सीएम आवास में उत्तराखण्ड मिलेट्स भोज का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में कृषि विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के अवसर पर आयोजित “उत्तराखण्ड मिलेट्स भोज” में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के मिलेट्स उत्पादों से भरपूर पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल्स का निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाला पारंपरिक मोटा अनाज मिलेट्स का भरपूर स्रोत है। इसका उपयोग करने से जहां एक ओर लोगों को पौष्टिक भोजन मिलेगा वहीं इसको बढ़ावा देने से प्रदेश के किसानों की आय में भी इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हाल में ही भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी गई है। मण्डुवा के प्रोक्योरमेंट की यह अनुमति फसल वर्ष 2022-23 के लिए दी गई है। मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3578 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, विधायक राजपुर खजान दास, पूर्व विधायक मुकेश कोहली, सचिव कृषि वी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चैहान, निदेशक कृषि गौरी शंकर समेत अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

गणतंत्र दिवस पर राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प दोहराया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। आज के दिन हमारे देश में बाबा साहेब अम्बेडकर के दिशा निर्देशन में बनाए गए संविधान को लागू किया गया था। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना को साकार करते हुए वर्ष 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, केंद्र सरकार के सहयोग एवं प्रदेश की 1.25 करोड़ जनता के आशीर्वाद से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्राण प्रण से जुटे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान निस्तारण और जन संतुष्टि के मूलमंत्र पर चलते हुए अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर प्रदेश में नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर रहे है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोच भी न सके। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ की इस विपदा में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं। हम प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उत्तराखण्ड एक आपदा संवेदनशील राज्य है। इसलिए हमारी जिम्मेदारियां भी अलग हैं। हम अपने सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का सर्वेक्षण करवा रहे हैं। हम हमेशा इकॉलॉजी और इकोनॉमी के संतुलन की बात करते हैं। उत्तराखण्ड पर्यावरणीय सेवा प्रदाता राज्य है। हिमालय, वन एवं वन्य जीव सम्पदा हमारी अमूल्य धरोहर है। इनका संरक्षण एवं संवर्धन हमारा ध्येय है। स्थानीय लोगों का विकास व रिवर्स पलायन भी हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी तुष्टिकरण के सबका साथ सबका विश्वास और सबके प्रयास की भावना को साकार करने तथा धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, शौय एवं सामरिक महत्व वाले गंगा के प्रदेश, देवभूमि उत्तराखण्ड के सभी संप्रदायों के हित में समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने के लिये कृत संकल्पित है। इसका हमने चुनाव से पूर्व जनता से भी वादा किया था। इसके साथ ही राज्य के कई क्षेत्रों में घटित हो रही धर्मांतरण की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये प्रदेश में सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। हमारे शांत प्रदेश में इस प्रकार की जबरन धर्मांतरण की घटनायें घटित न हों इसके लिये यह कानून लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिये सर्वोपरि है। महिलाओं के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का नव भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत के महा अभियान में सहयोग का आह्वान किया।

साहित्यकार हमें नई सीख प्रदान करते है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में साहित्यकार डा. मुनि राम सकलानी की पुस्तक ’आजादी का अमृत महोत्सव और हिन्दी की प्रगति यात्रा’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में आजादी से लेकर अब तक राजभाषा के विकास के लिए हुए विभिन्न कार्यों के बारे में जानकारी देने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
’आजादी का अमृत महोत्सव और हिन्दी की प्रगति यात्रा’ पुस्तक के लेखक डा. मुनि राम सकलानी ने कहा कि पुस्तक में आजादी से लेकर अब तक इन 75 वर्षों में राजभाषा हिन्दी की प्रगति यात्रा का विस्तृत वर्णन एवं भारत सरकार की राजभाषा नीति के तहत किये प्रयासों का उल्लेख किया गया है। पुस्तक में देश के साथ-साथ वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी की स्थिति पर प्रकाश डाला गया। हिन्दी के उद्भव व विकास से लेकर राजभाषा के व्यावहारिक व प्रयोजनमूलक पक्ष को अधिक उजागर किया गया है। कार्यालयीन हिन्दी को एक वृहद परिप्रेक्ष्य में रखने का प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय डा. सुधा पाण्डेय, वरिष्ठ साहित्यकार शिवमोहन सिंह, डा. रंजिता सिंह, आशा, जयकृष्ण सकलानी, डा. सत्यानंद बडोनी उपस्थित रहे।

