लोकसभा चुनावः उत्तराखण्ड में पहले चरण में होगा चुनाव

लोकसभा चुनाव को लेकर आज भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को पांचों सीटों पर मतदान होगा। वहीं, चार जून को मतगणना होगी।

बता दें कि 2019 में भी उत्तराखंड में पहले चरण में ही 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। तब कुल 57.09 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह आंकड़ा वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव की तुलना में कम था। नैनीताल संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 66.39 प्रतिशत और पौड़ी में सबसे कम 48.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था।

’भाजपा पांचों सीटों पर घोषित कर चुकी प्रत्याशी’
बता दें कि, उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीट हैं। चुनाव के लिए भाजपा पांचों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। टिहरी गढ़वाल सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट और अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव लगाया है।

’कांग्रेस तीन सीटों पर घोषित कर चुकी उम्मीदवार’
कांग्रेस ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टिहरी गढ़वाल सीट से जोत सिंह गुनसोला, पौड़ी सीट से गणेश गोदियाल और अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा पर दांव खेला गया है। दो सीटों पर अभी भी सस्पेंस बना है।

’उत्तराखंड में मतदाता’
83,37066 कुल मतदाता
4361360 पुरुष मतदाता
3975134 महिला मतदाता
286 ट्रांसजेंडर मतदाता

गढ़वाल लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता
टिहरी- 12,876
गढ़वाल- 34,963
अल्मोड़ा- 29,157
नैनीताल- 10,616
हरिद्वार- 5,745

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सबसे बड़े फैसले पर राष्ट्रपति की मुहर

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सबसे बड़े समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से उसकी सूचना शासन को मिल गई है। राज्य सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब नियमावली बनते ही उत्तराखंड यूसीसी कानून को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जायेगा। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को मंजूरी देने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार जताया है। कहा कि जल्द राज्य में इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
राज्य विधानसभा में 6 फरवरी को देश का सबसे कड़ा यूसीसी कानून लाने के लिए विधयेक को मंजूरी दी गई थी। चूंकि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 44 के अधीन था, इसलिए इस विधेयक को कानून के रूप में लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी। सरकार ने यह विधेयक राज्यपाल को भेजा और राज्यपाल ने संविधान के प्रावधानों के चलते राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड सरकार के इस महत्वपूर्ण विधेयक को कानून के रूप में लागू करने पर अपनी मुहर लगा दी है। इसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ष्हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है। निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में यूसीसी कानून अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जल्द कानून लागू करने के लिए नियामवली को मंजूरी देकर कानून को सख्ती से राज्य में लागू किया जाएगा।

’संकल्प से सिद्धि तक पहुंचा सरकार का निर्णय’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान डेढ़ साल पहले जनता के सामने सरकार बनने पर राज्य में यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने का संकल्प लिया था। सरकार बनी तो मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहली कैबिनेट में यूसीसी का प्रस्ताव लाया। इसके बाद कानून विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर यूसीसी पर लगातार बैठकें, जनता के सुझाव लेकर 6 फरवरी को विधानसभा में विधेयक पर चर्चा करने के बाद मंजूरी दी। विधानसभा की मंजूरी के बाद बिल राष्ट्रपति की अनुमति को भेजा गया। आज बिल पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है। इससे राज्य सरकार ने फिर राज्य में संकल्प से सिद्धि तक का संदेश दे दिया है।

नागरिकता संशोधन अधिनियमः किसी भारतीय से नागरिकता नहीं छीनता कानून

नागरिकता संशोधन अधिनियम को केंद्र सरकार द्वारा लागू कर दिया गया है। अलबत्ता, कानून को लेकर समुदाय विशेष के लोगों के मन में कुछ भ्रांतियां व मिथक व्याप्त हैं जबकि यह कानून स्पष्ट कहता है की कानून केवल कुछ विदेशियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, यह किसी भारतीय से नागरिकता छीनता नहीं है। यह उन हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई एवं पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का मुद्दा है जो उत्पीड़न का सामना करके अपने-अपने देशों से आए हैं।
दीगर है कि भारत के विभाजन की पूर्व संध्या पर, यह आशा की गई थी कि भारत और पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिक अधिकार और सम्मान का जीवन मिलेगा। इसमें धर्म और परंपरा पर उनके अधिकार शामिल थे। हालांकि, अफगानिस्तान, पाकिस्तान या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई। ऐतिहासिक नेहरू-लियाकत समझौते को दिल्ली समझौते के रूप में भी जाना जाता है, जिस पर 8 अप्रैल, 1950 को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें कहा गया था कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को राजनीतिक या अन्य कार्यालयों में तैनात होने और अपने देश के नागरिक और सशस्त्र बलों में सेवा करने के लिए सार्वजनिक जीवन में भाग लेने का समान अवसर दिया जाएगा। ।

