एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा से होगी विद्युत सप्लाई

उत्तराखंड के एक हजार गांवों को सोलर ऊर्जा से रोशन किए जाने के लक्ष्य पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में प्रस्ताव कैबिनेट में पास कराने के लिए विभाग को तुरंत ड्राफ्ट बना कर देने को कहा है।
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। सरकार ने एक हजार गांवों में बंजर पड़ी पूरब मुखी जमीनों को चिन्हित भी कर लिया है। सरकार चाहती है कि इन गांवों में सौर ऊर्जा से ही विद्युत सप्लाई की जाए। धामी सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार के साथ-साथ सस्ती बिजली भी लोगों को मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऊर्चा सचिव को ये निर्देशित किया है कि एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा के प्रोजेक्ट को कैबिनेट में लाने के लिए उसका फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार करे, ताकि इस पर सरकार इसे पास करके योजना को निर्धारित समय के साथ पूरा कराया जा सके। सौर ऊर्जा पॉलिसी को ड्राफ्ट करने का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट उन स्थानीय लोगों को निवेश करने का मौका मिलेगा जो गांवों को छोड़कर अन्य स्थानों पर रह रहे हैं उनकी बंजर भूमि से आय भी होगी।

664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को जल्द मिलेंगे नियुक्ति पत्र

आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अंतर्गत 664 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सी.एच.ओ.), की नियुक्ति को लेकर रिजल्ट जारी किया जा चुका है व काउंसलिंग प्रक्रिया शीघ्र ही आरंभ होगी, जिसके बाद चयनित सी.एच.ओ. को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे यह बात प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा व एन.एच.एम. मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बतायी गई।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में सी.एच.ओ. के पदों हेतु एच.एन.बी. मेडिकल यूनिवर्सिटी के माध्यम से रिजल्ट जारी किया जा चुका है व काउंसीलिंग प्रक्रिया भी शीघ्र ही आरंभ होगी। नवनियुक्त सी.एच.ओ. को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री पुष्कर धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा दिए जाएंगे।
डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि सी.एच.ओ. की नियुक्ति के बाद सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में गैर-संचारी रोग जैसे टी.बी., तंबाकू निषेध, मेंटल हेल्थ, डायबिटीज, कैंसर, बल्ड प्रेशर (हाइपरटेंशन), आंखों की कमजोरी, नाक, गले आदि से जुड़ी बिमारियों की स्क्रीनिंग में तेजी आएगी, जिससे समय पर रोगों का पता लग सकेगा व इलाज संभव होगा। सी.एच.ओ. द्वारा टारगेट पोपुलेशन जो कि मैदानी क्षेत्रों में 5,000 व पहाड़ी क्षेत्रों में 3,000 है में 30 से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है।

मुनस्यारी के लिए कई घोषणाएं, सीएम ने कहा-प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है क्षेत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुनस्यारी स्थित जोहार क्लब मैदान में आयोजित मुनस्यारी महोत्सव 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी महोत्सव धीरे-धीरे विश्व प्रसिद्ध महोत्सव के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। मुनस्यारी के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जोहार की पावन भूमि नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण तो है ही इसका इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी के नैसर्गिक सौंदर्य ने उन्हें बचपन से ही आकर्षित किया है। मुनस्यारी जैसा रमणीक स्थल भारत में ही नहीं विश्व में मिलना मुश्किल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुनस्यारी महोत्सव के लिये 8 लाख की धनराशि दिये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मुनस्यारी में एकलव्य विद्यालय खोले जाने, मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाये जाने, मुनस्यारी में गौ रक्षा के लिए सहयोग दिए जाने, बकरियों के चुगान की अनुमति दिये जाने एवं बोना गांव में गार्डर पुल बनाए जाने की घोषणा की। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये इनके अधिकतम उपयोग किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुनस्यारी क्षेत्र की महान विभूतियों को याद करते हुए कहा कि जोहार की भूमि महान समाज सेवकों, चिंतकों, भू -सर्वेक्षकों एवं पर्वतारोहियों की भूमि है। उन्होंने क्षेत्र की सभी महान विभूतियों का नाम लेते हुए उनके महान कार्यों को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार हर क्षेत्र में विकास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सीमान्त क्षेत्रों एवं गांवों के विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रहे है। उन्होंने देश के सीमान्त गांवों को देश का अंतिम गांव न मानकर देश का पहला गांव माना है। प्रधानमंत्री ने सभी से अपनी यात्रा व्यय की 05 प्रतिशत धनराशि स्थानीय उत्पादों के क्रय पर व्यय करने की बात कही है, इससे हमारे स्थानीय उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलेगी तथा हमारे लोग स्थानीय उत्पादों के उत्पादन के प्रति और अधिक ध्यान देने तथा इससे रोजगार, स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होने के साथ ही आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। मुनस्यारी क्षेत्र के विकास को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुनस्यारी क्षेत्र के विकास के लिये 66 घोषणायें की हैं जिनमें से 32 पूर्ण हो चुकी हैं, शेष घोषणाओं को पूर्ण करने के लिये जनपद एवं शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य के विकास के लिये चिंतन शिविरों के माध्यम से विकास का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। सभी के सहयोग एवं विश्वास के साथ 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये हमारे प्रयास निरंतर जारी हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़ दीपिका बोहरा, विधायक फकीर राम, हरीश धामी, जिलाधिकारी रीना जोशी, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड आंदोलन में पत्रकारों की भूमिका और अनुभव को लेकर संगोष्ठी का आयोजन

