हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर, आपसी समन्वय से काम करें अधिकारी-कर्मचारीः सुधांशु

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं। इन तीन दिनों में स्वास्थ्य सचिव ने कुमांउ मंडल की विभिन्न चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण कर संबधित अधिकारियों को जरूरी दिषा निर्देष दिए। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा जिन चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण किया गया उनमें बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल, टीवी सेंनिटोरियम भवाली, जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल, सुषील तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, महिला चिकित्सालय हल्द्वानी, उपजिला चिकित्साल काषीपुर, हैल्थ वेलनेंस सेंटर खुरपा ताल सहित कई अन्य चिकित्सा ईकाइयों का दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश दिए।

इसी क्रम में आज एटीआई नैनीताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने वीडियो कांन्फ्रेसिंग के जरिए राज्य स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक ली। जिसमें राज्य के सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेष कुमार द्वारा राज्य में चल रही बिभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, चिकित्सा षिक्षा, आयुष्मान योजना का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने राज्य में चल रही केन्द्र पोषित योजनाओं की प्रगति पर संतोष जाहिर करते हुए उनमें तेजी लाने के निर्देष अधिकारियों को दिये।

निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देष
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर है। इसमें सभी को मिलकर सेवा भाव से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों कहा प्रदेश के हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिटिकल केयर ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज व अन्य निर्माणाधीन कार्य में तेजी लाई जाये। जिससे आम जनता को इसका लाभ जल्द से जल्द मिल सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दिसंबर 2023 तक निर्माण कार्यों को पूरा करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने अल्मोड़ा, हरिद्वार, पिथौरागढ़, उधमसिंहगनर मेडिकल कॉलेज के निर्माणकार्यों को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने अधिकारियों से बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल में सुविधाओं को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के बजट की कमी आती है तो केन्द्र उसमें राज्य को पूरा सहयोग देगा। इसके साथ ही उन्होंने जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल को सैटिलाइट हॉस्पिटल के रूप में बिकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात भी कही। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीवी सेंनिटोरियम भवाली को उच्च स्तरीय टीवी एंव चेस्ट संस्थान के रूप में बिकसित करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही नैनीताल के गेठिया सेंनिटोरियम को मेंटल हैल्थ इंस्टीटियूषन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही।

केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु भारत सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के यू कोट वी पे मॉडल की प्रशंसा करते हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के मनोबल को बढ़ाने के लिए उच्चतम वेतन प्रदान करने के कार्य को अत्यधिक सराहना की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज से उत्तराखंड के अधिक से अधिक लोगों को मिल रहे लाभ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में कोविड टीकाकरण सहित अन्य मैनेजमेंट में अच्छा कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधित सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधित परियोजनाएं जो गतिमान हैं, उसका विभाग द्वारा अनुसरण एवं अनुपालन किया जाए। ताकि इन योजनाओं का लाभ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

बैठक में डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य, आषीष श्रीवास्तव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, अमनदीप कौर, अपर सचिव स्वास्थ्य, नमामि बंसल अपर सचिव स्वास्थ्य सहित सभी 13 जनपदों के अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी वर्चवल रूप से जुड़े थे।

फार्मा हब के तौर पर विकसित हो रहा है उत्तराखंडः ताजबर सिंह

देहरादून। उत्तराखंड औषधि निर्माण में देश का प्रमुख हब बनने की दिशा में है। प्रदेश सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट के माध्यम से फार्मा सेक्टर को भी प्रोत्साहन दे रही है। नई औद्योगिक नीति के कारण मिले अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ा है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह के अनुसार फार्मा कंपनियों का कारोबार लगातार बढ़ रहा है। विभाग का प्रयास है कि इन कंपनियों में उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाएं निर्मित हों और साथ ही देश में कंपनियों की दवाओं का शेयर भी बढ़ें ताकि प्रदेश को अधिक राजस्व और रोजगार मिल सकें। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया प्रदेश में मुख्य तौर पर हरिद्वार, सेलाकुई और पंत नगर में ड्रग्स निर्माता फार्मा कंपनियां हैं। प्रदेश में कुल 249 फार्मा कंपनियां हैं। देश में निर्मित होने वाली कुल दवाओं के उत्पादन में उत्तराखंड का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है।

निवेश और रोजगार की असीम संभावनाए
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह के मुताबिक उत्तराखंड के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2022 के दौरान फार्मा सेक्टर में लगभग 15 हजार करोड़ का कारोबार किया। अहम बात यह है कि इसमें से 1150 करोड़ रुपये की दवाएं निर्यात की गयी। प्रदेश में फार्मा सेक्टर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोग जुड़े हैं। इस सेक्टर में निवेश और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।

