मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से मुलाकात कर सौंपे एक-एक लाख रूपये के चेक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में श्रमिकों औऱ उनके परिजनो से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें एक-एक लाख रुपए के चेक भी सौंपे। जिस कंपनी में श्रमिक काम कर रहे थे उसने सभी को घर जाने के लिए 15 से 20 दिन की छुट्टी दी है।

चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र में कल शाम से ही सभी श्रमिकों का मेडिकल चेकअप हुआ। सभी श्रमिक स्वस्थ हैं। लेकिन एहतियात के लिए उन्हें एम्स ऋषिकेश में जांच के लिए भेजा गया है। इसके लिए आज सुबह सभी श्रमिक चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पहुंचे औऱ चिनूक हेलिकॉप्टर में सवार होकर एम्स ऋषिकेश ले जाया गया। यदि एम्स के हेलीपैड पर हेलिकॉप्टर को लैंडिंग में कोई दिक्कत हुई तो चिनूक की लैंडिंग जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कराई जाएगी। जहां से एंबुलेंस द्वारा सभी 41 श्रमिकों को ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा।

मजदूरों को दिए एक-एक लाख के चेक

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ पहुंचे, जहां सुरंग के निकाले गए 41 मजदूरों को रखा गया है। सीएम ने मजदूरों को एक-एक लाख के चेक दिए। इसके बाद सीएम धामी ने श्रमिको के परिजनो से भी मुलाकात की। सीएम धामी ने बताया कि मजदूर नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के लिए काम रहे थे। एजेंसी ने मजदूरों को 15-20 दिनों के लिए घर जाने की अनुमति दी है । यानी उन्हें छुट्टी दी गई है, इस दौरान उका वेतन भी नहीं काटा जाएगी।

प्रभारी मंत्री ने चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे श्रमिकों की जानी कुशलक्षेम

प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड में भर्ती किये गए श्रमिकों से मुलाकात की। इस दौरान श्रमिकों के 17 दिन तक धैर्य रखने पर बधाई दी। जिस पर श्रमिकों ने केंद्र व उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट किया। इस मौके पर बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी एक-एक श्रमिक ने प्रभारी मंत्री को बताया कि संकट में उनके राज्य की बिहार व पश्चिम बंगाल की सरकार ने सुध नहीं ली। जिस पर श्रमिकों ने नाराजगी भी जताई।

आज सुबह प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल श्रमिकों से मुलाकात करने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड पहुंचे। यहाँ श्रमिकों से प्रभारी मंत्री ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि आपको मुश्किल में जानकर सरकार ने फौरन देश की सभी एजेंसियों और विदेश के एक्सपर्ट को यहाँ बुलाया।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि खुद राज्य सरकार के मुखिया श्री पुष्कर सिंह धामी और वह स्वयं यहां कैम्प किए हुए थे। बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी लगातार आप सभी को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ले रहे थे। साथ ही पीएम कार्यालय से भी अधिकारी यहाँ पहुंचे।

प्रभारी मंत्री ने सभी श्रमिकों से मुलाकात के दौरान उनके धैर्य को भी सराहा। उन्होंने कहा कि आपसभी ने संकट के समय अपने को विचलित नहीं होने दिया। आपके द्वारा सरकार पर भरोसा जताया गया, इसके लिए आपसभी बधाई के पात्र है।

इस दौरान प्रभारी मंत्री जी ने श्रमिकों से उनके 17 दिन के अनुभव भी जाने। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान श्रमिकों के मौके पर उपस्थित परिजनों से भी वार्ता की। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान डॉक्टर की टीम को भी धन्यवाद किया।

प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि बुधवार सुबह श्रमिकों ने नाश्ता कर दाढ़ी भी बनाई। प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार प्रकट किया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का भी आभार जताया।

बचाव दल की पूरी टीम को दी बधाई देहर बोले सीएम श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरे की खुशी ही मेरी ईगास व बगवाल

सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा की श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों की खुशी ही मेरे लिए इगास बग्वाल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलॉजी के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा रही पल- पल निगरानी और बौखनाग देवता की कृपा से यह अभियान सफल हुआ। मुख्यमंत्री ने जरुरी होने पर श्रमिकों को उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधा देने के उन्होंने आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़ी खुशी का दिन है। जितनी प्रसन्नता श्रमिक बंधुओं और उनके परिजनों को है, उतनी ही प्रसन्नता आज मुझे भी हो रही है। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं। जिन्होंने देवदूत बनकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि सही मायनों में हमें आज ईगास पर्व की खुशी मिली है। उन्होंने कहा कि भगवान बौख नाग देवता पर हमें विश्वास था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्तरीय टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ इस अभियान में लगे थे। प्रधानमंत्री जी ने पल-पल इस अभियान की निगरानी की। उनके मार्गदर्शन में बेहतरीन समन्वय ने असंभव को संभव में बदला। उन्होंने अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य के प्रति भी आभार प्रकट किया।

बाबा बौखनाग के मंदिर में पूजा कर सीएम ने किया टनल में प्रवेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा, उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने टनल के प्रवेश द्वार पर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर पर पूजा अर्चना कर सभी श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल में चल रहे मैन्युअली डिगिंग कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा डिगिंग कार्य हेतु पाइप में गए श्रमिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने मैन्युअल मैन्युअल डिगिंग कर रहे श्रमिकों से वार्ता कर उनका हौसला बढ़ाया एवं राहत बचाव कार्य में जुटे सभी श्रमिकों के काम की सराहना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से अंदर फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम एवं निरंतर डॉक्टरों, मनोचिकित्सको एवं श्रमिकों के परिवार जनों से अंदर फंसे श्रमिकों की निरंतर वार्ता करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए बताया कि सभी श्रमिक इंजीनियर विशेषज्ञ अधिकारी पूरी शिद्दत एवं मेहनत के साथ हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया अब तक कुल 52 मीटर पाइप को पुश कर लिया गया है। उन्होंने बताया अंदर फंसे सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य सकुशल है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे सभी लोग पूरी ऊर्जा और सकारात्मक भाव के साथ कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरंतर अस्थायी सीएम कैम्प कार्यालय, मातली से रेस्क्यू अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। आज सुबह वह मातली से श्रमिकों का कुशलक्षेम से जानने सिलक्यारा टनल पर पहुंचे।
इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, रेस्क्यू अभियान के समन्वयक सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मातली कैंप कार्यालय में सीएम ने ली रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के मद्देनजर आज सोमवार शाम मातली स्थित अस्थायी कैंप कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने देर शाम सिलक्यारा में तैनात शीर्ष अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने के साथ उन्हें आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखा जाए और जरूरत पड़ने पर मौके पर तैनात चिकित्सकों की उनसे बात कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों की सकुशलता हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है, लिहाजा रेस्क्यू में जिन संसाधनों की भी जरूरत पड़ी है, वह सब समय से उपलब्ध कराए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी रेस्क्यू को लेकर अत्यंत गम्भीर है, जो भी संसाधन चाहिए थे, उन्होंने वह सब समय पर उपलब्ध कराए हैं।

पीएम के प्रमुख सचिव व सचिव गृह मंत्रालय ने टनल की भौगौलिक स्थिति को समझा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा एवं सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार अजय भल्ला ने सिलक्यारा, उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ग्राफिकल प्रस्तुतीकरण एवं मैपिंग के माध्यम से टनल की भौगोलिक स्थिति को समझा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने टनल के अंदर चल रहे रेस्क्यू कार्य की बारीकियों को समझा। उन्होंने अधिकारियों के साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे श्रमिकों, इंजीनियरों से भी जानकारी ली। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सभी श्रमिकों का हौसला भी बढ़ाया।

प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने ऑगर मशीन की ब्लेड एवं सॉफ्ट को काटने की प्रक्रिया में जुटे श्रमिकों टिंकू दुबे, अमित, शशिकांत, झारू राम, राधे रमण दुबे, ओम प्रकाश, एन.डी अहमद से बात कर उनका कुशलक्षेम जानते हुए उनके काम की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों के साथ राहत बचाव कार्य में जुटे सभी लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों के लिए भेजी जा रही भोजन सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहां श्रमिकों को भेजे जा रहे हैं भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने टनल में एसडीआरएफ द्वारा स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप एवं बीएसएनएल द्वारा स्थापित टेलिफोनिक कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों में से गब्बर सिंह एवं अन्य लोगों से वार्ता कर उनका हाल चाल जाना। उन्होंने वार्ता के दौरान श्रमिकों से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की बात कही। उन्होंने श्रमिकों से खाने, पीने, बिजली, पानी की आपूर्ति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा रेस्क्यू ऑपरेशन हेतु सभी लोग मेहनत कर रहे हैं। कई मोर्चों पर कार्य चल रहा है। सभी को जल्द से जल्द निकाले जाने की कोशिश जारी है।
प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा श्रमिकों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा। परिजनों के साथ ही पूरा देश उनके शीघ्र और सुरक्षित निकाले जाने की दुआ कर रहा है। उन्होंने कहा पूरे देश की दुआएं अंदर फंसे श्रमिकों के साथ है। परिजनों को हौसला बनाए रखना होगा। सरकार हर स्थिति पर श्रमिकों के परिजनों के साथ खड़ी है।

इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सिलक्यारा टनल हादसाः 46.8 मीटर से आगे की ड्रिलिंग रोकी गई

इस दौरान अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि ऑगर मशीन से 45 मीटर के बाद ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 1.8 तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। इस प्रकार कुल 46.8 से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े मशीन में फसने से ड्रिलिंग रोक दी गई थी। तत्पश्चात श्रमिकों द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है। गत दिवस पुनः ऑगर मशीन स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.2 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई थी। इस प्रकार कुल 48 मीटर तक ड्रिलिंग की थी।

अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि पाइप के आखिरी सिरे पर फंसे धातु के टुकड़ों से पाइप क्षतिग्रस्त हुआ है। जिसके बाद क्षतिग्रस्त 1.2 मीटर पाइप को काटकर बाहर निकाला गया।

अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि अब तक कुल 46.8 मीटर पाइप को पुश किया गया है। आगे की ड्रिलिंग पूरी सावधानी के साथ शुरू की जायेगी।

इस दौरान सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।

सिलक्यारा टनल पर मनौवैज्ञानिक तरीका अपनाकर सीएम ने दिखाई कौशलता

उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज भी उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में लोकपर्व ईगास पर होने वाले कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया था। वहीं, एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर भी उन्होंने सभी को चौका दिया। पहली बार राज्य के इतिहास में सीएम का कैंप कार्यालय घटनास्थल वाले क्षेत्र के आसपास खोला गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार दूसरे दिन भी उत्तरकाशी में डेरा डालने के कारण सरकारी कार्य प्रभावित ना हो, इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने अपना कैंप कार्यालय यही खोल दिया है।

राज्य का लोकपर्व, सांकेतिक रुप से मनाया
मुख्यमंत्री धामी द्वारा आज के दिन उत्तराखण्ड में धूमधाम से मनाये जाने वाले ईगास पर्व को भी न मनाने का निर्णय लिया गया। आज ईगास के मौक़े पर मुख्यमंत्री आवास पर लगभग एक हज़ार लोगों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस पर्व में शरीक होना था, जिसे उन्होंने रद कर दिया। वहीं, पूर्व सूचना के कारण मुख्यमंत्री आवास पहुँचे लोगों ने बेहद सादगी से गौ पूजन करके पर्व मनाया। मौक़े पर लोगों ने टनल में फंसे श्रमिकों की जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना भी ईश्वर से की। मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि टनल में फंसे मजदूरों की निकासी उनकी पहली प्राथमिकता है। ऐसे में उनके लिए असल त्यौहार तभी होगा जब वह बाहर आयेंगे। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कई जगह कार्यक्रम या तो स्थगित हुए या सांकेतिक रुप से ही मनाये गये। यह पहली बार देखा जा रहा है कि कोई मुख्यमंत्री हर तरीके से इस मामले में पीड़ित पक्ष के साथ हो। एक तरफ धामी सरकार लगातार रेस्क्यू अभियान चलाकर फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। तो वही मुख्यमंत्री मजदूरों की हौसला अफजाई भी कर रहे है तो वही उनके परिवारों को यह संदेश देने में भी कामयाब रहे है कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता उनके साथ खड़ी है। राज्य की जनता का मुख्यमंत्री से ऐसा भावनात्मक रिश्ता है कि उनके संदेश को जनता ने समझ भी लिया। नही तो अपने लोकपर्व और त्यौहारों को कौन छोड़ता है?

