शिक्षा मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से किया मातृभाषा उत्सव का उद्घाटन

लोक भाषाओं में बच्चों की अभिव्यक्ति बढ़ाने एवं मातृभाषा के प्रति बच्चों में सम्मान की भावाना विकसित करने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा दो दिवसीय उत्तराखंड मातृभाषा उत्सव आयोजित किया गया है। जिसका उद्घाटन प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर किया। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन लर्निंग के लिये मातृभाषा सबसे उचित माध्यम है क्योंकि छोटे बच्चे अपनी मातृभाषा में कोई भी चीज सबसे तेजी से सीखते और समझते है, इसलिये जहां तक संभव हो बच्चों को मातृभाषा में ही शिक्षा दी जाय। उन्होंने कहा कि इसका प्रावधान बकायदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी किया गया है।
एससीईआरटी द्वारा किसान भवन सभागार देहरादून में आयोजित दो दिवसीय उत्तराखंड मातृभाषा उत्सव का आज शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मातृभाषा में बच्चों की अभिव्यक्ति बढ़ाने के प्रयास किये जाने चाहिये। जिसमें अभिभावकों एवं शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन लर्निंग के लिये मातृभाषा सबसे उचित माध्यम है, इसलिये जहां तक संभव हो बच्चों को मातृभाषा में ही शिक्षा दी जाय। रावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी मातृभाषा में शिक्षा देने की अनुशंसा करती है, इसीलिये इस नीति में त्रि-भाषा फॉर्मूला का प्रावधान किया गया है ताकि बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषा में भी पढ़ाया जा सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य की विभिन्न लोक भाषाओं में बच्चों को लोककथा, नाट्य संवाद एवं लोकगीत के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करने के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं, इससे बच्चों के मन में अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान की भावाना विकसित होगी, साथ ही बच्चे एक-दूसरे की भाषाओं से भी परिचित हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 17 मातृभाषाएं चिन्हित है, जिसमें विशेष रूप से गढ़वाली, कुमांऊनी, जौनसारी, रां, रंवाल्टी, जार, मार्च्छा, राजी आदि शामिल है। इसके अलावा प्रदेश में कई बोलियां भी बोली जाती है, जिन्हें संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। रावत ने मातृभाषा उत्सव आयोजित करने पर विभागीय अधिकारियों को बधाई दी, उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों की समझ विकसित होती है। कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने विचार वक्त कर मातृभाषा को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक शोध एव ंप्रशिक्षण संस्थान सीमा जौनसारी, निदेशक माध्यमिक आर0के0 कुंवर, निदेशक बेसिक वंदना गर्ब्याल सहित विभागीय अधिकारी और विभिन्न स्कूलों से आये शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

