गंगा का जलस्तर बढ़ने से पालिटेक्निक परिसर हुआ जलमग्न


पहाड़ों में रुक-रुककर हो रही बारिश से मैदानी क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित होने लगा है। त्रिवेणी घाट पर गंगा का जल पार्किंग तक आ पहुंचा। इसके चलते पार्किंग पर प्रवेश निषेध कर दिया गया है। पुलिस कर्मियों ने रस्सी लगाकर पार्किंग स्थल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है। गंगा घाट पूरी तरह से खाली करवा दिए गए है। मुनादी करवाकर लोगों से तटीय इलाके खाली करवा दिए गए है। नगर में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, खदरी स्थित पालिटेक्निक का परिसर जलमग्न हो गया है।

जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य विनोद जुगलान ने बताया कि गंगा तटीय क्षेत्र में बसे खदरी गांव में बाढ़ से नुकसान हुआ है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्र में 15 और 10 हेक्टेयर में रोपे गए पौधे खराब हो गए हैं। यही नहीं वन्य जीवों को आबादी में प्रवेश से रोकने लिए लगायी सौर ऊर्जा बाड़ भी क्षतिग्रस्त हो गई है। वर्ष 2013 से बाढ़ की विभिषीका झेल रहे राजकीय पॉलिटेक्निक खदरी की पहले से क्षतिग्रस्त चाहरदिवारी के रास्ते घुसे बाढ़ के पानी से आवासीय परिसर डूब गया है। सूचना पर एसडीएम मनीष कुमार ने हालात का जायजा लिया और राहत एवं बचाव टीम को निगरानी रखने के निर्देश दिए। वहीं, वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र रावत ने बताया कि सौर ऊर्जा बाड़ को नुकसान होने की सूचना मिली है। कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन जल स्तर कम होने के बाद ही हो सकेगा। फिलहाल प्लान्टेशन के पास से बाढ़ का पानी बह रहा है।

आईपीएल की तरह ही उत्तराखंड के खिलाड़ियों पर लगेगा पैसा, प्रतिभा निखारने का सुनहरा मौका

बाबा स्पोट्र्स एकेडमी काशीपुर यूएस नगर के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 अक्टूबर से तीन नवंबर तक उत्तराखंड बालीवाॅल प्रीमियर लीग के लिए मैच कराए जाएंगे। बताया कि वर्ष 2002 में राज्य की बालीवाल टीम ने स्वर्ण पदक, 2010 में रजक पदक तथा 2013 में कांस्य पदक जीता था। मगर, वर्तमान में राज्य की टीम का पदक तालिका में नाम नहीं है, जबकि यहां प्रतिभा की कमी नहीं है, इसी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए बाबा स्पोट्र्स एकेडमी की ओर से इस प्रीमियर लीग का आयोजन किया जा रहा है।

एकेडमी के सचिव सचिन सेमवाल ने बताया कि इस लीग में 18 मैच आयोजित किए जाएंगे, जिसका आगाज राजधानी देहरादून से होगा। इसमें राज्यभर से ट्रायल के बाद छह टीमें बनाई जाएंगी। बताया कि मैदान में 12 खिलाड़ियों में से आठ उत्तराखंड से जबकि चार अन्य राज्यों से होंगे। बताया कि खिलाड़ियों सहित कोच व अन्य मेंबर पर देशभर से उद्योगपति पैसा लगाएंगे। इसमें खिलाड़ियों को ट्रैकशूट, किट, जूते दिए जाएंगे। इसका लाइव प्रसारण डीडी स्पोट्र्स पर किया जाएगा।

पत्रकार वार्ता के दौरान एकेडमी के कानूनी सलाहकार हरीश भट्ट, कुलशानंद गैरोला, अनवर खान, सूरज रोड, ब्रजेश तिवारी, नीरज शाह, अमित घिल्डियाल, राजेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।

चेतावनी रेखा 339.50 मीटर के करीब पहुंचा गंगा का जलस्तर, तटीय इलाकों में अलर्ट


ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने की वजह से गंगा का जलस्तर रात्रि में ओर भी बढ़ने की आशंका है। इसको देखते हुए प्रशासन और पुलिस सकते में आ गई है और पुलिस ने गंगा नदी से सटे इलाकों को खाली करवा दिया है। वहीं, गंगा घाटों को भी पूरी तरह से खाली किया जा रहा है।