उत्तराखंड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट द्वारा यहां आयोजित एक संगोष्ठी में पत्रकारों ने राज्य आंदोलन में मीडिया कवरेज के अनुभव और आंदोलन में उनकी भूमिका पर विचार साझा किये।
’नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट’ (एनयूजे उत्तराखंड) की हरिद्वार जनपद इकाई द्वारा ’राज्य आंदोलन की कहानी, कलमकारों की जुबानी’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अपनी लेखनी से योगदान देने वाले पत्रकार और राज्य आंदोलनकारी एक मंच पर जुटे।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवल और उनके पुष्पाभिनन्दन के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में
यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पाल ने अपनी कार्यकारिणी के साथ अतिथियों का स्वागत करते हुए अतिथियों के सम्मान में स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया।
संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य आंदोलन के दौर में अमर उजाला और हिमालय दर्पण को अपनी सेवाएं दे चुके वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल ने नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स द्वारा मीडिया के माध्यम से आयोजित इस परिचर्चा को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा कि उस समय आंदोलन में जो घट रहा था हमने उस सच्चाई को देश दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा हमने कोई अहसान नहीं किया बल्कि जनता तक वास्तविकता पहुंचाने के लिए अपने कर्तव्य का पालन किया। उन्होंने कहा कि आन्दोलन तो उत्तराखंड को विरासत में मिले हैं। इनमें आजादी का आंदोलन हो या राजशाही के विरुद्ध आंदोलन हो या सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए चला राज्य आंदोलन हो। डोभाल ने कहा कि राजधानी के मामले में गैरसैंण हमारे लिए गैर हो गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ और झारखंड के मुकाबले 22 साल में सरकार उत्तराखंड को एक स्थाई राजधानी नहीं दे पाई है।
देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी पीटीआई की संवाददाता रही शशि शर्मा ने राज्य आंदोलन के दौर की पत्रकारिता में, समाचार संकलन और प्रेषण में आने वाली कठिनाईयों के साथ मसूरी गोलीकांड और हरिद्वार में चले वृहद आंदोलन का संस्मरण बयां किया। उन्होंने मसूरी में गोली चलने के बाद अपने छायाकार पति बालकृष्ण शर्मा के साथ कर्फ्यू में फंसने और भूखे प्यासे रहकर कवरेज करने का घटनाक्रम सुनाया। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन में मीडिया कवरेज की कठिनाइयां आज भी उनके आंखों के सामने जीवंत होकर तैरती हैं। शर्मा ने कहा कि हरिद्वार जनपद के जिस राज्य आन्दोलन को उन्होंने कवर किया, वह अभूतपूर्व और अविस्मरणीय आंदोलन रहा।
दैनिक जागरण में लंबे समय तक पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण झा ने कहा कि हरिद्वार में मीडिया कवरेज करते हुए एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें आंदोलनकारियों के गुस्से और आक्रोश से भी डर लगने लगा था। उन्होंने कहा आंदोलनकारियों का जो जज्बा था उसी जज्बे ने इस राज्य का निर्माण किया है। उन्होंने कहा आंदोलनकारियों ने अपना काम किया और मीडियाकर्मी के रूप में हमने अपना फर्ज निभाया। राज्य बनने के बाद जहां सरकार और शासन तक हमारी पहुंच आसान हुई है वहीं विकास भी हुआ है। उत्तर प्रदेश के समय 3 विधानसभा सीटों वाला हरिद्वार 11 सीटों तक पहुंच गया। उन्होंने कहा जिन लोगों ने राज्य निर्माण के लिए बलिदान दिया उनके सपने जरूर पूरे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन को कवर करने वाले पत्रकारों की भूमिका किसी भी आंदोलनकारी से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि असली क्रांति पैदा करने और उसका विस्तार देने में मीडियाकर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता।बताया कि राज्य आंदोलन के दौरान हरिद्वार जनपद में 25 नामजद और 8000 अज्ञात आंदोलनकारियों के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें से 9 कोतवाली हरिद्वार, 3 थाना गंगनहर (रूड़की) और एक मंगलौर कोतवाली में दर्ज हुआ था उन्होंने बताया कि जनपद के 11 मुकदमे शासन के आदेश पर वापिस हुए।
इस अवसर नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखंड) द्वारा राज्य आंदोलन को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण झा, रतनमणि डोभाल, शशि शर्मा, विक्रम छाछर, ललितेन्द्र नाथ, श्रीगोपाल नारसन, दीपक नौटियाल, बालकृष्ण शर्मा आदि को राज्य आंदोलन में निष्पक्ष और उत्कृष्ट कवरेज के लिए सम्मानित किया गया। जबकि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने भी राज्य आंदोलनकारियों को उनकी सराहनीय भूमिका के लिए अपने संगठन की ओर से सम्मानित किया।
यूनियन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम सिंह सिद्धू ने अगन्तुक अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनकाआभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन यूनियन के संगठन मंत्री मुकेश कुमार सूर्या ने किया।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय पक्षी विज्ञानी डा. दिनेश भट्ट, जगत सिंह रावत, जसवंत सिंह बिष्ट एसपी चमोली, ख्यातसिंह रावत, घनश्याम जोशी, विजय जोशी, शांति मनोड़ी, सरिता पुरोहित, डा. शिवा अग्रवाल, सुनील पाल, बालकृष्ण शास्त्री, शैलेन्द्र सिंह, सचिन तिवारी, प्रमोद गिरी, विक्रम सिंह सिद्धू, सुदेश आर्या, नवीन पांडे, विनोद चौहान, सूर्या सिंह राणा, वीरेंद्र चड्ढा, मुकेश कुमार सूर्या, हरिनारायण जोशी, धीरेंद्र सिंह रावत, हिमांशु भट्ट, संजू पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