शहीद केसरी चन्द के जन्मोत्सव आयोजन को सीएम ने की 5 लाख रूपये देने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आजाद हिन्द फौज के महानायक वीर शहीद केसरी चन्द को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आजाद हिन्द फौज के महानायक शहीद केसरी चन्द जौनसार भावर के साथ ही सभी उत्तराखण्ड वासियों के गौरव है। वीर शहीद केसरी चन्द युवा समिति को शहीद केसरी चन्द के जन्मोत्सव पर इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए समिति को 5 लाख रुपये प्रदान किये जाने की घोषणा की। उन्होंने राज्य के संग्रहालय में वीर शहीद केसरी चन्द का चित्र स्थापित किए जाने की घोषणा के साथ ही देहरादून स्थित लैंसडाउन चौक का नाम शहीद केसरी चन्द के नाम पर रखे जाने संबंधी समिति की मांग पर विचार किये जाने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सायं पवेलियन ग्राउंड में वीर शहीद केसरी चन्द के 103वें जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विशेषकर उत्तराखण्ड के युवाओं को हमारे वीर शहीदों के जीवन से प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते वीर सैनिकों के कार्यक्रमों में आना उनके लिए हमेशा एक गौरव का क्षण होता है। नेताजी सुभाष चंद बोस ने जब आजाद हिन्द फौज का गठन किया तो उत्तराखण्ड के बहुत से वीर सपूत भी इसमें शामिल हुए तथा नेताजी के आह्वाहन पर हमारे राज्य के बहादुर सैनिक भी अपना सर्वाेच्च बलिदान देने के लिए आगे आए। हमें अपनी सैनिक विरासत पर गर्व है। उत्तराखंड के वीर सपूत शहीद केसरी चन्द जी ने भी आजाद हिन्द फौज में शामिल होकर भारत की आजादी के संघर्ष में अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया। उनका बलिदान उत्तराखण्डवासियों को सदैव याद रहेगा तथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी वीरभूमि सैनिक बाहुल्य राज्य है और सैन्य परम्पराएं हमारी महान विरासत है। जिनमें एक बड़ा योगदान जनजातीय समाज का है, जिसका प्रतिनिधित्व शहीद केसरी चन्द ने बखूबी किया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के इसी योगदान को देखते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा पिछले वर्ष की थी जिसे हमारी सरकार ने पिछले वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया और मुझे आप सभी को बताते हुये हर्ष हो रहा है कि इस वर्ष भी यह कार्यक्रम हमारे प्रदेश में हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजन में देश के लिये अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले वीर सैनानियों का स्मरण करने का पुनीत कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश देश की सुरक्षा में सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य है। यही कारण है कि उत्तराखंड के नौजवान हमेशा से ही देश की रक्षा के लिए सदैव उत्साहित रहते हैं। हमारी नई पीढ़ी भी उत्साह के साथ अपनी सैनिक विरासत को आगे ले जा रही है और देवभूमि का नाम भी रोशन कर रही है। राज्य के सैनिक तथा उनके परिवारों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। हम सैनिकों व उनके परिवारों की मदद के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार द्वारा सैनिक परिवारों की हर संभव मदद के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले हमारे अमर शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए राजकीय सेवाओं में नौकरी का भी प्रावधान किया गया है, ताकि हमारे सैनिक परिवारों को भविष्य में किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिये हमारी सरकार, शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में भी समायोजित कर रही हैं। प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में देहरादून में भव्य सैन्य धाम की स्थापना भी की जा रही है, जो शीघ्र ही बनकर तैयार हो जाएगा, जिसमें सभी शहीदों की स्मृतियों को संजोया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अक्टूबर को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने उनके इस कथन को कि हमारे सीमांत गांव देश के अंतिम नहीं बल्कि पहले गांव है अपनी सहमति प्रदान कर हमारे सीमांत गांवों को पहचान दिलाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इसी के साथ-साथ हमारी सरकार ने वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान में वृद्धि की तथा परमवीर चक्र विजेताओं को 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र विजेताओं को 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र विजेताओं को 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र विजेताओं को 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 7 लाख से 15 लाख करने का प्रावधान किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीर शहीद केसरी चन्द के पौत्र टी आर शर्मा एवं युवा गायक अभिनव चौहान आदि को भी सम्मानित किया तथा हारूल नृत्य पर आधारित पोस्टर भी जारी किया। इस अवसर पर विधायक सविता कपूर सहित बड़ी संख्या में जौनसार क्षेत्र के जन प्रतिनिधि एवं आम जनता उपस्थित रही।

छठ् पूजा के कार्यक्रम में हुए शामिल सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार सायं को खटीमा पहुंचकर संजय पार्क तथा 22 पुल खिलड़िया में आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि छठ मईया की कृपा सदैव सभी पर बनी रहे। सूर्याेपासना का यह पावन पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है और शुद्धता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने कामना करते हुए कहा कि भगवान भास्कर एवं छठी मइया सबकी मनोकामना पूर्ण करें। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने झंकैया में आयोजित रामलीला में भी प्रतिभाग किया।

