हाईकोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई, कहा-समीक्षा करेंगे, फिलहाल अन्य कोई नही की कोई टिप्पणी

-विपक्षी खेमे में फैसला आने के बाद बची खलबली

आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत में सत्य की जीत हुई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ हाईकोर्ट के सीबीआई जांच कराने वाले आदेश ने हैरान जरूर किया था। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए आश्चर्य जताया कि हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश कैसे पारित किया? जबकि मुख्यमंत्री इस मामले में पक्षकार ही नहीं थे। उनके खिलाफ जांच की कोई मांग भी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, साथ ही सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। इनका जवाब दाखिल करने का चार सप्ताह का समय भी दिया है।

एससी में सीएम के वकील ने कहा, बेवजह नाम घसीटा गया
सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के वकील ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें चुना है, राजनीतिक लाभ के लिए विवाद में उनका नाम बेवजह डाला गया है। उन्होंने कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि हाईकोर्ट में उमेश शर्मा ने सीबीआई जांच जैसा कोई मांग नहीं की थी। उमेश शर्मा की याचिका में सिर्फ उसके खिलाफ देहरादून में दर्ज एफआइआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके विपरीत हाईकोर्ट ने न सिर्फ उमेश के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द करने का आदेश सुनाया बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया। सीएम ने अपनी याचिका में लगाए गए आरोप को फर्जी और आधारहीन कहा।

मूल मुद्दा तो भटक गया…
दरअसल देहरादून के राजपुर थाने में पत्रकार उमेश शर्मा सहित अन्य के खिलाफ सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने ब्लैकमेलिंग, दस्तावेजों की कूट रचना और गलत तरीके से बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया और एक वीडियो डाली। इसमें प्रोफेसर रावत और उनकी पत्नी सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड के अमृतेश चैहान की ओर से 25 लाख रुपये जमा करने की बात कही गई थी और यह रकम को त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा गया था। इसके अलावा सविता रावत को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सगी बहन बताया गया था। प्रोफेसर हरेंद्र सिंह ने सभी तथ्यों को झूठा बताया था।
बड़ा सवाल तो यह है कि कैसे हम दूसरे अनजान व्यक्ति की बैंक संबंधी डिटेल प्राप्त कर सकते है? आयकर विभाग के अलावा यह जानकारी बैंक भी अन्य किसी को नही देता है। मसलन यदि कोई आपराधिक मामला है तो बैंक जांच के दौरान पुलिस अथवा जांच एजेंसी को जानकारी मुहैया कराता है। इस मामले में देखे तो तथाकथित पत्रकार ना तो जांच एजेंसी है ना ही अधिकृत व्यक्ति। ऐसे में बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध हो जाती है। सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत की शिकायत पर तो अभी तक कोर्ट के द्वारा कार्रवाई भी नही की गई है?

व्यक्ति एक दलीलें दो….
देश के जाने माने वकील कपिल सिब्बल भी गजब के आदमी निकले। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में इन्ही वकील साहब ने कोर्ट को उमेश कुमार को ब्लेकमेलर बताया है। जबकि इस मामले में वकील साहब तथाकथित पत्रकार को ईमानदार बता रहे है। अन्य राज्यों में लंबित मुकदमें को लेकर उन्हें झूठा फंसाने की बात कह रहे है। वकील साहब पहले तय कर ले कि आप किस केस में सच बोल रहे है और किस केस में झूठ?

