केंद्र सरकार ने चार वर्षों में दी जीरों टॉलरेंस की सरकारः त्रिवेन्द्र

केंद्र सरकार के चार वर्षों को सफल बताते हुये मुख्यमं़त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इन चार वर्षों को जनता के प्रति समर्पित रहा। प्रधानमंत्री की ठोस पहल से आज देशवासी अनेकों जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे है।

शुक्रवार को बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का न्यू इण्डिया का विजन देश को खुशहाली और तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिये एक बड़ा कदम है। देश ने आर्थिक, सामाजिक समृद्धि एवं विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत देश का स्वच्छता कवरेज 38 प्रतिशत से बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया है। गत चार वर्षों में सड़क परिवहन में उल्लेखनीय तेजी से कार्य हो रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रूपये तक का बीमा कवरेज दिया जा रहा है। मात्र दो वर्षों के भीतर ही उज्ज्वला योजना के अंतर्गत चार करोड़ महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन देकर धुॅआ मुक्त जीवन दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 तक सबको आवास दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 1200 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया जा चुका है। प्रधानमंत्री द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत चार वर्षों में केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार संबंधी कोई आरोप नहीं है। जीएसटी से कर प्रणाली एवं व्यापार आसान हो रहा है।

फूलों की घाटी के दीदार को पहुंचे पर्यटक

फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है। विश्व प्रसिद्ध यह घाटी में पर्यटकों की आमद हमेशा बनी रहती है। इस वर्ष फूलों की घाटी में जाने वाले पर्यटकों को रास्ते व घाटी में हिमखंड के दीदार कर रहे है। विदित है कि फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते है।

फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते है। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी में जैव विविधता का खजाना है। फूलों की घाटी में हर 15 दिनों में अलग रंग के फूल खिलते हैं। इसलिए इसलिए फूलों की घाटी में पर्यटक बार-बार आने आवाजाही करते हैं। फूलों की घाटी को दो अक्टूबर 2005 को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया था।

फूलों की घाटी की खोज 1931 में कॉमेट पर्वतारोहण के बाद ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रेक स्मिथ ने की थी। वे घाटी की सौन्दर्य से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने ही इस पर वैली ऑफ फ्लावर किताब लिख कर फूलों की घाटी का नामकरण किया। फूलों की घाटी नेशनल पार्क के वन क्षेत्राधिकारी वृजमोहन भारती ने बताया कि फूलों की घाटी पयर्टकों के लिए खोल दी गई है।

फूलों की घाटी के लिए घाघरिया से तीन किमी पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी यात्रा का बेस केंप घाघरिया है। गोविंदघाट से 14 किमी पैदल चलकर घांघरिया पहुंचा जा सकता है। इसके बाद भी लोगों को फूलों की घाटी से उम्मीदें हैं। आपदा में फूलों की घाटी का पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था। वर्ष 2017 में फूलो की घाटी मे रिकार्ड तोड़ पर्यटक आए थे। वन विभाग को पर्यटको की अच्छी खासी आमद बढ़ने से आय में इजाफा हुआ था।

दून अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को आईसीसी ने उपयुक्त पाया

आईसीसी के विशेषज्ञों ने देहरादून के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के लिये उपयुक्त पाया है। जिसके बाद यहां तीन जून से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन किया जायेगा। यह मुकाबला बांग्लादेश व अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के बीच खेला जायेगा। अफगानिस्तान की टीम पूर्व में यहां पहुंच चुकी हैं और दून के खिलाड़ियों के साथ अभ्यास मैच में हिस्सा भी ले चुकी है। मगर, बांग्लादेश की टीम मंगलवार को यहां पहुंच गयी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में विशेषज्ञों के दल के साथ स्टेडियम का दौरा किया था। इस दल में आइसीसी के विशेषज्ञ भी शामिल थे जिन्होंने स्टेडियम का जायजा लिया था। विशेषज्ञों ने सभी सुविधाओं का जायजा लेने के बाद खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं के स्तर, मीडिया और प्रसारण जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय मैचों के तीनों प्रारूपों के आयोजन के लिए उपयुक्त पाया था और इसे हाल के समय में सर्वश्रेष्ठ स्थलों में से एक करार दिया गया। उत्तराखंड की राजधानी में स्थित यह स्टेडियम पहाड़ियों के बीच स्थित है और इसके आस-पास की खूबसूरती देखते ही बनती है। इस स्टेडियम में 25 हजार दर्शकों की क्षमता है।

