तीर्थनगरी की गौरांगी ने सीबीएसई 12वीं परीक्षा में देश में दूसरा व उत्तराखंड में किया टॉप

तीर्थ नगरी की गौरांगी चावला ने ऑल इंडिया सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 498 अंक प्राप्त कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि प्रदेश में टॉप किया है।

चंद्रेश्वर नगर निवासी श्वेता चावला और अनिल चावला की छोटी पुत्री गौरांगी चावला ने अंग्रेजी में 99, पॉलीटिकल साइंस में 99 और इतिहास, फिजिकल एजुकेशन तथा जियोग्राफी विषय में 100 अंक प्राप्त किए हैं। उत्तराखंड टॉपर गौरांगी के पिता अनिल चावला व्यवसाय तथा माता श्वेता चावला घरेलू महिला है। परिवार में दादी दर्शना देवी, बड़ी दीदी अर्पणा चावला भी है।

गौरांगी चावला ने बताया कि प्रतिदिन वह 05 घंटे पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दौरान उन्होंने पढ़ाई का समय बढ़ाकर 09 घंटे कर दिया। गौरांगी ने दसवीं की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।

पढ़ाई को बोझ न समझे बल्कि रुचि लेः गौरांगी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए गौरांगी ने कहा कि हमेशा चिंता मुक्त रहें, पढ़ाई को कभी भी बोझ ना समझे। बल्कि इसमें रुचि लें। जब भी मन करे पढ़ाई को समय अवश्य दें।

आईएएस ऑफिसर बनकर देश सेवा करना चाहती है गौरांगी
सीबीएसई 12वीं की उत्तराखंड टॉपर गौरांगी चावला का सपना है कि वह आगे चलकर देश सेवा करें इसके लिए वह आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय या पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लेंगी।

खाली समय में पालतू जानवर के साथ रहती है गौरांगी
पढ़ाई के अलावा जब भी गौरांगी खाली रहती है वह सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक्टिव रहती हैं। साथी अपने पालतू जानवर कुत्ते के साथ समय बिताती हैं।

दिवंगत दादा को मानती हैं अपना प्रेरणास्रोत
उत्तराखंड टॉपर गौरांगी चावला अपना प्रेरणास्रोत दिवंगत दादा स्व. केएल चावला को मानती है उनके दादा स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड थे जिनका पिछले वर्ष देहांत हो गया।

अपना बेस्ट दिया था सोचा नहीं था मेरिट पर आऊंगी
गौरांगी चावला का कहना है कि परीक्षा से पहले उन्होंने अपने सभी विषयों की करीब 5 बार अच्छे से तैयारी की थी। परीक्षा मैं भी उन्होंने अपना 100ः दिया था मगर यह उम्मीद नहीं थी कि मेरिट पर आएंगी।

सफलता का श्रेय माता को देती हैं गौरांगी
अपनी सफलता का श्रेय गौरांगी सभी को देना चाहती हैं मगर विशेषकर वह अपनी माता का शुक्रिया अदा करती हैं। उन्होंने बताया की माता ने उनकी पढ़ाई में साथ देने के लिए बहुत समझौते किए हैं। खान-पान से लेकर देखभाल तक किसी भी चीज में कोई कमी नहीं की है।

पॉलिथीन जब्तीकरण के दौरान प्रशासन के साथ हुई नोंकझोंक, आठ कुंतल जब्त

इन दिनों ऋषिकेश में नगर निगम की ओर से पॉलिथीन हटाओं अभियान चल रहा है। बुधवार को भी टीम पॉलिथीन के खिलाफ छापेमारी अभियान चला रही थी। टीम बीटीसी रोड पर दिल्ली ट्रेडर्स नामक दुकान पर पहुंची। टीम ने यहां से प्रथम चरण में 03 कुंतल पॉलिथीन जब्त कर ली। इसके बाद व्यापारियों ने टीम को घेर लिया और आगे कार्रवाई न करने को कहा। इसके बाद व्यापारी मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान, उप जिलाधिकारी प्रेमलाल से भी उलझते रहे। पुलिस बल की मौजूदगी में करीब आठ कुंतल पॉलिथीन जब्त हुई।

दुकान संचालक दीपक गुप्ता व आसपास के व्यापारी ललित मोहन मिश्र, मनोज कालड़ा आदि निगम की कार्रवाई का विरोध करने लगे। सूचना पाकर मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान और उप जिलाधिकारी प्रेमलाल भी मौके पर पहुंचे। दोनों अफसरों ने दुकान में प्रवेश कर निरीक्षण की कोशिश की तो व्यापारियों ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया।

