अन्तरराष्ट्रीय मानकों के तहत कुशल युवाओं को तैयार करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय देहरादून से हरिद्वार के जगजीतपुर आईटीआई में स्थापित अन्तरराष्ट्रीय स्तर के नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित स्मार्ट वैल्डिंग लैब का ई-लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जगजीतपुर, आईटीआई के आधुनिकीकरण से राज्य में आईटीआई के आधुनिकीकरण की अच्छी शुरूआत हुई है। हमें क्वाटिंटी के बजाय क्वालिटी एजुकेशन पर अधिक ध्यान देना होगा। उत्तराखण्ड में आईटीआई एवं पाॅलिटेक्निक में गुणातम्क सुधार की दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे। जगजीतपुर में आईटीआई का जो आधुनिकीकरण किया गया है। इससे जो छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण लेंगे। उन्हें रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे। इस आईटीआई में प्रशिक्षण के लिए आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा जिन आईटीआई के आधुनिकीरण की योजना बनाई गई, यह कार्य जल्द किया जाय। यह समय कार्य के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए आईटीआई में आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल हो। जिससे युवाओं को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल विकास के लिए सरकार, इंडस्ट्री एवं प्रशिक्षण संस्थान आपसी सामंज्य से कार्य कर रहे हैं। इससे इंडस्ट्रियों को किस क्षेत्र में काम करने वालों की डिमांड अधिक है, किन क्षेत्रों में प्रशिक्षण संस्थानों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है एवं युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर कैसे बढ़ सकते हैं, इसकी जानकारी रहेगी।
कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 25 आईटीआई को हाईटैक किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि युवाओं के हाथ में हुनर हो। प्रधानमंत्री जी के स्किल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रशिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आईटीआई एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें युवाओं का कौशल विकास अच्छे तरीके से हो तो, इसमें रोजगार एवं स्वरोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जगजीतपुर हरिद्वार में आईटीआई का जो आधुनिकीकरण किया गया है, यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वैल्डिंग एक ऐसा कार्य है, जिसकी जरूरत हर क्षेत्र में है। प्रशिक्षण संस्थानों में संख्याबल की अपेक्षा गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दिये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन डाॅ. रणजीत सिन्हा ने कहा कि श्रीनगर आईटीटाई को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। आईटीआई के आधुनिकीकरण के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इंडस्ट्री से निरन्तर समन्वय स्थापित किये जा रहे हैं, कि उद्योगों को किन-किन क्षेत्रों में मेन पावर की अधिक आवश्यकता है।

गंभीर आरोप लगने से निलंबित हुए हरिद्वार जिले के जिला शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा हरिद्वार ब्रह्मपाल सिंह सैनी को कुछ स्कूलों में गलत मान्यता देने और कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगने से निलंबित कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी करते हुए कहा कि निलंबन के दौरान वह निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय में संबद्ध रहेंगे।

बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक शिक्षा हरिद्वार ब्रह्मपाल सिंह सैनी अपने गृह जनपद में तैनात हैं। उन पर एक शिक्षक को गलत सत्रांत लाभ देने का भी आरोप है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि हाईकोर्ट नैनीताल में दाखिल जनहित याचिका पदम कुमार बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में 30 जुलाई 2020 को पारित आदेश के क्रम में जिला शिक्षा अधिकारी को पांच अगस्त 2020 को आरोप पत्र दिया गया था। कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसे देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

ग्राम वासियों की वर्षों से लम्बित मांग हुई पूरी, गठित हो सकेगी ग्राम पंचायतें, सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद देहरादून के टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक ऋषिकेश के सात गांवों तथा जनपद हरिद्वार के टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी को राजस्व ग्राम बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व ग्राम बनाये जाने से इन गांवों के निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। राजस्व ग्राम बनने से यहां के निवासियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा तथा ग्राम पंचायतों का भी गठन हो सकेगा।

राजस्व ग्राम घोषित किये गये ग्रामों में टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक के ग्राम, माली देवल, विरयाणी, पैंदार्स, असैना, लम्बोगडी, गोजियाड़ा सिरांई, सिरांई राजगांव तथा डोबरा कुल सात गांव, जबकि हरिद्वार जनपद के टिहरी बांध परियोजना विस्थापित क्षेत्र पथरी भाग तीन के पूर्व एवं पश्चिम क्षेत्र के ग्राम टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी शामिल हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सचिव राजस्व को इस संबंध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये हैं।

