सिलक्यारा ऑपरेशन सफल होने पर सीएम का जताया आभार

मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘आदर अभिनन्दन, आभार मिशन सिलक्यारा’’ कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए सिलक्यारा रेस्क्यू में लगी केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी एजेंसियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। इस मुश्किल घड़ी में श्रमिकों ने जो धैर्य रखा वो हम सभी को हमेशा प्रेरित करने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और श्रमिकों की हिम्मत से ही यह रेस्क्यू अभियान सफल हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस रेस्क्यू ऑपरेशन की उनसे प्रत्येक दिन अपडेट लेते थे और श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञों और आवश्यक उपकरणों की जो भी आवश्यकता पड़ी, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शीघ्रता से प्राप्त होते रहे। इस रेस्क्यू अभियान के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम भी नियमित तौर पर मौके पर रही। केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके.सिंह भी इस रेस्क्यू अभियान के दौरान लगातार सिलक्यारा में मौजूद रहे। केन्द्रीय एवं राज्य की एजेंसियों द्वारा समन्वय के साथ कार्य कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों के परिजनों ने उस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। उन्होंने इस बचाव अभियान में लगे सभी लोगों का भी राज्य की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल में फंसे श्रमिकों के धैर्य ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का मनोबल बढ़ाया। अनेक प्रयासों के बाद भी जब समय अधिक लग रहा था तो, श्रमिकों ने कहा कि अधिक समय लगने की उनको चिंता नहीं है, प्रयास हो कि वे सुरक्षित बाहर निकल जाएं। श्रमिकों के इन शब्दों ने रेस्क्यू अभियान में लगे सभी लोगों का हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमिक एक बेहतर और समृद्ध भारत की नींव तैयार कर रहे हैं। “श्रमेव जयते“ के मंत्र को ध्यान में रखकर केन्द्र व राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर कटिबद्ध है। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में अनेक बदलाव किए हैं। श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया गया है, जिसके अंतर्गत आठ अहम श्रम कानूनों को एक कर उनके सरलीकरण का काम किया गया है। आज हर श्रमिक को एक विशेष लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जा रहा है ताकि उसकी पहचान की जा सके जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके। श्रमिक और नियोजक के बीच बेहतर तालमेल हो सके इसके लिए नेशनल सर्विस पोर्टल भी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर 13 हजार करोड़ की “पीएम विश्वकर्मा योजना“ की शुरुआत की, इससे देशभर के लगभग 30 लाख श्रमिक परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों सहित अन्य श्रमिक भाइयो को बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। आजादी के बाद इतने बड़े स्तर पर इस योजना के लागू होने से स्पष्ट है कि अंत्योदय के सिद्धान्त पर कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
सचिव श्रम आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि मिशन सिलक्यारा एक चुनौतीपूर्ण टास्क था। पूरे देश और दुनिया की नजरें इस पर थी। उन्होंने कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू में लगे लोगों का लगातार मनोबल बढ़ाया। कल्याणकारी राज्य हर वर्ग के प्रति संवेदनशील होता है, इसका परिचय मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा शीघ्र ही श्रम विभाग की चौपाल आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के सुमित सिंघल ने कहा कि सिलक्यारा मिशन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह मौके पर डटे रहे और हर पल की अपडेट लेते रहे, उन्होंने अपने जीवनकाल में किसी रेस्क्यू अभियान में इस दृढ़ता से कार्य करने वाले किसी मुख्यमंत्री को नहीं देखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किस तरह श्रमिकों की चिंता की और उनका जीवन बचाया, यह सबने देखा। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद श्रमिकों का मनोबल बहुत बढ़ा है।
ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन के अध्यक्ष नवीन कुरील ने कहा कि सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर रहकर जिस तरह सबका मनोबल बढ़ाया वह सराहनीय था। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद सबके दिलों में उनके लिए अलग जगह बनी है।
इस अवसर पर श्रमायुक्त दीप्ति सिंह, विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि और श्रमिकों के परिजन उपस्थित रहे।

