17 मई को श्री केदारनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार 17 मई को प्रातः 5 बजे खुलेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें दीं हैं। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अपने घरों में रहकर पूजा- अर्चना करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड एंव मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जनकल्याण हेतु की जा रही हैं। बीते कल शाम श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची। कल सोमवार को प्रात: 5 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंंगे। जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई तथा श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल चुके है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को प्रात: 4 बजकर 15 बजे खुल रहे है। श्री नृसिंह मंदिर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गयी है। कल शाम उद्धव एवं कुबेर के साथ ही आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी।

कोविड के दृष्टिगत चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित किया जा चुका है। नित्यनियम से पूजा – अर्चना चलेगी। धामों में पूजपाठ से जुड़े लोगों को जाने की अनुमति है तथा कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खुलने की तैयारियां पूरी कर ली है। सेनिटाईजेशन, साफ-सफाई, बिजली-पानी की आपूर्ति, रावल, पुजारियों, वेदपाठियों हेतु आवास ब्यवस्था की गयी है। मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया गया है।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी सिंह केदारनाथ धाम में ब्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे है। गढ़वाल आयुक्त/ उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चारधाम के कपाट खुलने के अवसर पर कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आपदा के बाद पुनर्निमाण के कार्य अब अंतिम चरण मेंः तीरथ सिहं रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित करने को लेकर लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।

सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं। बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री जी व पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ व केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड सकेपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं। मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।

महाकुंभ का मुख्य शाही स्नान सफलता पूर्वक सम्पन्न


कुम्भ मेला का मुख्य शाही स्नान सकुशल और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो गया। मेष संक्रांति के स्नान पर विगत के कुम्भ मेलों में घटित कुछ अप्रिय घटनाओं के इतिहास एवं कोविड की अभूतपूर्व चुनौतियों को देखते हुए शाही स्नान को सुव्यवस्थित व निर्विघ्न संपन्न कराना एक बड़ी चुनौती माना जा रहा था। इन चुनौतियों के बीच मुख्य शाही स्नान बिना किसी अप्रिय घटना के सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। सायं तक 13 लाख 51 हजार श्रद्धालु कुम्भ क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर स्नान कर चुके थे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुम्भ मेले के मुख्य शाही स्नान के सकुशल सम्पन्न होने पर मेले से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों, स्वयं सेवी संस्थाओं सहित सभी जनमानस को बधाई देते हुए हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करते हुए मेले से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मिकों ने जिस मनोयोग से कुम्भ की व्यवस्थाओं को संभाला तथा देश-विदेश के श्रद्वालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करायी, वह सराहानीय है। शाही स्नान सकुशल सम्पन्न होने से राज्य सरकार की दिव्य-भव्य एवं सुरक्षित कुम्भ की परिकल्पना भी साकार हुई है। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले से सफल आयोजन का सामूहिक प्रयासों का भी नतीजा बताते हुए साधु-संतों, अखाडों, मेला क्षेत्र की जनता, व्यापारियों, गंगा सभा, तीर्थ पुरोहितों, मीडियाकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों आदि का भी अत्यधिक उल्लेखनीय सहयोग रहा है। जिसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र है।

मेला अधिकारी दीपक रावत ने शाही स्नान सम्पन्न होने के बाद मीडिया सेंटर कुम्भ मेला में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुम्भ मेलों के बैसाखी के शाही स्नानों में कुछ छोटी मोटी घटनाएं हुई थी, इसलिए मेला प्रशासन व पुलिस के आपसी सहयोग से इसे सफल बनाने की पूरी कोशिश की थी और इसमें हम सब सफल रहे। उन्होंने इस सफलता के लिए पुलिस, स्वयंसेवी संस्थाओं व सफाई कर्मियों के अलावा व्यापारी व आम जनता का भी आभार प्रकट करते हुए कहा कि थोड़ी बहुत परेशानी के बावजूद उन्होंने पूरे दिल से प्रशासन का साथ दिया। उन्होंने बताया कि कोरोना के मध्यनजर जिला स्वास्थ्य विभाग व मेले में जुड़ी अन्य एजेंसियों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 50 हजार टेस्ट हो रहे हैं।

पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला क्षेत्र की सीमाओं पर श्रद्धालुओं के कोबिड सर्टिफिकेट की सघन जांच हो रही है, जिस कारण सर्टिफिकेट न होने पर अब तक 56 हजार श्रद्धालुओं को सीमा से ही वापस लौटाया जा चुका है। उन्होंने शाही स्नान को सफलता से आयोजित करने में राज्य की पुलिस सहित केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों, अन्य राज्यों की पुलिस एवं पी.एस.सी., होमगार्ड्स आदि की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इस बार पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षाबलों के अतिरिक्त पहली बार एन.एस.जी को भी तैनात किया गया था। कोरोना काल के बावजूद शाम तक करीब 13 लाख 51 हजार लोग गंगा में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला जनमेजय खण्डूड़ी नेग मेला में सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
नोडल अधिकारी सूचना मनोज श्रीवास्तव ने देशभर के मीडिया के साथ साथ स्थानीय मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि खासकर स्थानीय मीडिया ने मेला प्रशासन के मिलकर एक मेजबान की भूमिका भी निभाई और कुम्भ की महत्ता को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री तीरथ ने वर्चुअली प्रेसवार्ता कर दी शाही स्नान को लेकर अपडेट

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दूसरे शाही स्नान का आयोजन भी कोविड 19 की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दिव्यता व भव्यता के साथ संपंन हो गया है। सुरक्षित और सफल आयोजन में सहयोग के लिए सभी सहयोगियों का आभार।

सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हुए शाही स्नान में अखाड़ों के संत समाज से लेकर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुंभ 2021 में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। उन्होंने प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बताया सोमवती अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्थान को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह रहा। सुबह आठ बजे तक ही 15 लाख श्रद्धालू स्नान कर चुके थे। वहीं सायं 6 बजे जो आंकड़ा आया है उसमें स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 28 लाख पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालु स्नान कर लेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की विपरीत परिस्थितियों में हो रहे कुंभ के आयोजन में चुनौतियां बहुत हैं। लेकिन हमारी सरकार ने उस चुनौती का स्वीकार किया है और कुंभ को दिव्यता और भव्यता के साथ सुरक्षित ढंग से संपंन कराया जा रहा है। कहा कि मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनके स्वागत में कोई कमी नहीं है। किसी श्रद्धालू को भी कहीं परेशानी का सामना ना करना पड़े इसका अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है। और श्रद्धालुओं के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में टीका उत्सव के लिए व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं। और टीकाकरण को जनपद से लेकर ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर पर कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कहा कि टीकाकरण को लेकर अन्य प्रांतों की अपेक्षा हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं। इसके लिए भारत सरकार की ओर से मिल रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने उन्होंने हृदय से आभार जताया।

श्रृंगेरी मठ के पीठाधीश्वर ने जाना श्री भरत मंदिर का प्राचीन इतिहास

श्रृंगेरी मठ के पीठाधीश्वर का श्री भरत मंदिर आगमन पर भरत मंदिर परिवार एवं ऋषि कुमारों ने वेद मंत्रों द्वारा भव्य स्वागत हुआ। अनंत विभूषित शंकराचार्य योगानंन्दइसबना महाराज द्वारा ऋषिकेश नारायण श्री भरत महाराज के दर्शन किए गए। साथ ही सनातन धर्म की रक्षा के लिए नवी शताब्दी में उत्तर भारत प्रवास की यादें ताजा की गईं।

प्रातः स्मरणीय स्वामी की ओर से मुख्य मंदिर में स्थित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों के बारे में अपने शिष्यों को विस्तार से बताया। श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा शंकराचार्य को मंदिर परिवार का भ्रमण कराते हुए श्री भरत मंदिर के प्राचीन इतिहास के बारे में बताया। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित ऋषिकेश नारायण श्री भक्त भगवान की मूर्ति को देखकर स्वामी जी भाव विह्वल हुए एवं समस्त भरत मंदिर परिसर की अच्छी देखभाल करने के लिए साधुवाद दिया। तत्पश्चात शंकराचार्य का काफिला हरिद्वार के लिए रवाना हो गया।

इस अवसर पर हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, हरि नारायणाचार्य, बंशीधर पोखरियाल, आईडी जोशी, पंडित रवि शास्त्री, धीरेंद्र जोशी आदि उपस्थित रहे।

कलश यात्रा लेकर गंगा तट पर पहुंची मेयर ने परखी शाही स्नान की तमाम व्यवस्थाएं

आस्था के महाकुंभ सोमवती अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर मेयर अनिता ममगाई ने देश और दुनिया भर के लोगों को महापर्व की बधाई दी। कृष्ण कुंज आश्रम से शहर के संतों, महंतो और महामंडलेश्वर के साथ कलश यात्रा लेकर त्रिवेणी घाट पहुंची।

