मेयर अनिता ने निगम अफसरों के साथ किया गंगा अवलोकन केंद्र का स्थलीय निरीक्षण

मेयर अनिता ममगाईं की अगुवाई ने नगर निगम की टीम ने आज त्रिवेणी घाट परिसर पर बनने वाले गंगा अवलोकन केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया।

मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि गंगा अवलोकन केंद्र का प्रोजेक्ट निगम द्वारा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसको लेकर नमामि गंगे को डीपीआर बनाकर भेजी जाएगी। नमामि गंगे द्वारा प्रस्तावित गंगा अवलोकन केंद्र का निर्माण उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत शहरों में से एक ऋषिकेश में कराया जाएगा। मेयर के अनुसार, गंगा अवलोकन केंद्र में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को गंगा के उद्गम स्थल से लेकर गंगासागर तक की महत्वपूर्ण जानकारियां दी जायेंगी।

निरीक्षण के दौरान मुख्य नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वींरियाल, सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, नमामि गंगे से मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर रोहित जयाड़ा, पार्षद मनीष बनवाल, व्यापारी व भाजपा नेता पवन शर्मा, राजपाल ठाकुर, पंकज शर्मा आदि मौजूद रहे।

डूबते सूरज को अघ्र्य देकर व्रती महिलाओं ने की परिवार की सुख समृद्धि की कामना

छठ महापर्व तीर्थनगरी के गंगा घाटों में इस वर्ष अन्य वर्षों की तुलना में सादगी से मनाया गया। जहां प्रत्येक वर्ष पूरा परिवार सामूहिक रूप से गंगा तट पर डूबते सूरज की पूजा करता था, वहीं इस वर्ष परिवार के एक ही सदस्य को आने की अनुमति थी। इसके चलते व्रती महिलाओं ने अपने-अपने घरों की छतों में ही डूबते सूरज को अघ्र्य दिया।

आज सुबह महिलाओं ने गंगा स्नान कर घरों में भगवान सूर्य और छठी मैया की आराधना की। साथ ही पूजन सामग्री की टोकरी तैयार की। दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं ने चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, शीशमझाड़ी, काले की ढाल, सोमेश्वर नगर, वीरभद्र, आवास विकास, आईडीपीएल, रायवाला, रानीपोखरी आदि क्षेत्रों में गंगा घाटों पर बनाई मेंदी में संकल्प लेकर पूजा की और डूबते सूरज को अघ्र्य देने के लिए गंगा में उतरी। शाम को त्रिवेणी घाट पर दयानंद घाट, रामझूला घाट, साईं घाट आदि पर श्रद्धालु पहुंचे।

नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोरोना महामारी को लेकर सरकार की ओर से जारी हुई नई गाइडलाइन का पालन करते हुए सार्वजनिक छठ पूजन समिति ने सांस्कृतिक कार्यक्रम न करने का निर्णय लिया। प्रत्येक वर्ष त्रिवेणी घाट पर होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।