इस समय गंगा का जलस्तर नापने पर वह चेतावनी रेखा से आधा मीटर नीचे पाया गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से करीब आधा मीटर नीचे है। आयोग ने गंगा का जलस्तर रात्रि में बंढ़ने की आशंका जताई है। ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट का आरती स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।

राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड सेंटर में ब्लैक फंगस का इलाज भी मिलेगा


आईडीपीएल स्थित राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड केयर सेंटर में अब म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का उपचार भी किया जाएगा। सेंटर में पहुंचने वाले म्यूकर ग्रसित रोगियों की भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है।
एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित राइफलमैन जसवंत सिंह एमवीसी कोविड केयर सेंटर में म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि अभी तक यहां केवल कोरोना संक्रमित मरीजों को ही भर्ती किए जाने की सुविधा थी। विशेषरूप से कोविड मरीजों के उपचार के लिए तैयार किए गए 500 बेड की सुविधा वाले इस कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन बीते माह 26 मई को सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी द्वारा किया गया था।

एम्स निदेशक रविकांत ने इस बाबत बताया कि म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का इलाज करने के लिए एम्स में उच्च अनुभवी चिकित्सकों की टीम और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं। महामारी को देखते हुए संस्थान तथा आईडीपीएल स्थित राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड केयर सेंटर में कोविड और म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का उपचार करना एम्स की पहली प्राथमिकता है। जिसके तहत एम्स के कुशल चिकित्सकों की टीम 24 घंटे मरीजों की सेवा में जुटी है।
इस बाबत जानकारी देते हुए राइफलमैन जसवंत सिंह कोविड केयर सेंटर के प्रभारी और एम्स के ट्राॅमा सर्जन डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि म्यूकर माइकोसिस के रोगियों को कोविड केयर सेंटर की इमरजेंसी के माध्यम से तत्काल भर्ती किए जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सेंटर में भर्ती प्रक्रिया के लिए मरीजों को एम्स पहुंचने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी मरीज के उपचार में मेजर ओटी की आवश्यकता हुई, तो उसे एम्स तक पहुंचाने के लिए सेंटर पर 24 घंटे एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है। जो कि सभी मरीजों के लिए निःशुल्क है।
डाॅ. उनियाल ने बताया कि सेंटर में मरीजों के लिए इलाज, भोजन, तमाम तरह के परीक्षण, दवा और एम्बुलेंस आदि सुविधाएं पूरे तौर से निःशुल्क रखी गई हैं। मरीज के तीमारदार सांय 6 से 8 बजे तक रैबार’ डेस्क के माध्यम से अपने मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा अस्पताल में मेडिकल सुविधाओं से संबंधित पूछताछ हेतु 76690 62536 और 76690 62537 टेलीफोन नंबर जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

डोईवाला में विश्राम के बाद शनिवार को सीएम आवास पहुंचेगे परिवहन व्यवसायी


उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने चारधाम यात्रा शुरू करवाने और टैक्स में राहन देने के अलावा वाहन स्वामी, चालक व परिचालकों की समस्याओं को लेकर सीएम आवास के लिए पदयात्रा आज से शुरू की। सभी व्यवसायी एक साथ सीएम आवास के लिए पैदल ऋषिकेश से निकले, शाम होने तक पदयात्रा डोईवाला गुरूद्वारा पहुंची। यहां रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को पदयात्रा सीएम आवास के लिए प्रस्थान करेगी।

महासंघ अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि कोरेाना महामारी के चलते परिवहन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो चुका है। मगर, सरकार ने अभी तक परिवहन व्यवसायियों की सुध नहीं ली है। चार धाम की यात्रा न संचालित होने से परिवहन व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति तक डगमगा गई है। इसके बावजूद यात्रा पर प्रतिबंध सरकार द्वारा लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि आज पदयात्रा डोईवाला तक पहुंच सकी है। यहां गुरूद्वारे में रात्रि विश्राम के बाद महासंघ सदस्य शनिवार को सीएम आवास पहुंचेगे और वहां सीएम तीरथ सिंह को यात्रा शुरू करने, दो वर्ष का टैक्स छोड़ने, वाहनों की आयु सीमा बढ़ाने सहित अन्य मांगों पर ज्ञापन सौंपा जाएगा।

