इन नियमो का पालन करने से चारधाम यात्रा पर नही करना होगा कठिनाईयों का सामना

चारधामों के कपाट खुलने के लगभग चार महीने के बाद शनिवार से चारधाम यात्रा शुरू होगी। शुक्रवार को सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति मिलेगी।
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। 
सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधाम यात्रा की एसओपी जारी की है। इस बीच चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने भी एसओपी जारी कर दी है। दोनों एसओपी में एक समान प्रावधान हैं। चारधामों में यात्रा का संचालन 18 सितंबर से होगा। यात्रा में राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को सशर्त अनुमति दी जाएगी।
धामों में दर्शन करने के लिए यात्रियों को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से सीमित संख्या में प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। मंदिर परिसर के मुख्यद्वार पर दर्शन करने से पहले यात्रियों का ई-पास चेक किया जाएगा। 

मंदिर परिसर में प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध
कोविड संक्रमण को देखते हुए चारधामों में दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। साथ ही मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा। मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने, तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। केदारनाथ धाम में एक समय में छह यात्री ही सभामंडप से दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं होगी। 

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर में दिन में तीन बार सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जाएगी। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। प्रत्येक धाम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और एसडीएम की होगी। 
 
यात्रा के लिए ऐसे करेंगे पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। जबकि राज्य के यात्रियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करना होगा। यात्रा के लिए ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज 15 दिन पहले लग चुकी है। उन्हें कोविड जांच नहीं करानी होगी। एक डोज लगाने वाले को कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। 

चारधामों में दर्शन के लिए ये रहेगी प्रतिदिन संख्या
बदरीनाथ-1000
केदारनाथ-800
गंगोत्री-600
यमुनोत्री-400

यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के न जाने दें
चारधाम यात्रा के लिए डीआईजी नीरू गर्ग ने रेंज के सभी एसएसपी, एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और देवस्थानम बोर्ड पंजीकरण किए बिना यात्रा पर न जाने दिया जाए। चेकिंग के लिए सभी स्थानों पर चौकपोस्ट बनाकर उनमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों में यात्रा के लिए सीओ को नोडल अधिकारी बनाया है। 
डीआईजी ने यात्रा के दौरान शासन-प्रशासन और हाईकोर्ट की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन करने और इस संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को चार धाम यात्रा के लिए अनुमन्य न किया जाए। यात्रा आरंभ में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों पर फ्लैक्स आदि के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
टिहरी में भद्रकाली, तपोवन, सुवाखोली, कैम्पटी, पौटी में कोटद्वार, श्रीनगर में सघन चेकिंग किया जाए। इस दौरान उन्होंने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री में सीओ बड़कोट गंगोत्री में सीओ उत्तरकाशी, केदारनाथ में सीओ गुप्तकाशी व बदरीनाथ में सीओ चमोली को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
नोडल अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली आदि मौजूद रहे।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके बाद बोर्ड की ओर से चारधामों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है। 

धामी सरकार की मजबूत पैरवी से ही खुली चारधाम यात्रा
सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल जाते। लेकिन यात्रा संचालन करने के लिए सरकार की तरफ से कमजोर होमवर्क भी दिखाई दिया। अब कोर्ट ने रोक हटाई तो यात्रा की राह में मौसम की चुनौतियां भी खड़ी है। चारधाम यात्रा के लिए लगभग डेढ़ माह ही समय बचा है। भारी बारिश से चारधाम यात्रा के सड़क मार्गों की हालत खराब है। कई संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है। 

धामी सरकार के 200 करोड़ के राहत पैकेज से भी मिली राहत
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा संचालन न होने से पर्यटन क्षेत्र को दो सौ करोड़ का पैकेज देकर राहत का मरहम लगाया था। चारधाम व पर्यटन कारोबार से जुड़े 50 हजार लोगों को छह माह तक प्रति माह दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता देेने की घोषणा की थी। अब तक 11813 लाभार्थियों के खाते में कुल 440.54 लाख की राशि दी गई। 655 पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रुपए प्रति आपरेटर देने की घोषणा की थी। इसमें 208 लाभार्थियों को 20.80 लाख रुपये की राशि दी गई। 630 पंजीकृत रीवर राफ्टिंग गाइड में से 209 को 20.90 लाख, टिहरी झील में 86 मोटर बोट संचालकों को 10 हजार रुपये के अनुसार 8.60 लाख की राशि दी गई।