यूपी और उत्तराखंड सीएम ने केदारनाथ में किया पुनर्निर्माण के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। शंकराचार्य के समाधि स्थल, आस्था पथ, ध्यान गुफाओं का एवं केदारनाथ में बने ब्रिज का निरीक्षण दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ में बहुत तेज गति से निर्माण कार्य किए गए। निर्माण कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर से आधुनिक यंत्र केदारनाथ में लाए गए। निर्माण कार्यों की प्रगति कि देहरादून से नियमित रूप से निगरानी की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि शीघ्र ही केदारनाथ नये स्वरूप में देश व दुनिया के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। केदारनाथ आने वाले मार्गों के सुदृढीकरण के साथ ही धाम में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निरन्तर यहां संचालित कार्यों का अनुश्रवण किया जा रहा है। निर्माण कार्यों में स्थानीय, पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व को संजोये रखने के साथ ही स्थानीय स्थापत्य कला पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के साथ निकटवर्ती आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें 11-12 वर्षों के बाद बाबा केदारनाथ के श्री चरणों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में आयी त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी के वीजन एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में श्री केदारनाथ का पुनरुद्धार का कार्य युद्धस्तर पर संचालित किया जा रहा है। देश-विदेश के श्रद्धालुजनों के विश्वास बहाली में उत्तराखण्ड सरकार ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ पुनर्निर्माण का बेहतरीन कार्य किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने देवभूमि उत्तराखण्ड के साथ ही बाबा केदारनाथ को नमन करते हुए कहा कि पौराणिक महत्व के इस श्रद्धा के केन्द्र का सुनियोजित ढंग से किये जा रहे पुनर्निर्माण कार्य निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के विश्वास बहाली में मददगार हुआ है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के प्रति करोड़ों लोंगों की आस्था है, यही आस्था भारत की अस्मिता, भारत के सांस्कृतिक केन्द्र भारत को भारत बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के प्रति उनकी आस्था रही है। पूजा के समय उन्हें बाबा केदार के दर्शनों की प्रेरणा मिलती रही है। आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के प्रयासों से बाबा केदार के दर्शन करने तथा यहां चल रहे कार्यों के अवलोकन का अवसर मिला। उन्होंने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखण्ड व सभी देश वासियों के सुख चैन, कुशलता व सुरक्षा की कामना की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 16 नवम्बर को वे भगवान बदरीनाथ के दर्शनार्थ भी जायेंगे, जहां पर उत्तर प्रदेश अतिथि विश्रामालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर केदारनाथ, बदरीनाथ के दर्शन के साथ ही उत्तर प्रदेश विश्रामालय का शिलान्यास करने का इससे अच्छा मुर्हूत नहीं हो सकता। इस अवसर पर दोनों मुख्यमंत्रियों ने श्री केदारनाथ मतें पूजा अर्चना भी की।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ के.एस. पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, एसपी रूद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर भी उपस्थित थे।

दीपावली का त्योहार भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों का संवाहक हैः अनिता ममगाई


मेयर अनिता ममगाई ने ऋषिकेशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये सभी जरूरी नियम अपनाने की अपील की है।

उन्होंने जनता को खुशियों के पर्व दीपोत्सव की बधाई दी। उन्होंने देवतुल्य जनता के सुख.समृद्धि की मंगलकामना की है। अपने बधाई संदेश में कहा कि वैभव और प्रकाश का प्रतीक पर्व दीपावली भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों का संवाहक है जो हमें अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा है कि यह दीपावली पर्व समाज में सम्पन्नता एवं समृद्धि लाये ताकि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सके। उन्होंने नगरवासियों के स्वस्थ एवं निरोगमय जीवन की कामना करते हुए कहा कि सभी लोग कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में सावधान और सतर्क रहें। भीड़भाड़ से बचें तथा सामाजिक दूरी के साथ मास्क का प्रयोग करते हुए दीपावली पर्व का आनन्द लें।

नुक्कड़ नाटकों के जरिए नगर निगम ने शुरू किया स्वच्छता संदेश अभियान

नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से नगर निगम प्रशासन ने स्वच्छता संदेश अभियान का किया शुभारंभ। नगर की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पर महापौर अनिता ममगाई ने वर्ष 2021 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान झाड़ू थाम कर नगर की प्रथम नागरिक महापौर ने लोगों से जहां अभियान में सहयोग की अपील की वहीं उन्होंने मौजूद उपस्थिति को मोक्षदायिनी मां गंगा की शपथ दिलाकर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में अपना पूर्ण सहयोग देने की शपथ भी दिलाई।

स्वच्छता अभियान की शत-प्रतिशत सफलता को लेकर मेयर अनिता ममगाईं की अगुवाई में गंगा तट पर नुक्कड़ नाट्य टीम के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। मौके पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्वच्छता अभियान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। नाट्य टीम के कलाकारों ने अपने प्रस्तुति से दर्शकों को खूब हंसाया। अभियान का शुभारंभ करते हुए मेयर अनिता ममगाई ने कहा कि जन सहयोग के बूते ही तमाम अभियान सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन पिछले डेढ़ वर्षों से देव भूमि की ख्याति के अनुरूप शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को शपथ दिला कर शहर को सुंदर बनाने में सहयोग की अपील की जाती रही है। लोगों को इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें यह सोचना होगा कि जिस मोक्षदायिनी की शपथ ले रहे हैं उन शब्दों को आत्मसात भी करें।

