प्रमुख स्थलों पर मानसखण्ड झांकी का होगा प्रदर्शन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से गणतंत्र दिवस परेड-2023 में प्रथम स्थान पर रही उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘मानसखण्ड’ को प्रदेश के जनपदों/ब्लॉक मुख्यालयों तथा मुख्य स्थानों पर प्रदर्शन हेतु फ्लैग ऑफ किया। गणतंत्र दिवस परेड-2023 में विभिन्न राज्यों व भारत सरकार के मंत्रालयों की 27 झांकियों में उत्तराखण्ड की मानसखण्ड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। कर्त्तव्य पथ पर पहली परेड में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड गठन से अब तक पहली बार राज्य की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मानसखण्ड झांकी में जागेश्वर मंदिर, कार्बेट नेशनल पार्क, ऐपण आर्ट, योग तथा वनों का समावेश किया गया था। इस उपलब्धि से उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर, कला एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हुआ। 5 अप्रैल, 2023 से 18 मई 2023 तक प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालयों एवं मुख्य शहरों में झांकी का प्रदर्शन जनमानस के सम्मुख किया जाएगा। मानसखण्ड झांकी के संबंध में 2 मिनट की वीडियो भी तैयार की गई है। इस शॉर्ट फिल्म का एल.ई.डी. के माध्यम से जन सामान्य हेतु प्रसारण किया जाएगा। समस्त जनपद मुख्यालयों पर जिलाधिकारी के सहयोग से स्थानीय विधायक की उपस्थिति में झांकी से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है कि उत्तराखण्ड स्थापना के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार हमारे राज्य की झांकी को देश के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड के अवसर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह सभी उत्तराखण्डवासियों की सांझी उपलब्धि है। सभी उत्तराखण्डवासियों व इस झांकी में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों तथा झांकी के निर्माण व प्रस्तुतिकरण से जुड़े लोगों को विशेष बधाई एवं शुभकामनाएं। मानसखण्ड झांकी में राज्य के प्रमुख धाम जागेश्वर धाम, उत्तराखण्ड की संस्कृति, कला को दर्शाया गया है। मानसखण्ड झांकी उत्तराखण्ड के सभी ब्लॉक मुख्यालयों व मुख्य शहरों में 05 अप्रैल से लेकर 18 मई तक भ्रमण पर रहेगी। इससे राज्य के सभी जगहों के लोग विशेषकर बच्चे इस झांकी से अवगत हो पाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार द्वारा मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर मिशन मोड पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहरों के पुनरुद्धार के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, झांकी लीडर के0 एस0 चौहान, आचार्य मनमोहन लोहनी उपस्थित रहे।

आयोग की नकलची अभ्यर्थियों पर बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार ने जेई भर्ती पेपर लीक में शामिल 61 अभ्यर्थियों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। इन सभी को कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। कुछ ने जवाब दिया था, जबकि बाकी ने नहीं दिया था। अब ये सभी आयोग की किसी भी परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रूल्स-2013 के बिंदु 23-ए के उप बिंदु 14 के तहत इन सभी को परीक्षाओं से पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद आयोग को पुलिस ने जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल 49 अभ्यर्थियों की सूची दी, जिसे आयोग ने दो मार्च को वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है। पेपर लीक के आरोपी अभ्यर्थी जवाब नहीं दे रहे थे। आयोग जेई भर्ती के पेपर लीक में शामिल सभी 61 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए परीक्षा से डिबार कर दिया गया। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया, ये सभी उम्मीदवार अब आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। माना जा रहा है कि जल्द ही पटवारी/लेखपाल भर्ती मामले में आयोग कोई बड़ा फैसला ले सकता है।

