देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू


देहरादून। केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए पंजीकरण जारी हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के पास चार दिनों में पहली कक्षा के लिए सीटों के मुकाबले चार गुना से ज्यादा पंजीकरण हो चुके हैं। यहां सीटों की संख्या करीब 1,800 है, जिसमें गुरुवार शाम तक 7,658 पंजीकरण हो चुके हैं। जबकि आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है। वहीं, इस सत्र से सीटों की संख्या 40 से घटाकर 32 किए जाने के बाद पहली कक्षा में पिछले वर्षों के मुकाबले दाखिले की राह और भी कठिन मानी जा रही है।

देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय
केंद्रीय विद्यालय संगठन के देहरादून संभाग के तहत 45 केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें कई केंद्रीय विद्यालयों में दो शिफ्ट चलती हैं। केंद्रीय विद्यालयों में एक अप्रैल से पहली कक्षा के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। अधिकांश अभिभावक चाहते हैं कि देश के टाप सरकारी स्कूलों में होने से केंद्रीय विद्यालयों में उनके भी बच्चे का दाखिला हो। हर वर्ष की तरह इस बार भी लोग आनलाइन पंजीकरण करने में जुटे हैं। केंद्रीय विद्यालयों में हर कक्षा के लिए सीटों की संख्या तय है।

अब तक 40 सीटें हर कक्षा में होती थीं, लेकिन इस बार 32 सीटों पर ही प्रवेश दिए जाएंगे। ऐसे में पंजीकरण के बाद कई लोग स्कूल से भी संपर्क कर रहे हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग की उपायुक्त डा. सुकृति रैवानी का कहना है कि केंद्रीय विद्यालयों में पंजीकरण को लेकर अभिभावक उत्साह दिखा रहे हैं।

बालवाटिका के लिए भी उमड़ रही भीड़
केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका में प्रवेश के लिए आवेदन को अभिभावक काफी संख्या में विद्यालय पहुंच रहे हैं। गुरुवार को भी विभिन्न विद्यालयों में अभिभावक पंजीकरण फार्म लेने के लिए पहुंचे। आफलाइन मोड पर बालवाटिका-1 के लिए 31 मार्च तक न्यूनतम तीन वर्ष व चार वर्ष से कम आयु, बालवाटिका-2 के लिए न्यूनतम चार वर्ष व पांच वर्ष से कम, जबकि बालवाटिका-3 के लिए न्यूनतम पांच वर्ष से छह वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

राज्य में अनाथ बच्चों के लिये बनेंगे छह सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास

केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिये उत्तराखंड को समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। बोर्ड द्वारा स्वीकृत धनराशि से राज्य में अनाथ बच्चों के लिये 06 नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का निर्माण किया जायेगा। इसके अलावा राज्य के 141 पीएम-श्री विद्यालयों को स्कूल बैंड तथा राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-06 से 12 तक की पौने तीन लाख छात्राओं को प्रति माह निःशुल्क सेनेट्री पैड उपलब्ध कराये जायेंगे।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में शैक्षणिक गतिविधियों एवं आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा शैक्षिक सत्र 2024-25 हेतु उत्तराखंड समग्र शिक्षा परियोजना के लिये रू0 1200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। जिसमें समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन हेतु रू0 1135 करोड़ तथा रू0 63.9 करोड़ पीएम-श्री स्कूलों के लिये शामिल है। विभागीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली में आयोजित केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में आज राज्य की ओर से सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी व उनकी टीम द्वारा प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकार करते हुये 1200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि स्वीकृत धनराशि से राज्य में अनाथ व बेसहारा बच्चों के लिये आधा दर्जन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास बनाये जायेंगे। जिनमें एक-एक छात्रावास हल्दूचौड हल्द्वानी, रामनगर नैनीताल, कोटद्वारा पौड़ी गढ़वाल, मोरी उत्तरकाशी तथा दो छात्रावास देहरादून में बनाये जायेंगे। इसके अलावा ऋषिकेश के लिये पूर्व में स्वीकृत छात्रावास के नये भवन निर्माण हेतु भी धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। इसके अलावा राज्य के 141 पीएम-श्री विद्यालयों को स्कूल बैंड दिया जायेगा जबकि राजकीय विद्यालयों में कक्षा-06 से 12 तक की पौने तीन लाख छात्राओं को प्रति माह निःशुल्क सैनेट्री पैड उपलब्ध कराया जायेंगे। डा. रावत ने बताया कि सीमांत जनपद चमोली के बटगुआ में उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा अजमलपुर हरिद्वार में हाईस्कूल खोला जायेगा जबकि पौड़ी जनपद के थलीसैंण ब्लॉक में हाईस्कूल कुटखाल का उच्चीकरण कर इंटर कॉलेज बनाया जायेगा। इसके अलावा प्रदेशभर में र्जजर हो चुके 110 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के नये भवन बनाये जायेंगे तथा 250 प्राथमिक विद्यालयों की मरम्मत की जायेगी। स्वीकृत बजट के तहत राज्य के 75 विद्यालयों में चारदीवारी, 187 विद्यालयों में शौचालय, 82 इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रयोगशालाएं, 107 इंटरमीडिएट व हाईस्कूल विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष का निर्माण, 34 विद्यालयों में कम्प्यूटर कक्ष, 30 विद्यालयों में पुस्कालय कक्ष का निर्माण किया जायेगा। राज्य के विभिन्न 840 विद्यालयों में वर्चुअल लैब तथा 1124 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जायेगी। इस हेतु पूर्व में स्वीकृत धनराशि को खर्च करने की सहमति केन्द्र सरकार द्वारा दे दी गई है।

