राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों से कितना रोजगार सृजन होगा इसका विवरण किया जाए तैयारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू के ग्राउंडिंग की समीक्षा की। निवेश हेतु हुए एमओयू को धरातल पर उतारना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा के साथ उनसे सुझाव भी लिये तथा निर्देश दिये कि 15 फरवरी तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो। प्रति सप्ताह मुख्य सचिव तथा प्रतिमाह मुख्यमंत्री स्वयं इसकी गहनता से समीक्षा करेंगे। निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी तथा इकोनॉमी के समन्वय के साथ युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले निवेश से कितना रोजगार सृजन होगा इसका विवरण तैयार किया जाए। राज्य में निवेश के तहत स्थापित होने वाले उद्योगों से महिला स्वयं सहायता समूहों को भी लाभान्वित किये जाने के प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को सौर ऊर्जा तथा पर्यटन नीति के अंतर्गत स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाए।

बैठक में बताया गया कि इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 3.56 लाख करोड़ के 1779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं जिनमें ऊर्जा के क्षेत्र में 1.03 लाख करोड़ के 157 तथा उद्योग विभाग से सम्बंधित 78 हजार करोड़ के 658, पर्यटन के क्षेत्र में 47,646 करोड़ के 437, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 19,260 करोड़ के 175, आवास एवं नगर विकास के क्षेत्र में 41,947 करोड़ के 62, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में 25,785 करोड़ के 39, आयुष एवं वेलनेस के क्षेत्र में 17,058 करोड़ के 77 करार शामिल हैं। राज्य में निवेशकों की सुविधा के लिये उत्तराखण्ड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, र्स्टाट अप एंड इन्टरप्रिन्योरशिप का गठन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये निर्देशों का भी अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये हम सबके प्रयासों को हर क्षेत्र में सराहा गया है। अब हम सबका दायित्व है कि इन्हें राज्य हित में जमीनी हकीकत में बदला जाय। उन्होंने सभी के सुझावों को ताकत बताकर इसे अवसर में बदलने की भी अपेक्षा की। उन्होंने राज्य हित से जुड़े जरूरी प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि पहाड़ों के विकास के लिये प्राप्त निवेश प्रस्तावों से क्या बेहतर किया जा सकता है। युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हों इसके लिये रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जाय।

मुख्यमंत्री ने लोकल उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा। सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों पर भी विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयासों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारे लिये छोटे निवेशक भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से मानवीयता तथा शिष्टता के साथ देवभूमि के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान देने को कहा, तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश के प्रति आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठकों में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इस संबंध में होने वाली अगली बैठक में जिलाधिकारियों को वर्चुअली शामिल किये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। यह कालखण्ड हमारी पहचान बनाने वाला है। केन्द्र सरकार के सहयोग से सड़क, बिजली, पानी तथा भारत माला मिशन की योजनायें राज्य के विकास की नई इबारत लिखने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में देहरादून पंतनगर हवाई अड्डों के विस्तार, ऋषिकेश अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की दिशा में भी तेजी के कार्य किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून की स्थिति में काफी सुधार हुआ है यह आगे भी बरकरार रहे तथा शहर के विकास के कार्य निरंतर चलते रहें यह भी हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हो रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को कम किये जाने पर भी प्रभावी कार्य योजना बनाने को कहा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, अरविंद सिंह ह्यांकी, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एवं महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार पर गृहमंत्री ने दी सीएम धामी को बधाई

