सीएम ने लेखा परीक्षक के पद पर चयनित 51 अभ्यर्थियों को बांटे ज्वाइनिंग लेटर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में लोक सेवा आयोग के माध्यम से वित्त विभाग के अंतर्गत लेखा परीक्षक के पद पर चयनित 51 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सभी नव नियुक्त कार्मिकों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि अब वे उत्तराखंड शासन, प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। सभी सच्ची लगन और मेहनत से अपने कार्य को निपुणता से करेंगे, इसकी उन्होंने अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों, हमारा यह प्रयास धीरे-धीरे धरातल पर उतरने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के और अधिक अवसर मिल पाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको एक ऐसे प्रदेश में सेवा का मौका ईश्वर ने दिया है, जिसमें आपकी एवं राज्य की प्रगति की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें, उसे पूर्ण ईमानदारी और लगन से करें तथा पूरी कोशिश करें कि जो काम आज होना है, उसे आज ही सम्पन्न करें तथा उस काम को कभी भी कल के लिये मत छोड़ें एवं उत्तराखंड को श्रेष्ठ व नम्बर-एक राज्य बनाने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों युवाओं में से आपको यह अवसर विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया गया है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में मानक तय करने होंगे। अनुशासित होकर ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने का लक्ष्य बनाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है। हमारी सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है और करती रहेगी तथा अपेक्षा की कि आप सभी उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ की सिद्धि में भी इसी प्रकार अपना सहयोग देते रहेंगे।

वित्त मंत्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने भी नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई एवं शुभकामनायें दीं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्द्धन, सचिव सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, उप निदेशक वीरेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक महीप कुमार सिंह, नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवा सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

वन आरक्षी और सहायक लेखाकारों के पद पर नियुक्त प्रतिभागियों को मिले नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र गढ़ीकैंट में वन विभाग द्वारा आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित 892 वन आरक्षी तथा 104 सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल भी उपस्थित थे। नियुक्ति पाने वाले 104 सहायक लेखाकारों में 59 वन तथा 45 तकनीकि शिक्षा विभाग के शामिल हैं। वन विभाग के अधीन अप्रैल 2017 से अब तक समूह ग के विभिन्न 4406 पदों पर नियुक्ति की गई है, जिसमें जुलाई 2021 से अब तक 2528 नियुक्तियां शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी नव नियुक्त कार्मिकों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि अब वे उत्तराखंड शासन, प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं सभी सच्ची लगन और मेहनत से अपने कार्य को निपुणता से करेंगे, इसकी उन्होंने अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि त्वरित रूप से विभागों के अंतर्गत रिक्त पदों पर प्रदेश के होनहार नौजवानों को अवसर प्रदान कराएं जाएं। यह अभियान लगातार और तेज गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिले हैं, उन पर प्रदेश के वन क्षेत्रों की सुरक्षा की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जबकि तकनीकी शिक्षा से जुड़े युवाओं पर उत्तराखण्ड शासन प्रशासन को एडवांस तकनीक से सुसज्जित करने की भी चुनौतियां है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों हमारा यह प्रयास धीरे-धीरे धरातल पर उतरने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार के और अधिक अवसर मिल पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में भर्ती प्रक्रियाओं में हो रही धांधली की शिकायतों को दूर कर हमने भर्ती प्रक्रियाओं में व्यापक बदलाव किया है। पहले की सरकारों में नौकरी के लिए विज्ञापन जारी होने से लेकर नियुक्ति पत्र देने तक बहुत लंबा समय लग जाता था। इस देरी का फायदा उठाकर, रिश्वतखोरों द्वारा जमकर रिश्वत का खेल होता था। लेकिन हमारी सरकार ने भर्ती की प्रक्रिया को अब पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है और भर्ती प्रक्रिया एक तय समय सीमा के भीतर पूरी की जा रही है। इसका परिणाम इतना सुखद है कि अब प्रत्येक युवा को समान अवसर मिलने लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं से कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको एक ऐसे प्रदेश में सेवा का मौका ईश्वर ने दिया है, जिसमें आपकी एवं राज्य की प्रगति की असीम संभावनाएं हैं। आज आप भर्ती प्रक्रिया में जिस पारदर्शिता और रफ्तार को देख रहे हैं वो सरकार के हर काम में दिख रही है। पारदर्शी तरीके से भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। ये पारदर्शिता बेहतर तरीके से युवाओं को प्रतियोगिता में उतरने के लिए प्रेरित करती है, हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की और से भर्ती प्रक्रियाओं पर लगाये गए कलंक को मिटाने के लिए ही हमने राज्य में देश का सबसे कठोर ‘‘नकल विरोधी कानून’’ लागू किया है। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। नकल विरोधी कानून के प्राविधान इतने कड़े किये हैं कि अब युवाओं के भविष्य के साथ कोई भी नकल माफिया खिलवाड़ नहीं कर सकेगा। इस कानून के तहत दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक का प्राविधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सभी को विश्वास दिलाया कि हमारी सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है और करती रहेगी तथा अपेक्षा की कि आप सभी उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे ‘विकल्प रहित संकल्प’ की सिद्धि में भी इसी प्रकार अपना सहयोग देते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों युवाओं में से आपको यह अवसर विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया गया है। आपको अपने कार्यक्षेत्र में मानक तय करने होंगे। अनुशासित होकर ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने का लक्ष्य बनाना होगा, नई तकनीकि में जुड़ना होगा। यह आपको अपने कार्य संपादन में प्रेरणा देने का भी कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश जन सेवाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए 1905 एप् के साथ अपणी सरकार पोर्टल तैया किया गया है। जन शिकायतों की निस्तारण प्रक्रिया का समय-समय पर वे स्वयं भी परीक्षण करते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि उन्हें भी जन समस्याओं के समाधान तथा जीरो पेंडेंसी का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिले इसके लिए हाल ही में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हुए हैं। इसमें 50 से अधिक देशों के निवेशक भी शामिल हैं इससे प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ युवाओं को रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड असीम संभावनाओं वाला प्रदेश है। प्रधानमंत्री ने भी 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। आज देश व दुनिया के लोग यहां आने के लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए उत्तराखण्ड का हित सर्वोपरि है, जिसे हम विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। हमने उत्तराखण्ड की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वायदा किया था जो पूर्ण किया गया है। इसमें प्रदेश में रहने वाले सभी नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा गया है।