विदित हो कि आइसीसी की ओर से राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का मुआयना करने के लिये टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ 21 मई को दून आए थे। 21 मई की शाम को ही उन्होंने फ्लड लाइट में स्टेडियम का निरीक्षण किया था जबकि उसके अगले दिन वे दोपहर में एक बार फिर स्टेडियम पहुंचे। स्टेडियम में उपलब्ध सुविधाओं की बरीकी से जांच करने के बाद श्रीनाथ ने बकायदा फोटो खींचकर भी आइसीसी के अधिकारियों को भेजी थी। वे स्टेडियम में उपलब्ध सभी उपकरणों और खूबसूरती के कायल हुए थे। उसी दिन यह तय हो चुका था कि स्टेडियम को जल्द ही आइसीसी की हरी झंडी मिल जाएगी। 237 करोड़ रुपऐ की लागत से बने इस स्टेडियम में अब शहरवासियों को हर प्रारूप की क्रिकेट देखने को मिलेगी।

चार वर्षों में देश को कई कल्याणाकारी योजनाएं मिलीः त्रिवेन्द्र

केंद्र की मोदी सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर राज्य सरकार ने हर्ष जताया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नरेन्द्र मोदी सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इन चार वर्षों की सफलता की बदौलत आज पूरा विश्व भारत को सम्मान की नजर से देख रहा है। इन चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता को कई जन कल्याणकारी योजनाएं दी है।

केन्द्र सरकार के सफल चार वर्षों की उपलब्धियों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा इन चार वर्षों में भारत वर्ष ने आर्थिक, सामाजिक समृद्धि एवं विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। स्वच्छ भारत मिषन के अंतर्गत देष के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 7.25 करोड से भी अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। स्वच्छता कवरेज 38 प्रतिषत से बढ़कर 83 प्रतिषत हो गया है। इतिहास में पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। गत 4 वर्षों में सड़क परिवहन में उल्लेखनीय तेजी से कार्य हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों के ठेकों में 77 फीसदी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में 38 फीसदी की तेजी आई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिषन के तहत आयुष्मान योजना में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज 15 से 20 फीसदी सस्ता होगा, गरीब परिवारों को पांच लाख तक का बीमा कवरेज दिया जा रहा है। जन औषधि केंद्रों में जरूरी दवाएं 50 प्रतिषत से कम दाम पर उपलब्ध है।

उज्ज्वला योजना मई 2016 को प्रारंभ हुई थी, मात्र दो वर्षों के भीतर ही उज्ज्वला योजना के अंतर्गत चार करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्षन देकर धुॅआ मुक्त जीवन दिया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2022 तक सबको आवास दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 1200 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया जा चुका है। प्रधानमंत्री द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को व्यापक तरीके से बढ़ाया गया है, जिसके सुखद परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। 12 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के साथ दुष्कर्म पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के संकल्प के दृष्टिगत चार वर्षों में केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार संबंधी कोई आरोप नहीं है। जीएसटी से कर प्रणाली एवं कारोबार आसान हो रहा है। प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का कार्य त्वरित गति से चल रहा है। सौभाग्य योजना के माध्यम से करोड़ घर में बिजली पहुंचाई गई है। आजादी के 70 वर्षों बाद दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत देष के समस्त गांवों में बिजली उपलब्ध कराई गई। उन्होने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने हेतु विषेष प्रयास किए गए हैं। किसानों को उसकी लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। 12.5 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चाहे वह रोड कनेक्टिविटी हो या हवाई एवं रेल सेवाएं, चाहे ग्रामीण विद्युतीकरण हो या सोलर परियोजना, चाहे वह आर्गेनिक फार्मिंग हो अथवा सहकारिता, नये पर्यटन स्थलों का विकास हो, देहरादून में साईंस सिटी को मंजूरी हो, ऋषिकेष में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेन्शन सेण्टर हो, श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हो, नमामिगंगे परियोजना हो राज्य को केन्द्र सरकार ने विकास की यात्रा में सदैव अपने साथ रखा है।