केस को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने की कोशिश…
तथाकिथत पत्रकार उमेश जे कुमार की और से इस मामले को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने के लिए इस्तेमाल करना प्रतीत हो रहा है। जानकार बताते है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए हाईकोर्ट में केस का रुख मोड़ा गया है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील जानेमाने वकील कपिल सिब्बल और चालाक पत्रकार की चालो में उलझ गये। जिससे केस ने दूसरा ही रुख मोड़ लिया।

कथित पत्रकार की सीबीआई जांच मांग जोर पकड़ने लगी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया में कथित पत्रकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है। बेशुमार दौलत के मालिक और कथित तौर पर अन्य राज्यों में कई मुकदमों का सामना कर रहे पत्रकार को लेकर लोगों में नाराजगी दिखाई दे रही है। लोग ईमानदार मुख्यमंत्री पर लांछन लगाने को लेकर इसकी ही सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे है।

ट्रांसफार्मर से टकराकर आदमी ने तोड़ा दम, स्थानीय लोगों ने रेलवे के खिलाफ की नारेबाजी

25 अक्टूबर की रात 38 वर्षीय प्रदीप पाल पुत्र चंद्रभान की पुराना रेलवे स्टेशन के पास सड़क के बीचों बीच बने ट्रांसफार्मर से टकराकर मौत हो गई। प्रदीप पाल ढालवाला से काम कर अपने बनखंडी स्थित घर लौट रहे थे। घटना उक्त तिथि को रात्रि करीब नौ बजे के आसपास की है।

26 अक्टूबर को भाजपा नेता व पूर्व जिला भाजपा कार्यकारिणी सदस्य सुभाष पाल (मृतक का बड़ा भाई) ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी और रेलवे के तीन अधिकारियों अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधीक्षक अभियंता पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने तीनों अधिकारियों के खिलाफ हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। वहीं इससे पूर्व दिनभर बनखंडी तथा स्थनीय लोगों ने मार्ग को बंद कर जाम लगाया और रेलवे प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पीड़ित के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग की।

दरअसल ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (पुराना) में रेलवे द्वारा नई सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस दौरान निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है लेकिन पुराने रास्ते (सड़क) को समय-समय पर बैरीगेटिंग लगाकर बंद कर दिया जाता है। इस मार्ग पर हजारों वाहन दिन-रात सफर करते है। रेलवे द्वारा निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है लेकिन सारा ट्रेफिक नए रास्ते (सड़क) में डाल दिया गया है। यहां सुरक्षा के कोई मानक नहीं अपनाये जा रहे है। इस सड़क पर लाईट आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क के बीचों बीच बहुत बड़ा ट्रांसफार्मर भी है। बिना हटाये इस मार्ग पर ट्रेफिक डायवर्ट करना स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। जबकि क्षेत्रीय लोगों ने रेलवे अधीक्षक को दुर्घटना की आंशका के चलते पूर्व में कई बार अवगत कराया है।

कांग्रेस कभी भी चुनाव के लिए राजनीति नहीं करतीः प्रीतम सिंह

कांग्रेस पार्टी की ओर से ऋषिकेश विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर में जन सहायता कार्यालय का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया।

कार्यालय का उद्धाटन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की जन समस्याओं के निराकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जन सहायता कार्यालय का शुभारम्भ किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में पार्टी कार्यालय की नितांत आवश्यकता थी जो पूरी हो गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी चुनाव के लिए राजनीति नहीं करती पार्टी केवल जन समस्याओं के निराकरण के राजनीती करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रहीं है आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसी जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंककर भारी बहुमत से सत्ता में आएगी।

क्षेत्र में कांग्रेसजनों व आमजनों की सुविधा और सहायता के लिए ऋषिकेश विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस जन सहायता कार्यालय का शुभारम्भ हुआ है। मौके पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, प्रकाश जोशी, शूरवीर सिंह सजवाण, राजपाल खरोला, जयेंद्र रमोला, विनय सारस्वत, केएस राणा, जयसिंह रावत, मधु सेमवाल, मधु जोशी, गौरव चैधरी, माधव अग्रवाल, विवेक तिवाड़ी, अजय धीमान, दीपक वर्मा आदि मौजूद रहे।

ऋषिकेश के लिए अभिशाप बना कूड़े का ढेर होगा खत्मः मेयर अनिता

अब ऋषिकेश के लिए अभिशाप बन चुका गोविंद नगर स्थित कूड़े का ढेर खत्म होगा। साथ ही ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए भारत सरकार से नगर निगम ऋषिकेश को 10 हेक्टेअर भूमि देने पर सहमति बन गई है। मेयर अनिता ममगाईं की यह मुहिम आज रंग लाई।

