सीएम धामी का कालाढूंगी विधानसभा में भव्य स्वागत, दी करोड़ों रुपये की सौगात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा कालाढूंगी के लिए 95 करोड़ 9 लाख की 36 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र के भविष्य की नींव रखी गई है, योजनाओं के पूर्ण होने पर क्षेत्र का सर्वागींण विकास होगा। इन योजनाओं से क्षेत्र के 8012 परिवार पेयजल योजना से लाभान्वित होंगे। आज का दिन विधानसभा कालाढूंगी में विकास के एक नए युग का सूत्रपात में सहायक सिद्ध होगा। इन 36 योजनाओं में मोटर मार्ग निर्माण, पेयजल और सिंचाई की क्षमता के विकास जैसे जनहितकारी क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस माह 4 प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कराई जा रही है तथा रिक्त पदों का अधियाचन आयोग को प्रेषित किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने हों, प्रदेश की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को लागू करना हो, समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करना हो, जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून बनाना हो, नई शिक्षा नीति लागू करना हो, नई खेल नीति लागू करना हो, सख्त नकल विरोधी कानून बनाना हो, राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण देना हो सभी का सरकार द्वारा कार्य किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधान सभा कालाढूंगी मे 398.00 लाख की धनराशि से आनंदपुर नलकूप पेयजल योजना तथा लामाचौड खास नलकूप पेयजल योजना लागत 159.00 लाख की 2 योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कालाढूगी के विकास के लिए 34 योजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें गोविन्दपुर गढवाल पेयजल योजना लागत रूपये 310.00 लाख, पनियाली पेयजल योजना लागत 222.00 लाख, पीपलपोखरा पेयजल योजना 558.00 लाख, लालपुर नायक पेयजल, लागत 334.00 लाख,प्रेमपुर लोश्ज्ञानी पेयजल, लागत 431.00 लाख, रामडी आनसिंह पेयजल योजना लागत 326.00 लाख, पतलिया पेयजल योजना लागत 434.84 लाख, बजूनिया हल्दू पेयजल योजना लागत 297.93 लाख, कमोला नलकूप योजना लागत 399.63 लाख, कालाढूगी बन्दोबस्ती पेयजल योजना लागत 298.61, सेल्सिया पेयजल लागत 117.38 लाख, छोटी हल्द्वानी पेयजल लागत 161.08 लाख, रतनपुर रामपुर पेयजल 490.11 लाख,धापला पेयजल 63.91 लाख, दोहनीया पेयजल 206.74 लाख,गिनती गांव पेयजल 399.30 लाख, चांदपुर पेयजल 142.82 लाख, नाथुजाला पेयजल 227.10 लाख, नया पाण्डे गांव पेयजल 54.00 लाख, पवालगढ मनखथपुर पेयजल 332.45 लाख,विजयपुर धमोला पेयजल 271.64 लाख, धमोला पेयजल 350.86 लाख, मन्दरजुडा पेयजल 442.26 लाख, चोपडा पम्पिंग पेयजल 235.33 लाख,ज्योली पेयजल 172.12 लाख,भद्यूनी पम्पिंग योजना 103.35 लाख, बल्यूटी पम्पिंग योजना 261.39 लाख, रानीबाग पम्पिंग योजना 342.05 लाख,सूर्यागांव पम्पिंग योजना 151.98 लाख, दोगडा पेयजल योजना 88.61 लाख,डोलमार पेयजल योजना 61.13 लाख, हैडी पेयजल योजना 27.43 लाख तथा डहरिया धानमिल से आनन्दा स्कूल निलांचल कालोनी से बिडला स्कूल छडायल रोड तक मार्ग पुनः निर्माण कार्य लागत 381.80 लाख की धनराशि का कुल 34 योजनाओं का शिलान्यास किया।

घोषणा
मुख्यमंत्री धामी ने कालाढूंगी विधान सभा के लिए नगर पंचायत कालाढूंगी में उपमण्डी समिति की घोषणा, कालाढूंगी में ब्रिटिश कालीन फाउंड्री को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु उसका सौन्दर्यीकरण एवं मुख्य मार्ग तक नहर कवर कर सड़क का निर्माण, विकास खण्ड कोटाबाग के ग्राम धमोला मे लदुवागाड झरने का पर्यटन स्थल का सौन्दर्यीकरण एवं सडक निर्माण, कालाढूंगी मुख्य मार्ग के चकलुवा में नेहाल नदी में मुख्य मार्ग पर पुल का निर्माण,ग्राम रतनपुर बैलपडाव में नलकूप निर्माण तथा बैलपडाव के सरदार धडे मे नलकूप निर्माण, ग्राम पंचायत आंवलकोट मे स्थित प्राचीन हुनमानधाम मन्दिर का जीर्णाेद्वार व सौन्दर्यीकरण की घोषणा की।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुये कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। विधानसभा कालाढूंगी आज विकास के मार्ग पर अग्रसर हो रहा है जिसका लाभ यहाँ की जनता को मिलेगा। सरकार द्वारा कालाढूंगी के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है जो कालाढूंगी विधानसभा के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगी। कार्यक्रम को केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेन्द्र भट्ट एवं जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत बेला तोलिया, मेयर डा0 जोगेन्दर पाल रौतेला, दीवान सिंह बिष्ट, सरिता आर्या, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट के साथ ही प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, हेमन्त द्विवेदी, विकास भगत, डॉ अनिल कपूर डब्बू, अध्यक्ष नगर पंचायत पुष्कर कत्यूरा, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनन्द दरम्वाल, नवीन भटट, सुरेश भट, गजराज बिष्ट, सुरेश तिवारी, लाखन नेगी, प्रताप बोरा सुरेश गौड, रंजन बर्गली, भूवन भटट, राकेश नैनवाल, प्रदीप बिष्ट, हुकम सिंह कुवर, दीपक सनवाल, दीपक मेहरा, मुकेश बोरा, दीपाली कन्याल,कल्पना बोरा, अलका जीना के साथ ही क्षेत्रीय जनता एवं गणमान्य उपस्थित रहे।

कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए प्रदेशवासियों से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा विश्व स्वास्थ्य दिवस हमको को स्वस्थ रखने के लिए दिन रात काम करने वाले सभी लोगों के प्रति हमारी कृतज्ञता और उनकी प्रशंसा करने का दिन है। डॉ आर राजेश कुमार ने राज्य के आम जनमास से हेल्थ फॉर ऑल की अपील की है। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आजकल लोगों की जिंदगी आराम दायक होती जा रही है, जो शरीर के लिए कष्टकारी है। लोगों को रेग्यूलर एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक करना चाहिए। आराम दायक जिंदगी जीने से शुगर, बल्डप्रेशर और मोटापा बढ़ता है। आजकल ये बीमारियां आम हो गई हैं। इसका मुख्य कारण काम न करना और नियमित दिनचर्या से हटकर कार्य करना है।
डॉ आर राजेश कुमार ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि गैर संक्रामक रोगों से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव बदलाव बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा उचित खान पान, नियमित व्यायाम अपनाने व भोजन में तेल,चीनी नमक व ट्रांसफैट से निर्मित खाद्य पदार्थाे का उपभोग कम करके हम शरीर को काफी हद तक स्वस्थ्य रख सकते हैं। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि हमें दैनिक उपयोग में लाये जाने. वाले भोज्य पदार्थ (पैकेट बंद आटा, तेल, चीनी, नमक एवं दूध) क़ो खरीदते समय प्लस एफ का निशान अवश्य देखें।
आयुक्त खाद्य सरक्षा द्वारा अवगत कराया गया कि सुरक्षित आहार के संबंध में जन जागरूकता बढ़ाने व मोटे अनाज आधारित उत्पादों क़ो प्रचलन में लाने हेतु विस्तृत स्तर पर जण जागरूकता कार्यक्रम ई ट्राइड मेला व कार्यशालाये आयोजित की जा रही हैं। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड द्वारा यह भी अवगत कराया गया की प्रदेश में खाद्य एवं औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु संस्थागत प्रयास किये जा रहे हैं, साथ हीं आमजन मानस से अपील की है कि सुरक्षित आहार हीं स्वास्थ्य का आधार है अतः सुरक्षित आहार हेतु जागरूक उपभोक्ता बने व जिसे खाद्य जनित रोगों से बचा जा सकें। उन्होंने कहा जीवन में स्वास्थ्य नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम के बल पर हम अपने स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल कर सकते हैं। सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कोरोना टीकाकरण से वंचित लोगों को कोरोना टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करने तथा बेहतर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदैव नशे से दूर रहने का संकल्प लेने की बात कही।
आपको बता दें कि हर साल, विश्व स्वास्थ्य दिवस को एक अनूठी थीम के साथ मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ ने इस साल हेल्थ फॉर ऑल थीम के साथ इसे मनाने का फैसला किया है। इस बार का विषय इस सोच को दर्शाता है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है और हर किसी को बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के जब और जहां इसकी आवश्यकता हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। इस साल डब्ल्यूएचओ अपनी 75वीं वर्षगांठ भी मना रहा है, इसलिए इस दिन खास बनाने के लिए, डब्ल्यूएचओ उन सार्वजनिक स्वास्थ्य सफलताओं को भी देखेगा, जिन्होंने पिछले सात दशकों के दौरान जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।

72 तरह के हैल्थ टेस्ट आमजन के लिए निःशुल्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में जे के टायर लिमिटेड कम्पनी तथा यस बैंक द्वारा सीएसआर के तहत लगाये गये हैल्थ एटीएम का लोकार्पण किया। यस बैंक द्वारा सचिवालय डिसपेंसरी, विधान सभा डिसपेंसरी तथा टनकपुर चिकित्सालय में एक-एक हैल्थ एटीएम स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही जे0 के0 टायर कम्पनी द्वारा पुलिस लाइन, जे0एल0एन0 जिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय नैनीताल, सयुंक्त चिकित्सालय टनकपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जसपुर, उप जिला चिकित्सालय, रानीखेत, अल्मोड़ा में एक-एक हैल्थ एटीएम स्थापित किये गये हैं। इन 9 हैल्थ एटीएम के माध्यम से आम जनमानस द्वारा स्वयं अपने विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षण किए जा सकेंगे, इनमें हीमोग्लोबिन, टीएलसी एण्ड डीएलसी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, युरिक ऐसिड, कॉलेस्ट्रॉल, एचबीएसी, ब्लड ग्रुप, लिपिड प्रोफाइल, ट्राईगिलसाइड, लाइकोप्रोटिन, प्रेगनेन्सी टेस्ट तथा किडनी टेस्ट आदि सहित कुल 72 टेस्ट किए जा सकते हैं। इन हैल्थ एटीएम पर यह जाँच सुविधा निःशुल्क रहेगी। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनमानस से अपील की गई है कि इन हैल्थ एटीएम की जाँच के नतीजे के आधार पर स्वयं औषधि न लें। परिणाम सामान्य न होने पर चिकित्सक का परामर्श अवश्य लें।