जिंदगी और मौत के बीच जवान दीपक ने ली अंतिम सांस

गढ़वाल राइफल्स में तैनात दीपक नैनवाल की यूनिट को दस अप्रैल को सूचना मिली कि कुलगाम के वनपोह इलाके में आतंकवादी छिपे है। आतंकियों और भारतीय सेना के बीच जबरदस्त फायरिंग हुयी। इस दौरान दीपक नैनवाल के सीने में दो गोलियां लगी। हालांकि सेना की टुकड़ी ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। जिंदगी और मौत के बीच जूझते आखिरकार दीपक नैनवाल ने रविवार को दम तोड़ दिया। जवान की मौत की सूचना पाकर क्षेत्र व परिवार में शोक फैल गया।

जनपद चमोली के कर्णप्रयाग ब्लॉक के कांचुला गांव निवासी दीपक नैनवाल का परिवार दून के हर्रावाला में रहता है। पिछले माह 10 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सेना और आतंकवादियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ के दौरान दीपक बुरी तरह घायल हो गए थे। दीपक का इलाज पहले दिल्ली के सैन्य अस्पताल में किया गया। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे दीपक के शरीर से दो गोलियां बमुश्किल ऑपरेशन कर निकाली गईं, लेकिन तीसरी गोली हड्डी में फंसने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया, जिससे दीपक की हालत बिगड़ती गई।

उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। बाद में उन्हें पुणे के सैन्य अस्पताल ले जाया गया। पिछले एक सप्ताह से उन्होंने कुछ खाना-पीना भी बंद कर दिया था। रविवार सुबह हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नायक दीपक नैनवाल की शहादत को सलाम करते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान को प्रदेश व देश का गौरव बताया है। उन्होंने कहा कि शहीद के परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी।

सस्ता उपचार देगा ऋषिकेश एम्सः चौबे

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा राष्ट्रीय आरोग्य निधि में एम्स ऋषिकेश को शामिल किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक और परिसर का मुआयना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की।

वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छह एम्स बनाने की योजना बनाई थी। जिसमें सबसे अच्छी प्रगति ऋषिकेश एम्स की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस एम्स को राष्ट्रीय आरोग्य निधि में शामिल करने जा रहा है। इस नीति से गरीबों को सस्ता उपचार मिलेगा। उन्होंने कहा कि एम्स विस्तारीकरण के लिए 200 एकड़ और रैनबसेरे के लिए 100 एकड़ भूमि की मांग राज्य सरकार से की है। इस कार्य को गति दी जाएगी। यहां आइडीपीएल की खाली भूमि पर भी विचार होगा। सरकार यहां सीआरसी खर्चे रैनबसेरे का निर्माण कराएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सरकार 1300 करोड़ का हेल्थ पैकेज देगी। बीते वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड को स्टेट प्लान के तहत 368 लाख रुपया दिया गया है। यहां 323 स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर इसी वर्ष वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है। जिसमें एनएचएम से 90 प्रतिशत बजट दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना ने वर्ष 2022 तक कुल आबादी के 40 प्रतिशत लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। जिसमें स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शामिल है। पांच वर्ष में इस योजना से डेढ़ लाख हेल्थ सेंटर को 1300 करोड़ की लागत से मॉडल बनाए जाने का प्रावधान है। कहा कि टीबी के मरीजों को नमो केयर के रूप में प्रतिमाह 500 रुपया दिया जा रहा है।

तेल उत्पादक देशों को खरीददार देशों का भी ख्याल रखना होगा

ऊर्जा क्षेत्र के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इंटरनेशनल इनर्जी फोरम-16 (आईईएफ-16) का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर समाज के सभी वर्ग को किफायती दरों पर ऊर्जा नहीं उपलब्ध कराया गया, तो तेल उत्पादक देशों का ही घाटा होगा। मोदी जब यह बात कह रहे थे तब उनके आस-पास ओपेक (तेल उत्पादक देशों के संगठन) के महत्वपूर्ण सदस्य सउदी अरब, इरान, नाइजीरिया, कतर के मंत्री बैठे थे। उन्होंने यह भी कहा कि अगले 25 वर्षो तक भारत में ऊर्जा की मांग में सालाना 4.2 फीसद की बढ़ोतरी होगी जो विश्व में और कहीं नहीं होगी।