इस दौरान नगर आयुक्त नरेंद्र क्वीरियाल, सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, स्थानीय पार्षद रीना शर्मा, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद विजेंद्र मोगा, पार्षद राजेश दिवाकर, पार्षद शौकत अली, अनिल ध्यानी, पवन शर्मा, सुजीत यादव, आशीष द्रविड़, राजीव राणा सहित नगर निगम के सफाई निरीक्षक व सभी हवलदार मौजूद रहे।

श्रीराम जन्मभूमि निर्माण न्यास समिति के ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ पहुंचे वेद निकेतन

दक्षिण भारत के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट निर्माण न्यास समिति के एकमात्र ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ वेद निकेतन धाम पहुंचे। वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी विजयानंद सरस्वती ने बताया कि पेजावर मठ उडुपी के अष्ट मठों (आठ मठों) में से एक है। जिसका आरंभ अधोक्षजा ने किया था। जो माधवाचार्य के शिष्य थे। अब तक कुल 32 स्वामी इस मठ के मठाधीश रह चुके हैं, स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ इस के 33 वें प्रमुख हैं। अधोक्षजा तीर्थ का कार्यकाल 1278 से 1296 तक था। अधोक्षजा हिंदू दर्शन विद्यालय के संस्थापक माधवाचार्य के प्रमुख शिष्य थे।

2019 में स्वामी विश्वतीर्थ ने अपना उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ को चुना था, अब स्वामी विश्वतीर्थ के उपरांत स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ के 33वें पीठाधीश्वर है। यह दक्षिण भारत के प्रमुख में से एक है। यहां स्वामी माधवाचार्य की संत परंपरा में श्रीकृष्ण की पूजा होती है।

पेजावर मठ रामजन्म भूमि आंदोलन से प्रारंभ से ही जुड़ा हुआ है और इस कार्य हेतु हमेशा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है। यही कारण है कि जब मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन किया गया तो दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण मठ केयोगदान को ध्यान में रखते हुए स्वामी विश्वप्रसन्ना को ट्रस्ट में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया।

राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने के उपरांत विश्वप्रसन्ना ने बताया कि वह दक्षिण भारत से अकेले व्यक्ति हैं जिन्हें ट्रस्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए बहुत बड़ा कार्य है।

उन्होंने कहा मेरे गुरु ने मुझे सलाह दी थी कि अगर न्यासी बनाए जाने का प्रस्ताव मिलता है तो स्वीकार कर लेना और इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाना उनका सपना है और इस मंदिर को देखने के लिए आने वालों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी तथा अयोध्या में पेजावर मठ की एक शाखा स्थापित की जाएगी।

स्वामी विश्वप्रपन्ना तीर्थ राम मंदिर निर्माण कार्य को लेकर अत्यंत क्रियाशील बने हुए हैं और कई बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं, परंतु इस बार आने के पश्चात उन्होंने उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम आने का निश्चय किया और उनका यह प्रवास एवं यात्रा बिल्कुल निजी था।

वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती के आग्रह पर हुआ वेद निकेतन धाम स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में गंगा जी के सानिध्य में ध्यान करने तथा स्थानीय निवासियों आशीर्वाद देने के लिए आयें है। उन्होंने कहा कि स्वामी विश्वप्रसन्ना का आना मानों गंगा और कावेरी का मिलन है।

स्वामी विश्वप्रसन्ना अत्यंत सौम्य स्वभाव के सन्यासी है और दक्षिण भारत में दक्षिण भारतीय लोगों में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक बहुत ही प्रख्यात समाजसेवी की रही है।
वेद निकेतन में उपस्थित आरएसएस के प्रवक्ता सुरेंद्र सहित अन्य कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जन समुदाय द्वारा स्वामी विश्वप्रसन्ना एवं स्वामी विजयानंद सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती, आशुतोष शर्मा, सुभाष शर्मा, गोपाल बत्रा, हितेश, गोविंद आदि उपस्थित थे।

महंत जी की याद में जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान का आयोजन

