हम नाबालिग है तो क्या हुआ? बालिग होते ही पति इसी को बनाऊंगी। सुनने में बड़ा ही अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह वाकया देखने में आया है। जहां एक नाबालिग लड़का व लड़की में पढ़ाई के दौरान ही आपस में प्रेस पनपा। प्रेम के जाल ने दोनों को ऐसा फांसा कि दोनों शादी के लिये कानूनन उम्र न होने पर भी शादी को मंदिर जा पहुंचे। फिर क्या था, पीछे-पीछे माता-पिता भी पहुंचे। उधर घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मंदिर पहुंची। पुलिस से लड़की ने जो कहा, वह वाकई हिम्मत भरा जवाब था। बिहार पटना के कटिहार जिले में एक नबालिग प्रेमी जोड़ा घर से भागकर शादी के लिए मंदिर पहुंचा ही की, इतने में लड़के के घरवाले भी मंदिर पहुंच लड़के की जमकर पिटाई कर दी। वहीं पुलिस भी मंदिर पहुंच गई और प्रेमी जोड़े को पकड़कर थाने ले आई।
घटना कटिहार नगर थाना क्षेत्र के कालीबाड़ी मंदिर की है। जहां कुरेठा गांव के रहने वाले एक युवक को मैट्रिक के कोचिंग के दौरान वहीं पढ़ने वाली युवती से प्यार हो गया। फिर दोनों शादी के लिए गांव छोड़ शहर पहुंच गए। मंदिर में जैसे ही दोनों शादी के लिए पहुंचे उनके परिजन पहले से ही वहां मौजूद थे। उनलोगों ने वहीं पर पिटाई शुरू कर दी।
वहीं, पुलिस के सामने थाने में भी दोनों ने एक-दूसरे के साथ रहने की इच्छा जताई। लड़की का कहना था कि लड़के के घरवाले शादी के लिए तैयार नहीं है। कटिहार नगर थाना के पुलिस इंस्पेक्टर ने विद्यानंद पांडेय ने बताया कि बरामद प्रेमी जोड़ा नाबालिग है और मेडिकल टेस्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Category: बिहार
अचानक कटी गायें बहकर आयी, लोगों में आक्रोश
बिहार के मुरलीगंज प्रखंड में स्थित पकिलपार नहर में अचानक कटी हुई गायें बहकर आने लगीं। जब एक साथ दो सौ के करीब कटी गायें बहकर आती दिखीं तो लोगों को बड़ी आपदा की आशंका हुई। लोग अपना काम काज छोड़कर नहर की तरफ दौड़े। करीब 200 से अधिक मरी हुई गायें के साथ बहकर आईं उसके बाद लगातार गायों के बहकर आने का सिलसिला जारी है। जानकारी मिली है कि पांच सौ से ज्यादा गायें बहकर आयी हैं। घटना से लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। नहर के किनारे लोगों की काफी भीड़ लग गई है। ग्रामीणों में गौ हत्या को लेकर आक्रोश पनप रहा हैं। मौके पर एसडीओ संजय निराला, एएसपी राजेश कुमार, बीडीओ ललन कुमार चौधरी , थानाध्यक्ष राजेश कुमार दल बल के साथ पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इतनी संख्या में कटी गायों को देखकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गाय को निकालने पहुंचे जेसीबी को लोगों ने लौटा दिया है।
बाढ़ पीड़ितों को त्योहारों से पूर्व दें पैसाः नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जल्द आर्थिक मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि बकरीद से पहले ही पीड़ितों को आर्थिक मदद दी जाए। नीतीश कुमार ने बताया कि बाढ़ राहत के लिए दी जाने वाली 6 हजार नगद राशि को बकरीद के पहले दिए जाने के लिए अधिकारी काम करें। ताकि बाढ़ पीड़ितों को त्योहार के पहले राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी पीड़ित का खाता नहीं खुला हो तो प्रशासन के लोग उस व्यक्ति के खाते को खुलवाने की व्यवस्था करें। ताकि आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में राशि का ट्रांसफर किया जा सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी जिलों के पदाधिकारियों के साथ वीडियो बैठक की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्य, पर्व-त्योहारों की तैयारी, विधि व्यवस्था समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे की समीक्षात्मक बैठक की। सीएम ने कहा कि इस बार की बाढ़ अभूतपूर्व है जिसे हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने स्वयं महसूस किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी पंचायत भवन में कम्यूनिटी रिलिफ सेंटर की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आपदा के समय उसका उपयोग किया जा सकें। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनने वाले पंचायत भवन में भी इसका इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बिहार की बाढ़ की रोकथाम को लेकर नेपाल के पीएम से बात हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से सड़कों पर जल निकासी की व्यवस्था को लेकर भी बात हुई है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में बाढ़ से 19 जिलों की करीब पौने दो करोड़ आबादी प्रभावित हुई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 28 अगस्त तक बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीजेपी के खिलाफ रैली आयोजित कर लालू ने दिया नारा, कहा देश बचाओ, बीजेपी भगाओ