सीएम ने रेल मंत्री से की राज्य में रेल सेवाओं के विस्तार की मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा और दिल्ली-रामनगर के मध्य शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से देहरादून से सहारनपुर को मोहण्ड होते हुए रेलवे से जोड़ने हेतु टनल आधारित रेल लाईन परियोजना ओर ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल लाईन परियोजना का शीघ्र परीक्षण कराकर इसके निर्माण की स्वीकृति प्रदान किए जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से हरिद्वार से वाराणसी वंदे भारत रेल प्रारंभ किए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व में मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से किच्छा-खटीमा नई रेल लाईन परियोजना की सम्पूर्ण लागत भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने अनुरोध किया कि रामनगर-हरिद्वार-देहरादून सीधी रेल सेवा संचालित की जाए। पूर्णागिरी मेले की अवशेष आयोजन अवधि हेतु देश के विभिन्न स्थानों मुख्यतः नई दिल्ली, मथुरा एवं लखनऊ आदि से टनकपुर के लिए पर्याप्त संख्या में रेल सेवा का भी संचालन प्रारम्भ किया जाए।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में रेल सेवाओं पर रेल मंत्री के साथ चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ने के लिये देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी एक मात्र रेल सेवा है। कुमाऊं क्षेत्र के एक बड़े हिस्से के साथ-साथ नेपाल बोर्डर होने के कारण वहां के लोगों का आवागमन भी टनकपुर से ही होता है। इसलिए टनकपुर-देहरादून के मध्य एक जनशताब्दी रेल सेवा संचालित करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जनपद नैनीताल के रामनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जिम कार्बेट नेशनल पार्क में देश-विदेश से पर्यटकों का निरन्तर आवागमन होता है। अतः दिल्ली-रामनगर शताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से नई दिल्ली तक रेल की यात्रा करने हेतु वर्तमान में हरिद्वार होकर जाना पड़ता है। हरिद्वार-देहरादून रेल लाईन सिंगल लेन है। देहरादून से हरिद्वार तक का अधिकांश अंश राजाजी नेशनल पार्क के अन्तर्गत होने के कारण वन्यजन्तु की सुरक्षा की दृष्टि से रेल की गति भी अत्यन्त नियंत्रित होती हैं। फलतः सम्पूर्ण यात्रा में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है। यदि देहरादून से मोहण्ड होते हुए सहारनपुर तक रेल लाईन जिसका कुछ भाग टनल के माध्यम से भी होगा, निर्मित कर दी जाती है तो नई दिल्ली एवं देहरादून के मध्य रेल द्वारा भी आवागमन अधिक त्वरित हो जायेगा। जिसके फलस्वरूप प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही सुविधाजनक होने के साथ-साथ व्यवसायिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में अपनायी जा रही टनल प्रणाली के समान ही देहरादून से सहारनपुर को मोहण्ड होते हुए रेलवे से जोड़ने हेतु टनल आधारित रेल लाईन परियोजना की संभाव्यता का परीक्षण कराकर परियोजना की स्वीकृति प्रदान की जाए।

देहरादून नगर की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए विशेष सहायता देने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से सौंग बांध पेयजल परियोजना हेतु 1774 करोड़ की धनराशि का वित्तपोषण भारत सरकार के पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता के अन्तर्गत कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से देहरादून की पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून नगर एवं इसके उपनगरीय क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था मुख्य रूप से नलकूप के द्वारा की जा रही है, जिसके फलस्वरूप भूजल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। देहरादून की बढ़ती हुई आबादी के कारण पेयजल की मांग निरन्तर तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसके कारण वर्तमान पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भविष्य की पेयजल मांग को पूर्ण करने में सक्षम नहीं होगी। इस समस्या के दृष्टिगत व भविष्य में सतत पेयजल की सुविधा प्रदान करने हेतु गंगा नदी की सहायक नदी सौग नदी पर सौंग बांध पेयजल परियोजना प्रस्तावित है प्रस्तावित परियोजना की कुल लागत रू0 2021 करोड़ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के निर्माण से 150 एम.एल.डी. पेयजल ‘गुरुत्व’ के माध्यम से देहरादून नगर व इसके उपनगरीय क्षेत्रों के लगभग 10 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। परियोजना के निर्माण उपरान्त पेयजल व्यवस्था की नलकूपों पर निर्भरता लगभग समाप्त हो जाएगी, जिससे भूजल दोहन में भारी कमी आएगी जिसके फलस्वरूप भू जल स्तर में बढ़ोतरी होगी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आयेगी एवं भविष्य में नए नलकूपों एवं उन पर होने वाले संचालन व रखरखाव संबंधी व्यय में भी भारी कमी आएगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के निर्माण से झील का निर्माण होगा जो कि क्षेत्र में पर्यटन को बढावा देगा, जिससे रोजगार सृजन होगा एवं स्थानीय नागरिकों के आय में वृद्धि होगी। झील निर्माण से पर्यावरण को भी लाभ होगा। इस परियोजना का एक अन्य मुख्य लाभ बाढ़ नियंत्रण है, परियोजना के निर्माण के फलस्वरूप देहरादून जनपद के 10 ग्रामों की लगभग 15000 आबादी को सौंग नदी में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ से सुरक्षा प्रदान होगी। परियोजना देहरादून नगर के जलापूर्ति हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है परियोजना से सम्बन्धित सभी आवश्यक तकनीकी वन भूमि हस्तान्तरण स्टेज-1 एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियाँ सम्बन्धित विभागों/मंत्रालयों से प्राप्त की जा चुकी है। परियोजना से प्रभावित होने वाले कुटुम्बों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन हेतु व्ययभार (रू. 247 करोड़) राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