कैबिनेट मंत्री ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर देश और प्रदेश की उन्नति, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की

सार्वजनिक छठ पूजन समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने शिरकत की और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले मंत्री डॉ अग्रवाल ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर देश और प्रदेश की उन्नति, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर आस्था पथ पर भी पूर्वांचल समाज के लोगों को मंत्री डॉ अग्रवाल ने बधाई दी। साथ ही गंगा में दूध विसर्जित किया।
रविवार को त्रिवेणी घाट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने कहा कि छठ पूजा को सूर्य छठ या डाला छठ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। इसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अराधना से होती है।

डॉ अग्रवाल ने छठ शब्द का महत्व बताया। कहा कि शब्द छठ संक्षेप शब्द षष्ठी से आता है, जिसका अर्थ छः है, इसलिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य भगवान की पूजा कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को भी समाप्त करती है और परिवार की दीर्घायु और समृद्धि सुनिश्चित करती है। यह सख्त अनुशासन, शुद्धता और उच्चतम सम्मान के साथ की जाती है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ व्रत करने वालों के घर में हमेशा सुख-समृद्धि और आरोग्यता बनी रहती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि छठ पर्व के दौरान हवा का नियमित प्राणिक प्रवाह गुस्सा, ईर्ष्या और अन्य नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद करता है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश विविधताओं से भरा हुआ है और हमें उन विविधताओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने छठ व्रतियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की मंगल कामना की।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष राम कृपाल गौतम, प्रवक्ता लल्लन राजभर, कार्यक्रम अध्यक्ष शम्भू पासवान, संयोजक प्रदीप दुबे, उपाध्यक्ष प्रमोद शर्मा, महामंत्री परमेश्वर राजभर, कोषाध्यक्ष वीर बहादुर राजभर, जय प्रकाश नारायण, नागेंद्र सिंह, राजू गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

15 हजार लोगों ने लगाई रन फॉर यूनिटी और रन अगेंस्ट ड्रग थीम पर दौड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पुलिस लाईन रेस कोर्स में ‘देहरादून मैराथन’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने 21 किमी की हाफ मैराथन एवं 10 किमी दौड़ का फ्लैग ऑफ किया। आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत रन फॉर यूनिटी एवं रन अगेंस्ट ड्रग थीम पर आधारित उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा देहरादून मैराथन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एकता एवं नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई। देहरादून मैराथन में हंस फाउण्डेशन द्वारा भी सहयोग दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प के साथ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन राष्ट्रीय एकता में अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। नशा से मुक्ति के लिए सबको दृ़ढ़ संकल्प लेना होगा और अन्य लोगों को भी नशा मुक्ति के प्रति जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि एक अच्छे समाज के लिए सबका स्वस्थ शरीर होना जरूरी है। जीवन के सभी सुख निरोगी काया से ही संभव है। स्वस्थ मन, वचन, एवं कर्म के लिए मनुष्य का निरोगी होगा जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विश्वगुरू बनाने के लिए सबको अपना योगदान देना होगा। हमारी युवा पीढ़ी जो आने वाले समय में देश के कर्णधार होंगे, उन्हें सही दिशा मिलनी जरूरी है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि रन फॉर यूनिटी एवं रन अगेंस्ट ड्रग थीम पर आधारित देहरादून मैराथन में 15 हजार से अधिक लोग प्रतिभाग कर रहे हैं। अनेक देशों के एथलीट भी इसमें प्रतिभाग कर रहे हैं। राष्ट्रीय एकता एवं नशा मुक्ति के उद्देश्य से देहरादून मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, हसं फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, माता मंगला, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, बॉलिवुड गायक कैलाश खैर एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