कार्यों की गुणवत्ता से ना किया जाए समझौता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ही तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों में गति लाने के लिए आवश्यक मैन पावर, मशीनरी एवं मटीरियल की पर्याप्तता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने के लिए वीकली टारगेट निर्धारित कर अचीवमेंट की समीक्षा नियमित रूप से की जाए।
मुख्य सचिव ने केदार पुरी के दोनों तरफ की पहाड़ियों पर वन विभाग को आकर्षक प्लांटेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां काम कर रही लेबर से भी बात की, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चोराबाड़ी ट्रेक रूट को विकसित किए जाने के साथ ही गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा तक पुराने मार्ग को सुचारू करने हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित हो रहे स्नान घाटों केदारनाथ गरुड़ चट्टी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल व पहाड़ी शैली में निर्मित हो रहे भवनों का जायजा भी लिया। मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गति एवं समय से पूरा करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर एवं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित थे।

सरकार की मजबूत पैरवी से हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा से प्रतिबंध हटाया

उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर लंबे समय से लगी रोक पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दे दी है।

चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सचिवालय में चारधाम त्यारियो की बैठक के दौरान सम्बंधित सभी विभागों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए समय काफी कम बचा है वे अपनी सारी तैयारियां पूरी करें। उन्होंने कहा कि चारधाम प्रदेश के लाखों व्यक्तियों के रोजगार और आजीविका का साधन है। चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाया है। यात्रा शुरू होने से हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौट सकेगी।

हमें अपने लोक कलाकारों पर गर्व-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित लोक संध्या कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को देश व दुनिया में पहुंचाने का कार्य हमारे लोक कलाकार एवं संगीतकारों ने किया है। हमें अपने इन कलाकारों पर गर्व है। यह हमारे प्रदेश की पहचान है।
उन्होंने कहा कि पवनदीप राजन ने पूरी दुनिया में उत्तराखंड की पहचान बनाई है। यह साधारण से असाधारण की यात्रा का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में अनुशासन का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें यह संस्कार अपने परिवार से मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हम अपने प्रतिभाशाली लोगों को आगे लाने तथा उनकी प्रतिभा को पहचान दिलाने का हमारा प्रयास है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पवनदीप राजन, कल्पना चौहान, राघव जुयाल के साथ ही अन्य कलाकारों को सम्मानित भी किया। लोक संध्या कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्म दिन की पूर्व संध्या पर अपनी माताजी के पैर छूकर प्रदेश के सर्वांगीण विकास का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, सांसद नरेश बंसल के साथ ही अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शहीद सम्मान यात्रा को लेकर सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में सैन्यधाम के संबंध में उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्यधाम के निर्माण के लिए कार्यों की चरणबद्ध कार्य योजना बनाई जाय। सैन्यधाम भव्य एवं दिव्य बनाया जायेगा। अन्य राज्यों में बने शहीद स्मारकों का भ्रमण भी किया जाय। उत्तराखण्ड में बनने वाले सैन्यधाम की भव्यता के लिए क्या किया जा सकता है, इसके लिए पूरी योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने शहीद सम्मान यात्रा के दौरान शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी सैन्यधाम के निर्माण के लिए लाई जायेगी। सैन्यधाम का स्वरूप ऐसा होगा कि यह राष्ट्रभक्ति एवं सैनिकों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा के आयोजन के लिए सभी तैयारियां जल्द पूर्ण की जाय। शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत अक्टूबर 2021 के प्रथम सप्ताह से प्रस्तावित है। यात्रा का पूरा रूट चार्ट जल्द तैयार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बहुल प्रदेश है। हमारे जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व दिया। शहीदों के सम्मान में यह भव्य आयोजन होगा। इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने के लिए जन सहयोग लिया जायेगा। किसी भी आयोजन को सफल बनाने में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल.फैनई, सचिव अमित नेगी, वी.षणमुगम, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (अ.प्रा.), जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर. राजेश कुमार एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