सीएस के निर्देश धरातल पर प्रभावी योजनाओं का दायरा बढ़े

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स प्रोजेक्ट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट फॉर 2022-23 विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को लेकर व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान विभिन्न प्रस्तावों को समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ईएफसी के लिए पूर्ण योजना के साथ प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर विभाग मात्र बिल्डिंग स्ट्रक्चर के प्रस्ताव लेकर ईएफसी में प्रस्ताव भेज रहे हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि बिल्डिंग प्लान, प्रोजेक्ट का उद्देश्य, संरचना एवं पदों के सृजन और ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस प्लान के साथ समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रस्ताव भेजे जाएं। व्यय वित्त समिति की बैठक में सिंचाई विभाग की लगभग 3565.28 लाख की लागत के भगवानपुर इन्डस्ट्रीयल एरिया में ड्रेनेज मास्टर प्लान और डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनेज सिस्टम की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। इसके लिए पूर्व से ही प्रत्येक पहलू पर विचार कर लिया जाए। उद्यान विभाग की श्रेणी ‘बी‘ के अंतर्गत लगभग 1824.48 लाख की एकीकृत सिंचाई व्यवस्था, औद्यानिक यंत्रीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं 1120.00 लाख की रामनगर नैनीताल में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और कॉलेज अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यान में बहुत ही अधिक सम्भावनाएं हैं। फूड प्रोसेसिंग राज्य की आर्थिकी और रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बैठक में शहरी विकास के देहरादून तरला नगल में सिटी पार्क के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। मुख्य सचिव ने सिटी पार्क में हरियाली का विशेष ध्यान रखने की बात कही। कंक्रीट के न्यूनतम प्रयोग की बात कहते हुए उन्होंने पाथ-वे को बुजुर्ग लोगों के अनुरूप तैयार करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें इसमें चलने में समस्या न हो।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, हरि चंद्र सेमवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

