चारधाम यात्राः सहायता केंद्र शुरू, प्रत्येक विभाग के एक कर्मी रहेगा मौजूद

उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में जाने के लिए अन्य राज्यों से तीर्थनगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए एक मई से बीटीसी परिसर में हेल्प डेस्क शुरू होगी। इस डेस्क पर विभिन्न विभागों के कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो अपने विभाग की शिकायतों का निस्तारण करेंगे। यह सहायता केंद्र सुबह छह से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।

बस ट्रांजिट कंपाउंड स्थित पर्यटन विभाग के कार्यालय में उप जिलाधिकारी प्रेमलाल के नेतृत्व में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. अनिता चमोला ने बाहरी राज्यों की बसों में यहां से सवारियां बैठाने पर रोक लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बॉर्डर चौक पोस्ट पर वाहनों की चेकिंग कर यात्री सूची मांगी जाएगी। यदि ग्रीन कार्ड सही पाया गया तो चौकपोस्ट से परिवहन विभाग का होलोग्राम व मोहर लगाई जाएगी। यात्री सूची न दिखा पाने पर बाहरी राज्यों का ग्रीन कार्ड जब्त किया जाएगा। इसके अलावा बस को सीज कर पूरे यात्रा सीजन के लिए उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।

गढ़वाल आयुक्त वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने पूर्व में हुई बैठक में सभी विभागों को यात्रियों की सुविधा के लिए एक कंट्रोल रूम बनाने को कहा था। इस मामले में सोमवार को हुई बैठक में यह तय हुआ कि एक मई से चारधाम यात्रा सीजनल सहायता केंद्र के नाम से हेल्प डेस्क शुरू होगी। इसमें प्रशासन सहित परिवहन, पर्यटन, पुलिस, संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति, नगर निगम, रोडवेज का एक-एक कर्मचारी बैठेगा। इससे जिस यात्री को जिस विभाग से शिकायत होगी। उससे वह विभाग मौके पर ही सुनवाई करेगा। यह सहायता केंद्र सुबह छह से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।

स्लोगन बोर्ड से तीर्थ यात्रियों को करेंगे जागरूक
बैठक में यह सवाल उठा कि बीटीसी परिसर पर कुछ ट्रेवल एजेंसियों के एजेंट अनधिकृत रूप से घूमते हैं, जो यात्रियों को डायवर्ट करने का काम करते हैं। इसके लिए उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने कहा कि बीटीसी परिसर पर जगह-जगह अनधिकृत ट्रेवल एजेंटो से सावधान, कृप्या बस की बुकिंग रोटेशन के काउंटर से ही कराए आदि स्लोगन लिखे बोर्ड लगाए जाएंगे।
ड्राइविंग के इन बातों का ध्यान रखना होगा

एआरटीओ डॉ. अनिता चमोला ने कहा कि यात्रा शुरू होने में हफ्ते भर का समय शेष रह गया है। ऐसे में बस चालकों के लिए परिवहन विभाग ने कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोई भी बस चालक चप्पल पहनकर गाड़ी नहीं चलाएगा। चालक आठ घंटे से ज्यादा ड्राइविंग नहीं करेगा। बस में ओवर लोडिंग नहीं की जाएगी। इसके अलावा यात्रा को दस दिन के बजाये नौ दिन में पूरा करने के लिए ओवर स्पीड पर भी नियंत्रण करने को कहा गया है। यात्रा के दौरान बस चालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नशा न करें। साथ ही ड्राइविंग के दौरान मोबाइल इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा।

यात्रा के दौरान कोई भी समस्या यात्रियों को न हो पाएः गढ़वाल आयुक्त

गढ़वाल आयुक्त वीबीआरसी पुरूषोत्तम ने यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारियों को यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को समस्या न होने को कहा।

शनिवार को नगर निगम के सभागार मे आयोजित बैठक गढवाल आयुक्त वीबीआरसी पुरुषोत्तम, पुलिस आईजी गढ़वाल अजय रोतेला ने संयुक्त रूप से मंडल के सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। आरटीओ विभाग यात्रा सीजन के दौरान चलने वाली गाड़ियों को पकड़े जाने के बाद उन्हें रखे जाने की समस्या से भी अवगत कराया। जिसके लिए यात्रा मार्गों पर स्थानीय पुलिस चौकियों को थानों से सहयोग किए जाने की बात कही गई।

