त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए सरकार ने फिर खोला खजाना

(एनएन सर्विस)
चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से भी सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 की मासिक किस्त की 95 करोड़ से अधिक की धनराशि अवमुक्त की गई है।
15 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों को प्राथमिक अनुदान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्रथम किस्त में 143.50 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। आज सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी द्वारा इसका शासनादेश जारी किया गया है। इसमें राज्य के समस्त जिला पंचायतों को 21 करोड़ 52 लाख 50 हजार रूपए, क्षेत्र पंचायतों को 14 करोड़ 35 लाख रूपए, समस्त ग्राम पंचायतों को 107 करोड़ 62 लाख 50 हजार रूपए की धनराशि अवमुक्त की गई है।
इससे पूर्व चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर राज्य सरकार द्वारा सभी जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत को वित्तीय वर्ष 2020-21 की मासिक किस्तों की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। इसके तहत राज्य की समस्त जिला पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की तृतीय व चतुर्थ मासिक किस्त (माह-जून व जुलाई) के लिए 28 करोड़ 43 लाख 22 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त क्षेत्र पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 7 करोड़ 23 लाख 78 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 9 करोड़ 65 लाख 12 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है।
राज्य की समस्त नगर निगमों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 22 करोड़ 10 लाख 97 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त नगर पालिकाओं को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 22 करोड़ 11 लाख 99 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य की समस्त नगर पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 5 करोड़ 35 लाख 17 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है। राज्य के तीन गैर निर्वाचित निकायों को वित्तीय वर्ष 2020-21 की चतुर्थ मासिक किस्त (माह- जुलाई) के लिए 17 लाख 17 हजार रूपए की धनराशि अवुमक्त की गई है।

केदारनाथ आपदा में मृतक हुए लोगों के लिए सीएम ने की शांति प्रार्थना

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन (16 जून, 2013) केदारनाथ में भीषण आपदा आई थी जिसमें कई श्रद्धालुओं ने अपने प्राण गँवाए। त्रासदी के उस मंजर को पूरे सात साल बीत गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया गया। उनके मार्गदर्शन में दिव्य और भव्य केदारपुरी का नया स्वरूप आज हम सभी के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा आगे भी भगवान श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए केन्द्र द्वारा हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया गया है। आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं बाबा केदार से प्रार्थना करता हूँं।
वहीं, उत्तराखंड बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल ने भी जून 2013 मे आज ही के दिन श्री केदारनाथ धाम में आई भीषण आपदा को याद किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सकारात्मक पहल व राज्य सरकार के संकल्प से श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया गया। दिव्य और भव्य केदारपुरी का नया स्वरूप आज हम सभी के सामने है तथा कुछ कार्य प्रगती पर है। नरेश बंसल ने आपदा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं बाबा केदार से प्रार्थना की व श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उन्होंने पुनः निर्माण मे लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सभी सरकारी-गैर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को साधुवाद दिया जिन्होंने वैश्विक आस्था के धाम का त्रासदी के बाद पुनर्निर्माण किया है।

बैठक में सही जानकारी नही देने पर डीएम घिल्डियाल ने अधिकारियों को लगाई फटकार

(एनएन सर्विस)
जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री की घोषणा और वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। इस मामले में जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को डिवीजन वार एक जेई को केवल वन भूमि हस्तांतरण संबंधी प्रकरणों हेतु नामित करने के निर्देश दिए है। लोक निर्माण विभाग कीर्तिनगर द्वारा राज्य सेक्टर से चोंडी-सिमलासी बैण्ड मोटर सम्बन्धी वन भूमि प्रकरण पांच माह से लंबित होने पर सम्बंधित अधिकारी द्वरा सही जवाब नही दिए जाने पर फटकार लगाई।
जिलाधिकारी ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण संबंधी प्रकरण को ऑनलाइन करते हुए हार्ड कॉपी डीएफओ को एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने आरओ स्तर पर पेंडिंग प्रकरणों को निरंतर फॉलो करते रहने के निर्देश दिए है। वहीं, पेयजल निगम घनसाली के अधिकारी के बैठक में उपस्थित नही होने पर स्पष्टीकरण के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण के निर्देश दिए है। वही नगर पंचायत स्तर पर लंबित वन भूमि प्रकरणों के निस्तारण पर धीमी गति पर संबंधित ईओ को त्वरित गति से प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका और पंचायतों को खुले में कूड़े को बिखेरने की नीति से बचना चाहिए। स्पष्ट किया की खुले में कूड़ा पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।

333 युवा सैन्य अफसर बनकर देश सेवा को हुए समर्पित

देश के 333 भावी सैन्य अफसर आज देश सेवा में समर्पित हुए। इसके अलावा 90 विदेशी कैडेट्स भी अपने देश की सेना में शामिल हुए। इनमें 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने। कड़े प्रशिक्षण में खरा उतरने के बाद जांबाज कैडेट्स ने आज आईएमए में अंतिम पग भरा। इसके साथ ही वे भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। परेड में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर भाग लिया।