राजभवन तक अनशनकारियों के पहुंचने पर एसएसपी सख्त, 3 पर कार्रवाई

अनशनकारियों के राजभवन तक पहुंचने के मामले में ऋषिकेश कोतवाल पर गाज गिर गई। उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है। देहरादून के एसएसपी ने ऋषिकेश के कोतवाल रवि सैनी समेत तीन पुलिस अधिकारियों को लाइन हाजिर किया है। इसमें कैंट थाने के इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह रावत और इसी थाने के सब इंस्पेक्टर जगत सिंह शामिल हैं। उक्त तीनों पर एक ही मामले को लेकर गाज गिरी है। ऋषिकेश के कोतवाल पर धरना स्थल की निगरानी में लापरवाही बतरने पर सख्त एक्शन लिया गया है। जबकि अन्य दो अधिकारियों पर अनशनकारियों के राजभवन की ओर बढ़ने की सूचना के बावजूद सुरक्षा संबंधित कदम न उठाने पर एक्शन हुआ है।

नौसेना का इतिहास शौर्य और पराक्रम भरा रहा है-धामी

नौसेना दिवस के अवसर पर राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से “इण्डियन वार्निंग इनफार्मेशन एंड नेविगेशन सर्विस” व “मैरीटाइम इनफार्मेशन चार्ट” का लोकार्पण किया, साथ ही नौसेना की प्रदर्शनी का अवलोकन कर देश की सुरक्षा में नौसेना के योगदान की सराहना की।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने नौसेना दिवस की शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना पर हम सब को गर्व है। उन्होंने कहा कि आज के दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के ’ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की उपलब्धियों को भी याद करने का दिन है। राज्यपाल ने कहा कि जिस ट्रांसफॉर्मेशन, डिजिटलीकरण के साथ मैप बनाने का कार्य भी भारतीय नौसेना कर रही है, वह हम सब के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी नौसेना दिवस के अवसर पर नौसेना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि नौसेना का इतिहास शौर्य और पराक्रम का रहा है। राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय में जिस प्रकार नौसेना द्वारा साइंस एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग कर डिजिटल मैप तैयार करना आरम्भ किया गया है वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार कर रहा है।
इस दौरान चीफ हाइड्रोग्राफर, वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा ज्वाइंट चीफ हाइड्रोग्राफर, रियल एडमिरल लोचन सिंह पठानिया समेत नौसेना के अफसर मौजूद रहे।