कांग्रेस को मजबूती देने को घर-घर जायेगी नई टीम

रेलवे मार्ग स्थित कांग्रेस भवन में कांग्रेस की नई टीम का स्वागत किया गया। नई टीम 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत घर-घर जाकर करेगी। नई टीम ने कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की बात कहीं।
बुधवार को रेलवे रोड स्थित कांग्रेस भवन में कार्यकताओं ने नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश सिंह, बापूनगर (श्यामपुर) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजयपाल रावत, ऋषिकेश ब्लॉक (रायवाला) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोकुल चन्द रमोला का स्वागत किया। निवर्तमान अध्यक्ष महन्त विनय सारस्वत, निवर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर राय और निवर्तमान रायवाला अध्यक्ष बरफ सिंह पोखरियाल ने माला पहनाकर ने उन्हें दायित्व सौंपा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि सभी निर्वाचित अध्यक्ष कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य करेंगे। विकास विरोधी सरकार के विरुद्ध जनता के बीच जाकर जनता को जागरूक करेंगे। पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत घर-घर तक कांग्रेस की विचार धारा को पहुंचाने का काम करेंगे। यह कार्यक्रम 26 जनवरी सेशुरू किया जायेगा।
स्वागत करने वालों में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, राजपाल खरोला, दीप शर्मा, चन्दन पंवार, शैलेंद्र बिष्ट, पार्षद मनीष शर्मा, पार्षद राधा रमोला, पार्षद देवेन्द्र प्रजापति, पार्षद भगवान सिंह पंवार, पार्षद अजीत सिंह, पार्षद चेतन चैहान, पार्षद पुष्पा मिश्रा, पार्षद विजयलक्ष्मी शर्मा, दीपक जाटव, यूंका कांग्रेस जिलाध्यक्ष सन्नी प्रजापति, यूंका विधानसभा अध्यक्ष गौरव राणा, प्रदेश महासचिव युंका अभिनव मलिक, ललित मोहन मिश्रा, अंशुल त्यागी, जितेंद्र त्यागी,रवि राणा, जतिन जाटव, प्रवीन जाटव, राकेश कंडियाल, गब्बर केंतुरा, मुकेश जाटव, गौरव राणा, जितेन्द्र पाल पाठी, यश अरोड़ा, अशोक शर्मा, देव बोहरा, गौरव झा, कार्तिक, आशीष, सरोज देवराडी, शिवम रावत, विक्रम भंडारी, हरिराम वर्मा, सरोजनी थपलियाल, रेनूनेगी, उमा ऑबरॉय, मधुजोशी, सतीश शर्मा, अरविन्द जैन, प्रदीप जैन, जयपाल सिंह, करम चन्द, संजय नेगी, दिग्विजय कैन्तुरा आदि मौजूद रहे।

