पीएम का दौरा विकास को गति देने वाला-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी 12 अक्टूबर को प्रस्तावित पिथौरागढ़ भ्रमण के दृष्टिगत प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने नैनी सैनी एयरपोर्ट पर वायुयान लैंडिंग व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने जनसभा स्थल पिथौरागढ़ स्थित एसएस वल्दिया स्पोटर्स स्टेडियम में मंच व्यवस्था, सीटिंग अरेंजमेंट,साउंड व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, टेण्ट, पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं त्रुटि रहित और समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह उत्तराखण्ड दौरा देवभूमि के विकास को और गति देने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों को भी वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सांसद अजय टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, विधायक बिशन सिंह चुफाल, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी वरुण चौधरी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

पिथौरागढ़ दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य सचिव, अधिकारियों को दिए अहम दिशा-निर्देश

राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार आजकल कुमांउ मंडल के चंपावत और पिथौरागढ़ जनपद के भ्रमण पर है। चंपावत में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत परखने के बाद आज चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सचिव डॉ आर राजेश कुमार पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिथौरागढ़ जनपद के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों-कर्मचारियों के संग समीक्षा बैठक कर अहम निर्देश दिये।
सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इग्यारदेवी का निरीक्षण किया और वहां पर स्थित लैब का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिये। उसके बाद विकास भवन स्थित सभागार में प्रधानमंत्री के जनपद आगमन की तैयारियों से संबंधित जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचएस ह्यांकी से जिले के बाहर से आने वाली कार्डियक एंबुलेंस व स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की तैनाती की जगह के विषय में जानकारी ली व इस दौरान सभी कार्मिकों को एलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए।

’ऑर्गन डोनर में पिथौरागढ़ आगे, सचिव ने जताई खुशी’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जिले में सबसे अधिक ऑर्गन डोनर बनाए जाने पर खुशी जताई। वहीं जनपद में आयुष्मान योजना की धामी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने सुधार के निर्दश दिये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि योजना में जनजागरूकता को लेकर व्यापक कंपेन चालया जाये। जनपद में 100 फीसदी आयुष्मान कार्ड का लक्ष्य लेकर पूरी व्यापक कार्य योजना बनाई जाये। हर घर आयुष्मान कार्ड की सुविधा को लेकर अधिकारी-कर्मचारी कार्य करें। योजना के महत्व के बारे में आम जनमानस को बतायें। इससे मिलने वाले लाभों को समझायें।

’मेडिकल कॉलेज के धीमे निर्माण पर जाहिर की नाराजगी’
इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने पिथौरागढ़ जनपद के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने बारीकी से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था से निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य तय समय पर पूरा होना चाहिए ताकि आम जनमानस को इसका पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने कार्यदायी संस्था को मजदूरों और मशीनरी की संख्या बढ़ाने के निर्दश दिये। साथ ही हिदायत दी कि निर्माणकार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाये।