आईएसबीटी से मालदेवता और आईएसबीटी से सहसपुर रोड में चलेंगी 10 इलैक्ट्रिक बसें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से देहरादून स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 10 इलैक्ट्रिक बसों का विस्तारित मार्ग आई०एस०बी०टी० से मालदेवता एवं आई०एस०बी०टी० से सहसपुर रोड के संचालन का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने टिकट लेकर घंटाघर तक बस में यात्रा भी की। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन देहरादून में पहले से ही किया जा रहा है। उन्होंने सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी/जिलाधिकारी देहरादून सोनिका को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाये कि इन बसों के आने-जाने की समयावधि की आम जन को जानकारी हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत अब जो 30 इलैक्ट्रिक बसें संचालित की जा रही है। इससे देहरादून के विभिन्न यात्रा मार्गों पर जाने के लिए यात्रियों को काफी सुविधा होगी। यात्रियों को आवागमन के लिए सहज एवं सरल सुविधा मिलेगी। इलैक्ट्रिक बसों के संचालन से पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। ग्रीन एवं क्लीन सिटी के लिए भी इन बसों के संचालन से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस के संचालन का मुख्य उद्देश्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। इन बसों के संचालन से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण कम होगा।
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की दून कनैक्ट सेवा के अंतर्गत 20 बसों का संचालन देहरादून शहर के 4 मार्गों आई०एस०बी०टी से राजपुर, आई०एस०बी०टी० से रायपुर- सेलाकुई, आई०एस०बी०टी० से सहस्त्रधारा एवं आई०एस०बी०टी० से एयरपोर्ट तक पहले से ही संचालन किया जा रहा है। इनमें अभी तक कुल 12.47 लाख यात्रियों द्वारा सफर किया जा चुका है तथा कुल 2 करोड़ 41 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। पहले से चल रही बसों में यात्रियों की अधिक संख्या एवं स्थानीय निवासियों एवं यात्रियों के द्वारा अतिरिक्त बसों की इस रूट पर मांग के दृष्टिगत स्थानीय जनता को अधिकतम लाभ पहुचाने के लिए आई0एस0बी0टी0 से रायपुर रूट को विस्तारित कर मालदेवता तथा आई०एस०बी०टी० से सेलाकुई रूट को विस्तारित कर सहसपुर तक नई बसों को संचालित किया जा रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक सविता कपूर, सुरेश गड़िया, सीईओ स्मार्ट सिटी सोनिका उपस्थित रहे।

पुलिस नार्कों टेस्ट के लिए देगी कोर्ट में अर्जी, 10 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट

वनंतरा प्रकरण में बड़ी अपडेट सामने आई है। युवती की हत्या करने वाले तीनों आरोपितों का नार्काे टेस्ट होगा। इस बात का खुलासा एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने किया है। टेस्ट के लिए पुलिस जल्द कोर्ट में प्रार्थना पत्र जारी करेगी। वहीं रिसॉर्ट में कार्यरत युवती की हत्या के मामले में एसआइटी 10 दिन के अंदर आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।
पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीजी ने बताया कि 10 दिन के अंदर-अंदर चार्जशीट जारी कर दी जाएगी। हत्या, साक्ष्य मिटाने, आपराधिक षड्यंत्र, अनैतिक कार्य के लिए दबाव डालने के तहत चार्जशीट दाखिल की जाएगी। रिसॉर्ट में वीआईपी के मामले में एडीजी ने दोहराया कि वहां पर वीआइपी रूम है। उसमें ठहरने वालों को ही वीआइपी कहा जाता है। घटना वाले दिन उस कमरे में कोई नहीं ठहरा था। घटना के पहले व बाद कमरे में जो भी ठहरा था उनसे पूछताछ कर ली गई है। वहीं, इस मामले में एसआइटी ने काफी इलेक्ट्रानिक व फोरेंसिक साक्ष्य जुटा लिए हैं। हालांकि, चंडीगढ़ लैब भेजे गए साक्ष्यों में से एक-दो की रिपोर्ट अब तक एसआइटी को नहीं मिल पाई हैं। आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एसआइटी इन्हीं रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। सूत्रों की मानें तो सीएम की नाराजगी के बाद पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। बताया जा रहा कि सीएम ने टो टूक कहा है कि पुलिस अधिकारी अगर अपना कार्य ठीक से नही कर पा रहे है तो पुलिस विभाग बड़े फेरबदल और कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

तीर्थनगरी के संत समाज ने धर्मान्तरण कानून बनाने पर सरकार को दिया साधुवाद

उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण पर सख्त कानून बनने से तीर्थनगरी के संत-समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। साधु-संतों की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को शुभकामनाएं दी हैं।
बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रम्हपुरी के महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। धर्मांतरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धामी जी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। यह उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी पहल है।
स्वामी जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज हेतु बेहद हितकारक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को हम हृदय से धन्यवाद देते हैं और प्रभु से प्रार्थना करते हैं वे समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें।
स्वामी धर्मदास महाराज ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण करते हैं वह सबसे बड़ा पाप है। उत्तराखंड सरकार ने यह कानून पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को साधुवाद। कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को संत समाज ने आशीर्वाद देकर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, ब्रम्हपुरी आश्रम से प्रमोद दास, मण्डल अध्यक्ष ऋषिकेश भाजपा दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष श्यामपुर भाजपा गणेश रावत आदि उपस्थित रहे।