सीएम ने की घोषणा, हल्द्वानी में आईटी अकादमी की होगी स्थापना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वप्रथम नैनीताल रोड स्थित शहीद सैनिक स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके उपरान्त धामी मिनी स्टेडियम हल्द्वानी पहुचे जहां पर उन्होने वृहद रोजगार मेले का फीता काटकर शुभारम्भ किया व मण्डल स्तरीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में मुख्यमंत्री ने राज्य खाद्य योजना के अन्तर्गत आवंटित होने वाले खाद्यान्न पर प्रदेश के राशन विक्रेताओं का लाभांश 18 रूपये से बढाकर 50 रुपये प्रति कुन्तल करने की घोषणा की। इसी तरह राज्य कर्मचारियों की भांति निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी उनके बोर्ड के अनुमोदन के उपरान्त 17 से 28 प्रतिशत करने, मिशन ब्लैकटाप के अन्तर्गत प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए मिशन मोड मे कार्य करेगी इसी को ध्यान में रखते हुए इस मिशन की घोषणा की। हल्द्वानी में आईटी अकादमी प्रारम्भ करने की घोषणा की जिसकी स्थापना उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय मे होगी साथ ही मिनी स्टेडियम हल्द्वानी मे दर्शक दीर्घा में टीन शेड लगाने व बलूटी गांव सड़क मार्ग स्व पं नारायण दत्त तिवारी के नाम रखने की घोषणा की।
मिनी स्टेडियम में संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने सभी को राज्य स्थापना की बधाई देते हुये उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों व आन्दोलकारियों को जिन्होने प्रदेश के लिए सर्वाेच्च बलिदान किया उन्हे नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदायें भी समय-समय पर हमारी परीक्षायें लेती रहती है। पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण आयी आपदा एक इसका उदाहरण है। जिसमें कई लोगों ने जान गवाई जो अत्यन्त दुखद है। उन्होने दैवीय आपदा मे मृतकों के प्रति अपनी संवेदनायें व्यक्त करते हुये कहा कि मै ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सम्बन्धित परिवारों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। उन्होने आपदा के समय आगे रहकर लोगों की मदद करने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन, स्वयं सेवकों आदि सभी की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि आने वाला दशक उत्तराखण्ड का दशक है। मोदी के विजन 2025 को लेकर हमारी सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है कि इस दशक की शुरुआत मे जो विकास की रफ्तार हमने पकडी है उसको हम पूर्ण रूप से गतिमान रखेंगे और उत्तराखण्ड को एक आदर्श मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा जब में जीवन के 21 वे वर्ष मे था और अपने भविष्य और राष्ट्र के लिए सपने देखता था उसी तरह आज में इस प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में हम सभी के 21 वर्ष के युवा उत्तराखण्ड के लिए सपने देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा मैं एक ऐसे उत्तराखण्ड का सपना देख रहा हूं जहां सभी लोग सुखी हों, स्वस्थ हों और मंगल के साक्षी बनें और किसी को भी दुख का भागी ना बनना पडे। उन्होने कहा इस प्रदेश को बनाने में हमारी मातृशक्ति की कितनी बडी भूमिका रही है यह बात किसी से छिपी नहीं है। मैं अपने इस प्रदेश की मातृशक्ति को भी प्रणाम करता हूं। श्री धामी ने कहा हमने आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं को मजबूती के लिए 118 करोड का कोविड राहत पैकेज जारी कर दिया है जिससे 7.5 लाख महिलाओं को सीधा लाभ पहुचेगा। उन्होने कहा कार्बेट पार्क में अब तक युवा ही सफारी के दौरान पर्यटकों को गाइड करते थे लेकिन अब पार्क मे महिलायें भी पर्यटकों को सफारी कराते दिख रही हैं। वर्तमान में 8 महिला गाइड व 25 महिला ड्राइवर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पूरे प्रदेश मे और अधिक से अधिक महिलाओं को पर्यटन गतिविधियों से जोडा जाए। महिलाओ को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा, मान सम्मान करने की प्रधानमंत्री की सोच और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हम लगातार काम कर रहे है। उन्होने कहा हमने विधवा, निशक्त, दिव्यांग महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वरोजगारी बनाने हेतु मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना शुरू की है। उन्होने कहा हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारम्भ किया है, तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी पुरस्कार की राशि को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया गया है साथ ही नन्दा गौरा योजना के तहत 2015 