पूर्व मंत्री गांववासी का भावपूर्ण स्मरण

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति द्वारा यात्रा बस अड्डा स्थित होटल दिग्विजय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी को पुष्पांजलि अर्पित करते उनके आदर्शों तथा समाज मे उनके द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्याे को याद किया गया।
उत्तराखंड की देव संस्कृति के लिए सदैव भीष्म संकल्पबद्ध रहे बाबा गांववासी को राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षिक, व पत्रकारिता जगत के लोगों ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अत्यंत सरल व आत्मीयतापूर्ण स्वभाव के धनी, संत स्वरुप, देवभूमि की संस्कृति के साथ-साथ धार्मिक तथा आध्यात्मिक परंपरा के महान् संवाहक, विद्वत्श्रेष्ठ, जगद्जननी जगदम्बिका के परमोपासक, राष्ट्रवादी भावना से ओत-प्रोत, सद्गुरुदेव, पर्यावरणविद गांववासी के परलोक गमन से जहां देवभूमि के देवास्तिक जनों को अपूर्णीय क्षति पहुंची है, वहीं उत्तराखण्ड के लिए बहुत ही बड़ी क्षति है।
गांववासी द्वारा तीर्थाटन के क्षेत्र में किये गये महत्वपूर्ण कार्यों में श्रीकृष्ण नागराजा देवरा यात्रा, वरुणावत यात्रा, देवताल यात्रा तथा देवडोलियों की यात्रा का संचालन करते हुये कुंभ के पावन पर्व पर आये निशान व देव डोलियों में आये हुए सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों व विग्रहों का देव-मिलन करवाने के साथ-साथ हरिद्वार गंगा स्नान का ऐतिहासिक कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न करवाया है।
इस अवसर पर वित्तमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, बंशीधर पोखरियाल, डॉ. धीरेन्द्र रांगड़, द्वारिका प्रसाद भट्ट, भगवान सिंह रांगड़, द्वारिका बिष्ट, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, उषा रावत, रमेश पैन्यूली, संजय शास्त्री, भगवती प्रसाद रतूड़ी, मदन शर्मा, धनसिंह रांगड़, मुकुंद कृष्ण दास, भोपाल सिंह चौधरी, विजयपाल रांगड़, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, सुशीला सेमवाल, महिपाल बिष्ट, उषा भंडारी, सुरेन्द्र कैंतुरा, माधवानंद रतूड़ी, भुवन चंद पंत, संपूर्णानंद पैन्यूली, शांति स्वरूप महर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. धीरेंद्र रांगड़ द्वारा किया गया।

रेलवे और प्रदेश के उच्चाधिकारियों को सकारात्मक रुख अपनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में रेलवे से संबंधित मुद्दों के निस्तारण के लिए डिवीज़नल रेलवे मैनेजर मुरादाबाद राजकुमार सिंह के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने रेलवे एवं उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों को सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए दोनों ओर आ रही समस्याओं को लगातार बैठकें आयोजित कर निस्तारित करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे को हर्रावाला रेलवे स्टेशन को 24 कोच टर्मिनल बनाए जाने को लेकर कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू किए जाने हेतु रेलवे और शासन की ओर से कार्रवाई में तेज़ी लाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने भंडारीबाग़ आरओबी की रेलवे बोर्ड स्तर पर अटकी स्वीकृति शीघ्र करवाये जाने के भी निर्देश दिये। डीआरएम मुरादाबाद ने इस पर एक हफ़्ते में स्वीकृति दिलवाए जाने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव ने देहरादून मोहंड सहारनपुर नई रेलवे लाइन की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि फ़रवरी माह तक इस नई रेलवे लाइन का सर्वे का कार्य पूर्ण हो जाएगा। डीपीआर कार्य को स्वीकृति मिल गई है शीघ्र ही डीपीआर तैयार हो जाएगी। उन्होंने रेलवे भूमि में अतिक्रमण को रेलवे और सम्बन्धित ज़िलाधिकारियों को नये अतिक्रमण रोकने के लिए लगातार आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे और वन विभाग के बीच मुद्दों को भी आपसी तालमेल के साथ निस्तारित किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और अन्य सभी सम्बन्धित विभाग एक दूसरे के साथ आ रही समस्याओं से संबंधित विभागों से तत्काल अवगत कराएँगे, संबंधित विभाग 15 दिन के अंदर बैठक आयोजित करा कर समस्या के निस्तारण के लिए सहयोग करेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्याँकी, सचिन कुर्वे एवं वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार एवं देहरादून जनपदों के ज़िलाधिकारी उपस्थित रहे।

आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने आपदाग्रस्त जोशीमठ के लिए ₹1658.17 करोड़ की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री का आभार प्रकट किया है।
योजना के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी एवं रिकंस्ट्रक्शन विंडो से ₹1079.96 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से ₹126.41 करोड़ और राज्य के बजट से ₹451.80 करोड़ देगी। इसमें पुनर्वास के लिए ₹91.82 करोड़ भूमि अधिग्रहण की लागत शामिल है।

श्रमिकों के बाहर सकुशल निकलने पर कार्यकर्ताओं ने किया प्रभारी मंत्री का स्वागत

कैबिनेट व प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के चिन्यालीसौड़ से लौटने पर चंबा (टिहरी गढ़वाल) में भाजपा कार्यकर्ताओं से उनका स्वागत कर श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर बधाई दी।

चंबा बाजार पर स्वागत के दौरान प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि सभी 41 श्रमिक सकुशल हैं उनके स्वास्थ्य बेहतर है। कहा कि श्रमिकों द्वारा 17 दिन तक धैर्य धारण करना हिम्मत की बात है, जिसके लिए श्रमिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार व्यक्त किया। साथ ही राज्य की पुष्कर सिंह धामी की सरकार को भी साधुवाद दिया।

प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि वह स्वयं प्रभारी मंत्री होने के नाते उत्तरकाशी में ही कैंप किए हुए थे। प्रभारी मंत्री ने श्रमिकों से बातचीत के दौरान उनके 17 दिनों के अनुभव भी सांझा हुए। उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर में वह तमाम साथी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने अपना-अपना योगदान श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने में दिया।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि श्रमिकों से देर रात्रि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ऑडियो के जरिए वार्ता की। प्रभारी मंत्री ने प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री का विशेष आभार प्रकट किया।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष संदीप रावत व सुशील बहुगुणा, महामंत्री सुधीर बहुगुणा, विक्रम राणा, कुशालानंद रणकोटी, सभासद विक्रम चौहान, कृष्ण कोठारी, रानी नेगी, अनिता कोठारी, रविंद्र चौहान, वीरेंद्र सेमवाल आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

प्रभारी मंत्री ने चिन्यालीसौड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे श्रमिकों की जानी कुशलक्षेम

प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड में भर्ती किये गए श्रमिकों से मुलाकात की। इस दौरान श्रमिकों के 17 दिन तक धैर्य रखने पर बधाई दी। जिस पर श्रमिकों ने केंद्र व उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट किया। इस मौके पर बिहार व पश्चिम बंगाल निवासी एक-एक श्रमिक ने प्रभारी मंत्री को बताया कि संकट में उनके राज्य की बिहार व पश्चिम बंगाल की सरकार ने सुध नहीं ली। जिस पर श्रमिकों ने नाराजगी भी जताई।

आज सुबह प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल श्रमिकों से मुलाकात करने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड पहुंचे। यहाँ श्रमिकों से प्रभारी मंत्री ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि आपको मुश्किल में जानकर सरकार ने फौरन देश की सभी एजेंसियों और विदेश के एक्सपर्ट को यहाँ बुलाया।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि खुद राज्य सरकार के मुखिया श्री पुष्कर सिंह धामी और वह स्वयं यहां कैम्प किए हुए थे। बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी लगातार आप सभी को बाहर निकालने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ले रहे थे। साथ ही पीएम कार्यालय से भी अधिकारी यहाँ पहुंचे।

प्रभारी मंत्री ने सभी श्रमिकों से मुलाकात के दौरान उनके धैर्य को भी सराहा। उन्होंने कहा कि आपसभी ने संकट के समय अपने को विचलित नहीं होने दिया। आपके द्वारा सरकार पर भरोसा जताया गया, इसके लिए आपसभी बधाई के पात्र है।

इस दौरान प्रभारी मंत्री जी ने श्रमिकों से उनके 17 दिन के अनुभव भी जाने। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान श्रमिकों के मौके पर उपस्थित परिजनों से भी वार्ता की। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान डॉक्टर की टीम को भी धन्यवाद किया।

प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि बुधवार सुबह श्रमिकों ने नाश्ता कर दाढ़ी भी बनाई। प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विशेष आभार प्रकट किया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का भी आभार जताया।

सीएम धामी ने किया ऐलान, एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता श्रमिकों को देंगे