मेयर अनिता ममगाईं ने इस मौके पर कहा कि गौ, गंगा और गायत्री की पावन भूमि में इन दिनों कुंभ क्षेत्र होने की वजह से इसकी आभा में चार चांद लगे हुए हैं। उन्होंने स्नानार्थियों को सोमवती अमावस्या पर्व की शुभकामनाएं दीं। वहीं, मेयर ने कुंभ पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से केंद्र सरकार द्वारा जारी कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील भी की।

कहा कि भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या का बड़ा महात्म्य है। इससे पूर्व संत समाज द्वारा निकाली गई धार्मिक यात्रा में शिरकत करते हुए नगर की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पहुंची मेयर ने तमाम व्यवस्थाओं का बारीकी के साथ जायजा लिया। गंगा स्नान के दौरान किसी भी तरह की कोई चूक ना हो जाए इसको लेकर मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

महंत रामकृपालु को श्रद्धांजलि देकर नए महंत बने श्याम चरण महाराज

श्री भरत मिलाप आश्रम में आज ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं, श्याम चरण दास महाराज नए महंत बनाए गए।

मायाकुंड में श्री भरत मिलाप आश्रम में आयोजित पट्टाभिषेक कार्यक्रम के शुभारंभ में सभी आगन्तुकों ने ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री विरक्त वैष्णव षड्दर्शन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रामानंद आश्रम के महंत स्वामी अभिराम दास महाराज की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज के संचालन में श्याम चरण दास महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। उन्हें महंताई की चादर ओढ़ाकर श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत की जिम्मेदारी सौंपी गई। ब्रह्मलीन राम कृपालु दास महाराज के शिष्य गोपाल बाबा ने बताया कि श्याम चरण दास महाराज उनके गुरु भाई हैं और उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी मिली है।

मौके पर महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज, रामेश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपाल आचार्य महाराज, डॉ. नारायण दास महाराज, महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महामंडलेश्वर राम नरेश आचार्य, लोकेश दास महाराज, पुजारी वृंदावन दास महाराज, सुरेश दास महाराज, केदारनाथ श्रीनिवास, विजयानंद महाराज, मां साध्वी वंदना मिश्रा, मेयर अनीता मंमगाईं, अरविंद पांडे, परमानंद दास महाराज, पंडित रवि शास्त्री, राम चैबे, अभिषेक शर्मा, गुरविंदर सलूजा, आईडी जोशी, रमाकांत भारद्वाज, धीरेंद्र जोशी, अमित गांधी, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे।

हरिद्वार की तरह भव्य होगा ऋषिकेश का देवय स्नान व शोभायात्रा

ऋषिकेश। में 24 अप्रैल 2021 को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश व 25 अप्रैल को कुंभमेला सभा मंडप पंतदीप हरिद्वार में समिति द्वारा आयोजित होने वाले देवस्नान एवं शोभायात्रा कार्यक्रम हेतु यथासंभव सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्हें सपत्नी कार्यक्रम में निमंत्रित किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि हम ऋषिकेश के देवय स्नान व शोभायात्रा के कार्यक्रम को हरिद्वार कार्यक्रम से भी अधिक भव्य बनायेगे उन्होंने कहा कि यहां पर्व भारत की देव संस्कृति व लोक संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के साथ ही ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः’ की भावना को पुष्ट करता है।

केंद्रीय प्रवक्ता डॉ धीरेंद्र रांगड़ ने कृषि मंत्री को देवडोलियों के रूट की जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून परिक्षेत्र की समस्त देवडोलियां वाया नटराज चैक तथा रुद्रप्रयाग,पौड़ी, चमोली, श्रीनगर आदि क्षेत्रों की डोलियां वाया तपोवन तथा टिहरी उत्तरकाशी की देवडोलियां वाया नरेंद्रनगर भद्रकाली मंदिर ढालवाला में एकत्र होंगी। जहां भोजन-प्रसाधन के पश्चात दो बजे सभी देवडोलियां एक साथ अपने वाहनो के द्वारा इन्द्रमणि बडोनी चैक, देहरादून रोड, आई.एस.बी.टी.से होते हुए केवलानंदआश्रम चैक, मायाकुंड से होकर त्रिवेणी घाट पहुंचेंगी। सभी वाहन श्रद्धालुओं को वहीं छोड़कर भरत बिहार (डिग्री कॉलेज के सामने)बनी पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करेंगे। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में देवडोलियों, नेजा निशान, व छतोलियों का भव्य स्वागत-सम्मान, पूजन व सामुहिक दिव्य स्नान का कार्यक्रम होगा।

3 बजकर 30 बजे पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ सभी देव डोलियां व श्रद्धालुगण नगर शोभायात्रा के लिये प्रस्थान करेगे। घाट रोड, भरत मंदिर झंडा चैक, देहरादून रोड, रेलवे रोड, तिलक रोड, हरिद्वार रोड से होते हुए शोभायात्रा भरत विहार में पहुंचेगी, जहां से सूक्ष्म जलपान के पश्चात 6 बजे सभी देवडोलिया हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा मार्ग में अमित ग्राम, गुमानीवाला, श्यामपुर, नेपाली क्षेत्र, सत्यनारायण, रायवाला, हरिपुर कलां व शांतिकुंज में देवडोलियों पर पुष्प वर्षा के साथ श्रद्धालुजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।
इस अवसर पर आशाराम व्यास, विशालमणि पैन्यूली, घनश्याम नौटियाल आदि उपस्थित थे।

चारों धामों की कृपा से सत्ता परिवर्तन हुआ, देवस्थानम बोर्ड को पुनर्विचार का हुआ निर्णय

देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार और 51 मंदिरों को इसकी सीमा से हटाए जाने को लेकर आज चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत समिति ने हर्ष जताया। इस बावत एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इसमें तीरथ सिंह रावत सरकार के फैसले का स्वागत किया गया। वहीं, पूर्व सीएम पर जमकर भड़ास निकाली गई।

हरिद्वार रोड स्थित भगवान भवन आश्रम में प्रेसवार्ता के दौरान समिति के मंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सत्ता के मद में चूर हो गए थे। उन्होंने हिटलरशाही की भांति विधानसभा में एक काले कानून को पास कराया। उन्होंने तीर्थपुरोहितों से इस संबंध में बात करनी उचित नहीं समझी। फिर चारों धामों की कृपा हुई। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बनते साथ ही देवस्थानम बोर्ड को हटाने के संकेत दिए और अपने जन्मदिन पर उन्होंने हरिद्वार में संतों के बीच यह बात रखी। इसका तीर्थपुरोहित समाज आभार प्रकट करता है।

समिति अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को तीर्थपुरोहितों पर काला कानून थोपने की भगवान से सजा मिली है। उन्होंने कहा कि तीर्थपुरोहितों का उन्हें श्राप मिला है। तीरथ सिंह रावत का उन्होंने आभार जताया और सरकार से मांग की। यात्रा शुरू होेने से पूर्व तीर्थपुरोहितों को धामों की ओर रवाना कर दिया जाए। इसके लिए कोविड के नियमों का ध्यान रखते हुए समय पर उन्हें धामों में जाने दिया जाए।

इस मौके पर तीर्थ पुरोहितों ने एक-दूसरे को मिष्ठान खिलाकर हर्ष प्रकट किया। वार्ता के दोरान समिति संरक्षक विनोद डिमरी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत जुगलान, बृज नारायण ध्यानी उर्फ गुड्डू, अधिवक्ता रमा बल्लभ भट्ट, श्रीनिवास पोस्ती, पंडित रवि शास़्त्री आदि उपस्थित रहे।

देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार किया जाएगाः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सप्तसरोवर, हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ की आस्था से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। कुंभ क्षेत्र में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी। संतों की मांग पर उन्होंने कहा कि मुनीकीरेती व ढ़ालवाला के शराब के ठेके बंद किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों पर पुनर्विचार किया जायेगा। जल्द ही तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जायेगी। सबके हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि चार धामों के बारे में शंकराचार्यों द्वारा प्राचीन काल से जो व्यवस्था की गई है उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले अगले कुंभ के लिए 2010 एवं 2021 कुंभ के अनुसार चिन्हित भूमि के अनुरूप अखाड़ों, शंकराचार्यों, महामंडलेश्वर और संत समाज के लिए अभी से भूमि चिन्हित की जाएगी। इसके लिए डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शपथ लेने के बाद मैंने सबसे पहले हरिद्वार कुंभ की बैठक ली। शिवरात्रि के स्नान पर्व पर हरिद्वार कुंभ में संतो का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।