से 17 तक के वंचित रह गई 30 हजार बेटियों को योजना का लाभ देने के लिए 49 करोड की स्वीकृति हमारी सरकार ने दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। पिछले पांच वर्षाे में केन्द्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड की विभिन्न परियोजनायें प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं जिनमे बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड मे सडक मार्गाे का विकास किया जा रहा है वहीं पहाड में रेल का सपना भी साकार होने की कगार पर है। उन्होंने कहा केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिए चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की योजनाओं की सौगात दी है। उससे आने वाले समय में उत्तराखण्ड का आवागमन सुगम हो जायेगा। इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार ने भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 155 किमी के टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग के अन्तिम सर्वे को मंजूरी दे दी है इसके लिए 28 करोड की धनराशि भी अवमुक्त कर दी है। उन्होने कहा प्रधानमंत्री ने दशको से लम्बित तराई भावर की लाइफ लाइन जमरानी बहूद्देशीय परियोजना की स्वीकृति देकर उत्तराखण्ड के विकास मे महत्वपूर्ण योगदान दिया है इस योजना द्वारा तराई भाबर मे पेयजल के साथ ही सिंचाई की समस्या भी दूर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा हमारी सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करती है सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व पं नारायण दत्त तिवारी के कार्याे को हमारी सरकार ने सम्मान दिया है। उन्होने कहा पंतनगर सिडकुल का नाम अब पं नारायण दत्त तिवारी के नाम से होगा। उन्होने हमारी सरकार ने 24 हजार खाली पदो ंके सापेक्ष लगभग 12 पदों पर प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है शीघ्र ही शेष पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। उन्होने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ओपन जिम का शासनादेश जारी कर दिया गया है साथ ही उत्तराखण्ड गौरव व उत्तराखण्ड श्री पुरस्कार प्रारम्भ कर दिया है।
कार्यक्रम मे सम्बोधित करते हुये रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा मुख्यमंत्री युवा हैं व युवाओं के लिए तेजी से काम कर रहे है। उन्होने कहा भारत सरकार ने प्रदेश सरकार को 60 करोड की धनराशि सडक डामरीकरण हेतु जारी कर दी है। उन्होने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व मे देश व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व मे प्रदेश सुरक्षित है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत व जिलाध्यक्ष भाजपा प्रदीप बिष्ट ने सम्बोधित करते हुये सभी को राज्य स्थापना की बधाई दी साथ ही शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को नमन किया व अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व से कार्य तीव्र गति से हो रहे हैं तथा मुख्यमंत्री धामी नया संचार एवं नई ऊर्जा लेकर आये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शहीद राज्य आन्दोलनकारी स्व धर्मानन्द भट्ट, स्व प्रताप सिंह, स्व रामपाल सिंह, स्व परमजीत सिह, स्व गोपी चन्द्र, स्व भगवान सिह, स्व सलीम कुरैशी व स्व प्रताप सिह नैनीताल के परिजनों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आपदा दौरान राहत बचाव मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले कांगो ब्रिगेड के ब्रिगेडियर बिजेश कुमार अवस्थी, 14 डोगरा रेजिमेंट कर्नल आशीष जसवाल, कमाण्डेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार दराल, एसडीआरएफ टीम लीडर गजेन्द्र सिह परवाल के साथ ही पर्वतारोही शीतल राज व साईक्लिस्ट शिवांश साह को सम्मानित किया। उन्होने जनपद के आठ विकास खण्डों के स्वयं सहायता समूहों एवं 40 कलस्टर्स को चेक वितरित किये साथ ही महिला मंगल दलों का सम्मान भी किया। वात्सल्य योजना के अन्तर्गत कृष्णा आर्या, हर्षिता आर्या, रजत जोशी, लाभांशी व बिन्द्रा सिह को चेक अन्तरजातीय विवाह के 6 लाभार्थी को भी चेक वितरित किये गये। इसके साथ ही जनपद मे आपदा के दौरान सराहनीय कार्य करने पर विभागीय टीमों, पुलिस को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आर्मी बैंड,सीआरपीएफ बैण्ड व आईटीबीपी के जवानो द्वारा आत्मरक्षा के लिए जुडो कराटे आदि का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में विधायक नवीन दुम्का, दीवान सिह बिष्ट, रामसिह कैडा, अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, महापौर डा जोगेन्द्र पाल सिह रौतेला, अध्यक्ष उत्तराखण्ड कोआपरेटिव