विस अध्यक्ष ने गणपति का किया विसर्जन, सभी के लिए मांगा आर्शीवाद

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गणपति को घर में स्थापित करने के बाद रविवार को परिवार सहित गंगा में विधि विधान से विसर्जन किया। गणपति जी का विसर्जन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि, स्वस्थ जीवन की कामना की।
ऋषिकेश स्थित अपने निजी आवाज से विधानसभा अध्यक्ष ने धर्मपत्नी शशिप्रभा अग्रवाल व सुपुत्र पीयूष अग्रवाल सहित गणपति जी को लेकर आस्था पथ पर पहुंचे, जहां गणपति का गंगा में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गणपति जी प्रदेशवासियों को कोरोना और जीवन में आई हर विपत्ति का सामना करने की शक्ति दें। उन्होंने कहा श्री गणेश की उपासना से जीवन में स्थायित्व आता है और विघ्नों का नाश होता है। उन्होंने कहा कि बुद्धि और समृद्धि के आराध्य देव भगवान गणेश जीवन में श्रेष्ठ और सृजनात्मक कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। हम सभी को उनका स्मरण और वंदन करना चाहिए।

लोक भाषा लोक साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए नरेंद्र सिंह नेगी को मिलेगा सम्मान

आवाज साहित्यिक संस्था मुनिकीरेती द्वारा राजभाषा हिंदी दिवस के उपलक्ष में रविवार 12 सितंबर 2021 को राजभाषा समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है जिसमें इस वर्ष का आवाज का सर्वाेच्च सम्मान आवाज रत्न गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी को उनके द्वारा की गई लोक भाषा लोक साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष अशोक शर्मा क्रेजी ने कहा कि आवाज साहित्यिक संस्था 2001 में स्थापित की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य नए रचनाकारों को मंच देना तथा उन्हें साहित्य के नए नए अनुभवों से अवगत कराना था उन्होंने कहा कि आवाज में इन 20 वर्षों में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जहां अनेक राष्ट्रीय कवि एवं साहित्यकारों का पावन सानिध्य प्राप्त किया वहीं आवाज ने अपने संस्था के माध्यम से सामूहिक संकलन ओं के द्वारा भी साहित्य के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रमुख साहित्यकारों में पार्थ सारथी डबराल, चारु चंद्र चंदोला, डॉक्टर लीलाधर जगूड़ी, राजेंद्र धस्माना, डॉक्टर गोविंद बिष्ट, विद्यासागर नौटियाल, डॉक्टर अतुल शर्मा, मोहनलाल बबूलकर, बुद्धि बलभ थपलियाल, आलोक प्रभाकर, द्वारिका प्रसाद मलासी, प्रमुख चित्रकार बी मोहन नेगी ने संस्था के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य किया है तथा संस्था में नये साहित्यकारों के लिए प्रमुख अन्वेषण शाला के रूप में आशीर्वाद दिया है।
संस्था के उपाध्यक्ष आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल ने आवाज साहित्यिक संस्था की उपलब्धियों को अवगत कराते हुए कहा कि जहां नए साहित्यकारों को मंच प्रदान हुआ है वहीं विभिन्न सामाजिक शैक्षणिक संस्थाओं के अंदर आवाज साहित्यिक संस्था ने अनेक कार्यशाला आयोजित किए हैं तथा बाल साहित्यकारों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
सस्ता के कनिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद उनियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आवाज साहित्यिक संस्था ने वर्तमान समय तक अनेक जन उपयोगी संकलन तैयार किए हैं जो सामूहिक रूप से कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से तैयार किए हैं जिसमें मुख्य रुप से आवाज पहाड़ बदल रहा अस्तित्व दो कदम ची ची गाती चिड़िया अन उत्तरीय प्रश्न दृष्टिकोण के साथ-साथ समय-समय पर अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अपने रचनाओं के माध्यम से शिखर को छूने का कार्य क्या है।
समिति के सचिव महेश शिकारिया ने कहा कि आवाज आने वाले समय में ऋषिकेश नगरी नहीं अभी तो संपूर्ण राज्य के साथ-साथ भारतवर्ष के राज्यों में भी अपना बेहतरीन स्थान बनाने के लिए प्रयास करेगी
समिति के सह सचिव डॉ सुनील थपलियाल ने कहा की आवाज साहित्यिक संस्था ने लॉकडाउन में साहित्य संस्कृति संवाद की त्रिवेणी के माध्यम से संपूर्ण भारतवर्ष के साहित्यकारों को संस्कृति प्रेमियों को स्थानीय कलाकारों गीतकार के साथ कलाकारों को जोड़ने का कार्य किया सात समंदर पार भी जहां उत्तराखंडी प्रवासी सेवाएं दे रहे हैं वहां तक आवाज अपने लाइव प्रसारण के माध्यम से अग्रसारित हुई है यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि वर्तमान समय में डेढ़ लाख से ऊपर दर्शक आवाज़ साहित्यिक संस्था के पास है जो समय समय पर आवाज को प्रोत्साहित करते रहते हैं।
समिति के पूर्व सचिव धनेश कोठारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर वर्ष संस्था के द्वारा स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद मालासी आवाज रत्न सम्मान दिया जाता है जो उत्तराखंड प्रदेश के कई महान विभूतियों को आजतक दिया गया है जिसमें डॉक्टर जग्गू नौटियाल ,आलोक प्रभाकर, सत्यानंद बडोनी, डॉक्टर सविता मोहन, डॉआशा जुगलान, बंशीधर पोखरियाल, आरपी डंगवाल, देवेंद्र दत्त सकलानी, डॉक्टर अतुल शर्मा, डॉ विद्या अलंकार, डॉक्टर श्वेता खन्ना, डॉ कविता भट्ट शैलपुत्री आदि को दिया गया है और वर्तमान समय में यह पुरस्कार गढ़ रत्न लोक भाषा, लोक साहित्य के प्रमुख भगीरथ नरेंद्र सिंह नेगी जी को दिए जाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष सत्येंद्र चौहान नरेंद्र दयाल, शिवप्रसाद बहुगुणा, धनीराम बिंजोला, मनोज मालासी, रविशास्त्री, सुरेंद्र भंडारी, कमलेश रावत आदि उपस्थित थे ।

