बाबा के भक्तों के पास कहां से आयीं एके-47

बलात्कार के दोषी राम रहीम के भक्तों से पुलिस ने एके-47 जैसे खतरनाक हथियार जब्त किये हैं। इस हथियार का इस्तेमाल सेना आतंकियों के खिलाफ करती है। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने बताया कि एके-47 के अलावा पुलिस ने राम रहीम के भक्तों से माउजर, दो रायफल और गोलियां भी बरामद की है। हरियाणा पुलिस ने इस मामले में पंचकुला से अबतक 524 लोगों को गिरफ्तार किया है। राम रहीम के समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह के दो केस भी जब्त किये गये हैं। जिनके खिलाफ हरियाणा पुलिस ने केस दर्ज किये हैं उनमें राम रहीम के निजी सुरक्षा गार्ड भी शामिल हैं। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव डी एस देसी ने कहा, ‘ एक एके -47, एक माउजर, दो रायफल, पांच पिस्तौल जब्त किये गये है, हमने देशद्रोह के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया है।’ इस बीच रियाणा सरकार ने राज्य में डेरा सच्चा सौदा के सभी समागम केंद्रों की तलाशी के आदेश दिए हैं। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
यह निर्देश डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराने के बाद हुई चौतरफा हिंसा और आगजनी की घटनाओं के एक दिन बाद आए हैं। इस हिंसा में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 250 अन्य लोग घायल हो गए हैं। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राम निवास ने बताया ‘‘हमने हरियाणा में कहीं भी स्थित डेरा सच्चा सौदा के सभी ‘नाम चर्चा घरों’ (समागम केंद्रों) की तलाशी लेने के आदेश दिए हैं।’’ उन्होंने आगे बताया ‘‘हमने सुरक्षार्किमयों से कहा है कि वह सभी डेरा केंद्रों की अच्छी तरह से तलाशी लें और किसी भी तरह के हथियार मिलने पर उसे जब्त कर लें।’’ इस छापामारी में सिरसा में मौजूद डेरा मुख्यालय और पंचकूला के समागम केंद्र शामिल होंगे। पंचकूला में ही सीबीआई अदालत ने स्वयंभू बाबा के खिलाफ फैसला सुनाया था। राम निवास ने राज्य में स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा किया है और कहा कि सेना के साथ ही अर्धसैनिक बलों को सिरसा और पंचकूला में तैनात किया गया है।
हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस.धेसी ने संवाददाताओं से कहा, “हमने डेरा के अनुयायियों और प्रबंधन से परिसर शांतिपूर्वक बाहर निकलने की अपील की है। अब तक सेना की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है।”डेरा मुख्यालय के पास शुक्रवार को अर्धसैनिक बलों की डेरा समर्थकों से झड़प हुई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यालय में अब भी हजारों की संख्या में डेरा अनुयायी जमा हैं। हरियाणा प्रशासन ने सुरक्षा बलों को राज्य में डेरा परिसरों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डेरा अनुयायियों से इन परिसरों से निकलने को कहा गया है।

