जनभावनाओं का मुख्यमंत्री ने किया सम्मान, गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित

उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बड़ी घोषणा की। लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक ही मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष को चारो खाने चित कर दिया। इस घोषणा के साथ ही प्रदेश में अब दो राजधानियां हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री के इस कार्ड की भनक सरकार ने भराड़ीसैंण में पहुंचे विपक्ष को और अन्य आंदोलनकारी संगठनों तक को नहीं लगने दी। बीते दिनों ही कैबिनेट में इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन मंत्रियों को साफ हिदायत दे दी गई थी कि किसी को इसकी भनक नहीं लगने दी जाए। सदन में घोषणा होने के साथ ही गैरसैंण में जश्न का माहौल शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के विधायक लोगों से फूल मालाएं स्वीकार करते हुए दिखाई दिए।
वहीं, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भाजपा का यह चुनावी संकल्प था। उसने चुनाव संकल्प पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था। आम तौर पर सत्तारूढ़ दल के लिए चैथा साल चुनावी घोषणाओं को पूरा करने का साल होता है। प्रदेश में भाजपा सरकार तीन साल पूरे होने जा रहे हैं। इससे पहले ही सरकार ने यह एतिहासिक फैसला लिया है।
उत्तराखंड में राजधानी का मुद्दा जनभावनाओं से जुड़ा है। राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में पहाड़ की राजधानी पहाड़ में बनाए जाने को लेकर आवाज उठती रही हैं। राज्य आंदोलन के समय से ही गैरसैंण को जनाकांक्षाओं की राजधानी का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारें गैरसैंण को खारिज नहीं कर पाई।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जब गैरसैंण में विधानमंडल भवन बनाया तब उन पर भी राजधानी घोषित करने का दबाव बना था। लेकिन उन्होंने घोषणा नहीं की। राजनीतिक आंदोलन से जुड़ा एक वर्ग गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की वकालत करता है।

प्रदेश की 70 फीसदी जनता गैरसैंण में स्थायी राजधानी चाहती है। राज्य गठन से पहले यूपी की मुलायम सरकार की गठित कौशिक समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा था। वही उक्रांद ने 27 साल पहले गैरसैंण में राजधानी का शिलान्यास किया था।
बजट सत्र शुरू होने से पहले ही बदरीनाथ और कर्णप्रयाग के विधायकों ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में इस संकल्प को शामिल किया है। सरकार गठन के तीन साल हो चुके हैं। अब घोषणा का समय आ गया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया था।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का संकल्प लिया था। इस संकल्प को आज पूरा कर दिया गया है। समय के साथ गैरसैंण में बुनियादी ढांचे का विकास होगा और ये राजधानी के रूप में विकसित होगी।
बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन का आभारी हूं कि उन्होंने पहाड़ की जनाकांक्षाओं के प्रतीक गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है। इससे पहाड़ के विकास को मजबूती मिलेगी।
उधर, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर भाजपाइयों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया। बुधवार को भाजपा महानगर कार्यालय में मेयर सुनील उनियाल गामा, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी समेत पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने कहा कि सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है। सरकार का यह निर्णय शहीद आंदोलनकारियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। भाजपा ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल किया था। जिसे आज पूरा कर लिया है।

सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम त्रिवेन्द्र सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ

रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ किया। मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में आयोजित 7 दिवसीय महोत्सव में विश्व के 11 देशो एवं देश के 09 राज्यों के योगाचार्यो, शिक्षकों एवं योग प्रेमीं प्रतिभाग कर रहे है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि योग को विश्वव्यापी पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अह्म भूमिका रही है। उत्तराखण्ड को योग के हब एवं ऋषिकेश को विश्व योग के केन्द्र बिन्दु के रुप में स्थापित करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर कार्य किया है। योग को पर्यटन से जोड़ने और योग के साथ-साथ पर्यटन हब के रुप में उत्तराखण्ड को विकसित करने के लिए सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।

उन्होने कहा कि अध्यात्मिक योग के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य सरकार कर रही है। योग विश्व स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए जरुरी है जिसकी आवश्यकता आज पूरी दुनिया को महसूस होने लगी है जिसका परिणाम है कि आज विश्व में जहां भी योग की शुरुआत हो रही है वहॉ उत्तराखण्ड के योग शिक्षकों को सर्वोच्च प्राथमिकता व सम्मानस्वरुप बुलाया जा रहा है।?