इस दौरान व्यापारियों और मुख्य नगर आयुक्त (एमएनए) के बीच काफी देर तक नोकझोंक की स्थिति बनी रही। एमएनए दुकान और गोदाम का निरीक्षण कर पॉलिथीन जब्त करने का तर्क दे रहे थे, तो दूसरी ओर व्यापारी 03 कुंतल पॉलिथीन जब्त कर कार्रवाई को रफादफा करने की जिद पर अड़े रहे। आखिरकार व्यापारियों का अड़ियल रुख नाकाम रहा और दो चक्रों में हुई कार्रवाई के दौरान कुल आठ कुंतल पॉलिथीन जब्त की गई।

स्थानीय युवाओं ने उठाया प्राकृतिक जल स्त्रोत के संरक्षण का बीड़ा

ग्राम सभा खदरी खड़कमाफ के खादर क्षेत्र में लगभग 100 साल से भी अधिक पुराने प्राकृतिक जल उद्गम स्थल के संरक्षण के लिए स्थानीय युवाओं ने कदम बढ़ाया है। युवाओं ने श्रमदान कर पौराणिक जल उद्गम स्थल के चारों ओर पत्थरों का घेरा बनाया। ताकि, यह जल उगल स्रोत विलुप्त होने से बचा रहे।

बता दें कि खदरी के राजकीय पॉलीटेक्निक के समीप स्थित यह जल उगल स्रोत वर्षों पुराना है। बोक्सा जन जाति के पुराने जानकारों के मुताबिक खदरी का समस्त खादर क्षेत्र नागाओं की भूमि हुआ करती थी। नागा बाबा इस पौराणिक जल ओगल (उगल) स्रोत से ही पेयजल ग्रहण करते थे। जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के बाद खादर क्षेत्र उन सभी कृषकों का हो गया जो नागाओं की खेती किया करते थे।

गंगा स्वच्छता अभियान से जुड़े पर्यावरण मामलों के जानकार विनोद जुगलान विप्र का कहना है कि जब बिजली पानी की इतनी व्यवस्था नहीं थी, तब हम इस प्राकृतिक जल स्रोत का उपयोग किया करते थे। सन 1971 में भारत पाक युद्ध के समय शाम ढलते ही ब्लैक आउट हो जाया करता था। तब यह जल स्रोत खदरी के ग्रामीणों की प्यास बुझाने का एक मात्र बड़ा साधन था। इसी तरह लक्कड़ घाट के समीप भी कुछ अन्य जल उगल थे।

वर्तमान में एक दो को छोड़कर बाकी सभी सीवरेज के पानी के कारण पीने योग्य नहीं रह गए हैं। खदरी के खेतों में पॉलीटेक्निक के समीप इस प्राकृतिक जल उगल का पानी आज भी पीने और स्नान करने के लिए प्रयोग किया जाता है। बरसात में खेतों से अतिरिक्त पानी आने के कारण यह उजड़ने लगता है। इसके संरक्षण के लिए स्थानीय युवाओं ने पत्थरों की बाड़ बनाई।

रंभा नदी के संरक्षण को लेकर प्राधिकरण का गठन करने की मांग

रंभा नदी के संरक्षण को लेकर प्राधिकरण के गठन की मांग करते हुए नमामि गंगे के सदस्यों ने ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं को ज्ञापन सौंपा हैं।

नमामि गंगे के जिला क्रियान्वयन समिति के सदस्य विनोद जुगलान के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने नगर निगम कार्यालय में एकत्रित होकर मेयर अनिता ममगाईं को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि तीर्थनगरी में बहने वाली रंभा नदी का स्कंद पुराण के केदार खंड में वर्णन है। यह नदी कालेकीढाल के पास रंभा कुंड संजय झील से शुरू होकर वीरभद्र महादेव मंदिर के समीप गंगा में मिलती है। यह तीर्थनगरी के लिए विशेष महत्व प्रदान करती है।

प्राचीन काल में ऋषिकेश आने वाले तीर्थयात्री इसकी प्ररिक्रमा कर काशी के पंच कोसी यात्रा की तरह लाभ प्राप्त करते थे। हिंदुओं की इस धार्मिक मान्यता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्वेक्षण से भी बल मिलता है। वर्तमान में रंभा नदी की स्थिति दयनीय बनी हुई है जो वह एक नाले में तब्दील हो चुकी है। जिसे सरकार की नमामि गंगे परियोजना में गंदा नाला माना गया है।
सभी गंगा भक्तों ने रंभा नदी और सरस्वती नदी केे संरक्षण के लिए आम सहमति से पांच बिंदुओं को क्रियान्वित करने और करवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने मेयर से रंभा नदी और सरस्वती नदी के संरक्षण के लिए सरस्वती संरक्षण प्राधिकरण का गठन करने की मांग की है।