बैंक दानी सिह रावत, अध्यक्ष कोआपरेटिव बैक राजेन्द्र सिह नेगी, योगेन्द्र सिह रावत, अध्यक्ष मण्डी समिति राकेश नैनवाल, ब्लाक प्रमुख रूपादेवी, आशादेवी, रेखा रानी, डा हरीश बिष्ट, पीआरओ मुख्यमंत्री दिनेश आर्य, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, जनपद महामंत्री प्रदीप जनौटी, कमल नयन जोशी, दीपक मेहरा, राजेन्द्र सिह बिष्ट, प्रकाश हरर्बाेला, पुष्कर सिह काला, अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, शिव अरोडा, दर्जा मंत्री अजय राजौर, भागीरथ लाल चौधरी योगेन्द्र सिह रावत, लक्ष्मण खाती, पूर्व मंत्री गोविन्द सिह बिष्ट, विनीत अग्रवाल के अलावा आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल, एसएसपी प्रीति प्रियदर्शनी, मुख्य विकास अधिकारी डा संदीप तिवारी, अपर आयुक्त प्रकाश चन्द्र, सचिव एनडीडीए पंकज उपाध्याय, जीएम केएमवीएम एबी बाजपेयी, सिटी मजिस्टेट ऋचा सिह सहित अनेक अधिकारी गणमान्य, स्कूल छात्र-छात्राये, स्वयं सहायता समूह, जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।

दलित मित्र एवं कार्यकर्ता के घर भोजन पर पहुंचे सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक राजपुरा हल्द्वानी में अपने पुराने दलित मित्र एवं कार्यकर्ता के घर भोजन पर पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी कार्यक्रम के तुरंत बाद पार्टी के बहुत पुराने अनुसूचित कार्यकर्ता नंद किशोर आर्य के घर राजपुरा भोजन पर पहुंचे। नंदकिशोर आर्य वर्तमान में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते है। नंदकिशोर आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री वास्तव में गरीबों के मसीहा है। उन्होंने मुझ जैसे गरीब के घर भोजन कर धन्य कर दिया। मुख्यमंत्री ने नन्दकिशोर की आंख के इलाज का वायदा किया। नंदकिशोर के परिजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।
वहीं, अचानक राजपुरा में मुख्यमंत्री के आने से राजपुरा के निवासी गदगद हुये। राजपुरा निवासियों एवं महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, जिसके समाधान हेतु मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

धार्मिक महत्व और संस्कृतियों पर आधारित मां पीताम्बरा पुस्तक में प्राचीन धर्मस्थलों का है वर्णन

नैनीताल पर्यटन एवं परिवहन विकास सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा उत्तराखण्ड की धार्मिक संस्कृति एवं प्राचीन धर्म स्थलों के महत्व पर लिखित पुस्तक मां पीताम्बरा का आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में विमोचन किया।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक रमाकान्त पन्त व प्रकाशक ललित पंत को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देव भूमि उत्तराखण्ड में ऐसे अनेकानेक प्राचीन धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो देव भूमि की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अंचलों में स्थित ऐसे धर्म स्थल जहां स्थानीय लोगों की धार्मिक परम्पराओं के प्रमुख केन्द्र हैं वहीं धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी ये काफी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थलों के समुचित विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील है उन्होंने इस दिशा में नैनीताल पर्यटन एवं परिवहन विकास सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा किये जा रहे कार्यों एवं प्रयासों की सराहना करते हुए समाज के लिए प्रेरणादायी बताया। इस इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार पवन पांडे, दानेश्वर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रसाद चंद्र भट्ट, समाज सेविका निर्मला जोशी, डॉ बीएस नेगी, मंगल सिंह, मनोज कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

गौला पुल को जल्द से जल्द चालू करवाना प्राथमिकता-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह क्षतिग्रस्त गौला पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा गौला पुल पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अति महत्वपूर्ण है। जिस दिन से यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ है उसी दिन से हमारा प्रयास है कि पुल जल्द से जल्द चालू किया जा सके। नियमों को शिथिल किया गया है। पुल का कार्य युद्धस्तर पर होगा ताकि पुल जल्द चालू हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के साथ है प्रभावितों की हर संभव मदद की जायेगी। उन्होने कहा मूलभूत सुविधाएं विद्युत, पेयजल, सड़क, स्वास्थ तुरन्त बहाल किये जा रहे है। सरकार आपदा कार्याे की लगातार मॉनिटरिंग भी कर रही है।