कृष्ण जन्माष्टमी के ऑन लाइन फोटो प्रोग्राम के परिणाम घोषित

टीम जेसीआर द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ऑनलाइन फ़ोटो प्रतियोगिता के परिणाम देहरादून मार्ग स्थित एक रिसार्ट घोषित किये गए। जिसमें मुख्य अतिथि कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दासौनी रही व कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने की। कार्यक्रम में तीन सदस्यीय जजों की कमेटी जिसमें बहन हेमलता, रेणू वर्मा, इशा चौहान के द्वारा निर्णय सुनाया गया, जिसमें प्रथम सात साल के कुंजप्रीत सिंह, द्वितीय सानिध्य रतूड़ी, तृतीय स्थान पर अवन्या त्यागी व सांत्वना पुरस्कार पर इशांत भट्ट व अथर्व पासवान रहे। प्रथम द्वितीय व तृतीय विजेताओं को ट्रॉफ़ी व पुरस्कार दिये गये व दो बच्चों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया साथ ही सभी बच्चों को उनकी फ़ोटो भेंट कर सम्मानित किया ।
मुख्य अतिथि प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दासौनी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को उचित मंच भी मिलता है साथ ही बच्चों को अपनी हिंदू धर्म की जानकारी भी मिलती है और उनकी आस्था और विश्वास भी जागरूक होता है कोरोना काल में बच्चे घर पर ही बंद हो गये थे।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका में शिरकत की। गरिमा मेहरा दसोनी ने ऋषिकेश कांग्रेस के कर्मठ और जुझारू नेता जयेंद्र रमोला द्वारा आयोजित इस सुंदर कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नौनिहालों में मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ हमारे रीति रिवाज संस्कृति परंपरा और आस्था को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में आए हुए सभी अभिभावकों को उनके सुंदर प्रयासों के लिए सराहते हुए दसोनी ने कहा कि जिस तरह से सभी माता-पिता ने अपने बच्चों को बाल गोपाल की वेश भूषा में तैयार करने में सुंदर पहल की है और बढ़ चढ़ कर इस प्रतियोगिता में योगदान दिया है वह सराहनीय है। दसोनी ने जयेन्द्र रमोला के द्वारा की गई इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी तरह से हर वर्ष इस प्रतियोगिता को जारी रखें तो बहुत अच्छा होगा। दसोनी ने कहा कि सबसे अच्छी बात प्रतियोगिता की यह रही कि किसी भी बच्चे को मायूस नहीं किया गया और सभी को कुछ न कुछ पारितोषिक देकर उन्हें प्रसन्नचित कार्यक्रम से भेजा गया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि दो वर्षों से कोरोना काल के कारण स्कूल बंद थे और बच्चों की कोई ऐक्टिविटी नहीं हो पा रही थी। बच्चे घरों में केवल मोबाइल या टीवी पर ही अपना समय व्यतीत कर रहे हैं, इसलिये हमने अपनी साथियों के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें तीन साल से बारह साल के बच्चों को श्रीकृष्ण भगवान के स्वरूप में बच्चों को सजाकर फ़ोटो तीस अगस्त तक भेजी गई।
रमोला ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में दबी प्रतिभा को बाहर निकालने का प्रयास किया गया है और आगे भी ऐसे कार्यक्रम हमारी टीम द्वारा करवाये जायेंगे।
कार्यक्रम का संचालन अंशुल त्यागी, दीपक जाटव व ऋषिराज भट्ट ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में ऋषिकेश के बाल टीवी व बड़े पर्दे के कलाकार प्रभु भट्ट ने छोटे छोटे बच्चों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रॉपर्टी डीलर डेवलपर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गर्ग, विमला रावत, पार्षद विजय लक्ष्मी शर्मा, पार्षद शकुंतला शर्मा, पार्षद राधा रमोला, पार्षद पुष्पा मिश्रा, कृष्णा रमोला, गजेन्द्र विक्रम शाही, कुसुम जोशी, लक्ष्मी नारायण जुगडाण, सनमोहन सिंह रावत, गोकुल रमोला, हरभजन चौहान, कुंवर सिंह गुसाँई, रवीन्द्र राणा, मनोज गुसाँई, रेणु, चन्द्रकान्ता जोशी, बिक्रम भण्डारी, लक्ष्मी उनियाल, जितेन्द्र त्यागी, प्रिंस सक्सेना, नीरज चौहान, यश अरोड़ा, लक्ष्मी कुलियाल, ममता शाही, आदित्य झा, कार्तिक, अलेख, अर्चित मोदी, आशीष, शिवानी खत्री, स्वामी नौडियाल, मनीषा थापा, मीना रमोला, ममता राणा, वन्दना, राजकुमार मल्होत्रा, हिमांशु जाटव, दिलप्रीत सिंह आदि मौजूद थे ।