मेयर अनिता ममगाई ने बताया कि तमाम ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर जाने के बाद अब लाल पानी बीट में कूड़ा निस्तारण की योजना का रास्ता साफ हो गया है। अपर मुख्य सचिव देहरादून के अंतर्गत ऋषिकेश के लाल पानी के कक्ष संख्या एक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु 10 हेक्टेयर वन भूमि कार्यों हेतु नगर निगम को सैधांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। बताया कि लगभग 50 करोड़ रूपये से इस जगह पर कूड़ा निस्तारण प्लांट लगेगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी विगत 29 सितंबर को प्राप्त हो गई थी।
मेयर ने बताया कि प्रभागीय वनाधिकारी ने नगर आयुक्त को प्रेषित किए गए पत्र में एक करोड़ 18 लाख 7448 रपये डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा करने को कहा गया है। उन्होंने बताया नगर निगम ने शहरी विकास निदेशक को चयनित भूमि हस्तांतरित करने के लिए पत्र प्रेषित किया है। जिलाधिकारी महोदय द्वारा म्यूटेशन की कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात तुरंत प्रोजेक्ट पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु लाल पानी बीट में मिलने वाली भूमि ऋषिकेश में ही कूड़े की समस्या का स्थाई समाधान तो करेगी ही साथ ही इसका लाभ स्वर्ग आश्रम, मुनिकीरेती, नरेंद्र नगर , डोईवाला को भी मिलेगा।

कोरोना कोष को नहीं कटेगा सरकारी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन

सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के एक दिन के वेतन में की जा रही कटौती को अब नहीं काटा जाएगा। यह निर्णय देहरादून में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में त्योहारों को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की कटौती न करने का फैसला लिया गया।

इनके वेतन से कटौती जारी रहेगी
कैबिनेट ने फैसला हुआ कि कोरोना कोष के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस, व आईएफएस अफसरों के वेतन से एक दिन की वेतन कटौती होती रहेगी।

अंतिम संस्कार में पहुंचे सीएम बोले, भाजपा नेता मोहन प्रसाद व कुलदीप का जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बद्री केदार मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल और ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष कुलदीप चैहान के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया। सीएम ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन प्रसाद थपलियाल का जाना पार्टी के लिए बहुत बडी क्षति है। उन्होंने कहा कि उनके स्वयं के लिए भी यह बडी व्यक्तिगत क्षति है। क्योंिक जब कभी भी हम किसी मुद्दे पर राय मसवरा करते थे वो तटस्थ भाव से बड़ी संतुलित राय देते थे। जिसमें सबकी भलाई निहित रहती थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन प्रसाद थपलियाल और ओबीसी के जिला अध्यक्ष का अचानक जाना बेहद दुःखद है और पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। इस दौरान मुख्यमंत्री दोनों दिवंगत आत्माओं के परिजनों से भी मिले और उनको सांत्वना देते हुए ढांढ़स बधाया।

विधानसभा बद्रीनाथ के विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे सहित भाजपा के तमात क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी पार्थिव शरीर पर श्रद्वांजलि देते हुए शोक संवेदना व्यक्त की।