देर शाम तक राफ्ट गंगा में चलती रही, पुलिस ठोंका 5000 रूपए का जुर्माना

रविवार की देर शाम मुनिकीरेती पुलिस ने नीम बीच पर चेकिंग की। इस दौरान एक राफ्ट को देर शाम भी गंगा में चलाने पर जवाब मांगा। संतोषजनक जवाब ने मिलने पर पुलिस ने 5000 रूपए का जुर्माना वसूला है।

प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती राम किशोर सकलानी ने आगामी यात्रा सीजन के दृष्टिगत दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सूर्यास्त के पश्चात चलने वाली रॉफ्ट चालको को जल पुलिस की मदद से नीम बीच पर रोक लिया। इस दौरान अधिकतर राफ्ट को चालको ओर यूनियन की ओर से विलंब के कारणों से संतुष्ट होते हुए प्रभारी निरीक्षक ने भविष्य के लिए चेतावनी देकर छोड़ दिया। वहीं, अत्यधिक विलंब से पहुचने वाली एक राफ्ट संख्या 155 पर मौके पर 5000 रुपए का जुर्माना किया है।

विदित हो कि पिछले तीन माह में रॉफ्टों से आधा दर्जन दुर्घटनाएं हुई है जिनमें दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। इस संबंध में एक मामले में थाना मुनिकीरेती पर अभियोग पंजीकृत वर्तमान में विवेचना प्रचलित है।

कैंपों में डीजे पर भी लगेगा प्रतिबंध

प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती राम किशोर सकलानी ने बताया कि क्यारकी निवासियों की शिकायत पर पुलिस ने क्यारकी स्थित कैंपों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया। पुलिस ने कैंपों में किसी भी प्रकार का डीजे व ध्वनि प्रदूषण न करने की हिदायत दी। कैम्पो में अब डीजे का प्रयोग करने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

बता दें कि कैम्प संचालकों ओर ग्रामीणों के मध्य आए दिन विवाद होते हैं। जिनमें डीजे प्रमुख विवाद है। प्रभारी निरीक्षक ने जांच में पाया गया कि कैम्पो में प्रतिदिन शाम ढलते ही 12-1 बजे तक तेज आवाज में कर बजाए जा रहे है। इस कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिसे ध्यान में रखते हुए डीजे का प्रयोग करने पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

खटीमा विधानसभा के विकास में धन की कमी नहीं आएगी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को तराई बीज मैदान, खटीमा मे लगभग 80 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया, इसमें 15 करोड से अधिक लागत 15 योजनाओ का लोकार्पण एवं 64 करोड 22 लाख के 50 कार्यो का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर एकलव्य आवासीय विद्यालय व केन्द्रीय विद्यालय के भवन निर्माण का शिलान्यास के साथ ही एकलव्य आवासीय विद्यालय हेतु 12 करोड 24 लाख 39 हजार की धनराशि स्वीकृत की गई है।