संवेदनशील सीएम का बड़ा संदेश
एक तरफ सिल्क्यारा टनल ऑपरेशन विश्व के चौथे नंबर का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। मुख्यमंत्री पहले तो लगातार घटनास्थल का दौरा करते रहे और देहरादून से भी लगातार मौके पर जानकारी जुटाते रहे है। लेकिन बुधवार से तो मुख्यमंत्री धामी अंगद की तरह पैर जमाकर उत्तरकाशी डट गये है। ऐसे में प्रशासन के भी हौसले बुलंद हो गये है कि राज्य का मुखिया स्वयं मौके पर आ गया है। दिन-रात रेस्क्यू अभियान में लगे लोगों का उत्साहवर्धन होने से उम्मीदें जग रही है कि कभी भी खुशखबरी आ सकती है। वहीं, गुरुवार को मुख्यमंत्री ने देश दुनिया को भी बडा संदेश दे दिया है। पहली बार किसी सीएम ने घटनास्थल के पास ही अपना कैंप कार्यालय बनाया है। सीएम अब रोजमर्रा के कार्य बाधित ना हो, इसके लिए रेस्क्यू अभियान के सफल होने तक यही से कार्य संचालित करेंगे। यह ऐसा निर्णय है जो सभी का मनोबल हर विकट परिस्थिति में ऊंचा रखता है। कहा जाता है कि कठिन समय में पहले बुद्धि की परीक्षा होती है इस लिए मनोबल ऊंचा रखने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाना भी जरुरी होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ऐसा निर्णय लेकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

कुछ ही समय में मिल सकती है सफलता, मजदूरों की आज होगी दिवाली

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सुरंग के भीतर पहुंच गई है। थोड़ी ही देर में खुशखबरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भी जल्द टनल पर पहुंचने की सूचना है।
वहीं, कल रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे सरिया बाधा बन गई थी। कुछ देर बाद काम शुरू हुआ, लेकिन फिर पत्थर बीच में आ गया। दसवां और अंतिम पाइप डालने का काम जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक दो से चार घंटे में ड्रिलिंग पूरी हो सकती है। अब तक 54 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। 5 से 6 मीटर ड्रिलिंग ही बाकी है।
कुछ ही देर में चिनूक हेलिकॉप्टर भी चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर लैंड करेगा। मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत पड़ने पर चिनूक हेलिकॉप्ट मदद के लिए तैयार रहेगा।
पहले सुरंग में 900 मिमी पाइप को ऑगर मशीन के माध्यम से भेजा था, जो 22 मीटर जाने के बाद अटक गया था। इस पाइप में 800 मिमी का पाइप भेजने का फार्मूला काम आ गया। एक तो 22 मीटर तक 800 मिमी पाइप पर मलबे का दबाव नहीं था। दूसरे मलबे के 25 से 45 मीटर हिस्से में जहां दबाव था, उसे बुधवार शाम को पार कर लिया गया।
ऑगर मशीन के आगे कुछ सरिया आ जाने से काम रुका जिन्हें कटर से काटकर मशीन फिर आगे बढ़ गई। रेस्क्यू बचाव अभियान से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, रात ऑगर मशीन के सामने जो सरियों की बाधा आई थी उसे एनडीआरएफ की टीम की मदद से गुरुवार सुबह करीब 3 बजे हटा दिया गया था। जल्द मजदूरों के बाहर आने की संभावना है।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बताया कि जल्द अच्छी खबर मिलेगी। दोपहर तीन बजे मलबा आने से कुछ देर अभियान बाधित जरूर हुआ लेकिन कुछ देर बात फिर शुरू हो गया। जो रात तक जारी रहा। वहीं, रात करीब दस बजे ड्रिल मशीन के सामने सरिया आने से काम फिर रुक गया था, जो सरिया काटने के बाद फिर शुरू हो गया था। विशेषज्ञों का कहना था कि पाइप को आरपार करने के बाद उसमें ऑगर मशीन की ड्रिल बर्मा हटाने में करीब तीन घंटे का समय लगता है।

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी

सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। 45 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फसने से ड्रिलिंग में बाधा सामने आ खड़ी हुई थी। देर रात श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है।
सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि आगे का कार्य भी पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है। पुनः ऑगर मशीन से स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.8 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई है। आगे की ड्रिलिंग हेतु विशेष सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने कहा पूरी सावधानी बरतते हुए तेजी से ड्रिलिंग करना हमारी प्राथमिकता है।
इस दौरान एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी मौजूद रहे।