हरिद्वार को कुंभ की सौगात, सभी विद्युत लाइनें होंगी भूमिगत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईपीडीएस योजना के अंतर्गत कुम्भ क्षेत्र में विभिन्न विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने वाली 388.49 करोड़ लागत की योजना का भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कुम्भ स्मारक मैदान हरिद्वार में 4.99 करोड़ लागत 33/11 केवी उपसंस्थान गैण्डीखाता हेतु 22 किमी की 33 केवी लाईन का भी शिलान्यास किाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपसंस्थान गैण्डीखाता के निर्माण होने से गैण्डीखाता, चिड़ियापुर, लालढांग, मिठी बैरी, पीली पड़ाव क्षेत्र के लगभग 4000 उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी व वोल्टेज में सुधार होगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 70.11 करोड़ रूपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया। खानपुर, पिरान कलियर, हरिद्वार ग्रामीण, झबरेड़ा, भगवानपुर, रूडकी तथा ज्वालापुर विधानसभा के लिए कुल 56.14 करोड़ की कुल 39 योजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें 32 लोनिवि, 5 पेयजल व सिंचाई विभाग विभाग की 2 योजनाएं सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा रानीपुर, झबरेडा, हरिद्वार शहर में ग्रानिविप्र, चिकित्सा विभाग, लघु सिंचाई विभाग की 13.97 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण किया। जिनमें रानीपुर विधानसभा में ग्रामीण निर्माण विभाग प्रखण्ड द्वारा ग्रामीण निर्माण विभाग प्रखण्ड-हरिद्वार के कार्यालय भवन का निर्माण, झबरेड़ा में लघु सिंचाई विभाग द्वारा कार्यालय सहायक अभियंता, लघु सिंचाई उपखण्ड रूड़की का भवन निर्माण तथा हरिद्वार शहर विधानसभा में चिकित्सा विभाग द्वारा राजकीय मेला चिकित्सालाय हरिद्वार में लोकनिजी सहभागिता के अन्तर्गत डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार के अन्तर्गत 33 केवी की 54 किमी तथा 11 केवी 122 किमी की भूमिगत लाईनो, 140.20 किमी की भूमिगत एलटी लाईन, 50 किमी स्ट्रीट लाईट केबल के साथ ही विभिन्न विद्युत लाईनों को भूमिगत करने से कुम्भ क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण होगा। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ जनपदवासियों के साथ ही हरिद्वार में वर्ष भर आने वाले श्रद्धालुओं को, कुम्भ एवं कांवड़ व समय-समय पर होने वाले मेलों में विद्युत सुरक्षा मिलेगी। किसी भी प्रकार के मौसम आँधी, तूफान व बरसात में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनी रहेगी।
कार्यक्रम में कैबीनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठौर, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, पशु कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष डाॅ. विनोद आर्य, मेयर अनीता शर्मा, सचिव ऊर्जा राधिका झा, एमडी यूपीसीएल बी.सी. मिश्रा आदि उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ पर कैलाश खेर ने दी संगीतमय प्रस्तुति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताया है। उन्होंने कहा कि योग में मन और चित की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है, योग के द्वारा हमारे ऋषियों ने इसकी राह प्रशस्त की है।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार को ऋषिकेश स्थित गंगा रिसोर्ट में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद एवं गढवाल मण्डल विकास निगम के संयुकत तत्वाधान में 1 मार्च से 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को योग की राजधानी बताते हुए कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोडने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुनिया में योग को विशेष पहचान दिलाने का कार्य किया है। जिससे आज भारत गौरवान्वित है। इसने दुनिया में भारत की पहचान बनाने का कार्य किया है। योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः….. अर्थात सब सुखी हो, सब निरोगी रहें हमारा धेय वाक्य रहा है। देश व दुनिया को इस लक्ष्य तक पहुंचाने की ताकत योग में है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बीटल आश्रम (चैरासी कुटिया) का भी भ्रमण किया तथा वहां पर योग की शिक्षाओं एवं क्रियाओं की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने करो योग रहो निरोग का सन्देश देते हुए लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष योग महोत्सव के लिए अधिक रजिस्ट्रेशन होने पर प्रसन्नता जाहिर की।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड में पर्यटन विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन विभाग योग एवं अध्यात्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने 7 मार्च तक आयोजित हो रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2019 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योग महोत्सव के लिए लगभग 1200 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। देश-विदेश के 44 योगाचार्य इस योग महोत्सव में आमंत्रित हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव दुनिया में योगा के प्रचार प्रसार में दुनिया के अन्दर ऋषिकेश को योगा की राजधानी बनने के साथ ही योगा के प्रचार प्रसार में अह्म भूमिका निभा रहा है। हम यह चाहते है कि योगा के क्षेत्र में भारत में जो विधाये एवं ज्ञान प्राप्त है वह पूरी दुनिया को मिले। उन्होंने कहा कि योग का अपने आप में बहुत महत्व है। आदि काल से योग ने हम सब को अपनी संस्कृति से जोड़ के रखा हुआ है। आज योग का महत्व पूरी दुनिया ने माना है। योग के क्षेत्र में भारत विश्व गुरू बने इसके लिये हम प्रयासरत है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढावा देने के लिये राज्य सरकार होम स्टे योजना का विकास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सन् 2020 तक 5000 होम स्टे का लक्ष्य रखा है। आज हम द्रोणागीरी एवं चोपता जैसे मनमोहक स्थलों का नाम सुनते हैं तो वहां जाना चाहते है परन्तु रहने की सुविधा जैसी परेशानियों के मद्देनजर हमें सोचना पड़ता है। होम स्टे जैसी योजना इन स्थलों को दुनिया के नजर में लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। अभी तक हम 875 होम स्टे रजिस्टर्ड कर चुके हैं। और हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड के जो सुदूर क्षेत्र, रिमोर्ट एरिया है जो पर्यटन के क्षेत्र से काफी मनमोहक है रहने की असुविधा न हो इस वजह से होम स्टे जैसी योजना का विकास किया जा रहा है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने देश विदेश से आये योग उपासकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऋषिकेश में पिछले तीन दशक से यह आयोजन हो रहा है जो हमारी पहचान बन गया है। हमारा उद्देश्य शास्वत एवं प्रमाणिक योग को जन-जन तक पहुंचाना है। इस महोत्सव के माध्यम से योेग की साधना एवं इस क्षेत्र में सहयोग देने वाले लोगों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर योग गुरू सिद्धार्थ कृष्णा द्वारा योग सूत्र का पाठ किया गया। गायक कैलाश खैर द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गयी।
इस अवसर पर अध्यक्ष गढ़वाल मण्डल विकास निगम महावीर रांगड़, नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाई, अध्यक्ष नगर पालिका मुनि की रेति रौशन रतूड़ी, ज्योति नीरज खैरवाल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल योगन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

