कम करके पांच दिन कर दिया गया है।
ऐसे ही लाभ रक्षा कर्मियों को प्रदान करने के एक प्रस्ताव को रक्षा मंत्री ने मंजूरी प्रदान दे दी है। इससे सिंगल (किसी भी कारण से जीवन साथी के बिना जीवन बसर करने वाले) पुरुष सैन्य कर्मी सीसीएल का लाभ उठा सकेंगे। सिंगल पुरुष सैन्य कर्मी और रक्षा बलों की महिला अधिकारी भी 40 प्रतिशत विकलांगता वाले बच्चे के मामले में सीसीएल की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और इसके लिए बच्चे की आयु की कोई सीमा नहीं होगी।

नए आइडिया के साथ काम करें सांसदः प्रधानमंत्री

भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बैठक मंगलवार को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह व तमाम वरिष्घ्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में मौजूद नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी सांसद राजनीति से हटकर काम करें। जनता से मिलें और सामाजिक कार्य करें। प्रधानमंत्री ने सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि सभी अपने क्षेत्र में रहें और काम के नए आइडिया को अपनाएं।

प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत-
– संसद में मौजूद रहें सांसद व मंत्री
– रोस्टर ड्यूटी में अनुपस्घ्थित सांसदों के बारे में शाम तक मुझे दी जाए जानकारी
– राजनीति से हटकर करें काम
– देश के सामने जल संकट है, इसके लिए करें काम
– क्षेत्र के अधिकारियों से संपर्क कर जनता की समस्याओं पर करें विचार
– सरकारी काम और योजनाओ में लें हिस्घ्सा
– अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताएं
– अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक इनोवेटिव काम करें
– जानवरों की बीमारियों पर भी करें काम

बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहले से पहुंचने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं।
इससे पहले 14 जुलाई को भाजपा ने लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को नोटिस जारी कर आज की इस बैठक के बारे में सूचित कर दिया था ताकि सभी इसमें मौजूद रहें। 9 जुलाई को हुई संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को नए निर्देश थे। उन्होंने सांसदों को गांधी जयंती से लेकर पटेल जयंती यानि कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अपने संसदीय क्षेत्र में 150 किलोमीटर की पदयात्रा करने को कहा था।