इसके साथ ही इस अवसर पर सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग तथा आईओसीएल, यस बैंक तथा जेके टायर के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में महानिदेशक स्वास्थ्य तथा उक्त कम्पनियों के मध्य स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग हेतु एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सौजन्य से सीएसआर के तहत राज्य के सभी ब्लॉकों में उपलब्ध कराई जाने वाली 40 ट्रू नेट मशीनों का भी लोकार्पण किया। इन ट्रू नेट मशीनों की सहायता से टी0बी0, कोविड तथा अन्य रोगों की जांच में सहायता मिलेगी। यह मशीनें राज्य के 40 दूरस्थ स्थानों में क्रियाशील रहेंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा यस बैंक, आईओसीएल व जे के टायर इन हैल्थ एटीएम तथा ट्रू नेट मशीनों के इस पहल के लिए बधाई के पात्र हैं। आईओसीएल द्वारा प्रदेश के सभी ब्लॉकों के लिए 40 ट्रू नेट मशीनों की उपलब्धता से हमारे राज्य में इस दिशा में 100 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा हो गया है। इन सुविधाओं से आमजन की न केवल समय की बचत होगी बल्कि धन की भी बचत होगी। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इन हैल्थ एटीएम के माध्यम से जनमानस स्वयं समय-समय पर अपनी जाँच कर अपने स्वास्थ्य की देखभाल बेहतर ढंग से कर सकेंगे। हर वर्ष लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी इन सुविधाओं से लाभ होगा। देशभर के निजी संगठनों व कम्पनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में मदद की अपील करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में जन्म लेना सौभाग्य की बात है परन्तु देवभूमि में सेवा करना उससे भी बड़े सौभाग्य व गौरव का विषय है। जिन लोगों को भी यहाँ सेवा का अवसर मिल रहा है, वह भाग्यशाली हैं। निजी कम्पनियों से अपील है कि क्योंकि उत्तराखण्ड एक छोटा राज्य है, कम्पनियां उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी मदद देकर एक मॉडल स्थापित कर सकते हैं। सीएम ने आईओसीएल से विशेष रूप से राज्य में रोजगार सृजन के क्षेत्र में योगदान की अपील की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा0 धन सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य डा0 आर0 राजेश कुमार, डीजी हैल्थ डा0 विनिता शाह, यस बैंक के स्टेट हेड अजय मिश्रा, क्लस्टर हेड निशांत अहूजा, हरेन्द्र बिष्ट, आईओसीएल से भानु प्रकाश सेमवाल, उदित जैन, जे के टायर से अजय कुमार, गरिमा पंत व स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

शिक्षण कार्य पेशा नहीं बल्कि एक पवित्र नैतिक कर्तव्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को शिमला बाईपास रामगढ़ में जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल का शुभारम्भ किया। देश में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले जी.डी. गोयन्का पब्लिक स्कूल समूह के विद्यालय से उत्तराखण्ड को जोड़ने के लिए स्कूल के संस्थापक कुलानन्द नौटियाल को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आशा है कि यह संस्थान भविष्य में सफलता के नवीन आयाम स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा मात्र नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है, एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है, इसीलिए हमारे यहां शिक्षक और बच्चों के बीच प्रोफेशनल रिश्ता नहीं होता, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है तथा यह संबंध जीवन भर का होता है। हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ केवल किताबी ज्ञान अर्जित करने तक सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और हमारे समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान समय के अनुसार, नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया है। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से युवा कुशलता के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परख शिक्षा मिलेगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नही करनी पड़ेगी। साथ ही इससे शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और मेरा मानना है कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। आप सभी को यह बताते हुए मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 को लागू किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आप सभी देश के भविष्य हैं, उत्तराखण्ड व देश को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है और पूर्ण विश्वास है कि आप सभी अपना यह कर्तव्य पूर्ण समर्पण और मनोयोग के साथ पूर्ण करेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, जी डी गोयनका समूह के एमडी निपुन गोयनका, संस्थापक कुलानन्द नौटियाल, शिक्षकगण, अभिभावक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