सेन्टर को किराये पर लेकर कराई थी नकल, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा धांधलियों में एसटीएफ ने मंगलवार को 56वां आरोपी गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी वन दरोगा भर्ती घपले में हुई। ऑनलाइन हुई परीक्षा में हरिद्वार में एक संस्थान की कंप्यूटर लैब किराये लेने वाले को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इस सेंटर में कई आरोपियों को नकल कराई गई।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दरोगा भर्ती परीक्षा और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में हुई धांधली को लेकर दर्ज चार अलग-अलग केसों की जांच एसटीएफ कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वन दरोगा के 316 पदों के लिये एनएसईआईटी कंपनी से ऑनलाइन परीक्षा 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक राज्य में 31 केंद्रों पर कराई। करीब 85 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इनमें 620 आवेदक पास घोषित हुए। जिनका फिजीकल होने के बाद अंतिम परिणाम घोषित होना था। परीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर रायपुर थाने में केस दर्ज हुआ है। इसमें अब तक प्रशांत, रविन्द्र, अश्वनी कुमार और कंप्यूटर लैब टेक्निशियन सचिन गिरफ्तार हुए हैं। एसटीएफ जांच में सामने आया कि हरिद्वार स्थित स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के परीक्षा केंद्र को प्रवीण कुमार राणा पुत्र जगबीर सिंह निवासी देवनगर थाना सोनीपत हरियाणा ने किराये पर लिया था। उसे पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाकर वहां से गिरफ्तार कर लिया गया।

उत्तराखंड की फिजा बिगाड़ने का आरोप, कार्रवाई की मांग

अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मुलाकात कर बेरोजगारों के आंदोलन को फंडिंग करने वाले व पत्थर बरसाने वाले पत्थरबाजों को चिन्हित कर इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा।
नेगी ने कहा कि लगभग दो माह पहले एसएसपी/डीआईजी, देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने दावा किया था कि बेरोजगार आंदोलन को कुछ कोचिंग सेंटर्स व राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं द्वारा किसी खास मकसद से फंडिंग की गई, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी पुलिस मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई, जोकि अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि उक्त फंडिंग मामले का पर्दाफाश होना देशहित में बहुत जरूरी है। अगर इसी प्रकार फंडिंग के माध्यम से आंदोलन हुए तो उत्तराखंड जैसे प्रदेश को जे एंड के जैसा प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी। अगर आंदोलन में कोई फंडिंग नहीं हुई है तो डीआईजी का बयान निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेगी ने कहा कि फंडिंग के माध्यम से आंदोलन करने को उकसाने वाले व पत्थरबाजों के आकाओं/साजिशकर्ताओं पर भी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस प्रशासन की नाकामी के चलते बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की नौबत आई, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है एवं पुलिस-प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से करता है।
मोर्चा पहले भी राज्य गठन से लेकर आज तक हुई तमाम भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग कर चुका है। हैरान करने वाली बात यह है कि डीआईजी का कहना है कि असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की गई, तो फिर बेरोजगारों पर क्यों मुकदमे दर्ज किए गए। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। यही नहीं सुरक्षित जननी विकसित धारिणी की अवधारणा को भी साकार किया जा रहा है इसी के दृष्टिगत महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा केंद्र पोषित महत्त्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 4944 गर्भवती/धात्री महिलाओं को रु. 1.15 करोड़ की धनराशि डी. बी. टी. के माध्यम से डिजिटली सीधे बैंक खाते मे भेजी गयी है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके आराम और उचित पोषण को सुनिश्चित करना है। यह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निम्नलिखित तीन किस्तों मे किया जाता है। जिसमें पहली किस्त 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त 2000 रुपये, यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं, जबकि तीसरी किस्त 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है, दी जाती है।