ऋषिकेश विश्व पटल पर योग का केंद्र बिंदुः योगी आदित्यनाथ
इस अवसर पर उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में ऋषि की परम्परा एव साधना के परिणामस्वरुप योग का उत्थान जीवों के कल्याण के लिए हुआ है। योग जैसी अध्यात्म और पवित्र विद्या को दुनिया के कोने-कोने में पंहुचाने और योग का विश्व गुरु बनने में भारत के प्रधानमंत्री का अथक प्रयास रहा है। इसके साथ ही उत्तरखण्ड का शहर ऋषिकेश विश्व पटल पर योग का केन्द्र बिन्दु के रुप में उभरा है। उन्होने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत की सराहना करते हुए कहा कि यदि स्वच्छ के बाद योग को अपनाया जाय तो अनेक बीमारियों से निजात मिल सकती है। स्वच्छ काया शरीर में योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक मजबूती एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाया जा सकता है। उन्होने कहा कि विश्व का कोई भी देश जब योग परम्परा से जुड़ता है तो वह भारत की आत्मीयता से जुड़ता है और यह बात देश को गौरवान्वित करती है।

इस अवसर पर उन्होने वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ में उत्तराखण्ड सरकार को सहयोग दिये जाने की बात भी कही। वहीं पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की। उन्होंने कहा कि गत विगत माह में उत्तराखण्ड में खूब बर्फबारी हुई जिसमें उत्तरप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशी पर्यटकों का जबरदस्त आवागमन रहा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अध्यक्ष जीएमवीएन महावीर सिंह रांगड़, महामण्डलेश्वर जूना अखाडा स्वामी अवदेश्वरानन्द महाराज, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. वी षणमुगम, एसएसपी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू

मौसम के करवट बदलते ही उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर फिर शुरू हो गया। चारधाम समेत नैनीताल व मसूरी की चोटियों पर हिमपात हुआ है। जबकि, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। औली और फूलों की घाटी में भारी हिमपात हुआ है। मौसम के बदले तेवरों ने प्रदेशभर में फिर कड़ाके की ठंड लौट आई है। तापमान के गोता लगाने और बर्फीली हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को भी मौसम का मिजाज बदला हुआ रहने की संभावना है। अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी के साथ ही ओलावृष्टि के आसार हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर भारी हिमपात हुआ। धनोल्टी के आसपास की पहाड़ियों पर सफेद चादर बिछ गई। इसके अलावा मसूरी में मूसलाधार बारिश ने ठंड में इजाफा कर दिया। वहीं, चंपावत में बारिश के कारण सुबह छह बजे टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला और बनलेख के पास चट्टान खिसककर सड़क पर आ गई। इससे मार्ग करीब पांच घंटे तक बंद रहा।
प्रदेश के अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़ककर सामान्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे दिन के समय भी ठिठुरन बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू एंड कश्मीर व हिमाचल पहुंचने के चलते उत्तराखंड में बादलों ने डेरा जमा लिया है। ऐसे में शनिवार को भी अधिकांश इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ ही ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई। केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते देहरादून से उड़ान नहीं भर सका। केंद्रीय राज्य मंत्री को हवाई मार्ग से दून से श्रीनगर और उसके बाद गौचर जाना था। मौसम खराब होने के कारण उन्हें सड़क मार्ग से ही श्रीनगर जाना पड़ा।

