37 हजार की ऑनलाइन शॉपिंग में मिला पत्थर का टुकड़ा

तीर्थनगरी के एक छात्र ने एक नामी कंपनी से ऑनलाइन कैमरा का आर्डर दिया, जिसके लिये उसने 37450 रूपये की रकम भी ऑनलाइन जमा कर दी। मगर, जब कुछ दिन बाद आर्डर किया हुआ पार्सल घर आया, तो छात्र के होश उड़ गये। उसके पार्सल खोला तो उसमें से 40 ग्राम का एक पत्थर का टुकड़ा निकला। जिसके बाद छात्र ने पुलिस की शरण ली।

मुनिकीरेती में मधुबन आश्रम के पास कैलाश गेट निवासी शुभम झा पुत्र लल्लन झा बीसीए का छात्र है। छात्र के मुताबिक उसने 17 मई को एक नामी अंतराष्ट्रीय कंपनी से ऑनलाइन कैनन ईओएस-200डी का ऑर्डर दिया था। कैमरे की कीमत 37450 रुपये उसने ऑनलाइन जमा भी करा दिए थे। 20 मई को कस्तूरबा गांधी मार्ग दिल्ली स्थित एसएस इंटरप्राइजेज ने ब्लूडॉर्ट कोरियर सर्विस के जरिये भेजा गया पार्सल छात्र को प्राप्त हुआ।

पार्सल की बनावट देख छात्र शुभम को शक हुआ। तो उसने वीडियों रिकॉर्डिंग करते हुए पार्सल को खोला। देखा तो उसमें पत्थर का टुकड़ा निकला। जिसका वजन करीब 40 ग्राम था। शुभम ने पार्सल के साथ आए कागजों के आधार पर डिलीवरी करने वाली एजेंसी को फोन किया। शुभम के मुताबिक तीन बार उक्त नंबर पर घंटी गई, फिर चौथी बार नंबर स्विच ऑफ हो गया। शुभम ने कोरियर कंपनी कार्यालय जाकर शिकायत की, तो उन्होंने इस पार्सल को लेने से इंकार कर दिया।

दोस्तों से पैसे उधार लेकर कैमरा मंगाने वाले शुभम ने पुलिस चौकी जाकर तहरीर दी। थाना मुनिकीरेती के प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि यह भी संभव है कि नामी कंपनी के नाम से किसी अन्य ने यह धोखाधड़ी किया हो। पुलिस मामले से जुड़े हर पहलु की गहनता से जांच कर रही है।

गिरफ्तारी देकर एम्स में भ्रष्टाचार व मनमानी के खिलाफ की जांच की मांग

पिछले कई माह से एम्स प्रशासन ऋषिकेश के विरोध में उत्तराखंड जन विकास मंच का धरना व क्रमिक अनशन चल रहा है। मंच ने एम्स में भ्रष्टाचार व नौकरियों में बाहरी लोगों को वरियता के साथ अनियमितता का आरोप लगाया है और इन्हीं मांगों को लेकर वह कई माह से धरना व क्रमिक अनशन कर रहे है। बुधवार को मंच के कार्यकर्ताओं ने बहुल्य संख्या में तहसील पहुंच कर उप जिलाधिकारी के समक्ष अपनी-अपनी गिरफ्तारी दी। हालांकि बाद में उन्हें निजी मुचलके भरने के बाद रिहा कर दिया गया।

उत्तराखंड जन विकास मंच के कार्यकर्ता उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने एम्स प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन कर कहा कि एम्स में संविदा व आउटसोर्सिग के माध्यम से की जा रही ग्रुप सी व डी की नियुक्तियों में 70 प्रतिशत प्राथमिकता स्थानीय बेरोजगारों को दी जानी चाहिए। मगर, एम्स में नियुक्तियों की आड़ में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में नियुक्ति को लेकर निकाली गई विज्ञप्ति रद्द कर दी गयी और अभ्यर्थियों का पैसा नहीं लौटाया गया। उत्तराखंड वासियों से फार्म फीस के नाम पर ज्यादा वसूली हो रही है। ज्ञापन में कहा गया कि बीते वर्ष बीएससी नर्सिंग के पदों पर विज्ञप्ति जारी हुई। भारत की यह पहली ऐसी परीक्षा रही, जिसमें कोई भी सफल नहीं हुआ। इस वर्ष फिर विज्ञप्ति जारी की गयी। जिसके भीतर कोई परीक्षा नहीं हुई है। मंच ने निदेशक की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुये जांच की मांग की है।

गिरफ्तारी और प्रदर्शन में पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, राजेश व्यास, जयेन्द्र रमोला, हिमांशु बिजल्वाण, सरोज डिमरी, राधा रमोला, देवेन्द्र बैलवाल, जनार्दन तिवारी, भगतराम कोठारी, सत्यवीर तोमर, सुभाष जखमोला, नीरज सहरावत आदि शामिल हुए।

भारत बंद के बाद दलितों पर हो रहा अत्याचारः उदित राज

उत्तर प्रदेश के भाजपा के चार दलित सांसदों की प्रदेश सरकार के विरूद्ध नाराजगी को पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों सावित्रीबाई फुले, छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नगिना के यशवंत सिंह दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।

पीएम मोदी ने शनिवार को चारों दलित सांसदों की नाराजगी की चिंता करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया और इस विषय पर न केवल चर्चा की बल्कि इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट भी यूपी बीजेपी से मांगी है।

दरअसल, बीजेपी आलाकमान पहले ही गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में हार से पहले परेशान था। अब एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी के एक के बाद एक यूपी के चार बीजेपी दलित सांसदों की नाराजगी पीएम मोदी के लिए भी सिरदर्द बन गई है।

सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ को साफ तौर से ये बता दिया है कि इस मसले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए। साथ ही इस बात की भी हिदायत दी कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसद से पार्टी बैठकर बात करे और इनकी समस्या का समाधान किया जाए। इनके अलावा बीजेपी सांसद उदित राज ने शनिवार रात आरोप लगाया कि इस सप्ताह के शुरू में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

उदित राज ने इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने कहा, दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं और यह रुकना चाहिए।

केंद्र सरकार ने आधार लिंक की तिथि बढ़ाने का दिया ये तर्क

केंद्र सरकार आधार से लिंक करने संबंधि योजना को 31 मार्च के बाद भी आगे जारी रख सकती है। सरकार ने ऐेसे संकेत दिए है। इसके लिये केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह तर्क दिया कि आधार से जुड़े मामले की सुनवाई पूरी होने में अभी समय है, इसलिए समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति जताई।

मुख्य न्यायाधीश की दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण की संविधान पीठ आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, हमने पहले भी समयसीमा बढ़ाई है। हम इसे फिर बढ़ा सकते हैं। हम इस माह के अंत में समयसीमा बढ़ा सकते हैं, ताकि याचिकाकर्ता अपनी दलीलें पेश कर सकें।

उनकी इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति जताई। संविधान पीठ ने कहा, अटॉर्नी जनरल ने यह बहुत वाजिब पहलू उठाया है। अदालत इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील के दोहराए जाने वाले तर्को को अनुमति नहीं देगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को आधार लिंक कराने की समयसीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी।

इससे पहले आधार को चुनौती देने वाली याचिकाएं दाखिल करने वालों के अधिवक्ता श्याम दीवान ने पीठ से कहा कि 31 मार्च की समयसीमा बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि तब तक अर्जियों पर सुनवाई पूरी होने की संभावना नहीं है। यदि 31 मार्च की समयसीमा कायम रहती है तो इसका देशभर में असर पड़ेगा। कई संस्थानों को समयसीमा के साथ सामंजस्य बैठाना होगा।

सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को पकड़ा, आईएनएक्स मीडिया मामला

पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक कार्ति को बुधवार सुबह आठ बजे गिरफ्तार किया गया। कार्ति चिदंबरम के वकीलों ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कार्ति लंदन से भारत लौट रहे थे, सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई ने कार्ति से पूछताछ भी शुरू कर दी है। यह गिरफ्तारी आईएनएक्स मीडिया केस के मामले में हुई है। आपको बता दें कि कार्ति के खिलाफ ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।

इससे पहले, 19 जनवरी को कार्ति चिदंबरम से ईडी ने करीब 11 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी ने मई 2017 में कार्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

आखिर मामला है क्या?

वर्ष 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने में गये थे। आरोप यह हैं कि फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड क्लीयरेंस हासिल करने में अनियमितता बरती गई। आरोप हैं कि कार्ति को इस मामले में 10 लाख रुपये मिले थे। इडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। सीबीआई 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील में क्लीयरेंस देने में अनियमितता के मामले की जांच कर रही है। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने कर संबंधी जांच से बचने के लिए पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी आईएनएक्स से कथित तौर पर धन लिया था। वहीं, कार्ति और उनके पिता पी. चिदंबरम ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इंकार किया है।

वहीं आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है।

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आधिकारिक बयान में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने का मोदी सरकार का यह क्लासिक तरीका है, जोकि हर दिन एक्सपोज हो रही है। चाहे वो नीरव मोदी, मेहुल चोकसी या फिर द्वारका दास सेठ ज्वैलर्स का मामला हो।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बदले की भावना से अपने विरोधियों को निशाना बना रही है, लेकिन वो कांग्रेस को जनता तक सच्चाई पहुंचाने से रोक नहीं पाएगी।

आग लगने से 40 परिवार हुये बेघर

उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सावनी गांव में रात्रि समय पर अचानक आग लग गयी। आग ने इतना भयंकर रूप धारण कर लिया कि अपनी चपेट में करीब दो सौ मवेशियों व करीब 40 मकानों को भस्म कर दिया। मकानों के जल जाने से करीब 40 परिवारों के समक्ष छत चली गयी।

बताया जा रहा है कि गांव में सिर्फ चार भवन ही सुरक्षित बचे। अधिकांश मकान लकड़ी के थे। ऐसे में आग पर काबू पाना भी मुश्किल हो गया। इस दुर्गम इलाके में प्रशासन की टीम भी मौके पर सुबह तक नहीं पहुंच सकी। घटना आधी रात के बाद करीब एक बजे की है।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर सावणी गांव हिमाचल की सीमा से लगा है। निकटतम सड़क स्टेशन जखोल गांव से सावणी पहुंचने के लिए सात किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है। यहां एक घर में लगी आग ने विकराल रूप लेना शुरू किया कि उसकी जद में एक-एक करते दूसरे मकान भी आने लगे।

देखते ही देखते पूरा गांव आग के गोले में तब्दील हो गया। ग्रामीण घरों से बाहर निकले और मवेशियों को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक करीब दौ सो मवेशी जल कर मर गए। आग बुझाने के ग्रामीणों के प्रयास भी सफल नहीं हो सके। जैसे-जैसे आग बढ़ती गई तो ग्रामीण अपने बच्चों सहित खेतों की ओर भागे। पूरे गांव में चीख-पुकार मचने लगी।

करीब रात ढाई बजे जिला प्रशासन को आग की सूचना मिली। प्रशासन और पुलिस की टीम सावणी गांव के लिए रवाना हुई। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि राहत और बचाव टीम तथा प्रशासन की टीम को मौके पर भेजा गया।

हर आदमी के बैंक में जमा 100 रूपये में से 30 गायब

Out of 100 rupees deposited in every man’s bank, 30 are missing

देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा में 11,360 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजैक्शन किया गया है। फर्जीवाड़ा कर बैंक को चपत लगाई गई यह रकम शेयर बाजार में बैंक के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का लगभग एक तिहाई है। इसके चलते जहां शेयर बाजार पर कंपनी के शेयरों को 10 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा वहीं एक अनुमान के मुताबिक बैंक के आम खाताधारक को भी बैंक में जमा उसके 100 रुपये में 30 रुपये का नुकसान झेलना पड़ेगा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 36,566 करोड़ रुपये है और उसने लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का बाजार में कर्ज दे रखा है। बैंक में फर्जीवाड़े के खबर के बात बैंक के शेयर मूल्य में आई गिरावट से निवेशकों को एक दिन में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

बैंक में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

पंजाब नेशनल बैंक ने 5 फरवरी को सीबीआई के सुपुर्द लगभग 280 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजैक्शन का मामला सुपुर्द किया था। इस मामले की जांच सीबीआई कर ही रही थी कि बैंक के मुंबई स्थिति महज एक ब्रांच से आई फर्जीवाड़े सूचना ने बैंक को 11,360 करोड़ रुपये के अतिरिक्त नुकसान में ला दिया। हालांकि बैंक को अभी यह साफ करना बाकी है कि 5 फरवरी को सीबीआई को सूचित किया गया 280 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा इस नए फर्जीवाड़े से अलग है अथवा दोनों मामले जुड़े हुए हैं।

मौजूदा मामला में बैंक ने फर्जी ट्रांजैक्शन का हवाला देते हुए 11,360 करोड़ रुपये की चपत की सूचना दी है लिहाजा यह साफ है कि यह पैसा शेयर होल्डर की तरफ से जमा कराया नहीं है। साथ ही न तो यह रुपया केन्द्रीय रिजर्व बैंक कि तरफ से कैश रिजर्व रेशियो को बनाए रखने के लिए बैंक को दी गई है। लिहाजा, एक बात साफ है कि फर्जी ट्रांजैक्शन से यदि किसी के पैसे को नुकसान पहुंचा है तो वह बैंक में जमा लाखों सामान्य खाता धारकों का पैसा है।

यदि बैंक को कुल मार्केट कैप में एक तिहाई का नुकसान हो चुका है तो इसकी भरपाई बैंक के ग्राहकों के पैसे से की जाएगी। ऐसी स्थिति में बैंक में यदि किसी ग्राहक का 100 रुपये जमा है तो उसके 30 रुपये इस फर्जीवाड़े में साफ हो सकते हैं।

शरीयत में मस्जिद शिफ्ट करने का विकल्पः सलमान

राम मंदिर पर सुलह का फॉर्मूला सुझाने वाले मौलाना सलमान नदवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निकाले जाने के बाद कहा है कि वे खुद इससे से अलग हो गए हैं क्योंकि वे लड़ाई-झगड़े के पक्ष में नहीं हैं और चाहते हैं कि हिंदू-मुस्लिम एकता और अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए मस्जिद को शिफ्ट किया जाए।

नदवी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में कट्टरपंथी लोगों ने कब्जा कर लिया है। मौलाना नदवी ने कहा, मैं शरीयत के हिसाब से फैसला चाहता हूं और शरीयत में मस्जिद शिफ्ट करने का विकल्प हैै। मैं हिंदू-मुस्लिम एकता की बात कर रहा हूं। दोनों समुदाय मिलकर बात करेंगे। सबसे पहले अयोध्या जाऊंगा। साधु-संतों के साथ मिलकर बातचीत करेंगे।

वहीं उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा मुस्लिम लॉ बोर्ड को प्रतिबंधित करने की मांग पर नदवी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भंग नहीं करना चाहिए।

मुस्लिम बोर्ड के एग्जीक्यूटिव सदस्य थे नदवी

गौरतलब है कि मौलाना नदवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था और मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फॉर्मूला सुझाया था, जिसके बाद से बोर्ड उनसे नाराज चल रहा था। हैदराबाद में बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक के दौरान उन्हें निकालने का फैसला लिया गया। नदवी बोर्ड के एग्जीक्यूटिव सदस्य थे।

नदवी ने रखा मंदिर निर्माण का प्रस्ताव

माना जा रहा है कि मौलाना सलमान नदवी के खिलाफ बोर्ड की कार्रवाई से कोर्ट के बाहर राम मंदिर विवाद को सुलझाने की कोशिश को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बोर्ड की बैठक से पहले मौलाना सलमान नदवी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक प्रस्ताव रखा था। इसमें उन्होंने बातचीत कर अयोध्या विवाद सुलझाने और मस्जिद के लिए कहीं और जमीन लेने का प्रस्ताव दिया था। नदवी के इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था।

वहीं हैदराबाद में बोर्ड की बैठक हुई। एक तरफ नदवी इस बैठक से ही नदारद दिखे, तो वहीं दूसरी तरफ आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात की।

बोर्ड ने साफ कहा कि वह अपने पुराने रुख पर कायम है और मस्जिद के लिए समर्पित जमीन न तो बेची जा सकती, न उपहार में दी जा सकती और ना ही इसे त्यागा जा सकता है।

जम्मू में हुयी गोलाबारी, सेना ने संभाला मोर्चा

जम्मू-कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में दो जेसीओ शहीद हो गए हैं, जबकि चार लोग घायल हो गए हैं। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन को सुंजवां में चल रहे ऑपरेशन और हालिया स्थिति के बारे में जानकारी दी है। अब इस ऑपरेशन में वायु सेना भी शामिल हो गई है। ऑपरेशन के लिए उधमपुर से पैरा कमांडो बुला लिए गए हैं। ऑपरेशन पिछले सात घंटे से जारी है। हमले के चलते कश्मीर से लेकर दिल्ली तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर चौकसी और बढ़ा दी गई है।

इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी से बात की है। डीजीपी एसपी वैद्य ने आतंकी हमले के बारे में गृहमंत्री को पूरी जानकारी दी हैं। गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। आतंकियों के खात्मे के लिए सेना का ऑपरेशन जारी है।

सुबह 5 बजे के करीब आतंकियों ने किया हमला

बता दें कि आतंकियों ने ये आत्मघाती हमला शनिवार को तड़के सुबह 5 बजे के आसपास किया। जानकारी के मुताबिक, 3-4 आतंकी कैंप के पीछे के इलाके से जाली काटकर अंदर घुसे। इसके बाद उन्होंने गोलीबारी शुरू की।

आतंकियों के इस हमले का क्विक रेस्पांस टीम ने भी जवाब दिया है। हमले को देखते हुए पूरे जम्मू में हाई अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही इलाके को सील कर दिया गया है। सुरक्षा बल हेलिकॉप्टर के जरिए निगरानी रख रहे हैं।

हमले के पीछे हो सकता है जैश ए मोहम्मद

ताजा जानकारी के मुताबिक, ये सभी आतंकी आर्मी कैंप के रिहायशी इलाके में छिपे हुए हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक अफजल गुरू की बरसी को देखते हुए पूरे जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित किया गया था। खुफिया सूत्रों ने आत्मघाती हमले की आशंका जताई थी। इस हमले के पीछे जैश ए मोहम्मद का हाथ हो सकता है।

आतंकी आर्मी कैंप में फैमिली क्वार्टर की तरफ छिपे हुए हैं। फिलहाल, ऑपरेशन जारी है। हालांकि, कितने आतंकी हैं, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 3-4 हो सकती है।

पदमावत के विरोध में औवेसी का नाम भी जुड़ा

पदमावती से हुयी पदमावत संजय लीला भंसाली की फिल्म को भले ही सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई हो, लेकिन फिल्म का विरोध जारी है। विरोध करने की सूची में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के लीडर असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी जुड़ गया है। ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को राजपूतों से सीख लेने की सलाह दी है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भंसाली की फिल्म को बकवास बता मुसलमानों को राजपूतों से सीख लेने की नसीहत दी है। वहीं ओवैसी ने अपने समर्थकों से फिल्म न देखने की बात कही है।

एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुये महाकाल सेनाध्यक्ष संजय सिंह राठौर ने कहा कि डेढ़ साल से आंदोलन चल रहा है। किसी भी हालत पर ये फिल्म को गुजरात में प्रदर्शित नहीं होने देंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संजय सिंह ने सवाल उठाते हुये कहा कि खिलजी को चित्तौड़ जीतने में छह माह लगे थे। आखिर छह दिन में सुप्रीम कोर्ट कैसे अपना फैसला सुना सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री से विनती है कि लुका-छिपी के खेल से हमें हथियार पकड़ने कि लिए मजबूर न करें।
वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा वो पद्मावत बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मशविरा कर रहे हैं। शिवराज ने कहा, हमने अपने एडवोकेट जनरल को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की स्टडी करने को कहा है। मैंने इसे अभी तक नहीं देखा है।


प्रसून जोशी को धमकी

गुरुवार को देश के कुछ हिस्सों में उग्र प्रदर्शन के बाद करणी सेना ने सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी को धमकी दी है। सुखदेव सिंह ने कहा कि वह प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे।

1826 महिलाओं की जौहर की धमकी
गुरुवार को करणी सेना के प्रमुख महिपाल मकराना ने कहा था कि 24 जनवरी को राजपूत महिलाएं चित्तौड़गढ़ में जौहर करेंगी। अभी तक जौहर के लिए 1826 महिलाएं राजी हुई हैं। ये जौहर फिल्म के विरोध में चित्तौड़गढ़ की सर्व समाज समिति और श्रीराजपूत करणी सेना कराएगी। दूसरी ओर करणी सेना ने लोगों से सिनेमाघरों पर कर्फ्यू लगाने को कहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में ये फिल्म रिलीज नहीं हो सकती। राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने जा रहे हैं।