सीएम त्रिवेंद्र ने जताया केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार, जानिए क्या है मामला…

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में चिन्हित रेलवे क्रॉसिंगों पर निर्मित होने वाले आर.ओ.वी-आर.यू.वी की 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार के बजाय केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन किये जाने के प्रति केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य सरकार द्वारा व्यय किये जाने वाली बड़ी धनराशि राज्य के विकास में उपयोग की जा सकेगी। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को पत्र के माध्यम से स्थिति से अवगत कराते हुए इस हेतु राज्य सरकार द्वारा वहन की जाने वाली 50 प्रतिशत धनराशि को केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन किये जाने का अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में रेलवे क्रॉसिंग पर अत्यधिक दुर्घटनायें घटित होती रहती हैं तथा रेलवे क्रॉसिंग पर यातायात का दबाव अधिक होने से दिन-प्रतिदिन जाम की समस्या उत्पन्न होती रहती है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य में रेलवे क्रॉसिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव एवं जाम की समस्या को कम करने हेतु एक लाख से अधिक टी.यू.वी. वाले 09 लेवल क्रॉसिंग चिन्हित किये गये हैं।

राज्य की सीमित संसाधनों के कारण इन 09 लेवल क्रॉसिंग पर आर.ओ.बी.-आर.यू.बी बनाये जाने हेतु राज्य सरकार के सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महाराष्ट्र सरकार के साथ किये गये एम.ओ.यू. की भांति राज्य द्वारा वहन किये जाने वाले 50 प्रतिशत व्यय भार को केन्द्रीय सड़क निधि से वहन किये जाने के लिये उनके द्वारा केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया गया था। उक्त प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है। उक्त 09 आर.ओ.बी.-आर.यू.बी. के निर्माण में 50 प्रतिशत व्यय भार रेलवे द्वारा तथा 50 प्रतिशत व्यय भार, जो राज्य द्वारा वहन किया जाना था को केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि से वहन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को उक्त परियोजनाओं पर आने वाले व्यय भार का आंकलन किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। राज्य में निर्मित होने वाले उपरोक्त आर.ओ.बी- आर.यू.बी देहरादून व हरिद्वार क्षेत्र में है।

डीजीपी अनिल रतूड़ी 30 नवंबर को होंगे रिटायर, डीजी अशोक कुमार बनेंगे नई डीजीपी

उत्तराखंड के मौजूदा डीजीपी अनिल रतूड़ी का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उनके रिटायर होने के बाद डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार नई डीजीपी का पद्भार ग्रहण करेंगे। आईपीएस अशोक कुमार वर्ष 1989 बैच के है। अशोक कुमार 30 नवंबर, 2020 से 15 नवंबर 2023 तक डीजीपी रह सकते हैं और तीन साल का कार्यकाल किसी डीजीपी के लिए रिकॉर्ड कार्यकाल होगा। उनके बाद वरिष्ठता के आधार पर 1995 बैच के अधिकारी पीवीके प्रसाद का नंबर आता है।

भाजपा केंद्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी गठित की, सांसद अनिल बलूनी मीडिया इंचार्ज

उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली है। उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता और मीडिया इंचार्ज की जिम्मेदारी दी गई है। नए बदलाव में 12 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 9 महासचिव और 13 राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किए गए हैं। इनके अलावा युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, किसान मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के लिए भी अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। इन सबके अलावा पार्टी ने 23 प्रवक्ताओं के नाम भी जारी किए हैं। नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कई नए चेहरे को जगह दी गई है तो वहीं कई दिग्गज बाहर हो गए हैं। दिग्गज नेता राम माधव और अनिल जैन को नई टीम में जगह नहीं मिली है। मुरलीधर राव का नाम भी नई लिस्ट से बाहर है। वहीं सीटी रवि और तरुण चुग नए महासचिव बनाए गए हैं।

नई टीम को बधाईः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की नई टीम को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट के जरिए लिखा कि नई टीम को बधाई और शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है कि वे निरूस्वार्थ भाव और समर्पण के साथ भारत के लोगों की सेवा की हमारी पार्टी की गौरवशाली परंपरा को बनाए रखेंगे। गरीबों और हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए वे कड़ी मेहनत कर सकते हैं।

भाजपा ने पहली बार 12 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए हैं। नई टीम में हर राज्य को बराबर की भागीदारी दी गई है। महिलाओं और युवाओं को तरजीह दी गई है। नई टीम में राष्ट्रीय प्रवक्ताओं की संख्या बढाकर 23 कर दी गई है। उत्तराखंड से सांसद अनिल बलूनी को मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया इंचार्ज की जिम्मेदारी दी गई है।

पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री समेत कई बड़े पदों में बदलाव किए हैं। भाजपा द्वारा किए गए संगठनात्मक बदलावों के तहत राम माधव, मुरलीधर राव, अनिल जैन और सरोज पांडे को महासचिव पद से हटा दिया गया है। इनकी जगह दुष्यंत कुमार गौतम, डी पुरेंदश्वरी, सीटी रवि और तरुण चुग को पार्टी ने नए महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी है।

कर्नाटक से सांसद तेजस्वी सूर्या को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। तेजस्वी ने पूनम महाजन का स्थान लिया है। वहीं तेलंगाना से पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को कोषाध्यक्ष और मध्यप्रदेश के मंदसौर से सांसद सुधीर गुप्ता को सह कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। पंजाब के अमृतसर से तरुण चुग को प्रमोशन मिला है। तरुण पहले राष्ट्रीय सचिव थे, उन्हें अब राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। तरुण फिलहाल अंडमान निकोबार के प्रभारी हैं।

कृषि विधेयक पर किसानों का देशभर में जबरदस्त प्रदर्शन, कई ट्रेने हुईं रद्द

संसद में पास हुए कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में किसानों ने हुंकार भरी। भारतीय किसान यूनियन सहित देशभर में विभिन्न किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम किया। इसमें करीब 31 संगठनों का साथ मिला हे। किसान संगठनों को कांग्रेस, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, टीएमसी आदि राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिला है।

इससे पूर्व पंजाब में रेल रोको अभियान की शुरूआत गुरूवार से ही हो गई थी। यहां किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और बिल को वापस करने की मांग करने लगे। किसानों के आंदोलन का देशभर में विभिन्न किसानों ने समर्थन किया। वहीं, इसका ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब और खासतौर से पश्चिम बंगाल में देखने को मिला। इसके हालांकि उत्तरप्रदेश में भी आंदोलन का अच्छा खासा दिखा। पंजाब के किसान द्वारा रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने शनिवार तक 20 विशेष ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द और पांच को गंतव्य से पहले रोक दिया है।

किसानों ने अमृतसर और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर कब्जा किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहन) के कार्यकर्ताओं ने बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों को जाम किया। पंजाब के 31 किसान संगठनों ने 25 सितंबर को पूर्ण बंदी का एलान किया है। इस बीच, रेलवे ने कहा, अनलॉक के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है, ऐसे में रेल सेवा बाधित होने से आवश्यक वस्तुओं और खाद्यान्न परिवहन बुरी तरह प्रभावित होगा।

बता दें कि केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों से जुड़े तीन बिल संसद से पास कराए हैं। ये कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) बिल-2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता बिल-2020 और कृषि सेवा विधेयक-2020। किसानों को आशंका है कि संसद से पारित बिल के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने का रास्ता खुल जाएगा और उन्हें बड़े कॉरपोरेट के भरोसे रहना होगा।

संसद में पारित कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में आएगा बदलाव

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताया। संसद में सरकार द्वारा पारित कराए गए कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा। इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई हैं। यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा। इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं। उनसे झूठ बोला जा रहा है। परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए। उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि प्रधानमंत्री जी की सोच सदैव किसानों के कल्याण के लिए रही है। इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी हमेशा से किसानों के हितैषी रहे हैं। वे जब गुजारत के सीएम थे तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की। उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे। उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है। वर्ष 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रूपए था जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है। पहले कभी भी केंद्र सरकार एक साल में 75 हजार करोड़ रूपए किसानों के हित में खर्च नहीं कर पाई थी। लेकिन मोदी सरकार ने यह मुमकिन कर दिया। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रूपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था, आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के समय स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है।

इसी प्रकार मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है। वर्ष 2015-16 में धान का एमएसपी 1410 रू प्रति कुंतल था जो आज 1925 रू प्रति कुंतल हो गया है। गेहूं की एमएसपी में रू50 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू1925 प्रति कुंतल थी अब रू1975 प्रति कुंतल हो गई। चने की एमसएसपी में रू 225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई। पहले रू 4875 प्रति कुंतल थी अब रू 5100 प्रति कुंतल हो गई। जौ की एमएसपी में रू 75 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 1525 प्रति कुंतल थी अब रू 1600 प्रति कुंतल हो गई। मसूर की एमएसपी में रू 300 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 4800 प्रति कुंतल थी अब रू 5100 प्रति कुंतल हो गई। सरसों की एमएसपी में रू 225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 4425 प्रति कुंतल थी अब रू 4650 प्रति कुंतल हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमत मिलेगी। और मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन विधेयकों से बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।

आनंद वन पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा, सीएम ने सिटी फाॅरेस्ट का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिह रावत ने झाझरा वन रेंज परिसर में उत्तराखण्ड सिटी फॉरेस्ट ‘आनंद वन’ का लोकार्पण किया। झाझरा में विकसित किये गये इस सिटी फारेस्ट में उत्तराखण्ड के विभिन्न प्रजातियों की जीव-जन्तुओं एवं प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया। इसे नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं एवं वनस्पतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस वर्ष नवरात्रि के प्रथम दिवस से यह सिटी फारेस्ट सेंटर आम जन के लिए खोला जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि झाझरा में वन विभाग द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ किये बिना अच्छी सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया है। आनंद वन में उत्तराखण्ड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जो संस्कृति ग्राम की परिकल्पना है। इसकी झलक भी लोगों को यहां पर देखने को मिले। जिसमें उत्तराखण्ड की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों एवं परम्पराओं के बारे में भी लोगों को जानकारी मिले। इसके बारे में जरूर विचार किया जाय, कि यहां पर उत्तराखण्ड की आंशिक झलक लोगों को देखने को मिले। उन्होंने कहा कि यह सिटी पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस सिटी पार्क पर एक लघु फिल्म बनाई जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक सिटी फॉरेस्ट हल्द्वानी में विकसित किया जा रहा है। प्रकृति से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मनुष्य ने जो भी प्राप्त किया है, वह प्रकृति से सीखकर किया है। प्रकृति और मानव के बीच संतुलन बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। दुनिया प्रकृति के संरक्षण के लिए जागरूक हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड में जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किये गये। 25 मई 2017 से व्यापक स्तर पर जल संचय अभियान चलाया गया। कोसी एवं रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया गया।

कैंपा के जरिए 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगारः डा. हरक
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग द्वारा समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वन विभाग को 10 हजार लोगों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह पूरा किया जायेगा। इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रूपये के कार्य किये जायेंगे। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। भारत सरकार के सहयोग से देहरादून एवं कोटद्वार में नगर वन बनाने की योजना बनाई जा रही है। राज्य के अनेक विकासखण्डों में नेचर वन बनाने की योजना बनाई गई है। जल संवर्द्धन के साथ ग्रेविटी वाटर की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं।

राज्यसभा में अपने साथ हुए दुव्र्यवहार पर उपसभापति रखेंगे उपवास

राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण अपने साथ हुए दुव्र्यवहार के बाद धरना दे रहे आठ सांसदों को चाय पिलाने पहुंचे। हालांकि उनकी लाई हुई चाय को सांसदों ने पीने से मना कर दिया। आरोपित आठों सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि हरिवंश नारायण दुव्र्य्यवहार के खिलाफ उपवास पर बैठेंगे।

बीते रविवार को विपक्ष के सांसदों ने कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा किया था। सदन की रूलबुक फाड़ दी और माइक तोड़ने की कोशिश भी की थी। सोमवार को राज्यसभा सभापति ने आठ सांसदों को सात दिन से लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था।

निलंबित सांसदों के नाम डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, डोला सेन और ए करीम हैं। निलंबन का फैसला सुनने के बाद सभी आठ सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे सांसदों की पहली मांग है कि किसान विरोधी विधेयक वापस लिया जाए। उनकी दूसरी मांग है कि उनका निलंबन वापस हो।

उपसभापति के चाय लाने पर राज्यसभा से निलंबित कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि हरिवंश जी ने कहा कि वो आज यहां उप सभापति के रूप में नहीं, बल्कि हमारे साथ काम करने वाले एक साथी के रूप में आए हैं। उन्होंने कहा कि वह हमारे लिए चाय और नाश्ता भी लाए थे। हमने अपने निलंबन के विरोध में कल से यह धरना प्रदर्शन शुरू किया। हम पूरी रात यहां रहे हैं। सरकार से कोई भी हमारे बारे में पूछने के लिए नहीं आया। कई विपक्षी नेता हमारे बारे में पूछताछ करने और हमारे साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए थे। हम इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे।

मंगल ग्रह के धरती के समीप आने से 22 सितंबर को दिन-रात होगे समान

22 सितंबर को 12 घंटे का दिन और 12 ही घंटे की रात होगी। यह मंगल ग्रह के धरती के समीप आने के कारण होगा। इन दिनों मंगल ग्रह काफी चमकता दिख रहा है। यह निरंतर धरती की तरफ आ रहा है। छह अक्टूबर को यह धरती के सर्वाधिक करीब होगा। इस बार 22 सितंबर को दिन व रात बराबर होने जा रहे हैं।

साल में दो बार ऐसी स्थिति बनती है, जब दिन व रात का समय बराबर हो जाता है। सितंबर से पहले 20 मार्च में भी दिन व रात की अवधि बराबर रहती है। वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में 23 सितंबर को दिन व रात की अवधि बराबर थी। अगले साल भी 22 सितंबर को दिन व रात बराबर होंगे। इसके बाद 2022 व 2023 में 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होंगे। सितंबर माह में दिन रात समान होने की तारीख का दिन अंतर दो साल के अंतराल में आता है। इस बीच साल के दो दिन ऐसे भी होते हैं, जब 20 या 21 जून का दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और 21 या 22 दिसंबर की रात वर्ष की सबसे लंबी रात होती है।

भारतीय सेना की जासूसी कर रहा था पत्रकार, नेपाली साथी और चीनी महिला के साथ हुआ गिरफ्तार

देश के सुरक्षा मामलों और सेना की जानकारी चीन को देने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा, चीनी महिला किंग शी और एक नेपाली साथी शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को गिरफ्तार किया है। राजीव शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने चीन को संवेदनशील दस्तावेज सौंपे हैं। इसके लिए चीनी महिला किंग शी फर्जी कंपनी के जरिए उन्हें करीब 40 लाख रूपये भी दिए है।

स्पेशल सेल के अधिकारियों का कहना है कि राजीव ने ने चीन को सेना के कुछ बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज दिए हैं इसके बदले में उसके अकाउंट में करीब 40 लाख रूपये की रकम जमा कराई है। इसके अलावा राजीव के पास से काफी मोबाइल फोन, कई लैपटॉप और अन्य महत्वपूर्ण और संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुई हैं। इन सबका प्रयोग वह चीन से संपर्क करने, उन्हें दस्तावेज व सूचनाएं पहुंचाने के लिए करता था।

स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने ये भी बताया कि राजीव शर्मा ने चीनी खुफिया विभाग को 2016 से 2018 के बीच में रक्षा और रणनीति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। वह चीनी खुफिया अधिकारियों से अलग-अलग देशों के अलग-अलग ठिकानों पर मुलाकात करता था।

डीसीपी ने ये भी बताया कि उसके दो साथी चीनी महिला और नेपाली युवक की महिपालपुर में कंपनी है, जहां से वो चीन को दवाइयां एक्सपोर्ट करते हैं। चीन से भेजे गए पैसे यहां एजेंट को दिए जाते हैं। जांच में पता चला है कि पिछले एक साल में 40 लाख रुपये पत्रकार को दिए गए हैं।

डीसीपी यादव ने ये भी कहा कि राजीव शर्मा के पास पत्रकारिता का 40 सालों का अनुभव है। भारत के कई समाचार पत्रों में काम के साथ ही राजीव ने चीन की मीडिया एजेंसी ग्लोबल टाइम्स के लिए भी फ्रीलांस पत्रकारिता की है।
 

