प्रवासियों में संक्रमण मिलने की प्रक्रिया हुई तेज, 146 हुए पाॅजीटिव केस

आज प्रदेशभर में 16 कोरोना संक्रमित मामले सामने आए है। जिसके बाद अब राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 146 हो गई है। वहीं इनमें से 54 मरीज ठीक हो चुके हैं। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि आज 16 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से तीन उत्तरकाशी, दो हरिद्वार, एक अल्मोड़ा, चार बागेश्वर, दो ऊधमिसंहनगर, तीन नैनीताल और एक देहरादून में सामने आया है।

बाजार बंद, सैनिटाइज कराया
जाखणीधार ब्लॉक के ढुंग में एक युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से पूरे ढुंगमंदार क्षेत्र में दहशत फैल गई है। कस्बे के बाजार बंद हो गए। प्रशासन ने पूरे गांव को सैनिटाइज कराया है।
ढुंगमंदार पट्टी में अभी तक बाहरी राज्यों से करीब चार सौ प्रवासी पहुंचे हैं। इनमें से कई रेड जोन से आए हैं। ग्राम पंचायतों ने उन्हें गांव में क्वारंटीन किया हुआ है। मुंबई से आए युवक के कोरोना पॉजिटिव आने से लोग डरे हुए हैं। बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे प्रशासन की टीम ने युवक को गांव से जिला मुख्यालय में बनाए गए कोविड-19 के केयर सेंटर में भर्ती करा दिया है।

पुलिस महानिदेशक ने दिए निर्देश…
आज पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी पुलिस कप्तानों, सेनानायकों और परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फेंसिंग कर कोरोना वायरस से बचाव की तैयारियों और लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा की। डीजी अपराध अशोक कुमार ने निर्देश दिए कि लॉकडाउन चार के नियमों और निर्देशों का अनुपालन्र विनम्रता और दृढ़ता के साथ कराना है। होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। क्वारंटीन उल्लंघन के संबंध में डायल 112 की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा डायल 112 से प्राप्त घरेलू हिंसा से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लें।
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों को किसी तरह की छूट ना दी जाए। पुलिसकर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षित करने और संक्रमण से बचाव हेतु उन्हें डबल प्रोटेक्शन दिया जाए। डीजी ने कोरोना ड्यूटी में नियुक्त पुलिसकर्मी तथा उल्लेखनीय कार्य करने वाले जनता के एक व्यक्ति को कोरोना वॉरियर्स के रूप में प्रतिदिन सम्मानित करने के निर्देश दिए।

डीएम ने ऋषिकेश सहित अन्य कन्टेंमेंट जोन को प्रतिबंध से किया बाहर

जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में शेष 4 कन्टेमेंट जोन में 2 से 3 चरण का एक्टिव सर्विलांस का कार्य पूर्ण हो चुका है। 14 दिन के एक्टिव सर्विलांस कार्य के दौरान उक्त क्षेत्रों में अन्य कोई कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति चिन्हित न होने के फलस्वरूप स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त क्षेत्रों को कन्टेंमेंट जोन से मुक्त करने हेतु की गयी। संस्तुति के फलस्वरूप नगर निगम देहरादून क्षेत्रान्तर्गत कन्टेंमेंट जोन चमन विहार, लेन नम्बर 11 तथा नगर निगम ऋषिकेश क्षेत्रान्तर्गत कन्टेंमेंट जोन बीस बीघा कालोनी गली न0 3, शिवा एन्कलेव वार्ड नम्बर 24 एवं आवास विकास वार्ड नम्बर 25 को कन्टेंमेंट जोन से मुक्त घोषित कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि हमारे द्वारा लगातार जनता को अकारण हो रही परेशानी व कोविड 19 को दृष्टिगत रखते हुये प्रतिबन्धित की तिथि बीत जाने के बाद भी जिले के कन्टेनमेंट जोन क्षेत्र को मुक्त न किये जाने को लेकर समाचार प्रकाशित कर डीएम का ध्यान आकर्षित किया था, जिस पर आज इन जोन में चल रहे प्रतिबन्धों को हटाकर मुक्त कर दिया गया।