वन एवं तकनीकि शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने भी नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र के अधीन है। प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता के साथ वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा का कार्य वन आरक्षियों का रहता है। उन्होंने वन आरक्षियों को फ्रंट लाइन वर्कर बताते हुए कहा कि जंगल को बचाने तथा मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं वनाग्नि को रोकने का भी उनका दायित्व रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को तकनीकि दक्षता के लिए पॉलिटेक्निक एवं आई.टी.आई आदि कॉलेजों को अवस्थापना सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। तकनीकि संस्थाओं के माध्यम से अधिक से युवाओं का प्लेसमेंट हो इस दिशा में भी प्रयास किये जा रहे है। गत वर्ष 65 प्रतिशत छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है।

प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु ने भी युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण जैसे समारोह पहले आयोजित नहीं होते थे। ऐसे अवसर युवाओं में आत्मविश्वास जगाने के साथ उन्हें कार्यक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने में मददगार होते है। उन्होंने युवाओं में निरंतर सीखते रहने की प्रकृति अपनाने तथा आदर्श चरित्र के साथ जीवन एवं कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने को कहा।

वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक तथा सचिव तकनीकि शिक्षा रविनाथ रमन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर वन एवं तकनीकि शिक्षा के अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवा उपस्थित थे।