इस अवसर मुख्यमंत्री द्वारा बिज्टी से गोविदपुर-गुरूखुडा-टेडाघाट-गांधीनगर-पूर्णापुर के मार्ग का डामरीकरण, नानकमत्ता मे चिकित्सक की नियुक्ति करने, खटीमा मेलाघाट रोड व लाहियाहैड रोड पर रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज के प्रस्ताव बनाये जाने, खटीमा मे ट्रंचिग ग्राउण्ड, बंडिया भगचूरी मे सम्पर्क मार्ग व खटीमा सीवर लाईन का आंगणन तैयार कराये जाने की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलवामा मे शहीद वीरेन्द्र सिंह राणा के पिता दीवान सिंह राणा को सम्मानित किया। उन्होने कहा कि हम ऐसे वीर परिवारो से जुडे रहे ताकि उनका दुःख-दर्द बांट सके। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी डा नीरज खैरवाल द्वारा शहीदो के परिवारों के कल्याण हेतु जमा कराई गई 10 लाख से अधिक की धनराशि को सराहनीय प्रयास बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2022 तक नये भारत के नये निर्माण की घोषणा की हैै। उन्होने कहा 2022 तक आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर, हर किसी के पास अपना घर होगा।उन्होने कहा भारत सरकार द्वारा 9 करोड से अधिक परिवारो को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिये गये है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत सभी पात्र किसानो को 6 हजार रू सलाना देना प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के अन्तर्गत असंगठित मजदूरो हेतु 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हजार मासिक पेंशन दी जायेगी।
उन्होने कहा आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत व अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी परिवारो को लाभान्वित किया जा रहा है इसके लिए राज्य मे 175 चिकित्सालय पंजीकृत किये गये है। नन्दा देवी गौरा योजना के अन्तर्गत कन्या के जन्म के समय उसे 11 हजार रूपया व उच्च शिक्षा हेतु स्नातक की पढ़ाइ के समय 51 हजार रूपये राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। उन्होने कहा बेटे व बेटी मे भेद नही होना चाहिए आज की बेटिया सबकुछ कर सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियो को समर्थ बनाये ताकि वे अपने पैरो मे खडी हो सके। उन्होने कहा प्रदेश सरकार द्वारा सभी आंगनबाडी कार्यकत्रियो को मोबाईल फोन उपलब्ध कराये गये है। उन्होने कहा भ्रष्टाचार पर नकेल कसने व आम आदमी की समस्या के निस्तारण हेतु जनपदवासी 05944-250250 पर व 1905 सीएम हैल्पलाइन नम्बर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। उन्होने कहा जिलाधिकारी द्वारा विद्यालयों मे शिक्षा की गुणवत्ता को बढाने के लिए 400 विद्यालयों को विभिन्न फर्मों के माध्यम से सीएसआर व एमएसआर के अन्तर्गत गोद देकर सराहनीय कार्य किया है।
इस अवसर क्षेत्रीय सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व मे प्रदेश के साथ-साथ देश मे सडको की हालत मे बहुत सुधार आया है। उन्होने कहा प्रदेश सरकार द्वारा पंतनगर व देहरादून एयरपोर्ट से कई स्थानो को हवाई सेवाएं प्रारम्भ की गई है। उन्होने कहा प्रदेश सरकार भी प्रदेश मे कई स्थानों से हेलीकाप्टर सेवा भी शुरू कर रही है।
इस अवसर पर खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा खटीमा देश के वीरो की धरती है। उन्होने कहा जनजाति बच्चो के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय व केन्द्रीय विद्यालय भविष्य मे मील का पत्थर साबित होंगे। प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र मे तेजी से कार्य कर रही है। नानकमत्ता विधायक डा. प्रेम सिंह राणा ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई गई है वही प्रदेश का चहुमुखी विकास किया जा रहा है।