गांव में बनाये जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की साफ-सफाई के लिए 5-5 हजार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए। मुख्यमंत्री, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क, सेनेटाईजेशन, फिजीकल डिस्टेंस आदि बातों को लेकर निरंतर लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडिया व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कायम रखें। जो लोग भी उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, उन्हें लाया जाना है। बाहर से घर लौटने वाले लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त भी रखना है और उन्हें व्यस्त भी रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित साफ सफाई के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को एनएचएम से 5-5 हजार रूपए दिए जा रहे हैं।
प्रधान, ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसे देखते हुए प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें अकेले इस काम को देखना है। ग्राम स्तर के प्रशासनिक कर्मचारियों को उनके नेतृत्व में काम करना है। प्रधानों का जो भी व्यय होता है, उसकी प्रतिपूर्ति प्राथमिकता से की जाए।
मुख्यमत्री ने कहा कि इन दिनों में पॉजिटिव केस पहले की अपेक्षा अधिक बढ़े है, परंतु हमारी तैयारी बेहतर है। पेशेन्ट केयर का हमारा रिकार्ड बेहतर रहा है। अभी तक बेहतर तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब नई चुनौती आई है। इस चुनौती पर व्यावहारिकता और कुशलता के साथ खरा उतरना है। कोरोना से लम्बी लड़ाई है। इसके लिए हमें मनोवैज्ञानिक रूप से भी तैयार रहना है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लें। हर वार्ड में चार-पांच लोगों की एक टीम हो। लोगों की आजीविका के लिए भी योजनाओं पर काम करना है। किसानों को बीज उपलब्ध करवाए जाएं। इसी प्रकार केंद्र व राज्य सरकार ने जो योजनाएं घोषित की हैं, उनसे लोग, लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जो भी लोग बाहर से अपने घरों को आ रहे हैं, उन पर सतत निगरानी रखनी है। इसमें जिलाधिकारी ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों का उपयोग करें। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जरूरी जांच की जाएं। एक-एक केस को ट्रेस करना है। और उनका हेल्थ चैकअप किया जाए। बीआरटी को सक्रिय रखा जाए। कॉल सेंटर के माध्यम से भी आने वाले लोगों से लगातार सम्पर्क रखा जाता है। रेड जोन से आने वालों को इंन्स्टीट्यूशनल क्वारेंटाईन में रखा जाना है। अच्छी प्रतिष्ठा वाले एनजीओ का भी सहयोग लिया जा सकता है। जिस प्रकार गांवों में प्रधानों का सहयोग लिया जा रहा है, उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को भी अधिकृत किया जाएगा। पार्षदों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जानी है। हमें लोगों का समझाना भी है और जो न समझे उस पर कार्रवाई की जानी है।
सचिव स्वास्थ्य, नीतेश झा ने प्रदेश में कोविड-19 की अपडेटेड स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि बाहर से लोगों के आने के बाद पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। अभी तक 120 पॉजिटिव केस हो चुके हैं, इनमें से 53 रिकवर हो चुके हैं। 66 एक्टीव केस हैं। अभी जितने भी केस हैं, उनमें कोई भी गम्भीर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पास आईसीयू बैड, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, अस्पताल/फेसिलिटी सेंटर की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था है।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश में वापस आने के लिए अभी तक 2 लाख 33 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। लगभग 1 लाख 29 हजार लोग वापस आ चुके हैं। अभी तक 10 ट्रेनें आ चुकी हैं। और 2 ट्रेनें मार्ग में हैं। निर्धारित एसओपी के अनुसार सारी चेकिंग की प्रक्रिया की जाती है। जिलाधिकारियों को आने वाले लोगों का पूरा विवरण उपलब्ध करवाया जाता है।

सुबह सात से शाम चार बजे तक ही खुलेंगी दुकाने, पढ़े पूरी खबर…

त्रिवेन्द्र सरकार ने ऑरेंज और ग्रीन जोन में आवश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। लेकिन शॉपिंग कॉम्पलेक्स, रेस्टोरेंट, मॉल, सिनेमा घर, बार, होटल आदि पर लगी रोक लाॅकडाउन-4 में भी बरकरार रहेगी। जबकि अन्य दुकानों को सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक खोला जा सकेगा। जिन शहरों में अलग-अलग दिनों में अलग-अलग वस्तुओं की दुकानों को खोलने की जो रोस्टर वाली व्यवस्था बनाई गई थी, उसे समाप्त कर दिया गया है। अब पूरे प्रदेश में सभी दुकानें सभी दिन निर्धारित समय अवधि के लिए खुलेंगी।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है, जिससे भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ऑरेंज और ग्रीन जोन में सभी दुकानों को खोला जा सकता है। अभी तक सुबह सात से शाम चार बजे तक दुकान खोलने का प्रावधान किया गया है।