आरटीओ विभाग ने पहले से पकड़ी गई गाड़ियों के निलामी का समाधान किये जाने का मामला भी उठाया। जिसका समाधान एक महीने में किए जाने का निर्देश दिया गया। हेमकुंड गुरुद्वारे के प्रबंधक स. दर्शन सिंह ने गोविंदघाट से बनने वाली सड़क की समस्या को उठाया, जिस पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने बताया कि बजट के अभाव मे कुछ कार्य नहीं हो पाया था। जिस पर गढ़वाल आयुक्त ने तत्काल बजट स्वीकृत कर कार्य को किये जाने के लिए निर्देशित किया।

इस बार चार धाम यात्रा के अतिरिक्त दो धाम के लिए भी परिवहन निगम अतिरिक्त बसें संचालित करेगा। सिंगल रोड पर चलने वाली बसों को भी चिन्हित किया गया है। बैठक में यह भी कहा कि संयुक्त रोटेशन से चलने वाली बसों के साथ कुमाऊं मंडल की 25 बसों को भी अतिरिक्त रखा जाए। बैठक में बसों में पिछली बैठकों में स्वच्छता को लेकर दिए गए निर्देश कोई कार्रवाई ना होने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी बसों में कूड़ेदान की व्यवस्था की जाए। इसी के साथ पूरे यात्रा मार्ग पर हो रहे प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश दिए गए।

यात्रियों के पंजीकरण को 25 से लगेंगे काउंटर

उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भी त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया ही फोटोमैट्रिक पंजीकरण करेंगी। पर्यटन विभाग ने संस्था का अनुबंध वर्ष 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है।

चारधाम यात्रा में पांच मई को पहली बस रवाना होगी। यात्रा में रवाना होने वाले वाहनों के ग्रीन कार्ड बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रोजाना एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड के लिए वाहनों की फिटनेस की जांच की जा रही है। तो वहीं 25 अप्रैल को बस स्टैंड ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र के काउंटर भी खुल जाएंगे।

इन दिनों फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र में साफ-सफाई और रंग रोगन का काम चल रहा है। 25 अप्रैल से पहले फोटोमैट्रिक पंजीकरण के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण के लिए करीब 17 काउंटर खुलेंगे। इसमें से 15 काउंटर बस ट्रांजिट कंपाउंड और 2 काउंटर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में खोले जाएंगे।

बीते वर्ष ऋषिकेश में 19 फोटोमैट्रिक पंजीकरण पंजीकरण केंद्र खोले गए थे। त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया प्रालि के मैनेजर प्रेम आनंत ने बताया कि इस वर्ष सबसे पहले 25 अप्रैल तक ऋषिकेश में फोटोमैट्रिक पंजीकरण काउंटर में पंजीकरण का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसमें चारधाम यात्रा जाने वाले यात्री अपना पंजीकरण करा सकेंगे।

इन जगहों पर खुलेंगे फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र
त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया प्रा.लि. के मैनेजर प्रेमआनंद ने बताया कि दुबाटा, बड़कोट, हीना उत्तरकाशी, फाटा केदारनाथ मार्ग, सोनप्रयाग केदारनाथ मार्ग, पांडुकेश्वर बद्रीनाथ मार्ग, गोविंद घाट हेमकुंठ साहिब, रेलवे स्टेशन हरिद्वार, राही मोटल हरिद्वार, गुरूद्वारा ऋषिकेश और बस स्टैंड ऋषिकेश में चारधाम यात्रा के लिए फोटोमैट्रिक पंजीकरण केंद्र खोले जाएंगे।

सुविधाओं के इंतजाम नहीं, यात्रा शुरू होने में 21 दिन शेष

गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में मात्र 21 दिन शेष है। मगर, सुविधाओं का चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में अभाव बना हुआ है। श्रद्धालुओं के लिए न पानी की समुचित व्यवस्था, न बैठने के लिए उचित स्थान और गंदगी का अंबार जैसे विषयों पर आखिर प्रशासन कब ध्यान देगा। अगर ऐसा ही रहा तो बाहरी राज्यों से यहां लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का जत्था आखिर राज्य की क्या छवि लेकर वापस लौटेगा।

यात्रा शुरू होने में एक माह से कम का समय रह गया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने अतिक्रमण को लेकर बाजार में कुछ दिन औपचारिक अभियान चलाकर खानापूर्ति की थी। अतिक्रमण की यही स्थिति बीटीसी परिसर में भी बनी हुई है। यहां यात्रा के मद्देनजर पसरे अतिक्रमण को हटाने का दावा हर वर्ष किया जाता है। मौजूदा स्थिति यह है कि यहां अतिक्रमण जोरों पर है।