बीजेपी के खिलाफ आरजेडी प्रमुख लालू यादव की पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में देश बचाओ, बीजेपी भगाओ महारैली में विपक्ष की एकता जरूर देखने को मिली, लेकिन लालू यादव बीजेपी और पीएम मोदी की बजाय अपने पुराने साथी नीतीश पर ही बरसते नजर आए। उनके भाषण में महागठबंधन टूटने का दर्द साफ झलक रहा था।
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए लालू यादव ने कहा कि उन्हें तो कभी भी नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं था, लेकिन सांप्रादायिक ताकतों को रोकने के लिए भारी मन से विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन किया था। नीतीश के इस कदम को लेकर हमें पहले से ही जानकारी थी कि ये आदमी विश्वास के लायक नहीं है। लालू यादव ने कहा कि इस वक्त एनडीए में जो भी बिहार से बड़े नेता हैं वो सभी उन्हीं के प्रोडक्ट्स हैं। लालू ने नीतीश पर आरोप लगाया कि बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव के बढ़ते कद से नीतीश कुमार परेशान हो रहे थे। नीतीश अंदर-ही-अंदर जल रहे थे। उनसे देखा नहीं जा रहा था कि उनके आगे का लड़का जनता में लोकप्रिय हो रहा है। इसलिये नीतीश महागठबंधन तोड़ बीजेपी की गोद में जा बैठे।
लालू यादव के भाषण में नीतीश के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलने को लेकर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि नीतीश पहले संघ मुक्त का नारा देते थे। अब खुद ही संघ की गोद में जाकर बैठ गए। उन्होंने सीबीआई छापे के लिए भी नीतीश को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि नीतीश के ऊपर हत्या का केस चल रहा है।
बाढ़ से नुकसान की भरपाई को मोदी का बिहार को 500करोड़ी पैकेज
हवाई सर्वे के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मोदी के साथ रहे। पीएम मोदी ने बिहार के लिए 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इससे पहले पीएम मोदी ने पूर्णिया में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और आला अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए उच्चस्तरीय बैठक भी की। बिहार में बाढ़ की वजह से अब तक 418 लोगों की मौत हो गई है। हाई लेवल मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने बिहार को हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया है। मोदी ने बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए एक केंद्रीय दल भेजने का भी आश्वासन दिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों की फसल बीमा का तुरंत आंकलन करने के लिए बीमा कम्पनियां अपने पर्यवेक्षक तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में भेजें। जिससे किसानों को शीघ्र ही राहत पहुंचाई जा सके।
बाढ़ से प्रभावित सड़कों की मरम्मत के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को उपयुक्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ से विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर को जो नुकसान हुआ है उसकी शीघ्र बहाली के लिए भी केन्द्र, राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगा। प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए एवं गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपए की दर से सहायता भी दी जाएगी।
बाढ़ पीड़ितों ने लगाए क्षेत्रीय सांसद के पोस्टर, कहा मिले तो हमें बताए
एक ओर जहां बरसात का मौसम चल रहा है और ऐसे में बाढ़ का आना लाजमी है। बिहार के 18 जिले इस वक्त बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं इन बाढ़ पीड़ितों की कोई सुध नहीं ले रहा है। मदद न होने की वजह से उनका गुस्सा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दरभंगा जिले में भी बाढ़ में भारी तबाही मचाई है। अब तक 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा अपने क्षेत्र के सांसद, पूर्व क्रिकेटर व स्थानीय सांसद कीर्ति आजाद पर निकला है। दरभंगा की सड़कों पर बाढ़ पीड़ितों ने निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद के गुमशुदगी की कई पोस्टर चिपकाए हैं। जिसमें कहा गया है कि चुनाव जीतने के बाद वह अपने क्षेत्र से गायब हो गए हैं।