पर्यटन गतिविधियां अधिक से अधिक संचालित करने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित अधिक से अधिक गतिविधियां शामिल करने हेतु संभावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक दृष्टिकोण से जलक्रीड़ा और हवाई क्रीड़ाओं के लिए अत्यधिक उपयुक्त है, जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पौड़ी के रांसी स्टेडियम सहित पिथौरागढ़ और टिहरी में स्थित अत्यधिक ऊंचाई में स्थित खेल के मैदानों को हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने प्रदेश में उपलब्ध भूमि खंड के अनुरूप छोटे बड़े गोल्फ कोर्स विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक संभव गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों में रस्सी से बंधे हुए गर्म गैस के गुब्बारों के माध्यम से हवाई दृश्यों को दिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन बंधे गैस के गुब्बारों के माध्यम से कराए जाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, हाईएंड टूरिस्ट के लिए ब्रेकफास्ट योजना को अधिक से अधिक स्थानों से संचालित किए जाने हेतु प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि खेल विभाग के माध्यम से साहसिक खेलों के लिए प्रामाणिक पाठ्यक्रम की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि इस क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रशिक्षित युवा आ सकें। पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी जमीन को लीज पर देने के लिए पॉलिसी में बदलाव की आवश्यकता है तो की जानी चाहिए, ताकि लोगों को पर्यटन गतिविधियों से जुड़ने में आसानी हो।
इस अवसर पर सचिव सचिव कुर्वे, अपर सचिव पर्यटन और नागरिक उड्डयन सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

वनो को रोजगार से जोड़ने पर जोर, मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र की अधिकता को देखते हुए इसे रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में चिड़ियाघर, नेचर पार्क, ईको पार्क, वानस्पतिक उद्यान आदि विकसित कर पर्यटन गतिविधियां बढ़ाई जा सकती हैं। इन गतिविधियों में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को शामिल कर रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अत्यधिक क्षमता है। इसमें अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें इसके लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल अपनाया जाए। उन्होंने वन विभाग को इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार किए जाने हेतु निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांश, सचिव सचिन कुर्वे, विजय कुमार यादव एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य आंदोलनकारियों ने क्षैतिज आरक्षण मिलने पर सीएम को दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के संकल्पों एवं सपनों का उत्तराखण्ड़ बनाने में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ तत्परता से कार्य करे रहे है। हम सभी को राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य करने भाव भी जगाना होगा।
राज्य आन्दोलनकारियों के सहयोग से प्रदेश को संवारने का काम किया जायेगा। राज्य निर्माण में राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे।
बुधवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सवेक सदन में बडी संख्या में आए उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण चिन्हित आन्दोलनकारी मंच के सदस्यों द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने ज्ञापन का परीक्षण कर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है। खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होंने स्वयं देखा है। जहां पर 07 लोगों ने अपनी शहादत दी थी। मसूरी, रामपुर तिराहा के शहीद स्थलों पर वे स्वयं जाकर शहीदों को नमन करते है। खटीमा में भव्य शहीद स्मारक के निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के हित में अनेक निर्णय लिये गये है। हमारा प्रयास है कि उन्हें जो भी अनुमन्य सुविधायें है, वह प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 90 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है जिसमें लाखों युवा सम्मिलित हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पारित किया है। इसके मायने यह हुए कि प्रदेश में अब मतांतरण कराने वालों पर रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की बहनें बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं। हमने प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कानून