पर्वतारोहियों की तलाश को रवाना हुई एसडीआरएफ की टीम

मुनस्यारी (पिथौरागढ़) से नंदा देवी ईस्ट 7434 मीटर की ऊंची चोटी फतह करने गए छह विदेशी पर्वतारोहियों सहित एक भारतीय लापता हो गया हैं। यह दल नंदा देवी फतह को 13 मई को रवाना हुआ था। वहीं, लापता होने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन ने राजस्व दल और एसडीआरएफ की टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया है।

मैसर्स हिमालयन रन एवं ट्रेक लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस पर्वतारोहण अभियान में ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोही शामिल हैं। जिसमें टीम लीटर इंग्लैंड के मार्टिन मैक्रन हैं। दल में जॉन मैक्लॉरेन, रूपर्ट ह्रवेल, रिचर्ड पायने निवासी यूके, रूथ मैक्क्रेन निवासी आस्ट्रेलिया, एंथोनी सूडेकम, रोनाल्ट बरमेल निवासी यूएसए और चेतन पांडेय भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के लाइजन ऑफिसर शामिल हैं। दल 13 मई को मुनस्यारी से रवाना हुआ। दल को शनिवार एक जून को मुनस्यारी लौटना था।

जानकारी के मुताबिक दल के सदस्य जब 6000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर थे तब से लापता हैं। जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गई है। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और मुनस्यारी तहसील प्रशासन सक्रिय हो गए हैं। जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे ने मुनस्यारी तहसील प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए हैं। एसडीएम मुनस्यारी आरसी गौतम ने राजस्व दल व आपदा प्रबंधन दल को मौके पर जाने के लिए भेज दिया है।

तीर्थनगरी पहुंचे क्रिकेटर उन्मुक्त चंद, बोले सीनियर टीम में वर्ल्डकप जिताना है सपना

द स्काई आफ द लिमिट पुस्तक को लांच करने ऋषिकेश पहुंचे क्रिकेटर उन्मुक्त चंद ने प्रशंसकों ने खुलकर वार्ता की। उन्होंने बताया कि पुस्तक में उन्होंने अपनी यात्रा वृत्तांत का जिक्र किया है।

क्रिकेटर उन्मुक्त चंद ने अपने प्रशंसकों से बातचीत की और खुद के साइन की हुई किताब प्रशंसकों को दी। उन्होंने बताया कि 2012 के अंडर-19 वर्ल्ड कप से पूर्व उन्होंने इस पुस्तक का 80 फीसदी हिस्सा लिख दिया था। बाकी हिस्सा वर्ल्ड कप जीतने के बाद लिखा। इस दौरान प्रशंसकों ने उनकी पुस्तक को खरीदा।

क्रिकेटर को गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजे नेगी, रोटरी क्लब सेंटर के अध्यक्ष दीपक तायल, समाज सेवी राधे साहनी ने पुष्प गुच्छ और प्रदेश की लोकभाषा की पहली वर्णमाला पुस्तक एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

सपना है सीनियर वर्ल्ड कप जीतने का
क्रिकेटर उन्मुक्त चंद ने बताया कि मात्र 19 वर्ष की आयु में उनके नाम अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने का खिताब बतौर कप्तान के रूप में दर्ज हुआ है। यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए यादगार लम्हा रहेगा। उनका सपना अंडर-19 की तरह भारत की सीनियर क्रिकेट टीम का नेतृत्व करना और कप जीतना है। उनमुक्त ने कहा कि उत्तराखंड से मेरा जुड़ाव पुराना है। मुझे जब भी समय मिलता है। मैं उत्तराखंड आकर अपनी थकान मिटाता हूं। पहाड़ की वादियों में आकर बहुत सुकून मिलता हैं।

लोक गायिका कबूतरी देवी को नहीं मिल सका हैलीकॉप्टर, हो गयी मौत

उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका कबूतरी देवी का शनिवार को समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण निधन हो गया। निधन के वक्त पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भर्ती थी और उन्हें देहरादून में इलाज के लिये हैलीकॉप्टर से ले जाने का इंतजार किया जाता रहा। मगर, हैलीकॉप्टर की सुविधा नहीं मिल पाने से उनका निधन हो गया।