विदित हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन प्रसाद थपलियाल शनिवार को कर्णप्रयाग मे मंडल प्रशिक्षण कार्य योजना की बैठक मे भाग लेने के बाद शाम को अपने गांव तपोवन लौट रहे थे। ओबीसी के जिलाध्यक्ष कुलदीप चैहान भी उनके साथ थे। पीपलकोटी से थोडा आगे भनेरपानी के निकट उनकी कार अनियंत्रित होकर लगभग 300 मीटर गहरी खाई मे जा गिरी। दुर्घटना स्थल के दूसरी और की पहाड़ी पर स्थित मठ बेमरू गांव के ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। रविवार को सुबह एनडीआरफ की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। दोपहर में चट्टान पर दो बॉडी दिखाई दी, लेकिन यहां आवाजाही के लिए रास्ता ना होने के कारण बॉडी को पूरे दिन भर रेस्क्यू नहीं किया जा सका और अंधेरा होने के कारण सर्च आपरेशन बंद करना पडा। सोमवार को कडी मस्कत के बाद चट्टान पर अटके दोनों शवो को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू किया और मौके पर ही पोस्टमार्टम कर पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को पीपलकोटी के न्यू बस स्टैण्ड के प्रतिक्षालय लाया गया। जहॉ पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीनों विधायकों व भाजपा के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा स्थानीय लोगों ने श्रद्वासुमन अर्पित कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद दोनों पार्थिव शवों को लेकर अपने पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। जहॉ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

ऋषिकेश में चलते ट्रक से गिरी जेसीबी मशीन, बाल-बाल बचे लोग

ट्रक चालक की लापरवाही के चलते एक जेसीबी मशीन बीच सड़क पर गिर गई। मगर, गनीमत रही कि उसकी चपेट में कोई नहीं आया। शनिवार की शाम करीब पौने आठ बजे यह घटना पुराने रेलवे स्टेशन के समीप ढलान पर हुई।

यहां एक बड़ा ट्रक जेसीबी मशीन लेकर रेलवे स्टेशन से नीचे पुराने बस स्टैंड की ओर आ रहा था अचानक ब्रेक लगने से ट्रक से सड़क पर जेसीबी मशीन पलट गई। बड़ी तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। गनीमत रही कि जेसीबी मशीन की चपेट में कोई नहीं आया हालांकि एक स्कूटी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई पता चला कि जेसीबी मशीन को ट्रक में सुरक्षा के तहत जंजीरों से बांधना नहीं गया था वरना चलते ट्रक से जेसीबी मशीन के गिरने का कोई सवाल ही नहीं होता।

बड़ा सवाल है कि इस लिंक रोड पर बहुत हेवी ट्रेफिक चलता है पूर्व में पुलिस ने इस सड़क पर हैवी ट्रैफिक को रोकने की भरपूर कोशिश की थी क्योंकि इस रोड पर पूर्व में जो पूर्व में एक्सीडेंट हो चुके हैं जिसमें जान माल की हानि भी हुई है लेकिन भारी वाहन इस मार्ग पर निरंतर चल रहे हैं स्थानीय लोग सवाल खड़े कर रहे हैं इतनी भारी-भरकम मशीन ले जा रहे ट्रक ने आखिर सुरक्षा के मद्देनजर लोहे की चेन से इस जेसीबी मशीन को कवर क्यों नहीं किया। इस हादसे में किसी की जान चली जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। बरहाल मौके पर पुलिस आई है और ट्रक के मालिक भी मौके पर आ गए हैं।

अब वन एवं वन्य जीवों से सम्बन्धित समस्याओं का होगा त्वरित समाधानः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वन विभाग द्वारा तैयार की गई वन एवं वन्य जीव हेल्पलाइन 1926 का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस हेल्पलाइन की शुरूआत को वनों की सुरक्षा एवं मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा मे की गई प्रभावी पहल बताया है।

वन विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हेल्पलाइन आम जनता को वन एवं वन्य जीवों के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान में तभी कारगर साबित होगी जब विभागीय अधिकारी प्राप्त शिकायतों का तत्परता के साथ निराकरण करेंगे। कहा कि इससे वनों में होने वाली घटनाओं, वनों की तस्करी रोकने, जंगली जानवरों के अवेध शिकार जैसी तमाम समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।

कहा कि जंगली पशुओं के फसलों को हो रहे नुकसान को कम करना भी एक बड़ी समस्या है। इसके लिए वनों में वन्य जीवों के लिए भोजन की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना बनाये जाने की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में समय-समय पर व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित किये जाने के भी निर्देश दिये ताकि वनों एवं वन्यजीवों के संरक्षण में जन सहभागिता भी सुनिश्चित हो सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार, आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव रंजना काला, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते आदि उपस्थित थे।

