मकर सक्रांति के बाद ऋषिकेश में काॅलेज में होगा कैंपस का उद्घाटन

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की। भेंटवार्ता के दौरान उन्होंने अवगत कराया है कि जनवरी माह में मकर संक्रांति पर्व के बाद ऋषिकेश स्थित श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कैंपस का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि विश्वविद्यालय के छात्रों को डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी इससे अब कोरोना संक्रमण के चलते छात्र-छात्राओं को घर पर ही ऑनलाइन माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों को डीजी लॉकर व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपनी मार्कशीट और डिग्री के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन डिजिटल लॉकर की व्यवस्था से छात्रों का कोई परेशानी नहीं होगी।डिजिटल लॉकर पर मार्कशीट और डिग्री अपलोड करने के बाद छात्र घर बैठकर निर्धारित कोड लगाकर अपने दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा है कि ऋषिकेश में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर स्थापित करने को लंबे समय से कवायद चल रही थी जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में विधिवत इसका शिलान्यास हो जाएगा। अग्रवाल ने कहा है कि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन होने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश के निकटवर्ती क्षेत्र के बच्चों को अब महाविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए समस्या नहीं होगी। अग्रवाल ने इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का भी आभार व्यक्त किया।

प्राचीन शिक्षा प्रणाली में गुरूकुलों का बड़ा महत्वः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्कूल के भवनों के रूपान्तरण के साथ ही वहां पर शिक्षा एवं सुरक्षा का बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने से ही हम छात्रों का वर्तमान के साथ ही भविष्य सुरक्षित करने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य आपदा की दृष्टि से संवदेनशील होने के कारण विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों को प्राकृतिक आपदा से बचाव की जानकारी दी जानी भी समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मानव वन्य जीव संघर्ष की भी चुनौती रही है, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में मानव वन्य जीव संघर्ष से सम्बन्धित देश का पहला प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन का अलग से मंत्रालय गठित करने वाला भी पहला राज्य है।

आज सस्टेनेबल इनवायरमेंट एण्ड इकोलॉजिकल सोसायटी (सीड्स) एवं हनीवेल सेफ स्कूल कार्यक्रम के तहत 15 स्कूलों का रूपान्तरण के पश्चात् शिक्षा विभाग को सौंपे जाने से सम्बन्धित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा के अनुकूल माहौल से छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ ही उनके मानसिक विकास में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली में गुरूकुलों का बड़ा महत्व रहा है। आज के विद्यालयों को सुविधायुक्त बनाने से ही अच्छी शिक्षा छात्रों को उपलब्ध हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों का वर्तमान सुरक्षित रखने से ही उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा। इसके लिए उन्हें विद्यालयों मे सकुशल, सुरक्षित एवं सहजता के साथ शिक्षा उपलबध कराने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी का हम सर्तकता बरतने के कारण ही सामना करने में सफल हो पाये हैं। दुनिया के अनेक सुविधा सम्पन्न देशों के मुकाबले हम इससे अपना बचाव कर पाये हैं। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों के रूपान्तरण के साथ ही छात्रों का सकुशल और सुरक्षित स्कूल के लिए आवश्यक सहयोग एवं सहायता के लिये सीड़स एवं हनीवेल के प्रयासों को सराहनीय बताया।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सीड्स एवं हनीवेल द्वारा देहरादून एवं हरिद्वार के 4 विकास खण्डो के 15 स्कूलों का रूपान्तरण के पश्चात् अपर निदेशक शिक्षा मुकुल सती एवं वन्दना गर्ब्याल, एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर को सौंपा गया।