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को नमन करते हुए कहा कि यह केवल डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का ही समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरूआत भी है। उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। यह नये उत्तराखण्ड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखण्ड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। यह ऐसा स्थान है, जहां विकास और दैवीय शक्ति साथ में है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ परफोर्मेंस को भी जोड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय एजेंसियों को पूरा श्रेय दिया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं निगरानी के साथ ही मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में श्रमिकों को सुरक्षित निकालने का सराहनीय कार्य किया गया। उनके चेहरे पर जो अद्भुत शांति और आत्मविश्वास था, यह नेतृत्व के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री और उत्तराखण्ड सरकार को बधाई दी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य अटल जी ने बनाया और मोदी जी ने इसे संवारा है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने का उद्देश्य यही था कि राज्य का तेजी से विकास हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अनेक महत्वपूर्ण इनीशिएटिव लिये गये हैं। यहां की चारधाम यात्रा व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बनाई गई योजना सराहनीय है। लगभग तीस इन्वेस्टर फ्रेंडली नई नीतियों से उत्तराखण्ड पॉलिसी ड्रीवन स्टेट बन गया है। मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ शासन को बढ़ावा दिया गया है। भ्रष्टाचारियों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने पारदर्शी माहौल दिया है। पूरे देश में उत्तराखंड सबसे ज्यादा शांत और सुरक्षित राज्यों में है। पारदर्शिता उत्तराखंड का स्वभाव बन गया है। पूरे देश की जिम्मेदारी है कि उत्तराखंड मजबूत और सबसे विकसित राज्य बने।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में देश तेजी से आगे बढ़ा है। पूरे देश में मल्टी डाइमेंशनल बदलाव आये हैं। इन वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या कई गुना हो गई है। भारत ने जिस तरह जी-20 का आयोजन किया, उसकी पूरे विश्व में सराहना की गई।जी-20 का दिल्ली घोषणा पत्र कूटनीति के क्षेत्र में भारत का परचम फहरायेगा। 2047 तक प्रधानमंत्री ने देश को विकसित और हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने का लक्ष्य रखा है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा उनके नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा मजबूत होने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में भी भारत ’’सहकार से समृद्धि’’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत देश के सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री द्वारा अक्टूबर 2021 में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य देश में पहली बार उत्तराखंड से ही प्रारंभ किया गया था और आज राज्य में सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। आज इसके समापन समारोह में अमित शाह उपस्थित हैं। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का राज्य सरकार को निरंतर सहयोग मिलता रहा, जिसके चलते ही सिलक्यारा मिशन सफल हुआ। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तथा उनके विजन के अनुरूप ही हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जहां एक ओर आज उत्तराखंड में सेब, कीवी, मशरूम, श्री अन्न, जड़ी बूटियों आदि के उत्पादन द्वारा हमारे काश्तकार पूरी दुनियां को ’’मेक इन इंडिया’’ का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रदेश के अन्दर लॉजिस्टिक्स पार्क, एरोमा पार्क, फार्मा तथा इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो, सिंगल विंडो क्लियरेंस हो, कठिन नियमों को सरल बनाने की बात हो, बजट को नियंत्रित करने के प्रयास हों, आज इन सभी मापदंडों में उत्तराखंड खरा उतरने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूल मंत्र को अंगीकार कर अनेक सेक्टरों के लिए सरल एवं पारदर्शी नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है, जिससे हमारे उद्योग बंधुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस इन्वेस्टर समिट में उत्तराखण्ड को साढे़ तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है। निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले सभी उद्योग बंधु हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और हम ये सुनिश्चित करेंगे की ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ ब्रांड निवेश हेतु एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित हो।

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाउस आफ हिमालयाज का शुभारंभ कर अंत्योदय के विकास की नई उम्मीद को आगे बढ़ाया है। साथ ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को एक वैश्विक स्तर का मंच मिला है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वेडिंग इन उत्तराखंड की बात कही थी उनके इस कथन से प्रदेशवासियों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि पिछले 06 माह में प्रदेश में 30 नई नीतियों बनाई गई हैं। निवेशकों का उत्साह उत्तराखंड के प्रति निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा 6000 एकड़ सरकारी जमीन का लैंड बैंक तैयार किया गया है। उद्योगों को सस्ती दरों में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। एनसीआर से भी कनेक्टिविटी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य में लॉ एंड आर्डर की स्थिति अच्छी है। राज्य का वातावरण प्रदूषण रहित है।

इस अवसर पर सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चौहान एम.डी. मदर डेयरी मनीश बंदलिश, एमडी रसना पिरूज खंबाटा, एमडी जुबिलेंट जेनेरिक्स लि. डॉ. जयदेव राजपाल ने भी विचार व्यक्त किये।

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर मौजूद रहे सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चौहान ने कहा कि स्टॉक मार्केट केपीटलाइजेशन के क्षेत्र में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। आज 8.35 करोड़ से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड राज्य से भी 8.35 लाख से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी के इन्वेस्टर समिट को लेकर हुए मुंबई दौरे के दौरान उनसे एमएसएमई सेक्टर में फंड की उपलब्धता, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निकायों के माध्यम से विकास को बढ़ाना, युवाओं में निवेश को लेकर जागरूकता जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई थी। जिनपर निरंतर कार्य जारी है। उन्होंने कहा आगामी समय में उत्तराखंड के शहरी निकायों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु विशेष सेमिनार और ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगा।

एम.डी, मदर डेयरी, मनीष बंदलिश ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में कृषि एवं डेयरी के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया गया है। उत्तराखंड की जीडीपी में कृषि एवं डेयरी बड़ा योगदान है। भारत डेयरी सेक्टर में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड में भी डेयरी विकास एवं फूड वैल्यू चौन को बढ़ावा दिया जा रहा है। डेयरी विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड के किसानों को सीधे लाभ पहुंचाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा मिले इसके लिए किसानों हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। फल उत्पादन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है।

एम.डी, रसना पिरूज खंबाटा ने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों के साथ ही छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। किसानों को उद्योगों से सीधे जोड़ने पर कार्य करना होगा। भारत का एक्सपोर्ट बढ़ने पर सभी उद्योगों का एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। आज पूरा विश्व में मिलेट्स की मांग बढ़ते जा रही है। लोकल से ग्लोबल होना सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। जिसको ध्यान में रखते हुए रसना भी रसना हिमालय रोज़ शरबत को लांच करेंगे। इससे उत्तराखंड राज्य में रोज़ की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