भ्रमण कार्यक्रम में उनके साथ निदेशक कुमाऊं मंडल डा तारा आर्या, प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज डा अजय आर्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचएस ह्यांकी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आर के जोशी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा कुंदन कुमार, नवल चौधरी, मोनू मोहित पंत, चंदन बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृति उत्सव का हुआ रंगारंग आगाज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज रायपुर में आयोजित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के चौथे राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव 2023 में प्रतिभाग किया। नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्राइबल स्टूडेन्ट तथा स्टेट एकलव्य विद्यालय संगठन समिति उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के छात्र एवं शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का एक मंच बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चार दिवसीय आयोजन ईएमआरएस में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के सर्वांगीण विकास को गति देने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप है, जो निरंतर सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देगा, और समृद्ध भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत को राष्ट्रीय एकीकरण के माध्यम से विविधता में एकता की मिशाल बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अवसर वास्तव में छात्रों के बीच उत्साह की भावना, सांस्कृतिक जुड़ाव और विभिन्न राज्यों से आने वाले छात्रों के बीच राष्ट्रीय एकता के भाव को भी मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मुख्य रूप से पांच प्रकार की जनजातियाँ निवास करती हैं। उनकी भौगोलिक, आर्थिक तथा ऐतिहासिक स्थितियाँ लगभग समान है। उन्होंने स्वयं जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड थारू जनजाति के बीच में बिताया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय के पंडित नैन सिंह रावत के जीवन की शुरुआत भी एक महान सर्वेयर के रूप में इसी देवभूमि से हुई है, जिन्होंने तिब्बत की यात्रा के दौरान अपने कदमों की नाप से दुनिया को बताया कि ल्हासा की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है साथ ही दुनिया को तिब्बत के कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्यों से भी रूबरू कराया तथा तिब्बत के नक्शे को दुनिया के सामने रखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विगत 09 वर्षों के कार्यकाल में देश में अनुसूचित जनजातियों का समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज़ादी के इस अमृतकाल में भारत की जनजातीय परम्पराओं एवं शौर्य गाथाओं को भव्य पहचान दिलाई है। जनजातीय समाज के अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का सपना साकार किया है।
मुख्यमंत्री ने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त एकलव्य विद्यालय की स्थापना हेतु केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इनका आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक उत्थान और सर्वांगीण विकास कर उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित है। प्रतियोगी परीक्षा पूर्व कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ युवक-युवतियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति की पुत्रियों की शादी हेतु 50 हजार का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव तथा खेल महोत्सव आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जनजातीय शोध संस्थान के लिये 01 करोड के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा एवं कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने भी इस आयोजन में अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा कि राज्य में जनजातीय छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने हेतु उन्हें प्राइमरी से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। शैक्षिक उत्थान एवं विकास हेतु वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है, शैक्षिक विकास हेतु धारचूला, गोपेश्वर, काशीपुर, खटीमा एवं धनपौ (चकराता) में छात्रावास संचालित है, अनुसूचित जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को तकनीकी शिक्षा हेतु प्रदेश में 03 आई.टी.आई. का संचालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के तीसरे संस्करण में, देवभूमि के जनजातीय छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर उत्तराखण्ड राज्य समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर रहा। उन्होंने इस उत्सव के चौथे संस्करण में देवभूमि के छात्रों को सभी श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन की भी शुभकामना दी।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काउ, राजकुमार पोरी, निदेशक जनजाति निदेशालय संजय सिंह टोलिया, छात्र-छात्राओं सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नैनी सैनी हवाई अड्डे के संचालन को हुआ एमओयू हस्तांतरित

पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई अड्डे का विकास, संचालन एवं प्रबंधन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जायेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विभाग के मुख्य कार्याधिकारी सी. रविशंकर तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर एन.वी. सुब्बारायडू के मध्य एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनी सैनी एयर पोर्ट के संचालन, रखरखाव, विकास एवं प्रबंधन के लिये पूर्व में उन्होंने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपेक्षा की थी कि नैनी सैनी एयरपोर्ट के सामरिक महत्व को देखते हुए इसे अपग्रेड करने तथा इसके बेहतर प्रबंधन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को हैंडओवर कर दिया जाए। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर निर्णय लिये जाने हेतु एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अविलम्ब एम.ओ.यू की कार्यवाही पूर्ण करने की भी बात हुई थी। इसी के क्रम में आज यह एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुआ है। मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट अथॉरिटी व एक्जक्यूटिव डायरेक्टर से नैनी सैनी हवाई अड्डे से विमान सेवा के संचालन में शीघ्रता की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊं की एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए पंतनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नये अलाइनमेंट का ओएलएस सर्वे करने की भी एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से अपेक्षा की।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी, एयरपोर्ट अथॉरिटी के ऑपरेशन हेड समीर सिंह, देहरादून एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा आदि उपस्थित थे।

नैनी सैनी एयरपोर्ट में अब सुचारु हो सकेगी हवाई सेवा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए ) द्वारा उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को नैनी सैनी एयरपोर्ट, पिथौरागढ़ को एरोड्रम लाइसेंस जारी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य की एयर कनेक्टिविटी की मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। विदित है कि मुख्यमंत्री धामी ने नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ को एरोड्रम लाइसेंस देने का अनुरोध किया था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ के लिए एरोड्रम लाइसेंस जारी करने से सभी को नैनी सैनी एयरपोर्ट पिथौरागढ़ में लैंडिंग तथा टेक ऑफ सुविधा प्राप्त होगी।