इस अवसर पर डॉ. मनु गुप्ता, सह-संस्थापक, सीड्स ने कहा कि हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम शुरू करने से पहले, सीड्स ने इन 100 स्कूलों पर एक आधार स्तर का सर्वेक्षण किया था, जिससे यह पता चला कि लगभग 40 प्रतिशत स्कूलों के भवनों को भूस्खलन, भूकंप और बाढ़ से उत्पन्न होनेवाले संरचनात्मक खतरों का सामना करना पड़ता है। संरचनात्मक नवीनिकरण का उद्देश्य इन जोखिमों को कम करना होता है। 2019 में शुरू किए गए हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम के जरिए हरिद्वार और देहरादून जिलों के 100 सरकारी स्कूलों में 11,000 से अधिक विद्यार्थियों, 3,000 अभिभावकों और 900 शिक्षकों को स्कूल की सुरक्षा पर प्रशिक्षण दिया है। देहरादून और हरिद्वार में राज्य सरकार के 15 के स्कूलों का जीर्णोद्धार, मरम्मत और विस्तारण किया।
इस अवसर पर हनीवेल के वीरेन्द्र मिश्रा एवं सीड्स की रिजनल मैनेजर अनिता चैहान ने भी विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में डीआईजी एसडीआरएफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल सहित विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकगण आदि उपस्थित थे।

कर्नल सीएम नौटियाल की पुस्तकों का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में कर्नल सी.एम. नौटियाल द्वारा लिखित पुस्तकों ‘सतीत्व का श्राप’ एवं ‘ अनुबंध ’ का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समाज को सही राह दिखाना लेखकों एवं साहित्यकारों का दायित्व होता है। इन पुस्तकों में कर्नल नौटियाल ने सतीत्व का श्राप पुस्तक में जहां एक ओर समाज में व्याप्त कुरीतियों को सामने लाने का प्रयास किया है वही यह भी सन्देश देने का प्रयास किया है कि समाजिकता के विरूद्व मनुष्य चाहे अपने किये गये अपराधों को कितना भी छिपाने का प्रयास करें, पीड़ित की अन्तर्रात्मा को पहुंची ठेस का प्रतिफल अपराधी को अवश्य मिलता है। ‘अनुबंध’ उपन्वास में भी लेखक ने मानवीय संवेदनाओं एवं सम्बन्धों को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है। वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दंशों का मानवता पर पड़ने वाले प्रभावों को भी इसमें निरूपित किया गया है।

पुस्तक के लेखक कर्नल सी.एम. नौटियाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए पुस्तकों के बारे में जानकारी दी।

हाईस्पीड संचार सेवा से जुड़ा राजकीय महाविद्यालय, स्पीकर ने किया उद्धाटन

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने आज पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय महाविद्यालय में 4-जी संचार सेवा का विधिवत उद्धाघाटन किया। मौके पर एनसीसी कैडेट्स को स्पीकर ने एक लाख 50 हजार रुपये विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से देने की घोषणा भी की। इसके अलावा स्पीकर ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले महाविद्यालय के 2 कैडेट्स को दस-दस हजार रुपये देने की घोषणा की।

स्पीकर ने कहा कि प्रदेश के सभी महाविद्यालयों को 4-जी कनेक्टिविटी से जोड़ने का अभियान जारी है आज इसी श्रृंखला में पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय महाविद्यालय को 4जी कनेक्टिविटी से जोड़ा गया जिससे छात्र छात्राओं को लाभ होगा।

कहा कि उत्तराखंड सरकार ने छात्र छात्राओं को पठन-पाठन में आने वाली समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए प्रत्येक महाविद्यालय को 4जी नेटवर्क से जोड़ने का संकल्प लिया है।

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डॉ एनके महेश्वरी, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सुधा भारद्वाज, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, श्यामपुर के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, डॉ अंजू भटट, डॉ. सत्येंद्र कुमार, डॉ रूबी तबस्सुम, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व छात्र संघ विश्वविद्यालय प्रतिनिधि नितिन सक्सेना, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विवेक शर्मा, बलविंदर सिंह, कौशल बिज्लवान, डॉ बीके गुप्ता, जय कृष्ण, आशीष जोशी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ, दयाधर दीक्षित ने किया।