मालवाहक वाहनों का चारधाम यात्रा बस ट्रांजिस्ट कंपाउंड से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण पुलिस माल वाहक वाहनों का संचालन बीटीसी के प्रवेश व निकासी मार्गों पर कर रही है। इतना ही नहीं बीटीसी बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर दिन भर माल वाहनों में लोडिंग व अनलोडिंग का सिलसिला जारी है। इससे बद्रीनाथ-केदारनाथ के यात्री वाहनों के साथ ही यहां से विभिन्न मार्गों के लिए संचालित होने वाले निगम की बसों का आवागमन भी बाधित होता है।

हरिद्वार को कुंभ की सौगात, सभी विद्युत लाइनें होंगी भूमिगत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईपीडीएस योजना के अंतर्गत कुम्भ क्षेत्र में विभिन्न विद्युत लाईनों को भूमिगत किये जाने वाली 388.49 करोड़ लागत की योजना का भूमि पूजन कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कुम्भ स्मारक मैदान हरिद्वार में 4.99 करोड़ लागत 33/11 केवी उपसंस्थान गैण्डीखाता हेतु 22 किमी की 33 केवी लाईन का भी शिलान्यास किाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपसंस्थान गैण्डीखाता के निर्माण होने से गैण्डीखाता, चिड़ियापुर, लालढांग, मिठी बैरी, पीली पड़ाव क्षेत्र के लगभग 4000 उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी व वोल्टेज में सुधार होगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 70.11 करोड़ रूपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया। खानपुर, पिरान कलियर, हरिद्वार ग्रामीण, झबरेड़ा, भगवानपुर, रूडकी तथा ज्वालापुर विधानसभा के लिए कुल 56.14 करोड़ की कुल 39 योजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें 32 लोनिवि, 5 पेयजल व सिंचाई विभाग विभाग की 2 योजनाएं सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा रानीपुर, झबरेडा, हरिद्वार शहर में ग्रानिविप्र, चिकित्सा विभाग, लघु सिंचाई विभाग की 13.97 करोड़ रूपये की योजनाओं का लोकार्पण किया। जिनमें रानीपुर विधानसभा में ग्रामीण निर्माण विभाग प्रखण्ड द्वारा ग्रामीण निर्माण विभाग प्रखण्ड-हरिद्वार के कार्यालय भवन का निर्माण, झबरेड़ा में लघु सिंचाई विभाग द्वारा कार्यालय सहायक अभियंता, लघु सिंचाई उपखण्ड रूड़की का भवन निर्माण तथा हरिद्वार शहर विधानसभा में चिकित्सा विभाग द्वारा राजकीय मेला चिकित्सालाय हरिद्वार में लोकनिजी सहभागिता के अन्तर्गत डायलिसिस केन्द्र का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार के अन्तर्गत 33 केवी की 54 किमी तथा 11 केवी 122 किमी की भूमिगत लाईनो, 140.20 किमी की भूमिगत एलटी लाईन, 50 किमी स्ट्रीट लाईट केबल के साथ ही विभिन्न विद्युत लाईनों को भूमिगत करने से कुम्भ क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण होगा। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ जनपदवासियों के साथ ही हरिद्वार में वर्ष भर आने वाले श्रद्धालुओं को, कुम्भ एवं कांवड़ व समय-समय पर होने वाले मेलों में विद्युत सुरक्षा मिलेगी। किसी भी प्रकार के मौसम आँधी, तूफान व बरसात में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनी रहेगी।
कार्यक्रम में कैबीनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठौर, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, पशु कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष डाॅ. विनोद आर्य, मेयर अनीता शर्मा, सचिव ऊर्जा राधिका झा, एमडी यूपीसीएल बी.सी. मिश्रा आदि उपस्थित थे।

सांसद निशंक बोले, असल केदारनाथ से अलग है केदारनाथ फिल्म

केदारनाथ फिल्म को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि फिल्म केदारनाथ में वास्तविकता के साथ छेड़छाड़ है। यह सिर्फ मनोरंजन के नजरिए से बनायी गई है।

शनिवार को ऋषिकेश पहुंचे सांसद निशंक ने बताया कि इस फिल्म में उनकी पुस्तक प्रलय के बीच का भी कुछ भाग लिया गया है। मगर, फिल्म में केदारनाथ की वास्तविकता नहीं है। फिल्म में सब कुछ विपरीत है। उन्होंने बताया कि यूपी में जब वह संस्कृति मंत्री के पद पर थे, तब उन्होंने एक फिल्म को रोकने की मांग की थी। क्यों कि उस फिल्म को भी सिर्फ मनोरंजन के लिये बनाया गया था। वास्तविकता के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