’इसलिए उतपन्न हुई नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आवश्यकता’

दिल्ली समझौते में कहा गया कि वे अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। भारत ने अपना वादा निभाया, लेकिन हमारे पड़ोसी अपने वादे निभाने में विफल रहे। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या 22 से घटकर 7ः हो गई है। वहीं, भारतीय अल्पसंख्यकों की आबादी 23 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर- मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कमजोर स्थिति को उजागर करता है। जबकि, भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सीईसी और सीजेआई जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर मुस्लिम समुदाय के लोग रहे हैं। लेकिन, तीनों पड़ोसी देश अपने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का सम्मान करने में विफल रहे। इसलिए, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आवश्यकता उत्पन्न हुई।

’भारत से सटे तीन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्या के समाधान के लिए लाया अधिनियम’

अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से सटे इस्लामिक मान्यता वाले देश हैं। अफगान संविधान का अनुच्छेद 2 इसे एक इस्लामिक राज्य बनाता है। इसी प्रकार बांग्लादेशी और पाकिस्तानी संविधान भी यही घोषणा करते हैं। भारत-पाकिस्तान की सीमा 3,323 किलोमीटर, भारत-बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर और भारत-अफगानिस्तान की सीमा 106 किलोमीटर है। हमारी भौगोलिक सीमा से सटे तीनों देशों की कानूनी व्याख्या अलग-अलग हो सकती है लेकिन ये एक तरह से इस्लामिक राज्य हैं। किसी भी इस्लामी राज्य/गणराज्य में रहने वाले मुसलमानों पर किसी भी धार्मिक आधार पर अत्याचार की उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि, उस राज्य के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। यह अधिनियम भारत की भूमि सीमा से सटे इन तीन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्या के समाधान के लिए लाया गया है। सीएए इन धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके सभी पिछले दस्तावेजों को नजरअंदाज करके नागरिकता देकर इन सभी देशों में किए गए धार्मिक उत्पीडन को खत्म कर रहा है।

’अतीत में नहीं उठाया गया कोई सवाल’

आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में समाप्त होने वाली 5 साल की अवधि में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 560 से अधिक मुस्लिम शरणार्थी भारत आए हैं। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि भारतीय कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। इसके अलावा, नागरिकता संशोधन अधिनियम स्थायी समिति, संयुक्त समिति आदि से होकर गुजरा था, जिससे लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रिया का सम्मान हुआ। अतीत में भी, युगांडा और श्रीलंकाई शरणार्थियों को नागरिकता देने के भारत के संप्रभु निर्णय पर धार्मिक आधार पर कोई सवाल नहीं उठाया गया था, न ही 1971 में, जब बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई थी, तब कोई सवाल उठाया गया था। सीएए द्वारा संहिताबद्ध किए जाने वाले ऐसे मानवीय कार्यों पर अब ऐसे सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।

’कानून अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं’

यह गलत धारणा है कि यह कानून अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। हालाँकि, इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता का सवाल नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे नागरिक हैं और बने रहेंगे, उन्हें कोई परेशान नहीं कर सकता। सीएए एक प्रासंगिक प्रश्न कि, ष्क्या भारत द्वारा दुनिया में कहीं से भी किसी भी अवैध मुस्लिम प्रवासी को नागरिकता दी जानी चाहिए?ष् का नकारात्मक उत्तर देता है । सीएए उन विशिष्ट वर्गों के लिए है, जिनके पास अपने धर्मों के लिए अनुकूल माहौल नहीं है और वे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीन देशों में प्रताड़ित हो रहे हैं।

’भारतीय संविधान की भावना का प्रतीक है सीएए’