महाकुंभ के लिए चंद्रभागा नदी में बनेगी 200 वाहनों के लिए पार्किंग

आगामी महाकुंभ-2021 के चलते स्व. इंद्रमणी बडोनी चौक से वाहन ऋषिकेश के मध्य मार्गों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इसके लिए चंद्रभागा तटबंध की सर्विस रोड को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही मायाकुंड-चंद्रभागा से सटे तटबंध के समीप 200 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।

जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव के निर्देश पर बुधवार को स्थानीय प्रशासन, वन विभाग तथा नगर निगम की संयुक्त बैठक आयोजित हुई। बैठक में महाकुंभ के दौरान तीर्थनगरी की यातायात व्यवस्था को बनाए रखने तथा ज्यादा श्रद्धालुओं की आमद को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग व्यवस्था पर चर्चा हुई। नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि चंद्रभागा तटबंध की सर्विस रोड को सुदृढ़ किया जाएगा। इसी मार्ग पर महाकुंभ के दौरान बडोनी चौक से रूट डायवर्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देहरादून मार्ग पर व्यस्ततम यातायात होने के कारण महाकुंभ के दौरान अव्यस्था फैलने की आशंका रहती है। इसी लिहाज से समय रहते जिलाधिकारी देहरादून ने रूट डायवर्जन पर फोकस करने को निर्देशित किया है।

वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मायाकुंड-चंद्रभागा तटबंध पर पार्किंग के लिए भूमि चयनित की गई है। इस पार्किंग में वाहन खड़ा करके श्रद्घालु त्रिवेणी घाट पर पैदल यात्रा कर गंगा स्नान को जा सकेंगे। साथ ही सांय कालीन आरती में भी भाग ले सकेंगे। इसके बाद इसी मार्ग से वापस भी जा सकेंगे। नगर आयुक्त ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग तथा पार्किंग की भूमि का मौका मुआयना कर रिपोर्ट जिलाधिकारी देहरादून को भेज दी है।

सैलानियों के लिए खुशखबरी, एक बार फिर हो सकती है बर्फबारी

उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने 19 और 20 फरवरी को प्रदेशभर में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है।
मौसम विभाग की ओर से रसाप्ताहिक बुलेटिन जारी करके बताया गया कि 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर में मौसम साफ रहेगा। उसके बाद 19 और 20 फरवरी को फिर मैदानी इलाकों में हल्की बारिश और पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का अनुमान जताया है। इससे तापमान फिर गोता खा सकता है। हालांकि 21 फरवरी से दोबारा मौसम साफ हो जाएगा। वहीं रविवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहे। जहां शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री था, वहीं रविवार को गिरकर 24.8 डिग्री पर आ गया।
वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को औली की वादियों का जमकर लुत्फ उठाया। आईटीबीपी और गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों के साथ उन्होंने औली की बर्फीली ढलानों का निरीक्षण किया।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने रविवार सुबह आईटीबीपी जवानों के साथ बर्फ की ढलानों पर दौड़ लगाकर जवानों को फिट इंडिया का संदेश दिया। उन्होंने औली के विकास को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। रिजिजू अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को औली पहुंचे थे। उन्होंने यहां स्नो स्कूटर की सवारी करने के साथ ही औली के प्राकृतिक सौंदर्य को भी करीब से निहारा।
केन्द्रीय मंत्री ने औली के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि औली बहुत खूबसूरत स्थान है, लेकिन इसे विकसित करने की जरूरत है। यहां अभी भी कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