आईईएफ में वैसे तो 72 देश सदस्य हैं, लेकिन इस बैठक में 92 देशों के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में जहां ऊर्जा क्षेत्र में भारत की बढ़ती अहमियत को मजबूती से रेखांकित किया। वहीं तेल उत्पादक देशों को साफ तौर पर संकेत दिया कि अब तेल खरीददार देशों के हितों का भी ख्याल रखना होगा। सिर्फ तेल उत्पादक देशों के हितों से यह बाजार नहीं चलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, बहुत दिनों से तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव चल रहा है। अब हमें कीमत ज्यादा समझदारी से तय करनी होगी जो उत्पादकों के साथ ही ग्राहकों के हितों में हो। ऐसा होने पर ही हम समूचे मानव समाज की ऊर्जा जरुरत को पूरा कर सकेंगे। पूर्व में जब भी तेल कीमतों को बाहरी दबाव बना कर बदला गया है तब यह उत्पादकों के लिए भी उल्टा साबित हुआ है। पीएम मोदी ने देश की ऊर्जा सुरक्षा को संरक्षित रखने के लिए चार सूत्रीय मंत्र भी दिया।

भारत अभी कच्चे तेल का सबसे बड़े खरीददार देशों में है। यहां अभी भी कुल खपत का 80 फीसद से ज्यादा आयात होता है। यह एक वजह है कि तमाम बड़े तेल उत्पादक देश भारत में उम्मीद खोज रहे हैं। तकरीबन चार वर्षो तक क्रूड की कीमतों में नरमी के बाद अभी यह 71 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया है। दो साल पहले यह 42 डॉलर था। इसका असर यह हुआ है कि भारत में अभी पेट्रोल व डीजल की कीमतें पिछले चार वर्षो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। नई दिल्ली में पेट्रोल 73.98 रुपये प्रति लीटर व डीजल 64.96 रुपये है। इसके लिए उत्पाद शुल्क में भारी वृद्धि भी जिम्मेदार है। जिसे घटाने के लिए सरकार अभी तैयार नहीं दिखती है। यह एक वजह है कि मोदी तेल उत्पादक देशों को भारत में तेल व गैस की बढ़ती मांग का हवाला दे रहे हैं। अगर कीमतें ज्यादा बढ़ेंगी तो इनकी खपत भारत में कम हो सकती है जिसका खामियाजा तेल उत्पादक देशों की मांग पर पड़ेगा।

प्रत्येक सप्ताह करें नमामि गंगे की समीक्षाः निशंक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल परियोजना नमामि गंगे के कार्य में हो रही धीमी गति पर लोकसभा सांसद व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अधिकारियों को फटकारा। उन्होंने सख्त तेवर दिखाते हुये कहा परियोजना के निर्माण कार्य में लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने नमामि गंगे स्टेट प्रोग्राम ग्रुप तथा परियोजना से संबंधित अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की कार्य प्रगति पर चर्चा की। नमामि गंगे के परियोजना निदेशक डॉ. राघव लंगर ने बताया कि उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के तहत 42 घाटों का निर्माण किया जाना है। जिनमें से बीस घाटों का काम सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिया है। जबकि ऋषिकेश व हरिद्वार के घाटों के निर्माण व विस्तार का काम नमामि गंगे के बजाय गंगा फ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत किया जा रहा है। जिसके बाद सांसद निशंक ने विभागवार अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।

अधिकांश विभागों का कहना था कि अभी तक कोई भी योजना पूरी नहीं हो पाई है। विभागीय अधिकारियों की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर सांसद का पारा आसमान चढ़ गया। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व बजट मिल जाने के बावजूद अभी तक नाममात्र के काम धरातल पर हुए हैं। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए योजना के कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सांसद डॉ. निशंक ने नमामि गंगे के परियोजना निदेशक डॉ. राघव लंगर को प्रत्येक सप्ताह नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करने के निर्देश दिये।

तीर्थनगरी से मेरा पुराना नाताः एलके आडवाणी

पूर्व उप प्रधानमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के 38वें स्थापना दिवस के मौके पर मां गंगा का आशीर्वाद लिया। उन्होंने सभी से राष्ट्रभक्ति व देश प्रेम को प्राथमिकता देने की बात कही। आडवाणी बोले निष्ठा, समर्पण, सेवा इत्यादि से भाजपा आज सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के रूप में है।