सीएए भारतीय संविधान की भावना का प्रतीक है। इसलिए भारतीय मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून से किसी भी अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम भाई-बहनों को कोई नुकसान नहीं होता है, क्योंकि यह कानून केवल कुछ विदेशियों को नागरिकता देता है, किसी भारतीय से नागरिकता छीनता नहीं है। किसी की नागरिकता छीनने का सवाल ही नहीं उठता। यह उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसियों को नागरिकता देने का मुद्दा है जो उत्पीड़न का सामना करके अपने-अपने देशों से आए हैं। अधिनियम के तहत, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) में प्रावधान है कि जो प्रवासी बिना पासपोर्ट, वीजा और यात्रा दस्तावेजों के भारत आते हैं, या जिनके पासपोर्ट और वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी है, उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है। लेकिन अब, 06 श्रेणियों, अर्थात् हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई, जो तीन देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आते हैं, को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। नागरिकता अधिनियम की एक नई धारा 6 (बी) में प्रस्ताव है कि यदि धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोग निर्दिष्ट शर्तों को अपनाकर अपना पंजीकरण कराते हैं, तो वे नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, यदि ऐसे प्रवासी नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 या तीसरी अनुसूची की शर्तों को पूरा करने के बाद नागरिकता प्राप्त करते हैं, तो उन्हें उस तारीख से नागरिकता दी जाएगी जिस दिन वे भारत में आए थे। कई शरणार्थी 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हैं, उन सभी को उनके आने की तारीख से नागरिकता मिल जाएगी।

सीएम ने ऊर्जा विभाग की प्रदेश में प्रिपेड मीटर योजना का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 विभागों की 8275.51 करोड़ की 122 विभिन्न योजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 11 विभागों की 1048.15 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं 15 विभागों की 7227.36 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की 2027 करोड़ की प्रिपेड मीटर योजना का भी शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट का भी वितरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सचिव ऊर्जा एवं एमडी पिटकुल श्री पी.सी. ध्यानी द्वारा 05 करोड़ का लाभांश का चेक भी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्यमियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवंटन पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के व्यक्तिगत लाभार्थियों के आवंटन पत्र भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ बनाना है। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। आज का यह कार्यक्रम हमारी विकास नीति का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें 8000 करोड़ रूपए से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ये सभी विकास कार्य उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है। अभी कल ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के लगभग 226 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। पिछले दो महीनों में टनकपुर में 2215 करोड,़ हरिद्वार में 5868 करोड़, चंपावत में 161 करोड़, अल्मोड़ा में 117 करोड़, पौड़ी गढ़वाल में 828 करोड़ और रुद्रप्रयाग में 456 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। इस प्रकार पिछले दो महीने में ही 18,000 करोड़ रूपए से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। कार्य यह दर्शाते हैं कि हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कितनी तेजी के साथ विकास नीति पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, आवास और ग्राम्य विकास से जुड़े करोड़ों के विकास कार्यों से प्रदेश का वर्तमान बेहतर होगा। जबकि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, स्पोर्ट्स स्डेडियम, ऊर्जा, डेयरी और पर्यटन से जुड़े करोड़ों के विकास कार्य आने वाले भविष्य में उत्तराखंड को सक्षम, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के मंत्र से नई कार्य संस्कृति का वातावरण बना है। जिससे लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। हमारा काम बोले इसका भी हमारा प्रयास रहता है। मातृशक्ति एवं नौजवानों को रोजगार, स्वरोजगार के लिये नियोजन से जोडा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड में रेल, हवाई एवं सड़क यातायात को प्रभावी बनाया गया है। टनकपुर से भी अब देहरादून के लिये ट्रेन संचालित हो गयी है। अयोध्या सहित अन्य स्थानों के लिये भी ट्रेन की सुविधा मिल रही है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में 56 लाख श्रद्धालु आये जबकि पूर्णांगिरी मेले में भी 50 लाख लोग आये। प्रदेश में पर्षभर धार्मिक पर्यटन का संचालन हो इसके प्रयास हो रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश की जी.एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दुगना करने का है। प्रत्येक जिलों में 2025 तक बेस्ट प्रेक्टिस व नवाचार के रूप में क्या पहल हो सकती है इसकी भी कार्य योजना बन रही है। राज्य में जी.एस.टी. संग्रहण 23 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि प्रतिवर्ष लिये जाने वाले ऋण की धनराशि में कमी आयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज भारत विकास की एक अभूतपूर्व गाथा लिख रहा है। 2014 के पहले के भारत में और अब के भारत में जमीन आसमान का अंतर साफ-साफ दिखता है। मोदी जी ने हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरु कीं। किसान से लेकर जवान तक और शहर से लेकर गांव तक हर वर्ग और क्षेत्र के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है।