कुंभ मेले में मान्यताओं एवं परम्पराओं का रखा जायेगा ध्यान, निर्धारित समय पर होगा आयोजनः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक एवं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी एवं अन्य अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ आगामी कुम्भ मेले के आयोजन के संबंध में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद के सदस्यों के विचार एवं सुझावों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अखाड़ा परिषद के सदस्यों से अपनी समस्याओं से नगर विकास मंत्री को अवगत कराने को कहा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुम्भ निर्धारित समय पर आयोजित होगा। इसका स्वरूप कैसा रहेगा यह उस समय की परिस्थितियों पर भी निर्भर रहेगा। उन्हो।ने कहा कि अखाड़ों द्वारा श्रद्धालुओं के लिये अपने स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिये जिनके पास भूमि उपलब्ध होगी उन्हें ग्रान्ट के रूप में धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी, कार्यों की गुणवत्ता आदि की जांच हेतु विभागीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ से पूर्व हरिद्वार में संचालित सभी स्थायी निर्माण कार्य पूर्ण कर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाले पुलों एवं सड़कों के निर्माण में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अखाड़ा परिषद के सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जायेगा। अखाड़ों को जोड़ने वाली सड़कों के पुनर्निर्माण के साथ ही अतिक्रमण को हटाने तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने मुख्यमंत्री से हरिद्वार कुम्भ मेले में घाटों का नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों तथा सेक्टरों के नाम भी अखाड़ों के नाम पर रखे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने अखाड़ों को दी जाने वाली धनराशि से होने वाले कार्यों की गुणवत्ता की जांच आदि के लिये किसी अधिकारी को नामित करने का भी अनुरोध किया, उन्होंने अखाड़ों के सम्पर्क मार्गों की मरम्मत, बिजली, पानी, साफ-सफाई, शौचालयों की मरम्मत आदि के लिए भी मेले से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया।

यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर बिना पास के एंट्री कराने पर शिक्षक गिरफ्तार

(एनएन सर्विस)
यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर तैनात एक शिक्षक ने बिना पास के प्रदेश में एंट्री करवाने के लिए पैसे मांगे तो लोगों ने मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ा तो मौके पर मौजूद पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया। साथ ही मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कर दी। बताया जा रहा कि शिक्षक के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की सिफारिश भी की है।
कोरोना संक्रमण के चलते अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों के लिए पास अनिवार्य किया गया है। इसके लिए नारसन बॉर्डर पर पुलिस के साथ-साथ शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार रात अन्य प्रदेश से कुछ लोग यूपी-उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे थे। शिक्षक को इन लोगों ने पास नहीं होने की जानकारी दी। आरोप है कि इस पर शिक्षक ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से पर्ची बनवाने के लिए 300 रुपये लिए। जब यह लोग वहां से निकासी द्वार पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने रोककर पास मांगा। इस पर उन लोगों ने बताया कि पास नहीं होने पर ड्यूटी में तैनात एक कर्मचारी ने उनसे 300 रुपये लेकर पर्ची बनाई है, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। जिस पर लोगों ने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए मौके पर हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने संबंधित शिक्षक को हिरासत में ले लिया और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी शिकायत की गई। चैकी प्रभारी लक्ष्मण सिंह कुंवर ने बताया कि एक शिक्षक मौके पर अवैध तरीके से 300 रुपये में पर्ची बना रहा था। हंगामा कर रहे लोगों के पहचान करने पर शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है। चेक पोस्ट प्रभारी जय सिंह ने बताया कि शिकायत से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। वहीं, कुछ दिन पहले नारसन बॉर्डर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर वसूली करते एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। मामले में पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

ज्योतिष गणना के अनुसार महाकुम्भ मेले का आयोजन निर्धारित समय पर ही

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व अखाङा परिषद के संत महात्माओ ने सीएम आवास में आयोजित बैठक में महाकुम्भ मेला 2021 के संबंध में विचार विमर्श किया। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरीगिरी महाराज ने बताया कि उनकी सभी अखाङो के संतों के साथ चर्चा हुई है। सभी ने इस बात पर सहमति दी है कि ज्योतिष गणना के अनुसार महाकुम्भ मेले का आयोजन निर्धारित समय पर ही हो। इसका स्वरूप क्या होगा, किस स्तर तक होगा, इस पर सरकार द्वारा अगले वर्ष फरवरी माह में तत्कालीन परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिया जाए। मुख्यमंत्री ने सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि परम्पराओं का ध्यान रखते हुए अगले वर्ष कुम्भ मेले का आयोजन समय पर होगा। परंतु आगामी फरवरी माह में उस समय की परिस्थितियों के अनुरूप संत महात्माओ के मार्ग दर्शन से मेले के स्वरूप के बारे में निर्धारित किया जाएगा। स्थाई प्रकृति के निर्माण कार्य चलते रहेंगे। बैठक में महंत नारायण गिरी महाराज, महंत महेशपुरी महाराज सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