योग को जन आंदोलन बनाने की जरुरतः मुख्यमंत्री

5वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पैवेलियन ग्राउंड देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हजारों योग साधकों के साथ योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित योगाभ्यास हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार होता है। योगाभ्यास को अपनी दिनचर्या में लाना जरूरी है। योग को जन आन्दोलन बनाने के लिए आम आदमी की सहभागिता को जरूरी बताते हुए कहा कि योग की धारा देवभूमि उत्तराखण्ड से प्रवाहित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। योग की वजह से वैश्विक पटल पर भारत का विशिष्ट स्थान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील की थी। 193 देशों ने इसका समर्थन किया था। पतंजलि ने लिखा है जिस प्रकार व्याकरण से भाषा की शुद्धता होती है उसी प्रकार योग से चित्त शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में योग का महत्व बढ़ा है। योग प्रशिक्षकों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व मन की शुद्धता के लिए विश्वभर में करोड़ों लोग योगाभ्यास कर रहे हैं। स्वस्थ शरीर व मन से ही सम्पूर्ण विश्व का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थित में देहरादून में 60 हजार से अधिक लोगों ने योगाभ्यास किया। जिससे देवभूमि व योग भूमि उत्तराखण्ड को विश्वभर में अलग पहचान मिली। उन्होंने कहा कि आत्मा व परमात्मा के मिलन का एकमात्र साधन योग है।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड योग की भूमि रही है। हजारों सालों से ऋषि-मुनियों, महात्माओं ने यहां से देश और दुनिया को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 250 वैलनेस सेंटर बनाये जायेंगे। एक स्वस्थ जीवन की कल्पना योग से ही जा सकती है। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ जी में योग साधना कर बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। श्री केदारनाथ जी की यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इससे काफी वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चैहान, गोपाल रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव आयुष अरविन्द सिंह ह्यांकी आदि उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ पर कैलाश खेर ने दी संगीतमय प्रस्तुति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताया है। उन्होंने कहा कि योग में मन और चित की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है, योग के द्वारा हमारे ऋषियों ने इसकी राह प्रशस्त की है।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार को ऋषिकेश स्थित गंगा रिसोर्ट में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद एवं गढवाल मण्डल विकास निगम के संयुकत तत्वाधान में 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को योग की राजधानी बताते हुए कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोडने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुनिया में योग को विशेष पहचान दिलाने का कार्य किया है। जिससे आज भारत गौरवान्वित है। इसने दुनिया में भारत की पहचान बनाने का कार्य किया है। योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः….. अर्थात सब सुखी हो, सब निरोगी रहें हमारा धेय वाक्य रहा है। देश व दुनिया को इस लक्ष्य तक पहुंचाने की ताकत योग में है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बीटल आश्रम (चैरासी कुटिया) का भी भ्रमण किया तथा वहां पर योग की शिक्षाओं एवं क्रियाओं की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने करो योग रहो निरोग का सन्देश देते हुए लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष योग महोत्सव के लिए अधिक रजिस्ट्रेशन होने पर प्रसन्नता जाहिर की।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन विभाग योग एवं अध्यात्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2019 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योग महोत्सव के लिए लगभग 1200 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। देश-विदेश के 44 योगाचार्य इस योग महोत्सव में आमंत्रित हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव दुनिया में योगा के प्रचार प्रसार में दुनिया के अन्दर ऋषिकेश को योगा की राजधानी बनने के साथ ही योगा के प्रचार प्रसार में अह्म भूमिका निभा रहा है। हम यह चाहते है कि योगा के क्षेत्र में भारत में जो विधाये एवं ज्ञान प्राप्त है वह पूरी दुनिया को मिले। उन्होंने कहा कि योग का अपने आप में बहुत महत्व है। आदि काल से योग ने हम सब को अपनी संस्कृति से जोड़ के रखा हुआ है। आज योग का महत्व पूरी दुनिया ने माना है। योग के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू बने इसके लिये हम प्रयासरत है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढावा देने के लिये राज्य सरकार होम स्टे योजना का विकास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सन् 2020 तक 5000 होम स्टे का लक्ष्य रखा है। आज हम द्रोणागीरी एवं चोपता जैसे मनमोहक स्थलों का नाम सुनते हैं तो वहां जाना चाहते है परन्तु रहने की सुविधा जैसी परेशानियों के मद्देनजर हमें सोचना पड़ता है। होम स्टे जैसी योजना इन स्थलों को दुनिया के नजर में लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। अभी तक हम 875 होम स्टे रजिस्टर्ड कर चुके हैं। और हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड के जो सुदूर क्षेत्र, रिमोर्ट एरिया है जो पर्यटन के क्षेत्र से काफी मनमोहक है रहने की असुविधा न हो इस वजह से होम स्टे जैसी योजना का विकास किया जा रहा है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने देश विदेश से आये योग उपासकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऋषिकेश में पिछले तीन दशक से यह आयोजन हो रहा है जो हमारी पहचान बन गया है। हमारा उद्देश्य शास्वत एवं प्रमाणिक योग को जन-जन तक पहुंचाना है। इस महोत्सव के माध्यम से योेग की साधना एवं इस क्षेत्र में सहयोग देने वाले लोगों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर योग गुरू सिद्धार्थ कृष्णा द्वारा योग सूत्र का पाठ किया गया। गायक कैलाश खैर द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गयी।
इस अवसर पर अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल विकास निगम महावीर रांगड़, नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाई, अध्यक्ष नगर पालिका मुनि की रेति रौशन रतूड़ी, ज्योति नीरज खैरवाल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल योगन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

राज्य को मिली आईडीपीएल की 833 एकड़ भूमि

इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (आईडीपीएल) की 899.53 एकड़ भूमि से 833.25 एकड़ भूमि केंद्र ने राज्य सरकार को सौंप दी है। विदित हो कि इस भूमि में से 200 एकड़ भूमि राज्य सरकार एम्स ऋषिकेश को देने का एलान कर चुकी है तथा शेष भूमि पर राज्य सरकार कन्वेंशन सेंटर बनायेगी।

मंगलवार को देहरादून के निकट डोईवाला में सिपेट का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दस्तावेज सौंपने के बाद कहा कि आइडीपीएल का संचालन केंद्र सरकार पूर्ववत करती रहेगी।

उन्होंने राज्य को सौंपी गयी शेष भूमि में से 200 एकड़ भूमि ऋषिकेश एम्स के विस्तार के लिए प्रदान करने का आग्रह किया। जबकि शेष भूमि पर विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर खोलने की योजना को आगे बढ़ाने की सहमति दी।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस जमीन पर सरकार आगामी पांच वर्षों में विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण करेगी। जिससे राज्य में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।