त्रिवेंद्र सरकार कर रही कोरोना संक्रमण पर वार

चीन की लैब से जन्मे कोरोना वायरस ने आज संपूर्ण विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है। भारत में ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक 49,30,236 लोग संक्रमित हो चुके है, जबकि 38,59,399 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके है। वहीं, 80,776 ने संघर्ष करते हुए कोरोना से जंग हार ली। उत्तराखंड में नजर डालें तो यहां अब तक एक्टिव केस मात्र 5445 हैं, जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। मगर, इन आंकड़ों से संतुष्ट होने के बजाए इसे रोकना एक चुनौती है और इस चुनौती को उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार ने स्वीकार किया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार लगातार इस मामले में अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। इसके लिए राज्य सरकार ने 104 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। यहीं नहीं, शुरूआत से ही रावत सरकार ने एक्टिव केस को बढ़ने से रोकने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, इनमें राज्य की सीमाओं पर पुलिस की चैकसी है।

कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के चलते राज्य के ज्यादातर नागरिकों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है, ऐसे में कोरोना टेस्ट शुल्क व्यय करना भी इन नागरिकों के लिए काफी मुश्किल था। इस मुश्किल दौर में त्रिवेंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ा राहत पहुंचाने वाला फैसला लिया। निजी अस्पतालों में अटल आयुष्मान योजना के तहत कोरोना का ईलाज किया जायेगा। यह अन्य रोगों की भांति निःशुल्क होगा। वहीं इस फैसले के अलावा भी प्रदेश के निजी अस्पतालों में केंद्र की ओर से तय दरों का 80 प्रतिशत उपचार शुल्क लिया जाएगा। इसमें 1200 और 2000 रुपये पीपीई किट का खर्च और बिस्तर, भोजन, निगरानी, नर्सिंग देखभाल, डॉक्टरों का परामर्श, कोविड जांच ऑक्सीजन समेत अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।

लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता लाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य की पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं। राज्य में बिना मास्क आवागमन करने वाले लोगों पर पुलिस चालानी कार्रवाई कर मास्क उपलब्ध करवा रही है, तो वहीं, सोशल डिस्टेंस का पालन कराने में भी मित्र पुलिस अहम रोल अदा कर रही है। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनका मंत्रिमंडल भी इस नियम को फाॅलो कर रहा है।

एक्टिव केस को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने अब अहम निर्णय लिया है, इसके चलते नेगेटिव रिपोर्ट के बिना कोई भी राज्य की सीमा पर प्रवेश नहीं कर सकेगा। चार दिन की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आने वालों को क्वांरटीन नहीं होना होगा। रिपोर्ट न होने पर कोविड लोड शहरों से आने वालों को सात दिन संस्थागत क्वारंटीन जबकि अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।

इसके अलावा सरकार ने सावन मास की कांवड़ यात्रा को स्थगित किया लेकिन आस्था से कोई समझौता ना करते हुए गंगाजल को अन्य शहरों में उपलब्ध कराया। इससे कोरोना के मामले में बढ़ोतरी होने से बड़ी कामयाब मिली। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार ने 21 सितंबर से कक्षा नौ और 12वीं तक के छात्रों के लिए खुलने जा रहे स्कूलों पर भी रोक लगा दी है। राज्य सरकार का यह निर्णय कोरोना के मामले को रोकने में महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो रहा है। सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ अभिभावक बल्कि विशेषज्ञों ने भी सराहा है।

शासन के बड़े अधिकारियों की मानें तो सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए जिस प्रकार से कार्य किया है वह अन्य राज्यों की तुलना में इक्कीस साबित हुआ है। कोविड सेन्टर के लिए सरकार ने प्राईवेट सेन्टर बनाये है जिनमें कई होटल भी शामिल है। जिससे लोगों को बड़ी राहत मिल रही है। शुरुआत दौर में सरकार को थोड़ा कठिनाई जरुर हुई लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की इच्छा शक्ति से इस ओर कामयाबी मिली है। निरन्तर जिलाधिकारियों और शासन के उच्च स्तर के अधिकारियों से संवाद और निर्देशन मुख्यमंत्री की कार्यकुशलता को दर्शाता है।