-केंद्र सरकार की गाइडलाइन-
हवाई सेवाएं वर्जित।
स्कूल और कॉलेज नहीं खुलेंगे।
होटल और रेस्टोरेंट नहीं खुलेंगे, रेस्टोरेंट होम डिलीवरी के लिए किचन चला सकते हैं।
सिनेमा, शॉपिंग सेंटर, इंटरटेनमेंट पार्क, बार, ऑडिटोरियम नहीं खुल सकते।
स्पोटर्स काम्पेक्स और स्टेडियम में दर्शक नहीं जा सकते, प्रशिक्षण और मैच हो सकेंगे।
धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम वर्जित।
धार्मिक स्थानों पर पूजा हो सकती है, लेकिन श्रद्धालु नहीं जा सकते।
कंटेनमेंट जोन में पूर्ण लॉकडाउन, बफर जोन में राहत।
मुख्य सचिव ने बताया कि इसमें बदलाव नहीं किया गया है। सरकारी कार्यालय खोलने और स्टाफ की उपस्थिति को लेकर लॉकडाउन तीन में बनाई व्यवस्था ही जारी रहेगी। सुबह दस से शाम चार बजे तक कार्यालय खुलेंगे। शाम चार से अगली सुबह सात बजे तक लॉकडाउन की स्थिति रहेगी। वहीं, वाहनों को ऑड ईवन के फॉर्मूले पर चलाने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये गये है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर तय होने वाले कंटेनमेंट जोन में पूरी तरह से लॉकडाउन रहेगा। इसके साथ एक क्षेत्र को बफर जोन चिह्नित करने का प्रावधान भी है। बफर जोन में निगरानी रहेगी, लेकिन कंटेनमेंट जोन की तरह पाबंदी नहीं होगी। प्रदेश में अभी सात कंटेनमेंट जोन हैं। देहरादून जिले में चार, हरिद्वार में दो और ऊधमसिंहनगर जिले में एक है।

सीएम पोर्टल में शिकायत करने से डाॅक्टर नाराज, मरीज को कर दिया डिस्चार्ज

अल्मोड़ा जिला अस्पताल में भर्ती आयुष्मान कार्डधारक मरीज ने बाजार की दवाइयां लिखने पर सीएम पोर्टल पर शिकायत कर दी। जिसकी जांच शुरू होने पर मरीज का इलाज कर रहे वरिष्ठ फिजीशियन नाराज हो गए और सोमवार सुबह मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। जबकि सूत्रों के अनुसार, मरीज डिस्चार्ज की हालत में नही था।
मामला गर्माने के बाद अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सक को लिखित रूप से चेतावनी दी और भविष्य में सभी डॉक्टरों को बाहर की दवाएं नहीं लिखने के निर्देश दिए हैं। हवालबाग ब्लॉक के पाखुड़ा गांव निवासी रमेश सिंह (56) लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार है। बीती नौ मई को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. पीएस टाकुली रमेश का इलाज कर रहे थे।
मरीज के गुर्दे खराब होने के साथ ही उसे शुगर और सेफ्टीसीमिया आदि बीमारियां हैं। मरीज की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। मरीज की देखरेख में जुटे परिजनों के साथ ही हीरा ढुंगरी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड धारक होने के बावजूद डॉ. टाकुली बाजार की दवाएं लिख रहे थे।
रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल में डाॅक्टर की शिकायत कर दी। शिकायत दर्ज होने के बाद रविवार रात को ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ शुरू कर दी। इससे नाराज डॉक्टर ने अगली सुबह अस्पताल पहुंचते ही सबसे पहले गंभीर बीमार मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर बाहर बैठा दिया। मजबूरी में परिजन मरीज को घर ले गए जबकि उसकी हालत नाजुक बनी है। राजेंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस संबंध में दोबारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर मरीज को बाहर करने की भी शिकायत दर्ज करा दी है।
जिला अस्पताल अल्मोड़ा के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आरसी पंत ने मीडिया को बताया कि जिला अस्पताल में नौ मई से भर्ती किए रमेश सिंह की हालत काफी गंभीर थी। उन्हें डिस्चार्ज करने की जानकारी मिलने के बाद डॉ. पीएस टाकुली से जानकारी ली गई है और भविष्य में रोगियों के लिए बाजार की दवाएं नहीं लिखने के भी निर्देश दिए गए हैं। यदि रमेश सिंह के परिजन जिला अस्पताल में रमेश का इलाज कराना चाहते हैं तो उसे इलाज दिया जाएगा। पूर्व में बाजार से खरीदी गई दवाओं का भुगतान भी दिलाया जाएगा। मामले में लिखित शिकायत मिलने पर जांच भी कराई जाएगी।