एकल खिड़की योजना का मिल रहा फायदा
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया औद्योगिक नीति के चलते उत्तराखण्ड राज्य फार्मा हब के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य में औषधि निर्माता फर्मों के लिए सहज वातावरण है। औद्योगिक नीति के तहत एकल खिड़की योजना के अन्तर्गत उद्योगों की कंसेंट औश्र अनापत्ति प्रमाणपत्रों के आवेदन एवं निस्तारण किये जाते हैं। प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण, संसाधन, सुविधाएं और माहौल है। प्रदेश में मानकों के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण औषधियों का निर्माण हो, इसके लिए औषधि नियंत्रण विभाग सतर्क है और समय-समय पर दवाओं की गुणवत्ता और मानकों की जांच करता है।

सब जोन ऑफिस उत्तराखण्ड में स्थापित
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा सरकार के प्रयासों से निर्माता फर्मों के आवेदनों के निस्तारण हेतु केन्द्रीय औषधि मानक संगठन के सब जोन ऑफिस उत्तराखण्ड में स्थापित करवाया गया है। फार्मा कंपनियों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया होने के कारण आवेदन की जटिलता को समाप्त किया गया है तथा उच्च गुणवत्ता की दृष्टि से समस्त अनुज्ञप्तियां भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त निरीक्षण उपरान्त ही जारी किये जा रहे हैं, जिससे किसी प्रकार की अनियमिताएं न रहें।

शिकायत के लिए बना है टोल फ्री नंबर
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा दिसम्बर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट में फार्मा सेक्टर को बहुत सी उम्मीदें हैं। प्रदेश में औषधि विभाग से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त किये जाने एवं किसी प्रकार की शिकायत के लिए टॉल फ्री नं. 1800 180 4246 उपलब्ध है। औषधियों के निर्धारित मूल्य पर विक्रय किये जाने के लिए यूकेपीएमआरयू सोसायटी की स्थापना भारत सरकार के निर्देशों पर किया गया है। जिसका लाभ आम जनमानस को मिल रहा । इस सम्बन्ध में टॉल फ्री नं0 1800 180 4249 भी चालू कर दिया गया है। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने कहा सामान्यतः दुरूपयोग होने वाली मनःप्रभावी औषधियों पर नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा समस्त औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों पर एक समय पर भण्डारण किये जाने की मात्रा निर्धारित की गयी है।

राज्य में जल्द शुरू होगा यूकोटवीपे का चौथा चरणः आर राजेश कुमार

कुमांउ मंडल के चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक ली। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। राज्य के कई अस्पतालों में अभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है जिसको देखते हुए यू कोट वी पे का चौथा चरण जल्द शुरू होगा ताकि सभी जनपदों में प्राथमिकता के आधार पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती हो सके।

जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के चिकित्सा इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु संचालित यू कोट वी पे मॉडल का चौथा चरण जल्द शुरु किया जाएगा। जिसमें सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थाेपेडिक, एनेस्थेटिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशन, मनोवैज्ञानिक आदि पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त कर सीमांत जनपदों में आमजन को स्वास्थ्य लाभ हेतु सेवाएं दी जाएगी।

एनएचएम के कर्मचारियों को तोहफा
स्वास्थ्य सचिव ने दीपावली से पहले एनएचएम कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भ्रमण के दौरान एनएचएम कर्मियों ने स्वास्थ्य सचिव के सामने यह मांग रखी थी। जिस पर आज उन्होंने अपनी मुहर लगा दी। कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रेदश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत पात्र कार्मिकों को पितृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व बाल दत्तक अवकाश का लाभ उत्तराखंड शासन नियमावली के अनुसार दिए जाने पर सहमति प्रदान की गई।

वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि निशुल्क जांच योजना के अंतर्गत सभी 266 जांचों की गुणवत्ता की जांच करने हेतु गढ़वाल क्लस्टर के देहरादून मेडिकल कॉलेज व कुमांऊ क्लस्टर के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की जाएगी।

बैठक में स्वाति भदौरिया मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अमनदीप कौर अपर सचिव स्वास्थ्य, सुनीता टम्टा निदेशक स्वास्थ्य, प्रभारी अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ पकंज कुमार, डॉ फरीदुज़फ़र, डॉ मुकेश रॉय, महेंद्र मौर्य राज्य कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कविता कौशल कंसल्टेंट मानव संसाधन सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

स्वास्थ्य समाचारः राज्य सरकार निःशुल्क उपचार पर खर्च कर चुकी है 1720 करोड़ की धनराशि