पहाड़ी राज्य पसंद थे साइबर ठगों को, देहरादून को तभी चुना

अगर आपसे कोई ये पूछे कि क्या कोई दसवीं फेल साइबर ठगी कर सकता हैै? तो आपका जवाब नहीं होगा, परंतु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देहरादून के 97 बैंक खातों के एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर 37 लाख से अधिक की ठगी करने वाले शातिर साइबर ठग दसवीं पास भी नहीं है। एसटीएफ की टीम इन साइबर शातिरों को कोल्हापुर (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार कर देहरादून पहुंच गई। आरोपियों की पहचान गैंग का मास्टरमाइंड रामवीर, जगमोहन और सुनील के रूप में हुयी। एसटीएफ ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। अब दून पुलिस कस्टडी में लेकर आरोपियों से पूछताछ करेगी। गांधी रोड स्थित एसटीएफ मुख्यालय पर एसएसपी रिदिम अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड में एटीएम क्लोनिंग के अब तक की सबसे बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद फरार चल रहे तीनों आरोपियों को कोल्हापुर में गिरफ्तार कर लिया गया था। गैंग के काम करने के तरीकों का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि एटीएम क्लोनिंग गैंग का सरगना रामवीर पुत्र स्व. राजपाल निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर (हरियाणा) है, जो खुद 10वीं फेल है।
उसने वर्ष 2012 में पड़ोस के गांव के सुनील पुत्र धर्मपाल निवासी खराबड़ रोहतक हरियाणा से एटीएम के कीपैड में तिल्ली फंसा कर एटीएम ठगी का गुर सीखा। इसके बाद उसने कई कारनामे किए। बाद में रामवीर ने अपने गांव के जगमोहन पुत्र देवेंद्र को साथ लेकर गिरोह बना लिया। इसके बाद तीनों ने साइबर तकनीकी में माहिर शख्स से एटीएम क्लोनिंग के गुर सीखे। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि रामवीर, सुनील और जगमोहन ने स्कीमर के जरिये एटीएम कार्ड का डाटा चोरी करने के तरीके का पहली बार इस्तेमाल किया था। तीनों ने 30 जून को नेहरू कॉलोनी के धर्मपुर में पीएनबी के एटीएम में स्कीमर डिवाइस और कैमरा फिट किया और एक जुलाई को उसे निकालकर हरियाणा चले गए। मगर तकनीकी कारणों से डिवाइस में डाटा कॉपी नहीं हुआ। तीनों सात जुलाई को फिर देहरादून आए और इस बार आरोपियों ने राजीवनगर में एसबीआइ के एटीएम में स्कीमर डिवाइस और कैमरा फिट किया। आसपास के एटीएम के कीपैड पर ग्लू लगाकर उन्हें निष्क्रय कर दिया, ताकि लोग एसबीआइ के एटीएम में ही आएं। यहां से चोरी किए डाटा के सहारे कुल 103 एटीएम कार्डों का क्लोन तैयार किया। उन्होंने बताया कि रामवीर 10वीं फेल होने के बाद भी साइबर फ्रॉड का माहिर है, जबकि उसके अन्य साथी ग्रेजुएट हैं। साइबर ठगों के गैंग का खुलासा और गिरफ्तारी करने पर डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने 20 हजार, आइजी एसटीएफ दीपम सेठ ने दस हजार व एसएसपी एसटीएफ ने ढाई हजार रुपये का इनाम दिया है।
पहाड़ी राज्यों को बनाते थे निशाना
रामबीर ने पूछताछ में बताया कि पहाड़ी भोले-भाले होते हैं। जल्दी शक भी नहीं करते हैं। एटीएम बूथ के अंदर दो से तीन लोगों के घुसने पर भी एतराज नहीं करते हैं। यही वजह रही कि रामबीर ने जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में ठगी के बाद उत्तराखंड के देहरादून को क्लोनिंग के लिए चुना।

डंपर से टकराई कैफियत एक्सप्रेस, पांच दिन में यूपी की दूसरी घटना

यूपी में पांच दिन पूर्व हुए रेल हादसे को अभी हफ्ता भर नहीं हुआ था कि एक और रेल हादसा होने की खबर आई है। यह हादसा कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में हुआ। आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। फाटक पर देर रात ट्रेन एक डंपर से टकरा गई। उत्तरी-मध्य रेलवे के प्रवक्ता के मुताबिक दुर्घटना की वजह से ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना में 21 लोगों के घायल होने की खबर है। जिनमें से दो यात्री बुरी तरह से घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है। इससे पूर्व शनिवार को मुजफ्फरनगर के खतौली में रेल हादसा हुआ था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी. दुर्घटना में घायल 14 लोगों को औरैया सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। सूचना मिलते ही दिल्ली से मेडिकल रिलीफ ट्रेन भी मौके के लिए रवाना कर दी गई थी। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के बड़े अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए थे।
घायलों की मदद के लिए औरैया, इटावा और कन्नौज से एंबुलेंस और पुलिस बल मंगा लिए गए हैं। राहत कार्य के लिए लखनऊ से एनडीआरएफ की एक टीम भी रवाना हो चुकी है। उधर आजमगढ़ में रेल दुर्घटना की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के परिजन अपनों की सलामती की खबर पता करने स्टेशन पहुंचने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन हादसा रात करीब 2 बजकर 40 मिनट पर हुआ। बताया जा रहा है कि ट्रेन एक डंपर से टकरा गई। अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे क्रॉसिंग पर रेल फाटक पार कर रहे एक डंपर से ट्रेन का इंजन टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। बताया जा रहा है कि डंपर चला रहे ड्राइवर को नींद आ जाने के चलते यह भीषण दुर्घटना घटी। दुर्घटना के वक्त डंपर में रेत भरी हुई थी।

पोर्न मूवी में अपनी वीडियों देखकर क्यों सहम जाता था 15साल का लड़का

देश में ताजनगरी के नाम से महशूर आगरा के थाना छत्ता की की महिला ट्यूटर ने अपनी बहन और भाई के साथ मिलकर थाना हरीपर्वत क्षेत्र के रहने वाले 10वीं के छात्र का नौ महीने तक यौन शोषण किया। उसे कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर नशे की गोलियां दी जाती थीं। ब्लू फिल्म दिखाई जातीं फिर उससे संबंध बनाए जाते। मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया जाता था। इतना ही नहीं फिर उसेे सोशल मीडिया में शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता था। उससे उसके ही घर में चोरी कराई गई। नौ महीने में लगभग आठ लाख कैश और 25 लाख के जेवरात उससे मंगवाए गए लेकिन 18 अगस्त को उसकी चोरी कैमरे में कैद होने से उसके परिवार को पता लग गया।
उस लड़के का कसूर बस इतना था कि उसका पिता एक बड़े सराफा कारोबारी हैं। पता लगने पर उन्होंने ट्यूटर, उसकी बहन और भाई के खिलाफ यौन शोषण की धारा और पॉक्सो एक्ट में हरीपर्वत थाने में नामजद केस दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि घर से लगातार हो रही चोरी से वह परेशान थे। तभी बेटा 64000 रुपये चोरी करते कैमरे में कैद हो गया। वह बेहद तनाव में था। डिप्रेशन में आ चुका था। गुमसुम रहता था। उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की, तो उसने ट्यूटर की शर्मनाक करतूत बयां की।
छात्र ने बताया कि वह जिस ट्यूटर के पास पढ़ने जाता है, उसकी बहनें भी ट्यूशन पढ़ाती हैं। जब से उन्हें पता चला कि वह अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है, तभी से उनके दिमाग में पैसा ऐंठने की साजिश आ गई। उसे ट्यूटर की बड़ी बहन ही ट्यूशन पढ़ाने लगी। बाद में दूसरी बहन भी आ गई।
दोनों ने एक दिन उसे कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए दी। इसमें नशे की गोलियां डाल दीं। इसके बाद उसे पोर्न मूवी दिखाई। छात्र ने बताया, इसके बाद क्या हुआ, वह बहुत गंदी बात है, उसे बताने में भी शर्म आती है। वह रोने लगा लेकिन तभी उन दोनों बहनों के भाई ने मोबाइल में उसे एक वीडियो क्लिप दिखाई।
इसमें खुद को उसकी बहनों के साथ देखकर वह डर गया। उसे धमकी दी गई कि अगर उसने उनका कहा नहीं माना, तो यह क्लिप व्हाट्स ऐप और फेसबुक पर डाल दी जाएगी। इसके बाद उसके साथ कई बार वही घटनाक्रम दोहराया गया, कोल्ड ड्रिंक में नशा… पोर्न मूवी… और…।
वे तीनों उससे पैसा लाने के लिए कहते रहे। वह कभी कैश लाता तो कभी जेवरात। लगभग आठ लाख कैश और 25 लाख के जेवरात लाकर दिए। इस पैसे से वह ऐश करते रहे। थाना प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि जांच शुरू की जा चुकी है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

काशीपुर की शायरा बानो के मजबूत इरादे से जगी आस

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाली शायरा बानो उत्तराखंड की बेटी है। शायरा उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली है। उनका निकाह साल 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुई थी। ससुराल वालों की दहेज प्रताड़ना, फिर पति के तलाक देने के बाद शायरा बानो कोर्ट पहुंचीं। आरोप है कि पति शायरा बानो को लगातार नशीली दवाएं देकर याददाश्त कमजोर कर दिया और साल 2015 में मायके भेजकर तलाक दे दिया था। मार्च, 2016 में उतराखंड की शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी।
शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की बात को नहीं मानती हैं। शायरा की याचिका में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 की धारा 2 की वैध्यता पर भी सवाल उठाए गए हैं। यही वह धारा है जिसके जरिये मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह, तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं को वैध्यता मिलती है। इनके साथ ही शायरा ने मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 को भी इस तर्क के साथ चुनौती दी है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को बहुविवाह जैसी कुरीतियों से संरक्षित करने में सार्थक नहीं है।
देश की सर्वोच्च अदालत में पांच धर्मों के जस्टिस मिलकर शायरा बानो के मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस मामले पर फैसला सुनाने वाले जजों में चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल रहें।

ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक बार में तीन तलाक पर अगले छह महीने तक के लिए रोक लगा दी है। संसद जब तक इस पर कानून नहीं लाती तब तक ट्रिपल तलाक पर रोक रहेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को संसद में इसे लेकर कानून बनाने के लिए कहा है। इससे पूर्व 11 से 18 मई तक रोजाना सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय में शादी तोड़ने के लिए यह सबसे खराब तरीका है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या जो धर्म के मुताबिक ही घिनौना है। वह कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि कैसे कोई पापी प्रथा आस्था का विषय हो सकती है.
दरअसल, शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इस पर शायरा का तर्क था कि तीन तलाक न तो इस्लाम का हिस्सा है और न ही आस्था। उन्होंने कहा कि उनकी आस्था ये है कि तीन तलाक मेरे और ईश्वर के बीच में पाप है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कहता है कि ये बुरा है, पाप है और अवांछनीय है।
इस खंड पीठ में सभी धर्मों के जस्टिस शामिल हैं जिनमें चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल हैं।

पर्दाफाशः हुस्न के जरिए, लूट को अंजाम

अंधेरी रात में पहले अंग का प्रदर्शन और फिर सुनसान जगह में ले जाकर लूट। सुनने में किसी फिल्मी कहानी सा प्रतीत होता है। मगर, एक ऐसी ही घटना सामने आयी है। जिसमें पहले महिला को आगे रखकर हुस्न का प्रदर्शन किया जाता था, बाद में उसे कार में बैठाकर सुनसान जगह में ले जाकर मारपीट व लूट की जाती थी। गुड़गांव में पुलिस ने रात के अंधेरे में हुस्न की नुमाइश कर लूट करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गैंग की मुखिया एक महिला है। रात के समय यह गैंग सड़कों से अपनी गाड़ी में सवारी बैठाकर लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस गैंग के 4 लोगों को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, यह मामला गुड़गांव के इफको चौक और एमजी रोड का है। इस गैंग की मुख्य सरगना की पहचान महिमा उर्फ माही के रूप में हुई है। पिछले कुछ समय से माही अपने साथी गौरव, अक्षय और जानवी के साथ मिलकर लगातार लूट की वारदातों को अंजाम दे रही थी। लूट के समय आरोपी गौरव लड़का होने के बावजूद भी लड़की बनकर रहता था.
आरोपी अपनी गाड़ी लेकर इफको चौक और एमजी रोड पर शिकार की तलाश करते थे। जैसे ही कोई शिकार नजर आता उसे अपनी हुस्न के जाल में फंसाकर गाड़ी में बैठा लिया जाता। इसके बाद पीड़ित को एक सुनसान जगह ले जाकर मारपीट करते और लूट कर फरार हो जाते। काफी समय से पुलिस इन लोगों को तलाश रही थी। सूचना मिलते ही उनको धर दबोचा।
पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी महिमा पहले भी लूट की वारदात में जेल जा चुकी है। यह महिमा ही लूट की प्लानिंग करती थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने तीन और वारदातों को कबूल किया है। जिसका केस गुड़गांव में ही दर्ज है। फिलहाल सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुछताछ चल रही है।

आधार के बिना अब नही बनेगा डेथ सर्टिफिकेट

अब आधार कार्ड भी हमारे जीवन के साथ-साथ जीवन के बाद भी जरुरी होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि एक अक्टूबर से डेथ सर्टिफिकेट के लिए आधार नंबर दर्ज करना होगा, तभी डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया। सरकार का दावा है कि इससे कदम से फर्जीवाड़े पर अंकुश लग सकेगा। गृह मंत्रालय का यह नया फरमान पहली अक्टूबर से पूरे देश में लागू होगा। जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय को इससे फिलहाल दूर रखा गया है। डेथ सर्टिफिकेट हासिल करने वाले को मृतक का आधार नंबर या फिर आधार का पंजीकरण दर्ज कराना होगा। जिसके पास आधार नंबर नहीं है उस पर गृह मंत्रालय का कहना है कि ऐसे में डेथ सर्टिफिकेट में यह दर्ज रहेगा कि मृतक का आधार कार्ड नहीं है। इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा है कि इस बारे में कोई भी गलत जानकारी देना एक अपराध माना जाएगा। मृतक के आधार के साथ-साथ उसके करीब सदस्य जैसे, पति-पत्नी, माता-पिता या फिर बेटा-बेटी का भी आधार नबंर डेथ सर्टिफिकेट के लिए दर्ज कराना होगा।
गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने कहा कि आधार का उपयोग रिश्तेदारों या आश्रितों या मृतकों की परिचितों के परिजनों द्वारा दिए गए विवरण की सटीकता सुनिश्चित करने में होगा। यह पहचान धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक प्रभावी तरीका प्रदान करेगा। यह मृत व्यक्ति की पहचान दर्ज करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, यह मृत व्यक्ति की पहचान को साबित करने के लिए कई दस्तावेज तैयार करने की आवश्यकता को खत्म कर देगा।

टमाटर के बाद अब प्याज की कीमतें भी रुलायेंगी

टमाटर की कीमतों के बाद प्याज की कीमतें भी आम आदमी को परेशान कर सकती है। पिछले एक महीने में प्याज की कीमतों में तीन गुना वृद्धि हुई है और आने वाले दिनों में ये कीमतें और भी बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है। इसके पीछे नासिक में प्याज की थोक मंडियों में प्याज की कीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है। नासिक के लासलगांव मे प्याज के प्रति कुंतल दाम 1,240 रू से बढ़कर 2,340 रू प्रति कुंतल तक पहुंच गए हैं।
एशिया की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी आजादपुर मंडी में पिछले एक महीने में प्याज की कीमतें तिगुनी हो चुकी हैं। व्यापारियों का कहना है कि सबसे अधिक प्याज नासिक से आता है। लेकिन इस बार ये प्याज बाढ़ग्रस्त इलाको में और दक्षिण भारतीय राज्यों में चला गया है। जिस वजह से वहां पर भी दाम बढ़ गए हैं और आने वाले वक्त में आम आदमी को प्याज की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

राज्यसभा चुनाव में दबेगा नोटा, कांग्रेस में मची खलबली

गुजरात राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अब सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। गुजरात की 3 सीटों पर 8 अगस्त को होने वाले चुनावों में नोटा प्रयोग पर स्टे लगाने की कांग्रेस की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसका मतलब यह है कि राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग नोटा के विकल्प के साथ ही होगी। इससे पहले, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी थी कि अगर नोटा पर स्टे नहीं दिया गया तो विधायकों के वोट दूसरे पक्ष के लोग खरीद लेंगे और उसके कैंडिडेंट्स चुनाव हार जाएंगे।
कांग्रेस ने कहा कि अगर नोटा का ऑप्शन बंद नहीं किया गया तो गुजरात चुनाव में यह भ्रष्टाचार का सबब बन सकता है क्योंकि मुकाबला बेहद कड़ा है। कांग्रेस की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीट पर चार कैंडिडेट्स खड़े हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विधायकों को नोटा का विकल्प देने के मुद्दे पर 18 सितंबर को विस्तृत सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से जुड़ा नोटिफिकेशन काफी पहले 2014 में जारी किया था, ऐसे में कांग्रेस को इसकी खामियां इस वक्त क्यों नजर आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, यह एक संवैधानिक मुद्दा है, जिसपर बहस की जरूरत है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह कांग्रेस की याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब दे।
कोर्ट ने कांग्रेस के वकील से कहा कि जनवरी 2014 में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के बाद से हुए कई राज्यसभा चुनाव हुए, उस वक्त आप कहाँ थे और अब जबकि ये आपके फेवर में नही है तब इसे क्यों चुनौती दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर सुनवाई के लिए तैयार है कि राज्यसभा चुनाव में नोटा का प्रावधान संवैधानिक है या नहीं, लेकिन सवाल ये है कि केवल इसी चुनाव के लिए ही क्यों ? चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नोटा का प्रावधान किया गया है और उसके बाद कई चुनाव हुए जिसमे नोटा का इस्तेमाल भी हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एनडीए सरकार ने इस मामले में रणनीतिक चुप्पी साध रखी है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल को लेकर ईसी की ओर से 24 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन से सरकार का कोई संबंध नहीं है। गुजरात की सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल होने जा रहा है। बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से एकमात्र उम्मीदवार अहमद पटेल हैं। कांग्रेस ने नोटा के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग बिना संवैधानिक संशोधन के राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल नहीं कर सकता। कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर हुए राजनीतिक विवाद पर करारा जवाब दिया। आयोग ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा चुनाव में बैलट पेपर में नोटा के इस्तेमाल करने की पहली घटना नहीं है। आयोग ने आंकड़ों के साथ कहा कि 2014 से लेकर अब तक राज्यसभा के चुनाव 25 बार हुए जिनमें 95 सीटों पर वोटिंग हुई। इन सभी सीटों पर नोटा का इस्तेमाल हुआ था।