कुंभ कार्यों को समय और गुणवत्ता के साथ संपन्न करांए अधिकारीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में कुम्भ 2021 के सम्बन्ध में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के साथ विचार विमर्श किया। बैठक के दौरान मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले हेतु किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने सभी महात्माओं का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए कहा कि कुंभ की परंपरा में संतों के आशीर्वाद की आवश्यकता रहती है। संत महात्माओं ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर संतोष व्यक्त करते हुए मेले के सफल आयोजन के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने श्री गंगा सभा हरिद्वार द्वारा कुम्भ महापर्व 2021 की प्रमुख स्नान तिथियों में से सभी अखाड़ों के संत महात्माओं की उपस्थिति में उनकी सर्वसम्मति से आगामी कुंभ मेले में आयोजित होने वाले चार शाही स्नानों की घोषणा की कुंभ मेले में होने वाले शाही स्नान में 11 मार्च 2021 (महाशिवरात्रि), 12 अप्रैल 2021 सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल 2021 बैसाखी कुम्भ स्नान एवं 27 अप्रैल 2021 चौत्र पूर्णिमा स्नान आयोजित होंगे। इसके साथ ही 6 पर्व स्नान 14 जनवरी 2021 (मकर संक्रान्ति), 11 फरवरी 2021 (मौनी अमावस्या), 16 फरवरी 2021 (बसंत पंचमी), 27 फरवरी 2021 (माघ पूर्णिमा), 13 अप्रैल 2021 (नव सम्वत् सर) एवं 21 अप्रैल 2021 (राम नवमी) को आयोजित होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे कुंभ कार्यों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ संपन्न कराएं। इसमें जिन विभागों को कोई भी समस्या हो, उसे मेलाधिकारी के संज्ञान में लाएं। यदि स्वीकृति शासन स्तर से की जानी हो तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जल संस्थान के अधिकारियों को सीवर के कार्यों में तेजी लाते हुए निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएचएआई को भी कुम्भ क्षेत्र में नेशनल हाइवे के कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को दिन रात करते हुए युद्ध स्तर पर करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने सभी आवश्यक अधिकारी तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख संतों को आवश्यक सुरक्षा एवं अखाड़ों से लगातार संपर्क कर कुंभ मेले हेतु कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए निर्माण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार विभागों को पट्टे आबंटित किए जाएंगे। इसके लिए दिन रात कार्य करने हेतु परमिट दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन हेतु सभी अखाड़ों के संत महात्माओं का सहयोग आवश्यक है।

बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक सुरेश राठौर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज, महामंत्री हरिगिरी महाराज, रविन्द्र पुरी महाराज, महंत प्रेम गिरी महाराज, महंत धर्म दास, महंत राजेन्द्र दास, मुखिया मंहत भगत राम, महन्त जसविंदर सिंह, महंत साधना नन्द, मंहत देवेंद्र सिंह शास्त्री, महंत राम दास आदि उपस्थित रहे।

9411112780 पर फोन कर महिला एवं छात्राएं करा सकती हैं शिकायत दर्ज

उत्तराखंड में असुरक्षित महसूस करने वाली महिलाओं और छात्राओं के लिए पुलिस मुख्यालय ने नई पहल शुरू की है। अपनी शिकायत को लेकर थाने जाने से परहेज करने वाली महिला एवं छात्राओं के लिए पुलिस ने महिला व्हाट्सअप हेल्पलाइन सेवा शुरू की हैं।
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि महिलाएं और छात्राएं व्हाट्सएप नंबर 9411112780 पर सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। मेसेज आने के बाद संबंधित क्षेत्र में तत्काल पुलिस सहायता मिलेगी। इस नंबर पर किसी भी घटना और समस्या से संबंधित मेसेज, फोटो अथवा पुलिस मुख्यालय में स्थापित महिला सुरक्षा सेल को भेज सकती हैं। महिला सुरक्षा सेल में तैनात पुलिस अधिकारी व्हाट्सएप पर आए संदेश पर संबंधित जनपद की पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचेगी। डीजी क्राइम ने बताया कि महिलाएं पीछा करने और छेड़छाड़ करने वाले का फोटो और वीडियो भी सीधे भेज सकेंगी।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में हिंदू पक्ष के वकील के परासरन को बनाया ट्रस्टी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ट्रस्ट को एक रूपए का दान किया है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव ने सरकार की ओर से यह राशि दी। ट्रस्ट बिना किसी शर्त के दान, अनुदान, चंदा, मदद या योगदान नकद, अचल संपत्ति के तौर पर स्वीकार करेगा।
अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के परासरन को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। परासरन के अलावा इस ट्रस्ट में एक शंकराचार्य समेत पांच सदस्य धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। साथ ही अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को ट्रस्टी बनाया गया है।
बतादें कि 30 साल पहले केंद्र की तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार की अनुमति के बाद 9 नवंबर 1989 को प्रस्तावित राममंदिर की नींव पड़ी थी। शिलान्यास के लिए पहली ईंट विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन संयुक्त सचिव कामेश्वर चौपाल ने रखी थी। चौपाल का नाता बिहार से है और वे दलित समुदाय से आते हैं।
पांच एकड़ जमीन पर बनेगी मस्जिदः योगी सरकार
पीएम के एलान के कुछ देर बाद ही यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक हुई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अयोध्या मुख्यालय से 18 किमी दूर ग्राम धानीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर के पीछे पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। यह जमीन लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर अयोध्या से करीब 22 किमी पहले है।