औली में नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ

विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा केन्द्र औली में तीन दिवसीय नेशनल नाॅर्डिक एवं एल्पाईन स्कीइंग और स्नो वोर्डिंग प्रतियोगिता का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मंगलवार को मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने विधिवत शुभारंभ किया। इस प्रतियोगिता में आर्मी, आईटीबीपी, हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली तथा उत्तराखण्ड की टीमें प्रतिभाग कर रही है। आईटीबीपी के व्यू प्वाइंट प्रांगण में आयोजित उद्घाटन समारोह में सभी टीमों ने राष्ट्रीय घ्वज के साथ नेशनल प्रतियोगिता मनाली के विजयी खिलाडी अतुल भट्ट की अगुवाई में मार्च पास कर मुख्य अतिथि को सलामी दी। इस दौरान प्रसिद्व लोक गायक दरवान नैथवाल, पूनम सती एवं उनकी टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने विश्व प्रसिद्व औली में नेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता के आयोजन की जमकर सराहना करते हुए औलम्पिक एसोशिएसन आॅफ इंडिया, उत्तराखण्ड औलम्पिक एसोशिएशन, आईटीबीपी और प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि औली के विश्व प्रसिद्ध स्कीईंग ढलानों को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग और औलम्पिक एसोशिएसन आॅफ उत्तराखण्ड के प्रयास निश्चय ही शीतकालीन खेलों को विश्व मानचित्र में इस प्रमुख स्थान दिलाने में समर्थ होंगे।