अटैचमेंट को लेकर डीजीपी सख्त, मूल तैनाती के होंगे आदेश

उत्तराखंड के सभी पुलिसकर्मियों के पास एक माह के भीतर स्मार्ट कार्ड होंगे। इसके लिए डीजीपी ने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला प्रभारी और सेनानायक इस काम को अपने पर्यवेक्षण में करेंगे।
दरअसल, बीते 12 सालों से पुलिस के आईडी कार्ड का काम बेहद धीमा है। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के कार्ड दौरान नहीं बन पाए थे। इनकी संख्या तीन से चार के आसपास बताई जा रही है। आईकार्ड न होने से पुलिसकर्मियों को बाहरी जनपदों और राज्यों में दबिश देने में भी समस्या सामने आती थी। लेकिन, अब डीआईजी ने सभी के कार्ड बनाने के लिए एक माह का समय दिया है।

पुलिस में खत्म होगा अटैचमेंट का खेल
पहाड़ की ड्यूटी से बचने के लिए लंबे समय से अटैच चले आ रहे पुलिसकर्मियों को मूल तैनाती पर जाना ही होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने अटैचमेंट वाले प्रकरणों की समीक्षा करानी शुरू कर दी है। वाजिब कारण वालों को छोड़कर सभी को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी की जाएगी।
दरअसल, मैदान में समयावधि पूरी होने के बाद कर्मचारियों का पहाड़ पर ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन, बहुत से कर्मचारी कई मजबूरियां बताकर विभिन्न दफ्तरों में अटैच हो जाते हैं। यह अटैचमेंट अग्रिम आदेशों या समस्या हल होने तक किया जाता है।
बावजूद, इसके तमाम कर्मचारी अब भी दफ्तरों से अटैच होकर मैदान में ड्यूटी कर रहे हैं। इस मामले में अब डीजीपी ने मुख्यालय में मौजूद कर्मचारियों का डाटा और उनके अटैचमेंट की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इन कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जा सके।

आईजी ने भी दिए थे निर्देश
पिछले दिनों रेंज स्तर पर आईजी अभिनव कुमार ने भी अटैचमेंट की स्थिति साफ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कई कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश भी दिए थे। उन्होंने नाराजगी जताई थी कि बहुत से कर्मचारी सहूलियत का बेवजह फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अटैचमेंट एक सुविधा होती है, जिसका अनुचित लाभ लिया जाना गलत है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा पहाड़ पर ट्रांसफर हुए लोगों को जल्द ही मूल तैनाती पर भेजा जाएगा। इसके लिए सभी को निर्देशित किया जा चुका है। इसके लिए समितियां भी काम कर रही है। ट्रांसफर, पोस्टिंग को लेकर वर्तमान में नौ समितियां हैं।

नगर निगम से शुरु हुई पहल, स्वच्छता सर्वेक्षण में होगी कारगर

नगर निगम ऋषिकेश, यूएनडीपी एवं एचडीएफसी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में आकांक्षा संस्था द्वारा ’प्लास्टिक लाओ मास्क पाओ’ अभियान की शुरुआत नगर निगम कार्यालय से की गई। इस अभियान की शुरुआत नगर आयुक्त ने की। इस अभियान में प्लास्टिक के बदले में कपड़े का मास्क दिया जा रहा है। यह अभियान 8 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिनों तक चलेगा।
ऋषिकेश निवासियों को प्लास्टिक पैकेजिंग पानी, कोल्ड ड्रिंक, जूस की बोतलें, सिंगल यूज पॉली बैग और प्लास्टिक के अन्य कचरे के बदले एक कियोस्क पर मुफ्त कपड़ा मास्क मिलेगा। नगर निगम कार्यालय और कई कॉलोनियों और अपार्टमेंट जैसे क्षेत्रों में कियोस्क स्थापित किए जाएंगे।
इस अभियान का उद्घाटन नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम कार्यालय में किया गया, जहां उन्होंने मास्क देकर इस अभियान को शुरू किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त ने इस अभियान को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह कि अभिनव प्रयास से लोगों में प्लास्टिक अलग-अलग रखने और उसको रिसाइकलिंग के लिए भेजने की आदत को प्रोत्साहित करेगा।
इस दौरान निगम की तरफ से एसआई सचिन रावत सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। एचडीएफसी बैंक की तरफ से वैभव ने इस कार्यक्रम के सफलता के लिए लोगो को बढ़चढकर आगे आने की अपील की। संस्था की दिल्ली ऑफिस से ज्योति शर्मा, प्रेम, मोहम्मद मेहंदी जैदी, वाशुतोष, मीनाक्षी, मोहन, रेखा व अन्य साथी उपस्थित रहे।

कृषि कानून किसानों के हित में लाई है केन्द्र सरकार-मुख्यमंत्री

कृषि कानून के विरोध में भारत बंद में विपक्षी दलों के शामिल होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कृषि कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन आज वह विरोध में उतर आई है। उन्होंने कांग्रेस पर दोगला होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद तो बर्बाद है ही, वह किसानों को भी बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों के प्रति सौ फीसदी प्रतिबद्ध है। वे किसी भ्रम में न पड़े। कोई ऐसा काम न हो, जिससे राज्य के अमन को नुकसान पहुंचे।
मुख्यमंत्री बीजापुर अतिथि गृह में किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आंदोलन को गलत दिशा में मोड़ने का प्रयास किया। कृषि कानून किसानों के हित में है। इसकी बहुत लंबे समय से डिमांड चल रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी रहे स्वामीनाथन की रिपोर्ट के आधार पर कृषि कानून है। कानून के तहत किसानों के लिए अनेक विकल्प खोल दिए गए हैं। पहले किसान मंडी मे खरीदारी करता था। आज ओपन मार्केट कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि एमएसपी समाप्त हो रहा है। एमएसपी समाप्त नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे बिल्कुल भ्रमित न हों। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भजापा आपके हितों की संरक्षक है। लेकिन कांग्रेस जो कृषि कानून के विरोध में खुलकर आ रही है, दोगली है। उसने  2019 के घोषणा पत्र में है साफ लिखा कि वह एपीएमसी एक्ट को निरस्त कर देगी। कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी।
आज वही कांग्रेस और उस राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं इस आंदोलन में कूद गए। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने  कहा कि जिस तरह के नारे लगाए जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि कुछ लोग देश की अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।  हम इसकी तीव्र भर्त्सना करते हैं। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के गुजरात के किसानों को दी गई सस्ती बिजली का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को दोगली कांग्रेस से बचने की जरूरत है। 

पेराई सत्र से पहले किसानों को भुगतान
मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को लेकर राज्य सरकार के फैसलों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शायद पहली बार हुआ कि नए पेराई सत्र से पहले किसानों को उनकी फसल का पूरा भुगतान कर दिया गया। किसानों से धान की खरीदारी हो रही है। 24 घंटे में बिलों का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से हो रहा है। इकबालपुर निजी मिल को सरकार ने 36 करोड़ की गारंटी देकर 22 हजार से अधिक किसानों को राहत दी।

ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्यों में आएगी पारदर्शिता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सचिवालय में ई-ऑफिस की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि 25 दिसम्बर, 2020 से सचिवालय के सभी अनुभागों को ई-ऑफिस सिस्टम से जोड़ा जाना है। इसके लिए सभी विभाग अपनी ओर से सभी आवश्यक तैयारियाँ पूर्ण कर लें।
मुख्य सचिव ने कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी इसके साथ ही कार्यों की गति भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुभागों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाए। विभागों एवं अनुभागों से फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था भी की जाए।
बैठक में सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि ई-ऑफिस सिस्टम की दिशा में आईटीडीए, जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय, शहरी विकास एवं वन विभाग का पीसीसीएफ ऑफिस ने 100 प्रतिशत ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर लिया है। बाकी विभाग भी तेजी से ई-ऑफिस पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय में इस सम्बन्ध में लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिस भी अनुभाग में कोई समस्या आ रही है। 20 मिनट के अन्दर हमारी टीम वहां पहुंच कर उन्हें आवश्यक जानकारी देते हुए उनकी समस्या का निराकरण कर रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सौजन्या, निदेशक आईटीडीए, अमित सिन्हा सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक करे आवेदन