प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड से विशेष प्रेम किसी से छुपा नहीं है, देवभूमि उत्तराखंड उनके हृदय में बसता है और उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास में केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है। आज जिन कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है उनमें कई कार्य केंद्र सरकार द्वारा की गई सहायता से पूरे किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में एक तरफ जहां हम विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रहा हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के हित में कई अभूतपूर्व और कड़े फैसले भी लिए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। इस संहित के लागू हो जाने से विशेषकर हमारी मुस्लिम बहन बेटियों को कई तरह से उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। उन्हें बहुत सारी मुस्लिम बहनें इस संहिता को लागू करने के लिए धन्यवाद देती हैं। अभी पिछले दिनों उधमसिंह नगर में नजूल भूमि पर पट्टा वितरित करने के कार्यक्रम में वहां भी मुस्लिम बहनों के एक ग्रुप ने यूसीसी लागू करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हमनें प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपरलीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं। ऐसे ही हमनें लैंड जिहाद के खिलाफ मुहिम चलाई और 5000 एकड़ से अधिक की सरकारी जमीन से अवैध कब्जों को खाली करवाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के कार्य जितने जरूरी हैं उतना ही जरूरी प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन रखना होता है। हमनें पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए खुली छूट दी है कि अगर कोई भी व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड में अशांति फैलाने की कोशिश करे तो उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले दिनों बनभूलपुरा में कुछ असमाजिक तत्वों ने दंगे की स्थिति पैदा करने की कोशिश की, पुलिस ने एक-एक को चिन्हित करके जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, उसके मुख्य दंगाई की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। और इतना ही नहीं, हमनें कानून बना दिया है कि अब अगर किसी ने दंगा या तोड़फोड़ करने की कोशिश की तो उसके नुकसान की पूरी भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, उस पर हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आज जिन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है उससे निश्चित ही उत्तराखंड के विकास को एक नई पहचान मिलेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, धन सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी अपने विचार रखे। सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुन्दरम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस अवसर पर सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक विनोद चमोली, सरिता आर्या, दुर्गेश्वर लाल, शक्ति लाल शाह, मोहन सिंह बिष्ट, संजय डोभाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशू, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी आदि उपस्थित थे।

28 करोड़ रूपये से कैंची धाम में होगी प्रकाश की व्यवस्था, सीएम ने किये स्वीकृत


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री कैंची धाम तीर्थ में प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के लिए 28 करोड़ रुपए धनराशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ रही है, इसे देखते हुए यहां पर तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मुख्यंमत्री ने कहा कि हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड के अंतर्गत आने वाले समस्त मंदिरों के साथ ही प्रदेश के समस्त तीर्थ स्थलों के विकास के लिए संकल्पित है।
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सीएम ने आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग हेतु कमेटी गठित किए जाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय देहरादून में चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में प्रतिभाग करते हुए आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग हेतु कमिटी गठित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने चारों धामों में यातायात प्रबंधन के सुगम संचालन हेतु एसपी/ एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किए जाने, सभी अधिकारी एवं विभागों में आपसी समन्वय से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा बीते सालों की यात्रा में जो कमी एवं समस्याएं सामने आई हैं, उनके अनुभवों से, प्लानिंग से काम कर उन समस्याओं को इस वर्ष दूर किया जाए। संपूर्ण पैदल मार्गाे एवं संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी लगाए जाए। उन्होंने कहा यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के हितों का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा शासन स्तर से चारों धामों की लाइव मॉनिटरिंग की जाए साथ ही आपदा कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब मौसम पूर्वानुमान की सूचना यात्रियों तक समय से पहुंचे। जिसके लिए यात्रियों के मोबाईल पर अलर्ट मैसेज की व्यवस्था की जाए। पैदल मार्गाे की नियमित सफ़ाई हो। यात्रा मार्ग पर बने शौचालयों में विशेष तौर पर साफ सफाई रखी जाए। यात्रा मार्गाे पर शौचालय की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मिशन मोड पर प्लास्टिक फ्री चार धाम पर काम करने के निर्देश दिए। यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व ही चारों धामों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। पैदल मार्गाे में स्ट्रीट लाइट भी लगाई जाए। साथ ही यात्रा मार्ग पर सुचारू पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम मार्गों का सुधारीकरण यात्रा से पूर्व कर लिया जाए। जिन स्थानों पर अधिकांश मार्ग अवरूद्ध होते है ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण कर जे.सी.बी / मशीन आदि की व्यवस्था की जाए। यात्रा के दौरान कोई भी मार्ग बंद होने पर उसे तुरंत खोले जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु बसों व टैक्सियों आदि की आवश्यकता के सम्बन्ध में आंकलन कर पूर्व में व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं का विस्तार जल्द किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों में चिकित्सा व अपेक्षित स्टाफ की तैनाती के साथ जीवनरक्षक दवाई, उपकरण, पोर्टेबल आक्सीजन सिलेण्डर एवं एम्बुलेन्स / एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा घोड़े खच्चरों को होने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु पैदल मार्गों पर पशु चिकित्सकों की तैनाती की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा सीजन में धामों एवं यात्रा मार्गाे पर एस०डी०आर०एफ०, पुलिस बल, जल पुलिस, गोताखोर, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती का प्रबन्धन किया जाए साथ ही जहां आवश्यकता हो वहां अस्थाई पुलिस चौकी की स्थापना भी की जाए ।उन्होंने कहा यात्रा के दौरान अच्छा कार्य करने वाले लोगों / विभागों को सम्मानित किए जाएगा।