क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट ने औली को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु आईओए और यूओए के प्रयासों के लिये धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि औली में हर वर्ष स्कीइंग प्रतियोगिताऐ होनी चाहिए। कहा कि औली की प्रसिद्व ढलानों में जहाॅ देश के कोने-कोने से आये खिलाडियों को अच्छा प्रशिक्षण मिलेगा वही स्थानीय खिलाडियों को भी इससे काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में भरपूर सम्भावनाएं है। कहा कि प्रदेश में साहसिक खेल गतिविधियों को बढाने तथा पर्यटन की सम्भावनाओं के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। सीएस ने कहा कि पिछले वर्ष भी औली में फिस रेस के आयोजन के लिए पूरे प्रयास किये गये थे, लेकिन बर्फ न पडने के कारण गेम का आयोजन नही हो सका। उन्होंने कहा कि अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार औली में स्कीइंग प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर स्लोप की सुविधा मौजूद है। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से हर वर्ष औली में कोई न कोई खेल का आयोजन कराया जायेगा, ताकि राज्य और देश की प्रतिभाओें को पूर्ण विकसित होने का मौका मिले।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि औली के 1300 मीटर स्नो स्लोप पर तीन दिवसीय नेशनल नाॅर्डिक एवं एल्पाईन स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता के पहले दिन 1100 मीटर दूरी की सुपर जांइट सलाम स्नो रेस (सुपर जी) प्रतियोगिता संपन्न हुई। जिसमें एसएससीबी आर्मी टीम के देवेन्द्र गुरंग ने 55.66सेंकड में रेस पूरी कर पहला स्थान हासिल किया। जबकि हिमांचल प्रदेश की टीम के प्रतिभागी हीरा लाल ने 56.58 सेकंड में तथा एसएससीबी आर्मी के त्वेसिंह ने 57.03 सेकंण्ड में रेस पूरी करते हुए क्रमश दूसरा और तीसरा स्थान पर रहे। इससे पूर्व आईटीबीपी के जवानों ने औली स्की स्लोप पर अनके स्कीइंग खेल करतब भी दिखाये, जिसका दर्शकों ने जमकर आनंद उठाया। औली मे सुपर जी और क्रासकन्टी महिला और पुरूष वर्ग की स्कीइंग प्रतियोगिता संपन्न हुई।

उन्होंने बताया कि सुपर जे पुरूष वर्ग मे एसएससीबी आर्मी के देवेन्द्र गुरंग पहले, हिमाचल के हीरा लाल दूसरे, एसएससीबी आर्मी त्वेसिंग तीसरे स्थान पर रहे। महिला वर्ग मे संध्या, आंचल और वर्षा ने क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। ये तीनो हिमाचल के खिलाड़ी हैं। क्रासकन्टी 15 किलोमीटर स्कीइंग में पुरूष वर्ग में मन बहादुर गुरंग, रमीज अहमद, टी हुसैन ने क्रमशः पहला दूसरा.और तीसरा स्थान हासिल किया। ये तीनो खिलाड़ी एसएससीबी आर्मी के खिलाड़ी है। वही महिला वर्ग की क्रासकन्टी स्कीइंग में बबीता, भावना खोलिया तथा पार्वती खम्पा ने क्रमशः पहला दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। ये तीनो खिलाड़ी आईटीबीपी टीम से है।
इस दौरान गढवाल मंडल आयुक्त डा. बीवीआरसी पुरूषोत्तम, उत्तराखण्ड ओलंपिक एशोसिएशन के महासचिव डी के सिंह, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह, उत्तराखण्ड ओलंपिक एशोसिएशन के प्रवीण शर्मा, तकनीकि सलाहकार शिव पैनोली, आईटीबीपी स्कीइंग और माउंटनेयरिंग स्थान के प्राचार्य डीआईजी एस चैहान, नगर पालिका जोशीमठ के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण सिंह रावत सहित गणमान्य नागरिक व जनप्रतिनिधि, देश विदेश से आये पर्यटक व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

