2022 तक गुप्तकाशी व ऊखीमठ में हर घर में पानी का नल

मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग की 288.25 लाख, शिक्षा विभाग की 457.67 लाख, स्वास्थ्य विभाग की 355.95 लाख, क्रीडा विभाग की 250.00 लाख, लोक निर्माण विभाग की 531.26 लाख, पेयजल निगम की 474.99 लाख योग 2358.12 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके साथ ही, सिंचाई विभाग 5334.24 लाख, शिक्षा विभाग 60.00 लाख, सैनिक कल्याण 48.80 लाख एवं लोक निर्माण विभाग की 298.26 लाख कुल मिलाकर 5741.30 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कुल 8099.42 लाख की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यह देवभूमि है यहाँ अतिथि देवो भव से स्वागत किया जाता है इसलिए भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी 1200 माध्यमिक विद्यालयो में स्मार्ट कक्षाये शुरू की जायेगी जिससे नौनिहालो का पठन – पाठन सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो सके। उन्होंने कहा कि पौडी जनपद के फलस्वाडी गाँव में सीता सर्किट बनाने की योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहां कि क्षेत्र की हर समस्या के निराकरण के लिए प्रदेश सरकार गम्भीर है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर घोषणा की कि गौण्डार, चिलौण व तोषी को यातायात से जोड़ा जायेगा और 2022 तक गुप्तकाशी व ऊखीमठ में हर घर में पानी उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बाह्मणखोली के लिए दो किमी मोटर मार्ग के लिए भी स्वीकृति प्रदान की।

रविवार को गिरीया गाँव में प्रधान पुजारी बागेश लिंग व वेदपाठी यशोधर मैठाणी ने बह्म बेलापर पंचांग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर की डोली व साथ चल रहे अनेक देवी – देवताओं के निशाणो की पूजा अर्चना व अभिषेक कर आरती उतारी तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर के निर्वाण दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। ठीक नौ बजे भगवान मदमहेश्वर की डोली गिरीया गाँव से विदा होकर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डोली का फापज व सलामी में पुष्प वर्षा कर मन्नत माँगी। सलामी से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जय बोले के उदघोषो के साथ डोली की अगुवाई की। सैकड़ों श्रद्धालुओं की जयकारो व महिलाओ के मागल गीतों से ऊखीमठ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के मंगोलचारी पहुँचने पर रावल भीमा शंकर लिंग ने परम्परा अनुसार डोली पर सोने का छत्र अर्पित किया ग्रामीणों ने अर्घ्य लगाकर विश्व कल्याण की कामना की।

मेयर अनिता ने 14वें वित्त आयोग व कुंभ मेला बजट से तीन करोड तीस लाख की पथ प्रकाश योजना का किया शिलान्यास

ऋषिकेश की सड़कें भी अब दूधिया रोशनी में नहाती दिखेंगी। मेयर अनिता ममगाईं ने शनिवार को 14वें वित्त आयोग व कुंभ मेला बजट से 3.30 करोड़ रुपए की योजना का शिलान्यास किया। कोयलघाटी पर किए गए शिलान्यास के बाद मेयर ने प्रेसवार्ता बुलाकर योजना की विस्तृत जानकारी दी।

प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि नीम करोली मंदिर से चंद्रभागा पुल और देहरादून रोड, तहसील रोड सहित आईएसबीटी परिसर के करीब छह किमी क्षेत्र में 330 विद्युत पोल लगाए जाने हैं। उक्त योजना के पूर्ण होते ही शहर की पथ प्रकाश व्यवस्था बेहद शानदार हो जाएगी। इसके अतिरिक्त नगर निगम आईडीपीएल से एम्स तक डिवाइडर का निर्माण करेगा। यह सभी कार्य आगामी महाकुंभ से पूर्व कर लिए जाएंगे। इसकी तैयारी निगम स्तर पर प्रारंभ कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि हरिद्वार रोड स्थित खाली भूखंड में कूड़े के पहाड़ को हटाने की कवायद भी नगर निगम ने प्रारंभ कर दी है। मेयर ने कहा कि नये वर्ष के आगाज के साथ ही शहर में विकास कार्यों की चमक दिखाई देने लगेगी।

महिला उत्पीड़न रोकने के लिए सेल का गठन
नगर निगम में कार्यरत महिला कर्मचारियों के साथ बदसलूकी, अत्याचार, शोषण अथवा पुरुष सहकर्मी की ओर से अभद्रता करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए निगम में महिला सेल का गठन किया गया है। नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वींरियाल के मुताबिक महिला कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेल का गठन किया गया है। इसमें सहायक नगर आयुक्त ऐलम दास, कर अधीक्षक निशात अंसारी, सफाई निरीक्षक सचिन रावत सदस्य बनाए गए हैं। निगम में एक स्क्रीनिंग कमेटी भी गठित की गई है। इस कमेटी का काम निगम में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित करना है जो काम करने में अक्षम या लापरवाह हैं। कमेटी ऐसे कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु के बाद वीआरएस दिलाने की संस्तुति शासन को करेगा। इस कमेटी में सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, लेखाकार राजकुमार सिंह, विमलेश सेमवाल को शामिल किया गया है।