निरीक्षण दौरान प्रभारी एवं ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मेयर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आखिर सीएम क्यो हुए सीएम भावुक और अधिकारियों से क्या बोले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा कार्यों को संवेदनशील होकर पूरी गंभीरता से लेते हुए पूरे मनोयोग से अधिकारी कार्य करें ताकि उन्हें व सरकार को जनता याद रखे। उन्होंने आपदा कार्यों को शीघ्र दुरूस्त करने हेतु जनपद नैनीताल व ऊधम सिंह नगर को आपदा मद से 50 करोड़ की धनराशि देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की।
मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस काठगोदाम में आपदा कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि आपदा से पीड़ित एवं प्रभावित परिवारों को उनके पारिवारिक सदस्यों की भॉति चिन्तन करते हुए शीघ्राति शीघ्र राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि आपदा के इस दौर में किसी ने अपना बेटा-बाप, मां-बहन एवं पारिवारिक सदस्य खोये हैं, परिवार में एक भी सदस्य के जाने से परिवार की परिस्थिति एवं दिनचर्या बदल जाती है, इसको संवेदनशील होकर सोचते हुए शीघ्रता से सभी प्रभावितों को राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये कि अधिकारी कार्यों को समयबद्ध तरीके से धरातल पर लाना सुनिश्चित करें कोई भी ढिलाई बरदाश्त नहीं की जायेगी। लापरवाही करने वाले अधिकारियों को कतई बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नियमित कार्यों के स्थान पर आपदा सम्बन्धित कार्यों को प्राथमिकता से करें ताकि जनता को राहत मिल सके व जनजीवन सामान्य हो सके। उन्होंने कहा कि सड़के, बिजली, पानी व संचार व्यवस्थाऐं स्थायी रूप से बहाल न होने तक तुरन्त वैकल्पिक व्यवस्थाओं से बहाल की जायें तथा स्वास्थ्य सेवाएं भी दुरूस्त रखी जाये। धन की कोई कमी नहीं है, कार्यों को समयबद्धता, गुणवत्ता व पारदर्शिता से किये जायें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को सहायता राशि तत्काल वितरित करें ताकि पीड़ितों को राहत मिल सके। जिस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि जनपद में 99 लाख की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है जिसमें 17 मृतकों के परिवार शामिल हैं, और प्रभावितों का सहायता राशि वितरित की जा रही है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे, इस पर पैनी नज़र रखे तथा इसमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए। आवश्यकतानुसार हैली सेवा का उपयोग करते हुए प्रभावितों राहत सामाग्री उपलब्ध करायी जाये। मुख्यमंत्री निर्देश दिये कि काश्तकारों की फसल हानि का आंकलन मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए शीघ्रता से करें ताकि उन्हें भी मुआवजा राशि तुरन्त दी जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डल में दुर्घटना सम्भावित पेड़ों के कटान की प्रक्रिया को और अधिक सरल करने हेतु वनाधिकारियों से वार्ता करते हुए खतरा बने पेड़ों का कटान कराने के निर्देश आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल को दिये ताकि संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने चोपड़ा गांव में आबादी क्षेत्र के ऊपर अटके बड़े-बड़े बोल्डरों को हटाने की व्यवस्था कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। उन्होंने चुकम में आपदा के दौरान बेघर हुए परिवारों के लिए टैण्ट की व्यवस्था करने के साथ ही खाद्य सामाग्री भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि वर्षाकाल में नहरों, गूलों के पानी का रूख कस्बो व घरों की ओर हो गया है, इसे रोकने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश सिंचाई विभाग के अभियंताओं को दिये। वर्षाकाल में पेयजल हेतु उपयोग करने वाले पानी में एलम, ब्लीचिंग पाउडर के साथी क्लोरीनाइजेशन करना सुनिश्चित करें ताकि जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके, इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि जल भराव वाले क्षेत्रों में दवा का छिड़काव करें ताकि डेंगू व अन्य जल जनित बीमारियों से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने सिडकुल के पास चोरगलिया-सितारगंज मार्ग को गड्डामुक्त करने हेतु सिडकुल से धनराशि लोनिवि को तुरन्त हस्तान्तरित कराने के निर्देश मण्डलायुक्त को दिये। उन्होंने लोनिवि को निर्देश दिये कि 7 नवम्बर से पहले सड़क को गड्डामुक्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने गोला पुल-सर्किट हाउस के मध्य गड्डायुक्त सड़क पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता को तुरन्त गड्डामुक्त करने के निर्देश दिये।
केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अधिकारी कार्यों को गंभीरता से लें, समय की बरबादी न करें तथा आदेशों को गंभीरता से लेते हुए आपदा कार्य त्वरित गति से पूर्ण करे। उन्होंने कहा विभागीय अधिकारियों को जो भी धनराशि, उपकरण आदि चाहिए उसकी मांग जिलाधिकारी को दें, धनराशि की कोई कमी नहीं है।
बैठक में काबीना मंत्री बंशीधर भगत, धनसिंह रावत, जनपद प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, नवीन दुम्का, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मेयर डॉ.जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य बेहतर ढंग से चलाया-अमित शाह

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। उनके साथ राज्यपाल उत्तराखण्ड ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी थे।
इसके बाद राज्य अतिथि गृह, जौलीग्रांट में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में आपदा की स्थिति और संचालित राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देवभूमि की हर सम्भव सहायता करेगी। भविष्य में और बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए क्या किया जा सकता है, राज्य सरकार इस संबंध में अपने सुझाव भेजे। आपदाग्रस्त व जलभराव वाले क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भेजी जाएं ताकि किसी तरह की बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। क्षतिग्रस्त बिजली लाईनों को पूरी तरह जल्द से जल्द ठीक की जाए। केंद्रीय व राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय देखने को मिला, इसे इसी प्रकार बनाए रखा जाए। बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया गया कि भारी बारिश का अलर्ट मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा की गई। तुरंत इन्सीडेंस रेस्पोंस सिस्टम को राज्य व जिला स्तर पर सक्रिय कर दिया गया। एहतियातन तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया। साथ ही स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया। विभिन्न माध्यमों से यात्रियों और जनसाधारण को भी अलर्ट किया गया। ट्रैकर्स को भी अलर्ट किया गया। नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी गई और आवश्यक कदम उठाए गए। आईएमडी के अनुसार सामान्य रूप से 1.1 मिमि बारिश होती है जबकि अभी 122.4 मिमि बारिश हुई। इन दो दिनों में सभी जगह रिकार्ड बारिश हुई। परंतु सही समय पर अलर्ट और तदनुसार एहतियात कदम उठाने से हानि को कम किया जा सका। प्रदेश में इस समय एनडीआरएफ की 17 टीमें तैनात हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र से मिले सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना, एनडीआरएफ, सीडब्ल्यूसी, बीआरओ के साथ मिलकर राज्य सरकार आपदा की तीव्रता को कम कर सकी। लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। चारों धाम की यात्रा शुरू की जा चुकी है।
बैठक में केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, उत्तराखण्ड के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एस ए मुरूगेशन, डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल उपस्थित थे। बैठक में भारत सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस संकट की स्थिति में भारत सरकार हर तरीके से देवभूमि के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुत अच्छे से काम किया है। इस कारण से कम नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में भी इसी प्रकार का समन्वय रहेगा।
अमित शाह ने कहा कि दो घंटे के हवाई निरीक्षण और समीक्षा बैठक में स्थिति का जायजा लिया। यह बात स्पष्ट है कि भारत सरकार द्वारा सही समय पर अलर्ट करने से नुकसान को कम किया जा सका। 24 घंटे पहले चेतावनी मिलने से मुख्यमंत्री ने पूरे सिस्टम को एक्टिवेट किया। लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया। चारधाम यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया। इसी का परिणाम है कि अभी तक चारधाम यात्रियों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यात्रा अब शुरू भी कर दी गई है। सभी एजेंसियां समय पर सक्रिय हो गई थी। प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री से बात कर समय पर राज्य को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। भारत सरकार से हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। सेंटर वाटर कमीशन और सिंचाई विभाग में अच्छा समन्वय रहा। अभी तक 64 दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई हैं। कुछ लोग लापता हैं। ज्यादातर सड़कें खुल गई हैं। पेयजल, बिजली, टेलीफोन नेटवर्क की आपूर्ति भी काफी बहाल कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य बहुत अच्छे से चलाया। इससे बहुत सी जानों को बचाया जा सका। 3500 लोगो को रेस्क्यू किया गया जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 60 टीमें, पीएसी की 15 कम्पनियां और पुलिस के 5 हजार जवान आज भी बचाव व राहत में लगे हैं। जल्द ही सामान्य स्थिति हो जाएगी। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वास्तविक नुकसान का आंकलन पूरे सर्वे के बाद हो पाएगा। वैसे डिजास्टर फंड में उत्तराखण्ड को पहले से ही 250 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। इससे काम किया जा रहा है।

दो दिन से लगातार अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की बीच मौजूद हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में पूरे समर्पित भाव से जनता के बीच मौजूद हैं। लगातार दूसरे दिन पीड़ितों के बीच पहुंचकर उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। तूफानी दौरा कर वह हर उस स्थान पर पहुंच रहे हैं जहां के लोगों पर प्रकृति ने कहर बरपाया है। जब हल्द्वानी से मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पाया तो समय जाया किए बगैर वह सड़क मार्ग से ही प्रभावित इलाकों के लिए निकल पड़े। कई बार उन्होंने ट्रैक्टर में बैठकर भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री से प्रेरित होकर समूची सरकारी मशीनरी चौबीस घण्टे एक्टिव मोड में है। इधर, मुसीबत की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पीड़ित जनता राहत महसूस कर रही है।
सैनिक पुत्र धामी में दैवीय आपदा से जूझने में सेना के जवान वाला जज्बा देखने को मिल रहा है। रात-दिन तूफानी दौरे, त्वरित फैसले और कड़क मॉनिटरिंग से युवा मुख्यमंत्री ने अपने कौशल का परिचय दिया है। बीते 17 और 18 अक्टूबर को आई मूसलाधार बारिश ने उत्तराखण्ड के कई जिलों में तबाही मचा दी। प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है। सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी इस मिशन में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्राउंड जीरो पर उतर कर बचाव और राहत कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बीते मंगलवार को उन्होंने गढ़वाल मण्डल के प्रभावित स्थानों में जाकर अपना दौरा शुरू किया जो अब कुमाऊं मण्डल में जारी रहा। पीड़ित जनता से मिलकर मुख्यमंत्री लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। रेस्क्यू अभियान की खुद अगुवाई करके उन्होंने पूरे ’सरकारी सिस्टम’ को राहत के काम में झोंक रखा है।
मंगलवार की देर रात तक प्रभावित लोगों दुख-दर्द बांटने के बाद बुधवार की सुबह हल्द्वानी में उन्होंने ’जनता दरबार’ लगाया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। अधिकांश समस्याओं का ’एट दि स्पॉट’ समाधान किया गया। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाए। उनकी समस्या का समाधान किया जाए और आवश्यक जरूरतें पूरी की जाएं। जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले पर हल्द्वानी में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से ही चले गए। रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी व आसपास के तमाम क्षेत्रों का उन्होंने सघन भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री ने खटीमा के बाढग्रस्त प्रतापपुर व नौसर में ट्रेक्टर द्वारा पहुंचकर बाढ़ पीड़ित लोगों का हाल चाल जाना व किसानों से वार्ता की। उन्होने किसानो से कहा कि सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री बण्डियां सत्रहमील होते हुये खटीमा में मेलाघाट रोड स्थित रेलवे कांसिग के पास दुकानदारों से मिलकर उनका हाल चाल जाना। तद्पश्चात उन्होंने मेलाघाट रोड स्थित पकड़िया में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। अपना घरबार व फसल गंवा चुके लोगों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा से हुए नुकसान का अतिशीघ्र आंकलन पर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए। जो लोग बेघर हो गए हैं उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारियों को बचाव व राहत अभियान की कमान अपने हाथ में लेने और हर घण्टे इसकी प्रगति से अपडेट रहने को कहा गया है।
खटीमा के पश्चात् मुख्यमंत्री ने चंपावत एवं तल्ला रामगढ़ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई व स्थलीय निरीक्षण तथा भिकियासैंण का हवाई निरीक्षण करने के पश्चात् अतिवृष्टि से क्षेत्र में हुई हानि का ब्यौरा लिया।
मुख्यमंत्री के साथ राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।