खुशखबरीः उत्तराखण्ड में मैट्रो रेल की संभावनाओं को लेकर मंथन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय में यूनिफाईड मैट्रो पॉलिटन ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (यू.एम.टी.ए) की बैठक हुई। बैठक में उत्तराखण्ड मैट्रो रेल परियोजना के कॉम्प्रीहेंसिव मॉबिलिटी प्लान (सी.एम.पी) को मंजूरी दी गई। देहरादून शहर में दिल्ली मैट्रो रेल कॉरपोरेशन के सहयोग से रोप-वे प्रणाली की डीपीआर तैयार की जा रही है। हरिद्वार-ऋषिकेश एवं नेपाली फार्म-विधानसभा कोरिडोर में मैट्रो लाईट के निर्माण के साथ ही हरिद्वार शहर में पी.आर.टी के निर्माण हेतु अनुमोदन प्राप्त किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में यू.एम.टी.ए का गठन किया गया है। इसमें आवास मंत्री, उत्तराखण्ड उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सदस्य सचिव, सचिव आवास, वित्त, परिवहन, नियोजन, राजस्व एवं शहरी विकास सदस्य हैं।
बैठक में एमडी उत्तराखण्ड मैट्रो रेल जितेन्द्र त्यागी ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश मैट्रोलाईट सिस्टम पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर उन्होंने हरिद्वार से ऋषिकेश, देहरादून से नेपाली फार्म तक मैट्रो लाईट के लिए रूट प्लान स्टडी के बारे में जानकारी दी। देहरादून व हरिद्वार शहर के लिए भी बनाई गई योजना के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर आवास मंत्री मदन कौशिक, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बाथरूम में अटैची के अंदर मिला प्रेमिका का शव, प्रेमी सहेली को लेकर गायब

लिव इन रिलेशनशिप में प्रेमी ने प्रेमिका को धोखा देकर उसकी दर्दनाक हत्या कर दी। इसके बाद प्रेमिका की सहेली को लेकर प्रेमी फरार हो गया। यह घटना हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में घटी। मामला एक दुकानदार की वजह से सामने आया।

सिडकुल क्षेत्र की महादेवपुरम कॉलोनी की एक बिल्डिंग में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा युगल पास की एक किराना की दुकान से खरीदारी करता था। दोनों पर कई हजार का उधार बकाया था। रविवार रात करीब दस बजे दुकानदार रकम लेने बिल्डिंग में पहुंचा तो नीचे ही वह युवक मिल गया।

उसने उधारी मांगी तो वह टाल मटोल करने लगा। दुकानदार ने साथ रहने वाली युवती के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह दवा खाकर सो रही है। गुस्से में आकर दुकानदार युवती से पैसे लेने बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर पहुंचा तो कमरे में ताला लगा देख दंग रह गया।

उसने किसी तरह ताला तोड़कर कमरे में प्रवेश किया तो भयंकर बदबू आई। घबराकर वह बाहर आ गया और सिडकुल पुलिस को सूचना दी। एसओ प्रशांत बहुगुणा तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो बाथरूम में कपड़े की अटैची में बंद युवती का शव मिला। उसके दोनों हाथ बंधे हुए थे। 23 वर्षीय युवती की पहचान ग्वालियर, मध्यप्रदेश निवासी के रूप में हुई।

जांच में पता चला कि दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। पुलिस के अनुसार, पड़ोसियों ने बताया कि युवती की एक सहेली भी उसी बिल्डिंग में रहती है, लेकिन वह भी युवक के साथ फरार हो चुकी है। बताया जा रहा है कि तीनों ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने का काम करते थे।

डिस्ट्रिक गंगा कमेटी के तहत उत्तराखंड में हुए सराहनीय कार्य

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से उत्तराखंड से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर नमामि गंगे, 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले पर चर्चा की गई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के लिए जल शक्ति मंत्रालय के तहत होने वाले कार्यों के लिए राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में अच्छा कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक गंगा कमेटी के तहत भी उत्तराखंड में सराहनीय कार्य हुए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले के लिए हरिद्वार में अनेक निर्माण कार्य होने हैं। जिसके लिए राज्य सरकार को जल शक्ति मंत्रालय से मदद की जरूरत होगी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एवं जल शक्ति मंत्रालय की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री मेहरबान सिंह बिष्ट उपस्थित थे।

तीन लोग हरिद्वार आकर कर सकेंगे दिवंगत परिजन की अस्थियां विसर्जित, कैबिनेट ने लिया फैसला

हरिद्वार में लॉकडाउन के बाद से पिछले 40 दिनों से अस्थि विर्जसन पर लगी रोक को कैबिनेट ने हटा लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर सभी ने सहमति दी। फैसले के अनुसार, गाड़ी चालक के अलावा दो व्यक्ति हरिद्वार आकर अपने दिवंगत परिजन की अस्थियां विसर्जित कर सकता है।

लॉकडाउन के बाद से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए अन्य राज्यों से लोग अस्थियां लेकर पहुंच रहे थे मगर, हरिद्वार के तीनों बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा था। इस मामले में हरिद्वार की श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को ज्ञापन भी दिया था, इसमें अस्थि विसर्जन पर रोक हटाने की मांग की गई थी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके अनुसार गाड़ी लेकर आने वाले चालक के अलावा दिवंगत व्यक्ति के दो परिजन भी अस्थि विसर्जन के लिए आ सकते हैं।  40 दिनों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित कोई भी अस्थि विसर्जन नहीं करा पा रहे थे।