2021 के महाकुंभ से पूर्व 4570 करोड़ रूपये की दरकार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित मंत्री अरूण जेटली से भेंट की। महाकुम्भ मेला-2021 के लिए 4570 करोड़ रूपए की एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इन चार महिनों में देश-विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। हरिद्वार में महाकुम्भ मेला एक जनवरी 2021 से प्रारम्भ हो जाएगा। कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से संबंधित सभी काम अक्टूबर 2020 तक हर हाल में पूरे किए जाने हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि महाकुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए अवस्थापना संबंधी स्थायी प्रकृति के काम जैसे कि सड़क निर्माण, सुदृढ़ीकरण, घाटों का निर्माण आदि व अन्य काम जैसे पेयजल व विद्युत आपूर्ति, कानून व शांति व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराना, मेला क्षेत्र को साफ-स्वच्छ रखने के लिए कूड़ा निस्तारण का सुव्यवस्थित प्रबंध, धार्मिक संस्थाओं व श्रद्धालुओं के आवास के लिए अस्थाई कैम्पिंग स्थलों का विकास करना, पार्किंग स्थलों को विकसित करना आदि काम बड़े स्तर पर कराए जाने हैं। सभी प्रकार के काम अक्टूबर 2020 तक प्रत्येक दशा में पूरे कराए जाने हैं।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण हरिद्वार में महाकुम्भ मेला के आयोजन में केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से महाकुम्भ मेला 2021 के आयोजन के लिए एकमुश्त विशेष केंद्रीय सहायता के रूप 4570 करोड़ रूपए की धनराशि का प्राविधान आगामी केंद्रीय बजट में कराए जाने का अनुरोध किया। केंद्रीय वित मंत्री ने हरसम्भव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि गंगा में हुयी प्रवाहित

हर की पौड़ी गंगा में अटल जिंदाबाद के साथ हजारों की संख्या में पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने प्रवाहित की। इस दौरान स्व. अटल जी के परिजनों के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही उत्तराखंड सरकार के मंत्री, पार्टी के कई बड़े नेता, कार्यकर्ता और साधु-संत उपस्थित थे।

वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य, पुत्री नमिता, नातिन निहारिका, भांजा सांसद अनूप मिश्रा और अन्य परिजन भी पहुंचे। यहां से सभी लोग दो हेलीकॉप्टर में अस्थि कलश के साथ हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज के मैदान पर उतरे। वर्ष 1996 में इसी मैदान पर अटल जी की जनसभा में हजारों लोग पहुंचे थे।

करीब पौने बारह बजे अस्थि कलश को फूलों से सजे सेना के ट्रक पर रखा गया। कलश के साथ परिजनों के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी ट्रक में सवार हुए।

हरिद्वार के भल्ला इंटर कॉलेज से विसर्जन स्थल हरकी पैड़ी तक चार किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगा। यात्रा मायापुरी, ललतारौ पुल, कोतवाली, अपर रोड होते हुए करीब एक बजे हरकी पैड़ी पहुंची। इस दौरान लोग अस्थि कलश की एक झलक पाने को बेताब दिखे। सड़क पर उमड़े सैलाब के अलावा लोग घरों की छतों पर एकत्र होकर लगातार पुष्प वर्षा कर अपने प्रिय नेता को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे।

अस्थि विसर्जन के लिए श्री गंगा सभा की ओर से पहले ही सभी तैयारियां कर ली गईं थीं। ठीक एक बजे वाजपेयी परिवार के पुरोहित पंडित अखिलेश त्रिपाठी और श्री गंगा सभा के आचार्य हरिओम जैवाल ने मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड आरंभ किए। करीब 15 मिनट तक चली पूजा के बाद विधि विधान के साथ अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर दी गईं।

अस्थि विसर्जन के मद्देनजर पुलिस ने हरकी पैड़ी क्षेत्र को जीरो जोन घोषित कर दिया था। प्रातरू कालीन गंगा आरती के बाद क्षेत्र में आम जन की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस के करीब एक हजार जवान तैनात किए गए थे।