महाराष्ट्र के होटल में कार्यरत ऋषिकेश के युवक में कोरोना की पुष्टि

ऋषिकेश के आशुतोष नगर में कोरोना पॉजीटिव का नया मामला सामने आया है। कुछ दिन पूर्व ही महाराष्ट्र से ऋषिकेश पहुंचे युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है। एम्स प्रशासन और अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने युवक में कोरोना पॉजीटिव की पुष्टि की है।

एम्स प्रशासन के अनुसार, युवक पिछले पांच से छह साल से महाराष्ट्र में एक होटल में करता था। होटल के कई लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वह हाल ही में ऋषिकेश वापस लौट आया था। वह तभी से अपने घर में क्वारंटीन था।

शनिवार को वह एम्स में स्क्रीनिंग के लिए आया था। उस दौरान उसमें कुछ लक्षण पाए जाने पर युवक का सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है। युवक को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है।

जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति
जनपद          संक्रमित     ठीक हुए मरीज
देहरादून          45           28
हरिद्वार           07           07
नैनीताल          14           10
ऊधमसिंह नगर   18           05
उत्तरकाशी        01          –
अल्मोड़ा          02           01
पौड़ी             02           01

कोरोना नियंत्रण के लिए मास्क और सोशल दूरी का कड़ाई से हो पालन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्डवासी काफी संख्या में आ रहे हैं, ये जिन जनपदों में आ रहे हैं, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए ताकि उत्तराखण्ड के बोर्डर ऐरिया पर स्क्रीनिंग का लोड कुछ कम हो सके। बाहर से आने वाले लोगों को जहां पर क्वारंटाइन किया जा रहा है, उसकी नियमित मोनिटरिंग की जाए। इसके लिए कर्मिकों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क की अनिवार्यता का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के पास मास्क की उपलब्धता हो। मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माने की कारवाई की जाए। बाहरी राज्यों के जो श्रमिक उत्तराखण्ड में हैं, अगर वो अपने राज्यों में वापस जाना चाहतें हैं, तो सम्बन्धित राज्यों से जो वाहन आ रहे हैं, उन्हें उन वाहनों में भेजने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से जितने भी लोग आ रहे उनका पूरा डाटा रखा जाए कि ये कहां पर क्वारंटाइन किये गये हैं। यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा सके। इसके लिए पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को अलर्ट के लिए एस.एम.एस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कन्ट्रोल रूम एवं आईटी सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

उत्तराखंड को पीपीई किट, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर की जरूरतः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में हैं। राज्य में कोविड पर नियंत्रण हेतु डॉक्टरों को प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित किया गया है। 3 महीनों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से राज्य को और पीपीई किट, एन -95 मास्क एवं वेंटिलेटर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस भी बहुत अच्छा कार्य कर रही है। बाहर से आने वाले सभी लोगों को क्वारांटाइन किया जा रहा है। प्रत्येक जनपद में सर्वे टीम एक्टिव हैं। राज्य में कोरोना पॉजिटिव की डबलिंग रेट को भी काफी नियंत्रित किया गया है। प्रदेश में डबलिंग रेट 45 दिन है। उत्तराखंड में पूरी टीम उत्साह एवं सतर्कता से कार्य कर रही है। राज्य में कोरोना के 68 पॉजिटिव केस थे जिसमें से 46 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ओवरऑल उत्तराखंड की स्थिति काफी अच्छी है। देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल में और सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को जल्द ही पीपीई किट ,वेंटिलेटर, एन 95 मास्क एवं अन्य राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने हरिद्वार की सीएमओ डॉ सरोज नैथानी से भी कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों एवं वर्तमान स्थिति की जानकारी ली।