आज सुबह छह बजकर 42 मिनट पर कैडेट परेड स्थल पहुंचे और परेड शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट ने सबसे पहले परेड की सलामी ली। ठीक सात बजकर पांच मिनट पर कमांडेंट ले. ज. जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया। रिव्यूइंग ऑफिसर ने विजेताओं को पुरुस्कार वितरित किए। फिर ये जांबाज अंतिम पग भर सेना में शामिल हो गए। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए।

मुंह पर मास्क पहनकर की परेड
इस बार 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट आईएमए से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय सेना और विदेशी कैडेट अपने देशों की कमान संभालने को तैयार हो गए हैं। ऐसा पहली बार है जब कैडेट बिना अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के अंतिम पग भरा। परेड भी कैडेट मुंह पर मास्क पहनकर कर रहे हैं।
पहली बार ऐसा हुआ कि आईएमए की पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर सीना चैड़ा किए कदमताल करके अपने बेटे को देखने और उसके कंधों पर पीप्स (सितारे) सजाने की माता-पिता की इच्छा पूरी नहीं हुई।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया है।

ये बने सर्वश्रेष्ठ
– स्वार्ड आफ आनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लो
– स्वर्ण-शिवकुमार सिंह चैहान
– सिल्वर-सक्षण राणा
– ब्रांज-सूरज सिंह
– टीजी सिल्वर-भरत योगेंद्र
– सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट-डोनवान सोन वियतनाम
– चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-अलामिन/सिंहगढ कंपनी

मुख्यमंत्री नाराज, क्वारंटीन सेंटर में आत्महत्या करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा व आंगनबाङी कार्यकत्रियों की सहायता से सर्विलांस को बढाएं। यह सर्विलांस नियमित रूप से होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित किया जाए। कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट कराई जाए।

कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर अनिवार्य तौर पर सेम्पलिंग
सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सेम्पलिंग कराई जाए। फ्रंटलाईन वर्कर्स को आवश्यकताअनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।

लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आईईसी कार्यक्रम संचालित करें। फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्यता से उपयोग, नियमित रूप से हाथ धोना आदि बातों को आदत में लाना होगा। बाजारों में एक जगह पर भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए।

कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट
मुख्यमंत्री ने देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित करते हुए जांच के निर्देश दिये। देहरादून में एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने पर मृत्यु की भी शीघ्र जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कन्टेनमेंट जोन में पूरी सख्ती रखी जाए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट किया जाए। हर मृत्यु के कारण का विश्लेषण किया जाए। कोविड केयर सेंटर में सारी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारेंटाईन सेंटर में भी सुविधाएं उपलब्ध हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन में सारे प्रोटोकोल का पालन हो। डिस्चार्ज कर होम आइसोलेशन में भेजे जाने वालों की काउंसिल की जाए।

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो। लोगों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों की जानकारी दी जाए। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह की घोषणा की।

जिला स्तर पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं।

होम क्वारेंटाईन में प्रोटोकॉल का पालन
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है। होम क्वारेंटाईन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व पूरी तरह आश्वस्त हो जाएं कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। सर्विलांस को बढाया जाना है।

पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट से मृत्यु दर पर नियंत्रण
सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं। पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर अधिक ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के अलावा सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित नहीं हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे।

प्रदेश में आने वालों का ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे भविष्य में उन्हें ट्रेक करने में आसानी होगी।

वीडियो कांफ्रेंसिग में आयुक्त कुमाऊँ अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव डाॅ पंकज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मौके पर पहुंची महापौर, सुनी मंशा देवी क्षेत्र की समस्याएं