पदयात्रा में टीजीएमओसी के उपाध्यक्ष यशपाल राणा, संचालक बलवीर सिंह रौतेला, यातायात एवं पर्यटन विकास सहकारी संघ के उपाध्यक्ष नवीन चंद रमोला, संयुक्त रोटेशन के प्रभारी मदन कोठारी, ऋषिकेश डीलक्स टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमंत डंग, जीप कमांडर यूनियन अध्यक्ष बलवीर सिंह नेगी, ललित सक्सेना, चंदन सिंह पंवार, दाताराम रतूड़ी, प्यार सिंह गुनसोला, मनोज आर्य, योगेश उनियाल, नवीन तिवारी, राम सिंह फरस्वान, नवीन चंद रमोला, बलवीर सिंह रौतेला, मेघ सिंह चैहान, आशुतोष शर्मा आदि उपस्थित थे।

पीटीसी नरेंद्र नगर से 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने पास किया प्रशिक्षण, उत्तराखंड पुलिस में हुए शामिल

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पीटीसी नरेन्द्र नगर में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणरत पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने पर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा जिन पुलिस उपाधीक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें रीना राठोर, नताशा सिंह, अभिनय चैधरी, स्वप्निल मुयाल, सुमित पाण्डे शामिल हुए। इस बार 17 पुलिस उपाधीक्षकों ने पीटीसी नरेन्द्र नगर से अपना प्रशिक्षण पूरा किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पी.टी.सी में आडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा। साइबर क्राइम को रोकने हेतु कोर्सेज शुरू किये जायेंगे। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भत्ता दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि पी.टी.सी प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा, परंतु क्षमताओं का वास्तविक आकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की कई विविधताएं हैं, कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है जहां – बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है, ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण होजाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटक एवं धार्मिक स्थल बहुल राज्य है, यहां बाहर से प्रतिवर्ष उसकी कुल आबादी दोगुने से भी अधिक पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं। पर्यटन उद्योग राज्य की आय का प्रमुख स्रोत भी है, ऐसे में राज्य पुलिस की भूमिका अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस को न केवल पर्यटकों के आवागमन को सुदृढ़ एवं सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभानी है, अपितु पर्यटकों को सुरक्षित भी महसूस करवाना होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में साईबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साईबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण के दौरान साइबर अपराधों से निपटने की भी जानकारी उन्हें दी गई होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अन्य अपराधों के अलावा साइबर और संगठित अपराधों पर रोक लगाकर राज्य में चैतरफा सुरक्षा का माहौल तैयार करेंगे। कोरोना संकट के इस दौर में उत्तराखण्ड पुलिस ने कई नई-नई चुनौतियों का सामना किया है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस के सामने अनैक चुनौतियां हैं। पुलिस को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जन सेवक के गुण होने बहुत जरूरी हैं। हमारा मकसद पीड़ित केन्द्रित होना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि समाज के ऐसे लोगों को न्याय दिलाया जाए जो सुविधाओं से वंचित हैं। पुलिस के पास यूनिफार्म के साथ ही कानूनी अधिकार भी है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर पुलिस महानिदेशक, डॉ. पीवीके प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशिक्षण पूरन सिंह रावत, निदेशक पी०टी०सी० राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी तृप्ति भट्ट आदि उपस्थित थे।

ऋषिकेशः नशे के रोगियों को मिल सकेगा उच्चस्तरीय उपचार, एम्स में शुरू हुआ एटीएफ

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष-2019 में किए गए एक शोध में यह पाया गया कि उत्तराखंड में तम्बाकू के अलावा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले नशे के प्रकारों में शराब, कैनाबिस उत्पाद (भांग/गांजा/चरस), ओपिऑइड्स (स्मैक/हेरोइन/कोकेन/ डोडा आदि ) व इन्हेलन्ट्स भी प्रमुखरूप से शामिल है।
इस सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार का नशा करने वाले मौजूदा पुरुष उपभोगकर्ताओं की संख्या शराब से 38.1 प्रतिशत, कैनाबिस उत्पाद से 1.4 प्रतिशत, ओपिऑइड्स से 0.8 प्रतिशत और इन्हेलन्ट्स का इस्तेमाल करने वाले 10 से 17 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 1.7 फीसदी है। देशभर में हर पांच में से एक व्यक्ति शराब और हर 11 में से एक व्यक्ति कैनाबिस नशे का रोगी है, जिन्हें तत्काल उपचार की नितांत आवश्यकता है।
इसके अलावा लगभग 77 लाख भारतियों को ओपिऑइड्स नशे के लिए शीघ्र इलाज शुरू करने की जरुरत है। आजकल देखा गया है कि वयस्क लोग ही नहीं बल्कि बच्चे भी नशे के रोगी बनते जा रहे हैं। इसकी एक अहम वजह है लोगों के जीवन में स्ट्रेस बहुत बढ़ गया है। कोरोना पान्डेमिक के चलते भी इस स्ट्रेस में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है। ऐसे लोगों में आम धारणा बन गई है कि नशा करना स्ट्रेस से जूझने और निपटने का एक आसान तरीका है, मगर यह स्ट्रेस को कम अथवा समाप्त करने का सबसे गलत तरीका है।
नशे की शुरुआत आमतौर पर खुद व्यक्ति की इच्छा से, प्रयोग करने की उत्सुकता, दोस्तों के दबाव, पारिवारिक परेशानियों, काम का स्ट्रेस व अन्य परेशानियों से होने की वजह से होती है। मगर एक बार इससे ग्रसित होने पर यह नशे का रोग बन जाता है। नशे की बीमारी केवल एक आदत, इच्छाशक्ति में कमी या कमज़ोरी का कम होना नहीं बल्कि एक काम्प्लेक्स तरीके की दिमागी बीमारी है। नशे से व्यक्ति के दिमाग में अस्थायी एवं स्थायी बायोकैमिकल बदलाव आते हैं, जिसके लिए इलाज की जरुरत पड़ती है।