एमडी, सीईओ जुबिलेंट जेनेरिक्स लिमिटेड डॉ. जयदेव राजपाल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कई उद्योग के अनुकूल नीतियों पर कार्य किया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम, लैंड बैंक, उद्योगों हेतु न्यूनतम विद्युत दरों के साथ उत्तराखंड औद्योगिक डेस्टिनेशन के रूप सामने आया है।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि), केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सिल्क्यारा सरीखे सफलतम रेस्क्यू ऑपरेशन का उदाहरण दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलताः केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन आज इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तराखंड से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी के कार्यकाल में तीन राज्यों का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया कि यह राज्य भी विकास में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक भारत का सबसे स्वर्णिम युग कोई है तो वो हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री हैं, उनके मार्ग-दर्शन में केदारनाथ में जो जीर्णाेद्धार कार्य हुए वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री ही करा सकता है। जब केदारनाथ में आपदा आई तो मोदी जी यहां सबसे पहले पहुँचे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था यह दशक उत्तराखंड का होगा और आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये यह चरितार्थ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी की हमारे 41 श्रमिक भाई सिल्क्यारा में सुरंग में फंस गए लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्र ने जिस तरह से यहां दिन-रात काम कर सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला ऐसा उदाहरण दुनिया में और कहीं नहीं मिलता है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया कि वे यहां आएं और निवेश करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्र सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि जो आत्मविश्वास हमारे प्रधानमंत्री में है, वो और किसी में नहीं है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह दर्शाते हैं कि देश में मोदी का विकल्प कोई नहीं है। आज ग्रामीण कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। 2014 से अब तक 103 लाख ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। आयुष्मान योजना से करोड़ो लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने 17 प्रोडक्ट लिंक इनीशेटीव स्कीम प्रारंभ की है, साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां लाई हैं। उन्होंने उद्यमियों से इन नीतियों का लाभ उत्तराखंड में उठाने की अपील की।

निवेशकों को पूरी तरह से भाया उत्तराखंड, राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की

उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट में उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर सुविधाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए निवेशकों ने सरकार के प्रयासों के साथ पूरा समर्थन व सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिलाया। समिट के शुरूआती दौर तक राज्य के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में लगभग साढे अठारह हजार करोड़ के पॅूंजी निवेश के एमओयू किए जा चुके हैं। सरकार और निवेशकों ने निश्चय किया है कि प्रस्तावित निवेश को जमीन पर उतारने के लिए अगले दौर की कार्रवाई तेजी से पूरी की जाएगी।

इन्वेस्टर्स समिट में हेल्थकेयर सेक्टर पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व के चलते उत्तराखंड विकास की राह में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने राज्य के तेजी से विकास तथा रोजगार के नए व बेहतर अवसरों के सृजन के लिए नीतियों में जरूरी बदलाव करने के साथ ही निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड संभावनाओं, संसाधनों व क्षमताओं से परिपूर्ण और निवेश के लिए सर्वथा उपयुक्त राज्य है। राज्य सरकार ने निवेशकों की सहूलियतों का समुचित ध्यान रख कस्टमाइज्ड नीतियां तय कर प्रक्रियाओं और नियमों को सरल व सुविधाजनक बनाया है। जिसके चलते निवेशकों का राज्य के प्रति भरोसा बढा है और वह अधिकाधिक निवेश के प्रति रूचि दिख रहे हैं। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के विकास के सारथी बनने वाले निवेशकों का विश्वास कभी भंग नहीं होने देगी और कोई भी समस्या आने पर मजबूती से उनके साथ खड़ी रहेगी। श्रीमती आर्या ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक गुणवत्तापूर्ण व सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार सर्वाेच्च प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने सरकार के इन प्रयासों में सहयोग करने तथा दूरस्थ पर्वतीय इलाकों तक बेहतर हेल्थ केयर सुविधाएं जुटाने के लिए निजी क्षेत्र से निरंतर सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि देवभूमि में उनका निवेश पुण्य का भी सबब बनेगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने उत्तराखंड के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में निवेश की संभावनाओं व जरूरतों को रेखांकित करते हुए राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और इससे जुड़ी नीतियों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता में वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर की बढ़ती मांग के चलते हमें निरंतर बढ़ती आबादी की स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग की नितांत आवश्यकता है। सरकार व निजी क्षेत्र के सम्मिलित प्रयासों से हम हर क्षेत्र तक स्तरीय हेल्थकेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही जन-समुदाय के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकते हैं। राज्य में निजी क्षेत्र के जरिए कुछ अस्पतालों तथा 108 एंबुलेंस सेवा के संचालन के अनुभव का उल्लेख करते हुए डा. राजेश कुमार ने कहा कि हेल्थ एवं फार्मा सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नीतियों में अनुकूल बदलाव करने के साथ की अनेक सहूलियतों का प्राविधान किया है। राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला देहरादून स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, मोतीनगर हल्द्वानी स्थित 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हेल्थकेयर पर निवेश की प्रचुर संभावनाएं हैं।