विकास कार्यों की माह में दो बार समीक्षा करने के निर्देश

जिलाधिकारी विकास कार्यों की माह में दो बार समीक्षा अवश्य करें। विधायकगणों के माध्यम से विकास कार्यों के लिए जो भी प्रस्ताव जिलाधिकारियों को प्राप्त होते हैं, उन्हें शासन में भेजने के बाद भी उस पर कार्य प्रगति की शासन से जिलाधिकारी अपडेट भी लेते रहें। जन समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। पत्रावलियों के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब न किया जाए और न ही अनावश्यक आपत्ति लगाई जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा क्षेत्र अल्मोड़ा की विधानसभा क्षेत्रों के समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जन समस्याओं का तीव्रता से समाधान हो सके, जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के मध्य निरंतर संवाद स्थापित हो, इस उद्देश्य से विधानसभावार जनहित के कार्यों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अधिकांश जन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर ही समस्याओं को मण्डल एवं शासन स्तर पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत अलग-अलग क्षेत्रों की अलग-अलग समस्याएं हैं। अधिकारियों को क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड कॉरिडोर के लिए तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ एवं चम्पावत जनपद को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की अनेक संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नालियों की सफाई एवं झाड़ी कटान का कार्य नियमित हो, इसके लिए अभियान के तहत कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री घोषणाओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए अलग से समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाए। जटिल प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में लगातार प्रयास किये जाएं। प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए विभागों द्वारा क्या कार्य किये गये हैं, इसकी भी जल्द समीक्षा की जायेगी।
बैठक में विधायकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण, पुल निर्माण के कार्य, विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता, बाढ़ नियंत्रण से संबधित कार्य एवं क्षेत्र की अन्य समस्याओं से अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी समस्याएं रखी गई हैं, अधिकारी इन समस्याओं का त्वरित निवारण का प्रयास करें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, चन्दन रामदास, सांसद अजय टम्टा, विधायक डीडीहाट विशन सिंह चुफाल, गंगोलीहाट फकीर राम, कपकोट सुरेश गढ़िया, रानीखेत प्रमोद नेनवाल, सल्ट महेश जीना, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश झा, रणजीत सिन्हा, एच. सी, सेमवाल, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, विनीत कुमार, उदयराज, योगेन्द्र यादव, नवनीत पाण्डेय, जगदीश चन्द्र काण्डपाल, वर्चुअल माध्यम से कुमांऊ कमिश्नर दीपक रावत, संबंधित जिलाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बेस अस्पताल का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सचिव ने दिए दिशा-निर्देश

जनपद भ्रमण पर आये स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने बेस चिकित्सालय का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जल्द ही सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों को बेस चिकित्सालय का लाभ मिलेगा। सचिव ने कहा फिलहाल मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ का संचालन मेडिकल एजुकेशनल डिपार्टमेंट के माध्यम से किया जाएगा और डॉक्टरों की तैनाती बेस चिकित्सालय में की जाएगी जिनके सहयोग से चिकित्सालय का संचालन कार्य किया जाएगा। उन्होंने बेस अस्पताल में 100 अतिरिक्त बेड के का प्रबंध करने के लिए कहा। उन्होंने पेयजल निगम को सप्ताह के अंदर टेंडर फाइनल कर जल आपूर्ति का शेष कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए।
प्रधानाचार्य बेस चिकित्सालय द्वारा सचिव महोदय के समक्ष विशेषज्ञ डॉक्टरों को बेस चिकित्सालय में तैनात करने की मांग की गई इसके अतिरिक्त एंबुलेंस, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड आदि भी मुहैया कराने की मांग रखी जिस पर सचिव ने प्रधानाचार्य बेस चिकित्सालय को एक सप्ताह के भीतर प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा और सीएमओ पिथौरागढ़ के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक उपकरणों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए जिसे उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही एक सप्ताह में किए गए कार्यों की स्थिति के संबंध में वीसी के माध्यम से अवगत कराने के लिए कहा। प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ ने मेडिकल कॉलेज के निकट स्थित रेशम विभाग की 1.87 हेक्टेयर भूमि को मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ को देने की मांग रखी।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा मोस्टामानु में मेडिकल कॉलेज कैंपस के लिए चयनित लैंड का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी पिथौरागढ़ रीना जोशी, ज्वाइंट डायरेक्टर चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉक्टर एम के पंत, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी अरुण जोशी, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य, तहसीलदार पिथौरागढ़ आदि अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।

बेस चिकित्सालय पहुंचे मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को दिये निर्देश

प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधु ने जनपद के नैनी सैनी एयरपोर्ट एवं पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय भवन का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्य सचिव ने सर्वप्रथम नैनी सैनी एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा नैनी सैनी हवाई पट्टी के विस्तार की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण भी पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया। इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिव दिलीप जावलकर से नैनी सैनी में हवाई सेवा शुरू होने के बारे में जानकारी ली गई। जिस पर सचिव श्री जावलकर ने बताया कि आगामी 2 माह के भीतर हवाई सेवा शुरू हो जाएगी।
इसके बाद मुख्य सचिव द्वारा पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय भवन का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि बेस चिकित्सालय भवन के हैण्ड ओवर की कार्रवाई तुरन्त की जाए। उन्होंने कहा कि बेस चिकित्सालय भवन के उचित रख-रखाव का भी ध्यान रखा जाय। इस दौरान मुख्य सचिव ने बताया कि सचिव स्वास्थ्य बेस चिकित्सालय के निरीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं। संभावना है कि बेस चिकित्सालय का संचालन अति शीघ्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पिथौरागढ़ स्थित बेस चिकित्सालय के संचालन को लेकर सचिवालय स्तर पर भी कुछ दिन पूर्व मीटिंग आयोजित की गई थी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव सिविल दिलीप जावलकर, सचिव परिवहन अरविंद सिंह हयांकी, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी वरुण चैधरी, एसपी लोकेश्वर सिंह, अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चैहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एचएस हंयाकी आदि उपस्थित थे।

मुनस्यारी के लिए कई घोषणाएं, सीएम ने कहा-प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है क्षेत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुनस्यारी स्थित जोहार क्लब मैदान में आयोजित मुनस्यारी महोत्सव 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी महोत्सव धीरे-धीरे विश्व प्रसिद्ध महोत्सव के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। मुनस्यारी के प्राकृतिक सौंदर्य की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जोहार की पावन भूमि नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण तो है ही इसका इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी के नैसर्गिक सौंदर्य ने उन्हें बचपन से ही आकर्षित किया है। मुनस्यारी जैसा रमणीक स्थल भारत में ही नहीं विश्व में मिलना मुश्किल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुनस्यारी महोत्सव के लिये 8 लाख की धनराशि दिये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मुनस्यारी में एकलव्य विद्यालय खोले जाने, मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाये जाने, मुनस्यारी में गौ रक्षा के लिए सहयोग दिए जाने, बकरियों के चुगान की अनुमति दिये जाने एवं बोना गांव में गार्डर पुल बनाए जाने की घोषणा की। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये इनके अधिकतम उपयोग किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुनस्यारी क्षेत्र की महान विभूतियों को याद करते हुए कहा कि जोहार की भूमि महान समाज सेवकों, चिंतकों, भू -सर्वेक्षकों एवं पर्वतारोहियों की भूमि है। उन्होंने क्षेत्र की सभी महान विभूतियों का नाम लेते हुए उनके महान कार्यों को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार हर क्षेत्र में विकास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सीमान्त क्षेत्रों एवं गांवों के विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रहे है। उन्होंने देश के सीमान्त गांवों को देश का अंतिम गांव न मानकर देश का पहला गांव माना है। प्रधानमंत्री ने सभी से अपनी यात्रा व्यय की 05 प्रतिशत धनराशि स्थानीय उत्पादों के क्रय पर व्यय करने की बात कही है, इससे हमारे स्थानीय उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलेगी तथा हमारे लोग स्थानीय उत्पादों के उत्पादन के प्रति और अधिक ध्यान देने तथा इससे रोजगार, स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होने के साथ ही आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रही है। मुनस्यारी क्षेत्र के विकास को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुनस्यारी क्षेत्र के विकास के लिये 66 घोषणायें की हैं जिनमें से 32 पूर्ण हो चुकी हैं, शेष घोषणाओं को पूर्ण करने के लिये जनपद एवं शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य के विकास के लिये चिंतन शिविरों के माध्यम से विकास का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। सभी के सहयोग एवं विश्वास के साथ 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये हमारे प्रयास निरंतर जारी हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पिथौरागढ़ दीपिका बोहरा, विधायक फकीर राम, हरीश धामी, जिलाधिकारी रीना जोशी, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।