पलायन आयोग ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट, रूद्रप्रयाग में पिछले 10 वर्ष में हुआ 22735 लोगों का अस्थाई पलायन

जनपद रूद्रप्रयाग के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने हेतु ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनपद के प्रमुख पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा। जनपद में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। जनपद में महिलाओं की आबादी अधिक है, महिलाओं को कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना होगा।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में रुद्रप्रयाग जनपद से 316 ग्राम पंचायतों से 22735 लोगों द्वारा अस्थाई पलायन किया। यह पलायन जनपद के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ। जबकि 7835 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से स्थाई पलायन किया गया। जनपद में स्थाई पलायन की तुलना में अस्थाई पलायन अधिक हुआ है। लगभग 40 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग की जनसंख्या 02 लाख 42 हजार 285 है। जनपद की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग विकासखण्ड ऊखीमठ की जनसंख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि एवं विकासखण्ड अगस्तमुनी की जनसंख्या में 02 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17 (अनन्तिम) अनुमानों में जनपद रूद्रप्रयाग की प्रतिव्यक्ति आय अनुमानित 83521 रूपये है। रूद्रप्रयाग एवं टिहरी जनपद की प्रति व्यक्ति आय अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में कम है। जनपद का मानव विकास सूचकांक अन्य पर्वतीय जिलों से कम है। जनपद रूद्रप्रयाग में कुल 688 ग्रामों में से 653 आबाद एवं 35 गैर आबाद ग्राम हैं। जनपद के तीनों विकासखण्डों में कुल 20 राजस्व ग्राम-तोक हैं।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने जनपद के आर्थिक, सामाजिक विकास एवं पलायन को रोकने के लिए सुझाव दिये कि विकासखण्ड स्तर पर आर्थिक विकास का एक ढ़ाचा तैयार किया जाय। जनपद में पर्यटन विकास योजना तैयार होनी चाहिए। राज्य सरकार की होम स्टे योजना को स्थानीय स्तर पर बढ़ावा देना होगा। भूजल पुनर्भरण योजनाओं को प्राथमिकता दी जाय। पानी के पारम्परिक स्रोतों के सूखने से जल की उपलब्धता एक चुनौती के रूप में आई है। सामाजिक-आर्थिक उत्थान और ग्रामीण विकास के लिए एक महिला केंद्रित दृष्टिकोण अपना होगा। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों कृषि आधारित, रेडिमेट वस्त्र, कताई-बुनाई लकड़ी आधारित, होटल एवं अन्य सर्विस ईकाइयों को जनपद के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाकर आजीविका प्रदान करनी होंगी।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना जरूरी हैं। जनपद में फल, नर्सरियों की संख्या बढ़ाने एवं फल रोपण सामग्री उत्पादन करने के साथ ही निजी क्षेत्र की नर्सरियों को प्रोत्साहित करना होगा। फसलों को नुकसान से बचाने के लिए मनरेगा के तहत सुअर रोधी दीवार का निर्माण किया जाना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना एवं कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी हैं। जनपद में कृषि उत्पादन के लिए विशेष क्षेत्र या विकासखण्ड स्तर पर किसान उत्पादक संगठन के गठन पर सिफारिश की गई है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन तथा चारधाम सड़क परियोजना से जनपद रूद्रप्रयाग के विकास में तेजी आयेगी तथा इसका लाभ उठाने के लिए जिला प्रशासन विशेष योजना बनाए।

सीएम ओएसडी गोपाल रावत का निधन, कोरोना का चल रहा था इलाज

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विशेष कार्याधिकारी गोपाल रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गोपाल रावत का निधन, मेरे लिए बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे एक कुशल और योग्य अधिकारी थे। परमपिता परमेश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें। गोपाल रावत के परिजनों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
बता दें कि तबियत खराब होने पर ओएसडी गोपाल रावत एम्स ऋषिकेश में इलाज कराने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने ओएसडी के निधन पर दुख जताया है।