शरजील पीएफआई के संपर्क में था, फंडिंग की जांच में जुटी पुलिस

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के स्कॉलर शरजील इमाम से पूछताछ में पुलिस को चैंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं। पता चला है कि शरजील पीएफआई के नौ लोगों के संपर्क में था। इनसे उसकी लगातार बातचीत होती थी। ये सभी व्हाट्स ऐप ग्रुप ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जेएनयू’ और ‘मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जामिया’ से जुड़े थे।
वहीं, शरजील के मोबाइल की जांच के बाद पुलिस ने जामिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के 15 छात्रों की पहचान की है। ये शरजील के संपर्क में थे। पुलिस ने इनको पूछताछ के लिए नोटिस दिया है। शरजील का रिमांड सोमवार को खत्म होने के बाद उसे साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के घर पेश किया गया। वहां उसका रिमांड तीन दिन और बढ़ा दिया गया है। हालांकि पुलिस को उसके किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शरजील के लैपटॉप और डेस्कटॉप की जांच के दौरान पता चला है कि शरजील ने जामिया हिंसा से पूर्व उर्दू और अंग्रेजी में कुछ भड़काऊ पोस्टर बनाए थे। इनको उसने विभिन्न व्हाट्स ऐप ग्रुप पर पोस्ट किया था। दूसरी ओर, उसके बैंक खातों की जांच के दौरान किसी बाहरी फंडिंग की अभी जानकारी नहीं मिली है।
पुलिस खातों की डिटेल की जांच कर रही है। पुलिस ने शरजील के मोबाइल का डिलीट डाटा भी बरामद कर लिया है। मोबाइल से मिले कई वीडियो में शरजील भड़काऊ भाषण देता दिखा है। शरजील को भड़काऊ बातें बोलने में महारथ हासिल है। उसने अपनी बातचीत के जरिये पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की थी।
मोबाइल से मिले वीडियो में शरजील लोगों से सीएए और एनआरसी के खिलाफ लामबंद होने के लिए कह रहा है। जामिया मिल्लिया और शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू होने के बाद वह देश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शन खड़े करने की कोशिश कर रहा था।