कांग्रेस नेता ने प्रदेश की खुशहाली की कामना की

उत्तराखंड कांग्रेस के महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ऋषिकेश विधासनभा क्षेत्र के अंतर्गत श्री गणपति सेवा मण्डल ऋषिकेश द्वारा गणपति महोत्सव 2021 के दौरान मूर्ति स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुँच कर पूरी विधि विधान से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्री गणेश जी के स्थापना दिवस के मौके पर राजपाल खरोला ने कहा की भगवान विघ्नहर्ता से यही प्रार्थना करते है कि प्रदेश की जनता को सुख, समृद्धि व सफलता का आशीर्वाद प्रदान करें और सबकी मनोकामनाएं पूरी करें द्य कार्यक्रम में मनोज धींगरा, नितिन गुप्ता, योगेश कालड़ा, प्रिंस मनचंदा, कमल शर्मा, मुकेश जैन, आलोक चावला, राकेश मनचंदा, योगेश जैन उपस्थित रहे।

गरतांग गली को नुकसान पहुंचाने पर गंगोत्री थाने में अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

असामाजिक तत्व खूबसूरत चीजों को बदरंग करने से बाज नहीं आते। उत्तरकाशी में भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह रही ऐतिहासिक गरतांग गली (Gartang gali disfigured) पर भी ऐसे ही असामाजिक तत्वों की नजर पड़ी है। 300 साल पुराने लकड़ी से बने इस खूबसूरत पुल को हाल में पर्यटकों के लिए खोला गया है। लेकिन अराजक तत्वों ने इस लकड़ी पर भी अपने नाम गोद डाले हैं। जिससे इसकी खूबसूरती पर दाग लग रहा है। ऐसे अराजक तत्वो के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

गंगोत्री थाने में इन अज्ञात अराजक तत्वों के खिलाफ वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद सिंह की तहरीर पर धारा 427 के तहत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द उचित कारवाई के आदेश दिए हैं।

ऐतिहासिक गरतांगगली भारत-तिब्बत व्यापार का प्रमुख मार्ग रहा है। करीब 300 साल पहले पेशावर सेआए पठानों ने इसका निर्माण किया था। लेकिन भारत चीन युद्ध के बाद इस मार्ग को बंद कर दिया गया था। इस मार्ग पर करीब 500 मीटर लंबाई की लकड़ी की सीढ़ियां आकर्षण का केंद्र हैं।

राज्य सरकार के प्रयासों के बाद हाल ही में इस गली का जीर्णोद्धार कराया गया है। देवदार की लकड़ी से दोबारा सीढ़ीदार रास्ता तैयार किया गया है। इस ऐतिहासिक जगह को देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है।