ऑनलाइन समूह ग भर्ती परीक्षा कराने को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने की तैयारी

प्रदेश में समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एमओयू की तैयारी कर ली है। आयोग को सरकार से ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी की फाइनेंशियल बिड को मंजूरी मिल गई है।

खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आयोग पहली बार प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करेगा। इससे कम समय में भर्ती परीक्षा हो सकेगी। वहीं, प्रश्न पुस्तिका में त्रुटियां, उत्तर कुंजी में छेड़छाड़ और पेपर लीक होने जैसी समस्या भी नहीं रहेगी। इससे भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता भी आएगी।

बता दें कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए छह कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था। लेकिन फाइनेंशियल बिड के लिए तीन कंपनियों का चयन किया था। इसमें एक कंपनी ने फाइनेंशियल बिड में भाग नहीं लिया।

जबकि दूसरी कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। फाइनेंशियल बिड में मात्र एक कंपनी होने के चलते आयोग ने फाइनेंशियल बिड को मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था। कैबिनेट ने निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अधिकृत किया था।

चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड की मंजूरी दे दी है। ऑनलाइन परीक्षा करवाने वाली कंपनी को आयोग की ओर से अनुबंध करने के लिए पत्र भी भेजा गया है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आयोग और कंपनी के बीच एमओयू होगा।

ऋषिकेश पुलिस ने कोरोना से मृत महिला का कराया दाह संस्कार

राज्य में कोरोना से शुक्रवार की देर रात हुई दूसरी मौत के बाद शनिवार शाम मृतका का अंतिम संस्कार पुलिस ने कराया। मृतका की चिता को मुखाग्नि उनके पति ने दी। कोरोना वायरस (पॉजिटिव) एवं कैंसर से पीड़ित महिला की मृत्यु के पश्चात, पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के समस्त उपाय व पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार कराया गया।

शनिवार को कोतवाली पुलिस व प्रशासन के द्वारा करोना संक्रमण से बचाव करते हुए उत्त मृतक महिला का अंतिम संस्कार चंद्रेश्वर नगर स्थित मुक्तिधाम में कराया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार के पूरे स्थान को सैनिटाइज करवाया गया।

कागज की बोतल में मिलेगी बीयर और सॉफ्टड्रिंक

कोका-कोला और कार्लसबर्ग जैसी कंपनी ने प्लास्टिक को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। पर्यावरण के हित में फैसला लेते हुए दोनों कंपनियों ने प्लास्टिक की बोतल उपयोग न करने का निर्णय लिया है. यानि दोनों ही कंपनियां ड्रिंक्स के लिये प्लास्टिक की बोतल की जगह प्लांट से बनाई गई बोतलों का उपयोग करेंगी

रिपोर्ट के अनुसार, ये योजना रिनेवेबिल कैमिकल्स कंपनी अवंतियम द्वारा तैयार की गई है। कंपनी बियर को स्टोर करने के लिये प्लास्टिक लेयरिंग के साथ अनोखा कार्डबोर्ड तैयार कर रही है. टेंशन लेने वाली बात नहीं है कंपनी का दावा है कि ये प्लास्टिक सिंथेटिक प्लास्टिक नहीं है, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

कंपनी का कहना है कि यूज होने के बाद इन बोतलों को आसानी से रिसाइकल कर लिया जाएगा। इसके साथ ही अगर इन्हें जमीन पर फेंका जाता है, तो ये कुछ टाइम में सड़ कर खाद में बदल जाएंगी। कंपनी का कहना है कि कांच की बोतल, प्लास्टिक जितनी खतरनाक नहीं होती हैं, पर इन्हें रिसाइकल करना भी आसान नहीं होता है। इतनी ही नहीं, जंगल में सूर्य की रौशनी से टकराने पर कांच की बोतल से आग लगने की संभावना होती है। इसके साथ ही प्लास्टिक और कांच की बोतल जंगल से लेकर समुद्री जानवरों के लिये बड़ी परेशानी हैं।

आंकड़ों के अनुसार, 300 मिलियन टन प्लास्टिक को जीवाश्म ईंधन से बनाया जाता है, जिसे सड़ने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। खुशी हुई जानकर की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अब पर्यावरण को लेकर सजग हो रही हैं। छोटी सी पहल जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है।
– डॉ मोहन पहाड़ी की फेसबुक वॉल से