मातृसदन के परमाध्यक्ष ने की केंद्र सरकार से मांग, कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए

केंद्र सरकार कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करें। तभी गंगा और कुंभ क्षेत्र को खनन माफियाओं से बचाया जा सकता है। यह बात मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से स्पष्ट आदेश हैं कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी तरह का खनन नहीं किया जाएगा। लेकिन हरिद्वार से सटे लालढांग क्षेत्र में गंगा की सहायक नदियों में वन विकास निगम की ओर से खनन का काम शुरू करा दिया गया है। इससे साफ है कि गंगा और कुंभ क्षेत्र की प्रदेश सरकार को जरा भी चिंता नहीं है।

स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि वह इस बारे में जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजेंगे। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक नहीं लगाई तो मातृसदन की ओर से अनशन शुरू कर दिया जाएगा।

मेले से संबंधित जितने भी पुल है, उनका निर्माण समय सीमा के अंदर होः सीएम

बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके।

उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होंगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सीमांकन के साथ ही नये क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधायें विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विभागों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर वांछित धनराशि के वास्तविक आगणन का प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा।

आज आएगा अयोध्या भूमि विवाद पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या भूमि विवाद मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगा। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ सुबह साढ़े 10 बजे इस मामले में फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 40 दिन तक चली मैराथन सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने 16 अक्तूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केशवानंद भारती मामले में रिकॉर्ड 68 दिन तक चली सुनवाई के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई हुई थी। वहीं, फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था और चाक चौबंद कर दी गई है। इस बीच, अयोध्या मामले पर फैसले के मद्देनजर यूपी सरकार ने सोमवार तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

यह-यह है इंतजाम
कर्नाटक में धारा 144 लागू, सुप्रीम कोर्ट के बाहर धारा 144 लागू, मोहन भागवत करेंगे देश को संबोधित, अयोध्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती, हवाई सर्विलांस, हाई अलर्ट पर पंजाब, नितिन गडकरी ने की शांति बनाए रखने की अपील, रामलला के पुजारी ने की शांति बनाए रखने की अपील, फैसले से पहले पांच जजों की मौजूदगी में एक घंटे तक बैठक

इन जजों के फैसले पर है देश की नजर
अयोध्या विवाद में मामले की सुनवाई करने वाली संवैधानिक बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। इन्हीं जजों की पीठ शनिवार को फैसला सुनाएगी।

पीएम के आध्यात्मिक गुरू के आश्रम पहुंची जशोदाबेन, किए समाधि के दर्शन

तीर्थनगरी पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने पति के आध्यात्मिक गुरु रहे ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद की समाधि स्थल पर पहुंची। यहां उन्होंने माथा टेका और पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पीपल की परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा। यहां के बाद आश्रम के उपाध्यक्ष साक्षातकृतानंद सरस्वती, आश्रम प्रबंधक गुणानंद रयाल, शकुंतला रयाल ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

इस दौरान राम चौबे, जय कुमार तिवारी सहित स्थानीय लोगों ने उनके मुलाकात कर उन्हें गंगाजल का कलश तथा शिवत्व का प्रतीक रुद्राक्ष की माला भेंट की। इसके बाद वह वह वापस हरिद्वार लौट गईं।

बलूनी के स्वास्थ्य लाभ कामना को गंगा आरती की

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया समन्यवक और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के बेहतर स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने त्रिवणी घाट में गंगा आरती की। गौरतलब है कि सोशल मीडिया में अनिल बलूनी के द्वारा स्वयं को बीमार बताये जाने और इलाज होने की जानकारी साझा की गई थी। तब से लगातार से उनकी स्वास्थ्य लाभ कामना के लिए जगह-जगह ईश्वर से उनकी स्वस्थ जीवन को लेकर प्रार्थनाओं का दौर शुरु हो गया है।
त्रिवेणी घाट में गंगा की विशेष आरती और पूजा कर भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके शुभचिंतकों ने गंगा मां से उनके दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर उन्होंनेे कहा कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी जल्द स्वस्थ होकर उत्तराखंड प्रदेश और राष्ट्र की सेवा में उपस्थित होंगे। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विपिन कैंथोला, राज्यमंत्री भगतराम कोठारी और पूर्व राज्यमंत्री संदीप गुप्ता ने कहा कि बलूनी ने अपना जीवन संगठन और समाज को समर्पित किया है। ऐसे में संगठन के साथ ही समाजिक लोगों में उनके सवास्थ्य को लेकर चिंता है। हम सभी उनके स्वास्थ्स लाभ की माना को लेकर गंगा से प्रार्थना करते है कि वे शीघ्र स्वस्थ हो। इस अवसर पर कपिल गुप्ता, गौरव कैंथोला, पंकज शर्मा, पवन शर्मा, रोमा सहगल पार्षद सुंदरी कंडवाल, लव काम्बोज, विजय बडोनी, जयेश राणा, हैप्पी सेमवाल, गुरूपाल बत्रा, त्रिवेंद्र नेगी, अनुराग पयाल, खुमेंद्र, अमन कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