बना कर एक बार फिर से लागू की है। पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। प्रधानमंत्री जी स्वयं केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों तथा बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। सौंग बांध एवं जमरानी बांध परियोजना के लिये भी सहमति मिली है, इससे देहरादून व हल्द्वानी की पेयजल समस्या का समाधान होगा। श्री केदारनाथ का पुनर्निर्माण, श्री बदरीनाथ धाम के पुनर्विकास की योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष 50 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में आगे बढ़ते हुए केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिय हम मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 08 लाख से अधिक लोग चारधाम यात्रा का पंजीकरण करा चुके है। हमारा प्रयास यात्रा में आने वालों की सुगम यात्रा का है। उन्होंने कहा कि अपनी माताओं और बहनों के सशक्तिकरण के लिये हमने ‘मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत हमने वर्ष 2025 तक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.25 लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य को जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला। प्रभावितों को सही समय पर राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। राज्य सरकार तथा प्रशासन विस्थापितों के साथ हर कदम में साथ खड़ा रहा। जोशीमठ का कुछ क्षेत्र ही आपदा प्रभावित है। हमें इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढना है। हमारा प्रदेश पूर्णतः सुरक्षित है, यह संदेश देश व दुनिया में पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का नम्बर एक राज्य बनाने के लिये हम विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण हमारा लक्ष्य भी है और विश्वास भी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह भण्डारी, महासचिव वीरा भण्डारी एवं कंचन चन्दोला, पुलम सिंह पंवार, विजय बहादुर रावत एवं आलेन्द्र सिंह भण्डारी सहित बडी संख्या में राज्य आन्दोलनकारी आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने की प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने घोषणा की

वर्ष 2014 के बाद बुधवार को सचिवालय में पहली बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की बैठक हुई। संस्थान की प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार की ओर से प्रथम बार लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाउनी, गढ़वाली, अन्य उत्तराखण्ड की बोलियों व उपबोलियों, पंजाबी एवं उर्दू में दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन व अनवरत साहित्य सेवा तथा हिन्दी में उत्कृष्ट महाकाव्य/खण्डकाव्य रचना, काव्य रचना कथा साहित्य व अन्य गद्य विधाओं के लिए प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी तीन लोक भाषाओं तथा हिन्दी भाषा में 4 नवोदित उदयीमान लेखकों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा। आगामी मई माह में भव्य समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट साहित्यकारों को उक्त पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के ऐसे रचनाकारों, जो अर्थाभाव के कारण अपनी पुस्तकों का प्रकाशन नहीं करा पाते हैं, उन्हें उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में आंशिक अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री ने राज्य के प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भाषा सम्मेलन आयोजन करने के निर्देश भी दिए। यह भाषा संस्थान की एक बहुआयामी योजना होगी जिसमें शोध पत्रों का वाचन, भाषा संबंधी विचार विनिमय, साहित्यिक शोभायात्रा, लोक भाषा सम्मेलन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रत्येक जनपद के 01 प्राथमिक विद्यालय में डिजिटल/ई पुस्तकालय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में राज्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर पुस्तक मेले का आयोजन तथा पुस्तक मेले में साहित्यिक संगोष्ठियों के आयोजन पर भी स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही राज्यभर में सुविख्यात लेखकों की व्यखानमालाएं आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक भाषाएं एवं बोलियां हमारी पहचान और गौरव है। राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं, बोलियों व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
बैठक में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यिक एवं शोध पत्रिकाओं के प्रकाशन पर भी सहमति बनी। इसके साथ ही लोक भाषाओं के मानकीकरण हेतु कार्यशालाओं व प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन हेतु भी स्वीकृति दी गई। सम्बन्धित अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी बोलियों को बोलने वाले व लिखने वाले अलग-अलग हैं, जिनके लेखन में शब्दों का औच्चारणिक विभेद है। गढ़वाली एवं कुमाउनी बोली भाषा के औच्चारणिक एवं वर्तनी के मानकीकरण की अत्यंत आवश्यकता है। यह शिविर गढ़वाल एवं कुमाउं मण्डल में आयोजित किए जाएंगे। उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड में जनपद तथा राज्य स्तरीय भाषायी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