चिकित्सा शिक्षा सहित पशुपालन में नौकरी पाए युवाओं को सीएम ने दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत टैक्निकल संवर्ग में चयनित अभ्यर्थियों एवं पशुपालन विभाग के अन्तर्गत चयनित सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। 85 चयनित टेक्नीशियनों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति प्रदान की गई है। पशुपालन विभाग के अन्तर्गत 19 सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने नियुक्ति प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, स्वास्थ्य एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण को टेंडर प्रक्रिया शुरु करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को विधानसभा भवन में उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में इन प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में नाबार्ड से स्वीकृति लेकर जल्द टैण्डर की प्रक्रिया आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों के भवनों के निर्माण के साथ-साथ ही इनमें विभिन्न स्टाफ की भर्तियों के अनुमोदन, फर्नीचर आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग तथा ब्रिडकुल को इन विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने, रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल एवं सोलर लाइट तथा उरेडा की सहायता से वाटर हीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि इन विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेषकर विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सीएस ने प्रस्तावित नवोदय विद्यालयों में निर्माण के दौरान इलेक्ट्रिकल विंग का सर्टिफिकेशन लेने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों में पुख्ता वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाने, किचन गार्डन तथा कम्पोस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की सुविधा तथा ऑनलाइन शिक्षा हेतु बेहतरीन वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विद्यालयों में बच्चों से मिलने आने वाले अभिभावकों के लिए अतिथि कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्य को 18 महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में नवोदय विद्यालयों को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के आरम्भ होने से दूरस्थ एवं दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के स्थानीय बच्चों को लाभ मिलेगा। इन विद्यालयों में बच्चों को अच्छी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
210 छात्र-छात्राओं की क्षमता तथा 3973.25 लाख रूपये की लागत से बनने वाले उत्तरकाशी के दिवारीखोल में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग है तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित 4486.77 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल है।
बैठक में अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदण्डे सहित कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग व ब्रिडकुल के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ ही उनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, पैरामेडिकल एण्ड एन्सिलरी स्टाफ के पद सृजन आदि की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित करने की हिदायत स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग को दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का समय पर संचालन शुरू हो पाएगा। मुख्य सचिव ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 216 तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 216 डॉक्टर्स के पदों से सम्बन्धित स्थिति को तत्काल स्पष्ट करने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।
मेडिकल टूरिज्म की बेहतरीन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीएस रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज तथा नैनीताल के भवाली स्थित टीबी सेनेटोरियम के सम्बन्ध में एक बैठक पर्यटन विभाग के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में विधानसभा भवन में राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के ढांचे के गठन में राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के सापेक्ष संख्या में कम हो रहे पदों के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के मैदानी जिलों के समान ही पर्वतीय जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्टाफ की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश स्वास्थ्य, वित्त एवं कार्मिक विभाग को दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज से न केवल पिथौरागढ़ जनपद को बल्कि जनपद चंपावत तथा जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक बड़े भाग की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल द्वारा भी यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की संभावना बढ़ जायेगी। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का संचालन आरम्भ होने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित सुविधाओं, उद्यमों के विकास एवं स्वरोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को हरिद्वार जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के फॉलोअप हेतु ट्रैकिंग सिस्टम बनाने, सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) करने, सभी गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव करवाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मातृ मृत्यु दर की दृष्टि से हाई रिस्क एरियाज में आशा वर्कर हेतु विशेष ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा वर्कर्स के कार्यों के मूल्यांकन में मातृ मृत्यु दर को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, वी. षणमुगम सहित स्वास्थ्य, वित्त, कार्मिक एवं न्याय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

धामी सरकार करने जा रही अपना वादा पूरा, आंदोलनकारियों को मिलेगा आरक्षण

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी पात्र आश्रित भी राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के हकदार होंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक पर गठित विधानसभा की प्रवर समिति ने यह सिफारिश की है। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समिति की रिपोर्ट सदन पटल पर रखी। बुधवार को रिपोर्ट पर चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी देने की पूरी संभावना है।
प्रदेश सरकार ने आठ सितंबर 2023 को सदन में विधेयक पेश किया था। विधेयक में चिह्नित आंदोलनकारियों व उसके एक आश्रित सदस्य को क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया था। प्रवर समिति ने इसमें बदलाव करते हुए सभी पात्र आश्रितों को आरक्षण का योग्य माना है। साथ समिति ने आश्रित की परिभाषा में चिह्नित आंदोलनकारी की पत्नी अथवा पति, पुत्र एवं पुत्री जिसमें विवाहित, विधवा, पति द्वारा परित्यक्त, तलाकशुदा पुत्री को भी शामिल किया गया है।
प्रवर समिति ने ये सिफारिश भी की कि 11 अगस्त 2004 को या उसके बाद उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों के अधीन विभिन्न राजकीय सेवाओं, पदों के लिए राज्य आंदोलनकारियों का चयन और नियुक्ति इस अधिनियम के तहत वैध माना जाए। जिस व्यक्ति का चिह्नीकरण सक्षम अधिकारी द्वारा राज्य आंदोलनकारी के रूप में किया गया हो, उसे प्रमाणपत्र या पहचानपत्र जारी हो। विधेयक में विभिन्न विभागों में तथा समूह घ के पदों पर सीधी भर्ती में नियुक्ति देने में आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को एक बार शिथिल करने का प्रावधान के स्थान पर समिति ने राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सिफारिश की है।