नैनीताल जिले में भारी बारिश से जान माल का भारी नुकसान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिले में भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने आपदा से हुए नुकसान की जानकारी दी। जिले में चल रहे आपदा राहत कार्यों से भी अवगत कराया।
जिलाधिकारी गर्ब्याल ने सीएम को बताया कि जिले में विगत दिनों मूसलाधार वर्षा होने के कारण लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, जल संस्थान, लघु सिंचाई की बड़े पैमाने पर राजकीय परिसम्पत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। जिनका प्राथमिक आंकलन 102 करोड़ रुपये किया गया है। विस्तृत आंकलन जारी है। मुख्यमंत्री ने पुनर्निमाण कार्य शुरू कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए। आपदा के दौरान हुई जनहानि, पशु हानि, भवन हानि व फसल हानि का मुआवजा व सहायता राशि तुरन्त आपदा पीड़ितों को देने के निर्देश भी सीएम ने दिए। जिलाधिकारी गर्ब्याल ने मुख्यमंत्री को बताया कि रामनगर के वन ग्राम सुन्दरखाल के 30 परिवारों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर एयलिफ्ट किया गया। लालकुआं में बाढ़ से प्रभावित 97 परिवारों को गुरुद्वारे में शिफ्ट किया गया है। क्षेत्र में राहत शिविर साथ ही सहायता राशि बांटी जा रही है। रामनगर के चुकम गांव नदी के तेज बहाव के कारण प्रभावित हो गया था। राफ्टों के माध्यम से रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है। गांव में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। तल्ला रामगढ़ में फंसे यात्रियों के भोजन की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जा रही है। अतिरिक्त राशन किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मजदूरों के पार्थिव शरीर बिहार जाएंगे
डीएम ने बताया कि ग्राम चौखुटा में 5 मजदूरों की मृत्यु हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर को बिहार तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बिहार के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है। मजदूरों के पार्थिव शरीर को दिल्ली भेजा जा रहा है।

कैंची मार्ग में फंसे 500 यात्रियों को निकाला
गर्ब्याल ने बताया कि गत दिवस कैंची-भवाली मार्ग के अवरूद्ध होने से 150 वाहनों में लगभग 500 यात्री फंसे हुए थे। जिनको रेस्क्यू कर निकाला गया। मार्ग हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

मलबे में दबे चार शवों को निकाला
डीएम ने बताया कि बोहराकोट रामगढ़ में मलबे में फंसे दो व्यक्तियों के शव को एनडीआरएफ की टीम ने निकाल लिया है। कैंची में मलबे में फंसे दो शवों को भी निकाल लिया गया है।

युवा सीएम के जज्बे को सलाम, 15 दिन के अंदर गौलापुल की क्षतिग्रस्त एप्रोच वॉल का होगा निर्माण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह सर्किट हाउस काठगोदाम में जन समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने गौलापार क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया कि गौलापुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच वॉल का निर्माण 15 दिन के भीतर प्रारम्भ कर दिया जायेगा। क्षेत्र के प्रधान संगठन भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिले, जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रधानों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा सरकार हमेशा जनता के साथ है उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में धैर्य बनाये रखें, समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया जायेगा।
इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महापौर डॉ. जोगेन्द्रपाल सिंह रौतेला, सहित डीजीपी अशोक कुमार, आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी के अलावा जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

हवाई निरीक्षण के बाद मौके पर जाकर रेस्क्यू अभियान का सीएम कर रहे निरीक्षण

प्रदेश में पिछले दो दिनों से अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरन्तर अनुश्रवण कर राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पीडितों को त्वरित राहत एवं अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने पूर्वाहन मे सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।
उसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीडितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गाे को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्याे के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाय। इस दौरान आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत भी मुख्यमंत्री के साथ रहे।