समिट के हेल्थकेयर सत्र में अपोलो हेल्थ केयर में सीएफओ कृष्णन अखिलेश्वरन, टाटा 1एमजी के वाइस प्रेसिडेंट डा. प्रशांत नाग, ग्राफिक एरा हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रो. कमल घनशाला, हेल्थकेयर रोडिक कंसल्टेंट प्रा.लि. के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आलोक सक्सेना, कृष्णा डाईग्नोस्टिक की प्रतिनिधि करिश्मा, एनएचएम उत्तराखंड की मिशन डायरेक्टर स्वाति एस भदौरिया ने विचार रखे। संचालन स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डा. अमित शुक्ला ने किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित ’उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’ का उद्घाटन किया। मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और ग्राउंड ब्रेकिंग वॉल का अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशक्त उत्तराखंड पुस्तक और ब्रांड हाउस ऑफ हिमालयाज भी लॉन्च किया। शिखर सम्मेलन का विषय ’शांति से समृद्धि’ है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड में होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक होने के बारे में अपने कथन को याद किया। मोदी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि यह कथन जमीन पर साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने सिलक्यारा में सुरंग से श्रमिकों के सफल बचाव मिशन में शामिल राज्य सरकार और सभी लोगों की सराहना की।

उत्तराखंड के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां दिव्यता और विकास एक साथ महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने इस भावना को और विस्तार देने के लिए अपनी एक कविता सुनाई।

इस अवसर पर उपस्थित निवेशकों को उद्योग के दिग्गजों के रूप में संदर्भित करते हुए, प्रधान मंत्री ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण की उपमा दी और राष्ट्र पर इस अभ्यास को करने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण के परिणाम देश में आकांक्षाओं, आशा, आत्मविश्वास, नवाचार और अवसरों की प्रचुरता का संकेत देंगे। उन्होंने नीति-संचालित शासन के संकेतकों और राजनीतिक स्थिरता के लिए नागरिकों के संकल्प का भी उल्लेख किया। प्रधान मंत्री ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आकांक्षी भारत, अस्थिरता के बजाय एक स्थिर सरकार चाहता है“ और रेखांकित किया कि लोगों ने सुशासन और उसके ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मतदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी और अस्थिर भू-राजनीतिक परिदृश्य के बावजूद रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ने की देश की क्षमता पर प्रकाश डाला। प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की, “चाहे वह कोरोना वैक्सीन हो या आर्थिक नीतियां, भारत को अपनी क्षमताओं और नीतियों पर भरोसा था।“ परिणामस्वरूप, दुनिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित भारत का हर राज्य इस ताकत का लाभ उठा रहा है।

प्रधानमंत्री ने डबल इंजन सरकार के लाभों को दोहराया जिसके दोहरे प्रयास हर जगह दिखाई दे रहे हैं। राज्य सरकार जहां स्थानीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है, वहीं भारत सरकार उत्तराखंड में अभूतपूर्व निवेश कर रही है। सरकार के दोनों स्तर एक-दूसरे के प्रयासों को बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाकों से चारधाम तक जाने के काम का जिक्र करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी ढाई घंटे की रह जायेगी। देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार से हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होगी। प्रदेश में हेली-टैक्सी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है तथा रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। यह सब कृषि, उद्योग, लॉजिस्टिक्स, भंडारण, पर्यटन और आतिथ्य के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित स्थानों तक सीमित पहुंच प्रदान करने वाली पिछली सरकारों के दृष्टिकोण का खंडन करते हुए, प्रधान मंत्री ने उन्हें देश के पहले गांव के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का उल्लेख किया जहां उन गांवों और क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है जो विकास मानकों में पीछे हैं। श्री मोदी ने उत्तराखंड की अप्रयुक्त क्षमता पर प्रकाश डाला और निवेशकों से इसका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।

उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए, जिसे डबल इंजन सरकार का लाभ मिला है, प्रधानमंत्री ने भारत के दौरे के लिए देश के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों के उत्साह पर भी ध्यान दिया। उन्होंने पर्यटकों को प्रकृति के साथ-साथ भारत की विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से थीम आधारित पर्यटन सर्किट बनाने की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि प्रकृति, संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखंड एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। उन्होंने निवेशकों से योग, आयुर्वेद, तीर्थ और साहसिक खेल क्षेत्रों में अवसर तलाशने और पैदा करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने देश के अमीरों, संपन्न लोगों और युवाओं से ’मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ’वेड इन इंडिया’आंदोलन शुरू करने की अपील की. उन्होंने उनसे अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने किसी भी संकल्प को हासिल करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अगर उत्तराखंड में एक साल में 5000 शादियां भी होती हैं, तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बदलाव की तेज हवा चल रही है. पिछले 10 वर्षों में एक आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है। पहले से वंचित आबादी के एक बड़े हिस्से को योजनाओं और अवसरों से जोड़ा जा रहा है। गरीबी से बाहर आए करोड़ों लोग अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं। नव मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग दोनों अधिक खर्च कर रहे हैं “हमें भारत के मध्यम वर्ग की क्षमता को समझना होगा। उत्तराखंड में समाज की यह शक्ति आपके लिए एक बड़ा बाज़ार भी तैयार कर रही है”, श्री मोदी ने कहा।

प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्च करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी और इसे उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को विदेशी बाजारों तक ले जाने का एक अभिनव प्रयास बताया। श्री मोदी ने कहा, “हाउस ऑफ हिमालयाज वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल की हमारी अवधारणा को और मजबूत करता है।“ उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले और ब्लॉक के उत्पादों में वैश्विक बनने की क्षमता है। प्रधान मंत्री ने ऐसे स्थानीय उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार की खोज के महत्व पर जोर दिया और निवेशकों से विभिन्न जिलों में ऐसे उत्पादों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे महिला स्वयं सहायता समूहों और एफपीओ के साथ जुड़ने की संभावनाएं तलाशने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “स्थानीय-वैश्विक बनाने के लिए यह एक अद्भुत साझेदारी हो सकती है।“ लखपति दीदी अभियान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों से दो करोड़ लखपति दीदी बनाने के अपने संकल्प को रेखांकित किया और कहा कि हाउस ऑफ हिमालय के ब्रांड के लॉन्च के साथ इस पहल को गति मिलेगी। उन्होंने इस पहल के लिए उत्तराखंड सरकार को भी धन्यवाद दिया।

राष्ट्रीय चरित्र को मजबूत करने के बारे में लाल किले से अपने आह्वान का जिक्र करते हुए प्रधान मंत्री ने सभी से आह्वान किया, “हम जो भी करें, वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हमारे मानकों का दुनिया को अनुसरण करना चाहिए।’ हमें अब इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि निर्यातोन्मुख विनिर्माण को कैसे बढ़ाया जाए।” उन्होंने नए निवेश द्वारा स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और एमएसएमई को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने पोषण के नाम पर डिब्बाबंद भोजन के प्रति आगाह किया जबकि भारत मिलेट जैसे पौष्टिक भोजन में बहुत समृद्ध है। उन्होंने आयुष से संबंधित जैविक भोजन की संभावनाओं और उनके द्वारा राज्य के किसानों और उद्यमियों के लिए प्रदान किये जाने वाले अवसरों पर प्रकाश डाला। यहां तक कि डिब्बाबंद भोजन में भी, उन्होंने उपस्थित लोगों से स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में मदद करने के लिए कहा।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि वर्तमान समय भारत, इसकी कंपनियों और इसके निवेशकों के लिए एक अभूतपूर्व समय है। उन्होंने कहा, “अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है“, उन्होंने स्थिर सरकार, एक सहायक नीति प्रणाली, सुधार और परिवर्तन की मानसिकता और विकास में विश्वास के संयोजन को श्रेय दिया। “यही समय है, सही समय है। यह भारत का समय है”, प्रधान मंत्री ने कहा और निवेशकों से उत्तराखंड के साथ चलने और इसकी विकास यात्रा में भाग लेने की अपील की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रदेश की समस्त जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि भारत में समय-समय पर अनेकों महापुरूषों ने मां भारती के मुकुट की शोभा बढ़ाने और समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य किया है। इनमें से कई ऐसी विभूतियां हैं जिनके बारे में हमने केवल सुना है, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं है, लेकिन जब हम आज प्रधानमंत्री की ओर देखते हैं तो हमें उन सभी महान विभूतियों का अंश उनमें दिखाई देता है। देश के पीएम जिस कठिन परिश्रम से भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए प्रयत्नशील है वह एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों में आशा एवं विश्वास का बीज भी रोपित करता है। आज केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देश भी प्रधानमंत्री की सोच, उनकी रणनीति और उनके विचारों का अनुसरण करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा गुजरात के सीएम रहते हुए ’’वाईब्रेंट गुजरात’’ नाम से इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन शुरू किया गया था, उसी से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ की थीम पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। हमारी कोशिश रहेगी कि हर 02 वर्ष के अंतराल में इस समिट का आयोजन हो। “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” का मुख्य उद्देश्य, ग्रीन इकोनॉमी और रोजगार को लेकर इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय द्वारा राज्य का समग्र विकास करना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को प्राप्त करने का लक्ष्य था, अभी तक लक्ष्य से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर करार हो गये हैं। इनमें से अब तक 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, इससे प्रदेश में स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक निवेशक को अच्छा व्यावसायिक वातावरण, अच्छी कानून व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियाँ और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और आबोहवा भी चाहिए, यह सब उत्तराखण्ड के पास है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में गुजरात के ’’महात्मा मंदिर कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर’’ की भांति शीघ्र ही एक भव्य ’’कन्वेंशन सेंटर’’ का निर्माण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रत्येक साल करोड़ों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आतिथ्य सत्कार होता है। करीब सवा करोड़ की आबादी वाला हमारा राज्य हर साल लगभग सात करोड़ लोगों का कुशलता से प्रबंधन करता है, जो कि राज्य की उच्चकोटि की कानून व्यवस्था का प्रतीक है। राज्य में विभिन्न सैक्टर्स में ’’निवेश मित्र’’ की नियुक्ति की है, जो 5 करोड़ रूपये से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये ’’सिंगल प्वाइंट आफ कॉटेक्ट’’ होंगे। उत्तराखंड में जहां एक ओर परिवहन मार्गों का विस्तार हुआ है, वहीं अब नए एयरपोर्ट के विकास तथा रोपवे और हैलीपोर्टों के निर्माण द्वारा कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उत्तराखंड अपनी एक अलग पहचान बना रहा है।