पिथौरागढ़ जिले के क्वीतड़ गांव की रहने वाली कबूतरी देवी प्रदेश की जानी मानी लोक गायिका थीं। गायन की कई विधाओं में माहिर लोक गायिका राज्य की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन देश भर में कर चुकी हैं। 70 वर्ष की हो चुकी कबूतरी देवी का स्वास्थ शुक्रवार को अचानक खराब हो गया। परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय लाए। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसएस कुंवर ने उनके स्वास्थ की जांच की। जांच के बाद उन्होंने बताया कि कबूतरी देवी का ब्लड प्रेशर कम है और उनका हॉर्ट कमजोर हो रहा है।

उपचार के बाद हालत में हल्का सुधार होने के बाद उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया है। इस दौरान नगर के तमाम लोगों ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर उनका हालचाल जाना। परिजन उन्हें हेलीकॉप्टर से देहरादून ले जाने का प्रयास कर रहे थे। शक्रवार सायं उन्हें हैलीकॉप्टर से देहरादून ले जाना था। शाम को हैलीकॉप्टर नही आया। शनिवार सुबह भी हेलीकॉप्टर नहीं पहुंचा और उनकी अस्पताल में ही मौत हो गई।

शनिवार सुबह छह बजे कबूतरी देवी को देहरादून ले जाने के लिए जिला अस्पताल से चार किमी दूर नैनीसैनी हवाई पट्टी पहुंचाया गया। जहां पर लगभग तीन घंटे प्रतीक्षा करने के बाद भी हेलीकॉप्टर नही पहुंचा। इस बीच कबूतरी देवी की तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस जिला अस्पताल लाया गया। जहां आईसीयू में रखा गया। बाद में चिकित्सको ने उनका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया।

सूचना मिलते ही लोग अस्पताल में जुटने लगे है। प्रशासन की ओर से एसडीएम नायब तहसीलदार पहुंचे। वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। लोगों का कहना था कि यदि समय रहते हेलीकॉप्टर की व्यवस्था हो जाती तो कबूतरी देवी की जान बच सकती थी।

अब कैलाश मानसरोवर यात्रा की जा सकेगी

भारत और चीन के बीच तनाव की लगातार खबर आती रही हैं, लेकिन आज एक ऐसी खबर आई जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और रिश्तों को बहाल करने की दिशा में थोड़ा योगदान कर सकती है।

चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम की ओर से जाने वाले नाथू-ला मार्ग को फिर से बहाल करने की पुष्टि की है। पिछले साल इस रास्ते से मानसरोवर यात्रा नहीं हो सकी थी। तब चीन ने इस मार्ग से सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने की बात कही थी।

शुक्रवार को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को इस फैसले की जानकारी दी। 4 महीने चलने वाली मानसरोवर यात्रा जून से शुरू होती है। सिक्किम के नाथु-ला दर्रे के अलावा उत्तराखंड का लिपुलेख पास भी मानसरोवर यात्रा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पिछले साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी डोकलाम गतिरोध के चलते चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। जिससे इस रास्ते से यात्रा नहीं हो सकी थी। तब चीन ने कहा था कि भारत पहले डोकलाम से सेना हटाए तब कोई फैसला लिया जाएगा।

पिछले साल चीनी सेना के भूटान के दावे वाले डोकलाम इलाके में घुस आने पर भारतीय फौज ने हस्तक्षेप किया था। पिछले साल 16 जून को शुरू हुआ यह गतिरोध 73 दिन तक चला। चीनी सेना के डोकलाम में घुस आने से भारत को पूर्वोत्तर के राज्यों से जोड़ने वाले चिकन नेक (संकरे गलियारे) की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था, लेकिन दोनों सेनाओं के बीच लंबी कूटनीतिक प्रयासों के बाद 28 अगस्त को पीछे हट गई थीं।