बैठक में केन्द्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार, केन्द्रीय अपर सचिव शिक्षा विपिन कुमार, राज्य के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर परियोजना निदेशक डा. मुकुल सती तथा उप परियोजना निदेशक एम.एम. जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

नजरियाः धामी सरकार पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई को यूनाइटेड किंगडम में अध्ययन करने का देने जा रही मौका

शेवेनिंग अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य सरकार 10 ग्रेजुएट छात्रों को यूनाइटेड किंगडम में अध्ययन का अवसर मिलेगा। जिसमें पांच छात्र और पांच छात्राएं शामिल होंगी। इस संबंध में शेवेनिंग इंडिया की प्रमुख सुप्रिया चावला ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। उन्होंने कहा कि शेवनिंग चार दशकों से 160 देशों में काम कर रहा है। संगठन द्वारा उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को इंग्लैंड के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की सुविधा प्रदान करता है, जिसकी लागत आमतौर पर एक वर्ष के लिए 40 लाख रुपये होती है। राज्य सरकार इस लागत में 20 लाख रुपये का योगदान देती है और शेवनिंग इंडिया शेष 20 लाख रुपये वहन करता है, जिससे बच्चे विश्वविद्यालय पढ़ाई में कुशल बन सकें। शेवेनिंग छात्रवृत्ति के लिए सफल विद्यार्थियों को उनकी नेतृत्व क्षमता और शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर चुना जाता है। शेवेनिंग ने दुनिया भर में कई प्रभावशाली नेताओं और परिवर्तन-निर्माताओं को तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को आगे लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी महाविद्यालयों के जिन मेधावी छात्र-छात्राओं को इस छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश भेजा जा रहा है, उनको अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव डॉ.बी.वी.आर. सी. पुरुषोत्तम उपस्थित थे।

किशोरियों को जानकारी देकर किया जागरुक

सेतु फाउंडेशन द्वारा आयोजित किशोरी प्रजनन एवं यौन स्वास्थ कार्यक्रम के तहत् आई डी पी एल इंटर कॉलेज ऋषिकेश में किशोरियों संग एक द्वि-दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आरंभ सेवा टी एच डी सी की तकनीकी निदेशक शिखा गुप्ता ने किया। उसके बाद संस्था सचिव सरिता भट्ट ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के शुभारंभ के क्रम में सरस्वती माता की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्ज्वलित किया गया। कार्यक्रम निदेशक श्याम प्रकाश द्वारा आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में राजगोपालन अय्यर द्वारा उपस्थित किशोरियों को करियर परामर्श दी गई। उसके पश्चात् संजय सिलस्वाल द्वारा परीक्षा के दौरान, परीक्षा और करियर संबंधित दबाव से उभरने के गुर बताये गए। कार्यक्रम के अगले सत्र में सब इंस्पेक्टर आरती कलूरा द्वारा प्रतिभागियों को सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले साइबर क्राइम की जानकारी और उससे निपटने की विषय में बताया गया। इसके पश्चात् डॉक्टर रजनी सिंह द्वारा किशोरियों को प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में शिखा गुप्ता द्वारा बताया गया कि संस्थान इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर चलता रहेगा ताकि किशोर-किशोरियों को इसका लाभ मिल सके। विद्यालय प्राचार्य द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोचित करने के लिए संस्था का आभार व्यक्त किया। अंत में संस्था सचिव द्वारा उपस्थित सभी का धन्यवाद कर कार्यक्रम के समापन की घोषणा के साथ उपस्थित किशोरियों को सनेटरी पैड वितरित किये गए। कार्यक्रम में 300 किशोरियों ने प्रतिभाग किया।