छठ् पूजा कार्यक्रम का शुभारंभ, 100 दीपों को किया प्रज्जवलन

सार्वजनिक छठ पूजा समिति की ओर से छठ पूजा की पूर्व संध्या पर 1100 दीपों का गंगा में दान किया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
शनिवार को छठ पूजा की पूर्व संध्या पर त्रिवेणी घाट पर 1100 दीपों का दान किया। मंत्री डॉ अग्रवाल ने छठ पूजा की बधाई दी। साथ ही छठ पूजन आरती में प्रतिभाग कर देश प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान गंगा आरती पर भी शामिल हुए।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि जब कोई पर्व सूर्य उदय के साथ-साथ जीवन के उदय का प्रतीक हो जाय तो वह हमारे जीवन में महोत्सव बन जाता है। उन्होंने कहा की अस्त और उदय होते सूर्य की आराधना यानि छठ पूजा व्रत की परम्परा भारत में विहार पूर्वांचल से प्रारम्भ होकर सम्पूर्ण हिंदुस्तान और विश्व में विस्तारित हो चुकी है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सूर्य को शक्ति का देवता माना जाता है और इसकी आराधना पूजा हिन्दू धर्म में काफी महत्व रखती है। कहा कि देश विविधताओं से भरा हुआ है और हमें उन विविधताओं का आदर-सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने छठ व्रतियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की मंगल कामना की।
इस अवसर पर शशिप्रभा अग्रवाल, समिति अध्यक्ष राम कृपाल गौतम, लल्लन राजभर, शम्भू पासवान, सीओ डीसी ढौंडियाल, प्रदीप दुबे, कविता शाह, पार्षद शिव कुमार गौतम, बृजेश शर्मा, जयंत शर्मा आदि उपस्थित रहे।

गिटार पर गाकर जुबिन ने दी ईगास की बधाई

उत्तराखंड के लोक संस्कृति का सूचक ईगास पर्व की गायक व उत्तराखंड निवासी जुबिन नौटियाल ने भी अपने अंदाज में बधाई दी है।

जुबिन ने अपना एक वीडियो शेयर किया। जिसमें वह गिटार पर ईगास पर्व की बधाई गाकर दिखाई दे रहे है, वीडियों में जुबिन बताते हैं कि यह ईगास उत्तराखंडी पर्व है, जो लोक संस्कृति को दर्शाता है।


जुबिन के इस वीडियों को खूब शेयर किया जा रहा है, अपने प्रदेश की संस्कृति को इस तरह दिखाने पर उनकी प्रशंसा भी हो रही है।

गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिकों और उनके परिवार के साथ दीपावली मनाने पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों के साथ दीपावली पर्व मनाया। गढ़ी कैंट में 8 गढ़वाल रेजीमेंट द्वारा आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपस्थित सैनिकों तथा उनके परिजनों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सैनिकों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलस का निरीक्षण किया तथा सैनिकों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर 8 गढ़वाल रेजीमेंट द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में 8 गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिक, भूतपूर्व सैनिक तथा उनके परिजन उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने द्रोणसागर परिसर में 51,000 दीपों की श्रृंखला प्रज्ज्वलित की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को द्रोणसागर, काशीपुर में हिन्दू राष्ट्र शक्ति द्वारा आयोजित द्वितीय भव्य दीपोत्सव-2022 “एक दिया मेरा भी प्रभु को समर्पित” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वस्ति वाचन के साथ भगवान श्री राम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण का तिलक किया। मुख्यमंत्री ने अन्धकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक दीप जलाए, इस दौरान द्रोणासागर परिसर में कुल 51,000 दीपों की श्रृंखला प्रज्ज्वलित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राण मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम, उन्होंने कहा भगवान राम वो प्रकाश पुंज हैं जिसकी ओजस्वी किरणें भारत की महान, सनातन संस्कृति को सदियों से अनुप्राणित करती आ रही हैं। भगवान राम का सम्पूर्ण जीवन हमारे लिए एक मार्गदर्शिका है, उनकी पुण्यगाथा मानवीय मूल्यों और आदर्शों से ओतप्रोत है। ये सभी गुण भगवान श्री राम के नाम को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा भगवान राम के जीवन का प्रत्येक पक्ष हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो हमें हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहने की सीख देता है, उनके जीवन के प्रत्येक घटनाक्रम में मानवीय आदर्श की पराकाष्ठा देखने को मिलती है यही कारण है कि सदियां बीत जाने के बाद भी भगवान श्रीराम की पावन जीवन गाथा संपूर्ण मानवजाति को प्रेरित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी से भगवान राम के जीवन को दृष्टांत मानकर उनके बताए मार्ग पर चलने का यथासंभव प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि काशीपुर के प्रबुद्ध जनों ने यह भव्य और दिव्य दीपोत्सव आयोजित किया है, यहां अयोध्या के लघु स्वरूप को जीवंत कर दिया है। उन्होंने कहा यह दीपोत्सव हमारी सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता को दिखाता है। साथ ही इस तरह के आयोजन से हमारे गांव-देहात की अर्थव्यवस्था का भी सशक्तिकरण होता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को उजागर किए जाने का कार्य चल रहा है, सनातन धर्म की रक्षा एवं उसका प्रचार प्रसार देश के साथ पूरे विश्व में हो रहा है। कई दशकों से लंबित आज भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हुआ है, संपूर्ण परिसर में सरस्वती घाट, आस्था पथ, ध्यान केंद्र एवं व्यापारियों के लिए कॉम्प्लेक्स जैसी विभिन्न विकास कार्यों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे 2023 के अंत तक कर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा बद्रीनाथ धाम के भव्य निर्माण हेतु मास्टर प्लान बनाया गया है जिसके लिए तेज गति से कार्य शुरू हो गया है, इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य एवं दिव्य निर्माण कार्य हुआ है, उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद महाकाल मंदिर का भव्य रूप देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माणा गांव में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमे से प्रमुख थी गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजना, उन्होंने कहा हेमकुंड तक रोपवे पहुंचने से हमारे सभी श्रद्धालुगण आसानी से उनके दर्शन कर पाएंगे, वोकल फॉर लोकल का जो मंत्र आदरणीय प्रधानमंत्री ने दिया है, उसी के अनुरूप माणा की धरती से प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि जहां भी घूमने जाएं अपने यात्रा खर्च का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें। उन्होंने कहा कि इस आह्वान को देश निश्चित तौर पर निभाएगा एवं इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि माणा गांव को मेरे द्वारा अंतिम नहीं अपितु देश का पहला गांव बताकर संबोधित किया गया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में सीमा में बसे प्रत्येक गांव को देश का पहला गांव बताया एवं उन्होंने कहा देश का विकास इन गांवों के विकास से शुरू होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य को 25वे वर्ष पर संस्कृति, पर्यटन, रोजगार कृषि बागवानी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है, जिसके लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षाे के विकास कार्याे का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा हम सभी अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाते हुए उत्तराखंड के साथ देश को आगे ले जाने का कार्य करेंगे।
इस दौरान कैलाश चन्द्र गहतोड़ी (अध्यक्ष वन विकास निगम), विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, दीपक बाली, मुकेश कुमार, मेयर उषा चौधरी, भाजपा महामंत्री खिलेंदर चौधरी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

काफिला रोक कुम्हार के दिए खरीदने लगे सीएम

शनिवार को काशीपुर से खटीमा पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा मुख्य बाजार में काफिला रुकवा कर हाथ से बने मिट्टी के दीयों की खरीददारी की। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप वोकल फॉर लोकल के महाअभियान को बढ़ावा देता छोटा सा सहयोग बताया, मिट्टी से बने दीयों एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना एक कुम्हार के घर को आर्थिक रूप से मजबूत करता है।
इस अवसर पर उन्होंने सभी से इस दीपावली को ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पादों को खरीदे जाने का आग्रह किया।