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को दिए अपने लिखित बयान में बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2017 में चीनी समकक्ष से हुई मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। चीन ने इस मार्ग से यात्रा बहाल करने की बात मान ली थी।

तीन जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी आने पर सीएम चिंतित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ साइकिल रैली का हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह साइकिल यात्रा नहीं है वरन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का एक जन जागरूकता कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जनवरी 2015 हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की। जिसके सकारात्मक परिणाम आज हमारे सामने है। इस अभियान के बाद हरियाणा में लिंगानुपात में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा प्रदेश एवं समाज के विकास के लिए महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार मिलना जरूरी है। महिलाओं के विकास के बिना पूर्ण विकसित समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, हरिद्वार एवं चम्पावत जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी आने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल लिगांनुपात को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है जिसके लिये व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर हमें उनके इस सपने को साकार करना होगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य के नेतृत्व में रेसकोर्स से हरकी पैड़ी तक 55 किमी की इस जागरूकता अभियान में 120 लोगों द्वारा साइकिल यात्रा की जा रही है, जिसमें 30 महिलाएं भी शामिल है। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से पूर्ण सुरक्षा के साथ साइकिल यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साइकिल यात्रा के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का व्यापक स्तर पर जन संदेश पहुंचाना है। इस जागरूकता साइकिल रैली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी एकता बिष्ट, मिस उत्तराखण्ड नेहा राज एवं एथलीट हरेन्द्र ने भी प्रतिभाग किया।

लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भी नहीं मिल रहा सुराग

पंचकुला की विशेष सीबीआई कोर्ट में जहां राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों में सुनवाई चल रही है, वहीं हरियाणा पुलिस की टीम बिहार पुलिस के साथ मिलकर नेपाल बॉर्डर के जिलों में हनीप्रीत की तलाश में दबिश दे रही है। इस संबंध में सीमा से लगे सात जिलों में अलर्ट भी जारी किया गया है।
गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को पुलिस शिद्दत से तलाश कर रही है। जिसके चलते हरियाणा पुलिस की टीम बिहार पुलिस के साथ मिलकर नेपाल की सीमा से लगे इलाकों में छापेमारी कर रही है। यही नहीं नेपाल से लगे बिहार के सात जिलों में पुलिस ने हनीप्रीत को लेकर अलर्ट भी जारी किया है।
इससे पहले हरियाणा पुलिस के हाथ उस वक्त बड़ी कामयाबी लगी, जब पुलिस ने हनीप्रीत के विश्वास पात्र ड्राइवर प्रदीप को राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर प्रदीप पिछले कई दिनों से सालासर में छिपा हुआ था।
पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचने के लिए डेरा सच्चा सौदा की मैनेजिंग कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंन्सा को जरिया बनाना चाहती है। रोहतक जेल में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम का जो भी राजदार रहा है, पुलिस की अब उस पर पैनी नजर है।
गौरतलब है कि विपासना इन्सां और हनीप्रीत इन्सां के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। एक तरफ जहां हनीप्रीत ने खुद को गुरमीत राम रहीम की असली वारिस होने का ऐलान कर डाला था। वहीं गुरमीत के जेल जाने के बाद से विपासना कहती आ रही है कि हनीप्रीत का डेरा सच्चा सौदा से कोई लेना देना नहीं है। ना ही उसकी कोई हिस्सेदारी है।
साफ है कि डेरे के मालिकाना हक को लेकर विवाद है। खुद विपासना भी नहीं चाहती कि हनीप्रीत का अब डेरे में कोई दखल हो। इसी खींचतान के बीच हनीप्रीत को ढूंढना पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक विपासना के फोन पर 25 अगस्त की रात को हनीप्रीत की एक कॉल आई थी। इसमें हनीप्रीत की लोकेशन राजस्थान के बाड़मेर में थी। हनीप्रीत को सार्वजनिक तौर आखिरी बार रोहतक में देखा गया था। वहां वो डेरे के एक अनुयायी के घर पर ही एक घंटे तक रुकी थी। उसकी कार आखिरी बार हिसार रोड पर जाती देखी गई थी।
उसके बाद से ही हनीप्रीत की कोई भनक तक पुलिस को नहीं लग सकी है। पुलिस पर सरकार का दबाव है कि वो जल्दी से जल्दी देशद्रोह के मामले में वांछित हनीप्रीत और आदित्य इन्सां को पकड़ कर कोर्ट मे पेश करे।