किसी भी जाति का प्रशिक्षित व्यक्ति बन सकता है मंदिर में पुजारी

हाईकोर्ट नैनीताल ने साफ किया है कि राज्य के एससी-एसटी व अन्य निम्न वर्ग के लोगों को किसी भी मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा। उच्च कुलीन पंडित निम्न जाति के लोगों को मंदिर में पूजा के लिये रोक नहीं सकते है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक प्रशिक्षित व योग्य व्यक्ति ही मंदिर का पुजारी बन सकता है। फिर चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हो।

राजस्थान निवासी पुखराज और अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार हर की पैड़ी में अर्धकुंभ के दौरान बनाई गई सीढ़ियां संत रविदास मंदिर को जोड़ती हैं। इन सीढ़ियों के बनने से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ है और लोगों को मंदिर दर्शन से वंचित रहना पड़ रहा है। 2016 में सरकार के आदेश के बाद रविदास मंदिर की सीढ़ियां 42.17 लाख रुपये खर्च कर फिर से बनाई जा रही हैं। जिससे मंदिर को फिर नुकसान हो रहा है और यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले का विस्तृत संदर्भ लेते हुए एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों के प्रवेश व पूजा को लेकर भी आदेश पारित किया है। खंडपीठ ने जिला प्रशासन हरिद्वार को सीढ़ियां हटाने से पहले नगर निगम व एससी-एसटी वर्ग के लोगों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।

डेढ़ माह में हरिद्वार की सभी सड़क, गलियों व पैदल मार्गो से अतिक्रमण हटाने, चंडीघाट, चंडी पुल पर अवैध कब्जे विशेष अभियान चलाकर हटाने को कहा है। जिलाधिकारी हरिद्वार को गंगा घाट की सफाई सुनिश्चित करने, कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त गढ़वाल को उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिनके कार्यकाल में अतिक्रमण हुआ। हर की पैड़ी में संत रविदास का उचित रखरखाव व सौंदर्यीकरण तीन माह में किया जाए।

वहीं पूर्व राज्यसभा सदस्य व भाजपा नेता तरूण विजय ने मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति को लेकर हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब इस संबंध में हिंदू संगठनों को आगे आकर सेतु बनने का कार्य करना चाहिए।

आमजन के सहयोग से ही गंगा होगी स्वच्छः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिये आम जनता को सहयोग बहुत आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित चंद्रेश्वर घाट में परमार्थ निकेतन के सौजन्य से निर्मित सीवरेज ड्रेन री-मीडिएशन प्रोजेक्ट के उद्धाटन के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परमार्थ निकेतन द्वारा सीवरेज के पानी को स्वच्छ बनाने के लिए उपयोग की जा रही हालैंड से आयातित तकनीक कम खर्च पर पानी को स्वच्छ बनाने में सक्षम है। इस तकनीक का उपयोग प्रायोगिक तौर पर चंद्रभागा नदी के माध्यम से गंगा नदी में मिलने वाले सीवरेज को साफ करने में किया जाएगा। यह तकनीक कारगर साबित होने पर इसे गंगा नदी से जुड़े अन्य सीवरों में भी स्थापित किया जाएगा। जिन नदियों को पार करने में बदबू के कारण लोगों को परेशानी होती थी। वर्ष 2020 तक इन्हें इतना स्वच्छ कर दिया जाएगा कि उन स्थानों पर सेल्फी खिंचवा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमुख से समुद्र तट पर 2500 किलोमीटर लंबी विश्व प्रसिद्ध नदी गंगा को स्वच्छ बनाने में आमजन के साथ अन्य संस्थाओं को भी आगे आना होगा। ताकि गंगा नदी को स्वच्छ व साफ रखा जा सके। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विश्व योग की राजधानी के रूप में स्थापित हुआ है, जो कि हमारे राज्य व देश के लिए गौरव की बात है।

विश्व प्रसिद्धि रखने वाले इस सुंदर शहर को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें विभिन्न संस्थाओं का सहयोग अपेक्षित है। स्वच्छ गंगा की स्वच्छता व साफ सफाई से जुड़े अधिकारियों के कार्य की निरंतर समीक्षा की जाएगी। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा कि गंगा इस देश की धरोहर है। इस को स्वच्छ रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली निवासी विकास द्वारा एक वीडियों पिछले दिनों वायरल हुयी थी। जिसे हमने संज्ञान में लेकर गंगा पर गिर रहे इस नाले के दूषित पानी को स्वच्छ कर गंगा में मिलाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि हम सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट बनाएंगे और बुधवार को प्रोजेक्ट के उद्धाटन अवसर मुख्यमंत्री ने सेल्फी लेकर इसका शुभारंभ किया।