मुख्य सचिव ने नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण को टेंडर प्रक्रिया शुरु करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को विधानसभा भवन में उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में इन प्रोजेक्ट्स के सम्बन्ध में नाबार्ड से स्वीकृति लेकर जल्द टैण्डर की प्रक्रिया आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों के भवनों के निर्माण के साथ-साथ ही इनमें विभिन्न स्टाफ की भर्तियों के अनुमोदन, फर्नीचर आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग तथा ब्रिडकुल को इन विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने, रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल एवं सोलर लाइट तथा उरेडा की सहायता से वाटर हीटर लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि इन विद्यालयों में छात्राओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेषकर विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सीएस ने प्रस्तावित नवोदय विद्यालयों में निर्माण के दौरान इलेक्ट्रिकल विंग का सर्टिफिकेशन लेने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इन विद्यालयों में पुख्ता वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाने, किचन गार्डन तथा कम्पोस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की सुविधा तथा ऑनलाइन शिक्षा हेतु बेहतरीन वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विद्यालयों में बच्चों से मिलने आने वाले अभिभावकों के लिए अतिथि कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के निर्माण कार्य को 18 महीने के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में नवोदय विद्यालयों को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। उत्तरकाशी के दिवारीखोल तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालयों के आरम्भ होने से दूरस्थ एवं दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के स्थानीय बच्चों को लाभ मिलेगा। इन विद्यालयों में बच्चों को अच्छी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
210 छात्र-छात्राओं की क्षमता तथा 3973.25 लाख रूपये की लागत से बनने वाले उत्तरकाशी के दिवारीखोल में प्रस्तावित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग है तथा रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा में प्रस्तावित 4486.77 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय की कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल है।
बैठक में अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदण्डे सहित कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग व ब्रिडकुल के सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंड के नकलरोधी कानून को मॉडल के रूप में लागू करेगी केंद्र सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के नकलरोधी कानून को केंद्र सरकार ने भी मॉडल के रूप में लिया है। सोमवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने इसका बिल पेश कर उत्तराखंड के धामी सरकार के कठोर कानून पर भी अपनी मुहर लगा दी है। इधर, मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आभार जताया और कहा कि यह कानून नकल माफियों पर करारी चोट करेगा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कवच बनेगा।
केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश किया है। यह बिल जल्द देश में नकलरोधी कानून का रूप लेगा। खासकर उत्तराखंड में इस तरह का कानून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने फरवरी 2023 में लागू किया। यह कानून अब तक देश के सबसे कठोर कानून में शुमार है। अब धामी सरकार के इस नकलरोधी कानून को केंद्र ने भी मॉडल के रूप में लेते हुए , जल्द देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार का यह निर्णय निश्चित ही उत्तराखंड की धामी सरकार के नकलरोधी कानून पर मुहर लगाता है। खासकर धामी सरकार ने भी कठोर नकलरोधी कानून लाकर नकल माफिया की कमरतोड़ कर दी है। कानून लागू होने के बाद इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं। पूर्ववर्ती सरकारों में नकल माफियाओं के पूरे तंत्र को ध्वस्त कर धामी सरकार ने बड़ा संदेश दिया है। कानून का परिणाम यह है कि अब राज्य में प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल समय पर हो रही हैं। बल्कि रिकॉर्ड समय में परिणाम जारी होने के बाद युवाओं को नौकरी भी मिल रही हैं। उधर, केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में सख्त नकलरोधी कानून का बिल पेश करने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में लागू कठोर नकलरोधी कानून जैसा बिल पेश कर हमारा मनोबल बढ़ाया है।

ये है उत्तराखंड का कठोर नकलरोधी कानून
उत्तराखंड के कठोर नकलरोधी कानून में संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने वाले मामलों में आजीवन कैद की सजा तथा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। साथ ही आरोपियों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था कानून में है। इसके अलावा नकल करते पकड़े जाने पर 10 वर्ष की सजा के साथ ही 10 लाख रुपये जुर्माना है। अभ्यर्थी के नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे 10 वर्ष के लिए सभी परीक्षा देने से निलंबित कर दिया जाएगा। दोबारा नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से पांच से 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणाओं को दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थैलीसैंण को उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थैलीसैंण के 50 शैय्यायुक्त उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकरण से 1 लाख 02 हजार 673 जनसंख्या लाभान्वित होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनान्तर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खटीमा, ऊधमसिंह नगर में बाउंड्रीवाल, गेट एवं गार्ड रूम बनाये जाने हेतु 1 करोड़ 83 लाख 78 हजार रू. की भी स्वीकृति प्रदान की है।

कम्पिटिशन ऑफ विद्या-6 में 600 बच्चों ने किया प्रतिभाग

विद्या घर पुस्तकालय द्वारा एक लिखित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का नाम कम्पिटिशन ऑफ विद्या-6 है। इस प्रतियोगिता का उदेश्य बच्चों के अंदर कम्पिटिशन की भावना को जागृत करना हैं। इस कार्यक्रम में 600 बच्चों ने प्रतिभाग किया। परीक्षा से पूर्व, डीआईजी निवेदिता कुकरेती ने विडियो संदेश के माध्यम से बच्चों का उत्साहवर्धन किया। पुस्तकालय के संस्थापक अभिषेक पठोई ने बताया कि यह प्रतियोगिता हर वर्ष संचालित होती है। इस कार्यक्रम में अमन रतूड़ी, नेहा चौहान, सुहानी, रिषभ शर्मा, शाक्षी, कृष्णा, गरिमा, वंशिका, तम्मना आदि लोग उपस्थित रहे।

सीएम ने पीएम द्वारा लिखित एग्जाम वॉरियर्स पुस्तक की छात्रों को भेंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम से ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देश के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने जी.जी.आई.सी कौलागढ़ में विद्यार्थियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा 2024’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘ एग्जाम वॉरियर्स’ भी प्रदान की।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर जनपद की कक्षा 07 की छात्रा स्नेहा त्यागी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि हम आपकी तरह सकारात्मक कैसे हो सकते हैं? प्रधानमंत्री ने स्नेहा की जिज्ञाशा का समाधान करते हुए कहा कि उनकी प्रकृति है कि वे हर चुनौती को चुनौती देते हैं। उसके कारण उन्हें नया सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि उनके भीतर आत्मविश्वास है कि देश के 140 करोड़ देशवासी उनके साथ हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री का प्रेरणादायी, सारगर्भित और व्यावहारिकता से परिपूर्ण उद्बोधन सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि हमारा सम्पूर्ण जीवन एक परीक्षा है और इस परीक्षा में हार और जीत उतनी महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि हमारी सकारात्मक सोच, क्योंकि एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति जीवन की किसी भी परीक्षा में असफल नहीं हो सकता। मन की बात हो या परीक्षा पे चर्चा इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने लोगों को प्रेरित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा से पूर्व बच्चों को जिस प्रकार उनके माता-पिता और परिजनों द्वारा मानसिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है, उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से देश के विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक स्तर पर मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने परीक्षा में भाग ले रहे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अपील की कि परीक्षा के समय बच्चों पर अनावश्क दबाव न डालें। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि अपने जीवन में कार्य करने के लिए जो भी क्षेत्र चुनें, उसमें लीडर की भूमिका में कार्य करें। जीवन में जो भी लक्ष्य निर्धारित करना है, उसको प्राप्त करने के लिए पूरी तन्मयता से जुट जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बच्चे की प्रतिभा का आंकलन किसी भी एक परीक्षा में सफल या असफल होने पर नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रतिभा तथा बौद्धिक क्षमता किसी भी परीक्षा से ऊपर है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि महान लोगों की जीवनी जरूर पढ़ें। इससे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है। समाज में बड़े कार्य करने वाले अधिकांश लोग सामान्य परिस्थतियों से आगे बढ़े हैं। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक सविता कपूर, उत्तराखण्ड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं राज्य के विभिन्न स्कूलों से छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षकगण जुड़े थे।

मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के तहत टॉपर 318 बालिकाएं पुरस्कृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन’ कार्यक्रम के तहत मेधावी बालिकाओं को सम्मानित किया। जनपद स्तर पर इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रत्येक जनपद से प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं और विकासखण्ड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र और स्मार्ट फोन देकर पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर वर्ष 2022 और 2023 की टॉपर 318 बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का ‘परिवर्तन पोर्टल’ लॉन्च किया और बालिका निकेतन, देहरादून की बालिकाओं को चन्द्रयान की अनुकृति भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बेटियों को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामना देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की अपनी सभी बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। हमारी बेटियों के साथ अन्याय करने वालों की उत्तराखण्ड और हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान उनका अपमान है। ऐसा करने वालों के खिलाफ वे कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां हमारी शान, मान और अभिमान हैं। महान वीरांगना तीलू रौतेली से प्रारंभ होने वाली हमारे प्रदेश की वीर नारियों की सूची में टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल जी तक ऐसे अनेकों नाम हैं, जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए कुप्रथाओं को तोड़ने और आत्म सम्मान से जीवन जीने की राह समाज को दिखाई है। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। पहले पहाड़ में बेटियों के जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष था, लेकिन अब दृश्य बदल रहा है और हमारे सीमान्त गांवों की बेटियां भी अपने सपनों को साकार कर रही हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं जिनमें महालक्ष्मी किट योजना, खुशियों की सवारी योजना, नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड की हर बेटी सशक्त हो, सबल हो और प्रदेश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो। उन्होंने कहा कि वे एक अभिभावक की तरह हमेशा प्रदेश की बेटियों के साथ रहेंगे।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली सभी बालिकाओं को शुभकामना देते हुए कहा कि आज बालिकाओं के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बेटियां नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोहाघाट में गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज खोला जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरि चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी एवं मेधावी बालिकाओं के अभिभावक उपस्थित रहे।