माउंटेन रेजीमेंट के हवाले होगी उत्तराखंड की सीमाएं

भारतीय सीमाओं में चीन की लगातार घुसपैठ की खबरों के बीच अब सेना भी उत्तराखंड में सैन्य क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत सेना सूबे में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ ही यहां अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) तैनात करने की तैयारी कर रही है। साथ ही हैवी फायरिंग रेंज बनाने को भूमि भी तलाशी जा रही है। अब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राज्य में माउंटेन रेजीमेंट की स्थापना की बात कही है।
दून पहुंचे थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की सरहद, देश की किसी भी अन्य सीमा से कम या ज्यादा संवेदनशील नहीं है। हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ताकत है कि यहां कोई घुसपैठ न हो। हम राज्य में माउंटेन रेजीमेंट स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं और इसके लिए काम चल रहा है।
माउंटेन रेजीमेंट की खासियत
विशेषज्ञ माउंटेन रेजीमेंट की खासियत शत्रु पर सीधे प्रहार की होती है। इसके जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इसमें उन्हीं जवानों को लिया जाता है जो लंबे वक्त तक पहाड़ी और बर्फीले इलाकों में रहने के आदी होते हैं। इनको खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। ये चीते की तरह फुर्तीले और सबसे कम वक्त में सबसे तेज तरीके से किसी भी आपरेशन को अंजाम देने में सक्षम होते हैं।

भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 8 सितम्बर के अपने संपादकीय में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर इस हफ्ते दिए गए उनके युद्ध संबंधी बयान को लेकर जमकर निशाना साधा है। संपादकीय में कहा गया है कि यह बात स्वीकार की जानी चाहिए कि बिपिन रावत के पास बहुत बड़ा मुंह है, वे बीजिंग और नई दिल्ली के बीच आग भड़का सकते हैं। रावत का बयान यह दिखाता है कि भारतीय सेना में कितना अहंकार भरा है। संपादकीय में सवालिया तौर से लिखा गया है कि रावत ने बड़े ही हाईप्रोफाइल तरीके से दो मोर्च पर युद्ध की स्थिति की वकालत की है, लेकिन भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?.
आपको बता दें कि एक सेमिनार में बोलते हुए रावत ने नई दिल्ली में चीन से संबंधित बयान दिया था, जहां तक हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखाने का दौर शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहने की क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का सबब है। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।
रावत का बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इन सबके बीच ग्लोबल टाइम्स ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया दी है, जो दिखाता है कि आर्मी चीफ के बयान से बीजिंग कितना चिढ़ा हुआ है। ब्रिक्स समिट में मोदी और शी की मुलाकात के तुरंत बाद ही रावत ने सीमा पर चीन की सीनाजोरी की ओर ध्यान दिलाया है। चीनी मीडिया ने डोकलाम विवाद पर समझौते को शी जिनपिंग की कामयाबी के तौर पर पेश किया था। संपादकीय में कहा गया है कि रावत का बयान डोकलाम विवाद समाप्त होने के हफ्ते भर के भीतर ही आया है, जब चीन और भारत के नेताओं ने ब्रिक्स समिट के दौरान मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए।
चीनी अखबार ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारतीय जनरलों को ताजा स्थिति के बारे में कुछ बेसिक जानकारी रखनी चाहिए। क्या भारत दो मोर्चों पर लड़ाई को झेल सकता है अगर चीन-पाकिस्तान एक साथ मोर्चा खोल दें?
अखबार ने लिखा है कि ऐसा लगता है वहां दो भारत हैं, एक जो ब्रिक्स समूह का हिस्सा है। चीन की तरह और दूसरा चीन के खिलाफ भड़काऊ बयान देते रहता है। क्या हमें पहले भारत को गले लगाकर दूसरे को सबक सिखाना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पहले भारत को दूसरे भारत को अनुशासन सिखाना चाहिए और स्वाभिमानी भारतीयों को जनरल रावत जैसे अपने सीनियर अधिकारियों के मुंह का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि वे उनके शब्द और अहंकार भारतीयों की इमेज के साथ मेल नहीं खाते हैं।

उत्तराखंड की नमिता बनी आर्मी अफसर

उत्तराखंड प्रदेश के वित्तमंत्री प्रकाश पंत की बिटिया नमिता पंत ने सेना की जेएजी ब्रांच (जज एडवोकेट जनरल) में आर्मी अफसर बनी है। इससे प्रदेश में खुशी का माहौल बना हुआ है। अक्सर देखा जाता है कि एक नेता की संतान फिर चाहे वह बेटा हो या बेटी। वह अपना कैरियर राजनीति में ही बनाना चाहता है, लेकिन देश की रक्षा करने का संकल्प लेकर नमिता पंत ने सभी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। नमिता के इस हौसले को काफी सराहा जा रहा है।
उत्तराखंड के खड़कोट पिथौरागढ़ निवासी नमिता पंत ने 2012 में एलएलबी के बाद 2016 में एलएलएम किया। इसके बाद इंदौर में एसएसबी क्वालिफाई किया। पूरे देश से सिर्फ चार लड़कियों ने एसएसबी क्वालिफाई किया था। इसमें उत्तराखंड से सिर्फ नमिता का चयन हुआ। इसके बाद एक साल तक नमिता चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में बीएमटी (बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग) में प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के उपरांत नमिता को सेना के जेएजी ब्रांच में आर्मी अफसर की उपाधि दी गई है।

डेरा प्रमुख के बहाने चीन ने कसा भारत पर तंज, कहा भारत पहले अपने आंतरिक मामले सुझलाए

चीन अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में भी कूद पड़ा है और भारत पर तंज कसते हुए कहा है कि वह पहले अपने आंतरिक मामले सुलझा ले।
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि भारत पहले अपने आंतरिक मामलों को सुलझाए। उसमें यह भी कहा गया है कि डेरा सच्चा सौदा की लोकप्रियता और ताजा हिंसा ने भारत की राजनीतिक और सामाजिक समस्या को सबके सामने लाकर रख दिया है।
लेख के जरिए चीन एक बार फिर अपना पुराना राग भी अलापा है। इसमें भारतीय जवानों को वापस बुलाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि डोकलाम को लेकर पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई। जब चीन ने भारतीय जवानों पर सिक्किम सीमा पार करने और डोकलाम में चल रहे एक सड़क निर्माण के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस विवाद को दो महीने से ज्यादा समय हो गए और चीन लगातार भारत से अपने जवानों को वापस बुलाने की मांग कर रहा है।
राम रहीम का जिक्र करते हुए लेख में लिखा गया है कि पिछले हफ्ते अपने साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में एक धार्मिक गुरु को दोषी करार दिए जाने के बाद 36 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्घ्मी हो गए। हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली में हिंसा फैल गई है।
इस धर्म गुरु की जबरदस्त लोकप्रियता दर्शाती है कि भारत एक हाथी की तरह फंस गया है, जो परंपरा और आधुनिकता की मुश्किल से जूझ रहा है। भारतीयों ने दुनिया में हमेशा अपने देश को पवित्रता का गढ़ बताया है, मगर अंधविश्वास और दकियानूसी परंपरा वाली सोच उसके आधुनिकीकरण में मुश्किल बनी है। हम चिंतित हैं कि भारत आंतरिक हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए डोकलाम विवाद का इस्तेमाल कर सकता है। राम रहीम की घटना दर्शाती है कि भारत की जनता देश की पारंपरिक राजनीति से मायूस है। बड़ी संख्या में ऐसे नाखुश भारतीय गैर-पारंपरिक धार्मिक गुटों की ओर जा रहे हैं।