10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने स्वरोजगार के अवसर जानें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड़ ग्राउण्ड, देहरादून में “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में प्रदेश भर से 10,000 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्र भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। पूरे प्रदेश से आए युवाओं ने बड़े उत्साह के साथ राज्य एवं देश में उपलब्ध स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम में 50 प्रमुख उद्यमियों को भी आमंत्रित किया गया जिन्होंने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। युवाओं की काउंसिलिंग कर रोजगार से जोड़ने में मदद कि गई। साथ ही स्वंय का उद्यम स्थापित करने के इच्छुक युवाओं का भी मार्गदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से किया संवाद
कार्यक्रम में लाॅटरी के माध्यम से चयनित कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया।
अल्मोड़ा से ईशा जोशी ने पूछा कि राज्य सरकार ने जीरो टाॅलरेंस की पाॅलिसी अपनाई है, फिर भी जनजीवन में कई रूपों में भ्रष्टाचार है, इसे दूर करने के लिए क्या किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज से पूरी तरह से तभी दूर हो सकता है जब हम स्वयं से शुरूआत करें। रिश्वत लेने के साथ रिश्वत देना भी भ्रष्टाचार है। हमें ठान लेना चाहिए कि इस तरह की बात सहन नहीं करेंगे। अगर आप भ्रष्टाचार का कोई मामला देखते हैं तो सरकार को बताएं, ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक अंधा बेटा युद्ध में जा रहा था। मां ने जब रोका तो उसने कहा कि वह दुश्मन की एक गोली तो कम कर सकता है। हमें ये ही भावना रखनी चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए मैं अकेले क्या कर लूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई गई। बहुत से लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई। भ्रष्टाचार न सहन किया है और न ही सहन करेंगे।
बागेश्वर से ज्योति ने पूछा कि पर्यटन कुछ स्थानों तक ही सीमित क्यों है। बागेश्वर में भी बहुत से सुंदर स्थान हैं, वहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए क्या किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। हमारे पुराने पर्यटन स्थल सेचुरेटेड हो चुके हैं। हमारी सरकार नए पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है। थीम बेस्ड 13 डिस्ट्रीक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन विकसित किए जा रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि हाई एंड टूरिस्ट राज्य में आएं। एडवेंचर टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स, पर्वतारोहण, विंटर स्पोर्ट्स पर फोकस किया जा रहा है।
टिहरी के नीरज शर्मा ने पूछा कि प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसके बाद प्रदेश में इसमें आए प्रस्तावों पर क्या प्रगति हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मे पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसमें बड़ी-बड़ी कम्पनियों ने प्रतिभाग किया। 1 लाख 24 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए। पिछले 5 माह में 13 हजार करोड़ के निवेश पर धरातल पर काम शुरू हो गया है। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
पौड़ी के इंदू उनियाल ने पूछा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट पर सरकार ने क्या किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट से हमारे पास यह जानकारी आ गई है कि किस गांव से कितना पलायन हुआ और इसका क्या कारण था। यहां तक कि किस गांव में क्या स्थानीय संसाधन उपलब्ध हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है।
देहरादून के अभिषेक नैथानी ने पूछा कि राज्य में कनेक्टीवीटी की दिशा में क्या किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में बड़ा काम चल रहा है। आज जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से जुड चुका है। आॅलवेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। मुजफ्फरनगर-देवबंद-रूड़की रेललाईन से देहरादून से दिल्ली का सफर साढे तीन घंटों में किया जा सकेगा।
देहरादून की प्रियंका बिष्ट ने पूछा कि उत्तराखण्ड आर्गेनिक स्टेट कब बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र वैसे तो डिफाल्ट ही आर्गेनिक है। परंतु सरकार ने अपने स्तर से बड़ी कोशिश की है। 10 हजार आर्गेनिक क्लस्टर चिन्हित किए जा रहे हैं। 27 ब्लाॅक को आर्गेनिक घोषित किया गया है। हम उत्पादों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और सहयोग से, राज्य के युवाओ को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने कि दिशा मे भी नये कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। उत्तराखण्ड में पहली बार 7, 8 अक्टूबर, 2018 को आयोजित इन्वेस्टर्स समिट ने रोजगार के अनगिनत अवसरों के द्वार खोल दिये। मार्च, 2019 तक साढ़े बारह हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण और संसाधनों से भरपूर राज्य उत्तराखण्ड मे अवसरों के असंख्य भण्डार मौजूद है। इससे उत्साहित होकर सैकड़ों निवेशकों ने उत्तराखण्ड में रुचि ली।