बाल दिवस की सबसे मनमोहक तस्वीर जो हर किसी के दिल को छू गई

सीएम धामी को बच्चे बेहद पसंद हैं। जहां कहीं भी कार्यक्रमों में सीएम को बच्चे नजर आते हैं, वहां उन्हें लाड-प्यार करने से खुद को रोक नहीं पाते। अब इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और कि आज बाल दिवस भी था और जौलजीबी मेले का उद्धघाटन समारोह भी। इस दौरान अचानक ही जब पारंपरिक वेशभूषा में सजी एक नन्हीं सी बच्ची पर सीएम धामी की नजर पड़ी तो उनका बाल्य प्रेम उमड़ पड़ा और सीएम धामी ने बगैर देर किए इस बच्ची को गोद में उठा लिया। सीएम धामी के चेहरे पर आई मुस्कुराहट यह बताने के लिए काफी थी कि उन्हें नन्हें-मुन्ने बच्चे कितने प्रिय है और यह पहला मौका नहीं था जब सीएम धामी का बच्चों के प्रति यह प्रेम नजर आया हो। शिक्षा विभाग के कई कार्यक्रमों के दौरान सीएम न केवल उनसे खूब प्रेरक संवाद करते हैं बल्कि मौका मिलने पर उनके साथ फोटो खिंचाने और मौज-मस्ती करने से भी नहीं चूकते।
कहते हैं बच्चे मन के सच्चे। बच्चों का मन निश्छल होता है और उनका मन उन्ही लोगों के साथ खुश रहता है जो खुद निश्छल होते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बच्चों के साथ केमिस्ट्री देखने लायक होती है। धामी अंकल के साथ बच्चे चहक उठते हैं। धामी खुद भी बच्चों के बीच पूरी तरह रम जाते हैं। जब भी वे बच्चों के साथ होते हैं, उनकी चेहरे पर स्वाभाविक हंसी और मुस्कान सबको आकर्षित करती है। मुख्यमंत्री धामी भी बच्चों में घुलने मिलने और उनसे बातें करने का कोई अवसर नहीं गंवाते। धामी की सहजता, सरलता और हंसमुख चेहरा उन्हें बच्चों में लोकप्रिय बना रहा है। धामी के चेहरे की स्वाभाविक मुस्कान के तो प्रधानमंत्री मोदी भी कायल हैं। माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह कहकर संबोधित किया था कि जिनके चेहरे पर स्मित (मुस्कान) रहता है।
मुख्यमंत्री धामी का बच्चों के साथ संवाद एक तरफा नहीं होता है। जितना धामी बातचीत करते हैं उससे ज्यादा बच्चे अपने धामी अंकल को अपनी बात बताते हैं। मुख्यमंत्री धामी का बच्चों से स्नेह केवल बातें करने तक ही नहीं है। मुख्यमंत्री का मानना है कि बच्चों से ही देश का भविष्य सुरक्षित है। उनकी कोशिश रहती है कैसे बच्चों के लिए अधिक से अधिक काम किया जाए। वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना, छात्र छात्राओं को मोबाइल टैबलेट, खेल छात्रवृत्ति जैसी तमाम योजनाएं और निर्णय इसका उदाहरण हैं।