व्यय वित्त समिति के तीन प्रस्तावों पर मुख्य सचिव ने दी स्वीकृति

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में व्यय वित्त समिति के तीन प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गयी।
महाकुम्भ मेला 2021 के दृष्टिगत दीन दयाल पार्किंग से चण्डी देवी पुल तक गंगा नदी के दांये किनारे पर आस्था पथ के निर्माण की प्रस्तुत 2070.60 लाख रूपये की लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।

शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत एक अन्य कुम्भ मेला 2021 के अन्तर्गत वीरभद्र बैराज, ऋषिकेश से चण्डी घाट हरिद्वार तक 23.70 कि.मी. लम्बे मार्ग की सड़कों की मरम्मत व जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की 1329.29 लाख लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी।

शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत एक अन्य महाकुम्भ मेला 2021 के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विकास खण्ड डोईवाला के अन्तर्गत ऋषिकेश में आस्था पथ का पुनरोद्धार, बाढ़ सुरक्षा के कार्य सम्बन्धित 1157.65 लाख की लागत की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गयी। उक्त तीनों प्रस्तावों की संस्तुति राज्य योजना आयोग द्वारा भी की गयी है।

कुभ क्षेत्र को केबल लैस बनाने के लिए बिजली व गैस पाइप लाइन के निर्माण में तेजी लाएंः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मेला नियन्त्रण भवन हरिद्वार में कुम्भ मेला 2021 की आयोजन व्यवस्थाओं की शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी अखाड़ो के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक समीक्षा की। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नगर विकास शैलेश बगोली, गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी मेला संजय गुंज्याल, अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, महामंत्री मंहत हरिगिरी सहित सभी अखाड़ो के प्रतिनिधि तथा सभी सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर मुख्यमंत्री ने संत महात्माओं को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुम्भ मेला दिव्य एवं भव्यता के साथ आयोजित हो, इसके लिये समेकित प्रयासों पर ध्यान दिया जाय, सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी भी समझनी होगी। आगामी कुम्भ मेले में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना के दृष्टिगत व्यवस्थाये सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये मिसाल बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए नेत्र कुम्भ भी आयोजित किया जाय। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र को केबल लैस बनाने के लिये बिजली व गैस पाइप लाइन को अण्डर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाली सभी सड़को एवं पुलों के निर्माण मंे तेजी लाई जाय। इसके लिये दो या तीन शिफ्ट में कार्य करने की प्रक्रिया अपनायी जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थाई प्रकृति के काम अक्टूबर 2020 तक पूरे कर लिए जाएं। समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस वैश्विक मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु, राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों में भी जा सकते हैं। तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने मे आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग करने पर भी उन्होंने बल दिया।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामुहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्वालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि तथा महामंत्री महंत हरिगिरि ने कुम्भ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने, आन्तरिक सड़को के निर्माण साफ सफाई पेयजल पेशवाई मार्गो के निर्माण मेला क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने अखाड़ो को भूमि उपलब्ध कराने, अखाड़ो के निर्माण के लिये आवश्यक धनराशि की उपलब्धता की बात कही। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिये पूरा सहयोग का भी आश्वासन दिया।

महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन की जो प्लानिंग हो, उसे कई बार परखा जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ की तैयारियों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ की व्यवस्थाएं, इसकी दिव्यता और भव्यता के अनुरूप हों। महाकुम्भ में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर आवश्यक सुविधा जुटाई जाए। सुरक्षा में किसी तरह की चूक की गुंजाईश नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए भीड़ प्रबंधन की जो भी प्लानिंग की जाए, उसे बार-बार परख भी लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं महाकुम्भ की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। समय-समय पर तैयारियों के स्थलीय निरीक्षण के साथ इसकी समीक्षा भी करते रहेंगे।

हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इसमें किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही क्षम्य नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर भी महाकुम्भ की तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने, कुम्भ मेलाधिकारी को दैनिक तौर पर तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा है। शासन स्तर से किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर तत्काल अवगत कराया जाए। महाकुम्भ की तैयारियों में संत महात्माओं का मार्गदर्शन लेना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थाई प्रकृति के काम अक्टूबर 2020 तक पूरे कर लिए जाएं। समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इस वैश्विक मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु, राज्य के दूसरे पर्यटन स्थलों में भी जा सकते हैं, इसलिए कुम्भ मेले के दौरान लोगों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित किए जाएं। तमाम तरह की सुविधाएं विकसित करने मे आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन मे तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों का व्यवहार कुशल होना जरूरी है। सुरक्षा के लिए हर आवश्यक व्यवस्था समय से कर ली जाए। रेलवे व निकटवर्ती दूसरे राज्यों के अधिकारियों से समन्वय रखा जाए। स्नान घाटों सहित पूरे कुम्भ क्षेत्र में सफाई की पूरी व्यवस्था रहे। श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, पार्किंग, आवास व शौचालय की सम्पूर्ण सुविधा रहनी चाहिए।