इस दौरान बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, बी.के.टी.सी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव सुभाष बगौली, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी, एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सीएम ने देहरादून-अयोध्या, देहरादून-अमृतसर, देहरादून-पंतनगर-वाराणसी के लिये किया हवाई सेवाओं का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयर पोर्ट से देहरादून-अयोध्या, देहरादून-अमृतसर, देहरादून-पंतनगर-वाराणसी के लिये एयर कनेक्टिविटी के अंतर्गत दीप प्रज्जवलित कर, केक काटकर तथा फ्लैग ऑफ़ कर एलाइंस एयर की उड़ानों का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा यह प्रयास है कि सम्पूर्ण उत्तराखंड के अंदर लोगों का आवा-गमन सुविधाजनक, सरल व आसान हो, इसके लिये हम निरंतर प्रयासरत हैं तथा देश के लोग उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों में आसानी से आ जा सकें, जिसके लिये हम लगातार कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने हवाई सेवाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके पूर्व हमने देहरादून से पिथौरागढ़ तथा पिथौरागढ़ से देहरादून के लिये एयर कनेक्टिविटी करने के साथ ही हल्द्वानी से चम्पावत, मुनस्यारी तथा पिथौरागढ़ के लिये हेली सेवाओं का शुभारम्भ कर चुके हैं। उन्होंने आज प्रारम्भ हो रही उड़ानों का उल्लेख करते हुये कहा कि आज का दिन काफी शुभ है, जिसके तहत देहरादून-अयोध्या, देहरादून-अमृतसर, देहरादून-पंतनगर-वाराणसी के लिये हवाई सेवाओं का शुभारम्भ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व तथा कालखण्ड में हवाई सेवा क्षेत्र सहित प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इन हवाई सेवाओं के माध्यम से अयोध्या आदि स्थानों के लिये यात्रा करने वाले यात्रियों से जय श्री राम के उद्घोष के बीच मुलाकात तथा बातचीत की और उन्हें मंगल यात्रा की शुभकामनायें दीं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव सचिन कुर्बे, अपर सचिव सी. रवि शंकर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूकाडा दयानन्द सरस्वती, हरीश कोठारी सहित सम्बंधित पदाधिकारी तथा अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम बोले, प्रवासियों की सुविधा के लिये राज्य में गठित होगा प्रवासी उत्तराखण्ड बोर्ड