बैठक में भाषामंत्री सुबोध उनियाल, सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी, अपर सचिव एवं निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान स्वाति भदौरिया, सदस्य डा0 सुलेखा डंगवाल, प्रो0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, डॉ सुधा पाण्डेय, डॉ हरिसुमन बिष्ट, प्रो. देव पोखरिया एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे।

प्रमुख स्थलों पर मानसखण्ड झांकी का होगा प्रदर्शन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से गणतंत्र दिवस परेड-2023 में प्रथम स्थान पर रही उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘मानसखण्ड’ को प्रदेश के जनपदों/ब्लॉक मुख्यालयों तथा मुख्य स्थानों पर प्रदर्शन हेतु फ्लैग ऑफ किया। गणतंत्र दिवस परेड-2023 में विभिन्न राज्यों व भारत सरकार के मंत्रालयों की 27 झांकियों में उत्तराखण्ड की मानसखण्ड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। कर्त्तव्य पथ पर पहली परेड में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड गठन से अब तक पहली बार राज्य की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मानसखण्ड झांकी में जागेश्वर मंदिर, कार्बेट नेशनल पार्क, ऐपण आर्ट, योग तथा वनों का समावेश किया गया था। इस उपलब्धि से उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर, कला एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हुआ। 5 अप्रैल, 2023 से 18 मई 2023 तक प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालयों एवं मुख्य शहरों में झांकी का प्रदर्शन जनमानस के सम्मुख किया जाएगा। मानसखण्ड झांकी के संबंध में 2 मिनट की वीडियो भी तैयार की गई है। इस शॉर्ट फिल्म का एल.ई.डी. के माध्यम से जन सामान्य हेतु प्रसारण किया जाएगा। समस्त जनपद मुख्यालयों पर जिलाधिकारी के सहयोग से स्थानीय विधायक की उपस्थिति में झांकी से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है कि उत्तराखण्ड स्थापना के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार हमारे राज्य की झांकी को देश के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड के अवसर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह सभी उत्तराखण्डवासियों की सांझी उपलब्धि है। सभी उत्तराखण्डवासियों व इस झांकी में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों तथा झांकी के निर्माण व प्रस्तुतिकरण से जुड़े लोगों को विशेष बधाई एवं शुभकामनाएं। मानसखण्ड झांकी में राज्य के प्रमुख धाम जागेश्वर धाम, उत्तराखण्ड की संस्कृति, कला को दर्शाया गया है। मानसखण्ड झांकी उत्तराखण्ड के सभी ब्लॉक मुख्यालयों व मुख्य शहरों में 05 अप्रैल से लेकर 18 मई तक भ्रमण पर रहेगी। इससे राज्य के सभी जगहों के लोग विशेषकर बच्चे इस झांकी से अवगत हो पाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार द्वारा मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर मिशन मोड पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहरों के पुनरुद्धार के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, झांकी लीडर के0 एस0 चौहान, आचार्य मनमोहन लोहनी उपस्थित रहे।

आयोग की नकलची अभ्यर्थियों पर बड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार ने जेई भर्ती पेपर लीक में शामिल 61 अभ्यर्थियों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। इन सभी को कारण बताओ नोटिस भेजे गए थे। कुछ ने जवाब दिया था, जबकि बाकी ने नहीं दिया था। अब ये सभी आयोग की किसी भी परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस) रूल्स-2013 के बिंदु 23-ए के उप बिंदु 14 के तहत इन सभी को परीक्षाओं से पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद आयोग को पुलिस ने जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल 49 अभ्यर्थियों की सूची दी, जिसे आयोग ने दो मार्च को वेबसाइट पर जारी करते हुए बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस भेजकर परीक्षाओं से डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है। पेपर लीक के आरोपी अभ्यर्थी जवाब नहीं दे रहे थे। आयोग जेई भर्ती के पेपर लीक में शामिल सभी 61 अभ्यर्थियों को पांच साल के लिए परीक्षा से डिबार कर दिया गया। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया, ये सभी उम्मीदवार अब आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। माना जा रहा है कि जल्द ही पटवारी/लेखपाल भर्ती मामले में आयोग कोई बड़ा फैसला ले सकता है।