सीएम ने दिये जी-20 समिट के आयोजन की व्यवस्थाओं में तेजी लाने के दिये निर्देश

आगामी 25 से 28 मई एवं 26 से 28 जून 2023 में उत्तराखण्ड में प्रस्तावित जी-20 की बैठकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं में तेजी लाई जाए। उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 की बैठकों के जिस विभाग को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, संबंधित विभागीय सचिव उसकी नियमित समीक्षा करें। उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 की बैठकों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में स्वयं समीक्षा करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जी-20 समिट की तैयारियों की बैठक के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा इस आयोजन से उत्तराखण्ड को वैश्विक पटल पर नई पहचान मिलेगी। जी-20 देशों के प्रतिनिधि ऋषिकेश में गंगा आरती में भी प्रतिभाग करेंगे। इससे मां गंगा के धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व से भी सम्मेलन के प्रतिभागी परिचित हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में मई एवं जून में होने वाली जी-20 की दोनों बैठकों में जी-20 एवं आमंत्रित देशों के जो प्रतिनिधि शामिल होंगे। उनके सामने जो भी प्रस्तुतीकरण दिया जाना है, उसकी समय पर पूरी तैयारियां कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का यह हमारे पास एक अच्छा अवसर है। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिन उत्पादों को हम व्यापक स्तर पर वैश्विक पहचान दिला सकते हैं, उनकी विशिष्टता की पहचान कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जी-20 की जो दो बैठकें आयोजित होंगी, इसमें प्रयास किये जायेंगे कि एक बैठक गढ़वाल मण्डल एवं एक बैठक कुमांऊ मण्डल में हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में होने वाली जी-20 संबंध में जन जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, सूचना विभाग एवं पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। जनपदों में बहुद्ेशीय शिविरों के माध्यम से भी लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जी-20 की बैठकों में आयोजन स्थल पर उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉल लगाये जाएं। उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आयोजन स्थल पर योग एवं पंचकर्म की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग की धरती है, योग एवं आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए जो कार्य किये जा रहे हैं, समिट में इसका प्रस्तुतीकरण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठकों में अनेक देशों से प्रतिनिधि आयेंगे, इसके लिए विदेशी भाषाओं के जानकारों की भी सेवाएं ली जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले जी-20 की बैठक के बेहतर आयोजन के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के सुझाव भी लिए जायेंगे।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, ए.पी अंशुमन,सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, अरविन्द सिंह ह्ंयाकी, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी टिहरी डॉ. सौरभ गहरवार वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चैहान एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य हित में है पिरुल को स्वरोजगार से जोड़ना-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पिरूल (चीड़ की पत्ती) के निस्तारण एवं अन्य उपयोगों के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर पिरूल से विद्युत उत्पादन हेतु लगाए गए कुछ प्लांट संचालक भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल का निस्तारण आवश्यक है। उन्होंने पिरूल के निस्तारण के लिए उसके विभिन्न उपयोगों पर शोध किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिरूल से ब्रिकेट्स बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि प्रयोग के रूप में स्कूलों में मिड डे मील के लिए प्रयोग हो रहे रसोई गैस आदि के उपलब्ध न होने के समय इन बिकेट्स को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पिरूल का उपयोग हो सकेगा, इस रोजगार से जुड़े लोगों को एक बाजार भी मिलेगा। साथ ही, जंगलों को आग से बचाया जा सकेगा। उन्होंने पिरूल के निस्तारण के लिए अन्य राज्य क्या कर रहे हैं, इसका भी अध्ययन कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पिरूल को वन उत्पाद की श्रेणी से बाहर किए जाने हेतु शीघ्र शासनादेश किया जाए। इससे पिरुल एकत्र करने वाले लोगों को पिरूल एकत्र करने में सुविधा होगी। उन्होंने पिरूल से विद्युत उत्पादन हेतु लगाए गए प्लांट्स का स्वयं दौरा करने की भी बात कही। कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन को व्यवहार्य बनाए जाने के लिए और क्या सुधार किया जा सकता है और पॉलिसी में और क्या बदलाव किया जा सकता है, इस पर भी विचार किया जाए।
इसके उपरांत मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर प्लांट्स को लगाए जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सरकारी भवनों एवं स्कूलों की छत पर सोलर प्लांट्स लगाए जाने हेतु शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि एक ओर सोलर एनर्जी पर्यावरण के अनुकूल है, वहीं दूसरी ओर यह विद्युत व्यय को बहुत कम करने में सक्षम है। इसे पूरे प्रदेश में जहां भी संभव हो, सरकारी भवनों में शुरू कराया जाना चाहिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, विजय कुमार यादव, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु, सचिव वन, अधीक्षण अभियन्ता यूपीसीएल एन.एस. बिष्ट एवं पिरूल प्लांट संचालक महादेव सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जोशीमठ भू-धंसाव से प्रभावितों के लिये प्री फेब्रिकेटेड हट्स बनाने में एम्मार इंडिया सरकार का करेगी सहयोग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सचिवालय में एम्मार इंडिया के सीईओ कल्याण चक्रवर्ती ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि उनके द्वारा जोशीमठ भू-धंसाव के कारण प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिये 100 से 150 प्री फेब्रिकेटेड हटस बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ के प्रभावितों की मदद के लिये सभी से सहयोगी बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में प्रभावितों की मदद करना मानवता की बड़ी सेवा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावितों को हर संभव मदद करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। प्रभावितों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ त्वरित निराकरण हो, इसके निर्देश सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये गये हैं। जोशीमठ क्षेत्र के भूगर्भीय जांच आदि में केंद्र एवं राज्य सरकार के सभी संस्थान जुटे हैं। शीघ्र ही इस संबंध में ठोस कार्य योजना पर कार्य किया जायेगा। प्रभावितों के पुनर्वास आदि के स्थायी समाधान के भी प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का नियोजित विकास भी हमारी प्राथमिकता है। सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामरिक महत्व वाला जोशीमठ क्षेत्र सुरक्षित हो, यह अपने पुराने स्वरूप में लौटे तथा आगामी यात्रा भी सुनियोजित ढंग से संपन्न हो, इस दिशा में भी हमें कार्य करना है।
मीडिया से अनौपचारिक वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह समय जोशीमठ पर राजनीति करने का नहीं बल्कि पीड़ितों की मदद का है। राज्य सरकार हर सम्भव मदद का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लगातार वहां चलाये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने पीड़ितों की पूरी मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ के बारे में कई भ्रम फैलाये जा रहे हैं, जो उचित नहीं है। वहां 70 प्रतिशत दुकानें खुली हैं तथा आवश्यक काम काज सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के लोग प्रभावितों की मदद में तैनात हैं। पुनर्वास कार्यों पर कार्य हो रहा है। चार माह बाद चार धाम यात्रा प्रारम्भ होनी है। ऐसे समय में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि पूरा जोशीमठ क्षेत्र ही असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के बारे में लोगों में संशय की स्थिति पैदा न हो हमें इस पर भी ध्यान देना चाहिए।

उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं पर बिफरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट

भाजपा ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जोशीमठ आपदा को राजनैतिक रूप देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेता एक ओर मुख्यमंत्री धामी से मिलकर आपदा पर सुझाव देते है और अगले दिन यात्रा में शामिल होकर इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते हैं। अपने कार्यकाल में जारी परियोजनाओं को राजनैतिक मुनाफे के लिए अब अनियंत्रित व अनियोजित विकास बता रहे हैं।
महेन्द्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आपदा के पहले दिन से ही प्रभावितों की मदद के बजाय उनकी भावनाओं के खेलने और भड़काने के मिशन में जुटी है। सरकार को बदनाम करने के इस प्रयास के चलते, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में जोशीमठ व पहाड़ की यात्रा को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का एक दिन जोशीमठ आपदा को समर्पित करना भी उनकी इसी नकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलकर अपने सुझावों की लंबी सूची के साथ सरकार पर विश्वास जताते हुए प्रशंसा करने वाले कांग्रेस के यही तमाम छोटे बड़े नेता दूसरे ही दिन कश्मीर में इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करते नही नजर आते।
भट्ट ने आरोप लगाया कि जोशीमठ आपदा ही नही, राष्ट्र की सुरक्षा व विकास से संबंधित परियोजनाओं को अपनी राजनैतिक यात्रा का हिस्सा बनाना उसका दोहरा चरित्र है। देश और ऊर्जा जरूरतों की दृष्टि से उत्तराखंड में निर्मित या निर्माणाधीन लगभग सभी परियोजनाओं में उनकी सरकारों के कार्यकाल से ही काम जारी है। वहीं इनके अतिरिक्त सैनिकों, देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय निवासियों की जरूरतों को जोड़ते चारधाम प्रोजेक्ट व रेलमार्ग के राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व से भी वे अनजान नही हैं। लेकिन बिना किसी तकनीकी व वैज्ञानिक रिपोर्ट के इन तमाम परियोजनाओं को आज अपनी राजनैतिक यात्रा के माध्यम से पहाड़ में अनियंत्रित व अनियोजित विकास बताकर देश भर में प्रचारित किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व पहाड़ विरोधी है। उन्होंने कांग्रेस की इस कोशिश को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, राष्ट्र व पहाड़ विरोधी ठहराया। उन्होंने कहा, हमारी सरकार शुरुआत से ही आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद पहुंचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है और जिससे सभी संतुष्ट भी हैं। जहां तक जोशीमठ में सुधार व पुनर्वास का विषय है तो केंद्र व राज्य की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियों की फाइनल रिपोर्ट का सभी को इंतजार है।

बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में हो कार्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून स्थित नवीन बहुद्देशीय हॉल में ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न खेलों में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले महिला खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और बालिकाओं को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान करने वाले के खिलाफ हम कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। हमारी बेटियां हमारी शान, मान एवं अभिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में तीलू रौतेली, टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल, वंदना कटारिया जैसे अनेक नाम हैं जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए प्रदेश का मान और सम्मान बढ़ाया। आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिक्षा से लेकर खेल के मैदान और वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर सेना के अभियान तक में हमारी बेटियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 80 हजार बालिकाओं को 323 करोड़ रुपये की धनराशि “नंदा गौरा योजना“ के अंतर्गत हस्तांतरित की गई थी। जो निश्चित ही हमारी बेटियों के बेहतर भविष्य की नींव रखने में काम आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों मे बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी हुई है और लिंगानुपात में सुधार हुआ है, इससे स्पष्ट है कि बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं सफल हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा,स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनमें “महालक्ष्मी किट योजना“,“खुशियों की सवारी“ योजना, “नंदा गौरा“ योजना, “मुख्यमंत्री आंचल अमृत“ योजना,“मुख्यमंत्री महिला पोषण“ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें हमारी बेटियों और मातृशक्ति की अहम भूमिका होगी।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास तथा खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग द्वारा खेल को केंद्रित करते हुए बालिकाओं को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, यह सराहनीय पहल है। राज्य में बालिकाएं खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े इसके लिए राज्य में नई खेल नीति में हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए आर्थिक संकट से न गुजरना पड़े, इसके लिए नई खेल नीति में हर सुविधा देने के प्रयास किए गए है। खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रुपए से बढ़ाकर 175 रुपए की गई है। राज्य में लगभग 3900 बच्चों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 1500 रुपए प्रति बच्चे को छात्रवृत्ति दी जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत बालिकाएं शामिल हैं।

राज्य सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं…

राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दी जा रही है। खुशियों की सवारी योजना के माध्यम से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद जच्चा एवं बच्चा को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में गरीब कन्याओं के लिए राज्य सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही बालिका के जन्म के समय माता-पिता को 11 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत मां और नवजात शिशु की साफ-सफाई एवं पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम के हिसाब से अलग-अलग किट प्रदान की जा रही है। राज्य में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए गौरा शक्ति एप बनाया गया है। गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, सविता कपूर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर एवं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आई बालिकाएं मौजूद रही।

वंसतोत्सव कार्यक्रम का आगाज, छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

वसंतोत्सव का आगाज मंगलवार को श्री भरत मंदिर परिसर में ध्वजारोहण के साथ हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने लोक संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां देकर समां बांधा। इस दौरान रंगोली, समूह गान, मेहंदी आदि प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे प्रतिभागियों को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सम्मानित किया।
पांच दिवसीय वसंतोत्सव के तहत मंगलवार को एसबीएम इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय सहित अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। रंगोली और समूह गान प्रतियोगिताएं हुईं। रंगोली में स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल प्रथम, हैपी होम मोंटसरी द्वितीय, मदर मिरेकल स्कूल और केवीएस आईडीपीएल तीसरे स्थान पर रहे।
प्राइमरी ग्रुप डांस में गंगोत्री विद्या निकेतन पहले, एसबीएम पब्लिक स्कूल दूसरे, सनशाइन पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहे। मेहंदी जूनियर ग्रुप में जीजीआईसी प्रथम, एसबीएम इंटर कॉलेज द्वितीय, एनडीएस श्यामपुर तृतीय स्थान पर रहा। सीनियर वर्गमेंगंगोत्री विद्या निकेतन प्रथम, पंजाब सिंध क्षेत्र द्वितीय, हरीशचंद्र गुप्ता आदर्श कन्या विद्यालय तीसरे और सामूहिक गायन में श्री भरत मंदिर पब्लिक स्कूल प्रथम, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज द्वितीय और श्री दर्शन महाविद्यालय तीसरे स्थान पर रहे। अंत्याक्षरी जूनियर में एसबीएम पब्लिक स्कूल ने बाजी मारी। वाद विवाद प्रतियोगिता में आरपीएस की निधि शर्मा अव्वल रहीं। वहीं, साईकिल रेस में श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के संयम सिंह पहले, करण जायसवाल दूसरे और उत्तम यादव तीसरे स्थान में रहे। कार्यक्रम में शिक्षाविद बंशीधर पोखरियाल, प्रधानाचार्य धीरेंद्र जोशी, कमला प्रसाद भट्ट, डा. सुनील दत्त थपलियाल, सुजाता श्रीधर, संगीता नवानी श्रीलता, अन्विता डबराल, सोनिया यादव आदि मौजूद रहे।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसेलाइव हिन्दुस्तान की टीम नेसंपादित नहीं किया है।