केन्द्रीय बजट में लॉजिस्टिक्स नीति जारी करने की घोषणा

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के जरिये निवेशकों को आकर्षित करने, छोटे और मझोले कारोबारियों को उत्पीड़न से बचाने और प्रतिस्पर्धी बाजारों में उनके लिए मौका बनाए रखने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार निवेश से लेकर निर्यात तक, नियमन, प्रमाणन और परिवहन संबंधी खर्चे घटाएगी। साथ ही इनसे संबंधित झंझट भी खत्म करेगी। हालांकि सरकार लॉजिस्टिक्स नीति बनाने की घोषणा कर इस दिशा में पहले ही आगे बढ़ चुकी है, लेकिन बजट में कुछ प्रावधान कर इसे जल्द ही अमली जामा पहनाने का भी संकेत दिया गया है। वित्त मंत्री ने सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक्स मार्केटप्लेस की सुविधा के साथ लॉजिस्टिक्स नीति जारी करने की घोषणा बजट में की है।
सिंगल विंडो
सिंगल विंडो से नियमन-प्रमाणन में लगने वाला वक्त बचेगा, दुश्वारियां घटने के साथ लॉजिस्टिक्स मद में लागत कम होगी। अभी इस मद में सकल घरेलू उत्पाद का 14 फीसद से अधिक खर्च होता है, जिसे वर्ष 2022 तक 10 फीसद के नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर 20 से अधिक सरकारी एजेंसियों, सरकार की 40 सहायक पार्टनर कंपनियों, 37 निर्यात संवर्धन परिषद और 500 से अधिक प्रमाणपत्रों के साथ बेहद जटिल है। अभी 16,000 करोड़ डॉलर (करीब 12 लाख करोड़ रुपये) के बाजार वाले इस सेक्टर में 200 शिपिंग कंपनियां, 36 लॉजिस्टिक्स सेवाएं, 129 इनलैंड कंटेनर डिपो, 168 कंटेनर फ्रेट स्टेशन और 50 से अधिक आइटी सिस्टम व बैंक शामिल हैं, जो 10 हजार से अधिक वस्तुओं के परिवहन में अपनी भूमिका निभाते हैं।
यह क्षेत्र 1.20 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है। इतनी अहम भूमिका निभाने वाले इस सेक्टर की जटिलता यहीं खत्म नहीं होती। आयात-निर्यात के मामले में भी 81 प्राधिकरणों और 500 प्रमाणपत्रों की जरूरत पड़ती है। नियमन, प्रमाणन के बाद ही परिवहन के जाल में उलझे इस सेक्टर से संबंधित कार्यशैली पर आर्थिक सर्वेक्षण में भी सवाल उठाए गए थे। निर्यात के लिए दिल्ली से जा रहे माल के बंदरगाह तक पहुंचने में 19 दिन लगने का उदाहरण देकर सर्वे रिपोर्ट में खामी से निजात पाने का सुझाव दिया गया था।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों के लिए लॉजिस्टिक्स के संबंध उन सभी उपायों और सुविधाओं की घोषणा की है, जिससे परिवहन, प्रमाणन और नियमन में खर्च घटेगा। बजट में ब्लॉकध्तालुका स्तर पर भंडारण गृह, गांव स्तर पर बीज भंडार गृह, रेल और हवाई सेवा से जुड़ी कोल्ड चेन की व्यवस्था की गई है। सरकार का मानना है कि इससे लॉजिस्टिक्स खर्च घटेगा और निर्यात में 5-8 फीसद की वृद्धि होगी। उद्यमी गुणवत्ता पूर्ण निर्माण करेंगे। इसके अलावा सरकार ने लॉजिस्टिक्स बाजार को 2022 तक 250 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। वह मान रही है तब इस क्षेत्र में करीब 2.20 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।
इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल
निवेशकों के लिए एंड-टु-एंड यानी शुरू से लेकर अंत तक हर स्तर पर सुविधाएं देने के लिए इस सेल का प्रावधान किया गया है। इसमें निवेशक को निवेश से पहले सलाह, भूमि की उपलब्धता के साथ केंद्र और राज्य से अनुमति दिलाने की सुविधा भी शामिल होगी। यह सेल भी फेसलेस होगा यानी इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल का पोर्टल बनेगा और आवेदन से लेकर निस्तारण तक पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी।
निर्यातकों के लिए ई-रिफंड
केंद्र, राज्य एवं स्थानीय स्तर पर निर्यातित वस्तु पर लिए गए शुल्क व कर की वापसी ई-रिफंड से होगी। निर्यातकों को विभागों के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके लिए सरकार योजना लांच करने जा रही है।