दिवंगत महंत अशोक प्रपन्नाचार्य की स्मृति में श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा और श्री भरत मंदिर सोसाइटी के वरूण शर्मा की प्रेरणा से आज श्री भरत मंदिर सभागार में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और दिवंगत महंत अशोक प्रपन्नाचार्य को उनके सामाजिक कार्यों के लिए याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

शिविर में युवा पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट अपने साथियों के साथ पहुंचे। शिविर में रिकाॅड रक्तदान हुआ इसमें 160 रक्तदाता शामिल हुए। श्री भरत मंदिर स्कूल सोसाइटी के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में भी ऋषिकेश की जनता के अंदर दूसरों का जीवन बचाने के लिए रक्तदान के प्रति अपार उत्साह देखने को मिला जो ऋषिकेश की तीर्थ नगरी के लोगों की विशेषता को प्रदर्शित करता है।

महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने कहा कि इस समय कोरोना महामारी के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश और स्वामी राम हिमालयन अस्पताल देहरादून दोनों ही चिकित्सा संस्थानों में रक्त की कमी चल रही थी जिसको देखते हुए उनके मन में कई बार रक्तदान शिविर लगाने का विचार आया और उन्होंने यह निर्णय लिया कि अपने पिताजी स्वर्गीय महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज जी की स्मृति में लोगों को खून की कमी न हो। इसके लिए एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया और इसमें लक्ष्य के अनुरूप अधिकतम रक्तदान भी हुआ रक्त दाताओं ने बढ़ चढ़कर रक्तदान करने में भागीदारी की।

कार्यक्रम में यह भी रहे मौजूद…
इस मौके पर मेयर अनिता ममगाईं, प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, सुधीर कुकरेती, जयेंद्र रमोला, कृष्णा रमोला, महंत विनय सारस्वत, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, विनय उनियाल, प्रधानाचार्य धीरेंद्र जोशी, युवा नेता निखिल बड़थ्वाल, हिजामं के महानगर अध्यक्ष संजय प्रेम सिंह बिष्ट, पंडित रवि शास्त्री, जिपंस संजीव चैहान, अनुराग पायल, दीपक भारद्वाज, पार्षद शिव कुमार गौतम, विकास तेवतिया, सुमित पंवार, रीना शर्मा, विजयलक्ष्मी, डा. सुनील दत्त थपलियाल, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह, संजीव कुमार, प्रवीन रावत, विवेक शर्मा, डीपी रतूड़ी, कविता शाह, रंजन अंथवाल आदि उपस्थित थे।

इतना रक्त हुआ एकत्र…
एम्स से डॉक्टर पनदीप कौर और एपीआरओ दिनेश सेमवाल के नेतृत्व में 70 यूनिट रक्त एकत्र किया गया और जौलीग्रांट से डॉक्टर मनीष रतूड़ी के नेतृत्व में टीम के द्वारा 90 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।

केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मंदिर के नव निर्माण में मुंबई के दानी मनोज सोलंकी ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में बोर्ड के संचालन से सम्बन्धित विषयों के साथ ही बोर्ड द्वारा तैयार किये विभिन्न ड्राफ्ट रूल को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसे शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें पुजारियों, न्यासी, तीर्थ पुरोहितो, पण्डो व हक हकूक धारियों के अधिकारों का विनिश्चय एवं संरक्षण से सम्बन्धित नियमावली भी शामिल है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के लोगो (प्रतीक चिन्ह्) की डिजाइनों पर भी चर्चा हुई। जिनमें कतिपय संशोधन के पश्चात अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में श्री बद्रीनाथ धाम में मन्दिर एवं समीपवर्ती स्थलों के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या में प्रतिवर्ष हो रही वृद्धि के कारण इस क्षेत्र का विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण आवश्यक है ताकि भविष्य में यात्रियों को दर्शन, यातायात एवं ठहरने की समुचित व्यवस्था हो सके इसके लिए देवस्थानम बोर्ड को इसकी व्यवस्था सौंपे जाने पर विचार किया गया। बोर्ड के स्तर पर इससे सम्बन्धित कार्यवाही सुनिश्चित कर शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने पर सहमति बनी। बोर्ड अपने स्तर पर इसके लिये तकनीकि एवं विषय विशेषज्ञों की व्यवस्था भी कर सकेगा। इसके साथ ही बैठक में तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मन्दिर एवं सभा मण्डप आदि के जीर्णोद्धार पर भी सहमति बनी इसके लिये यू.एस.ए. के दानी पंकज कुमार द्वारा धनराशि व्यय करने की इच्छा जतायी है।
केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मन्दिर के नव निर्माण के लिये भी स्वीकृति प्रदान की गई इस मन्दिर के निर्माण के लिये मुम्बई के दानी मनोज सोलंकी ने इच्छा व्यक्त की है। श्री केदारनाथ मन्दिर के पूरब द्वार की मरम्मत पर भी सहमति बनी जिसके लिये धनराशि दानी हरियाणा के श्री यतिन घई ने दान की सहमति दी है।