नशा ग्रस्त व्यक्ति का दिमाग उसका साथ नहीं दे पाता अथवा वह इस नशे की बीमारी से अपने आप कभी भी बाहर नहीं आ पाता। नशे के रोग से बहुत से लोगों का घर- परिवार खराब हो जाता है और प्रतिवर्ष लाखों लोग अपने जीवन से हाथ धो बैठते हैं। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति के आर्थिक, सामाजिक जीवन व रोजमर्रा की जिंदगी पर भी इसका बहुत हद तक दुष्प्रभाव पड़ता है। निदेशक प्रोफेसर रवि कांत के निर्देशन में शुरू की गई एटीएफ सर्विस ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है और वह फिर से मुख्यधारा से जुड़कर अपने अमूल्य जीवन को संवार सकते हैं।
एम्स निदेशक ने बताया कि रोगियों को नशे की समस्याओं से दूर करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (ए.टी.एफ.) की शुरुआत की है, जिसमें नशावृत्ति के शिकार रोगियों को परामर्श व उपचार की सभी प्रकार उच्चस्तरीय सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि संस्थान में इस सुविधा को ए.टी.एफ. एन. डी. डी.टी.सी. एम्स दिल्ली द्वारा समन्वित तथा भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सहायता से शुरू किया गया है। इस सेवा के शुरू किए जाने का उद्देश्य प्रदेश में नशे से ग्रस्त रोगियों को मुफ्त एवं उच्चस्तरीय उपचार मुहैय्या कराना है। संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ए.टी.एफ. के नोडल ऑफिसर डा. विशाल धीमान ने बताया कि एम्स में संचालित ए.टी.एफ के तहत, ओपीडी OPD और एडमिशन (IPD) दोनों तरह से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
अस्पताल में सभी मरीजों के लिए बिस्तर की सुविधा, सभी प्रकार की आवश्यक दवाएं, अत्याधुनिक उपचार प्रणाली निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ ही रोगियों की काउंसलिंग भी की जाएगी। जिसमें उन्हें नशे की तलब को कंट्रोल करने की अलग-अलग तकनीकें बताई जाएंगी, साथ ही रोगियों की मोटिवेशनल इंटरव्यूइंग भी की जाएगी।

नशा छोड़ने के इच्छुक लोग इस नंबर से लें सहायता
संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ए.टी.एफ. के नोडल ऑफिसर डा. विशाल धीमान जी ने बताया कि नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए एम्स के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर 7456897874 (टेली-एडिक्शन सर्विस) भी जारी किया गया है, जिसमें सोमवार प्रातः 9:00 बजे से शुक्रवार शाम 4:00 बजे तक और शनिवार सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चिकित्सकीय परामर्श लिया जा सकता है। ए.टी.एफ प्रोजेक्ट का उद्देश्य उत्तराखंड और इसके आसपास के क्षेत्रों को नशखोरी के विरुद्ध लोगों को जागरुक करना और इससे ग्रसित रोगियों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना है, जिससे वह समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपनी उन्नति के साथ सामान्य जीवन जी सकें।