राज्य में आयुष्मान योजना के तहत अब तक 9 लाख से अधिक मरीजों का मुफ्त उपचार किया जा चुका है। जिस पर राज्य सरकार ने लगभग 1720 करोड़ की धनराशि खर्च कर दी है। सरकार ने सूबे में पांच वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराने और शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा है। है। आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत इस कार्य को गति दी जा रही है।

कुमाऊं मण्डल के तीन दिवसीय भ्रमण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यहां मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करने के लिये प्रतिबद्ध है। जिसके लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को धरातल पर उतरने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि राज्य में 9.11 लाख से अधिक लोगों का आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क उपचार किया जा चुका है जिस पर राज्य सरकार 1720 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय कर चुकी है। इसके अलावा 2800 लाभार्थियों का कोविड व ब्लैक फंगस का उपचार भी आयुष्मान योजना के तहत किया गया जिस पर राज्य सरकार ने रूपये 27.5 करोड की धनराशि खर्च की है। राज्य में अब तक लगभग 52.66 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 से पहले सूबे में पांच वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का है। इसी प्रकार राज्य में लगभग 62 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाये जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य राज्य में शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाने का है। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति के लिये प्रति वर्ष रूपये 05 लाख तक के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है। जिसमें 26 प्रमुख बीमारियों हेतु 1671 पैकेजों के माध्यम से चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रदेश में सूचीबद्ध अस्पतालों की कुल संख्या 248 है जिसमें 102 राजकीय व 146 निजी चिकित्सालय शामिल है। इसके अलावा इस योजना के तहत देशभर में 26 हजार से अधिक चिकित्सालय सूचीबद्ध हैं, जहां पर प्रदेश का कोई भी आयुष्मान कार्ड धारक व्यक्ति निःशुल्क इलाज करा सकता है। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में आयुष्मान योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

’आयुष्मान योजना के तहत उपचारित मरीजों का जनपदवार विवरण’
अल्मोड़ा 24382
बागेश्वर 10529
चमोली 32428
चंपावत 15063
देहरादून 250086
हरिद्वार 155793
नैनीताल 79524
पौड़ी 76478
पिथोरागढ़ 28217
रूद्रप्रयाग 19808
टिहरी 54132
यूएस नगर 134226
उत्तराकाशी 30492
कुल 9,11,158

’सूबे में 52.66 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित’
प्रदेश में आयुष्मान भव योजना के अंतर्गत पंचायत व शहरी वार्डों में आयुष्मान कार्ड तैयार कर लाभार्थियों को वितरित किये जा रहे हैं। सूबे में अब तक 52.66 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 2 लाख 66 हजार, बागेश्वर में 01 लाख 14 हजार, चमोली 02 लाख 04 हजार, चम्पावत 01 लाख 19 हजार, देहरादून 10 लाख 92 हजार, हरिद्वार 08 लाख 85 हजार, नैनीताल 05 लाख 02 हजार, पौड़ी गढ़वाल 03 लाख 83 हजार, पिथौरागढ़ 02 लाख 14 हजार, रूद्रप्रयाग 01 लाख 25 हजार, टिहरी 03 लाख 21 हजार, ऊधमसिंहनगर 08 लाख 59 हजार तथा उत्तरकाशी में 01 लाख 82 हजार कार्ड लाभार्थियों को जारी किये जा चुके हैं।

’प्रदेश में बनी 62 लाख से अधिक आभा आईडी’
उत्तराखंड में अब तक 62 लाख 14 हजार 518 लोगों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा आईडी) बनाये जा चुके हैं। जिसमें देहरादून जनपद में 7 लाख 31 हजार 330, नैनीताल में 04 लाख 50 हजार 489, हरिद्वार 04 लाख 43 हजार 333, ऊधमसिंह नगर में 02 लाख 75 हजार 701, पौड़ी 02 लाख 45 हजार 425, अल्मोड़ा 01 लाख 96 हजार 431, टिहरी 01 लाख 72 हजार 40, पिथौरागढ़ में 01 लाख 54 हजार 565, चमोली 01 लाख 33 हजार 893, बागेश्वर 85 हजार 321, चम्पावत 80 हजार 91, उत्तरकाशी 74 हजार 320 तथा रूद्रप्रयाग जनपद में 66 हजार 735 आभा आईडी बनाई जा चुकी है। जबकि 31 लाख 04 हजार 844 आभा आईडी के जनपद चिन्हिकरण नहीं हो पाये हैं।

’स्वैच्छिक रक्तदान हेतु प्रदेश में 2.50 लाख लोगों का पंजीकरण’
प्रदेशभर में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु लोग बढ़-चढ़कर प्रतिभाग कर रहे हैं। अब तक प्रदेश में 02 लाख 48 हजार 713 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिये ई-रक्तकोष पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 13965, बागेश्वर 6168, चमोली 7528, चम्पावत 07024, देहरादून 32742, हरिद्वार 30758, नैनीताल 34945, पौड़ी गढ़वाल 17260, पिथौरागढ़ 28551, रूद्रप्रयाग 4255, टिहरी गढ़वाल 21655, ऊधम सिंह नगर 36476 तथा उत्तरकाशी में 7386 लोगों शामिल हैं।

बागेश्वर पहुंचे स्वास्थ्य सचिव, कहा-जिले के अस्पतालों में जल्द भरे जायेंगे रिक्त पद

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार अपने कुमांउ मंडल दौरे के तीसरे दिन जनपद बागेश्वर पहुंचे। स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार का आज जनपद बागेश्वर पहुंचने पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर डॉ डीपी जोशी, डॉ देवेश चौहान एवं डॉ हरीश पोखरिया, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागेश्वर द्वारा पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का जमीनी परीक्षण किया और सुधार के दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने विधायक कपकोट सुरेश गडिया के साथ जनपद अस्पताल में लगे स्वास्थ्य चौपल में क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को सुना और तत्काल समस्याओं के निराकरण के लिए संबधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने विधायक कपकोट सुरेश गडिया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल के साथ सीएचसी कांडा, जिला चिकित्सालय, प्रा.स्वा. केंद्र रवापखाल व सीएचसी बैजनाथ का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू बीमारी को रोकने के लिए अस्पताल के डेंगू वार्ड में मच्छरदानी सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। चिकित्सालय में पानी की निकासी, साफ़ सफाई और दवा के छिडकाव की उचित व्यवस्था करने को कहा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर सेंटर के कार्याे में तेजी लाते हुए डायलिसिस सेंटर के पास की खाली भूमि पर अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिए। उन्होंने चिकित्सालय में इमरजेंसी, दंत रोग विभाग,ईएनटी, बाल रोग विभाग, पैथोलॉजी लैब, महिला वॉर्ड में भर्ती महिलाओं एवं प्रसव से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं व भर्ती मरीजों का हाल जाना।
राजेश कुमार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही अस्पताल से उन्हें दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान चिकित्सालयों में प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि जिन उपकरणों की आवश्यकता है उनके प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजे जाय। जिला चिकित्सालय में तैयार किए जा रहे अत्याधुनिक ओटी के लिए चिकित्सकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा जल्द विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी।

’हर व्यक्ति बनायें आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी’
स्वास्थ्य सचिव ने स्थानीय जनता से संवाद स्थापित कर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी दी साथ ही उनसे योजनाओं का फीडबैक भी लिया। इस दौरान कांडा क्षेत्र के लोगों द्वारा सचिव स्वास्थ के सामने नर्सिग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की मांग रखी। स्वास्थ्य सचिव ने वैलनेस सेंटरों में जाकर अवस्थपना सुविधाओं आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, औषधियों एवं विभिन्न संवर्गों में कार्यरत कार्मियों की स्थिति का अवलोकन किया। स्वास्थ्य सचिव के साथ विभागीय अधिकारियों ने आयुष्मान कार्ड एवं आभा आईडी बनाने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया साथ ही टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी।

’विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी तैनाती’
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने अपने टीम के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काण्डा का निरीक्षण किया गया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों से अस्पताल में रिक्त पदो ंके सम्बन्ध में जानकारी ली। स्वास्थ्य सचिव ने महानिदेशालय को अवगत कराया गया कि चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की यथाशीघ्र तैनाती की जाए। स्वास्थ्य सचिवचिकित्सालय में लगे स्वास्थ्य चौपाल में क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को सुना। इसके साथ ही तत्काल समस्यों के निराकरण हेतु सम्बन्धि प्रभारी को निर्देशित किया गया। आशाओं कार्यक्रर्ताओं द्वारा मानदेय बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा मानदेय बढ़ाये जाने का आसवान दिया गया।

’निर्माण कार्यों पर जताई नाराजगी’
जिला चिकित्सालय, बागेश्वर में निरीक्षण के दौरान निर्माणाधीन कार्यों पर असंतोष व्यक्त करते हुए, यथाशीघ्र, गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू बीमारी को रोकने के लिए अस्पताल के डेंगू वार्ड में मच्छरदानी सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। चिकित्सालय में पानी की निकासी, साफ सफाई और दवा के छिडकाव की उचित व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने चिकित्सालय में इमरजेंसी, दंत रोग विभाग,ईएनटी, बाल रोग विभाग, पैथोलॉजी लैब, महिला वॉर्ड में भर्ती महिलाओं एवं प्रसव से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं व भर्ती मरीजों का हाल जाना। राजेश कुमार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही अस्पताल से उन्हें दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान चिकित्सालयों में प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि जिन उपकरणों की कपकोट विधायक माननीय सुरेश गडिया द्वारा स्वास्थ्स विभाग कि प्रशंसा कि गयी व क्षेत्रीय जनता के समस्याओ को सुन उनका तत्काल निवारण किया गया।

निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ. तारा आर्या, सीएमओ डॉ.डीपी जोशी, उपजिलाधिकारी मोनिका, सीएमएस डॉ. वीके टम्टा, एसीएमओ डॉ.हरीश पोखरिया, डॉ. देवेश चौहान, तहसीलदार दीपिका आर्या,तितिक्षा जोशी सहित अन्य मौजूद रहे।

पिथौरागढ़ दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य सचिव, अधिकारियों को दिए अहम दिशा-निर्देश

राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार आजकल कुमांउ मंडल के चंपावत और पिथौरागढ़ जनपद के भ्रमण पर है। चंपावत में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत परखने के बाद आज चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सचिव डॉ आर राजेश कुमार पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिथौरागढ़ जनपद के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों-कर्मचारियों के संग समीक्षा बैठक कर अहम निर्देश दिये।
सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इग्यारदेवी का निरीक्षण किया और वहां पर स्थित लैब का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिये। उसके बाद विकास भवन स्थित सभागार में प्रधानमंत्री के जनपद आगमन की तैयारियों से संबंधित जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचएस ह्यांकी से जिले के बाहर से आने वाली कार्डियक एंबुलेंस व स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की तैनाती की जगह के विषय में जानकारी ली व इस दौरान सभी कार्मिकों को एलर्ट मोड में रखने के निर्देश दिए।

’ऑर्गन डोनर में पिथौरागढ़ आगे, सचिव ने जताई खुशी’
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जिले में सबसे अधिक ऑर्गन डोनर बनाए जाने पर खुशी जताई। वहीं जनपद में आयुष्मान योजना की धामी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने सुधार के निर्दश दिये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि योजना में जनजागरूकता को लेकर व्यापक कंपेन चालया जाये। जनपद में 100 फीसदी आयुष्मान कार्ड का लक्ष्य लेकर पूरी व्यापक कार्य योजना बनाई जाये। हर घर आयुष्मान कार्ड की सुविधा को लेकर अधिकारी-कर्मचारी कार्य करें। योजना के महत्व के बारे में आम जनमानस को बतायें। इससे मिलने वाले लाभों को समझायें।

’मेडिकल कॉलेज के धीमे निर्माण पर जाहिर की नाराजगी’
इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने पिथौरागढ़ जनपद के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने बारीकी से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था से निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य तय समय पर पूरा होना चाहिए ताकि आम जनमानस को इसका पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने कार्यदायी संस्था को मजदूरों और मशीनरी की संख्या बढ़ाने के निर्दश दिये। साथ ही हिदायत दी कि निर्माणकार्य की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाये।

भ्रमण कार्यक्रम में उनके साथ निदेशक कुमाऊं मंडल डा तारा आर्या, प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज डा अजय आर्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एचएस ह्यांकी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा आर के जोशी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा कुंदन कुमार, नवल चौधरी, मोनू मोहित पंत, चंदन बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयुष्मान ग्राम को लेकर निर्धारित किये गये हैं 6 इंडिकेटर्स

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत प्रदेश में आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित करने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी मानकों को पूर्ण करना होगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों का समय-समय पर विभिन्न स्तरों से मूल्यांकन कराना होगा। मार्च 2024 तक के मूल्यांकन व प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में आयुष्मान ग्रामों व आयुष्मान शहरी वार्डों की घोषणा की जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि आयुष्मान भव अभियान पूरे प्रदेश में निरंतर गतिमान है। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों एवं आयुष्मान सभाओं के माध्यम से जनमानस को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गैर संचारी रोगों की जांच, टीबी रोग की जांच व उपचार, सिकल सेल एनिमिया की जांच एवं कार्ड वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित 06 मानकों को शत प्रतिशत पूर्ण कर लेंगे उन्हें भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, ग्राम्य एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा मानकों का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके उपरांत ही ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों की संबंधित विवरण 31 मार्च, 2024 से पूर्व भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। सभी मानकों का परीक्षण करने के उपरांत भारत सरकार देशभर के आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों की सूची जारी करेगी। इस अभियान के तहत चयनित सभी पंचायतों व शहरी वार्डों को भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।

हर व्यक्ति को मिले आयुष्मान भवः योजना का लाभ अपर सचिव भारत सरकार


भारत सरकार में अपर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेकाली झिमोमी डे. भ्मांसप श्रीपउवउप अपने एक दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंची। जहां उनके द्वारा देहरादून स्वास्थ्य महानिदेषालय में स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के सभागार में आयुष्मान भवः, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन कार्यक्रम तथा यूसैक्स के कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

आयुमान भवः, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन कार्यक्रम तथा यूसैक्स के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अपर सचिव, स्वास्थ्य हेकाली झिमोमी द्वारा कहा गया कि आयुष्मान भवः कार्यक्रम के अन्तर्गत आम जन तक सरकारी स्वास्थ्य सेवायें पहुचाना भारत सरकार का मुख्य उद्देष्य है। उन्होंने सभी कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देषित किया कि जहां जहॉ आयुष्मान मेलों का आयोजन किया जाना है, वहां पर लोगो को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए ताकि अधिक-अधिक लोगों को आयुष्मान कार्यक्रम के अन्तर्गत मिलने वाली आयुष्मान कार्ड, आभा आई0 कार्ड तथा स्वास्थ्य सम्बंधी अन्य जानकारियां मिल सकें व समय आने पर वह इनका लाभ ले सकें। कार्यक्रम की कार्ययोजना इस प्रकार हो कि इसका ज्यादा से ज्यादा लोगो को लाभ मिल सके। अपर सचिव द्वारा बताया गया कि क्यांेकि यह पहाडी राज्य है इसलिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी एक विषेष कार्ययोजना बनाकर आयुष्मान कार्यक्रम को सफल बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर भी राज्य में जनजागरूकता कार्यक्रम चलायें जायें ताकि अधिक से अधिक लोग अंगदान का महत्व समझ कर अंगदान का संकल्प लें और जरूरतमंद लोगों की जिंदगी बचाने में आगे आ सकें।

वहीं भारत सरकार की अपर सचिव हेकाली झिमोमी द्वारा राज्य में डेंगू की रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों की सराहना की गई विशेष कर हॉटस्पॉट क्षेत्र में चलाए जा रहे डेंगू नियंत्रण महाअभियान को एक नवीन पल के रूप में सराहा गया। अपर सचिव द्वारा कहा गया की अग्रिम वर्षों में फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से नियमित तौर पर संचारी रोगों के नियंत्रण रोकथाम एवं जागरूकता हेतु घर-घर जाकर कार्य करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।

स्वास्थ्य सचिव डॉ0 आर राजेष कुमार द्वारा अपर सचिव स्वास्थ्य, नई दिल्ली भारत सरकार को आष्वासन दिलाया गया कि भारत सरकार द्वारा दिये गये सभी दिषानिर्देषों का पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा। आयुष्मान भवः कार्यक्रम के अन्तर्गत दिये गये निर्देष एवं लक्ष्यों को प्राप्त किया जाएगा। इसका साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य में अंगदान को लेकर आम जनमानस को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों का असर है कि कई लोगों ने राज्य में अंगदान का संकल्प लिया है।

समीक्षा बैठक में राज्य की ओर से स्वाती भदौरिया, मिषन निदेषक एन0एच0एम0, आषीष श्रीवास्तव मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुष्मान, डॉ भागीरथी जंगपांगी प्रभारी निदेषक स्वास्थ्य महानिदेषालय, डॉ टी0 के0 टम्टा अपर निदेषक स्वास्थ्य महानिदेषालय, डॉ0 अजय कुमार नगरकर अपर परियोजना निदेषक, यूसैक्स, डॉ0 वी0एस0 टोलिया, डॉ अमित शुक्ला, डॉ0 राजन अरोडा, डॉ0 पंकज कुमार सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

पौड़ी जिले में निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर स्वास्थ्य सचिव ने लगाई फटकार

स्वास्थ्य सुविधाओं और डेंगू महाअभियान की जमीनी हकीकत जानने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार आज पौड़ी जनपद के अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव ने जिला चिकित्सालय पौड़ी के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पैठाणी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिरपालीसैण व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैण का निरीक्षण किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के निर्देश दिये साथ ही अस्पतालों में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द सुधार के निर्देश दिये। पौड़ी जिला चिकित्सालय में विभिन्न जांच रिपोर्ट के आंकड़ों का लेखा-जोखा व्यवस्थित रूप में नहीं रखने पर सचिव स्वास्थ्य ने सीएमएस को फटकार लगाते हुए जांच रिपोर्ट के आंकड़ों को रजिस्टर में व्यवस्थित करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने आज पीपीपी मोड में संचालित जिला चिकित्सालय पौड़ी का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा जिला चिकित्सालय में डेंगू वार्ड,सिटी स्कैन,पैथोलॉजी लैब, एक्स-रे कक्ष औषधि भंडार चंदन डायग्नोसिस द्वारा संचालित पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा चिकित्सालय वार्ड में भर्ती मरीजों उनके तीमारदारों से चिकित्सालय की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली जिसमें चिकित्सालय में भर्ती अनीता रावत ने चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को लेकर कहा की यहां पर हमें उपचार मिल रहा है। उनके द्वारा डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से भी बात कर उनके उपचार को लेकर चिकित्सालय प्रशासन से बात की। चिकित्सालय के केंद्रीय औषधि भंडार के निरीक्षण के दौरान सचिव स्वास्थ्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए की जिन दवाओं की एक्सपायरी अगले माह नवंबर में निर्धारित है, उनका समय पर डिस्पोजल करना सुनिश्चित करें। चिकित्सालय में भर्ती डेंगू के तीन मरीजों की एलिसा रिपोर्ट मांगे जाने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट का रजिस्टर मेंटेन नहीं पाया गया वहीं डेंगू की एलिसा रिपोर्ट मोबाइल फोन पर रिपोर्ट दिखाई गई। जिस पर सचिव स्वास्थ्य ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएमएस डॉ ए तिवारी को सभी जांच रिपोर्ट के आंकड़ों को रजिस्टर में व्यवस्थित करने के निर्देश दिए हैं।
पीपीपी मोड में संचालित जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को लेकर उनके द्वारा संतोष जताया गया। उनके द्वारा कहा गया कि जिला चिकित्सालय वर्ल्ड बैंक द्वारा दिसंबर 2024 तक संचालित रहेगा उनके द्वारा कहा गया कि चिकित्सालय के संबंध में जो भी शिकायतें होगी उनको मॉनिटर कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के प्रयास किए जाएंगे। उनके द्वारा डेंगू के संबंध में एलाइजा कलेक्शन की रिपोर्ट रेगुलर मेंटेन करने हेतु चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया। महिला वार्ड में भर्ती मरीजों से संवाद करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सालय में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर मरीजो से फीडबैक लिया। फीडबैक में मरीजों द्वारा चिकित्सालय की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर संतोष व्यक्त किया गया। उनके द्वारा कहा गया कि भले ही जिला चिकित्सालय पीपीपी मोड में संचालित होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का इसके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका है। आमजन को चिकित्सालय में किसी भी प्रकार की अव्यवस्थाओं का सामना ना करना पड़े इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार चिकित्सालय में मौजूद व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जाती है। इसके साथ ही द्वारा कहा गया की जनपद में डेंगू के केस लगातार घट रहे हैं अभी उत्तराखंड में 340 एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू नियंत्रण के लिए महा अभियान संचालित किया जा रहा है। जिसमें नगर निगम के साथ ही जिला प्रशासन के सहयोग से घर-घर जाकर डेंगू सोर्स रिइंडक्शन कार्यवाही की जा रही है। जिससे डेंगू के केसों में लगातार कमी आ रही है। जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुमार आदित्य तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश कुंवर, एम० एस० महंत इंद्रेश चिकित्सालय देहरादून डॉ०विजय, मंहत चिकित्सालय के मैनेजर प्रमोद चौहान, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव रावत व अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

’पाबौ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण’
पौड़ी जिला चिकित्सालय के उपरांत उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाबौ का निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान उपस्थिति प्रसव कक्ष में सुविधाओं का जायजा लिया साथ ही महिला सामान्य वार्ड में भर्ती मरीजों से मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बात की। आईपीएचएस नॉर्म्स के मुताबिक स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा उन्होंने चिकित्सालय में साफ सफाई व उपस्थिति पंजिका का भी अवलोकन किया। मौके पर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/एसीएमओ डॉ रमेश कुँवर, डॉक्टर पंकज सिंह सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे।

’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पैठाणी का निरीक्षण’
पाबौ के उपरांत सचिव स्वास्थ्य ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पैठाणी का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में उपकरणों की स्थिति सहित अन्य कक्षो/वार्डाे का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल स्टाफ के लिए आवासीय परिसर को लेकर पास ही में भूमि तलाश करने के निर्देश दिए हैं। सचिव ने स्वास्थ्य केंद्र की दीवारों से निकल रही पापड़ियों को देखते हुए ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल की निर्बाध व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। मौके पर एसीएमओ डॉक्टर रमेश कुंवर, स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज डॉक्टर अंकित धवन चौतन्य मेडिकल स्टाफ मौजूद थे। आवासीय परिसर के निर्माण को लेकर सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश।

’प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिरपालीसेण का निरीक्षण’
सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिरपालीसैण का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मेडिकल स्टोर में रखी दवाओं की भी जांच पड़ताल की साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र के परिसर का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।

’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैण का किया निरीक्षण’
तिरपालीसैण के बाद स्वास्थ सचिव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैण का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने मेल वार्ड, प्रसव कक्ष, अल्ट्रासाउंड कक्ष, शल्य कक्ष, दवाखाना का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सालय में सर्जन और ऑर्थाे की तैनाती की आवश्यकता बताई गई। जिस पर सचिव ने प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मौके पर एसीएमओ डॉ रमेश कुंवर, प्रभारी चिकित्साधिकारी सीएचसी थलीसैण शैलेन्द्र सिंह रावत, डिप्टी सीएमओ पारुल गोयल व अन्य मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने किया हल्द्वानी में अस्पतालों का औचक निरीक्षण

देहरादून। डेंगू नियंत्रण अभियान की हकीकत जानने स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार आजकल प्रदेश के दौरे पर हैं। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी जनपद के कोटद्वार के बाद आज स्वास्थ्य सचिव का काफिला कुमाऊ मंडल नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर पहुँचा।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने आज हल्द्वानी का दौरा किया। उन्होंने डेंगू से निपटने के लिए किये जा रहे इंतजामों का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए की गयी व्यवस्थाओं पर नाराजगी जतायी और व्यवस्थाएं दुरस्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि डेंगू के मरीज के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

बेस अस्पताल हलद्वनी का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश द्वारा आईसीयू का संचालन न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई । अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द आईसीयू को चलाने के निर्देश मौके पर दिए गए। सचिव स्वस्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बेस हॉस्पिटल पर वार्ड में जाकर मरीजों का हाल जाना अस्पताल प्रशासन को किसी भी मरीज के उपचार मैं कोई लापरवाही न हो इसके निर्देश दिये गये। उनके द्वारा द्वारा डेंगू वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, डायलिसिस यूनिट, ब्लड बैंक का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि डेंगू के उपचार के लिये निजी व सरकारी चिकित्सालय पर आयुष्मान कार्ड द्वारा भी उपचार प्रदान किया जाएगा। जिसके निर्देश अधिकारियो को दे दिये गये है।

सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने डेंगू जांचों की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की । उन्होंने अधिकारियों को जांचों में तेजी लाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा अधिकारी कागज पर पेन कम चलकर थोड़ा जांचों में तेजी लाएं जिससे मरीज को समय पर सही इलाज मिल सके। स्वास्थ्य सचिव ने मरीजों और लोगों से भी अस्पताल में व्याप्त सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया।

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने पूरे प्रदेश के अंदर डेंगू के 307 मामले एक्टिव है।
उन्होंने बताया डेंगू को लेकर अस्पताल में बेड्स पूरी तरह से उपलब्ध हैं, उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से किसी को भी प्लेटलेट्स नहीं दी जाएगी, जरूरत पड़ने पर ही मरीज को प्लेटलेट्स दी जाएगी, डेंगू पर जो भी इलाज है, उसे अस्पताल द्वारा ठीक तरीके से नहीं किया जाएगा तो ₹50000 से लेकर ₹200000 तक का जुर्माना लगाने के प्रावधान बनाए गए हैं,

स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश की डेंगू के मामलों को लापरवाही नहीं बरती जाएगी, जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल या सरकारी हॉस्पिटल लापरवाही करेगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह बराबर डेंगू पर अपनी नजर बनाए रखें और डेंगू के मामले को लेकर शासन को लगातार अवगत कराए, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में अधिक पैसा लिए जाने पर भी उन्होंने कहा की रेट निर्धारित किए गए हैं, अधिक रेट लिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

इस मौके पर उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भागीरथी जोशी, मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्रधानाचार्य डा. अरुण जोशी, डॉ टिट्याल, चिकित्सा अधीक्षक सुशीला तिवारी अस्पताल, डॉ मनोज कांडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ सविता ह्यांकी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बेस चिकित्सा हल्द्वानी, डा. ऊषा जंगपांगी महिला चिकित्सालय हल्द्वानी भी मौजूद थे।