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य का युवा रिवर्स माइग्रेशन की ओर बढ़ रहा है। स्वरोजगार के प्रति ध्यान दे रहा है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें भी संचालित की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के उद्यमियों ने प्रतिभाग कर प्रदेश में उद्योग व व्यापार इच्छा जताई है। अब तक 71 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य में भी उद्योग की स्थापना से युवां को रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से अपेक्षा की कि देवभूमि उत्तराखण्ड आपके पूर्वजों की पैत्रिक भूमि है। आपकी भावी पीढ़ी भी अपनी जड़ों से जुड़ी रहे इसके लिये भी प्रयासरत रहने की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश व दुनिया में भारत का मान, सम्मान बढ़ा है। भारतीयों को विदेशों में आदर व सम्मान से देखा जा रहा है। कोरोना महामारी के बावजूद देश की अर्थ व्यवस्था 11 वीं से 5वी में रही। प्रधानमंत्री श्री मोदी के तीसरे काल में भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसमें आप सभी का भी योगदान रहेगा।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी प्रवासियों का अलग-अलग टाइम जोन में रहते हुए संवाद से जुड़ने के लिये सभी को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी विकसित भारत के साथ विकसित उत्तराखण्ड में अपना योगदान दें। उन्होंने इस संवाद श्रृंखला को आगे भी जारी रखने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, नीरज खैरवाल, उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ के सदस्य सुधीर नौटियाल के साथ सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

6 मार्च को होगा देहरादून से अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए हवाई सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास रंग लाया है। देहरादून से देश के तीन प्रमुख शहरों अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए सीधी हवाई सेवा को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। तीनों सेवाओं का छह मार्च को शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री धामी ने तीनों सेवाओं की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार प्रकट किया है।
उद्घाटन दिवस पर देहरादून से अयोध्या के लिए विमान सुबह 9-40 बजे उड़ान भरेगा और पूर्वाह्न 11-30 बजे अयोध्या पहुंचेगा। उसी दिन अयोध्या से दोपहर 12-15 बजे उड़ान भरकर दोपहर 01-55 बजे देहरादून पहुंचेगा।
देहरादून-अमृतसर हवाई सेवा का विमान दोपहर 12 बजे अमृतसर से उड़ान भरेगा और दोपहर 01-10 बजे देहरादून पहुंचेगा। इसी प्रकार देहरादून से दोपहर 1-35 बजे अमृतसर के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर 2-45 बजे अमृतसर पहुंचेगा।
वाराणसी के लिए वाया पंतनगर हवाई सेवा भी 6 मार्च से शुरू हो रही है। यात्री विमान प्रातः 9-50 बजे देहरादून से पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और 10-35 बजे पंतनगर पहुंचेगा। इसी प्रकार पंतनगर से 11-15 बजे वाराणसी के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर एक बजे वाराणसी में उतरेगा। वाराणसी से विमान दोपहर 1.40 बजे पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और अपराह्न 3-25 बजे पंतनगर पहुंचेगा। पंतनगर से विमान अपराह्न 3-50 बजे उड़ान भरेगा और शाम 4-35 बजे देहरादून पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री धामी तीनों स्थानों के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से पूर्व उन्होंने केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध करने के साथ ही पत्र भी लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि देहरादून से अभी अयोध्या के लिए सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं है। श्रीरामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं, अयोध्या से देवभूमि के लिए हवाई सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की यात्रा में भी सुविधा होगी। इसी प्रकार देवभूमि की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री भी इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

धामी कैबिनेट के यह रहे महत्वपूर्ण निर्णय, आप भी जानिए…

-राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विभाग सुमाड़ी, श्रीनगर को तकनीकी शिक्षा विभाग की 5.335 एकड़ भूमि निशुल्क होगी स्थानांतरित।

-उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे पहले एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी।

-न्याय विभाग के अंतर्गत चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में चाइल्ड और जनरल कॉउंसलर की नियुक्ति की जाएगी।

-औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत संयुक्त निदेशक खनन व संयुक्त निदेशक जीओलॉजी को अब संयुक्त निदेशक नाम से जाना जाएगा।

-माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में अभी भर्ती पर रोक लगी है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत इस हेतु पहले से कमेटी गठित है। यही कमेटी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में भर्ती को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।

-वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित्त विभाग के अधीन ही होंगे। इसके लिए एक सम्मिलित कैडर बना दिया गया है।

-समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनसूचित जाति दशमेतर छात्रवृत्ति योजना में मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को बढ़ाया गया। केंद्र सरकार द्वारा जो संशोधन इस हेतु किये गए हैं, उसे राज्य द्वारा अंगीकृत किये जाने को मंजूरी कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।

-गृह विभाग के अंतर्गत दंगों और अशांति मामलों में सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूली, नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र अध्यादेश बनाने को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है।