बिहार के इस क्षेत्र में जगह-जगह सांसद कीर्ति आजाद के पोस्टर चिपकाए गए है। चिपकाए गए पोस्टरों में कीर्ति आजाद पर तंज कसा गया है और कहा गया है कि बाढ़ पीड़ित अपने सांसद कीर्ति आजाद की तलाश कर रहे हैं और जिस किसी को भी वह मिल जाए वह तुरंत बाढ़ पीड़ितों को सूचित करें। यहां की जनता उनका इन्तजार कर रही है। लोगों को उम्मीद थी कि आपदा के वक्त वह अपने इलाकों के लोगों से मिलकर उनका दुख-दर्द बांटेंगे और मदद का भरोसा देंगे, लेकिन आजाद के गायब होने से स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। दरअसल में कीर्ति आजाद बीजेपी की टिकट से चुनाव जीतकर आए थे लेकिन वह लगातार डीडीसीए घोटाले मामले में अरुण जेटली पर हमलावर थे जिसके बाद उन्हें पार्टी विरोध गतिविधियों के चलते बीजेपी ने निलंबित कर दिया था। बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह रूप धारण कर चुकी है। सीएम नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि उन्होंने जीवन में अबतक इतनी भयंकर बाढ़ नहीं देखी है। राज्य भर बाढ़ से अबतक 253 लोगों की मौत हो चुकी है और कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हैं।
अब मोदी के इशारे पर काम कर रहे नीतीश, दिखाया शरद यादव को आईना
भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के इस कदम से बिहार की राजनीति पूरी तरह बदल चुकी है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाला जेडीयू जल्द ही केन्द्र में एनडीए सरकार का हिस्सा हो जाएगा क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार को केन्द्र सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आनेवाले दिनों में किस तरह का बिहार में सियासी समीकरण देखने को मिलेगा? आनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जेडीयू की बिहार में क्या रणनीति है?
नीतीश की दो टूक
नीतीश ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शरद यादव के बगावती तेवर पर पहली बार खुलकर अपनी बात रखते हुए उन्हें दो टूक जवाब दे दिया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने नई सरकार बनाने का फैसला सर्वसम्मति के आधार पर लिया था। उन्होंने कहा कि कुछ भी करने से पहले पार्टी के लोगों से जरूर पूछता हूं। ऐसे में शरद यादव को जो भी फैसला लेना है उसके लिए वह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।
सरकार में शामिल हो जेडीयू
माना जा रहा है कि जेडीयू को केन्द्र सरकार में दो या तीन अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। लेकिन, इससे पहले जेडीयू की 19 अगस्त को बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्र सरकार में शामिल होने पर फैसला हो सकता है।
शरद यादव पर कार्रवाई
जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। इसको लेकर जेडीयू की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। पार्टी ने शरद यादव की जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में अपना नेता चुना है।
बदल जाएगा सियासी समीकरण
जेडीयू के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पूरी तरह से बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में समीकरण बदल जाएगा। कल तक जिस नीतीश कुमार को विपक्ष की तरफ से धर्मनिरपेक्षता का बड़ा नेता माना जा रहा था और विपक्षी दल उनकी अगुवाई के बारे में सोच रही थी वो अब करीब डेढ़ साल बाद आनेवाले लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव के उलट मोदी के पक्ष में चुनाव् प्रचार करते हुए दिखेंगे।
कैसे कमाते है लालू पैसा, जल्द करुंगा खुलासा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही बालू माफियाओं का आरजेडी से संबंधों को सबूतों के साथ उजागर करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के परिवार की संपत्तियों की भी जांच करा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘बालू माफिया राजनीतिक दलों को फंडिंग करते हैं। बालू माफिया आरेजडी की फंडिंग का मुख्य स्रोत हैं। मैं लालू प्रसाद के परिवारवालों की बालू माफियाओं से संबंधों के बारे में जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा करूंगा।’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि सुशील मोदी ने मिट्टी खरीद घोटाले के बारे पूछे गए सवाल पर कहा कि यह बहुत छोटा मामला है। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि इस बारे में क्या कार्रवाई की गई है। इस केस में कितनी प्रगति हुई है और इस मसले पर और क्या कार्रवाई करने की जरूरत है। यह (मिट्टी खरीद घोटाला) बहुत छोटा मसला है।’