खुशखबरीः अटल आयुष्मान के तहत अब मिलेगा इन्हें असीमित मेडिकल सुविधा

उत्तराखंड में सेवारत राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के 15 लाख गोल्डन कार्ड बनेंगे। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कर्मचारियों और उनके आश्रितों का डाटा तैयार किया है। सेवारत कर्मचारियों के कार्ड विभागीय डीडीओ (आहरण वितरण अधिकारी) और पेंशनरों के कार्ड कोषाधिकारी कार्यालय से बनेंगे।
राज्य सरकार ने प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को अटल आयुष्मान योजना के तहत असीमित खर्च तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी है। इसमें आईपीडी और ओपीडी इलाज दोनों ही शामिल हैं। वहीं, कर्मचारियों और पेंशनरों को इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर करने की शर्त नहीं रहेगी। योजना में इलाज के लिए कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रति माह के हिसाब से अंशदान लिया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कर्मचारियों और पेंशनरों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए डाटा तैयार कर लिया है। सभी को मिला कर 15 लाख कार्ड बनाए जाएंगे। योजना में कर्मचारी व पेंशनर के माता-पिता, 25 वर्ष की आयु के बेटा-बेटी, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को भी योजना का लाभ मिलेेगा।
राज्य अटल आयुष्मान योजना के निदेशक (प्रशासन) डॉ. अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि प्रदेश के सभी राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का डाटा तैयार है। कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में डाटा को योजना में ऑनलाइन अपडेट किया जा रहा है। जल्द ही कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

रेलवे पहुंचायेगा प्रवासी भारतीयों को उनके घर

लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। रेलवे ने देशभर के पंद्रह स्टेशनों के लिए कुछ स्टॉपेज के साथ चुनिंदा ट्रेनें चलाने की तैयारी कर ली है। 12 मई से ये ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी। सभी ट्रेनें वातानुकुलित होंगी। सोमवार शाम 4 बजे से बुकिंग शुरू की जाएगी। यात्रा किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। डायनेमिक फेयर भी लागू किया जा सकता है। हालांकि, यात्रियों को लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन नहीं होने से परेशान होना पड़ सकता है। इन 15 रूटों पर ट्रेन शुरू होने के बाद रेलवे कुछ और रूटों पर विशेष ट्रेन चलाएगा। गौरतलब है कि 25 मार्च से सभी यात्री ट्रेन सेवा बंद कर दी गई थीं। 
इन ट्रेनों के टिकट की बुकिंग स्टेशन काउंटर से नहीं होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही टिकट बुक हो सकेगा। सिर्फ आरक्षित टिकट वाले ही यात्रा कर सकेंगे। तत्काल कोटा नहीं होगा। किसी तरह की छूट भी नहीं मिलेगी। प्लेटफार्म पर वे ही प्रवेश कर पाएंगे जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। 
फेस मास्क पहने बगैर प्लेटफार्म पर यात्रियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। थर्मल स्कैनर से चेकिंग के बाद ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। किसी तरह का लक्षण पाए जाने पर यात्रा नहीं कर पाएंगे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे रोज 300 ट्रेनें चलाकर प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने को तैयार है। गोयल ने ट्वीट किया, मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने लोगों को वापस लाने की अनुमति दें ताकि 3-4 दिन में उन्हें घर पहुंचाया जा सके। रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण की जांच भी की जाएगी।

दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलेंगी ये ट्रेन
नई दिल्ली-डिब्रूगढ़
नई दिल्ली-अगरतला
नई दिल्ली- हावड़ा
नई दिल्ली-पटना
नई दिल्ली-बिलासपुर
नई दिल्ली-रांची
नई दिल्ली-भुवनेश्वर
नई दिल्ली-सिकंदराबाद
नई दिल्ली-बंगलुरू
नई दिल्ली-चेन्नई
नई दिल्ली-तिरुवनंतपुरम
नई दिल्ली-मडगांव
नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल
नई दिल्ली-अहमदाबाद
नई दिल्ली-जम्मू तवी