टिहरी झील को पर्यटन की दृष्टि से और विकसित करेंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को टिहरी में तीन दिवसीय टिहरी लेक महोत्सव-2019 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील हमारे लिये अनमोल धरोहर की तरह है, जिसमें देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता है। इस झील में हमे उत्तराखण्ड के बच्चों का भविष्य नजर आता है। प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य एवं संकल्पना को साकार करने के लिये झील महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करना है। खर्चीलें टूरिस्ट यहां आयेंगे तो इस क्षेत्र की आर्थिकी को और मजबूती मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि जो व्यक्ति टिहरी झील को देखेगा वह बार-बार यहां आयेगा। गत वर्ष 13 राज्यों के प्रतिभागी टिहरी झील महोत्सव में आये थे और इस बार 24 राज्यों के प्रतिनिधि इस महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा 13 जिले 13 डेस्टीनेशन की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत हैं। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेगें। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधाये उपलब्ध हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक मुश्त रूपये 88 करोड़ डोबरा-चांठी पुल निर्माण के लिए अवमुक्त किये हैं। ऑलवेदर रोड़ पर भी कार्य चल रहा है। ऑलवेदर रोड़ बनने के बाद ऋषिकेश से नई टिहरी पहुंचने में मात्र डेढ घण्टे का समय लगेगा। टिहरी झील में सी प्लेन उतारने के लिए भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शीघ्र ही टिहरी झील में सी प्लेन उतारा जायेगा। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप सामने आयेगा जो निश्चित रूप से देश व दुनिया को अपने ओर आकर्षित करने में मददगार रहेगा।
गंगा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाये रखने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘‘यह कल-कल बहती गंगा की धारा क्या कहती….. ‘‘ पंक्तियों के माध्यम से पवित्रगंगा का स्मरण किया। उन्हांने कहा कि गंगा नदी हमें त्याग व समर्पण सीखाती है निर्मलता का संदेश देती है। हम सभी को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता को बनाये रखने में योगदान देना होगा। उन्होंने टिहरी की जनता से अतिथि सत्कार की भावना विकसित करने की भी अपील की ताकि अधिक से अधिक पर्यटक टिहरी भ्रमण पर आने के लिए प्रेरित हों।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नई टिहरी साहसिक खेल अकादमी का नाम एवरेस्ट विजेता स्व दिनेश सिंह रावत के नाम पर रखे जाने की घोषणा की।

उन्होंने मां राजेश्वरी महिला स्वयं सहायता समूह को सिलाई व्यवसाय, जागृति महिला वचन समूह को डेरी व्यवसाय एवं भगवती महिला स्वयं सहायता समूह को अगरबत्ती उद्योग विकसित करने के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर रूपये पांच-पांच लाख के ऋण के चेक वितरित किये।
इस अवसर पर जनपद के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील क्षेत्र के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षो से अभिनव प्रयास किये जा रहें है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शासन की सोची समझी रणनीति के तहत ही टिहरी लेक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। सरकार का मकसद टिहरी झील क्षेत्र की सूरत बदलना है। इस महोत्सव के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान टिहरी क्षेत्र की ओर आकर्षित करना हैं। जिसके लिए शासन और प्रशासन कार्य कर रहा हैं।
कार्यक्रम को टिहरी सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह एवं क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक विजय सिंह पंवार व शक्तिलाल शाह, गढवाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष महाबीर सिंह रांगड, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, स्वामी चिदानंद मुनी, जिलाधिकारी सोनिका, पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई आदि उपस्थित थे।

गंगा की निर्मलता और स्वच्छता बनाए रखने के सभी कार्य गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नमामि गंगे, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन व देहरादून स्मार्ट सिटी लि. की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सचिवों व विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि सभी कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। जिससे कार्यों की गुणवत्ता व प्रगति की पूरी जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी वीडियो रिकाॅर्डिंग भी की जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सहायतित योजनाओं की समय-समय पर प्रगति की जानकारी केन्द्र सरकार को भी दी जाए। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिए जांए। इसके लिए रिसोर्स बढ़ाने की जरूरत हो तो बढ़ाएं लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य निर्धारित समय में पूर्ण हो जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए जो भी कार्य किये जा रहे हैं उनका होर्डिंग व अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाए। जो कार्य प्रगति पर हैं उनकी जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि गंगा आस्था का प्रतीक होने के साथ ही हमारी अमूल्य धरोहर भी है। नमामि गंगे के तहत हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों की रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट एवं प्रमुख स्थानों पर भी होर्डिंग, बैनर व फ्लैक्स के माध्यम से प्रचारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे के तहत जो वृक्षारोपण किये जा रहे हैं, उनमें फलदार वृक्ष और मेडिसनल प्लांट अधिक लगाये जाएं। स्वच्छता अभियान में अच्छा कार्य करने वाली पालिकाओं को सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत ऐसी कार्य योजना बनाई जाए जिससे देहरादून को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर बनाया जा सके। इसके अलावा जनसुविधाओं के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए।
नमामि गंगे में 66 कार्यों में से 41 कार्य पूर्ण व 24 पर कार्य गतिमान
बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम की सभी 13 सीवरेज योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। नमामि गंगे के तहत 66 कार्यों में जिसमें स्नान एवं शमशान घाटों का निर्माण, घाटों की सफाई, नदी तट की सफाई शामिल है, में से 41 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 24 पर कार्य प्रगति पर है जबकि एक की निविदा प्रक्रिया चल रही है। नमामि गंगे के तहत 135 नालों में से 91 नाले टेप किये जा चुके हैं, शेष पर कार्य गतिमान है। सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के तहत स्वीकृत 19 परियोजनाओं में से 05 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं, 13 परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है व एक परियोजना पर मूल्यांकन चल रहा है। गंगा नदी के किनारे सभी 15 नगरों व देहरादून में रिस्पना व बिन्दाल पर एस.टी.पी. इन 19 परियोजनाओं में शामिल हैं। हरिद्वार के सराय में 14 एमएलडी एसटीपी का कार्य मार्च 2019 तक व जगजीतपुर में 68 एमएलडी एसटीपी का कार्य जून तक पूर्ण कर लिया जायेगा। नमामि गंगे के तहत वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण, चैक डेम, गंगा वाटिका व वृक्षारोपण हेतु वर्कशाॅप भी कराये जा रहे हैं। वृक्षारोपण के तहत 40 प्रतिशत फलदार वृक्ष व 20 प्रतिशत मेडिसनल प्लांट लगाये जा रहे हैं।
शहरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अमृत मिशन के तहत शौचालय निर्माण शत प्रतिशत जलापूर्ति का लक्ष्य जल्द किया जायेगा पूरा
प्रदेश के सात शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूड़की, रूद्रपुर, काशीपुर व नैनीताल को अमृत मिशन के अन्तर्गत शामिल किया गया है। इसका उद्ेश्य इन शहरों में बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, हरित क्षेत्र व शहरी परिवहन की सुविधा मुहैया कराना है। अमृत मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सभी परिवारों को जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस मिशन के प्रारम्भ होने से पूर्व 57 प्रतिशत जलापूर्ति कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 88 प्रतिशत हो गये हैं। शौचालय निर्माण शत प्रतिशत किया जा चुका है। इस मिशन के तहत अभी तक लगभग 445 करोड़ रूपये के 101 स्वीकृत कार्यों में से 16 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 72 पर कार्य प्रगति पर है, शेष पर निविदा प्रक्रिया गतिमान है।
वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का डोर टू डोर एकत्रीकरण का वेरिफिकेशन किया जाए
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत खुले में शौच की प्रवृत्ति के उन्मूलन, आधुनिक और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता हेतु जागरूकता व नगर निकायों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि सभी 100 निकायों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए 1162 वार्डों में से 914 वार्डों में डोर टू डोर एकत्रीकरण किया किया जा रहा है। 278 वार्डों में सोर्स सेग्रिगेशन का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भी सुनिश्चित किया जाए कि जो भी वृक्षारोपण हो रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का जो डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण किया जा रहा है, इसकी वास्तविक स्थिति जानने के लिए वेरिफिकेशन किया जाए।
देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि अवस्थापना विकास, स्वच्छ वतावरण व बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से देहरादून स्मार्ट सिटी बनाई जायेगी। स्मार्ट सिटी के लिए कुल 1407.5 करोड़ रूपये के फण्डिंग की योजना है, जिसमें से 500 करोड़ केन्द्र सरकार, 500 करोड़ राज्य सरकार व 407.50 करोड़ पीपीपी मोड व अन्य से किये जाने की योजना है। इसके तहत 7 वाटर एटीएम, 7 स्मार्ट टाॅयलेट, 3 स्मार्ट स्कूल जीजीआईसी राजपुर रोड, जीआईसी खुड़बुड़ा, राजकीय जूनियर बालिका हाई स्कूल खुडबुड़ा बनाये जाने की योजना है। इसके अलावा दून इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर, शहर के प्रमुख मार्गों पर स्मार्ट रोड, जलापूर्ति व निकासी की योजना, परेड ग्राउण्ड का पुनरोद्धार, डीबीएस व डीएबी काॅलेज क्षेत्रों का पुनरोद्धार, सिटी ट्रासंपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट व कलक्ट्रेट कैम्पस ग्रीन बिल्डिंग से सबंधित कार्य स्मार्ट सिटी के तहत किये जायेंगे।
बैठक में वित्त व पेयजल मंत्री प्रकाश पंत, सचिव राधिका झा, अरविंद सिंह ह्ंयाकी, शैलेस बगोली, अपर सचिव एच.सी. सेमवाल व संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

भारत पर्व में उठाइए उत्तराखंड के लजीज व्यंजनों का स्वाद

“ऐतिहासिक लाल किला मैदान में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित “भारत पर्व” में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी, लोक संस्कृति, हस्तशिल्प एवं पारम्परिक व्यंजनों का होगा प्रदर्शन।”
दिल्ली स्थित लाल किला परिसर में आयोजित “भारत पर्व” के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य के हस्तशिल्प लोक संस्कृति एवं खान-पान को प्रदर्शित किया गया है। इसके अतिरिक्त गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी “अनासक्ति आश्रम” को समारोह स्थल में प्रदर्शित किया किया गया है।
महोत्सव में आज उत्तराखण्ड राज्य का मुख्य आकर्षण “लाइव फूड डिमोन्सट्रेशन” रहा, जिसमें उत्तराखण्ड के पारम्परिक व्यंजनों (भटट का हलवा, नन्दा थाली, झंगोरें की खीर) को शेफ द्वारा प्रदर्शित किया गया जिसका भारत पर्व में आये दर्शकों ने पारम्परिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया एवं दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया।

“भारत पर्व” में 28 और 30 जनवरी, 2019 को सांय 4 बजें उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा होलिया नृत्य, छपेली एवं झोडा, चाँचरी नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि “भारत पर्व” का आयोजन पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस वर्ष “महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती” थीम पर आधारित है। भारत पर्व आयोजन में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद्, संस्कृति विभाग, हस्तशिल्प उद्योग विभाग द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

मनोरंजन से भरपूर रेडियो चैनल उत्तराखंड में हुआ लांच

रेड एफएम 93.5 रेडियो चैनल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। यह रेडियो चैनल राज्य का पहला रेडियो चैनल है। यह रेडियो चैनल राज्य में 24 घंटे लोगों को मनोरंजन प्रदान करेगा। साथ ही कई सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालेगा।

देहरादून के कौलागढ़ रोड स्थित साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के कार्यालय से रेड एफएम 93.5 रेडियो चैनल का बुधवार को शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री ने राज्य के पहले इस निजी रेडियो चैनल का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने रेडियो चैनल की टीम को बधाई व शुभकामना देते हुए कहा कि रेड एफएम 93.5 का उत्तराखण्ड व देहरादून में पहला रेडियो स्टेशन है।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि रेड एफएम 93.5 मनोरंजन के साथ-साथ, विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर सामाजिक चेतना लाने में अहम भूमिका निभायेगा। साथ ही राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं व नीतियों को लोगों तक पहुंचाने में कारगार सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर एफएम रेडियो चैनल से उत्तराखण्ड की रमणीय, सौन्दर्य, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विशेषताएं और अधिक उजागर होंगी। रेडियो चैनल की शुरूआत से राज्य के ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं, जो रोचक तरीके से रेडियो पर प्रस्तुतिकरण दे सकते हैं, के लिए नये अवसर मिलेंगे।

विदित हो कि इस रेडियो स्टेशनक की फ्रीक्वेंसी 48 किलोमीटर तक की रहेगी। शुरूआती दौर में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, मंसूरी और विकासनगर के अलावा कई अन्य शहरों को इसका लाभ मिलेगा। यह रेडियों चैनल पांच आरजे की टीम वाला है। जिसे लीड आरजे काव्य करेंगे।

नोडल अधिकारी के जरिये इस नदी का होगा पुनरूद्धार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनरूद्धार के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कोसी नदी के पुनरूद्धार में आम जन की सहभागिता हो, इस बात का हमें विशेष ध्यान रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर एक अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी जो कोसी नदी पुनरूद्धार के कार्यों में सहयोग प्रदान करेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कोसी नदी के पुनरूद्धार के लिए कोसी कैचमेंट एरिया से जुड़े ग्रामीण जिन्हें अभी भी रसोई गैस कनैक्शन उपलब्ध नहीं हुए है, उन्हें रसोई गैस कनैक्शन प्राथमिकता से उपलब्ध कराये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि कोसी कैचमेंट एरिया में जहां पर भी चैकडैम बनाये गये हैं, वहां पर देसी गुलाब के पेड़ लगाये जाय। इससे एक ओर जहां चैकडैमो को मजबूती मिलेगी वहीं दूसरी ओर मधुमक्खी पालन मंे भी यह उपयोगी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को कोसी कैचमेंट एरिया में खस घास लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोसी नदी के चारों तरफ चौड़ी पत्ती के पेड़ सहित फलदार पौधरोपण अधिकाधिक हो, इसके लिए विशेष अभियान चलाना होगा।