उत्तराखंड के tourist destinations देश ही नहीं विदेशो मे भी प्रसिद्ध हैं। राज्य मे पलायन रोकने और रोजगार के अवसर उप्लब्ध कराने मे पर्यटन का सबसे बड़ा योगदान है। इसीलिये पर्यटन को उत्तराखंड के लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा तो दिया ही है, साथ ही 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड पर्यटन डेस्टिनेशन भी बनाये जा रहे हैं। साथ ही 5 हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य है जिनमें से 802 नए होम स्टे बनाए जा चुके हैं। सभी होम स्टेज को घरेलू दरों पर बिजली दी जा रही है। साहसिक पर्यटन को लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों जैसी सुविधाएं दी जा रही है। मसूरी व केदारनाथ धाम को भी जल्द रोपवे से जोड़ दिया जायेगा। इन निवेशों तथा सरकार की नीतियों के कारण राज्य मे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है।
उत्तराखण्ड की फिल्म पॉलिसी से राज्य मे शूटिंग को बड़ा प्रोत्साहन मिला। परिणाम यह हुआ कि फिल्मों व टीवी सीरियल की शूटिंग से हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिला। पिछले एक साल में 10 बड़ी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में हुई। इसके लिए उत्तराखण्ड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का नेशनल अवार्ड भी मिला है।
उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए पहली बार ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना की गई, ये ग्रोथ सेंटर प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों में स्थापित होंगे, यहां स्थानीय स्तर पर मौजूद संसाधनों को रोजगार से जोड़ा जाएगा तथा स्थनीय लोगों को रोजगार के भरपूर अवसर उनके घर मे उपलब्ध कराये जायेंगे। अब तक 100 से ज्यादा स्थानों पर ग्रोथ सेंटर शुरू किये जा चुके हैं। ये ग्रोथ सेंटर – मसाले, ऊन, कीड़ाजड़ी, तिमला, पिरूल, शहद आदि पर केंद्रित हैं। हमने विषमताओं को अवसरों में बदलने की कोशिश की है। चीड़ आने वाले समय में प्रदेश में विकास का आधार बनेगा। पिरूल से बिजली बनाने के दिशा में काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शत प्रतिशत प्लेसमेंट के लिये जाने जाने वाले प्लास्टिक इंजीनियरिंगसंस्थान सीपैट का 32वां केंद्र, केंद्र सरकार के सहयोग से डोईवाला, देहरादून मे प्रारम्भ कर दिया गया है। इस संस्था्न में 85 प्रतिशत सीटें उत्तराखंड के छात्र-छात्राओ के लिये आरक्षित हैं। युवाओं का कौशल विकास करके उनको स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा मे राज्य सरकार ने बहुत तेज गति से कईं ठोस कदम उठाये हैं। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर स्थापित किया गया और पहली बार ड्रोन फेस्टीवल का आयोजन किया गया। ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार की व्यापक सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गरीब सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। गरीब प्रतिभावान बच्चों के लिए दो माॅडल स्कूल बनाएं जाएंगे। जिसमें पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 3,340 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की गयी है। इससे 55 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों व स्वयं सहायता समूहों को जीरो इंटरेस्ट पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारे जलाशय भी एक बड़ा स्त्रोत हैं। इन्हें वाटर स्पोर्ट्स के साथ ही फ्लोटिंग सोलर पावर का प्रमुख संसाधन बनाया जा सकता है। ऊधमसिंह नगर के गूलरभोज जलाशय में यह काम शुरू कर दिया गया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अप्रेल 2017 से वर्तमान तक प्रदेश में 3 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। जिनमें उद्योग व पर्यटन के क्षेत्र में लगभग 67 हजार, सेवा एवं कौशल विकास के माध्यम से लगभग 68 हजार, कृषि एवं सम्बन्धित क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक एवं ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 2200 रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराये गये हैं।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा पूरे जोश से प्रतिभाग कर रहे हैं। 10 हजार से ज्यादा युवा यहां मौजूद हैं जबकि 52 डिग्री काॅलेजों व विश्वविद्यालयों में भी छात्र कार्यक्रम से जुड़े हैं। उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि चार सत्रों में विभिन्न विषयों पर परिचर्चा आयोजित की जाएंगी। राज्य सरकार 2019 को रोजगार वर्ष के तौर पर मना रही है। कार्यक्रम में 50 से अधिक कम्पनियां प्रतिभाग कर रही हैं। पहली बार युवाओं का इतना बड़ा कार्यक्रम किया गया है।
ओयो के सीईओ आदित्य घोष ने कहा कि दिल में जज्बा हो और आंखों में सपना हो तो कोई भी काम किया जा सकता है। सफल व्यक्ति वही है जिसे देखकर दूसरे लोग प्रेरित हों। जीवन में बहुत सी कठिनाईयां आती हैं बस अपने सपने को याद रखना चाहिए। सपना देखें और उसे पूरा करने के लिए पूरी तरह फोकस होकर काम करें।
सम्पर्क फाउंडेशन के विनीत नायर ने कहा कि उड़ना सीखें। कम से कम कोशिश तो जरूर करनी चाहिए। पर्वतारोही कभी भी चोटी के बारे में नहीं सोचता है, वह केवल अगले कदम के बारे में सोचता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्पेशल होता है।
कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, डा. हरक सिंह रावत, राज्य मंत्री रेखा आर्या, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, विधायकगण, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पद्मश्री प्रीतम भरतवाण व एक पर्वतारोही दल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर यंग उत्तराखण्ड मोबाईल एप्प भी लांच किया गया।