लालू डाल रहे शरद यादव पर डोरे, भाजपा की मुश्किलें बढ़ी
महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने से नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव बिहार के मुख्यमंत्री पर तो चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस बीच वह मोदी सरकार पर हमलावर हैं। पूर्व एनडीए संयोजक ने कालेधन को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे 70 वर्षीय नेता ने ट्वीट कर कहा, ‘विदेशों से कालाधन वापस नहीं आया, जोकि सत्ताधारी पार्टी का एक मुख्य नारा था और ना ही पनामा पेपर्स में नामित लोगों में से किसी को पकड़ा गया।’
राज्यसभा सांसद ने शनिवार को अन्य ट्वीट में कहा था, ‘सरकार कई सेवाओं के नाम पर जनता से काफी सेस अर्जित करती है, लेकिन फिर भी देश में किसी भी क्षेत्र में सुधार नहीं दिख रहा है।’ इससे पहले उन्होंने केंद्र की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा था, ‘दूसरी योजनाओं की तरह फसल बीमा योजना भी सरकार की असफलता है, जिसके द्वारा केवल प्राइवेट बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया।’
बताया जाता है कि शरद यादव महागठबंधन तोड़े जाने के पक्ष में नहीं थे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद नीतीश ने महागठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया। नीतीश के इस कदम से शरद यादव नाराज बताए जाते हैं। नीतीश और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह अब भी ‘नई दोस्ती’ से असहज हैं। इस बीच आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शरद यादव को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुट गए हैं। उन्होंने शरद से आरजेडी जॉइन करने की अपील की है। लालू ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने शरद यादव से फोन पर बात भी की है।
लालू ने शनिवार को कहा, ‘मैंने शरद यादव से फोन पर बात की है। मैं उनसे अपील करता हूं कि आइये और देश के हर कोने में जाकर इस लड़ाई की कमान अपने हाथों में लें।’ इसके अलावा लालू ने सोशल मीडिया पर भी शरद यादव से साथ आने की अपील की। लालू ने इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘गरीब, वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें।’ एक दूसरे ट्वीट में लालू ने लिखा, ‘हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है। आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है। शोषित और उत्पीड़ित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।’
नीतीश कुमार को लेकर शाह का बयान अहम माना जा रहा
बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड की गठबंधन सरकार में जारी अंर्तकलह के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से राजनीति सरगरमी तेज हो सकती है। उन्होंने जदयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व की तारीफ की है। अमित शाह ने कहा, 1980 के दशक में अर्थशास्त्रियों ने बीमारू स्टेट शब्द का प्रयोग किया था, जिन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी, जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी, ऐसे ही राज्यों को बीमारू राज्य कहा गया। बीमारू राज्य में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश। उन्होंने आगे कहा, बिहार में नीतीश कुमार जबतक बीजेपी के साथ सरकार चला रही थी, वहां विकास हो रहा था, देश-दुनिया के अर्थशास्त्री मानते हैं कि उस दौर में बिहार बिमारू राज्य से बाहर होने की कगार पर पहुंच गया था।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 साल से बीजेपी की सरकार है, ये दोनों राज्य विकसित राज्य बनने की कगार पर हैं, राजस्थान भी बीमारू राज्य से बाहर है। यूपी में हमें अभी जनादेश मिला है, पांच साल बाद इस इस राज्य की भी हालत बदल जाएगी।
नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है। दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए। इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है। इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी।
वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है। अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की। कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया।