उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था के प्रमुख केन्द्रः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाय। समस्याओं का उचित समाधान निकाला जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाय। 31 मार्च तक तोताघाटी में सड़क सुधारीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाय। यात्रा मार्गों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में भी सड़क से सबंधित कार्य ससमय पूर्ण कर लिये जाय। यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर वाटर एटीएम की व्यवस्था के लिए जल्द कार्ययोजना बनाई जाय। यात्रा मार्गों पर पानी के टैंकर की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जोशीमठ, गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग एवं यात्रा की दृष्टि से अन्य प्रभावित स्थानों पर सड़क से सबंधित कार्यों में तेजी लाई जाय। चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से मिले, इसके लिए ऑनलाईन व्यवस्था सुचारू रखी जाय। टिकट वितरण में पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। यात्रा के दौरान हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाय। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय। हेमकुंड में भी स्ट्रीट लाईट की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए जल्द तैयारी की जाय। यात्रा सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाय। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाये। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि विभागीय कार्य प्रगति की प्रत्येक दूसरे सप्ताह में समीक्षा की जाय। समय-समय पर मुख्यमंत्री कार्यों की प्रगति समीक्षा लेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारी एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

कुंभ क्षेत्र की आंतरिक सड़कों की मरम्मत एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के सीएम ने दिये निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित शासन के उच्चाधिकारियों के साथ कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 12 वर्ष के पश्चात आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के प्रति देश विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। कुम्भ स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के सुखद संदेश लेकर जाए, यह हम सबका दायित्व है। इसके लिये सभी अधिकारी आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ कुम्भ की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के प्रति लोगों में सकारात्मक संदेश जाय इसके भी प्रयास किये जायें। कुम्भ मेले में कोविड के नियमों का अनुपालन के साथ अधिक से अधिक श्रद्धालु इसमें शामिल हों यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कुम्भ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के साथ ही सड़कों पर पड़ी निर्माण सामग्री को तुरंत हटाया जाय। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए इसके लिये पर्याप्त सफाई निरीक्षकों एवं सफाई कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई सवास्थ्य से जुड़ा विषय भी है। अतः साफ-सफाई एवं पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था कुम्भ क्षेत्र में की जाय। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में आने वाले शंकराचार्यों एवं अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने के साथ उन क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के लिये आवश्यक अतिरिक्त अधिकारियों की भी तैनाती शीघ्र करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही कुम्भ के लिये यदि अतिरिक्त व्यवस्थायें की जानी हो तो उसका प्रस्ताव दो दिन के अंदर शासन को उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने विभागीय सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कुम्भ कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाली शाही स्नानों में शिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं से भी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो इस पर ध्यान दिया जाय।

बैठक में सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के अन्तर्गत 661 करोड़ के 203 निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। इनमें स्थायी प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके जबकि अस्थायी निर्माण कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से सम्बन्धित कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी। जबकि आई.जी. मेला संजय गुंज्याल द्वारा सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण दिया गया।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, महानिदेशक सूचना डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

परमार्थ निकेतन में निकली शिव बारात, प्रसिद्ध तालवादक शिवमणि के संगीत से भक्तिमय हुआ माहौल

परमार्थ निकेतन में उमंग, उत्साह और उल्लास के साथ शिवरात्रि महोत्सव मनाया गया। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने ड्रम, ढोल-नगाड़े की ताल पर कीर्तन करते हुये भगवान शिव की बारात निकाली।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाशिवरात्रि के अवसर पर रूद्राक्ष के पौधों का रोपण, पूजन और सिंचन कर भगवान शिव की स्तुति की। उन्होंने संदेश दिया कि जैवविविधता, जीव विविधता, जीवन में एकता तथा विभिन्नता में एकता यही भारत की विशेषता है और यही सत्य है, यही शिव है, यही सुन्दर है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर दिव्य गंगा आरती के पश्चात सभी योग साधकों और श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध ड्रम व तालवादक शिवमणि के मंत्रमुग्ध करने वाले संगीत का आनन्द लिया। इसके बाद परमार्थ गंगा तट पर वैदिक मंत्रों एवं दिव्य शंख ध्वनि के साथ शिवाभिषेक किया गया। शिवमणि ने अपनी वर्चुअल परफारमेंस दी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवपरिवार का उदाहरण देते हुये कहा कि विविधता में एकता, समर्पण और प्रेम का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है भगवान शिव का परिवार। भगवान शिव के गले में सर्प, श्री गणेश का वाहन चूहा और श्री कार्तिकेय का वाहन मोर है, सर्प, चूहे का भक्षण करता है और मोर, सर्प का परन्तु परस्पर विरोधी स्वभाव होते हुये भी शिव परिवार में आपसी प्रेम है। अलग-अलग विचारों, प्रवृतियों, अभिरूचियों और अनेक विषमताओं के बावजूद प्रेम से मिलजुल कर रहना ही हमारी संस्कृति है और शिव परिवार हमें यही शिक्षा देता है।
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि शिवरात्रि महापर्व हमें अपनी अंतरचेतना से जुड़ने, सत्य को जनाने, स्व से जुड़़ने तथा शिवत्व को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। जीवन में आये विषाद्, कड़वाहट और दुख को पी कर आनन्द से परमानन्द की ओर बढ़ने का संदेश देती है। महाशिवरात्रि पूर्ण सत्य और आनन्द की प्राप्ति का महामंत्र है।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने शाही स्नान पर पहुंचे श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर किया स्वागत, लिया संतो का आर्शीवाद

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज हरिद्वार में हर की पैड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की।

इस अवसर पर शाही स्नान के लिए मां गंगा के तट पर आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री का गंगाजली, प्रसाद और चुनरी भेंट कर स्वागत किया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी साधु-संतों का आभार माना। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मां गंगा में शाही स्नान करने के लिए श्रद्धालु रात से ही जुटने लगे थे। जनता की सुविधा के लिए हमारी सरकार ने सभी इंतजाम कर रखे हैं। कई श्रद्धालुओं ने अलसुबह स्नान किया और वे सुरक्षित अपने घरों को लौटे। इसके पश्चात अखाड़े के साधु-संतों का स्नान शुरू हुआ और सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से स्नान किया। सभी अखाड़े के साधु संतों का स्नान होने के पश्चात फिर जनता ने स्नान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में जनता के लिए कोई भी रोक-टोक नहीं है, किसी से भी सख्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से निवेदन किया कि कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुंभ का प्रथम शाही स्नान है। इसे विशेष बनाने के लिए सभी साधु-संतों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि सभी साधु-संत काफी खुश नजर आ रहे हैं साथ ही प्रशासन भी जनता की समस्याएं दूर करने के लिए मुस्तैदी से लगा है। उन्होंने कहा कि दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

महाशिवरात्रि पर शाही स्नान से पूर्व श्रद्धालुओं पर होगी पुष्प वर्षाः तीरथ सिंह रावत

हरिद्वार कुम्भ मेले में महाशिवरात्रि के अवसर पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सावधानियों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। आगंतुक श्रद्धालु गंगा जी में सुविधापूर्वक पवित्र स्नान कर सकें। संतों का सम्मान सबसे ऊपर है। कुम्भ की दिव्यता और भव्यता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को मिलकर प्रदेश को विकास की ओर ले जाना है। इसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करें। उत्तराखण्ड का विकास हम सभी का दायित्व है। सभी लोग अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या आदि उपस्थित थे।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर से कुम्भ की कवरेज में होगी आसानीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार हरिद्वार में दिव्य व भव्य महाकुंभ के आयोजन को तैयार है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पावनधाम भूपतवाला में 150 बेड का सुविधा युक्त अस्पताल बनकर तैयार है। इसके अलावा चंडीटापू नीलधारा में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मीडिया सेंटर में बैठकर देश विदेश से आने वाले हमारे मीडिया प्रतिनिधियों को कवरेज में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने पावनधाम भूपतवाला में कुंभ के लिए बने 150 बेड के बेस अस्पताल का निरीक्षण कर आईसीयू, विभिन्न वार्डों, बर्न यूनिट, रिसेप्शन, आपातकालीन वार्ड आदि सुविधाओं की जानकारी ली। मेलाधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में शिफ्टवार 38 डाक्टर, 90 स्टाफ नर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के रहने आदि व्यवस्था की भी जानकारी ली।

इसके बाद मुख्यमंत्री चंडीटापू नीलधारा में निर्मित मीडिया सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत और महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को बताया कि मीडिया सेंटर में प्रेस कान्फ्रेंस हाल, स्टूडियों, रिसेप्शन, पीसीआर, वेटिंग लॉज, आईटी हाल, स्विस व वीआईपी कॉटेज की व्यवस्था है। महानिदेशक सूचना ने बताया कि मीडिया सेंटर को सभी आधुनिक संचार उपकरणों एवं संसाधनों से युक्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्वो आदि का लाइव कवरेज किये जाने की भी व्यवस्था मीडिया सेंटर के माध्यम से रहेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मीडिया सेंटर में व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान दायित्वधारी पंकज सहगल, सुशील चैहान, जिलाधिकारी सी. रविशंकर, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार सेंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र आदि उपस्थित थे।

देशभर से कुंभ में पहुंचेंगे लोग, किसी की जिंदगी के साथ रिस्क नहीं लेना होगा

मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में कोविड-19 वैक्सिनेशन हेतु स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी हरिद्वार को सख्त निर्देश दिए कि कुम्भ ड्यूटी में लगे लोगों का 100 प्रतिशत वैक्सिनेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर अन्य रिफ्यूजल पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश से कुम्भ में लोग आएंगे, उनकी जिंदगी के साथ किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर जो अधिकारी कर्मचारी वैक्सिनेशन नहीं करवा रहे हैं, उन्हें हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में न रखा जाए। कुम्भ को देखते हुए उनका स्थानान्तरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले पुलिस और पैरामिलिट्री कार्मिकों का भी तुरंत वैक्सिनेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक उत्तर प्रदेश से भी 100 डॉक्टर्स एवं 148 पैरामेडिकल स्टाफ पहुंच जाएगा, उनके रहने की व्यवस्था भी अस्पतालों के आसपास सुनिश्चित की जाए। दुधाधारी आश्रम में बनाए जाने वाले अस्पताल को 15 मार्च तक फंक्शनल किया जाए। उन्होंने हरिद्वार में अन्य जनपदों से आने वाले कार्मिकों के वैक्सिनेशन स्टेटस का पता कर उनका भी वैक्सिनेशन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून में प्राईवेट सेक्टर के हेल्थ वर्कर्स के वैक्सीनेशन में गति लाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमिता उप्रेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

भगवान बद्रीनाथ की हुई ध्वजा स्थापना, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह

महाकुंभ 2021 में देवडोलियों के स्नानार्थ आगमन के उपलक्ष्य में त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में परमाध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड तथा भद्रकाली मंदिर ढालवाला में सुबोध उनियाल कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड द्वारा श्री बद्रीनाथ जी के पावन ध्वजा की स्थापना की।

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा हरिद्वार महा कुम्भ पर्व में 24 व 25 अप्रैल को आयोजित होने वाले देवत्व स्नान एवं शोभायात्रा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में देव प्रतीक चिन्हों के साथ देव डोलियां के स्नानार्थ अमृतमय कुम्भ पहुचेगी। जिनके आगमन के उपलक्ष्य में त्रिवेणी घाट ऋषिकेश तथा श्रीभद्रकाली मंदिर ढालवाला मुनि की रेती में भगवान श्री बद्रीनाथ जी की पावन ध्वज स्थापना समारोह का आयोजन किया गया।

समिति के परमाध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी व उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज, स्वामी विजयानंद महाराज, स्वामी गोपालचार्य महाराज, स्वामी लोकेश दास, स्वामी प्रदीप दास, स्वामी नागेंद्र पूरी, महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद, महंत सध्वागिरी, स्वामी कृष्णकांत महाराज, महंत सुखबीर सिंह, पंडित रवि शास्त्री, प्रदीप शर्मा आदि संत-महात्माओं का माल्यार्पण व अंगवस्त्रम प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया।

इस अवसर पर ध्वजा पूजन, विष्णुसहस्रनाम के पाठ के उपरान्त आमन्त्रित पूज्य संत-महात्माओं द्वारा श्री बद्रीनाथ व श्री हनुमानजी के ध्वज का आरोहण किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ व पूजन कार्य पं.रमेश पैन्यूली ने किया।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, राजपाल खरोला, राज्यमंत्री कृष्ण कुमार सिंघल, राज्यमंत्री भगतराम कोठारी, प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, मुनि की रेती पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, संयोजक संजय शास्त्री, ज्योति सजवाण, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़, हुक्म सिंह रावत, प्यारेलाल जुगलान, जयेन्द्र रमोला, ब्रह्मानंद भट्ट, बीसी पंत, पीताम्बर दत्त पैन्यूली, सुशील नौटियाल, धनसिंह रांगड़, दर्शनलाल आर्य, प्रताप सिंह सजवाण, विनोद शर्मा, चेतन शर्मा, आशाराम व्यास, कमला प्रसाद भट्ट, राहुल शर्मा, सुरेश उनियाल, लक्ष्मी सजवाण, सरोज डिमरी, शाकम्बरी बिष्ट, उषा भंडारी, विमला रावत, द्वारिका बिष्ट, पुष्पा ध्यानी, शीलू पंत, मीना गौड़, गुड्डू जोशी, रुक्मणी रौतेला, कुसुम जोशी, प्रमिला जोशी, तनु रस्तोगी, परमेश्वरी जोशी, मीनाक्षी जोशी, नंदन टोडरिया, रामबल्लभ भट्ट, ज्योति पंवार, मनोहर रौतेला, सुनील थपलियाल, विशाल मणि पैन्यूली, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

श्रीभरत भगवान की शोभायात्रा पर उमड़े श्रद्धालु

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नगर यात्रा पर निकली श्री भरत भगवान की डोली नगर में गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों के साथ निकली धर्म यात्रा का श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया। कोविड-19 का विशेष ध्यान रखते हुए इस बार की शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने नियमों का भी पालन किया।

मौके पर हजारों लोगों ने हृषिकेश नारायण भगवान के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। कोविड-19 की वजह से यात्रा में श्रद्धालुओं ने विशेष जगह पर ही रंगोली देखने को मिली। इसी बीच श्रद्धालुओं ने भरत भगवान को भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना की। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी से ही होली महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है आज ही के दिन भरत जी महाराज को रंगों से होली भी खिलाई जाती है और सभी भक्तगण एक-दूसरे पर गुलाल फेंक कर भगवान के साथ होली भी मनाते हैं पितांबर रंग जिसे हम पीला रंग कहते हैं वह भगवान को बहुत ही प्रिय है इसलिए लोग गुलाल चढ़ाकर और भगवान को भेली का भोग बसंत पंचमी में लगाया जाता है।

उधर, बसंत पंचमी के अवसर पर प्राचीन श्री भरत मंदिर परिसर में आयोजित मेले में लोगों ने झूलों और विभिन्न व्यंजनों का भी जमकर लुफ्त उठाया। बसंत पंचमी पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त में पौराणिक श्री भरत मंदिर में भगवान श्री नारायण की विधिवत पूजा अर्चना शुरू हुई। दोपहर में आरती पूजन के बाद मंदिर के श्री महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य के परम सानिध्य में बैंड बाजे और पहाड़ के पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र की थाप के बीच श्री भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा मायाकुंड स्थित गंगा तट पर श्री भरत नारायण भगवान की प्रतिमा को विशेष पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी धर्मानंद सेमवाल, रवि शास्त्री द्वारा शालिग्राम भगवान को गंगा में स्नान कराया गया। तत्पश्चात भगवान को नगर भ्रमण कराया गया धर्म यात्रा विभिन्न मार्गो से होती हुई संत समाज ने भगवान नारायण का स्वागत वेद मंत्र स्तुति से किया। इसके बाद मंदिर में भगवान की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया गया नगर उत्सव यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया।

इस दौरान यात्रा मार्गों में लोगों ने विभिन्न स्थानों पर खड़े होकर ढोली के दर्शन के लिए घंटों प्रतीक्षा की यात्रा में श्री भरत संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर पब्लिक स्कूल, श्री हेमकुंड गुरुद्वारा स्थित गुरमत संगीत विद्यालय, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज संत समाज स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। धर्म यात्रा में हुए शामिल बसंत उत्सव के संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, दीप शर्मा, मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मानंद सेमवाल, विनय उनियाल, जयेंद्र रमोला, मधुसूदन शर्मा, पंडित सुरेंद्र दत्त भट्ट, गोविंद सिंह रावत, वचन पोखरियाल, डीबीपीएस रावत, रंजन अंथवाल, सुनील थपलियाल, सुधीर कुकरेती, बंशीधर पोखरियाल, अशोक अग्रवाल, तेजपाल पंवार, नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, रामकृपाल गौतम, जगमोहन सकलानी, राजीव मोहन मनोज पवार, तेजपाल पंवार, हितेंद्र पंवार, अभिषेक शर्मा, राम चैबे ,धीरेंद्र जोशी आदि उपस्थित थे।

कुंभ के तहत मेयर अनिता ने किया त्रिवेंणी घाट का निरीक्षण

मेयर अनिता ममगाई ने बंसत पंचमी के महा स्नान को लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं को परखा। उन्होंने अधिकारियों सहित त्रिवेणी घाट का रखरखाव करने वाली गंगा सभा के पद्दाधिकारियों को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने शहर की तमाम समाजिक एवं व्यापारिक संस्थाओं से भी शाही स्नान में प्रशासन को हर संभव सहयोग करने की अपील की है।

मेयर अनिता ममगाई ने अपर सहायक अभियंता आशीष बिष्ट को निर्देशित करते हुए कहा कि श्रद्वालुओं के सुरक्षित स्नान के लिए लगवाई जा रही चेनों का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण होना चाहिए, इसके लिए लेबर को भी बढाया जाये। घाट पर जगह-जगह बिखरी निर्माण सामग्री को देख उन्होंने तुरंत गंगा महासभा के अध्यक्ष राहुल शर्मा को फोन कर अपनी नाराजगी जताते हुए शांम तक व्यवस्थाओं को चाकचैबंद करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्हें कहा कि महिलाओं के स्नान की भी अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।उन्हें स्नान में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, यह जिम्मेदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।

मेयर अनिता ने उम्मीद जताई कि शाही स्नान पर्वों पर शहर की तमाम संस्थाएं आस्था के महा कुंभ में कंधे से कंधा मिलाकर सफल, सुरक्षित और सुखद बनाने में प्रशासन को अपना अमूल्य योगदान देंगी। महापौर ने बताया कि कुम्भ को लेकर भव्य पैमाने पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस दौरान सिचांई विभाग के अपर सहायक अभियंता आशीष बिष्ट, पार्षद राजेश दिवाकर, अनीता प्रधान, विजय बडोनी, मनीष बनवाल, पंकज शर्मा, पवन शर्मा, राजपाल ठाकुर, हैप्पी सेमवाल, प्रकांत कुमार, अक्षय खेरवाल, प्रिया धक्काल, मनीष मिश्रा, निर्भय गुप्ता, रणवीर सिंह, आकाश कुमार आदि मौजूद रहे।