उन्होंने कहा कि कोसी कैचमेंट एरिया से जुड़े प्रत्येक ग्राम का हर व्यक्ति इस अभियान से जुड़े इसकी हमें विशेष पहल करनी होगी। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों द्वारा भी सहयोग प्रदान करने की बात की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर हमें मनरेगा के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ाना होगा। भविष्य में इसके लिए बजट प्राविधानित किया जायेगा ताकि इस अभियान को और अधिक गति मिल सकें। उन्होंने कहा कि कोसी कैचमेंट एरिया के विकास के लिये कार्य योजना बनायी जा रही है।

डाटकाली टनल में दिखेगी उत्तराखंड की संस्कृति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा देहरादून में निर्माणाधीन अजबपुर, आईएसबीटी के फ्लाई ओवर तथा डाटकाली टनल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था को निर्देष दिये कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के अन्दर पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि समयबद्धता एवं गुणवत्ता का विषेष ध्यान रखा जाए। कार्य की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाष्त नहीं की जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कार्यदायी संस्था को अजबपुर के फ्लाई ओवर का कार्य जुलाई 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। कार्यदायी संस्था द्वारा अजबपुर फ्लाई ओवर के ऊपर विद्युत लाईन के होने के कारण कार्य में परेषानी होने के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस सम्बंध में सचिव ऊर्जा को आवष्यक कार्यवाही के निर्देष दिए।
आईएसबीटी के फ्लाई ओवर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देष दिये कि जन-सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि जो भी फ्लाई ओवर बनाये जा रहे हैं, उनके दोनो तरफ सौन्दर्यीकरण कार्य भी किया जाए। इस अवसर पर उन्होंने मोहकमपुर के फ्लाई ओवर की कार्यप्रगति की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पूर्व दोनों फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इनका निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोगों को चौराहों पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।

इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने डाटकाली टनल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि टनल का निर्माण कार्य एक वर्ष के अन्दर पूर्ण कर लिया जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था को निर्देष दिये कि टनल के प्रवेष द्वारो की दीवारों पर इस तरह सौन्दर्यीकरण किया जाए कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विषेषताओं की झलक एक साथ पर्यटकों को दिखाई दे। देवभूमि एवं वीरभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक दिखाने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए।

होली पर त्रिवेन्द्र ने जनता को दी बधाई

होली के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनता से भेंट कर होली खेली। इस दौरान जनता ने उन्हें अबीर व गुलाल भी लगाया। इस मौके पर त्रिवेन्द्र बोले होली का पर्व हमारे सनातन धर्म परंपराओं में से एक पावन पर्व है। जिससे हमें सदैव प्रसन्न व उल्लासित रहने की सीख मिलती है।

मुख्यमंत्री आवास पर होली मिलन कार्यक्रम में जनता ने सीएम त्रिवेन्द्र को रंग लगाकर होली की शुभकामनायें दी। इस पर सीएम ने भी रंगो के पर्व की सभी प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनायें दी। सीएम ने प्रदेशवासियों के उज्जवल भविष्य व दीर्घ जीवन, समृद्धि की कामना भी की। त्रिवेन्द्र बोले हमारे अधिकांश त्यौहार खेती, गांव और प्रकृति पर आधारित है। प्रकृति ने हमेशा सृजन का कार्य करती है। उन्होंने प्रदेश के सभी किसानों को होली की शुभकामना देते हुये कहा कि किसान अन्नदाता व ग्राम देवता है। किसानों की आय दोगुनी हो, इसके लिये केंद्र की मोदी सरकार वचनबद्ध है। मोदी सरकार ने उनके हित के लिये अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई हुयी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने होली के पावन पर्व पर राजभवन में राज्यपाल डा. केके पाल से भेंट की और उन्हें होली की शुभकामनाएं व बधाई दी। इस अवसर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने भी राज्यपाल डा. केके पाल को होली की शुभकामनाएं दी।