प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के दृष्टिगत अधिकारियों को दिये सतर्क रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को देर सायं सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति का अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश देने के साथ ही सचिव आपदा प्रबंधन को सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाने को कहा। जिलाधिकारियों को उनकी जरूरत के अधार पर सहायता उपलब्ध करायी जाय। जनपदों में सड़कों की आवश्यक मरम्मत में भी तेजी लायी जाय। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थायें समय पर सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिये आवश्यक व्यवस्थायें समय पर की जानी होगी। इस संबंध में उन्होंने स्वयं भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी पूरे सहयोग का आश्वासन दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्षा के कारण किसानों को हुए नुकसान के आकलन के निर्देश कृषि विभाग को दिये गये हैं। किसानों की जो भी मदद जरूरी होगी वह की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ सहित अन्य क्षेत्रों की वर्षा के दृष्टिगत निरंतर समीक्षा कर अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है। उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि भूकम्प के अलावा ज्यादातर आपदाएं बरसात के मौसम में ही घटित होती रही हैं, परन्तु पिछले कुछ वर्षों में आपदाएं हर मौसम में आ रही हैं। इसको देखते हुये राज्य को आपदाओं का सामना करने के लिये विशेष तैयारी की आवश्यकता है। जागरूकता और पूर्व चेतावनी से आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी कम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक लोगों के आने के दृष्टिगत सभी व्यवस्थायें दिसम्बर-जनवरी से आरंभ कर दी गई थी। स्वयं उन्होंने चार बैठकें कर समीक्षा की है। यात्रा सुगमता व सुरक्षित हो इसके लिये सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्षा के कारण कोई जनहानि नहीं हुई है। सड़क दुर्घटनाओं में टिहरी में दो लोगों की मृत्यु हुई है जबकि मसूरी में पार्किंग की दीवार गिरने से 4 वाहन क्षत्रिग्रस्त हुए हैं तथा नैनीताल के रामनगर में बस के नदी के बहाव में आने से सवारियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी में आकाशीय बिजली गिरने से भेड़ बकरियों के नुकसान का मुआवजा वितरित कर दिया गया है।
इस अवसर पर अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल, रिद्विम अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

केन्द्र की सौगात, परंपरागत कृषि के तहत राज्य को मिली धनराशि

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत उत्तराखंड को 23 करोड़ 28 लाख 60 हजार 200 रुपए की राशि निर्गत की गई है। उत्तराखंड को ये राशि सामान्य श्रेणी में द्वितीय किश्त में 3935 पीकेवीवाई क्लस्टर के साथ ही आकांक्षी जिलों के 10 कलस्टर में परंपरागत कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए निर्गत की गई है।
ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को वित्तीय इंसेंटिव के रूप में 34 करोड़ 66 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। ये राशि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पहले से निर्मित सड़कों के रखरखाव पर खर्च की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त वित्तीय स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

धामी सरकार की सौगात, स्वास्थ्य सुविधाओं में 182 करोड़ की चार परियोजनाएं जनता समर्पित

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज राज्य में 180 करोड़ से अधिक कार्यों का शिलान्यास हुआ है। उत्तराखण्ड विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा दिये गये लक्ष्य को प्राप्त करती है, तो राज्य को धन की कोई कमी न हो, इसका हमारा प्रयास रहता है। उन्होंने कहा कि मैं कल से उत्तराखण्ड में हूं, नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान इन गांवों में जनता के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर मिला। मलारी गांव के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर ने कहा कि यहां बड़े अस्पताल नहीं है, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है।

हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही है स्वास्थ्य सेवा
राज्य सरकार ने प्रदेश में 02 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित किये हैं। इन सेंटर में दक्ष कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर होते हैं। गांवों से मरीज जब यहां आते हैं, तो भारत सरकार के ई संजीवनी प्लेटफार्म के द्वारा हम टेलीकन्सल्टेंट से डिस्ट्रिक के हॉस्पिटल से जुड़ जाते हैं। जब मरीज के चेकअप की आवश्यकता लगती है तो उसे कहीं और भेजने के बजाय ई संजीवनी के माध्यम से सीनियर डॉक्टर्स या एक्सपर्ट से टेलीकन्सल्टेंट करते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीज से भी बात करते हैं। मरीज के ईलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर से जो भी निर्देशन मिलता है, इसके हिसाब से हम इलाज करते हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान एवं गरीब लोग जब ईलाज के लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर में जाते हैं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है, तो उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।

स्वस्थ समाज से ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण संभव
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश का हेल्थ सेक्टर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अमृत काल में देश को विकसित राष्ट्र बनायेंगे। इसके लिए हमारी प्राथमिकता है कि देश के नागरिक स्वस्थ रहें। स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। देश के हेल्थ सेक्टर को पहली बार विकास के साथ मोदी जी ने जोड़ा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर सेक्टर में होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जा रहे हैं। 2014 से अब तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में तेजी से सुधार हुआ है। उत्तराखण्ड में होलिस्टिक हेल्थ कवरेज के लिए राज्य को एम्स के साथ ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी दिया गया है। देश में 1 लाख 56 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में आज मुफ्त इलाज हो रहा है। देश में टर्सरी हेल्थ केयर, सेकेण्डरी हेल्थ केयर एवं प्रायमरी हेल्थ केयर को सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर खड़ा करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए देश में आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर मिशन चलाया जाता है। देश में क्रिटिकल हेल्थ केयर के लिए 64 हजार करोड़ रूपये 05 साल में खर्च किये जायेंगे। 01 जनपद में औसतन 100 करोड़ रूपये हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर के लिए खर्च किया जा रहा है। भारत में ब्रेन पॉवर एवं मेन पॉवर की कभी कमी नहीं थी। भारत सामर्थ्यवान देश है, सवाल था देश के नागरिक को अवसर देने का, जब अब देश के नागरिक को अवसर मिल रहा है, तो नतीजा हमेशा बेहतर होता है।

टी.बी मुक्त उत्तराखण्ड के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भी की सराहना
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार दिन पूर्व वाराणसी में विश्व के 40 देशों के प्रतिनिधि टी.बी समिट के लिए आये थे। यूनाइटेड नेशन ने स्टॉप टी.बी अभियान चलाया है। विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को हम हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में ले गये। जिसमें कई देशों के स्वास्थ्य मंत्री भी थे। इन सेंटरों में हमारी आशा बहने, ए.एन.एम., डॉक्टर्स, टी.बी. के मरीज और निक्षय मित्र उनसे संवाद कर रहे थे, तो उन्होने विदेशी प्रतिनिधियों को हेल्थ सिस्टम से संबंधित अनेक जानकारियां दी। केन्द्र सरकार ने सभी जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं अधिकारियों को क्षय रोगियों को गोद लेने का आह्वान किया है। इसमें सबका पूरा सहयोग मिला। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड में जितने भी टी.बी. के मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य बने जो सबसे पहले टी.बी मुक्त हो। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हमें घोषणा करने का अवसर मिले कि उत्तराखण्ड पहला राज्य बना है, जो टी.बी. मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि जो कार्य राज्य सरकार ने आज हाथ में लिया है, इस पर कार्य तेज गति से हां। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरी मदद दी जायेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की जनता की आस्था से जुड़े चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार अच्छा कार्य कर रही है। आगामी चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो अपेक्षा रखी गई है, हेल्थ सेक्टर में चारधाम के लिए राज्य को उनकी अपेक्षा से भी अधिक सहयोग मिलेगा।

वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे हैं कार्य
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से हमने कोविड क्राइसिस से लड़ाई की। हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को मानने वाले लोग हैं। हम केवल अपने बारे में नहीं सोचते, सम्पूर्ण विश्व के बारे में सोचते हैं। स्वास्थ्य हमारे लिए बिजनेस नहीं है, सेवा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हमारा दायित्व है कि हम दुनिया की मदद करें। उस वक्त भारत ने दुनिया के 150 देशों को दवाई उपलब्ध कराई। 78 देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई है। हम संस्कार के वाहक हैं। हमारे देश के साथ दुनिया का भी भला हो हम ये भी सोचते हैं। भारत में दुनिया से सबसे अच्छे कोविड मैनेजमेंट का उदाहरण प्रस्तुत किया।

उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के लिए 182 करोड़ रुपए से अधिक की चार परियोजनाओं का शिलान्यास कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी बड़ी सौगात देने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए यह हमारी संस्कृति मानती है। सबसे पहले शरीर का ध्यान रखें तभी कोई कार्य ठीक से होगा। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर सरकार ने राज्य में जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज विकास का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसको प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ न मिल पाया हो। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास एवं सभी को प्रभावी ईलाज हमारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में चार मोर्चों पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता का। दूसरा मोर्चा है, गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वान्टिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना। चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के संपूर्ण वेक्सिनेशन के लिए प्रारंभ की गई मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर के प्रति भरोसा, एक नए स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य समस्याओं को टुकड़ों के बजाय समग्र रूप से देखती है, इसलिए हमने भी प्रदेश में सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी फोकस करना शुरु किया है। इसका ही परिणाम रहा कि कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने बेहतरीन काम किया। ह्यूमन रिसर्च से लेकर इम्यूनिटी और साइंटिफिक रिसर्च तक हमारे आयुष नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया।

प्रदेश में योग, आयुर्वेद एवंज ड़ी-बूटी कृषिकरण को दिया जा रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ-साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी वेलनेस के क्षेत्र में कितना बड़ा योगदान है, ये दुनिया ने कोरोना काल में अनुभव किया। योग,प्राणायाम,आयुर्वेद सहित भारत के जड़ी बूटी ज्ञान ने विश्व को चमत्कृत किया। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश में योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ – साथ “मेडिसनल प्लांट“ की खेती पर भी ध्यान दिया है। हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ के क्षेत्र में “निःशुल्क जांच योजना“ जैसी एक प्रमुख योजना भी प्रारम्भ की है, जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में “किफायती स्वास्थ्य सेवा“ पर ध्यान केंद्रित करने से वंचित तथा मध्यम वर्ग को काफी लाभ होता है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में जितने काम हो सकते थे उनको धरातल पर उतारने का काम किया गया है। आगे भी हम उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अच्छा क्या हो सकता है, इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य को 01 लाख 24 हजार लोगों से ब्लड डोनेशन कराने का लक्ष्य दिया गया था। राज्य में एक लाख 01 लाख 67 हजार लोगों ने ब्लड डोनेशन किया है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसने सबसे ज्यादा ब्लड डोनेशन किया है और ई रक्तकोश में 80 हजार लोग अभी तक रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। देश में आयुष्मान भारत योजना लॉन्च हुई तो हमारे राज्य में अटल आयुष्मान योजना लॉन्च की गई। राज्य में अभी तक 50 लाख 24 हजार अटल आयुषमन कार्ड बनाये जा चुके हैं। 07 लाख से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत ईलाज हो चुका है, जिसमें 13 सौ करोड़ से अधिक खर्चा हो चुका है। अब राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट भी आयुष्मान कार्ड में कवर कर दिया है। प्रदेश में 91 प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी हो रही है। प्रदेश में सरकार ने ईजा बोई योजना शुरू की है। जिसमें गर्भवती महिलाओं को 2000 रूपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा। राज्य में 32 लाख लोगों की आभा आईडी बनकर तैयार हो चुकी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा, सरिता आर्य, रेनू बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार विशाल चौहान, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।