इस अवसर पर उद्योग जगत के नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अदानी समूह के निदेशक और प्रबंध निदेशक (कृषि, तेल और गैस) श्री प्रणव अदानी ने कहा कि हाल के दिनों में सिंगल प्वाइंट मंजूरी, प्रतिस्पर्धी भूमि की कीमतें, सस्ती बिजली और कुशल वितरण, अत्यधिक कुशल जनशक्ति और राष्ट्रीय राजधानी से निकटता और एक बहुत ही स्थिर कानून और व्यवस्था का माहौल के कारण उत्तराखंड निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बन गया है। श्री अदाणी ने राज्य में विस्तार करने और अधिक निवेश और नौकरियां लाने की अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य को लगातार समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत के लोगों ने उनमें अभूतपूर्व विश्वास और भरोसा जताया है।

जेएसडब्ल्यू के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सज्जन जिंदल ने उत्तराखंड राज्य के साथ प्रधान मंत्री के संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसे श्री जिंदल ने केदारनाथ और बद्रीनाथ की विकास परियोजनाओं के दौरान अनुभव किया था। उन्होंने देश की तस्वीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की और जीडीपी वृद्धि के मापदंडों और भारत के जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख किया। श्री जींदल ने भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा में उनके नेतृत्व के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने देश भर के तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार पर सरकार के जोर का भी उल्लेख किया। उन्होंने उत्तराखंड में लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की कंपनी की योजना का विस्तार किया और नवंबर में शुरू की गई ’स्वच्छ केदारनाथ परियोजना’ के बारे में भी बात की। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री को भारत की विकास यात्रा में कंपनी के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

आईटीसी के प्रबंध निदेशक श्री संजीव पुरी ने जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलता को याद करते हुए प्रधानमंत्री की वैश्विक राजनीति कौशल और ग्लोबल स्टेट्समेनशिप की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई उद्देश्यपूर्ण नीतिगत पहलों ने भारत को बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने वाली दुनिया में अनुकूल स्थिति में ला दिया है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में कई क्षेत्रों में बदलाव और जीडीपी के आंकड़े खुद बयां करते हैं। नेतृत्व ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां विश्व स्तर पर, यह दशक और, कुछ लोग कह रहे हैं, सदी भारत की है।

पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु श्री बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री को ’विकसित भारत’ का स्वप्नदृष्टा और भारत के 140 करोड़ नागरिकों के परिवार का सदस्य बताया। उन्होंने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के प्रधान मंत्री के लक्ष्य पर प्रकाश डाला और निवेश लाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में पतंजलि के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आने वाले समय में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और 10,000 से अधिक नौकरियों का आश्वासन दिया। उन्होंने नये भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के संकल्प और इच्छाशक्ति की सराहना की। उन्होंने राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रयासों की भी सराहना की और कॉर्पाेरेट घरानों से राज्य में एक इकाई स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के विकास की भी सराहना की। उन्होंने निवेशकों से भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को मजबूत करने की अपील की।

एम्मार इंडिया के सीईओ श्री कल्याण चक्रवर्ती ने देश के विकास के लिए दिशा, दृष्टि और दूरदर्शिता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए कॉर्पाेरेट जगत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने भारत-यूएई संबंधों में नई जीवंतता की ओर भी इशारा किया। एम्मार का मुख्यालय संयुक्त अरब अमीरात में है। श्री कल्याण चक्रवर्ती ने भारत के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण में आए सकारात्मक बदलाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जीएसटी और फिनटेक क्रांति जैसे कई नीतिगत सुधारों का उल्लेख किया जो औद्योगिक जगत के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के अध्यक्ष श्री आर दिनेश ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उत्तराखंड की विकास गाथा में संगठन के योगदान का उल्लेख किया और टायर और ऑटो घटकों की विनिर्माण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स और ऑटो क्षेत्र में सेवाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र और भंडारण क्षमता में निवेश को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की योजनाओं का विस्तार किया, जिससे सभी पारिवारिक कंपनियों में 7,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुईं। उन्होंने बदलते वर्तमान विश्व परिदृश्यों के कारण डिजिटल और स्थिरता परिवर्तन में वित्तीय सहायता और अपस्किलिंग प्रदान करके ऑटो मार्केट क्षेत्र में भागीदारों को संभालने के लिए कंपनी की तत्परता पर जोर दिया। सीआईआई के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने 1 लाख से अधिक लोगों को परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए 10 मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आतिथ्य, स्वास्थ्य देखभाल और उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों को कवर करने वाले 10,000 लोगों को प्रशिक्षित करने की क्षमता वाला स्पेशलिटी मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने वाला पहला राज्य होगा।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), राज्य सरकार के मंत्रीगण, पूर्व मुख्यमंत्री गण, सांसदगण, विधायकगण और विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

सीएम आवास पहुंचे डेलीगेट्स तो सीएम ने किया भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सांय उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री आवास में समिट में आये हुये इन्वेस्टर्स डेलीगेट के प्रतिनिधियों से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने उधोग जगत से जुडे प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा इस बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम “पीस टू प्रोस्पेरिटी” को रखा गया है। राज्य सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं। सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को निवेश की नई डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया था। जिसमें निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त उद्योग समूहों के साथ एमओयू साइन किए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार निवेश के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन ही रू0 44000 करोड़ की ग्राउंडिंग प्रदेश की आर्थिक गति को और रफ्तार देगी। यह पहला मौका होगा जब पहले इतने बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट की ग्राउंडिंग शुरू की जा रही हो।

इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 और 9 दिसम्बर को एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर को कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए बनाये गये मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यक्रम आयोजन की सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और सौन्दर्यीकरण के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी समिट है। अभी तक ढ़ाई लाख करोड़ से अधिक के करार हो चुके हैं। करारों की ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आने से स्थानीय लोगों के रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी। राज्य में ऐसे करारों को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है, जिनसे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, एडीजी ए.पी अंशुमन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका,महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, एसएसपी देहरादून अजय कुमार एवं आयोजन के कार्यों में लगे अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

एक दिन में सर्वाधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला उत्तराखण्ड बना पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। राज्य को जो 18 नये जी.आई प्रमाण पत्र मिले हैं उनमें उत्तराखण्ड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखोरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहत, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमांऊनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं। उत्तराखण्ड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जी.आई टैग प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही आज भारत सरकार से उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग युक्त प्रमाण पत्र मिल पाए हैं। जिन उत्पादों को जीआई टैग प्रमाण पत्र प्रदान किये गये, उनके उत्पादकों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक है। 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के बीस वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में, एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र निर्गत किये गए हैं। इस उपलब्धि से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही कई अन्य वस्तुओं तथा इनसे संबंधित कलाकारों को काफी लाभ होने के साथ ही दुनियाभर में उत्तराखंड को अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीआई टैग युक्त उत्तराखण्ड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयासों को इससे और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना पर राज्य में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन, रॉ मैटेरियल, नई तकनीक आदि के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जा रहा है। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हर जिले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए आज का दिन बेहद हर्ष का दिन है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज मण्डुआ, झंगोरा, लाल चावल सहित 18 उत्पादों को एक साथ भौगोलिक सकेंतक (जीआई टैग) प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत तथा लोकल फॉर ग्लोबल अभियान को बढ़ावा देने एवं श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए जो मार्ग दर्शन दिये गये हैं, उसके अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जीआई के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राज्य को एक साथ 18 उत्पादों के जीआई टैग प्राप्त हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड के 9 उत्पादों को जीआई टैग पहले ही मिल चुका है। कृषि मंत्री ने कहा कि 12 से 18 जनवरी 2024 तक एक सप्ताह का देहरादून में प्रदेश स्तरीय जी.आई महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड मंडी परिषद एवं विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पद्मश्री एवं जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान और वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के महानियंत्रक प्रो. उन्नत पी. पंडित उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात, दिया इन्वेस्टर समिट का निमंत्रण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें देहरादून में 08 व 09 दिसम्बर, 2023 को आयोजित हो रहे वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन हेतु आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की निकासी के दौरान दिये गये मार्गनिर्देशन और सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन एवं मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही निरन्तर इस विकट परिस्थिति का अनुश्रवण करने तथा इस अभियान से जुड़े लोगों, श्रमिकों एवं उनके परिजनों का मनोबल बढ़ाने से ही हम इस गंभीर संकट से अपने श्रमिक भाइयों को सुरक्षित वापस लाने में सफल हो पाये है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल कर 1730.21 करोड़ की स्वीकृति के लिये आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने सौंग बांध पेयजल परियोजना को पूंजीगत व्यय हेतु वित्तीय सहायता के रूप में रू0 2460 करोड़ की स्वीकृति तथा जौलीग्रांट हवाई अड्डे के उच्चीकरण हेतु विशेष वित्तीय सहायता के रूप में रू0 3000 करोड़ की वित्तीय सहायता का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर, हरिद्वार में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित करने, न्यूजीलैंड के सहयोग से चल रहे कीवी फिजिबिलिटी स्टडी में उत्तराखंड को सम्मिलित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना के विकास तथा पिथौरागढ़ के लिये सुगम यात्रा हेतु 508 किमी. सड़क के लिये 20 डीपीआर की मंजूरी के साथ रू0 1000 करोड की स्वीकृति तथा 03 राज्य मार्गों काठगोदाम-भीमताल ध्यानचुली- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग, ’मोहान-भतरोंजखान-भिकियासैंण-देघाट-बुंगीधर नागचुलाखाल- मेहलचौरी मोटर मार्ग, ’खैरना-रानीखेत-भतरोंजखान मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कुमाऊं में जोलिंगकोंग-बेदांग 05 कि०मी०, सिपू-टोला 22 कि०मी० एवं मिलम लाप्थल 30 कि०मी० की तीन सुरंग परियोजनाओं की स्वीकृति के साथ टनकपुर-बागेश्वर रेल योजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में पूर्ण वित्तपोषण हेतु रू0-44,140 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने नैनी-सैनी हवाई अड्डे से फिक्स्ड विंग वायुयान के संचालन, पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को त्वरित कार्यवाही करने तथा कुमाऊ क्षेत्र में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने जनपद पिथौरागढ़ में धौलीगंगा एवं गौरी गंगा नदियों पर प्रस्तावित विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के विकास एवं निर्माण की अनुमति तथा अलकनंदा, भगीरथी एवं उसकी सहायक नदियों में निर्विवादित 11 परियोजनाओं जिनकी कुल क्षमता 771 मे०वा० के विकास एवं निर्माण की अनुमति के साथ अलकनंदा, भगीरथी एवं उसकी सहायक नदियों में विशेषज्ञ समिति-2 द्वारा संस्तुत 10 परियोजनाओं जिनकी कुल क्षमता 1352 मेगावाट है के विकास एवं निर्माण की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।