उच्च शिक्षा के सभी एडमिशन 1 सितंबर से होंगे

उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एक सितंबर से एडमिशन शुरू होंगे। प्रमुख सचिव आनंद वर्धन की ओर से इस संबंध में सभी कुलपतियों और उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश जारी किया गया है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य के समस्त महाविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र प्रभावित हुआ है। जिससे सभी महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं में दुविधा की स्थिति बनी है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य के समस्त महाविद्यालयों में एक जुलाई 2020 से परीक्षाएं आयोजित की जाएं और एक महीने के भीतर इसे समाप्त किया जाए। जबकि एक अगस्त 2020 से महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की क्लास शुरू की जाए।
वहीं एक सितंबर से प्रवेश शुरू किए जाएं। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा की ओर से यह भी कहा गया है कि गर्मियों की छुट्टी के संबंध में निर्णय लेते हुए अलग से अवगत कराया जाएगा।

कोरोना नियंत्रण के लिए मास्क और सोशल दूरी का कड़ाई से हो पालन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्डवासी काफी संख्या में आ रहे हैं, ये जिन जनपदों में आ रहे हैं, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए ताकि उत्तराखण्ड के बोर्डर ऐरिया पर स्क्रीनिंग का लोड कुछ कम हो सके। बाहर से आने वाले लोगों को जहां पर क्वारंटाइन किया जा रहा है, उसकी नियमित मोनिटरिंग की जाए। इसके लिए कर्मिकों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क की अनिवार्यता का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के पास मास्क की उपलब्धता हो। मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माने की कारवाई की जाए। बाहरी राज्यों के जो श्रमिक उत्तराखण्ड में हैं, अगर वो अपने राज्यों में वापस जाना चाहतें हैं, तो सम्बन्धित राज्यों से जो वाहन आ रहे हैं, उन्हें उन वाहनों में भेजने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से जितने भी लोग आ रहे उनका पूरा डाटा रखा जाए कि ये कहां पर क्वारंटाइन किये गये हैं। यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा सके। इसके लिए पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को अलर्ट के लिए एस.एम.एस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कन्ट्रोल रूम एवं आईटी सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

सीएम त्रिवेन्द्र ने एसडीआरएफ द्वारा बनाया गया कोरोना वारियर एप्प का किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में स्थित अंतर राज्यीय आवागमन हेतु बनाये गए राज्य स्तरीय कोविड कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ द्वारा बनाई गई ट्रेनिंग एप्प ‘‘कोरोना वारियर’’ का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी भी ली। अब तक राज्य में लाये गए प्रवासियों की संख्या तथा बाहर जाने वाले प्रवासियों के बारे में जानकारी। अभी तक सम्पादित बड़े अभियान एवं भविष्य के लिए कार्ययोजना, कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली, उपलब्धियां, समस्याएं तथा सुझाव, वेब लिंक के माध्यम से मॉनिटर की जा रही जानकारी भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान ली। इसके अलावा उन्होंने राज्य के विभिन्न्न विभागों को अभी एसडीआरएफ द्वारा दिए गए प्रशिक्षण, अंतर राज्यीय तथा अंतर जनपदीय परिवहन के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अन्य राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए कि उनके राज्यों से जो खाली वाहन उत्तराखण्ड आ रहे हैं उन वाहनों में उत्तराखण्ड के प्रवासियों को उत्तराखण्ड बार्डर तक लाया जाए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कंट्रोल रूम में अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों का सम्मानित भी किया। जो कार्मिक सम्मानित किये गये उनमें एसडीआरएफ निरीक्षक वेद प्रकाश भट्ट, अनूप रमोला, उमराव सिंह, रेखा नेगी, अमन सिंह शामिल हैं।

कोविड-19 अथवा नोवेल कोरोना वायरस के दृष्टिगत वर्तमान तक एसडीआएफ द्वारा विभिन्न विभागों के 18 हजार से अधिक कर्मियों तथा जनमानस को कोरोना संक्रमण से बचाव सम्बंधी प्रशिक्षण दिया गया है। इसी क्रम में खेल- खेल में जागरूकता प्रदान करने वाली क्विज कराई जा रही है। इस एप्प के माध्यम से पुलिस, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री, आवश्यक सेवाओं के वाहन चालक, सफाई कर्मी आदि विभागों के कर्मचारियों एवं आम जनमानस द्वारा ज्ञान वर्धन किया जा सकता है।

अब उत्तराखंड के मरीज कहीं भी करा सकेंगे इलाज, सरकार ने दी बड़ी राहत

राज्य अटल आयुष्मान योजना के तहत 39 लाख गोल्डन कार्ड नेशनल पोर्टेबिलिटी से जुड़ गए हैं। अब गोल्डन कार्ड पर गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज देश के किसी भी पंजीकृत बड़े अस्पताल में इलाज कर सकेंगे। लेकिन सरकारी अस्पताल से रेफर की व्यवस्था रहेगी।
प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना में दो तरह के गोल्डन कार्ड धारक है। एक तो केंद्र की आयुष्मान योजना में प्रदेश के 5.37 लाख परिवार शामिल हैं। जबकि त्रिवेंद्र सरकार ने अपने संसाधनों से 25 दिसंबर 2018 से प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिया। जिसमें पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।
राज्य आयुष्मान योजना में बने गोल्डन कार्ड पर प्रदेश के अंदर पंजीकृत 174 सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा दी थी। अब नेशनल पोर्टेबिलिटी से इन्हें भी जोड़ दिया गया है। इसके बाद सभी गोल्डन धारकों को देश के किसी भी पंजीकृत बड़े अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज कराने की सुविधा मिलेगी।

अस्पतालों को मिलेगा ज्यादा प्रोत्साहन
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ बॉयो साइंस एंड ह्यूमन (एनआईबीएच) से प्रमाणित सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने पर 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों को पहले से ही 10 प्रतिशत अतिरिक्त इनसेंटिव दिया जाता है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि प्रदेश के सभी गोल्डन कार्ड धारक नेशनल पोर्टेबिलिटी से जुड़ गए हैं। अब कार्ड धारक मरीज प्रदेश के बाहर किसी भी पंजीकृत अस्पताल में गंभीर बीमारियों का इलाज करा सकते हैं। इसके लिए रेफर की व्यवस्था रहेगी।

जिला         गोल्डन कार्ड धारक
अल्मोड़ा           207807
बागेश्वर            89620
चमोली            155751
चंपावत            82730
देहरादून           821696
हरिद्वार             631623
नैनीताल         346406
पौड़ी            262848
पिथौरागढ़      159276
रुद्रप्रयाग         92702
टिहरी              259852
ऊधमसिंह नगर  609345
उत्तरकाशी      147043

आयुष मंत्रालय ने इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक को प्रमाणिक माना, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी

सारंडा वन प्रमण्डल ने आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन पर आधारित इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक तैयार किया है। आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज चाईबासा के पूर्व प्राचार्य डॉ मधुसूदन मिश्रा की देखरेख में इस काम को किया जा रहा है। मिश्रा का मानना है कि वायरल संक्रमण का इलाज संभव तो नहीं लेकिन उसके लिए शरीर में एंटीजेन तैयार कर हम उसे मात दे सकते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से ही संभव होता है।
साल के वृक्षों के लिए मशहूर एशिया प्रसिद्ध सारंडा का वन क्षेत्र औषधीय पौधों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहीं से प्राप्त जड़ी बूटियों और अन्य वन उपजों को इकट्ठा कर स्थानीय वन समिति के जरिए इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक का वृहद पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। सारंडा के डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि इसे जिले के पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें दिया जाएगा।
पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल ने इस ड्रिंक को उपयोगी बताते हुए कहा कि इसके उत्पादन से वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आमदनी को बढ़ाने में मदद तो मिलेगी ही, कोरोना के फ्रंटलाइनर योद्धाओं के लिए भी यह ड्रिंक सहायक साबित होगी। कोरोना संक्रमण काल में जब तक इसका कोई इलाज नहीं मिल जाता तब तक रोग प्रतिरोधक झमता बढ़ाना भी एक कारगर उपाय माना जा रहा है।
कोरोना संकट ने हमारे समक्ष जहाँ स्वास्थ्य चुनौती पेश की है वही यह हमें जीने की नई राह भी दिखा रहा। बड़े तो बड़े बच्चे तक इस संक्रमण काल में अब नवाचारों की ओर बढ़ रहे है। गुमला के एक बच्चे ने करेंसी सैनिटाइजर मशीन का निर्माण किया है जिसको बनाने में महज 1500 रूपए का खर्च आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनौती को अवसर में बदलने पर हमेशा जोर दिया करतें हैं। कोरोना काल में संक्रमण का खतरा मंडराया तो गुमला के अर्जित आर्य ने सोचा की करेंसी नोट भी संक्रमण का वाहक बन सकता है। इस खतरे को भांपते हुए उन्होंने मात्र 1500 रूपए खर्च कर मुख्यतः जुगाड़ तकनीक से एक मोटर और दो रोलर समेत कुछ अन्य चीजों के सहयोग से करेंसी सैनिटाइजर मशीन बना डाला है।
जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने गुमला के इस होनहार बालक के इस इनोवेशन की जमकर तारीफ की है। उपायुक्त ने कहा कि इसमें और अधिक सुधार करके बैंकों को उपलब्ध कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। जनजातीय बहुल गुमला में नवाचार की बात यही नहीं रूकती। गुमलावासियों ने काफी सुरक्षित फेस कवर का भी निर्माण किया है।
जिसमें फेस कवर आई विजन के साथ सिर को ढकने की भी व्यवस्था है। इस फेस कवर को बनाने में महज 40 रुपए की लागत आती है। कोरोना काल निश्चित रूप से परेशान करने वाला है लेकिन आने वाले समय में इसके द्वारा दिया गया सबक मानव जाति के कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

जनता कर्फ्यू से लगातार निर्धनों को सूखा राशन और भोजन उपलब्ध करा रहा रियल एस्टेट

कहते है सही वक्त पर और जरूरतमंद व्यक्ति के चेहरे पर जो मुस्कान ला दे, वहंी वास्तव में समाज को दिशा दे सकता है। देशव्यापी लॉकडाउन में रियल एस्टेट एसोसिएशन यही काम ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए कर रहा है। जनता कर्फ्यू से ऋषिकेश में सक्रिय रियल एस्टेट एसोसिएशन रोजाना उत्तम क्वालिटी का आटा का कट्टा मात्रा 10 किलो, चावल मात्रा 10 किलो, दो किलो दाल, हर तरह के मसाले के पैकेट, एक लीटर सरसों के तेल की शीशी लोगों के जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर पहुंचा रहा है।

वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग जो खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर है और न ही उनके पास खाना पकाने के लिए चूल्हा जैसी कोई व्यवस्था है। इन लोगों का ख्याल भी रियल एस्टेट ने बखूबी से रखा है। इन लोगों के लिए संगठन के अध्यक्ष दिनेश कोठारी ने दो वक्त का बना हुआ भोजन उपलब्ध कराया है। दिनेश कोठारी का मानना है कि जिंदगी बार-बार नहीं मिलती है, अगर हमारे जरिए किसी के चेहरे पर मुस्कान लाई जा सकती है, तो इसे हमें अपनाना चाहिए। उन्होंने तमाम सामर्थ्यवान लोगों से संकट की इस घड़ी में निर्धन वर्ग के लोगों की मदद को आगे आने का भी आह्वान किया।

संगठन अध्यक्ष दिनेश कोठारी को अपनी युवा टीम का भी बहुत सपोर्ट मिल रहा है या यूं कहे कि दिनेश कोठारी की रीढ़ की हड्डी यही युवा है, इसमें विशाल कक्कड़, विवेक तिवारी, सार्थक कोठारी, अंकित अरोड़ा, सोनू किंगर, शिवम किंगर, आशीष छाम, आशीष नरूला, शैलेष जैन आदि युवा शामिल रहते है।

उत्तराखंड बोर्ड की गणित और विज्ञान की परीक्षा लॉकडाउन के बाद संभव

उत्तराखंड बोर्ड की गणित और विज्ञान की परीक्षाओं को छोड़कर अन्य परीक्षाएं रद्द होंगी, जबकि गणित और विज्ञान की परीक्षा लॉकडाउन खुलने के बाद कराई जाएगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक मंगलवार को इसका आदेश जारी किया जाएगा। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 23, 24 और 25 मार्च को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था।

अब शासन ने उत्तराखंड बोर्ड की नॉन कोर (जैसे भाषा कला आदि विषयों) की परीक्षाओं को रद्द करने और कोर विषयों (जैसे विज्ञान गणित आदि विषयों) की परीक्षाएं लॉकडाउन खुलने के बाद कराने का निर्णय लिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड की ओर से परीक्षाओं को लेकर जो निर्देश जारी किया गया है। उसे उत्तराखंड बोर्ड में भी रिपीट किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं भी नहीं होंगी। पूर्व टेस्ट के आधार पर ही बच्चों को पास किया जाएगा। यदि कोई बच्चा फेल हो रहा है और वह परीक्षा के लिए क्लेम करता है तो उसको दो महीने बाद अलग से परीक्षा का मौका दिया जाएगा।