देश की 22 वी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का मुख्यमंत्री ने रानीपोखरी में शिलान्यास किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को रानीपोखरी में केन्द्रीय लाॅ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। यह देश की 22वीं केन्द्रीय यूनिवर्सिटी होगी। यह युनिवर्सिटी 26 करोड़ की लागत से बनेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 73 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें से 68 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण तथा 5 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास कार्य शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री की घोषणा के अन्तर्गत निर्मित सड़को के साथ ही क्षेत्र की विभिन्न आन्तरिक व मुख्य सड़को का निर्माण शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 49.25 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास भी किया। जिसमें डोईवाला के अन्तर्गत थानो भोगपुर मोटर मार्ग 240 मी0 स्पान आरसीसी प्रिस्ट्रेस्ड सेतु लागत रू0 19.22 करोड़, ऋषिकेश के अन्तर्गत चाण्डी प्लान्टेशन मोटर मार्ग का निर्माण लागत 13.74 करोड़ तथा देहरादून-रानीपोखरी मोटरमार्ग पर रानीपोखरी में 252 मी0 आर.सी.सी. सेतु निर्माण लागत 16.29 करोड़ शामिल है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रानीपोखरी में स्थापित होने वाली यह देश की 22वीं नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी होगी। जो उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है। यह उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष लगाव का नतीजा है कि आज प्रदेश उत्तराखंड को लॉ यूनिवर्सिटी का तोहफा मिला है। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के खुलने से प्रदेश में उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे, तथा इसमें प्रदेश के साथ ही देश भर के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि जब कोई भी बड़ा संस्थान किसी स्थान पर खुलता है तो उसके कई मायनों में फायदा होता है। इस लॉ यूनिवर्सिटी से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को अवसर मिलेंगे बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सुधरेगी और रोजगार मिलेगा। हमारे युवा भी यूनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर रोजगार से जुड़ेंगे। इस तरह के प्रयास लोकल इकोनॉमी को भी मजबूत बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास आई.आई.टी., आई.आई.एम. और एम्स जैसे संस्थान पहले से मौजूद थे, इसके बावजूद उत्तराखंड को एजुकेशन हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सहयोग दिया है। पिछले 23 महीने में डोईवाला क्षेत्र में 2 राष्ट्रीय स्तर के संस्थान खुले हैं। डोईवाला में 2017 में सीपैट का उद्घाटन किया गया था। वहां पर सीपैट में कक्षाएं चल रही हैं, वहां पढ़ने वाले बच्चों को सौ फीसदी प्लेसमेंट मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों मोदी ने वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किच्छा व लालढांग में दो नए मॉडल डिग्री कॉलेजों व पौड़ी के पैठाणी में प्रदेश के पहले वोकेशनल कॉलेज का शिलान्यास किया है। इन संस्थानों के लिए बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है। ये तमाम कोशिशें प्रदेश के लिए न केवल रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगी। बल्कि उत्तराखंड को उच्च शिक्षा का हब बनाने में भी मददगार होंगी, ऋषिकेष में शीघ्र ही कन्वेंसन सेन्टर की स्थापना की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। विभिनन रोजगारपरक नीतियों और योजनाओं के माध्यम से हमने हर स्तर पर रोजगार सृजन के प्रयास किए हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी ने राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की शुरुआत की है। जिससे प्रदेश के लगभग 55 हजार युवा रोजगार से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार सृजित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हजारों लोग टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म में रोजगार से जुड़ रहे हैं, होमस्टे शुरू करने के लिए युवाओं का आकर्षण बढ़ रहा है। प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में देश विदेश की प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं। जो राज्य के पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। हमारा प्रयास हर न्यायपंचायत स्तर पर वहां के स्थानीय संसाधनों के आधार पर एक लोकल इकोनॉमी स्थापित करना है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हों, इसके लिए ग्रोथ सेंटर योजना पर कार्य किया जा रहा है। पिरूल नीति से डेढ़ लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। 16 हजार से ज्यादा लोगों को पिछले दो साल में एम.एस.एम.ई. नीति के तहत रोजगार मिला है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए। स्वास्थ्य, पेयजल, रोजगार, पलायन आदि क्षेत्रों में विशेष बल दिया।
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना- प्रदेश के सभी परिवारों को अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से जोड़ा जा रहा है। 25 दिसम्बर को प्रदेश में इस योजना के शुभारम्भ से अभी तक 10 हजार से अधिक लोगों का ईलाज हो चुका है। जबकि 23 लाख 50 हजार लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। सभी परिवारों के प्रत्येक व्यक्ति को यह गोल्डन कार्ड दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये तक का निःशुल्क ईलाज की सुविधा दी जा रही है।
वीरभूमि उत्तराखण्ड में एक भव्य शौर्य स्थल बनाया जायेगा। इसके लिए बजट में प्राविधान किया जा चुका है। शौर्य स्थल के लिए जल्द भूमि का चयन किया जायेगा। शौर्य स्थल बनाने के लिए एक कमेटी बनाई जायेगी, जिसमें सेना के लोगों को भी शामिल किया जायेगा।