लॉकडाउन खुलने के बाद हो रहे निर्माण कार्य के निरीक्षण के लिए महापौर आज ग्रामीण क्षेत्र मंसादेवी पहुंची। क्षेत्र में जगह-जगह लगी लाईटों, पुलिया एवं तमाम निर्माणाधीन कार्यों का महापौर ने जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जन समस्याओं को भी सुुुुना और अधिकांश जन समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करा दिया ।
एक और जहां डेंगू की दस्तक से पूर्व ही निगम प्रशासन द्वारा सुरक्षा इंतजामों और फाॅगिंग के साथ जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की जनसमस्याओं के निस्तारण में भी निगम प्रशासन कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है। वृहस्पतिवार की दोपहर नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने अचानक मनसा देवी क्षेत्र के छाबड़ा फार्म पहंुची और निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर लोगों की जनसमस्याओं को सुना। उन्होंने मौके पर ही विभागीय अधिकारियों को फोन के माध्मय से कई समस्याओं का निस्तारण किया।
इस दौरान महापौर ने क्षेत्रवासियों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सजग रहने की भी बात कही। उन्होंने क्षेत्रवासियों को बताया कि सरकार की ओर से तमाम निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है तभी कोरोना से बचाव संभव हो पाएगा। क्षेत्रवासियों द्वारा आर्दश जनप्रतिनिधि की तरह तमाम नगर निगम क्षेत्रों में जनता से सीधा संवाद कायम कर उनकी समस्याओं को सुनने और उनके निस्तारण कराने के लिए महापौर की मुक्त कंठ से सराहना भी की गई।
इस दौरान क्षेत्र वासियों द्वारा महापौर के सम्मुख पुलिस गस्त बढ़ाने की बात रखी जिसका तुरंत संज्ञान लेते हुए महापौर ने श्यामपुर चैकी प्रभारी को फोन क्षेत्र में गस्त बड़ाने के लिए आदेशित किया। मौके पर पार्षद विजेंद्र मोघा, सहायक नगर आयुक्त एलम दास, सहायक अभियंता आनंद मिश्रवान, जेई उपेंद्र गोयल, जेईई भरत जोशी, भरत सिंह सेमवाल, योगेंद्र भट्ट, पप्पू चैधरी, यशपाल राणा, जीत सिंह भंडारी, हरीश भट्ट, विजय बिष्ट, नरेंद्र लिंगवाल, मंगल नंद डबराल आदि प्रमुख रूप से मोजूद रहे।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।

आज से मंदिर, होटल, रेस्टोरेंट, शाॅपिंग माॅल खोलने की मिली अनुमति

आज से धार्मिक गतिविधियां सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक शुरू होंगी। मंदिरों के बोर्ड, ट्रस्ट या प्रबंधन समितियां सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करवाएंगी। होटल और होम स्टे को खोलने की अनुमति भी दे दी गई है। इसके साथ रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल भी सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खुल सकेंगे। वहीं, देहरादून नगर निगम क्षेत्र और कंटोनमेंट जोन में किसी भी गतिविधि को शुरू करने की अनुमति शासन ने नहीं दी है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल और धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। जिलाधिकारी अपने अपने जिलों में इसके लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने होंगे।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि आठ जून से प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट, शापिंग माल और धार्मिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है। दिशानिर्देशों के तहत सभी जिले व्यवस्था बनाने के लिए कार्यवाही करेंगे।

होटल को खोलने की दी अनुमति
होटल, होम स्टे आदि सेवाओं को खोलने की अनुमति दे दी है। होटल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश हैं कि कोविड-19 के प्रति संवेदनशील 75 शहरों में से आने वालों की बुकिंग नहीं की जाएगी। देश के अन्य शहरों से आने वाले अतिथियों के लिए सात दिन तक के लिए बुकिंग होगी। होटल को जिला प्रशासन को प्रत्येक गेस्ट की सूचना देनी होगी। होटल प्रबंधन को प्रत्येक व्यक्ति से लिखकर लेना होगा कि वे पर्यटन स्थल या सार्वजनिक स्थल में नहीं जाएंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा।

रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल मालिकों को राहत
सरकार ने रेस्टोरेंट और शापिंग मॉल के मालिकों को राहत देते हुए सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दे दी है। शापिंग मॉल मालिकों को लिखित में देना होगा कि एयर कंडिशनर चलाने के लिए सीपीडब्ल्यूडी के मानकों का पालन करेंगे। केवल पचास प्रतिशत दुकानें एक समय में खोली जाएंगी। जिला प्रशासन तय करेगा कि अधिकतम कितने लोग मॉल में एक समय में जा सकेंगे। इसके लिए अलग से एसओपी जारी की जाएगी। रेस्टोरेंट मालिकों को सामाजिक दूरी और सर्विस के दौरान टेबल की दूरी को लेकर भी व्यवस्था बनानी होगी।

धार्मिक स्थल खुलेंगे
धार्मिक स्थल सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही खुलेंगे। जिला प्रशासन मंदिरों के ट्रस्ट, बोर्ड और प्रबंधन समितियों से सलाह करने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या तय करेगा कि एस समय में कितने लोग मंदिर में आ सकते हैं।

देवस्थानम बोर्ड तय करेगा चारधाम यात्रा
प्रदेश सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड को चार धाम यात्रा शुरू करने का जिम्मा सौंपा है। जारी गाइडलाइन के अनुसार बोर्ड प्रबंधन यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और अन्य हक हकूकधारियों से चर्चा करेगा। आम सहमति बनने के बाद यात्रा शुरू की जाएगी। कितने श्रद्धालु यात्रा में आ सकते हैं, इसके लिए प्रोटोकॉल तय किया जाएगा। गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा को मानकों का पूरी तरह से अनुपालन होगा। यात्रा शुरू करने से पहले उसका पूरी तरह से प्रचार किया जाएगा। इसके साथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए तय प्रावधानों के बारे भी जानकारी दी जाएगी। उड़ान योजना के तहत हेलीकॉप्टर से सवारी के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सिविल एविएशन अलग से एसओपी जारी करेगा।

अन्य राज्यों के श्रद्धालु नहीं आयेंगे
प्रदेश सरकार के स्तर से जारी गाइडलाइन से स्पष्ट है कि चार धाम यात्रा और प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों में दर्शन के लिए केवल राज्य के नागरिकों को अनुमति होगी। प्रदेश के बाहर के लोगों को यात्रा और धार्मिक स्थलों में दर्शन की अनुमति नहीं होगी।

समाज कल्याण विभाग के कार्यालयों, स्कूल, हॉस्टलों की दीवारों पर बनेगी कुमांऊ की ऐंपण पेंटिंग

कुमांऊ की प्रसिद्ध ऐंपण कला को अब समाज कल्याण विभाग नशे के खिलाफ ढाल बनाएगा। इस कला के जरिए नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए विभाग अपने कार्यालयों, स्कूल और हॉस्टलों की दीवारों पर ऐंपण पेंटिंग बनाने जा रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने समाज कल्याण विभाग को नशा मुक्ति कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी है। जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे ने कार्यक्रम की शुरुआत की है।

सर्वप्रथम इसकी शुरूआत देहरादून से की जाएगी, यहां सर्वे चौक स्थित जिला समाज कल्याण कार्यालय में ऐपण पेंटिंग कराने की योजना है। इसके बाद कंडोली स्थित विभाग के सरकारी हॉस्टल व भगत सिंह कॉलोनी स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में होगी।

क्या है ऐपण लोक कला
ऐपण उत्तराखंड के कुमांऊ मंडल की प्रसिद्ध लोककला चित्रकला है, जो विश्व प्रसिद्ध है। कुमाऊं में दीपावली, देवी पूजन, लक्ष्मी पूजन, यज्ञ, हवन, जनेऊ संस्कार, छठ कर्म, शिवपूजन, विवाह, व्रत-त्योहार में घर की चौखट व दीवारों पर ऐपण लोक कला बनाने की परंपरा है। इसमें घर के आंगन से मंदिरों तक के मार्ग में ऐपण कला बनाई जाती है। इसमें सबसे पहले गेरू से पुताई करते हैं। इसके बाद उसके ऊपर बिस्वार (चावल के आटे का घोल बनाकर) से चित्र बनाए जाते हैं। इन चित्रों को शुभ माना जाता है।

पर्यावरण की सुरक्षा होगी तो प्राकृतिक आपदाओं से मिलेगा छुटकाराः महापौर अनिता ममगाईं

विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ नगर निगम प्रशासन ने निगम जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय पार्क में पौधारोपण किया। महापौर अनिता ममगाई की अगुवाई में आज सुबह निगम पार्षदों ने निगम वाटिका में विभिन्न फलदार और औषधीय पौधे रोंपे। इस अवसर पर महापौर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के अभाव में पृथ्वी कई रूप में प्रभावित हो रही है। पृथ्वी का प्रभावित होना जन जीवन के लिए घातक सिद्ध होने लगा है। जिसका ज्वलंत उदाहरण जल संकट के रूप में देखने को मिल रहा है। यदि पृथ्वी पर जल संकट गहराता रहा तो मानव सहित सभी जीव जंतु खतरे में पड़ जाएंगे। जल के अभाव में सुरक्षित जीवन की कल्पना यथोचित नहीं होगा। अर्थात हमें पृथ्वी पर पेड़ पौधों की संख्या बढ़ानी होगी और पर्यावरण की सुदृढ़ता कर कार्य करने होंगे।
महापौर ममगाई ने कहा कि दुनिया और देशभर में कोविड-19 के कहर के कारण मचे हाहाकार के बीच इससे निपटने के लिए लगाये गये देशव्यापी लॉकडाउन ने इंसान को जहां बंदिशों में रखा। वहीं प्रकृति को फिर से सजने और संवरने का मौका मिला है। लॉकडाउन प्रकृति के लिए नायाब तोहफे की तरह आया जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रदूषण पर लगी रोक ने पयार्वरण को खुद से खुद को ठीक करने का मौका दिया। उन्होंने पौधारोपण कार्यक्रम में मौजूद सभी से पर्यावरण पहरी के तौर पर कार्य करने का आह्वान भी किया। इस दौरान पार्षद विजय बडोनी, विजेंद्र मोगा, सुजीत यादव, विपिन कुकरेती, हर्ष गवाढ़ी, शिवम गर्ग, सफाई निरीक्षक अभिषेक मल्होत्रा, हवलदार नरेश खैरवाल, राजेंद्र बाल्मीकि, मुकेश खैरवाल आदि शामिल थे।