सिलक्यारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों सभी श्रमिकों को सरकार एक एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल में इलाज और घर जाने तक की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
सिलक्यारा में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में इलाज पर होने वाला खर्चा सरकार उठाएगी।इनके अलावा परिजनों और श्रमिकों के खाने, रहने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के स्वस्थ होने पर सरकार की तरफ से एक एक लाख रुपये के चेक बतौर आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा घर जाने तक का पूरा खर्चा भी सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा जल्द बनेगा भगवान बौखनाग का भव्य मंदिर

सिलक्यारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। कहा कि बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। कहा कि ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि, जल्द मंदिर निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाए।

कुछ ही समय में मिल सकती है सफलता, मजदूरों की आज होगी दिवाली

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सुरंग के भीतर पहुंच गई है। थोड़ी ही देर में खुशखबरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भी जल्द टनल पर पहुंचने की सूचना है।
वहीं, कल रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे सरिया बाधा बन गई थी। कुछ देर बाद काम शुरू हुआ, लेकिन फिर पत्थर बीच में आ गया। दसवां और अंतिम पाइप डालने का काम जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक दो से चार घंटे में ड्रिलिंग पूरी हो सकती है। अब तक 54 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। 5 से 6 मीटर ड्रिलिंग ही बाकी है।
कुछ ही देर में चिनूक हेलिकॉप्टर भी चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर लैंड करेगा। मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत पड़ने पर चिनूक हेलिकॉप्ट मदद के लिए तैयार रहेगा।
पहले सुरंग में 900 मिमी पाइप को ऑगर मशीन के माध्यम से भेजा था, जो 22 मीटर जाने के बाद अटक गया था। इस पाइप में 800 मिमी का पाइप भेजने का फार्मूला काम आ गया। एक तो 22 मीटर तक 800 मिमी पाइप पर मलबे का दबाव नहीं था। दूसरे मलबे के 25 से 45 मीटर हिस्से में जहां दबाव था, उसे बुधवार शाम को पार कर लिया गया।
ऑगर मशीन के आगे कुछ सरिया आ जाने से काम रुका जिन्हें कटर से काटकर मशीन फिर आगे बढ़ गई। रेस्क्यू बचाव अभियान से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, रात ऑगर मशीन के सामने जो सरियों की बाधा आई थी उसे एनडीआरएफ की टीम की मदद से गुरुवार सुबह करीब 3 बजे हटा दिया गया था। जल्द मजदूरों के बाहर आने की संभावना है।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बताया कि जल्द अच्छी खबर मिलेगी। दोपहर तीन बजे मलबा आने से कुछ देर अभियान बाधित जरूर हुआ लेकिन कुछ देर बात फिर शुरू हो गया। जो रात तक जारी रहा। वहीं, रात करीब दस बजे ड्रिल मशीन के सामने सरिया आने से काम फिर रुक गया था, जो सरिया काटने के बाद फिर शुरू हो गया था। विशेषज्ञों का कहना था कि पाइप को आरपार करने के बाद उसमें ऑगर मशीन की ड्रिल बर्मा हटाने में करीब तीन घंटे का समय लगता है।

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी

सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। 45 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फसने से ड्रिलिंग में बाधा सामने आ खड़ी हुई थी। देर रात श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है।
सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि आगे का कार्य भी पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है। पुनः ऑगर मशीन से स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.8 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई है। आगे की ड्रिलिंग हेतु विशेष सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने कहा पूरी सावधानी बरतते हुए तेजी से ड्रिलिंग करना हमारी प्राथमिकता है।
इस दौरान एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी मौजूद रहे।

सभी एजेंसी से फीडबैक लेकर राहत कार्य को और तेज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह ने गुरुवार को सिलक्यारा, उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लेने के उपरांत राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक ली।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी एजेंसी आपसी समन्वय के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटे रहें। हम सब का यह प्रयास हो की फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। फंसे श्रमिकों को निकालने हेतु हर संभव प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को टनल में फंसे श्रमिकों का विशेष ध्यान रखे जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा अंदर श्रमिकों की मांग अनुसार हर संभव सामग्री उपलब्ध कराई जाए। हर दिन डॉक्टरों से उनकी बात करवाई जाए। साथ ही श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बीच निरंतर संवाद कायम करवाया जाए।
इस दौरान बैठक में प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, आई.जी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, विधायक संजय डोभाल, विधायक सुरेश चौहान, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।