उत्तराखण्ड में जल्द ही साइंस सिटी बनाई जायेगी। साइंस सिटी बनाने के लिए केन्द्र से स्वीकृति मिल चुकी है। साइंस सिटी के लिए सुद्धोवाला में 26 एकड भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इससे बच्चो को विज्ञान के आधुनिक तौर-तरीको की जानकारी के साथ ही अन्वेषण करने का मौका मिलेगा।
इस अवसर पर सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि रानीपोखरी में बनने वाला यह राष्ट्रीय लाॅ विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी। उत्तराखण्ड शिक्षा का पहले से ही हब है, देश व दुनिया के बड़ी संख्या में छात्र उत्तराखण्ड में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत ने कहा कि डोईवाला की जनता का सौभाग्य है कि 23 माह में 2 राष्ट्रीय स्तर के संस्थान यहां बने हैं। सीपेट और लाॅ विश्वविद्यालय दोनों ही भविष्य में प्रदेश में रोजगार की मजबूत नीव रखेंगे। पिछले 23 माह में प्रदेश के लगभग चार लाख युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि 7 मार्च से आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले 3 लाख बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में सप्ताह में दो दिन आॅचल का दूध उपलब्ध कराया जायेगा।

देहरादून में स्थापित होगी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी

युवाओं खासतौर पर उन छात्र-छात्राओं के लिए के लिए खुशखबरी है जो कि विधि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। प्रदेश को क्वालिटी एजुकेशन हब बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष स्नेह है। इससे पूर्व डोईवाला में सीपैट की न केवल स्थापना की जा चुकी है बल्कि उसमें कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। किच्छा व लालढांग में दो नए माॅडल डिग्री काॅलेज व पौड़ी के पैठानी में व्यावसायिक काॅलेज के लिए तो भूमि चयन के साथ बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने रूसा के तहत इनका रिमोट के माध्यम से शिलान्यास भी किया था।
इस समय देश में 21 नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी हैं जिनमें क्लेट के माध्यम से प्रवेश होते हैं। इनमें स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। उत्तराखण्ड में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी, क्वालिटी व रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। देहरादून के रानीपोखरी में लगभग 10 एकड़ भूमि में इसकी स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि राज्य में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी की स्थापना से प्रदेश के साथ ही देश भर के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं यहां आएंगे। इससे यूनिवर्सिटी के निकटवर्ती क्षेत्रों की आर्थिकी को भी फायदा होगा। प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड को एजुकेशन व टूरिज्म हब बनाना चाहती है। इसमें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डबल इंजन की डबल रफ्तार देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी की गरिमा के अनुरूप पुनर्निर्माण किया गया है। चार धाम आॅल वेदर रोड़ पर तेजी से काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन पर भी समयबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में हवाई सेवाओं का काफी विस्तार हुआ है।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को दिए तीन नए महाविद्यालय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित होने वाले 70 नये माॅडल डिग्री काॅलेजों, 11 व्यवसायिक काॅलेजों, एक महिला विश्व विद्यालय तथा 60 से अधिक उद्यमिता व नवाचार से संबंधित उच्च शिक्षण संस्थाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट दबाकर शिलान्यास किया। इसमें उत्तराखण्ड के किच्छा एवं लागढ़ांग में दो नये माॅडल डिग्री काॅलेज के साथ ही पैठाणी में एक व्यवसायिक महाविद्यालय का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित होने वाले ये शिक्षण संस्थान भी नये भारत के निर्माण में रिसर्च इनोवेशन, इन्क्यूबेशन, स्र्टाट अप के लिये एक नया टेम्परामेंट विकसित करने में मददगार होंगे। उन्होंने कहा कि देशभर के स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब हो, अटल इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित करने की दिशा में भी कार्य हो रहा है। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान व जय अनुसंधान का हमारा संकल्प आज और सशक्त हो रहा है तथा इस सशक्तिकरण का गवाह आज श्रीनगर बना है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य में दो माॅडल डिग्री काॅलेजों एवं एक व्यवसायिक महाविद्यालय की स्थापना के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किच्छा, लालढ़ांग एवं पैठाणी में माॅडल व व्यवसायिक काॅलेजों की स्थापना से इन क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की आधुनिक एवं तकनीकि दक्षता की पहुंच होगी तथा इससे राज्य में युवाओं के लिये बेहतर भविष्य के मार्ग खुलेंगे। पैठाणी जैसे क्षेत्र में व्यवसायिक महाविद्यालय युवाओं को तकनीकि दक्षता उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों के और अधिक तकनीकि दक्षता युक्त युवा देश की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।

पैठाणी में स्थापित होने वाले व्यवसायिक महाविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव विनोद रतूडी एवं जिलाधिकारी पौड़ी उपस्थित थे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि किच्छा व लालढांग कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार से 12-12 करोड़ और पैठाणी व्यावसायिक कॉलेज के लिए 26 करोड़ की राशि मंजूर हुई है। पैठाणी कॉलेज ऐसा होगा, जिसमें सिर्फ रोजगारपरक पाठ्यक्रम ही संचालित होंगे। इन कॉलेजों के लिए भूमि चयन समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
लालढांग में स्थापित होने वाले माॅडल डिग्री काॅलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक यतीश्वरानन्द, अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति दीप्ति रावत आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर सांसद डाॅ.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि लालढांग के मीठी बेरी में स्थापित होने वाले इस माॅडल डिग्री काॅलेज से पूरे क्षेत्र में आदर्श व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध होगी तथा इस क्षेत्र के युवाओं की प्रतिभा को मुखर होकर उभरने का मौका मिलेगा।

किच्छा के खुरपिया फार्म में 13 एकड़ भूमि पर बनने वाले मॉडल डिग्री कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नीरज खैरवाल, उच्च शिक्षा निदेशक बी.सी.मलकानी उपस्थित थे। विधायक राजेश शुक्ला ने कहा किच्छा की तरक्की के दिन अब शुरू हो गए है। उन्होंने कार्यदाई संस्था से ऐसा भवन बनाने की अपील की जो टिके भी, उसकी गुणवत्त्ता एक मिसाल बने।