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। अब संस्थागत छात्र-छात्राएं बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि व्यक्तिगत छात्र-छात्राओं से इस तिथि तक आवेदन जमा करने के लिए विलंब शुल्क लिया जाएगा।
शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व रोकथाम को देखते हुए स्कूल बंद होने की वजह से बोर्ड के छात्र-छात्राओं के आवेदन की तिथि में बदलाव किया गया है। 
शिक्षा सचिव ने कहा कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद, रामनगर की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर परीक्षा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को 25 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अब 10 दिसंबर तक स्कूलों में आवेदन जमा कर सकते हैं। जबकि स्कूल खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 15 दिसंबर तक आवेदन जमा करा सकते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 19 दिसंबर तक आवेदन जमा कराए जा सकते हैं। वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बोर्ड कार्यालय को 24 दिसंबर तक आवेदन जमा कराने होंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह व्यवस्था केवल 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू है।

विभिन्न विषयों को लेकर केंद्रीय मंत्री निशंक से मिले उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत

देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं उसके कार्यान्वयन, बालिकाओं के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और अन्य कई योजनाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) पर चर्चा के साथ साथ उत्तराखंड में साइंस कॉलेज खोलने पर भी बात की। इसके अलावा उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार से बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी माँगा है।

इस प्रस्ताव में राज्य सरकार हिमालयी, पिछड़े, दूरस्थ और बीहड़ के क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए अपनी तीन-चार प्राथमिकताएं दे सकती हैं जहाँ पर केंद्र सरकार बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा की सुविधाओं को प्रोजेक्ट के रूप शुरू करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट भविष्घ्य में महिला सशक्घ्तिकरण की दिशा में बेहतर समाधान प्रदान कर सकते हैं।

इसके अलावा महिलाओं के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में छात्रावास एवं पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध करवाने पर भी बातचीत हुई। केंद्रीय मंत्री ने धन सिंह रावत से पौड़ी, टिहरी और श्रीनगर के तीनों कैम्घ्पसों को विशेषज्ञता के आधार पर अलग-अलग करने पर भी विचार विमर्श किया। इन तीनों में से एक को शोध, एक को जनरल और एक को महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्रित किया जाएगा।

डॉ निशंक ने इस पर भी चर्चा की कि किस प्रकार केंद्र सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों के सरकारी स्कूलों को पोषित कर सकती है।

उन्होंने देहरादून, उधम सिंह नगर और हरिद्वार में पीपीपी मोड में आईआईआईटी बनाने के साथ साथ एनआईटी श्रीनगर के कार्य में आ रही रुकावट पर भी चर्चा की और कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, अगर उत्तरदायी संस्था ठीक से कार्य नहीं कर रही है तो किसी और संस्थान से इसके कार्य को पूरा करवाया जाए।

डॉ निशंक ने उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री से कोटद्वार, गोपेश्वर, अल्मोड़ा के कॉलेजों को स्वायत्ता देने के लिए उनकी सूची बनाने कर उसकी सूचना यूजीसी को भी उपलबध करवाने को कहा और यह भी सुझाव मांगे कि निकट भविष्य में स्वायत्तता की दृष्टि से क्या किया जा सकता है।

डॉ निशंक ने राज्य में आईसर और आईआईआईटी की स्थापना पर भी राज्य के शिक्षा मंत्री से सुझाव मांगे हैं और उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इसके लिए जल्द से जल्द शेष अनुदान जारी करेगा।