शुक्रवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी निजी कार्यक्रम के तहत तीर्थनगरी में परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पुत्री प्रतिभा आडवाणी, पुत्र जयंत आडवानी, पुत्रवधू गीतिका व अन्य भी थे। परमार्थ पहुंचने पर ऋषिकुमारों ने मंत्रोच्चर व पुष्पवर्षा के साथ उनका स्वागत किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती व लालकृष्ण आडवाणी के बीच पर्यावरण प्रदूषण, निर्मल व अविरल गंगा के अस्तित्व में आने वाली चुनौतियों के विषय पर गहन चर्चा हुई। साथ ही मां गंगा, गंगोत्री ग्लेशियर से गंगा सागर तक गंगा के तटों को हरा-भरा बनाने एवं दोनों ओर के क्षेत्रों को पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त करने, हर परिवार को मिले मकान एवं पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण को समाप्त करने पर विचार विमर्श किया।

प्रेस वार्ता में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि गंगा के तट पर आकर उन्हें असीम सुख प्राप्त होता है। उनकी दिवंगत पत्नी कमला आडवाणी की यादों भी तीर्थनगरी से जुड़ी है और उन्हीं की प्रेरणा से वह सबसे पहले यहां आए थे। उन्होंने परमार्थ निकेतन आश्रम स्थित योगा विलेज की रूद्राक्ष ध्यान वाटिका में एक वर्ष पूर्व स्वर्गीय कमला आडवानी की स्मृति में रोपित किए गए रूद्राक्ष के पौधों का अवलोकन किया।

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने दिवंगत कमला आडवानी को याद करते हुए कहा कि वह ममता और करूणा की मूद्दत थी। वह लालकृष्ण आडवानी की सहधर्मिणी ही नहीं बल्कि पग-पग पर साथ देने वाली मार्गदर्शिका भी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा व भारत को शिखर पर ले जाने में लालकृष्ण आडवानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राजनीतिक गलियारों से लेकर सामाजिक कार्यो में उनका उत्कृष्ठ योगदान रहा। उन्होंने सदैव एक कुशल मार्गदर्शक एवं प्रेरक की भूमिका निभाई है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती व साध्वी भगवती सरस्वती ने लालकृष्ण आडवाणी व उनके परिजनों को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

पाकिस्तान को नहीं मिल पायेगा भारत का पानी

केंद्रीय जल संसाधन एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान के ऊपर कड़ा एक्शन लिया है। ने कहा कि देश की तीन नदियों का जल अब पाकिस्तान नहीं ले पाएगा। उन्होंने कहा कि नदियों के पानी को बांध बनाकर भारत में ही रोक दिया जाएगा, जिससे हरियाणा में कृषि कार्य करने में मदद मिलेगी और पानी की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम देने का जो विश्वास दिया है उसे पूरा करके दिखाएंगे।

सोमवार को गडकरी हरियाणा के रोहतक में आयोजित तीसरे एग्री लीडरशिप समिट में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तीन बांधों का निर्माण किया जाएगा ताकि नदियों का भारत के हिस्से के पानी को पाकिस्तान की ओर बह कर जाने से रोका जा सके। अभी यह पानी बहकर पाकिस्तान चला जाता है जिसकी वजह से भारत इसका इस्तेमाल नहीं कर पाता।

जल संसाधन एवं परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि बांधों से पानी को यमुना नदी से होते हुए हरियाणा लाया जाएगा। इस पानी के आने से राज्य में सिंचाई से वंचित भूमि की सिंचाई हो सकेगी तथा पानी की किल्लत दूर हो पाएगी। गडकरी ने यहां तीसरे कृषि शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन कहा कि यह पानी अन्य राज्यों जैसे राजस्थान में भी ले जाया जाएगा।

हरियाणा और राजस्थान को मिलेगा पानी

गडकरी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड में तीन बांध का निर्माण करने जा रही है। इसके बाद भारत की तीन नदियों के हिस्से को पानी को पाकिस्तान में जाने से रोका जा सकेगा और उसे बांध बनाकर यमुना नदी में लाया जाएगा। इसके बाद इस पानी को हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाया जाएगा।

खत्म होगी सिंचाई की समस्या

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विभाजन के समय भारत को तीन नदियां (सतलुज, रावी व ब्यास) मिली थीं और पाकिस्तान को तीन नदियां (सिंधु, झेलम व चेनाब) मिली थी, लेकिन फिर भी भारतीय नदियों का पानी पाकिस्तान जाता रहा। उन्होंने कहा कि डिप इरिगेशन से किसानों को अधिक पानी मिलेगा, जिससे वो ज्यादा उत्पादन कर सकेंगे।