मुख्यमंत्री धामी ने 122 अभ्यर्थियों को दिये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में परिवहन निगम के अन्तर्गत चालक एवं परिचालक पद के लिए 106 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इन अभ्यर्थियों को मृतक आश्रित के रूप में परिवहन विभाग में नियुक्ति दी गई है। परिवहन विभाग के अन्तर्गत चयनित 16 सहायक लेखाकारों को भी मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा माह के अन्तर्गत राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा जन-जागरूकता रैली का फ्लैग ऑफ किया। इस अभियान के तहत सभी जनपदों में सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा कैलेण्डर और सड़क सुरक्षा पर आधारित डाटा बुक का विमोचन भी किया। 16 महिलाओं को परिवहन विभाग द्वारा निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण देने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने पर परिवहन निगम और परिवहन विभाग के सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपनी नौकरी की शुरूआत से ही अपने कर्तव्यों का ईमानदारी, सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से निर्वहन करें। परिवहन सेवा को सुचारू रखने के लिए चालक और परिचालक का महत्वपूर्ण दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में आत्म अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नौकरी की शुरुआती चरण से ही अपनी नियमित दिनचर्या के साथ कार्य करना शुरू करेंगे, तो यही दिनचर्या आदत में शामिल हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इनकी सुख-सुविधाओं को और बेहतर बनाने की भी परिवहन विभाग और परिवहन निगम पर बड़ी जिम्मेदारी है। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हम सबको अपने-अपने क्षेत्रों में अहम योगदान देना है, सबके सहयोग से उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से अनेक भर्ती प्रक्रियाएं गतिमान हैं। पिछले दो सालों में तेजी से भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण की गई हैं। सभी भर्तियां पूर्ण पारदर्शिता के साथ हों, इसके लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद तेजी और पूर्ण पारदर्शिता से सभी परीक्षाएं सम्पन्न हुई हैं। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए निःशुल्क ड्राईविंग प्रशिक्षण दिलाने के लिए परिवहन विभाग के प्रयासों की सराहना भी की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम डॉ. आनन्द श्रीवास्तव एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

पहली बार घाटे से उभरी रोडवेज, रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं प्रबंध निदेशक डॉ आनद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें
उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा-डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश को ड्रोन पॉलिसी के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों से सहयोग लेने के लिए अनुबंध किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड मोस्ट हेलीकॉप्टर फ्रेंडली स्टेट है। इससे एक ओर हैली सेवा को अत्यधिक फायदे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन कॉरिडोर के लिए जीरो रिस्क एरिया पर फोकस किया जाए। कहा कि पिटकुल और यूपीसीएल की बहुत सी हाई टेंशन और लो टेंशन लाइन्स को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल और पिटकुल से आपसी सामंजस्य स्थापित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ड्रोन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन पॉलिसी का प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही प्रदेश के युवाओं को ड्रोन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और रोजगार की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों से ड्रोन के विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जा सकते हैं।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, निदेशक आईटीडीए विनीत कुमार एवं आईजी (सुरक्षा) राजीव स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग में चयनित 26 अभ्यर्थियों को दिए नियुक्ति पत्र


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत 26 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। जिसमें 15 सहायक लेखाकर एवं 11 कनिष्ठ सहायक शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी चयनित कार्मिक लगन व कड़ी मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और राज्य के विकास व जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग के तहत केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का प्रत्येक पात्र व्यक्ति को समय पर लाभ मिले, समाज कल्याण विभाग की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने कार्यक्षेत्र की शुरूआत के दौरान ही दिनचर्या बनाते हैं और नियमित दिनचर्या के साथ कार्य करते हैं, तो सभी कार्य सुगमता से पूर्ण होते हैं। कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और अनुशासन के साथ कार्य करने और लोगों की मदद करने की भावना सबके मन में होनी चाहिए। जब हम सही भावना से कोई कार्य करते हैं, तो इससे मन में संतुष्टि का भाव होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के माध्यम से अनेक भर्ती प्रक्रियाएं गतिमान हैं। भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ कराने के लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद से सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता से हुई है।

इस अवसर पर सचिव समाज कल्याण बृजेश कुमार संत, निदेशक समाज कल्याण आशीष भटगाई उपस्थित थे।