22 जून से अनलाॅक की दिशा में कदम उठाने जा रही उत्तराखंड सरकार

राज्य सरकार ने कुछ और रियायत के साथ कोविड कर्फ्यू की अवधि 22 जून सुबह छह बजे तक बढ़ा दी है। वर्तमान में लागू तीन दिन बाजार खोलने की व्यवस्था बरकरार रखी गई है। वहीं राज्य के तीन जिलों के लोगों के लिए चारधाम यात्रा भी खोल दी गई है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार कोविड की परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद सरकार 22 जून से अनलाॅक की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कोविड कर्फ्यू में वर्तमान में लागू व्यवस्था के साथ ही इस हफ्ते कुछ और रियायत भी दी गई हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की मांग को देखते हुए सरकार ने पिछले हफ्ते से तीन दिन बाजार खोलने की अनुमति दी है। इस हफ्ते भी 16, 18 व 21 जून को बाजार सुबह आठ से शाम पांच बजे तक खुलेंगे। 16 व 21 जून को स्टेशनरी व पुस्तकों की दुकानें भी खुलेंगी। उन्होंने बताया कि मिष्ठान विक्रेताओं की मांग को देखते हुए शनिवार व रविवार को छोड़कर हफ्ते में पांच दिन मिठाई की दुकानें खोलने की छूट दी गई है।

विवाह समारोह व अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए पूर्व में निर्धारित अधिकतम 20 व्यक्तियों की संख्या को बढ़ाकर 50 किया गया है। जबकि विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। शहरी क्षेत्रों में विक्रम व आटो को पूरी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी राजस्व न्यायालयों को खोलने का निर्णय लिया गया है, लेकिन वहां सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए एक दिन में 20 से ज्यादा मामले नहीं सुने जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां संक्रमण के मामले नहीं हैं, वहां बाजार खोलने के संबंध में निर्णय लेने के लिए जिलाधिकारी अधिकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के शेष प्रविधान वही रखे गए हैं, जो पिछले हफ्ते लागू थे।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर तस्वीर साफ करें सीएम तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बनें तीरथ सिंह रावत ने तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों को भरोसा दिया था कि सरकार देवस्थानम बोर्ड पर पुर्नविचार करेगी। मगर, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस पर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष ने सवाल किए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को देवस्थानम बोर्ड पर स्टैंड क्लीयर करना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि आखिर मुख्यमंत्री का पुर्नविचार से संबंधित आश्वासन का क्या हुआ। कोटियाल ने कहा कि एक ओर सरकार पुर्नविचार का आश्वासन देती है और दूसरी ओर बोर्ड को पूरा आकार देने में जुटी हुई है। कहा कि चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत का स्टैंड क्लीयर है।

महापंचायत चार धामों में पहले जैसी व्यवस्था चाहती है। धामों में सरकार के बहुत अधिक दखल के पक्ष मे ंनहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि इससे विकास होगा। उन्होंने सवाल किया कि धामों के विकास के लिए तीर्थों की व्यवस्था में छेड़छाड़ ठीक नहीं है।

महापंचायत के अध्यक्ष कोटियाल ने दो टूक कहा कि गांधीवादी तरीके से सरकार के सम्मुख पक्ष रखा जा चुका है। तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी याचक कतई नहीं बनेंगे। संघर्ष जारी रखेंगे। कहा कि सरकार की उन्हें थकाने की स्ट्रेटजी कामयाब होने वाली नहीं है।

स्पीकर के कोष से कमजोर वर्ग को मिल रही मदद

कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक स्थिति से जूझ रहे कमजोर वर्ग के लिए विधानसभा अध्यक्ष का विवेकाधीन कोष राहत प्रदान कर रहा है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आज 60 जरूरतमंद लोगों को 5 लाख की आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए।

उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष सरकार की योजना नहीं बल्कि विवेक के आधार पर जरूरतमंद, गरीब, उपेक्षित, वंचित, विधवा, विकलांग आदि लाभार्थियों के लिए यह धनराशि दी जाती है।

उन्होंने कहा है कि कोरोना काल के दौरान अनेक लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है ऐसे में यह धनराशि जरूरतमंदों को वरदान साबित हो रही है। कहा कि कुछ समय के लिए यह धनराशि राहत जरूर दे सकती है परंतु आत्मनिर्भरता के लिए स्वावलंबी होकर प्रत्येक व्यक्ति को खड़े होने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर स्वामी ईश्वर दास महाराज, महंत स्वरूपानंद, अमृतानंद महाराज, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र नेगी, रविंद्र राणा, प्रदीप कोहली आदि उपस्थित रहे।