टिहरी जनपद में हुआ जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव का शुभारंभ

उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 के तहत आज कैनिनेट व प्रभारी मंत्री टिहरी प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव का विधिवत् दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया।

गंगा रिजॉर्ट (जी.एम.वी.एन.) मुनि की रेती, टिहरी गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि आज उद्यमी उत्तराखण्ड में निवेश करने में उत्साह दिखा रहे हैं और इसका बड़ा आधार यहां का वातावरण, सौन्दर्यीकरण के साथ ही शांति एवं कानून व्यवस्था, ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत, रेलवे लाइन, उड़ान सेवा आदि हैं, जो उद्यमियों को आकर्षित कर रहा है। कहा कि उत्तराखण्ड में लंेड बैंक हेतु 600 एकड़ भूमि निकाली गई है। इसके साथ ही सिंगल विंडों सिस्टम पर जनपद एवं राज्य स्तर पर कार्य हो रहा है, जिसमंे सभी का सहयोग जरूरी है।
उन्होनंे कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है, उन्होंने बाबा केदारनाथ की धरती से कहा कि अगला दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा और मा. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार लगातार इस हेतु प्रयासरत है। इस साल चारधाम यात्रा में रिकार्ड तोड़ 56 लाख श्रद्धालु पहुंचे। जनपद प्रभारी मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि जनपद में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं, टिहरी झील विश्व के लोगों के लिए आर्कषण का केन्द्र रहा है, जिसमें हाल ही में ‘‘टिहरी एक्रो फेस्टिवल‘‘ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही जनपद में जी-20 की दो अर्न्तराष्ट्रीय बैठकें सम्पन्न हुई हैं तथा उद्यमियों के लिए निवेश करने हेतु यह अनुकूल जिला है। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों को गम्भीरता से लेते हुए समाधान की ओर बढ़ेगें।

विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी ने कहा कि देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने में ग्राम इकाई को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों को भ्रमण करवाने तथा नई पीढ़ि को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि औद्योगिक आस्थान स्थापना के नियमों में सरलीकरण हेतु सरकार प्रयासरत है। उनके द्वारा निवेशकों को जनपद में निवेश करने हेतु आमंत्रित किया गया।

इससे पूर्व जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि जनपद में उद्यमियों द्वारा निवेश को लेकर बैठक एवं एमओयू की प्रक्रिया चल रह है। उद्यमी जनपद में निवेश करने हेतु काफी उत्साहित है तथा जनपद में निवेश हेतु लक्ष्य के सापेक्ष दोगुने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव में 85 से अधिक कंपनी निवेशकों से 11 सौ करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 75 करोड़ से अधिक के 03 कंपनियों के 560 करोड़ के प्रस्ताव एमओयू हेतु शासन को भेजे जायेंगे तथा शेष प्रस्तावों पऱ निवेशकों द्वारा हामी भरते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ये कंपनियां जिला उद्योग केंद्र, पर्यटन और नवीनीकरण ऊर्जा में पंजीकृत हैं। कहा कि उद्यमियों से प्राप्त समस्याओं/ सुझाव को गम्भीरता से लेते हुए समाधान किया जायेगा। जनपद में सोलर पॉवर प्रोजेक्ट अधिक है, जिससे बिजली उत्पादन अधिक है, सड़क कनेक्टीविटी, बिजली, कानून व्यवस्था आदि निवेशकों के लिए अनुकूल है।

इस मौके पर पर्यावरणविद् विनोद जुगलान, भारतीय ग्राम उत्थान संस्थान अनिल चंदोला, अध्यक्ष उद्योग एसोसिएशसन संजय अग्रवाल, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन विजय बिष्ट द्वारा अपने-अपने विचार/सुझाव रखे गये। उन्होंनेे जनपद स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्रीय स्टेक होल्डरों को जोड़ने के लिए सरकार की बेहत्तर मुहिम बताया गया। कहा कि इससे छोटी-छोटी समस्याओं/सुझावों का समाधान क्षेत्रीय स्तर पर ही हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जो भी योजनाएं बने, उसमें पर्यावरण का ध्यान रखा जाये। सिंगल विंडो सिस्टम को मॉनिटरिंग करने तथा छोटी-छोटी कमियों को दूर करने की बात कही। उन्होंने नये उद्यमियों और छोटे उद्योग स्थापना के लिए नीति-नियमों में लचीलापन व त्वरित सहयोग के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस मौके पर अध्यक्ष नगरपालिका मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एच.सी. हटवाल, डीटीडीओ अतुल भण्डारी, डीएचओ आर.एस.वर्मा सहित अन्य अधिकारीक, उद्यमी एवं होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।