बैठक में केदारनाथ मे रावल पुजारी आदि के कक्षों की मरम्मत भविष्य में ऊखीमठ मन्दिर के जीर्णोद्वार, बहुमूल्य पाण्डुलिपियों को डिजिटाइल किये जाने, कार्तिक स्वामी मन्दिर को देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाये जाने तथा थैलीसैण्ड स्थित विन्देश्वर मन्दिर के जीर्णोद्वार किये जाने पर सहमति प्रदान की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष, उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड त्रिवेन्द्र ने यात्रा मार्गो सहित मन्दिर परिसरो में देवस्थानम बोर्ड के साइनेज होर्डिंग आदि लगाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ मन्दिरों के पुजारियों, पण्डों, पुरोहितों, वाद्य यंत्र वादको आदि का विवरण तैयार किया जाय ताकि जरूरत पड़ने पर इन लोगों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि ये लोग हमारी संस्कृति के संवाहक हैं।
उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि 25 अक्टूबर तक चारधाम में 1.72 लाख यात्री दर्शनार्थ आये हैं तथा 2 लाख द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया है, जबकि बद्रीनाथ मन्दिर को 7.55 करोड़ तथा केदारनाथ मन्दिर को 75 लाख की आय हुई है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री एवं उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड सतपाल महाराज, विधायक महेन्द्र भट्ट, गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, देवस्थानम बोर्ड के अनिल ध्यानी, प्रमोद नोटियाल, डॉ0 हरीश गौड आदि उपस्थित थे।

त्रिवेणी घाट पर अवलोकन केंद्र में दिखेगी गंगा तट की आबोहवा

ऋषिकेश की धड़कन विश्व प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट पर अब गंगा अवलोकन केंद्र बनेगा। यह अवलोकन केंद्र विश्व स्तरीय होगा। मेयर अनिता ममगाईं की ओर से अवलोकन केंद्र बनाने को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से मांग की गई थी। मेयर की ओर से मंत्रालय के उप सचिव को एक पत्र भी प्रेषित किया गया था।

मेयर अनिता के अनुसार, पत्र का संज्ञान लेकर मंत्रालय के उप सचिव ओपी मिश्रा ने प्रोजेक्ट मैनेजर नमामि गंगे उत्तराखंड को त्रिवेणी घाट में उपयुक्त स्थान चुनने, उसकी धार्मिक महत्वता और उसमें कितने लोगों का आना जाना रहेगा की रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।

मेयर ने बताया कि प्रोजेक्ट मैनेजर उदय राज की ओर से डीएम देहरादून व चेयरमैन डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटी को ज्वाइंट सर्वे के लिए अनुरोध किया गया है। मेयर ने कहा कि वह तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वह हमेशा प्रयासरत रही हैं। घाटों का डेवलपमेंट उनके घोषणा पत्र में प्रमुखता से शामिल रहा है। गंगा अवलोकन केंद्र पर्यटन की दृष्टि से शहर को चार चांद लगाएगा।

चारधाम यात्राः विजयादशमी के मौके पर धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित

उत्तराखंड के चारधाम यानी (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के कपाट शीतकाल में किस तिथि को बंद होंगे। इसका ऐलान आज किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। इसी तरह गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.35 मिनट पर बंद होंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर 16 नवंबर को प्रातः 8.30 बजे बंद होंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे।